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September 3, 2022

उत्तर प्रदेश-डिग्री कॉलेजों से निकलेंगे इंटरनेशनल खिलाड़ी

उत्तर प्रदेश। कॉमनवेल्थ गेम्स में उत्तर प्रदेश के 8 खिलाड़ियों ने पदक जीते या पदक जीतने वाली टीमों का हिस्सा रहे। प्रदेश की योगी सरकार खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन से उत्साहित है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश में हर जगह ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो, जहां से इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी निकल सकें। इसके लिए योगी सरकार काफी समय से प्रयासों में जुटी है और वृहद स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने अब डिग्री कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का फैसला किया है, जिसके जरिए ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे मल्टीस्पोर्ट्स इवेंट के लिए खिलाड़ी निकल सकें। इसके तहत उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में क्रीड़ा सामग्री मुहैया कराई जा रही है। मेजर ध्यानचंद मिशन के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग ने एक करोड़ 72 लाख रुपए का फंड जारी किया है। उच्च शिक्षा विभाग प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय को क्रीड़ा सामग्री की खरीद के लिए एक-एक लाख रुपए प्रदान करेगा। इससे जरूरी खेल सामग्री खरीदी जाएगी और खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए कहीं और नहीं भटकना पड़ेगा। – प्रदेश सरकार की पहल पर मेजर ध्यानचंद मिशन के अंतर्गत डिग्री कॉलेजों में तैयार होगा खेलकूद का इंफ्रास्ट्रक्चर -उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया 1.72 करोड़ रुपए का फंड -प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय को खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए दिया जाएगा पैसा -खेल विभाग के एस्टीमेट के अनुसार महाविद्यालय खरीदेंगे जरूरी खेल सामग्री खरीदी जाएगी खेल सामग्री सहायक शिक्षा निदेशक डॉ. जय सिंह के अनुसार खेलकूद विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार क्रीड़ा सामग्री की खरीद की जा रही है। इसके लिए एक लाख रुपए प्रति राजकीय महाविद्यालय की दर से 1.72 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था। इस रकम से कार्डियो इक्विपमेंट के तहत कर्व्ड ट्रेडमिल, क्रॉस ट्रेनर, स्पिन बाइक के अलावा मल्टीजिम, डंबल, बार बेल्स, स्विस बॉल समेत अन्य साजो सामान खरीदा जाना है। इन सामग्रियों की मदद से महाविद्यालयों में खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा और खिलाड़ियों को कॉलेज में ही विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण मिल सकेगा। इसके जरिए खिलाड़ी किसी भी इवेंट में हिस्सा ले सकेंगे और जिले या मंडल स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं की तैयारी कर सकेंगे। इसके तहत छात्रों को स्कूल के शारीरिक प्रशिक्षक या खेलकूद के कोच द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। प्राचार्यों को जारी हुआ पत्र उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के वित्त नियंत्रक शिवराम की ओर से समस्त राजकीय स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों के प्राचार्यों को जारी पत्र में धन आवंटित किए जाने की जानकारी दी है। साथ ही पत्र में कहा गया है कि आवंटित धनराशि का उपयोग इसी वित्तीय वर्ष में किया जाना है। धनराशि का इस्तेमाल शासन द्वारा तय नियमावली के अनुसार हो और यदि कुछ धन बचता है तो विभाग को उसका समर्पण किया जाए। वित्त नियंत्रक शिवराम के अनुसार मेजर ध्यानचंद मिशन के तहत यह फंड जारी किया गया है। इसके जरिए महाविद्यालय स्तर पर खेलों का विकास होगा और जिलों से लेकर प्रदेश तक ऐसे खिलाड़ी निकलेंगे, जो भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। खेलों को प्रोत्साहित कर रही सरकार गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठा रही है। प्रदेश में खेलों का वृहद इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। मेरठ में जहां पहली खेल यूनिवर्सिटी बन रही है तो वहीं प्रत्येक जिले में एक खेल को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कई जिलों में स्पोर्ट्स हॉस्टल बनाया जा रहा है तो वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कानपुर और वाराणसी में मल्टी स्पोट्सर् कांप्लेक्स बनाए जा रहे हैं। सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को पदक जीतने पर नकद ईनाम की घोषणा की है तो उन्हें सीधे राजपत्रित अधिकारी के तौर पर नियुक्ति भी दी जा रही है।

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बिना भेदभाव हर तबके को मिल रहा डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ : योगी

मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मुरादाबाद मंडल का दौरा करने पहुंचे, जहां उन्होंने सर्किट हाउस में मंडलीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ विकास कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान बिजनौर, संभल, अमरोहा और रामपुर के अधिकारी और जनप्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। बैठक में योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों व कानून व्यवस्था पर संतोष प्रकट किया। इसके बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि शासन की योजना को प्रभावी ढंग से जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पांचों जनपदों में लागू करने का कार्य प्रशासन ने किया है। डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके को प्राप्त हो इस दिशा में जो प्रयास प्रारंभ हुए हैं वह आज सार्थक परिणाम दे रहे हैं। – मुरादाबाद मंडल के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों और कानून व्यवस्था पर जताया संतोष – सर्किट हाउस में मंडलीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक – कहा, प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों के सहयोग से योजनाओं को प्रभावी ढंग से पांचों जनपदों में किया है लागू – बोले, कोरोना महामारी के बावजूद मुरादाबाद का एक्सपोर्ट 10 हजार करोड़ के पार मुरादाबाद का एक्सपोर्ट 10 हजार करोड़ के पार मुख्यमंत्री ने प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि जो कार्य हुए हैं, उसके लिए एक उदाहरण पर्याप्त है। एक जिला एक उत्पाद की जो अभिनव योजना हम लोगों ने वर्ष 2018 में प्रारंभ की थी, 2017 तक मुरादाबाद में उसकी हालत कुछ ठीक नहीं थी। जो परंपरागत एमएसएमई था, उससे लोग दूर हो गये थे। लोगों में निराशा थी, हताशा थी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और अन्य विभागों की तमाम बंदिशों के कारण यहां से पलायन हो रहा था। सरकार ने एक जिला एक उत्पाद के आधार पर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। आज उसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं। वर्ष 2017 तक इस जनपद में पीतल के उत्पादों का चार-साढ़े चार हजार करोड़ का ही एक्सपोर्ट हो पाता था। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि कोविड-19 के बाद जब ढाई वर्ष से पूरी दुनिया महमारी से जूझ रही है, उसके बावजूद मुरादाबाद का एक्सपोर्ट आज दस हजार करोड़ को पार करने जा रहा है। ये चीजें दिखाती हैं कि हम सही दिशा में हैं, जो कदम बढ़ाए गए हैं उसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। युद्धस्तर पर जुटा है प्रशासन मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना या फिर निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि जैसे अन्य तमाम क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करके जो अभिनव प्रयोग हुए हैं, आज उनको भी मैंने यहां पर देखा है। इसके साथ ही, मध्य गंगा नहर परियोजना को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस लाइन और जहां जहां मुख्यालय नहीं बन पाए हैं, उनको व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। हेल्थ, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक निवेश में उन तमाम संभावनाओं को तलाशना जो यहां पर निवेश और रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ा सके। इसके बारे में भी यहां पर विस्तार से चर्चा हुई। मुझे प्रसन्नता है कि जनप्रतिनिधियों ने भी रूचि ली और प्रशासन युद्धस्तर पर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। कानून व्यवस्था पर भी जताया संतोष मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था पर भी संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा, अपराध और अपराधियों के प्रति जो जीरो टॉलरेंस की नीति शासन की है उसका सफलतापूर्वक यहां पर क्रियान्वयन हो रहा है। बहुत सारे कार्यक्रम शासन ने उपलब्ध कराए थे। अवैध टैक्सी स्टैंड को हटाना, धर्म स्थल से लाउडस्पीकर को उतारना, नशे के खिलाफ चल रहा विशेष अभियान। मुझे प्रसन्नता है कि यहां पर इसे प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का काम हुआ है। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में माध्यमिक शिक्षा विभाग की मंत्री गुलाब देवी और गन्ना विकास के राज्य मंत्री संजय गंगवार विकास कार्यों की समीक्षा के लिए भ्रमण कर रहे हैं। उसके बाद वे अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। विकास संबंधी कुछ प्रोजेक्ट के प्रस्ताव मिले हैं, शासन प्राथमिकता के आधार पर उन्हें आगे बढ़ाने का काम करेगा। हमने हर जनपद में निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने, रोजगार सृजन को इसके माध्यम से प्रोत्साहित करने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के निर्देश दिये हैं। उद्योग बंधु से नियमित संवाद बनाने के साथ हर एक विभाग के लिए निवेश के टारगेट तय किये हैं।

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CM Yogi Adityanath’s popularity continues to soar on social media

Chief Minister Yogi Adityanath’s popularity continues to soar on social media with as many as 21.5 million followers on Twitter while his most prominent opponent, Rahul Gandhi, lags far behind at 20.4 million. Yogi Adityanath is also far ahead of his counterparts from other states on social media. Yogi has more followers than Rahul Gandhi on Twitter Google trends show Yogi is more searched compared to Rahul Gandhi Yogi Adityanath has been one of the most active politicians on social media for the past many years. The popularity of Yogi Adityanath is not restricted to Uttar Pradesh and people from all over the country follow him on social media platforms. It is to be noted that CM Yogi has organic followers on social media, without any paid promotions, and for this reason, CM Yogi has overtaken Rahul Gandhi on Twitter. Chief Minister Yogi Adityanath uses all the platforms of social media including Twitter, Facebook, Instagram, and Koo to connect with people and provide the latest information related to decisions taken by the Government in the public interest to them. CM Yogi’s messages have a massive reach among the audience because most of them are in public interest. He uses social media platforms to disseminate information regarding various schemes of the government. He has also used the platform extensively to inform people about the steps the government is taking to stop the spread of the coronavirus disease. On the contrary, Rahul Gandhi’s comments on social media are largely political in nature. Yogi Adityanath remains a topic of discussion on all platforms of digital media. Google trends shows that between December, 2021, and April, 2022, Yogi Adityanath was more searched on Google compared to Rahul Gandhi. The news of Yogi Adityanath has also been the most searched during the assembly elections. Tweets by myogiadityanath

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स्मार्ट काशी में होने लगी पेट्रोल की बचत, सड़कों के जाल ने घटायी दूरियां

वाराणसी– मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार काशी की जनता का हेल्थ, वेल्थ और बहुमूल्य समय तीनों बचा रही है। वाराणसी में सड़कों के जाल ने आम आदमी का सफर आसान कर दिया है। आधे पैसे और आधे समय में वे अपनी नियत स्थान तक पहुंच जा रहे हैं, जबकि रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के पहले इतनी ही दूरी तय करने में दोगुना समय और दोगुना ईंधन लग जाता था। इसके अलावा 4 पार्किंग भी ईंधन बचाने में सहायक साबित हो रही है। इसका सकारात्मक असर पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है। – वाराणसी स्मार्ट सिटी के सर्वे रिपोर्ट से सामने आये तथ्य – वाराणसी में सड़कों के जाल ने आम आदमी का सफर किया आसान – रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्ग से आधे पैसे और आधे समय में तय हो रही दूरी – वाराणसी में बनी हैं 4 आधुनिक पार्किंग, बच रहा ईंधन और पर्यावरण वाराणसी स्मार्ट सिटी की रिपोर्ट वाराणसी के विकास ने आम नागरिक के जीवन को सरल कर दिया है। रिंग रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से सफर सुहाना लगने लगा है। वाराणसी स्मार्ट सिटी ने कई विभागों से समन्यव करके एक सर्वे के आधार पर डेटा जुटाया है, जिसमें पाया गया कि बाबतपुर एयरपोर्ट से अतुलानंद स्कूल की दूरी 18 किलोमीटर थी, जिसे तय करने में पहले 3 लीटर फ्यूल (डीजल) और 60 मिनट लगता था। अब 6 लेन सड़क बनने के बाद उसी दूरी को तय करने में आधा समय और आधा ईंधन लगता है। कम हुई दूरियां, बचने लगा ईंधन इसी प्रकार हरहुआ से चिरईगॉव की दूरी 20 किलोमीटर, समय 1 घंटा ईंधन 3.5 लीटर लगता था। अब वही दूरी आधे समय यानी 30 मिनट में और आधे से भी कम 1.5 लीटर ईंधन में दूरी तय की जा रही है। वहीं शहर से राजातालाब 35 किलोमीटर और 75 मिनट में तय होता था। इसमें 5 लीटर ईंधन लगता था। अब शहर से राजातालाब वाया रिंग रोड की दूरी लगभग आधी यानी 17 किलोमीटर हो गई है। जो 2 लीटर ईंधन में पूरी हो रही है। वाहनों के जहरीले धुएं में आयी कमी शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाको में बने दो पहिया और 4 पहिया वाहनों के लिए चार आधुनिक पार्किंग भी लोगों की ट्रैवलिंग टाइम और ईंधन बचा रहे हैं। इसके अलावा गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं से भी लोग बच रहे हैं। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिल रही है। आने वाले समय में रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और रोप वे के बन जाने से आम और ख़ास की सेहत के साथ पॉकेट पर भार तो कम होगा ही, समय भी बचेगा।

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साइबर क्राइम मैनेजमेंट में यूपी पुलिस को बड़ा अवॉर्ड, फिक्की ने किया सम्मानित

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने के अभियान के नतीजे अब नजर आने लगे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री फिक्की ने दिल्ली में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यूपी एसटीएफ को साइबर क्राइम मैनेजमेंट के क्षेत्र में स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड-21 से सम्मानित किया है। फिक्की ने यह अवार्ड होमलैंड सिक्योरिटी पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया। यूपी एसटीएफ को यह अवार्ड जार्विस सियान साफ्टवेयर टूल के लिए दिया गया है। तीन दिन पहले एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में भी प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में अच्छी खासी कमी का उल्लेख किया गया था। – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का दिखने लगा असर, एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार यूपी में घटने लगे साइबर क्राइम के मामले – मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में खोले गए हैं रेंज स्तर पर साइबर थाने रेंज स्तर पर साइबर थाने खुलने से घटे मामले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बढ़ रहे साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस को प्रदेश के विभिन्न जिलों में साइबर थाने स्थापित करने के निर्देश दिये थे ताकि साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सके। इसी के तहत प्रदेश में संचालित दो साइबर थानों की संख्या में इजाफा करते हुए रेंज स्तर पर 18 साइबर थाने शुरू किए गए। इन थानों में दर्ज 1012 अपराधों में से 379 मामलों में खुलासा हो चुका है, जबकि 700 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वहीं 68.69 करोड़ रुपये की धनराशि को खातों में सीज किया गया। साथ ही 6.40 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। जिसके बाद प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में कमी देखी गई है। 2020 की तुलना में 22.6 फीसद कम दर्ज हुए मामले फिक्की ने भी प्रदेश में कम होते साइबर क्राइम के मामलों की सराहना करते हुए दिल्ली में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह को स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड के लिए सम्मानित किया। एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में भी साइबर क्राइम के मामले घटकर 8829 रह गए, जोकि वर्ष 2020 की तुलना में 22.6 फीसदी की कम है।

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एनसीआर की तर्ज पर गठित होगा ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व सभी शहरी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। – मुख्यमंत्री योगी का आदेश, लखनऊ व आसपास के जिलों को शामिल कर तैयार करें प्रस्ताव – बोले योगी, यूपी में भूमाफिया स्वीकार नहीं, भूमाफियाओं के खिलाफ विकास प्राधिकरण व नगरीय निकाय और तेज करें कार्रवाई – ‘सोलर सिटी’ अयोध्या दुनिया को देगी ऊर्जा संरक्षण का संदेश – निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए स्वतः स्फूर्त प्रयास करें विकास प्राधिकरण: मुख्यमंत्री – मुख्यमंत्री ने की आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व शहरी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा, दिए जरूरी दिशा निर्देश – लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के लिए मुख्यमंत्री ने मांगा प्रस्ताव   ◆ आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कि कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासी को ‘ईज ऑफ लिविंग’ का अनुभव हो रहा है। ◆ प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप अगर हमें $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करना है तो हमें शहरीकरण को बढ़ाना होगा। विकास प्राधिकरणों की भूमिका इसमें बहुत अहम है। निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए तकनीक की मदद से विकास प्राधिकरणों को स्वतः स्फूर्त से आगे बढ़ना होगा। हमें नगरीय नियोजन का मॉडल देना होगा। सभी प्राधिकरण अपने विजन के अनुरूप ऐसे प्रयास करें। ◆ विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें। मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए। हर विकास प्राधिकरण/नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। प्राधिकरणों को अपनी परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन भी खुद ही करने पर गम्भीरता से विचार करना होगा। नए शहर बसाने हों अथवा कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना इनकी प्लानिंग ऐसी हो कि यहां कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। इससे प्राधिकरण को आय होगी, जो संबंधित परियोजना में उपयोग हो सकेगी। ◆ सतत-समन्वित प्रयासों से राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है। विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’ का गठन किया जाना चाहिए। इस राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है। सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। ● प्रधिकरणों और नगरीय निकायों में भूमाफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा। भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश में किसी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ◆ सभी प्राधिकरण, स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए। हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों। ◆ अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना पर तेजी से कार्य किया जाए। यह प्रयास वैश्विक पटल पर अयोध्या को एक विशिष्ट पहचान देने वाला होगा। अयोध्या से पूरी दुनिया को ऊर्जा संरक्षण का महान संदेश मिलेगा। यहां के ऐतिहासिक स्थलों पर भित्ति चित्र कलाकृति, राम कथा गैलरी, ओपन एयर थियेटर से जुड़े का समय से पूरे होने चाहिए। रामायण परंपरा की ‘कल्चरल मैपिंग’ कराई जाए। इसी प्रकार, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही हो। ◆ बरसाना में राधारानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को जल्द ही रोप-वे की नई सुविधाम मिल सकेगी। यह महत्वपूर्ण परिययोजना इसी वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण कर ली जानी चाहिए। इसी प्रकार, काशी में कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक बनने वाला रोप-वे आम जन को एक अनूठी नगरीय परिवहन व्यवस्था से परिचय कराएगा। इस परियोजना को शीर्ष प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए। ● लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की विशिष्ट योजना को अगले जल्द से जल्द प्रारंभ करा दिया जाए। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। नगर निगम के लखनऊ के दायरे को विस्तार दिया जाए। बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड के पुनरोद्धार के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए। ● प्राधिकरण सीमान्तर्गत सभी आवासीय/निजी/शासकीय भवनों में रेन वॉटर हारवेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में एक सुस्पष्ट नियमावली तैयार कर प्रस्तुत करें। ◆ लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी, प्रयागराज का सिटी डेवलपमेन्ट प्लान तैयार कर लिया जाए। लीड्स – 2021 नीति के अन्तर्गत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर , वाराणसी एवं मेरठ की शहरी लॉजिस्टक योजना तैयार करने में देरी न हो। ◆ राजधानी लखनऊ में मेट्रो की सेवा आम जन को खूब भा रही है। कोविड काल से पूर्व करीब 72000 यात्री हर दिन इस सेवा का लाभ लेते रहे हैं, अब एक बार फिर मेट्रो में यात्रियों की संख्या पूर्ववत हुई है। लखनऊ मेट्रो के अगले चरण के विकास का प्रस्ताव तैयार कर एक सप्ताह में प्रस्तुत किया जाए। ◆ मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण में गोकुल और बलदेव के क्षेत्र को समाहित करते हुए इसका विस्तारीकरण किया जाना चाहिए। इस सम्बंध में औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जाए। ◆ रिटेल एस्टेट सेक्टर में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हाल के।वर्षों में अनेक हाईटेक टाउनशिप और इंटीग्रेटेड टाउनशिप की परियोजनाओं और तीन बार की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से लगभग 30,877 करोड़ का निवेश का इस सेक्टर में आया है। अब जनवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अधिकाधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए यह जरूरी है कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्लान नीति को और व्यवहारिक बनाया जाए। नवीन नीति तैयार करते समय सम्बंधित सेक्टर के विशेषज्ञों, निवेशकों को जरूरतों और अपेक्षाओं का

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बूस्टर डोज के मामले में यूपी ने अन्य राज्यों के सामने पेश की मिसाल

लखनऊ | वैश्विक महामारी कोरोना से जंग जारी है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे बूस्टर डोज (अमृत डोज) अभियान ने देश के अन्य राज्यों के सामने लंबी लकीर खींच दी है। सीएम योगी द्वारा लगातार की जा रही मॉनीटरिंग का ही परिणाम है कि अमृत डोज अभियान में मात्र 45 दिन के अंदर ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सिनेशन हो चुका है, जबकि गुजरात को छोड़कर देश के अन्य राज्य इस आंकड़े के आधे पर भी नहीं हैं। यूपी में 15 जुलाई से शुरू हुआ अमृत डोज अभियान आगामी 30 सितंबर तक चलेगा। – सीएम योगी के नेतृत्व में चल रहा बूस्टर डोज लगाने का बड़ा अभियान – अमृत डोज के मामले में छोटे शहरों का प्रदर्शन सबसे बेहतर – साथ ही 37 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन लगाकर प्रथम पायदान पर काबिज है यूपी – कारोना वैक्सिनेशन के मामले में यूपी के आस-पास भी नहीं हैं दूसरे राज्य – सीएम योगी खुद करते हैं कोरोना टीकाकरण अभियान की मॉनीटरिंग दूसरे राज्यों के सामने पेश की मिसाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार तीन सितंबर तक यूपी ने कुल 37,18,54,092 कोविड डोज लगाकर देश के दूसरे राज्यों के सामने नजीर पेश कर दी है। वहीं अमृत डोज की बात करें तो यहां भी यूपी ने बड़ा कीर्तिमान गढ़ा है। प्रदेश ने अबतक 2,75,47,150 लोगों को अमृत डोज लगाने का रिकॉर्ड बना लिया है। यूपी में 18 से 59 वर्ष के 2,05,85,789 जबकि 60 साल के ऊपर के 69,61,361 लोगों को बूस्टर डोज लगायी जा चुकी है। इतने लोगों को लगी डबल डोज भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार यूपी में तीन सितंबर तक 18 साल से ऊपर के 14,69,51,275 लोगों को कोविड के दोनो डोज लग चुके हैं। 15 से 18 साल के 1,30,98,873 किशोरों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगायी जा चुकी है। ऐसे ही 12 से 14 साल के 75,85,811 बच्चों को भी डबल डोज लग चुकी है। अमृत डोज के मामले में छोटे शहरों का प्रदर्शन अच्छा वैसे तो अमृत डोज लगाने का अभियान प्रदेश के सभी 75 जिलों में चल रहा है, मगर परफॉर्मेंस की बात करें तो छोटे शहरों का प्रदर्शन सबसे बेहतर है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार महोबा का प्रदर्शन यूपी में सबसे अच्छा है। इसी प्रकार क्रमश: रायबरेली, देवरिया, मुजफ्फरनगर, चित्रकूट, कन्नौज, मैनपुरी, पीलीभीत, भदोही और मऊ में अमृत डोज अभियान प्रदेश के औसत (20.6 प्रतिशत) से काफी ऊपर है। इस लिस्ट में प्रदेश के 37 जिले शामिल हैं, जबकि 38 जिलों का प्रदर्शन प्रदेश के औसत से कम है। इन जिलों में टीकाकरण अभियान को और तेज करने के लिए मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है। पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है अमृत डोज स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अपडेट आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सभी जनपदों में अमृत डोज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उदाहरण के लिए मिर्जापुर में 29180, कासगंज में 10490, अमरोहा में 10830, हरदोई में 20850, बागपत में 12280, मुरादाबाद में 17090, आगरा में 24000, मथुरा में 18710, गौतमबुद्ध नगर में 29010, लखनऊ में 50680, रायबरेली में 34830, मुजफ्फरनगर में 10780, कन्नौज में 6970, पीलीभीत में 13000, मऊ में 17840, महोबा में 5240, देवरिया में 20460, चित्रकूट में 5550, मैनपुरी में 14960 और भदोही में 26810 वैक्सीन डोज उपलब्ध है। सीएम योगी की मॉनीटरिंग और प्रोत्साहन अभियान से दिख रहा रिजल्ट यूपी सबसे ज्यादा वैक्सीन की डोज देकर देश में टीकाकरण अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्‍व कर रहा है। प्रदेश की इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से लगातार मॉनीटरिंग और कोविड वैक्सिनेशन के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाना मुख्य कारण है। वहीं बूस्टर डोज के महत्व के बारे में लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इन अभियानों के माध्यम से टीकाकरण केंद्रों की जानकारी भी दी जा रही है।

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