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October 21, 2022

प्रयागराज : कोरांव में प्रयागराज के एक रेस्टोरेंट में चाकू मार कर एक की गई युवक की हत्या

उत्तर प्रदेश | घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे फरार हो गए सूचना पर पहुंची पुलिस रेस्टोरेंट संचालिका सहित दो को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतक के पिता की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर 4 के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई है। रेस्टोरेंट्स संचालिका सहित दो हिरासत में कोरांव पड़रिया निवासी रामबली द्विवेदी नगर पंचायत में सीनियर क्लर्क पद से रिटायर हैं। उनके तीन बेटों में छोटा श्याम कृष्ण द्विवेदी उर्फ उत्तम बीए का छात्र है बुधवार दोपहर वह घर से 200 मीटर दूर स्थित ब्लू स्टार रेस्टोरेंट में गया था। मृतक के पिता की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर 4 के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है। तहरीर के अनुसार खाना खाकर बेटा घर से निकला ही था कुछ देर बाद सूचना मिली की घर के पास रेस्टोरेंट में उसे कुछ लोग मारपीट कर रहे हैं। आरोप है कि उनके भेजने पर भाई शिवराम पहुंचा तो देखा कि गांव के ही रहने वाले वह रेस्टोरेंट संचालक आयुष सिंह पुत्र दिनेश सिंह अपने चचेरे भाई मनीष सिंह उर्फ लाला सिंह उत्तम को पीट रहे थे। दोनों ने बेरहमी के साथ चाकू से कई वार किए जिसमें उत्तम की मौत हो गई। पिता मौके पर पहुंचा तो वहां संचालिका मीना दिनेश जैसवाल मौजूद थे। आरोप लगाया कि घटना में उपरोक्त दोनों की भी संलिप्तता है। एसपी जमुना पार सौरभ दीक्षित ने बताया कि युवकों के दो गुटों के बीज किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। जिंदा डेमोक्रेसी से सीधी बात राजकुमार की रिपोर्ट

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मुख्यमंत्री ने सीएम फेलोशिप कार्यक्रम में चयनित शोधार्थी टैबेलट्स वितरण कार्यक्रम में की महत्वपूर्ण घोषणा

लखनऊ | मुख्यमंत्री फेलोशिप के सभी 100 शोधार्थी अपने आकांक्षात्मक विकासखंडों में काम करने के साथ ग्रामीण विकास पर एक ग्रंथ लिखें ताकि लोग इसे करीब से जान सकें। सरकार का यह फेलोशिप कार्यक्रम नए प्रयोग के रूप में उभरकर सामने आएगा। इसके लिए जो भी शोधार्थी दो-तीन साल बाद शासकीय सेवा में आना चाहें सरकार उन्हें वेटेज देगी क्योंकि उनके पास काम का एक अच्छा अनुभव हो चुका होगा। इन शोधार्थियों को एज रिलैक्सेशन और एक्स्ट्रा वेटेज देकर सरकारी सेवा में अवसर दिया जाएगा। ये घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत नवचयनित शोधार्थियों को टैबलेट्स वितरण कार्यक्रम के दौरान की। इस दौरान उन्होंने शोधार्थियों को टैबलेट्स भी वितरित किए। प्रदेश के विकास की यात्रा में सहभागी बनेंगे शोधार्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन प्रदेश के लिए ग्रामीण विकास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश देश की आबादी का सबसे बड़ा राज्य है। वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था है। प्रदेश में एक लाख से अधिक राजस्व गांव, 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतें, 75 जनपद और 826 विकासखंड हैं। पूरे देश में उत्तर प्रदेश ही ऐसा राज्य हैं जहां 75 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है। यहां की अर्थव्यवस्था का आधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था ही है। ऐसे में प्रदेश के उन 100 विकासखंडों को आकांक्षात्मक विकासखंड में चुना गया है जो विकास की प्रक्रिया में पीछे छूट गए थे। उन्हे सामान्य जनपदों की सामान्य विकासखंडों की तर्ज पर विकसित करने के लिए जो कार्यक्रम बनाया गया है उसके लिए 100 मुख्यमंत्री फेलोशिप शोधार्थियों को आज तैनाती दी जा रही है, जो अगले कुछ वर्षों के अंदर अपना परिणाम देकर प्रदेश सरकार के विकास की यात्रा में सहभागी बनेंगे। आकांक्षात्मक जनपदों में टॉप टेन में छाए प्रदेश के आठों जनपद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग को आदेश दिया था कि वो पता लगाए की देश के अंदर 600 जनपदों में से कितने ऐसे जनपद हैं जो आकांक्षात्मक हैं। इसके लिए कुछ पैरामीटर तय किए गए थे। उनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, जल संसाधन, स्किल डेवलपमेंट, वित्त समावेश को शामिल किया गया था। इसके लिए 75 इंडीकेटर के रूप में नीति आयोग ने एक व्यवस्था बनाई थी, जिनमें पूरे देश से 112 जनपदों का चयन किया गया था। इन जनपदों में 8 उत्तर प्रदेश के थे। सीएम योगी ने कहा कि ऐसे में इन जनपदों के विकास के लिए सबसे पहले वहां की मैनपॉवर की कमी को पूरा किया गया, जिसके परिणाम सामने आए और देश में जिन 10 जनपदों ने सबसे अच्छा काम किया, उनमें टॉप टेन में पहले पांच जनपद उत्तर प्रदेश के थे और टॉप 20 में प्रदेश के सभी 8 जनपद थे। हमने इससे प्रेरणा लेकर 826 विकासखंडों में 100 ऐसे विकासखंड तय किए जो इन सभी पैरामीटर में पीछे छूट गए थे। इसके लिए सीएम फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत की गई और शोधार्थियों के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई, जिसमें 26 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया। चयनित सभी 100 शोधार्थियाें को सरकार निश्चित मानदेय देगी, लेकिन उन्हे अपनी हर दिन की प्रगति रिपोर्ट को अपलोड करना होगा। शोधार्थियों को डाटा कलेक्शन के साथ डॉक्यूूमेंटेंशन पर करना होगा फोकस सीएम योगी ने कहा कि गांव में जाति और धर्म अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन वहां पर सभी परिवार की तरह काम करते हैं। आज भी गांव में देखने में आता है कि किसी के पास जमीन है तो किसी के पास स्किल। ऐसे में दोनों साथ में मिलकर काम करते है और उसके बेहतर परिणाम सामने आते हैं। वहीं इससे पूरा गांव आत्मनिर्भर इकाई के रूप में विकसित होकर आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना यही थी। उस आत्मनिर्भरता को प्राप्त करने के लिए ही प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की यूनीक योजना प्रारंभ की गई, जो अभी जनपद स्तर पर है। इसके विस्तार के लिए भी काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी शोधार्थियों को अपने विकासखंडों में काम करने के साथ डाटा कलेक्शन और डाॅक्यूमेंटेंशन की कार्यवाही करनी होगी। शिक्षकों को जनगणना और मतदाता सूची कार्यक्रम में जरूर होना चाहिए शामिल सीएम ने कहा कि प्रदेश के विकास कार्य की समीक्षा के लिए मंत्रियों का समूह बनाया गया, जिसमें 25 जिले मेरे पास हैं और 25-25 जिलों की जिम्मेदारी दोनों डिप्टी सीएम क्रमश: केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के पास है। सभी अपनी समीक्षा की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजते हैं, जिसके परिणाम काफी अच्छे आए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अपने 25 जिलों के कार्यों के डाटा को संकलित कर उसकी थीसिस बनाई और मुझे दिखाई, जो डाॅक्यूमेंटेंशन का अच्छा उहाहरण है। इस पर चाहें तो वह एक किताब भी लिख सकते हैं। सीएम ने कहा कि प्रदेश के शिक्षकों को शैक्षिक कार्य के साथ गांव की जनगणना, मतदाता सूची के लिए जरूर जाना चाहिए क्योंकि उन्हे गांव की सामाजिक और आर्थिक परिस्थिति की पूरी जानकारी होती है। वह गांव की पूरी जानकारी शासन को उपलब्ध कराएंगे ताकि वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया जा सके।

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Yogi distributes tablets to newly selected researchers under Chief Minister’s Fellowship Program

Lucknow | Chief Minister Yogi Adityanath on Friday announced that weightage will be given to the researchers of CM Fellowship programme in administrative services, adding that the ‘talented youth’ will help Uttar Pradesh become the number one economy. Handing over tablets to newly selected 100 research scholars under the CM’s Fellowship programme, the Chief Minister said, “The selection of research scholars for development of aspirational blocks will be an innovation in itself, as they will gain valuable expertise by then. The 100 CM Fellowship researchers will be given preference in administrative services.” The CM urged all the researchers to work in the block for the next two to three years and give better results. “Because the majority of people hold PhDs, MTechs, and MPhils, research books on rural development can also be created. You will have the opportunity to do this. All the research scholars should be given accommodation facilities in their development block so that the work can be done better,” he added. It is noteworthy that out of the total 100 research scholars selected for the CM’s Fellowship programme, as many as 27 are females and the rest 73 are males. The researchers will join in November. Speaking on the occasion, the Chief Minister said, “It is a significant day today when the scheme is being realised on the ground under the guidance of Prime Minister Modi.CM Fellowship researchers are getting their appointment letter. They will visit 100 aspirational development blocks in the state and aid in their growth.” The CM continued that it is also a significant day for UP in terms of rural development. With 1 lakh revenue villages, over 58,000 Gram Panchayats, and 826 dev blocks, UP is the most populous state. More than 75 percent of the state’s population resides in villages. These scholars will aid in developing the 100 aspirational development blocks that have been chosen to develop the rural area. The Chief minister said that eight of Uttar Pradesh’s aspirational districts had got ranking in the top 20 list among the 112 aspirational districts of India while the state’s five districts figured among the top 10 aspirational districts. “I was unable to understand anything in the beginning. As time went on, we began to work on it and made a few decisions with the ministries and administration. We ensured that there was no shortage of resources and manpower in any field. No extra money was spent for the development of aspirational districts,” said CM. Maintaining that on the lines of aspirational districts, 100 aspirational blocks have been selected in the state of the total 826 blocks, the CM said, “A dashboard has been created in the Planning department. More than 26,000 people applied for the CM’s Fellowship programme of which 100 selected ones are getting their appointment letter today. They will have to work as a team. The government will give a fixed honorarium to the research scholars, but they will have to upload their daily progress report.” Additionally, he said that “our inability to do the documentation of our work is the biggest weakness. The 100 researchers will have to work in their development blocks and along with data collection, they will have to do the processing of documentation. Highlighting the importance of documentation work, the CM said, “We have constituted our Group of Ministers who visit different districts and submit their report. The results are satisfactory.” The CM praised Deputy Chief Minister Brajesh Pathak’s efforts and said that he produced a thesis of 25 districts, which is a documentation in and of itself. The Chief Minister informed that he has asked the Department of Infrastructure and Industrial Development to keep some research fellows who are associated with IIMs, IITs and other universities for the investment. “They will help the investors in setting up their industries in Uttar Pradesh,” he said.

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सीएम योगी की पहल पर आगे आए WHO और दिल्ली AIIMS, Trauma के हर केस में हो रही जान बचाने की कोशिश

लखनऊ | सड़क हादसों में घायलों का जीवन बचाने के लिए पल-पल का समय कीमती होता है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर देश में पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और दिल्ली एम्स आगे आए हैं। घायलों के बेहतर और समय रहते इलाज के लिए डब्ल्यूएचओ और दिल्ली एम्स संयुक्त रूप से राज्य के 100 स्वास्थ्य कर्मियों को तीन चरणों में उपचार की भौतिक रूप से ट्रेनिंग दे रहे हैं। पहले फेज में गुरुवार को 33 स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग पूरी भी हो गई है। सीएम योगी के आदेश पर हादसों में मौतों की संख्या को कम करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग युद्ध स्तर पर जुट गया है। ट्रामा सेंटर्स और इमरजेंसी में घायलों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की पांच दिवसीय ट्रेनिंग दिल्ली एम्स में कराई जा रही है। डब्ल्यूएचओ और दिल्ली एम्स दिसंबर तक तीन बैच में प्रदेश के सौ स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग देंगे। इसमें 50 डॉक्टर, 25 पैरा मेडिकल स्टाफ और 25 नर्सों को ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले बैच में कुल 33 डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सों की ट्रेनिंग हुई है। हर जान है अनमोल, अब इमरजेंसी में मिलेगा और बेहतर इलाज डब्ल्यूएचओ और दिल्ली एम्स ने संयुक्त रूप से घायलों के बेहतर इलाज के लिए 33 स्वास्थ्य कर्मियों को दी ट्रेनिंग, दिसंबर तक तीन बैच में यूपी के सौ स्वास्थ्य कर्मियों की होगी ट्रेनिंग यूपी के इन प्रयासों को दूसरे राज्य भी सराह रहे : आलोक कुमार इस बारे में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में घायलों के इलाज को लेकर इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर की माॅनिटरिंग की जा रही है। हमारी कोशिश है कि घायलों को तत्काल उच्च स्तरीय उपचार मिले, जिससे उनकी जान बचाई जा सके। सीएम योगी का ट्रामा केसेज में आम लोगों की जान बचाने को लेकर यह बड़ा फैसला है। सीएम योगी के प्रयासों से देश में पहली बार डब्ल्यूएचओ और दिल्ली एम्स प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। यूपी के इन प्रयासों को दूसरे राज्य भी सराह रहे हैं और वह डब्ल्यूएचओ और दिल्ली एम्स से इस प्रकार की ट्रेनिंग के लिए संपर्क कर रहे हैं। मऊ और शामली में भी जल्द मेडिकल कॉलेज 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर बनने वाले मेडिकल कॉलेजों में जल्द ही मऊ और शामली में भी होंगे। इसके लिए सीएम योगी की अनुमति पर मऊ और शामली में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए दो निजी संस्थाओं से एमओयू हुआ है और डीजीएमई की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

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