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November 4, 2022

कानपुर : काम की तलाश में बिहार से यूपी आए युवक के साथ बर्बरता, आँखे खराब कर बनाया भिखारी

उत्तर प्रदेश | सुरेश मांझी नाम के युवक की दास्तां सुनकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आपको एक फिल्म की कहानी या टीवी एपिसोड की कहानी सुनाई जा रही हो। दरअसल सुरेश कुछ महीने पहले बिहार से काम की तलाश में निकला था जो कानपुर में रोजगार ढूंढ रहा था। तभी यहां पर विजय नाम के एक व्यक्ति ने उसे काम देने की बात कही और साथ ले गया लेकिन कुछ ऐसा सुरेश के साथ हुआ जिस की दास्तान दर्द से भरी है। सुरेश मांझी पर जो गुजरी वह सुनने पर लगता है कि कानपुर शहर में मानव तस्करी करके भिखारी बनाने वाला गैंग सक्रिय है। नौबस्ता में रहने वाला विजय नाम का शख्स सुरेश मांझी को अपने साथ ले गया और झकरकट्टी पुल के नीचे बने एक कमरे में ले जाकर उसे बांध दिया। सुरेश मांझी ने बताया कि लगातार वहां उसे नशीले इंजेक्शन दिए जाते थे और उसकी आंखों में रोजाना 3 से 5 दिनों तक एक केमिकल डाला जाता था। खाने के लिए केवल एक रोटी दी जाती थी. कुछ दिन बाद उसे वहां से निकाल कर हरियाणा बॉर्डर ले जाया गया। वहां पर जब उसकी हालत भिखारियों जैसी हो गई तो उसे 70 हजार में राज नाम के व्यक्ति को बेच दिया गया। सुरेश मांझी ने बताया कि जब उसकी हालत भिखारियों जैसी हो गई उसे खाना नहीं दिया जाता था आंखें खराब हो चुकी थी तब उसे भीख मांगने के लिए सुबह सड़क पर छोड़ दिया जाता था और शाम को आकर गैंग का सदस्य सारे पैसे ले लेते थे और अपने साथ लेकर चले जाते थे। सुरेश ने बताया कि उसके जैसे बहुत सारे लोग एक जगह रखे जाते थे जहां खाने के नाम पर बहुत कम भोजन दिया जाता था। सुरेश की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तब हरियाणा के पास सकरी गैंग के सदस्य राज ने उसके तब तक भीख मंगवाया जब तक उसके 70 हज़ार रुपए वापस नहीं हो गए। राज नाम के व्यक्ति ने सुरेश को लाने वाले विजय को बुलाकर स्वास्थ्य खराब होने के कारण सुरेश को वापस ले जाने को कहा। तब विजय सुरेश को लेकर आ गया। सुरेश ने बताया कि पिछले 2 महीने से वह कानपुर में है लेकिन आंखों की रोशनी ना होने के कारण उसे नहीं पता चला। जब टेंपो वालों की आवाज सुनी और उसमें किदवई नगर का नाम आया तो एक दिन भीख मांगते मांगते सवारी के जरिए वह आ गया।  

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इस साल से महंगी हो जाएगी पीलीभीत टाइगर रिज़र्व की सैर, जानिए क्या होगी नई कीमत

उत्तर प्रदेश | उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व अपनी नदियों-नहरों व टाइगर के दीदार के लिए जाना जाता है। पर्यटन सत्र के दौरान देश दुनिया से हजारों पर्यटक जंगल की सैर करने के लिए पीलीभीत आते हैं। लेकिन 15 नवंबर से शुरू हो रहे नए पर्यटन सत्र के दौरान सैलानियों को पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सैर के लिए पहले की अपेक्षा अधिक दाम चुकाने होंगे। वन निगम ने सत्र किरायों में बढ़ोतरी की है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट। बता दें कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में स्थित चूका बीच अपने आप में एक अनूठा पर्यटन स्थल है। चूका बीच को मिनी गोवा के नाम से भी जाना जाता है। चूका बीच स्थित थारू और ट्री हट के किराए में इस पर्यटन सत्र में वृद्धि की गई है। पहले यहां ठहरने के लिए 2 लोगों को 4032 रुपए चुकाने होते थे. इस सत्र इसका शुल्क 7080 रुपए कर दिया गया है। महंगी हुई जंगल सफारी पिछले पर्यटन सत्र में मुस्तफाबाद की एंट्री प्वाइंट से शुरू होने वाली सफारी के लिए पर्यटकों को 2832 रुपए चुकाने होते थे। वहीं इस बार सफारी का शुल्क 4130 रुपए निर्धारित किया गया है। शहर के नेहरू पार्क से शुरू होने वाले सफारी के लिए पर्यटकों को 4130 रुपए अदा करने पड़ते थे। लेकिन इस सत्र शुल्क बढ़ाकर 4720 रुपए कर दिया गया है। ऐसे करिये पीलीभीत तिगफ्रेसेर्वे की सैर 15 नवंबर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र शुरू हो रहा है। फिर भी टैग्रेसर की सैर करने के लिए सैलानी पीलीभीत शहर स्थित नेहरू पार्क से सफारी बुक कर सकते हैं। इसके साथ ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व की वेबसाइट https://pilibhittigerreserve.in/ पर भी ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।

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