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December 2022

उत्तर प्रदेश से व्यापारिक संबंध मजबूत करेगा फ्रांस

लखनऊ | विदेशी निवेशकों को उत्तर प्रदेश में व्यापार करने और व्यापार का विस्तार करने के लिए आमंत्रित करने कई देशों की यात्रा पर गई टीम योगी का पड़ाव सोमवार को फ्रांस में था। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और आईटी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में फ्रांस के बड़े औद्योगिक घरानों व उनके प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। फ्रांस की कंपनियों ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए संदेश पर खुशी जताते हुए प्रदेश में निवेश के जरिए व्यापारिक संबंधों को मजबूती देने पर सहमित जताई। फ्रांस की कंपनियां उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, डेयरी, नवीनीकरण ऊर्जा, रक्षा और जल यातायात के क्षेत्र में निवेश के लिए इच्छुक नजर आईं। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने प्रदेश को आगामी 5 वर्ष में वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तक ले जाने का जो प्रण लिया है उसके तहत आगामी 10 से 12 फरवरी के बीच लखनऊ में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 10 लाख करोड़ का निवेश लाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की 8 टीमों को 18 देशों के भ्रमण पर भेजा है। विदेशों में टीम योगी के रोड शो व ट्रेड शो को निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्रदेश सरकार का उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं। निवेश के लिए उत्साहित फ्रांसीसी कंपनियां फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए रोड शो के अवसर पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एवं आईटी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय समेत उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने फ्रांस की कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित किया। बिजनेस फ्रांस के एशिया व पैसिफिक एरिया के कोऑर्डिनेटर जीन फ्रैंकोइस एंब्रोसियो ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ मुलाकात के दौरान खाद्य प्रसंस्करण, कृषि और डेयरी के क्षेत्र में साझादारी के जरिए इंडो फ्रेंच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने का आशय जाहिर किया। उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने इंटरनेशनल कमीशन ऑफ कंफेडरेशन ऑफ एसएमई (सीपीएमई) के प्रमुख एटिने पोइरोट बोर्डिन से भी मुलाकात की और रीन्यूएबल एनर्जी, डिफेंस और वॉटर ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्रों में एमएसएमई के अंतर्गत उद्योग लगाने के लिए आंमंत्रित किया। एयर लिक्विड ग्रुप के डायरेक्टर मैक्सिम लैंबर्ट एवं रिस्क मैनेजमेंट वाइस प्रेसीडेंट बरट्रांड मोनोई ने प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में निवेश की इच्छा जाहिर की और उत्तर प्रदेश में अपने बिजनेस के विस्तार का भी इरादा जताया। थॉमस कंप्यूटिंग के सीईओ स्टीफन फ्रांसिस और वाइस प्रेसीडेंट इंटरनेशनल सेल्स पीयरे क्रासोनवस्की ने आईटी से संबंधित लैपटॉप और टैबलेट असेंबलिंग व वितरण के क्षेत्र में निवेश पर उत्सुकता जताई। ईडीएफ रिन्यूएबल्स एंड टोटल एरेन के कंट्री हेड (भारत) से मुलाकात के दौरान उन्हें जीआईएस 2023 म सम्मिलित होने के साथ भारत मे रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया। वहीं प्रतिनिधिमंडल ने पार्टेक्स एनवी से डॉ. गुंजन भारद्वाज से मुलाकात की और ग्रुप को यूपीजीआईएस 2023 में आमंत्रित किया। पार्टेक्स एनवी ने हेल्थकेयर सिस्टम में एआई की शक्ति का उपयोग करने के लिए वाराणसी में अमृत- एक रोगी डेटा एक्सचेंज स्थापित करने के लिए 1000 करोड़ के निवेश के इंटेंट पर हस्ताक्षर किए सिंगापुर से टेक्नोलॉजी के सबक लेगा उत्तर प्रदेश उधर, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के नेतृत्व में सिंगापुर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का रोड शो भी बेहद सफल रहा। रोड शो के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल से सिंगापुर की बिजनेस कम्युनिटी ने निवेश के अवसरों और सरकार द्वारा मिल रहे इंसेटिव्स पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (आईटीई) गया। यहां विभिन्न क्षेत्रों में जिनमें सिंगापुर और उत्तर प्रदेश के बीच भागीदारी गतिविधियां हो सकती हैं, उन पर चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल को सिंगापुर में काफी कुछ सीखने को भी मिला। यहां सस्टेनेबिलिटी एंड द एनवायर्नमेंट मिनिस्टर ग्रेस फू हाई येन से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल को सिंगापुर के लोगों में स्वअनुशासन (सेल्फ डिसिप्लिन) के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सिंगापुर बहुत छोटा देश है। उसके पास पानी और भूमि के बेहद सीमित स्रोत हैं। इसलिए वहां के लोग हाईजीन एवं साफ-सफाई पर बेहद खास ध्यान देते हैं। यह एकमात्र रास्ता है जो निवेशकों को सिंगापुर आने और निवेश के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि सिंगापुर में पार्किंग, ट्रैफिक जैसे नियमों को मजबूत करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। यहां प्रत्येक कार में चिप लगे हैं और अगर यह सेंट्रल बिजनेस एरिया में जाम की वजह बनती है तो स्वतः ही अथॉरिटी को पता चल जाता है और उनसे सरचार्ज वसूला जाता है। 9 दिसंबर से शुरू हुआ था विदेशी दौरा टीम योगी के यह विदेशी रोड शो 9 दिसंबर से शुरू हुए थे। 9 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पशुपालन मंत्री धरमपाल सिंह के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल कनाडा में रोड शो व वन टू वन बिजनेस मीटिंग के लिए पहुंचा था। यहां प्रतिनिधिमंडल को हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले और कई एमओयू भी साइन हुए। इसी तारीख को औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद भी जर्मनी पहुंचे थे, जबकि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद ने मेक्सिको में रोड शो किया था। वहीं, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने यूएसए व यूके का दौरा शुरू किया था। 12 दिसंबर को अबुधाबी, कनाडा, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम और ब्राजील में रोड शो का आयोजन किया गया जो बेहद सफल रहा। 13 को यूएई, ऑस्ट्रेलिया, 14 को कनाडा, जापान, स्वीडन, अर्जेंटीना में तो 15 को यूएसए व यूके, 16 को यूएसए नीदरलैंड्स, सिंगापुर में रोड शो का आयोजन हुआ। 19 को फ्रांस के साथ विदेशी दौरों का यह आयोजन समाप्त होना है।

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सीएम योगी ने किया महानगर में तीन रैन बसेरों का निरीक्षण, ठहरे जरुरतमंदों में वितरित किया भोजन

गोरखपुर | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि हर जरूरतमंद को रैन बसेरों में अच्छी सुविधा दी जाए। प्रशासन इसे प्राथमिकता पर लेते हुए यह सुनिश्चित करे कि सभी रैन बसेरों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर व कंबल का इंतजाम के साथ साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाए। यदि किसी के पास भोजन की व्यवस्था नहीं है तो उसे भोजन भी उपलब्ध कराया जाए। सीएम योगी ने ये निर्देश सोमवार रात महानगर के तीन रैन बसेरों का निरीक्षण करने के दौरान दिए। उन्होंने रेलवे स्टेशन के पास, कचहरी बस स्टेशन के पास तथा झूलेलाल मंदिर के पास बने रैन बसेरों का निरीक्षण कर तथा वहां ठहरे लोगों से बातचीत कर उपलब्ध सुविधाओं की पड़ताल की। इस दौरान उन्होंने अपने हाथों से जरूरतमंदों में कम्बल व भोजन का वितरण भी किया। मुख्यमंत्री ने तीनों रैन बसेरों के बाहर भी जरूरतमंद लोगों में उच्च गुणवत्ता के कंबल व भोजन का वितरण कर उन्हें आश्वस्त किया कि उनके रहते किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सीएम योगी ने रैन बसेरों में ठहरे सभी लोगों से आत्मीय संवाद किया। कोई डॉक्टर को दिखाने के लिए तो कोई परीक्षा या अन्य कार्य से गोरखपुर आया था। मुख्यमंत्री ने उनसे यह भी पूछा कि यहां रैन बसेरों में कोई परेशानी तो नहीं। सबने व्यवस्था को लेकर संतोषजनक जवाब दिया। सड़कों पर ठिठुरते न दिखाई दें बेसहारा व जरूरतमंद : मुख्यमंत्री रैन बसेरों का निरीक्षण करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिला प्रशासन व नगर निकायों को निर्देशित किया गया है कि रैन बसेरों का व्यवस्थित संचालन करें। इसमें स्वयंसेवी संगठनों की भी मदद ली जाए। कोई भी बेसहारा या जरूरतमंद सड़कों पर ठिठुरता न दिखाई दे। उनके ठहरने की सम्मानजनक व्यवस्था कराई जाए। इसके साथ ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में हर जरूरतमंद को कंबल व ऊनी कपड़े उपलब्ध कराए जाएं। हर जगह पर पर्याप्त अलाव की व्यवस्था हो। बाबा खुद ले रहे सुधि तो दिक्कत किस बात की निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कुशलक्षेम और जरूरतों के बारे में पूछे जाने पर रैन बसेरों में ठहरे लोग भाव विह्वल हो गए। उन्हें सहसा यकीन नहीं हो रहा था कि प्रतिकूल मौसम में उनके ठहरने और भोजन की जानकारी लेने खुद मुख्यमंत्री उनके पास आए हैं। रैन बसेरों में ठहरे लोगों का कहना था कि जब बाबा (योगी आदित्यनाथ) खुद उनकी सुधि ले रहे हैं तो उन्हें किस बात की दिक्कत होगी। रैन बसेरों के निरीक्षण के दौरान महापौर सीताराम जयसवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह समेत प्रशासन, पुलिस व नगर निगम के अधिकारी उपस्थित रहे।

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Mission Rozgar: CM to distribute appointment letters to 1395 selected candidates

As a part of ‘Mission Rozgar’ and to provide employment to every eligible person in the state, Chief Minister Yogi Adityanath will distribute appointment letters to newly appointed lecturers and assistant teachers in secondary schools on Sunday. Under Mission Rozgar, in the fifth phase, about 1395 candidates will be given appointment letters at Lok Bhavan in the state capital. Director, Secondary Education Dr. Mahendra Dev informed that 123 assistant teachers and 1272 lecturers will be included. Of these, 74 are women lecturers and 49 are male candidates who will be appointed as lecturers. About 870 women will be appointed as assistant teachers while 402 male candidates will be appointed as assistant teachers .

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Whenever there is a crisis, Rahul puts India in the dock, says CM

  Lucknow | Chief Minister Yogi Adityanath has termed the statement of former Congress President Rahul Gandhi on soldiers as “condemnable and shameful”, and has asked the Congress leader to apologise to the brave soldiers and to the country. The CM said that the statement of Congress leader Rahul Gandhi is indecent, childish and is going to inspire anti-national elements. “It amounts to humiliating India and India’s brave army internationally. We condemn his statement. When the whole country and the world are saying that the brave soldiers of India have foiled the acts of the infiltrators, to talk disrespectfully of them is something no Indian will accept it”, CM Yogi remarked. However, CM Yogi added that it was not for the first time that Rahul Gandhi has made a derogatory remark about the soldiers. “Even in Doklam, when there was a tussle between the armies of both the countries, Rahul Gandhi and the Congress were exposed. Instead of respecting the valour of the armed forces, they were patronising anti-India acts by meeting the Chinese ambassador.” Emphasising that Rahul Gandhi’s statement is “condemnable and shameful”, the Chief Minister said whenever there is a crisis, or a challenge, in front of the country, he exposes himself by putting India in the dock. “They point fingers at our brave soldiers. We condemn this thinking of Congress and Rahul Gandhi. Rahul Gandhi must apologise to the people of the country and the brave soldiers and also refrain from doing such things in future”, he concluded.

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सीएम योगी ने पशुपालन विभाग को दिए गौ संरक्षण केंद्रों के रख रखाव के निर्देश

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ-संरक्षण केंद्रों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के दिशा-निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं प्रदेश के गौ-संरक्षण केंद्रों में पशुओं के चारे, पानी, सुरक्षा, सफाई की पूरी व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा है। सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गौशालाओं की व्यवस्था की गई है, जहां पशुओं की देखभाल की जाती है। इसके अलावा बेसहारा पशुओं को संरक्षण देने के लिए व्यक्तिगत तौर पर भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनके लिए चारे से लेकर सभी तरह की व्यवस्थाओं के लिए सीएम के स्पष्ट निर्देश हैं और एक बार फिर उन्होंने व्यवस्था को चाक चौबंद करने के आदेश दिए हैं। चारे से लेकर चिकित्सा तक हों सारे प्रबंध सीएम योगी ने पशुपालन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने तथा स्वास्थ्य की देखभाल के पुख्ता इंतजाए किए जाएं। उनके लिए चारे का उपयुक्त प्रबंध हो और उनकी दवाएं व चिकित्सा के अन्य साधन उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही 31 जनवरी 2023 तक समस्त गोआश्रय स्थलों को पूर्ण कर लिया जाए और क्रियाशील कर 31 मार्च 2023 तक संरक्षित करना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा गो आश्रय पोर्टल पर डाटा दैनिक रूप से अपडेट किया जाय। डिस्ट्रीक्ट प्रोजेक्ट मॉनीटीरिंग यूनिट की स्थापना जिन जनपदों में नहीं हुई है, तत्काल स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। भरण-पोषण के लिए उपलब्ध कराई गई धनराशि को यू सी प्रेषित करें। गोशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रयास किया जाए। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में 11,13,035 कुल निराश्रित गोवंश हैं,। इनमें 9,05893 कुल संरक्षित गोवंश हैं। प्रदेश में 49 जनपदों में गोआश्रय स्थल बनाया गया है। पशुओं को सहारा देने वाले किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित राज्य सरकार द्वारा 2012 में की गई पशुगणना के अनुसार यूपी में 205.66 लाख गोवंश हैं जिनमें से 11 लाख से ज्यादा गोवंश बेसहारा या निराश्रित हैं। किसान अगर 10 पशुओं को सहारा देता है, तो प्रतिदिन के हिसाब से वह 300 रूपये कमा सकता है। और हर महिना 9 हजार की अतिरिक्त आय किसान को मिलेगी। इस योजना से सामाजिक सहभागिता बढ़ेगी व निराश्रित व बेसहारा गोवंश की संख्या में कमी आएगी। यह योजना किसानों व पशुपालकों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बना सकेगी।

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गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोल रही पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलें

गोरखपुर | दशकों तक बंद पड़ी रहीं पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलें योगी सरकार की पहल पर अत्याधुनिक स्वरूप में गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोल रही हैं। वैश्विक मांग वाली सल्फर मुक्त चीनी बनाने के साथ ये मिलें खुद बिजली उत्पादन तो करती ही हैं, मिलों ने सरकार के मार्गदर्शन में विगत वर्षों में शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान भी कर दिया है। इतना ही नहीं, चालू पेराई सत्र में 30 नवंबर तक की गन्ना आपूर्ति का भुगतान करने के साथ दिसंबर प्रथम सप्ताह तक की आपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पिपराइच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम की नई चीनी मिल ने गत चार वर्षों (2018-19 से लेकर 2021-22 तक) में 320 करोड़ 35 लाख 41 हजार रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को किया है। इसी प्रकार मुंडेरवा की मिल ने कुल 380 करोड़ 36 लाख 37 हजार रुपये का भुगतान किया है। यह भुगतान गन्ना आपूर्ति करने वाले सभी किसानों के लिए शत प्रतिशत है। उप गन्ना आयुक्त श्रीमती उषा पाल बताती हैं कि चालू पेराई वर्ष (2022-23) में भी पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलों ने 30 नवंबर तक की गई गन्ना खरीद का भुगतान किसानों के बैंक खातों में भेज दिया है। पिपराइच चीनी मिल ने 15 दिसंबर तक 8422 किसानों से 5.55 लाख क्विंटल गन्ना क्रय किया है। इसका कुल मूल्य 19.19 करोड़ रुपये है जिसमें से 30 नवंबर तक की खरीद के एवज में 1.60 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार मुंडेरवा चीनी मिल ने 7794 किसानों से 3.57 लाख क्विंटल गन्ना क्रय किया। 30 नवंबर तक की आपूर्ति के सापेक्ष 82.78 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। गन्ना आपूर्ति में तेजी दिसंबर प्रथम सप्ताह से आई है और इसके भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। गत वर्षों में गन्ना खरीद एवं मूल्य भुगतान पिपराइच चीनी मिल वर्ष आपूर्ति कृषक संख्या भुगतान 2018-19 2.92 2445 933.01 2019-20 45.33 27147 14523.01 2020-21 25.00 19683 8017.39 2021-22 24.83 17782 8562.00 मुंडेरवा चीनी मिल वर्ष आपूर्ति कृषक संख्या भुगतान 2018-19 0.50 995 158.00 2019-20 44.18 33058 13986.19 2020-21 34.70 29717 10995.47 2021-22 37.63 27709 12896.71 (नोट : आपूर्ति लाख क्विंटल तथा भुगतान लाख रुपये में) पिपराइच व मुंडेरवा में नई चीनी मिल का श्रेय योगी को पिपराइच में 1932 में एक निजी क्षेत्र की चीनी मिल लगाई गई थी।1974 में उसका अधिग्रहण हुआ लेकिन मिल 1999 में बंद हो गई। इसी तरह बस्ती के मुंडेरवा में भी निजी क्षेत्र की चीनी मिल 1932 में लगी, 1984 के अधिग्रहित हुई लेकिन 1999 में यह भी बंद हो गई। बंद मिलों को चलाने के लिए बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ हमेशा आवाज बुलंद करते रहे। पर, तत्कालीन सरकारें इस जनसरोकारी मुद्दे पर आंख मूंदे रहीं। 2017 में सूबे की कमान संभालने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने नई चीनी मिलों की सौगात देकर किसानों का दिल जीत लिया। यह मिलें गन्ने से चीनी बनाने के साथ ही उसके बाई प्रोडक्ट से बिजली भी पैदा करती हैं। यही नहीं, सीएम योगी ने 9 दिसंबर 2020 को दोनों मिलों में सल्फर मुक्त चीनी प्लांट का भी लोकार्पण कर इन्हें मॉडल मिल बना दिया। दोनों मिलों की क्षमता प्रतिदिन 50 हजार क्विंटल गन्ना पेराई की है जो पुरानी मिलों से छह गुना अधिक है।

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Keshav Maurya blames SP for delay in civic elections, says SP’s mentality is anti- Dalit, anti-backward and anti-women

Lucknow | The Samajwadi Party is accountable for the lengthening wait for the municipal polls, said Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya on Wednesday, adding that the party is using the brother of a prominent SP leader to put hurdles since the SP does not want the elections to be held on schedule. “The BJP and the Yogi government are prepared to hold civic body elections on time,” stated the Deputy CM. In his statement, Keshav Maurya said that Samajwadi Party has no faith in democratic values. “The Samajwadi Party leaders have an anti-Dalit and anti-women mentality. The Samajwadi Party is worried about the increasing representation of the deprived sections.The SP fears that if the elections are held now, it will suffer a significant loss in the urban bodies. Through a prominent party leader, the SP is attempting to raise obstacles in this situation,” he remarked. Maurya said that the BJP organization and the Uttar Pradesh government are committed to conducting body elections on time as per the constitutional provisions. “Elections should be held on time, so that the pace of planned development of cities can be accelerated.” Keshav Maurya responded to the question of the case still pending in court by saying that everyone has the right to put their point of view before the judge, but the intentions must be clear. “Our government works on the policy of ‘Sabka Saath Sabka Vikas’. The intention of the government is clear, we want to give every deserving person the right of reservation. Now that the matter is subjudice, whatever the order of the court is, the government will follow it. But today the Samajwadi Party, knowing its defeat is certain, is trying to create hurdles in the elections. Whenever the elections are held, the public will definitely give a befitting answer to the SP,” he remarked.

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बेरोजगारों को रोजगार, सपनों को योगी सरकार कर रही साकार

लखनऊ | यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ मिशन रोजगार के जरिए युवाओं के सपनों को पंख लगा रहे हैं। 2017 में योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद से उत्तर प्रदेश में पात्रता ही नियुक्ति का एकमात्र पैमाना बना। इस पर खरा उतरने वाले अभ्यर्थियों को शुचितापूर्ण व पारदर्शिता से रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए। मिशन रोजगार के जरिए सरकार ने अनेक क्षेत्रों में युवाओं को जहां अपने पैर पर खड़ा होने में मदद की, वहीं कइयों को स्वावलंबन से भी जोड़ा गया। लोकसेवा आयोग के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रवक्ता पद पर ऑनलाइन नियुक्ति पत्र दिए गए। अभी तक चार चरणों में 6809 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर उन्हें शासकीय सेवा से जोड़ा गया। 1395 अभ्यर्थियों को जल्द दिए जाएंगे नियुक्ति पत्र लोकसेवा आयोग की तरफ से राजकीय विद्यालयों में चयनित प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों को जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऑनलाइन नियुक्ति पत्र देंगे। मिशन रोजगार के तहत भ्रष्टाचार मुक्त, निष्पक्ष व पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत नवचयनित 1272 प्रवक्ता व 123 सहायक अध्यापकों सहित कुल 1395 अभ्यर्थियों को पांचवें चरण में जल्द ही नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। सहायक अध्यापक पद पर 6191 व प्रवक्ता पद पर 618 लोगों के सपनों को लगे पंख मिशन रोजगार के तहत चार चरणों में 6809 लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इनमें से कइयों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो कुछ को जनपद स्तर पर नियुक्ति पत्र दिए गए। अब तक 6191 सहायक अध्यापक व 618 प्रवक्ता राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की सेवाओं से जुड़े। प्रथम चरण में सीएम ने 23 अक्टूबर 20 को 3317 अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र सौंपा था। 19 जनवरी 2021 में 138 सहायक अध्यापकों व 298 प्रवक्ता समेत कुल 436 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए। फिर 12 अगस्त को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिर से युवाओं को शिक्षा विभाग में नौनिहालों का भविष्य संवारने के लिए 2846 चयनित अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र दिया। इनमें से 2667 सहायक अध्यापक व 179 प्रवक्ता हैं। चौथे चरण में ऑनलाइन नियुक्ति पत्र पाकर 210 लोगों की सरकारी नौकरी के सपनों को संजीवनी मिली। इनमें से 141 प्रवक्ता व 69 सहायक अध्यापक शामिल रहे। शुक्रवार को 431 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे सीएम लखनऊ, 15 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को 431 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे। लोकभवन में सुबह 11 बजे समारोह के दौरान कृषि विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। यह जानकारी कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि चयनित अभ्यर्थी शुक्रवार सुबह 7 बजे आधार कार्ड के साथ आयोजन स्थल पर पहुंचकर उपस्थिति दर्ज कराएं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने के दिए निर्देश

लखनऊ | प्रदेश में अगले पांच वर्षों में बिजली की खपत 53 हजार मेगावाट हो जाएगी, जो हर साल 16 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। ऐसे में योगी सरकार पारंपरिक ऊर्जा प्रणाली, थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह थर्मल और हाइड्रो पावर के जरिए बिजली उत्पादन में आने वाले भारी भरकम खर्च से बचने और पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर को कम करना है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक में अधिकारियों को बिजली उत्पादन के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। …तो उद्योग जगत के साथ प्रदेशवासियों को मिलेगी सस्ती बिजली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में सबसे अहम भूमिका बिजली की होगी। दरअसल, योगी सरकार की नीतियों को देखते हुए विदेश के साथ देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को चलाने के लिए बिजली की डिमांड काफी बढ़ जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस खपत को पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए योगी सरकार नई उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 भी लेकर आई है, जिसके तहत सौर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कई तरह की रियाततें दी गईं हैं। योगी सरकार सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 18 सोलर सिटी का निर्माण करेगी, जिसमें पहले चरण में नाेएडा और अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के 16 नगर निगम को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि इन सोलर सिटी से प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन का 10 प्रतिशत बिजली उत्पादन सोलर से किया जाएगा। साथ ही इसे साल दर साल बढ़ाया जाए ताकि निवेशकों के साथ प्रदेशवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके। गांव होंगे सबसे पहले सोलर एनर्जी से रौशन सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड रीजन में सोलर पार्क का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। यहां पर रोजाना 4 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन का सोलर पार्क बनाया जा रहा है। वहीं प्रदेश के विभिन्न जिलों में सोलर एनर्जी की सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। सोलर पार्क से पहले चरण में खेती और गांव में बिजली सप्लाई के लिए बनाए गए बिजली फीडर से सोलर एनर्जी को सप्लाई किया जाएगा। यानी प्रदेश में सबसे पहले गांव सोलर एनर्जी से रौशन होंगे। इसके साथ ही खेतों की सिंचाई के लिए लगने वाले पंपों को पूरी तरह से सोलर एनर्जी से संचालित किया जाएगा।

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कौन हैं हिमाचल प्रदेश के नए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ?

सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे, जबकि मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। 10 दिसंबर 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने पहाड़ी राज्य की राजधानी शिमला में कांग्रेस के निर्वाचित विधायक की बैठक के बाद यह घोषणा की। बघेल ने यह भी बताया कि नेता 11 दिसंबर 2022 रविवार को सुबह 11 बजे अपने-अपने पदों की शपथ लेंगे। विधायक दल के भावी नेता को चुनने के लिए कांग्रेस आलाकमान को अधिकार देने वाले एक प्रस्ताव को नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने मंजूरी दे दी। तदनुसार, नेताओं को आलाकमान द्वारा चुना गया था। राज्य पार्टी अध्यक्ष और मंडी के सांसद प्रतिभा सिंह, और दिवंगत विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, सुक्खू के अलावा मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे, जिन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार समिति प्रतिभा सिंह के समर्थकों द्वारा उन्हें सीएम बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी के बीच नए सीएम की घोषणा की गई। सुखविंदर सिंह सुक्खू के राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त विवरण सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर के नादौन से चार बार के विधायक 58 वर्षीय हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने नादौन सीट से भाजपा के विजय कुमार को 3300 वोटों के अंतर से हराया था। 27 मार्च 2022 को नादौन में जन्मे सुखविंदर सिंह सुक्खू को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। राज्य के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जहां एक शाही परिवार से थे, वहीं सुखविंदर सिंह सुक्खू राजनीति में जमीनी स्तर से उठे। हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की एक विनम्र शुरुआत थी, और उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एक कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया, फिर एनएसयूआई में शामिल हो गए और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने अब तक पांच विधानसभा चुनाव लड़े हैं और चार जीते हैं। सुक्खू कांग्रेस पार्टी के आजीवन वफादार सदस्य रहे हैं। वह 17 साल की उम्र में एक छात्र के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और 1989 से 1995 तक भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के राज्य अध्यक्ष बने। बाद में वे पार्टी राज्य युवा कांग्रेस के प्रमुख बने। वह 1998 से 2008 तक इस पद पर रहे। उन्होंने 1992 और 2002 के बीच दो बार शिमला में नगरपालिका चुनाव जीता और 2008 में उन्हें अपनी पार्टी की राज्य इकाई का सचिव बनाया गया। सुखविंदर सिंह सुखी कानून स्नातक हैं। वह 2013 से 2019 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। 2003 में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना पहला विधानसभा चुनाव नादौन से लड़ा और जीता। 2007 के चुनावों में उन्हें फिर से चुना गया। हालांकि, 2012 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2017 में वे निर्वाचित विधायक के रूप में राज्य विधानसभा में वापसी करने में कामयाब रहे। वह 2007 से 2012 तक कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक थे। सुक्खू विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की प्रचार समिति के अध्यक्ष थे और चुनाव में पार्टी का चेहरा थे। हालांकि वे चार बार के विधायक हैं, वे कभी भी राज्य में मंत्री नहीं रहे, और मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) या यहां तक ​​कि बोर्ड या निगम के अध्यक्ष जैसे किसी अन्य पद पर नहीं रहे। पार्टी के आलाकमान द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में नामित किए जाने के बाद, उन्होंने कहा, “मैं कभी भी किसी पद की दौड़ में नहीं था और भविष्य में भी नहीं रहूंगा। मैं कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता हूं। मुझे कभी किसी पद की लालसा नहीं रही। पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है और पार्टी के आदेश का पालन करना मेरा कर्तव्य है। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी से करीबी मुकाबले के बाद सत्ता छीन ली, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें हासिल कीं, जबकि भाजपा को 25 सीटें मिलीं।

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