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December 10, 2022

एमपी शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह सामरोह के समापन पर बोले मुख्यमंत्री

गोरखपुर | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि तेजी से बदलता और विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ता भारत पूरी दुनिया के लिए कौतुहल और आश्चर्य का विषय है। नया भारत गरीबों को जितना आवास दे देता है उतने में नया ऑस्ट्रेलिया बस सकता है। ऑस्ट्रेलिया की आबादी करीब पौने तीन करोड़ है और भारत में बीते कुछ ही सालों में तीन करोड़ गरीबों के आवास बना दिए गए हैं। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के सभी देशों की सम्मलित आबादी से अधिक, 80 करोड़ लोगों को यह भारत कोरोना कालखंड में मुफ्त राशन उपलब्ध करा देता है। सीएम योगी शनिवार को महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद के 90वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर आयोजित पारितोषिक वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। समापन समारोह के मुख्य अतिथि ओम बिरला का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया जब कोरोना से पस्त थी तब भारत ने यशस्वी नेतृत्व, दृढ़ इच्छाशक्ति और चुनौतियों से जूझने के जज्बे से कोरोना का शानदार व सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन करने के साथ विकास, जन कल्याणकारी योजनाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ाकर समूचे विश्व के सामने नायाब उदाहरण प्रस्तुत कर रहा था। सीएम योगी ने कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है। 200 वर्षों तक शासन करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। जी-20 का नेतृत्व मिलना भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार जी-20 का नेतृत्व मिलना भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है। जी-20 मे वे देश शामिल हैं जो दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी, 75 प्रतिशत ट्रेड, 85 प्रतिशत जीडीपी और 95 प्रतिशत पेटेंट का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के नेतृत्व में जी-20 का थीम है- वसुधैव कुटुम्बकम, अर्थात एक परिवार, एक पृथ्वी और एक भविष्य। हमारे देश ने सदैव इसी भाव को महत्व दिया है। भारत ने हर मत, मजहब को विपत्ति में शरण दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जी-20 के 11 से अधिक कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के चार शहरों में होने हैं। इसको लेकर प्रयास और अभ्यास को अभी से आगे बढ़ाना होगा। शिक्षण संस्थाओं को भी चाहिए कि वे इससे खुद को जोड़कर स्थानीय स्तर पर अपनी तैयारी करें। इंसेफेलाइटिस का टीका आने में लगे सौ साल, नौ माह में तैयार हुईं कोविड की दो स्वदेशी वैक्सीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर आगे बढ़ते हुए देश ने कोरोना की अभूतपूर्व चुनौती में भी उपलब्धियों की रफ्तार को थमने नहीं दिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष हजारों बच्चों की जान जिस इंसेफेलाइटिस से चली जाती थी, उसका टीका भारत आने में सौ साल लग गए थे जबकि कोरोना संकट में देश ने मात्र नौ माह में दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर दिए। इंसेफेलाइटिस का टीका जापान में 1905 में ही बन गया था लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में टीके 2006 में लगने शुरू हुए। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश मे नौ माह में दो कोविड वैक्सीन विकसित कर इसे 135 करोड़ की आबादी की निशुल्क उपलब्ध कराया गया। निरपेक्ष भूमिका में न रहें शिक्षण संस्थाएं अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थाओं को निरपेक्ष भूमिका से बाहर निकलकर व्यावहारिकता के भाव से जुड़ने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण संस्थाओं को इंडस्ट्री के साथ जुड़ना होगा। क्लासरूम तक सीमित रहने की बजाय व्यावहारिक जानकारी की ओर अग्रसर होना होगा। पर, दुखद सच्चाई है कि संस्थाएं खुद को निरपेक्ष कर लेती हैं। उन्होंने कहा कि ढाई साल के कोरोना कालखंड में उत्तर प्रदेश में 23600 लोगों की मौत हुई थी जबकि सड़क हादसों में एक साल में इतनी ही मौत हो जाती है। ओवर स्पीडिंग, हेलमेट-सीट बेल्ट न प्रयोग करना और गलत रोड इंजीनियरिंग इसके कारण हैं। यातायात के नियमों की जानकारी देने को प्रार्थना सभा में शामिल कर शिक्षण संस्थान सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या में कमी ला सकते हैं। तकनीकी शिक्षण संस्थाएं गलत रोड इंजीनियरिंग पर अध्ययन को आगे बढ़ाकर कार्यदायी संस्थाओं को जागरूक कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थाओं को यह सोचना होगा कि हमें किसी कार्य को करने के लिए बाहर के संस्थाओं को क्यों बुलाना पड़ता है, हर कार्य में हम शासन पर ही निर्भर क्यों रहते हैं। उन्होंने विद्यालयों के पुस्तकालयों को समृद्ध करते हुए छात्र छात्राओं को देश दुनिया की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया। राजधानी गांव पर शोध करें उच्च शिक्षण संस्थान भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर के चौरीचौरा के पास एक गांव का नाम ही राजधानी है। इसका इतिहास करीब 2500 वर्ष पुराना बताया जाता है। गोरखपुर विश्वविद्यालय व अन्य उच्च शिक्षण संस्थाओं को इस पर शोध करना चाहिए। जीवन की व्यावहारिकता ही वास्तविक ज्ञान मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मनीषा ने ज्ञान परम्परा को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रखा था। उसमें व्यावहारिकता को पर्याप्त महत्व दिया गया। जीवन की व्यावहारिकता ही वास्तविक ज्ञान है। इसी के अनुरुप महंत दिग्विजयनाथ जी ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थी। यह वह समय था जब देश परतंत्र था। उस समय गोरखपुर से लखनऊ का जुड़ाव एक पांटून पुल से था। हम लोगों में बहुत से लोगों ने आजादी की लड़ाई नहीं देखी, सिर्फ सुना है। पर, आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसके मुख्य महोत्सव हर घर तिरंगा अभियान में हर भारतीय पूरे उत्साह से जुड़ा। पीएम मोदी ने हम सबको राष्ट्रीयता से जुड़ने का मंच देते हुए महोत्सव को नई ऊंचाई दी। गोरखपुर को नॉलेज सिटी के रूप में आगे बढ़ाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना करने के साथ ही महंत दिग्विजयनाथ ने महिला महाविद्यालय पॉलिटेक्निक आयुर्वेद कॉलेज संस्कृत कॉलेज की प्रकल्प शुरू किए थे। इसके साथ ही समाज हित में परिषद के संसाधन गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए समर्पित कर दिए थे। आगामी 10 वर्ष में यह परिषद अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा। यह अवसर संस्थापकों के प्रति कृतज्ञ कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए नई रूपरेखा बनाने का अवसर है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोरखपुर

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हर नगर को खास पहचान दिलाने की मुख्यमंत्री की अनूठी पहल

लखनऊ | उत्तर प्रदेश का हर नगर, हर कस्बा अपना जन्मदिन मनाएगा। स्थानीय नागरिक हों या कि जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, सब मिलजुलकर अपने शहर का जन्मदिन मनाएंगे। नगरों की विशिष्ट विशेषताओं को उद्घाटित करते हुए देश में उनकी अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अनूठी पहल करते हुए ‘नगर सृजन दिवस’ मनाए जाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद नगरों के अस्तित्व में आने के संबंध में प्रमाणिक तिथि (जन्म दिवस) तलाशने की तैयारी शुरू हो गई है। नगर विकास विभाग द्वारा जारी इस विशेष कार्यवाही के दौरान न केवल शहर से जुड़ी न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को तिथिवार लिपिबद्ध किया जाएगा, बल्कि ऐतिहासिक, पौराणिक, विरासत स्थल, पार्कों को सूचीबद्ध करने, नगर के महापुरूषों से संबंधित प्रेरक प्रसंगों को संकलित करने, नगर के आर्थिक विकास के परिचायक उत्पादों, उद्योगों की नगर की पहचान की मुख्य अवयवों में समाहित करने, नगर के पर्यावरण पारिस्थितिकी के प्रति लोगों को जागरुक करने एवं उत्सव के दौरान नगर की स्वच्छता एवं सौन्दर्यीकरण हेतु कार्ययोजना भी तैयार है। नगर सृजन दिवस मनाए जाने के पीछे सीएम योगी की मंशा नगर के इतिहास, संस्कृति एवं सभ्यता के प्रति नागरिकों के अन्दर गौरव की अनुभूति जागृत करने तथा नगर के विशिष्ट पहचान सुनिश्चित करने की है। प्रामाणिक तिथि तय होने के बाद धूमधाम से हर साल विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। नगर के जन्म दिवस पर शहर के ऐतिहासिक स्थलों, पार्कों इत्यादि पर राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत के साथ ध्वजारोरण भी किया जाएगा। यही नहीं, उत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ लोककला, साहित्य, संस्कृति से जुड़े लोगों के साथ-साथ स्वतन्त्रता सेनानी, भूतपूर्व सैनिक, महत्वपूर्ण खिलाड़ी, बुद्धिजीवियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। योजना है कि इस खास कार्यक्रम में नगर के ऐतिहासिक तथ्यों, महापुरूषों से संबंधित प्रेरक प्रसंगों को भी समाहित किया जाए। एक सप्ताह तक निकाय में इनकी फोटो प्रदर्शनी लगाई जाएगी। अतीत से वर्तमान तक से होगा सीधा साक्षात्कार नगर सृजन दिवस पर शहर के अतीत से जुड़े पन्ने तो पढ़े ही जाएंगे, संबंधित निकाय द्वारा बीते वर्ष नागरिक सुविधाओं के लिए किये गये प्रमुख कार्यों तथा आगामी वर्ष में किये जाने वाले प्रमुख कार्यों से संबंधित तथ्यों को भी रेखांकित किया जाएगा। यहां नागरिक सुविधाओं के कैंप भी लगाए जाएंगे। साथ ही, नगर की आर्थिक विकास के विशिष्ट पहचान वाले उद्योगों, उत्पादों को नगर की पहचान के मुख्य अवयव के रूप में ब्रांडिंग की भी योजना है। स्वच्छ-हरित शहर के संकल्प से आम जन को जोड़ते हुए इस कार्यक्रम में नगर के पर्यावरण परिस्थितिकी जैसे नदियाँ, वाटरबॉडीज, ग्रीनफारेस्ट, बायो-डायवरसिटि को संरक्षित करने के विषय में भी कार्यक्रम होंगे तथा इनके किनारे विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा।

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योगी की अगुआई में देश ही नहीं दुनियां में सिरमौर बनेगा यूपी

गोरखपुर | लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की मुक्तकंठ सराहना करते हुए कहा कि आज दुनिया के लिए उत्तर प्रदेश सबसे शानदार आर्थिक गंतव्य है। बड़े से बड़े देश भी आर्थिक गंतव्य चुनने के लिए उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचार एवं दूरदृष्टि का परिणाम है। उत्तर प्रदेश में हर नौजवान को रोजगार मिलेगा, किसान समृद्ध होगा। यह प्रदेश देश ही नहीं दुनिया का सिरमौर बनेगा। लोकसभा अध्यक्ष शनिवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 90वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर आयोजित पारितोषिक वितरण कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल वैभवपूर्ण संस्कृति, अध्यात्म व कठोर परिश्रम के लिए ख्यातिलब्ध है बल्कि आज विकास की दृष्टि से दुनिया का सबसे तेजी से आगे बढ़ता हुआ राज्य है। नए विचार रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में उत्तर प्रदेश में उद्योग, सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आदि सभी क्षेत्रों में लंबा दृष्टिकोण बनाकर काम किया है। उत्तर प्रदेश कई देशों को मिलाकर भी बड़ा है। आज यहां शांति है मजबूत कानून व्यवस्था है, न्याय, समानता व समतामूलक समाज है। जहां शांति रहती है, वही प्रगति व खुशहाली भी आती है। यही कारण है कि कानून का राज और शांति होने के चलते दुनिया के लोग आर्थिक गंतव्य के लिए उत्तर प्रदेश को चुनते हैं। यहां के मुख्यमंत्री की सोच है कि यह प्रदेश आर्थिक दृष्टि से मजबूत होकर रोजगार देने वाला सबसे बड़ा प्रदेश भी बने। जबकि एक समय तक सर्वाधिक पलायन उत्तर प्रदेश से ही होता था। उत्तर प्रदेश के युवाओं को यहीं की धरती पर काम मिले और उनकी क्षमता का लाभ प्रदेश को मिले, उसी दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आर्थिक तंत्र को आगे बढ़ा रहे हैं। काबिले तारीफ रहा योगी के कोरोना प्रबंधन का मॉडल लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला ने कोरोना प्रबंधन को लेकर भी सीएम योगी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौरान न केवल डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व कोरोना योद्धाओं का हौसला बढ़ाया बल्कि खुद कोरोना पीड़ित होने के बावजूद लोगों के बीच जाकर उनका साहस बढ़ाते रहे। कोरोना संकट में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ काम किया। चिकित्सा के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी तय मानकों पर उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहे, इसी नई सोच से यहां काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को जी-20 का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है। इसमें यूपी में भी कई कार्यक्रम होंगे। उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। यहां 76 फीसद सरफेस वाटर सिंचन होता है, लक्ष्य 100 फीसद का है। जी-20 के माध्यम से हम कृषि उत्पादों और उनका मूल्य संवर्धन कर किसानों को आर्थिक रूप से और समृद्ध कर सकेंगे। भारत के युवाओं में अद्भुत क्षमता लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया में भारत की बदलती पहचान में युवाओं की बड़ी भूमिका है। भारत के युवाओं में चिंतन, नवाचार की अद्भुत क्षमता है। भारत को विकसित व समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने समृद्ध विरासत, स्वामी विवेकानंद, मदन मोहन मालवीय और महंत दिग्विजयनाथ जैसे महान व्यक्तित्व व उनसे मिली प्रेरणा को भी याद रखना होगा। आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक है गोरक्षनगरी लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला ने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ की तपोभूमि गोरक्षनगरी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक है। नाथ संप्रदाय के योगियों ने धर्म, संस्कृति को मुगल शासकों के आक्रमण से बचाया। आजादी के आंदोलन में जब मदन मोहन मालवीय जी ने संस्कारप्रद व समग्र व्यक्तित्व विकास वाली शिक्षा के विचार दिए तब महंत दिग्विजयनाथ जी ने उसी अनुरूप महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर राष्ट्रीयता व समग्र व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देने वाली शिक्षा का बीजारोपण किया। महिला शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि व आयुर्वेद शिक्षा पर भी ध्यान दिया। आज इस परिषद का विस्तार 52 शिक्षण संस्थाओं तक हो चुका है। युवाओं को प्रेरणा देने के लिए परिषद का नामकरण राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप के नाम पर किया।

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