Thelokjan

site logo

December 16, 2022

सीएम योगी ने पशुपालन विभाग को दिए गौ संरक्षण केंद्रों के रख रखाव के निर्देश

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ-संरक्षण केंद्रों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के दिशा-निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं प्रदेश के गौ-संरक्षण केंद्रों में पशुओं के चारे, पानी, सुरक्षा, सफाई की पूरी व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा है। सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गौशालाओं की व्यवस्था की गई है, जहां पशुओं की देखभाल की जाती है। इसके अलावा बेसहारा पशुओं को संरक्षण देने के लिए व्यक्तिगत तौर पर भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनके लिए चारे से लेकर सभी तरह की व्यवस्थाओं के लिए सीएम के स्पष्ट निर्देश हैं और एक बार फिर उन्होंने व्यवस्था को चाक चौबंद करने के आदेश दिए हैं। चारे से लेकर चिकित्सा तक हों सारे प्रबंध सीएम योगी ने पशुपालन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने तथा स्वास्थ्य की देखभाल के पुख्ता इंतजाए किए जाएं। उनके लिए चारे का उपयुक्त प्रबंध हो और उनकी दवाएं व चिकित्सा के अन्य साधन उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही 31 जनवरी 2023 तक समस्त गोआश्रय स्थलों को पूर्ण कर लिया जाए और क्रियाशील कर 31 मार्च 2023 तक संरक्षित करना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा गो आश्रय पोर्टल पर डाटा दैनिक रूप से अपडेट किया जाय। डिस्ट्रीक्ट प्रोजेक्ट मॉनीटीरिंग यूनिट की स्थापना जिन जनपदों में नहीं हुई है, तत्काल स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। भरण-पोषण के लिए उपलब्ध कराई गई धनराशि को यू सी प्रेषित करें। गोशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रयास किया जाए। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में 11,13,035 कुल निराश्रित गोवंश हैं,। इनमें 9,05893 कुल संरक्षित गोवंश हैं। प्रदेश में 49 जनपदों में गोआश्रय स्थल बनाया गया है। पशुओं को सहारा देने वाले किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित राज्य सरकार द्वारा 2012 में की गई पशुगणना के अनुसार यूपी में 205.66 लाख गोवंश हैं जिनमें से 11 लाख से ज्यादा गोवंश बेसहारा या निराश्रित हैं। किसान अगर 10 पशुओं को सहारा देता है, तो प्रतिदिन के हिसाब से वह 300 रूपये कमा सकता है। और हर महिना 9 हजार की अतिरिक्त आय किसान को मिलेगी। इस योजना से सामाजिक सहभागिता बढ़ेगी व निराश्रित व बेसहारा गोवंश की संख्या में कमी आएगी। यह योजना किसानों व पशुपालकों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बना सकेगी।

सीएम योगी ने पशुपालन विभाग को दिए गौ संरक्षण केंद्रों के रख रखाव के निर्देश Read More »

गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोल रही पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलें

गोरखपुर | दशकों तक बंद पड़ी रहीं पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलें योगी सरकार की पहल पर अत्याधुनिक स्वरूप में गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोल रही हैं। वैश्विक मांग वाली सल्फर मुक्त चीनी बनाने के साथ ये मिलें खुद बिजली उत्पादन तो करती ही हैं, मिलों ने सरकार के मार्गदर्शन में विगत वर्षों में शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान भी कर दिया है। इतना ही नहीं, चालू पेराई सत्र में 30 नवंबर तक की गन्ना आपूर्ति का भुगतान करने के साथ दिसंबर प्रथम सप्ताह तक की आपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पिपराइच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम की नई चीनी मिल ने गत चार वर्षों (2018-19 से लेकर 2021-22 तक) में 320 करोड़ 35 लाख 41 हजार रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को किया है। इसी प्रकार मुंडेरवा की मिल ने कुल 380 करोड़ 36 लाख 37 हजार रुपये का भुगतान किया है। यह भुगतान गन्ना आपूर्ति करने वाले सभी किसानों के लिए शत प्रतिशत है। उप गन्ना आयुक्त श्रीमती उषा पाल बताती हैं कि चालू पेराई वर्ष (2022-23) में भी पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलों ने 30 नवंबर तक की गई गन्ना खरीद का भुगतान किसानों के बैंक खातों में भेज दिया है। पिपराइच चीनी मिल ने 15 दिसंबर तक 8422 किसानों से 5.55 लाख क्विंटल गन्ना क्रय किया है। इसका कुल मूल्य 19.19 करोड़ रुपये है जिसमें से 30 नवंबर तक की खरीद के एवज में 1.60 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार मुंडेरवा चीनी मिल ने 7794 किसानों से 3.57 लाख क्विंटल गन्ना क्रय किया। 30 नवंबर तक की आपूर्ति के सापेक्ष 82.78 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। गन्ना आपूर्ति में तेजी दिसंबर प्रथम सप्ताह से आई है और इसके भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। गत वर्षों में गन्ना खरीद एवं मूल्य भुगतान पिपराइच चीनी मिल वर्ष आपूर्ति कृषक संख्या भुगतान 2018-19 2.92 2445 933.01 2019-20 45.33 27147 14523.01 2020-21 25.00 19683 8017.39 2021-22 24.83 17782 8562.00 मुंडेरवा चीनी मिल वर्ष आपूर्ति कृषक संख्या भुगतान 2018-19 0.50 995 158.00 2019-20 44.18 33058 13986.19 2020-21 34.70 29717 10995.47 2021-22 37.63 27709 12896.71 (नोट : आपूर्ति लाख क्विंटल तथा भुगतान लाख रुपये में) पिपराइच व मुंडेरवा में नई चीनी मिल का श्रेय योगी को पिपराइच में 1932 में एक निजी क्षेत्र की चीनी मिल लगाई गई थी।1974 में उसका अधिग्रहण हुआ लेकिन मिल 1999 में बंद हो गई। इसी तरह बस्ती के मुंडेरवा में भी निजी क्षेत्र की चीनी मिल 1932 में लगी, 1984 के अधिग्रहित हुई लेकिन 1999 में यह भी बंद हो गई। बंद मिलों को चलाने के लिए बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ हमेशा आवाज बुलंद करते रहे। पर, तत्कालीन सरकारें इस जनसरोकारी मुद्दे पर आंख मूंदे रहीं। 2017 में सूबे की कमान संभालने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने नई चीनी मिलों की सौगात देकर किसानों का दिल जीत लिया। यह मिलें गन्ने से चीनी बनाने के साथ ही उसके बाई प्रोडक्ट से बिजली भी पैदा करती हैं। यही नहीं, सीएम योगी ने 9 दिसंबर 2020 को दोनों मिलों में सल्फर मुक्त चीनी प्लांट का भी लोकार्पण कर इन्हें मॉडल मिल बना दिया। दोनों मिलों की क्षमता प्रतिदिन 50 हजार क्विंटल गन्ना पेराई की है जो पुरानी मिलों से छह गुना अधिक है।

गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोल रही पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलें Read More »