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March 16, 2023

भिखारी मुक्त काशी अभियान में जुटी योगी सरकार

वाराणसी | जी 20 सम्मेलन के पहले काशी भिखारियों से मुक्त दिखेगी। योगी सरकार इसके लिए अभियान चला रही है। जी 20 सम्मेलन के लिए दुनिया के 20 ताकतवर देशों के मेहमान काशी में जुटेंगे। विश्व में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक पहचान रखने वाली काशी अपने नाम के अनुरूप दिखे इसके लिए योगी सरकार काशी का कायाकल्प कर रही है। सरकार भिखारी मुक्त काशी अभियान चला रही है। जिससे जी 20 के मेहमानों के साथ ही दुनिया भर से आने वाले पर्यटक काशी की अच्छी छवि साथ लेकर जाए। भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों की पहचान ,संरक्षण काउंसलिंग व पुनर्वास, करा रही है। भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी काशी में पूरे विश्व से सदियों से पर्यटकों आते रहे है। काशी के कायाकल्प और नव्य भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद दुनिया भर के पर्यटकों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। जी -20 समेलन में काशी आने वाले विशिष्ट मेहमान व पर्यटक काशी की ख़राब छवि साथ न ले जाए इसके लिए योगी सरकार काशी को भिखारियों से मुक्त रही है। जिला समाज कल्याण अधिकारी जीआर प्रजापति ने बताया कि इस अभियान में थानेवार 6 टीम लगी है, जिसमे अलग अलग विभागों के 8 से अधिक सदस्य हैं। खासतौर पर मंदिरों, घाटों और अन्य भिख मांगने वाले जगहों पर अभियान चलाया जा रहा है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम 1975 के तहत भिक्षा मांगना अपराध है। इसके लिए भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को स्वाभिमान पढ़ाने के साथ ही उनकी काउन्सलिंग की जा रही, जिससे दोबारा भिक्षा न मांगे, लावारिस व दिव्यांगजन अशक्त भिक्षा मांगने वालों को स्वयं सेवी संस्था अपना घर आश्रम में, वृद्ध भिक्षुकों को वृद्धाश्रम में, अस्थायी रूप से रेस्क्यू किये गए भिक्षुकों को शेल्टर होम रखा जा रहा है। दूसरे जिले के भिक्षुकों को उनके गृह जिले में भेजा जा रहा है। भिखारियों का चिह्नीकरण, डाटा संकलन के साथ उनको सचेत किया जा रहा है। पुलिस विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है की कोई भी भिक्षा मांगने के लिए किसी भी स्थान पर बैठा न मिले, पुलिस लगतार पेट्रोलिग करके ये सुनिश्चित करा रही है।

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रबी फसलों से अच्छी पैदावार की उम्मीद, योगी सरकार 80 हजार ग्राम पंचायतों में करा रही क्रॉप कटिंग एक्सपेरीमेंट

लखनऊ | प्रदेश में इस साल रबी की फसलों से न सिर्फ किसानों को बल्कि सरकार को भी अच्छी खासी उम्मीद बंधी है। इसे देखते हुए योगी सरकार तकरीबन 80 हजार ग्राम पंचायतों में 3 लाख से ज्यादा क्रॉप कटिंग प्रयोग करा रही है। क्रॉप कटिंग प्रयोग को केंद्र सरकार द्वारा निर्मित सीसीई एग्री ऐप से शत प्रतिशत कराया जाना है, जिसे प्रदेश के राजस्व विभाग के कर्मचारी संपादित करेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश में रबी की फसलों की कटाई का समय 25 फरवरी से शुरू हो चुका है, जोकि 10 मई तक चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर हफ्ते फसलों की कटाई को लेकर समीक्षा बैठक करें। 79,622 ग्राम पंचायतों में कुल 3.18 लाख क्रॉप कटिंग प्रयोग उत्तर प्रदेश में 2022-23 के रबी सीजन की फसलों की कटाई का दौर शुरू हो चुका है। सरकार का आंकलन है कि इस बार सभी फसलों की स्थिति अच्छी है। वर्तमान में लाही-सरसों, आलू, मसूर, चना, अलसी, जौ एवं गेहूं की कटाई का सीजन चल रहा है। पैदावार के वास्तविक आंकड़े ज्ञात करने के लिए योगी सरकार क्रॉप कटिंग प्रयोग शुरू करा चुकी है। प्रयोग से उपलब्ध होने वाले आंकड़ों के हिसाब से सरकार उपज का ठीक ठीक आंकलन कर सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की 79,622 ग्राम पंचायतों में कुल 3.18 लाख क्रॉप कटिंग प्रयोग कराये जा रहे हैं। इसके लिए राजस्व परिषद् की ओर से पहले ही निर्देश जारी किये जा चुके हैं। दो दिन पहले ही मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने भी क्रॉप कटिंग प्रयोगों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की है। इस दौरान उन्हें बताया गया कि 3.18 लाख प्रयोगों के सापेक्ष अबतक 3742 प्रयोगों का संपादन सीसीई एग्री ऐप के जरिये पूरा किया जा चुका है। क्रॉप कटिंग प्रयोग के लिए हर किसान को मिलेगी क्षतिपूर्ति प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित होने वाले क्रॉप कटिंग प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों की शुद्धता के लिए कृषि, राजस्व एवं विकास विभाग के अधिकारियों को जिलाधिकारियों द्वारा नामित किया जा चुका है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रदेश में इम्पैनल्ड बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी क्रॉप कटिंग प्रयोगों का अवलोकन किया जा रहा है। यही नहीं क्रॉप कटिंग के लिए प्रति प्रयोग पर लेखपाल को 80 रुपए मानदेय, मजदूर को 80 रुपए की मजदूरी और किसान को 100 रुपए की क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री की ओर से इस बारे में भी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि लेखपाल द्वारा चयनित किसानों से वार्ता करके ही क्रॉप कटिंग प्रयोग किये जाएं। कृषकों को क्रॉप कटिंग की तिथि से पहले ही अवगत करा दिया जाए। सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तय समय में क्रॉप कटिंग से प्राप्त आंकड़ों को फसल वैरायटी के अनुसार परीक्षण एवं अनुमोदन करने के बाद ही राजस्व परिषद् और कृषि निदेशालय को भेजा जाए। किसी विशेष परिस्थिति को छोड़कर राजस्व कर्मियों की ड्यूटी अन्य कार्यों में ना लगाई जाए। क्यों कराया जाता है क्रॉप कटिंग प्रयोग बता दें कि क्रॉप कटिंग प्रयोग, एक दिए गये खेती चक्र के दौरान किसी फसल या क्षेत्र की उपज का सटीक अनुमान लगाने के लिए सरकारों और कृषि निकायों द्वारा किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य फसली क्षेत्र की उपज का निर्धारण करना, क्षेत्र विशेष में उपजी फसल का आंकलन, किसी विशेष वर्ष में कमी होगी या अधिशेष, इसका आंकलन भी क्रॉप कटिंग प्रयोगों के जरिए सरकार पता लगाती है। साथ ही इससे यह निर्धारित करने में भी मदद मिलती है कि किसी विशेष फसल का आयात या निर्यात किया जाना है या नहीं।

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हरी खाद के लिए 50 फीसद अनुदान पर 30 हजार कुंतल ढैचा बीज मुहैया कराएगी योगी सरकार

लखनऊ, 16 मार्च हरी खाद भूमि के लिए संजीवनी साबित हो रही है। पिछले दो दशकों के दौरान किसान हरी खाद (ढैचा, सनई, उड़द एवं मूंग) की उपयोगिता को लेकर जागरूक हुए हैं। लिहाजा इनके बीजों की मांग भी बढ़ी है। प्राकृतिक एवं जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार भी भूमि में कार्बनिक तत्वों को बढ़ाने के लिए हरी खाद को प्रोत्साहित कर रही है। इन सबमें हरी खाद के लिहाज से सबसे उपयोगी ढैचा ही है। यही वजह है कि सरकार खरीफ के सीजन में प्रदेश के किसानों 50 फीसद अनुदान पर 30 हजार कुंतल ढैंचा बीज उपलब्ध कराएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी ढैचे के बीज पर ही इतना ही अनुदान था। तब प्रति कुंतल दाम 54.65 पैसे निर्धारित किया गया था। उम्मीद है कि इस साल भी दाम लगभग पिछले साल के ही आसपास रहेंगे। जिन प्रगतिशील किसानों को यह डिमांस्ट्रेशन के बाबत दिये गये थे उनको 90 फीसद अनुदान देय था। उर्वरता के साथ भूमि की जलधारणा, वायुसंचरण व लाभकारी जीवाणुओं में होती है वृद्धि उप निदेशक कृषि जयप्रकाश के अनुसार सनई एवं ढैचा जैसी फसलों की जड़ों में ऐसे जीवाणु होते हैं जो हवा से नाइट्रोजन लेकर मिट्टी में स्थिर कर देते हैं। इसका लाभ अगली फसल को मिलता है। उनके मुताबिक कार्बनिक तत्व मिट्टी की आत्मा होते हैं। भूमि में ऑर्गेनिक रूप से इसे बढ़ाने का सबसे आसान एवं असरदार तरीका है हरी खाद। कार्बनिक तत्वों की उपलब्धता खुद में सभी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होती है। साथ ही यह रासायनिक खादों के लिए भी उत्प्रेरक का काम कर उसकी क्षमता को बढ़ाती है। अगली फसल में खर-पतवारों का प्रकोप भी कम हो जाता है। इससे उर्वरता के अलावा संबंधित भूमि में जलधारणा, वायुसंचरण व लाभकारी जीवाणुओं में वृद्धि होती है। लगातार फसल चक्र में इसे स्थान देने से क्रमशः भूमि की भौतिक संरचना बदल जाती है। बोआई के 6 से 8 हफ्ते बाद पलट दें फसल इफको के मुख्य क्षेत्र प्रबंधक डा. डीके सिंह के अनुसार अगर हरी खाद के लिए सनई, ढैचा बोया गया है तो फसल की पलटाई बोआई के लगभग 6-8 हफ्ते बाद फूल आने से पहले कर लें। इसके बाद खेत में पानी में लगा दें। फसल का ठीक तरीके से और जल्दी डीकंपोजिशन (सड़न) हो, इसके लिए फसल पलटने के बाद और सिंचाई के पहले प्रति एकड़ 5 किलोग्राम यूरिया का बुरकाव भी कर सकते हैं। फसल के अवशेष करीब 3-4 हफ्ते में सड़ जाते हैं। इसके बाद अगली फसल की बोआई करें। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए सनई उपयुक्त होती है। एक हेक्टेअर में 80-100 किग्रा बीज लगता है। ढैचा की बोआई कम या अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में की जा सकती है। प्रति हेक्टेअर खेत में 60-80 किग्रा बीज लगता है। बोआई का समय और हरी खाद की फसलें सिंचाई की सुविधा होने पर खाली खेत में अप्रैल से जून के बीच कभी भी इसकी बोआई की जा सकती है। सनई, ढैचा, मूंग, उड़द आदि हरी खाद के कारगर विकल्प हैं। उपलब्धता व जरूरत के अनुसार इनमें से किसी का भी चयन कर सकते हैं। इसमें से ढैचा एवं सनई हरी खाद के लिहाज से सर्वाधिक उपयुक्त हैं। मूंग एवं उड़द की बोआई से हरी खाद के साथ प्रोटीन से भरपूर दलहन की अतिरिक्त फसल भी संबंधित किसान को मिल जाती है। अलबत्ता इनके लिए खुद का सिंचाई का संसाधन होना जरूरी है। प्रति हेक्टेअर 15-20 किग्रा बीज की जरूरत होती है।

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अपराधियों से लोहा लेने में सबसे आगे है योगी की मेरठ पुलिस

लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेरठ पुलिस जीरो टाॅलरेंस नीति के तहत उत्तर प्रदेश के अपराधियों से लोहा लेने और उन्हें ठिकाने लगाने में सबसे आगे है। मेरठ पुलिस और अपराधियों के बीच वर्ष 2017 से अब तक सबसे ज्यादा 3152 एनकाउंटर हुए हैं, जिसमें 63 अपराधियों को ढेर किया गया जबकि 5967 अपराधियों को एनकाउंटर के दौरान धर दबोचा गया। वहीं यूपी पुलिस की कार्रवाई के दौरान 1708 अपराधी घायल हुए हैं। इन मुठभेड़ों में पुलिस के 401 जवान घायल भी हुए हैं, जबकि 1 बहादुर पुलिसकर्मी शहीद भी हुआ है। विदेशों में भी हो रही अपराध और भय मुक्त उत्तर प्रदेश की चर्चा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की बागडोर सम्भालते ही सबसे पहले क़ानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का बीड़ा उठाया। इसके लिए योगी सरकार ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य करते हुए प्रदेश की क़ानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया, जिसका नतीजा रहा कि यूपी पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज की और पिछले छह वर्षों में दस हज़ार से अधिक एनकाउंटर किये, जो यह दर्शाता है कि यूपी में योगी सरकार के आने के बाद प्रदेश में अपराधियों के लिये कोई जगह नहीं है। प्रदेश में सिर्फ़ उनकी जगह जेल है या फिर दूसरे लोक में है। पुलिस की इस कार्रवाई से जो प्रदेश कभी लचर कानून व्यवस्था और माफियाओं के अत्याचार के लिए जाना जाता था, आज वह उत्तर प्रदेश अपराध और भय मुक्त प्रदेश के रूप में देश ही नहीं विदेशों में जाना जाता है। एनकाउंटर में दूसरे नंबर पर आगरा पुलिस जीआईएस-23 के इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत दिग्गज नेताओं और निवेशकों ने यूपी की कानून व्यवस्था की जमकर तारीफ की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश में 34.09 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आने का सबसे बड़ा श्रेय यूपी पुलिस को दिया है। यूपी पुलिस ने इस मुकाम को यूं ही नहीं हासिल किया बल्कि इसके पीछे अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों पर नकेल कसने की चरणबद्ध तरीके से अपनाई गई योजना का असर है। इसमें यूपी पुलिस की सबसे बड़ी रणनीति एनकाउंटर ने अपराधियों में भय पैदा कर दिया, जिसके बाद वह प्रदेश से पलायन करने लगे। यूपी पुलिस ने वर्ष 2017 से अब तक 10713 एनकाउंटर किये, जिसमें पहले नंबर पर मेरठ है। वहीं दूसरे नंबर पर आगरा पुलिस है, जिसने कुल 1844 एनकाउंटर में 4654 अपराधियों को गिरफ्तार किया जबकि 14 दुर्दांत अपराधी मारे गये। आगरा पुलिस की इस कार्रवाई में 258 अपराधी पैरों में गोली खाकर जेल में अपने कुकर्मों की सजा भुगत रहे हैं। इस दौरान 55 जांबाज पुलिस कर्मी घायल हुए। यूपी पुलिस की इन कार्रवाई में तीसरे नंबर पर बरेली पुलिस का नाम आता है, जहां बरेली पुलिस ने 1497 एनकाउंटर किये, जिसमें 3410 अपराधियों को दबोचा गया जबकि 7 की मौत हो गई। इस दौरान पुलिस कार्रवाई में 437 अपराधी घायल हुए। इन कार्रवाई में 296 बहादुर पुलिस कर्मी घायल हुए जबकि 1 बहादुर जवान शहीद हो गया।

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संसद हंगामे के बीच भारत लौटे राहुल गाँधी, कुछ देर में करेंगे प्रेस कांफ्रेंस

नई दिल्ली | राहुल गांधी के ब्रिटेन में दिए बयान को लेकर संसद में हंगामा मचा हुआ है। इसी बीच राहुल गांधी ब्रिटेन दौरे से भारत लौट आए हैं। वे गुरुवार को संसद पहुंचे। वे थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाल ही में ब्रिटेन दौरे पर पहुंचे थे यहां उन्होंने कैम्ब्रिज समेत तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। राहुल गांधी के ब्रिटेन दौरे पर दिए गए बयानों को लेकर भारत में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। संसद में भी पिछले दो दिनों से राहुल के मुद्दे पर कांग्रेस और सत्ताधारी बीजेपी आमने सामने है। जहां बीजेपी राहुल से माफी मांगने के लिए कह रही है, तो वहीं कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि राहुल के बयान पर माफी का कोई सवाल ही नहीं है। राहुल के ही इन बयानों पर मचा बवाल – राहुल ने लंदन में जर्नलिस्ट एसोसिएशन नाम के संगठन की ओर से आयोजित कार्यकम में कहा था, ”यदि यूरोप से तीन या 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र खत्म हो जाता है, तो आप कैसे रिएक्ट करेंगे। असल में भारत में ऐसा हो चुका है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। इसकी वजह यह है कि कारोबार और पैसे का मामला है. अमेरिका से आबादी में तीन से 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है और इसकी रक्षा करने का दावा करने वाले अमेरिका और यूरोप चुपचाप देख रहे हैं.” राहुल ने कहा था, विपक्ष के तौर पर हम लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह अकेले भारत की जंग नहीं है. यह पूरे लोकतंत्र का एक संघर्ष है। राहुल के इसी बयान पर बीजेपी उनपर निशाना साध रही है। इससे पहले राहुल ने कैम्ब्रिज में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। हम लोग एक निरंतर दबाव महसूस कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं पर केस किए जा रहे हैं। मेरे ऊपर कई केस किए गए. ऐसे मामलों में केस किए गए, जो बनते ही नहीं। हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो गया है. दलित और अल्पसंख्यकों पर, आदिवासियों पर हमले हो रहे हैं।  

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छात्रों को मिला 62 लाख रुपये का जॉब ऑफर, औसत वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि

भुबनेश्वर | कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर ने स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी के 2023 के स्नातक बैच के लिए चल रहे कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में औसत वेतन पैकेज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस साल औसत सीटीसी 8.5 लाख रुपये को पार कर गया है, जबकि कैंपस प्लेसमेंट में छात्रों को दिए जाने वाले वेतन के मामले में कीट को शीर्ष राष्ट्रीय संस्थानों की लीग में नाम दर्ज कराते हुआ अधिकतम 62 लाख रुपये तक पहुंच गया है। 2800 योग्य बीटेक छात्रों के बैच के लिए 280 कंपनियों द्वारा पहले से ही 3600 नौकरी की पेशकश के साथ किट एक बार फिर शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल करने के लिए तैयार है। पूर्ण रूप से, 92% से अधिक बैच के 2600 छात्रों को पहले ही प्लेसमेंट ड्राइव में नौकरी की पेशकश मिल चुकी है जो पिछले साल मई में शुरू हुई थी। 1100 से अधिक छात्रों को कई नौकरी के प्रस्ताव मिले हैं। इस वर्ष अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट प्रदर्शन ने संस्थान के अभिभावकों और छात्रों के बीच खुशी बढ़ा दी है, जो अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। प्रख्यात शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर अच्युत सामंत द्वारा स्थापित, कीट शैक्षणिक समुदाय में सबसे अधिक छात्र-हितैषी, उनके अभिवावक और कर्मचारियों के अनुकूल परिसर के रूप में यह जाना जाता है। यह भारत के लगभग सभी राज्यों के अलावा 65 से अधिक देशों के विदेशी छात्रों को आकर्षित कर रहा है। कीट ने 1997 में उच्च शिक्षा के एक संस्थान के रूप में आकार लिया और तब से, मैक्रोइकॉनॉमिक और जॉब मार्केट परिदृश्यों के बावजूद, यह सभी शैक्षणिक कार्यक्रमों में सातप्रतिसत प्लेसमेंट दर्ज कर रहा है। त्रुटिहीन अकैडमिक वंशावली और नियमित रूप से अद्यतन पाठ्यक्रम के साथ एक उच्च गुणवत्ता वाली फैकल्टी टीम यह सुनिश्चित करती है की छात्रों के पास सबसे प्रासंगिक व्यवहार ज्ञान हो। एक अविनव शिक्षण सीखने के लिए प्रक्रिया और वेसिक प्रदर्शन उन्हें आज के तेजी से बदलते तकनीक – व्यावसायिक वातावरण में उद्योग के लिए तैयार और उच्च प्रदर्शन करने वाला बनाते हैं। 2004 में भारत सरकार द्वारा कीट को डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किए जाने के बाद कीट ने देश में व्यावसायिक शिक्षा को फिर से परिभाषित किया है और शिक्षाशास्त्र और अनुसंधान के क्षेत्र में पढ़ाइको लेकर एक बेंचमार्क तैयार किया है। शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2022 ने इसे देश के 20वें – सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में रखा है। यह प्रतिष्ठित टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में विश्व स्तर पर 601 – 800 के समूह में अपना स्थान बरकरार रखा है। विश्वविद्यालय को एनएएसी द्वारा उच्चतम ए++ ग्रेड से भी मान्यता प्राप्त है। कीट एक बहु-विषयक अध्ययन विश्वविद्यालय है जिसमें 23 स्कूलों से 400+ से अधिक शैक्षणिक कार्यक्रम पेश किए जाते हैं। सिविल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल स्ट्रीम में बीटेक और एमटेक पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले पांच स्कूल कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी का गठन करते हैं। उनके शैक्षणिक कार्यक्रम वैश्विक मानकों से मेल खाते हैं और आईईटी, यूके और एबीईटी, यूएसए द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। इस साल छात्रों ने उच्च सीटीसी कंपनियों के साथ अपने सपनों को पूरा किया। 82 कंपनियों ने 10 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक वेतन पैकेज की पेशकश करते हुए परिसर का दौरा किया। लगभग 1500 छात्रों को 15 लाख रुपये या उससे अधिक के सीटीसी के साथ “ड्रीम कंपनियों” में रखा गया। अन्य 1000 छात्रों को 10-15 लाख रुपये के वेतन पैकेज के साथ रखा गया। अकेले ‘डे जीरो’ ड्रीम कैंपस ड्राइव के परिणामस्वरूप शीर्ष पायदान बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा 1700 से अधिक छात्रों का प्लेसमेंट हुआ। ‘डे-वन’ कैंपस रिक्रूटमेंट ड्राइव के इस सीजन में चार कंपनियों एक्सेंचर, कॉग्निजेंट, कैपजेमिनी और टीसीएस से लगभग 700 जॉब ऑफर मिले। उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा जॉब मार्केट परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए यह एक बेहतरीन डे वन और डे जीरो कन्वर्जन है। कीट डीम्ड विश्वविद्यालय भारत में एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जो उद्योग में अग्रणी नामों के साथ सक्रिय रूप से एक अंतराप्रस्ट बनाता है। इससे कीट के छात्रों को विभिन्न राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्लेसमेंट की सुविधा मिल रही है। उदाहरण के लिए, एक फिनटेक कंपनी हाईरेडियस ने किट के सहयोग से कीट कैंपस में एक फिनटेक लैब की स्थापना की है, जिसमें 2000 से अधिक छात्रों को समर इंटर्नशिप की पेशकश की गई थी। इसके बाद 15,000 रुपये प्रति माह के वजीफे के साथ एक साल की अनुभवात्मक शिक्षण इंटर्नशिप दी गई। इनमें से पचास फीसदी छात्रों को पूर्ण रूप से नियुक्त किया गया। कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी के अन्य स्कूलों का प्लेसमेंट प्रदर्शन समान रूप से उज्ज्वल है। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में, जो प्रमुख एमबीए प्रोग्राम प्रदान करता है, कुल 300 छात्रों में से 230 छात्रों को पहले ही 50 कंपनियों से नौकरी की पेशकश मिल चुकी है। हर साल की तरह इस साल भी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल किया है। कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव हाल ही में स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और स्कूल ऑफ लॉ में शुरू हुई है और शुरुआती रुझान बहुत उत्साहजनक हैं। कीट का 350 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक गठजोड़ है, जो छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। कीट उच्च अध्ययन के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में हर साल लगभग 500 छात्रों की शैक्षणिक नियुक्ति की सुविधा प्रदान करता है। छात्रों को पीएचडी सहित उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए शीर्ष यूरोपीय और अमेरिकी विश्वविद्यालयों से स्थायी प्रस्ताव मिले हैं। कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव जोरों पर है और कई कंपनियों ने आने वाले महीनों में 2023 कैंपस रिक्रूटमेंट प्रोग्राम में भागीदारी की पुष्टि की है। उत्कृष्ट प्लेसमेंट प्रदर्शन के लिए भाग लेने वाली कंपनियों और टीम प्रशिक्षण और प्लेसमेंट को धन्यवाद देते हुए प्रोफेसर सरनजीत सिंह, प्रो-वाइस चांसलर, कीट ने कहा है कि, “हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि हम सभी योग्य छात्रों को करियर प्रदान करने में सक्षम होंगे और पिछले सभी वर्षों की तरह शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल करेंगे”।

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