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June 2024

Jharkhand News-बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण करेंगी:मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

राँची: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने राज्य में होने वाले मतदाता सूची के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर मीडिया से मुख़ातिब हुए। उन्होंने राज्य के नागरिकों से अनुरोध किया है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान नए पात्र मतदाता स्वयं को पंजीकृत करवाने या जिन मतदाताओं के पास पुराने लेमिनेटेड कार्ड है उसे अद्यतन कराने हेतु अपने बीएलओ के माध्यम से अथवा वोटर हेल्पलाइन ऐप पर आवेदन समर्पित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार राज्य में 25 जून से 24 जुलाई तक मतदाता सूची के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम का प्री-रिविज़न एक्टिविटीज किया जा रहा है। इसके तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण करेंगी साथ ही उच्च अधिकारियों द्वारा भी इसका भौतिक सत्यपन किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि 25 जुलाई को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन होगा जिसके उपरान्त 9 अगस्त तक मतदात इसमें सुधार हेतु दावा और आपत्ति समर्पित कर सकेंगे। जिसके उपरांत 20 अगस्त को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान मतदाताओं को जगरुक करने एवं मतदाता सूची में अपने नाम पंजीकृत करवाने अथवा मतदाता पहचान पत्र को अद्यतन कराने हेतु विभिन्न कैम्पेन भी चलाये जाएंगे। इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी देव दास दत्ता, उप निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार, अवर निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार सहित मुख्य निर्वाचन पादधिकारी कार्यालय के पदाधिकारी मौजूद थे।

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Jharkhand NEWS- वनपट्टा आवेदनों को जानबूझकर रद्द न करें: चम्पाई सोरेन

रांची: मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन आज श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के सभागार में आयोजित अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड के वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग समुदाय के लोगों को वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें उनका हक-अधिकार प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अबुआ वीर, अबुआ दिशोम अभियान के प्रत्येक बिंदुओं पर आज के इस कार्यशाला में विस्तृत चर्चा हुई है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह कार्यशाला झारखंड के लिए ऐतिहासिक और मिल का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वन अधिकार अधिनियम को सरल और पारदर्शी बनाकर झारखंड के वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग-समुदाय के लोगों को ग्राम सभा के निर्णय अनुसार सम्मान के साथ वनपट्टा प्रदान करें। ग्राम सभा के अनुशंसा के अनुरूप वनपट्टा हेतु मिले आवेदन में भूमि की मांग हेक्टेयर में हो या एकड़ में हम उतनी भूमि उन्हें प्राथमिकता के तौर पर उपलब्ध कराएंगे, इस लक्ष्य के साथ कार्य करने की जरूरत है। मजबूत इच्छाशक्ति जागृत कर अपने दायित्वों का निर्वहन करें अधिकारी मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इस कार्यशाला के बाद अबुआ वीर अबुआ दिशोम अभियान में तेजी आएगी। वनपट्टा वितरण में जो कमी रही है उसे इस अभियान के तहत पूरा करना ही मुख्य उद्देश्य है। मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा है कि लक्ष्य के अनुरूप अब वनपट्टा वितरण कार्य में राज्य सरकार अवश्य आगे बढ़ते हुए सफलता हासिल करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वन क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों के बीच सिर्फ वनपट्टा वितरण करना ही नहीं बल्कि उन्हें विकास के हर पहलुओं में जोड़ने की आवश्यकता है। सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से उन्हें मजबूत करना हमसभी की नैतिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी लोग मिलकर झारखंड में एक ऐसी व्यवस्था बनाएं, जहां ग्रामीण और शहरी लोगों के विकास में कोई भेदभाव नहीं हो, सबका एक समान विकास हो, देश में झारखंड विकास के मॉडल का एक बेहतर उदाहरण पेश कर सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों से आप सभी लोग वाकिफ हैं, बस जरूरत है अपने भीतर एक मजबूत इच्छाशक्ति जागृत करने की और अपने दायित्वों को निर्वहन करने की। वनपट्टा हेतु प्राप्त आवेदनों को जानबूझकर रद्द न करें मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम वर्ष 2006 में लागू हुआ है। इस अधिनियम के लागू हुए 18 साल हो चुके हैं फिर भी हमसभी लोग वन क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को वन भूमि का अधिकार उन्हें अभी तक देने में काफी पीछे हैं। झारखंड के विभिन्न कार्यालयों में वनपट्टा के हजारों आवेदन रद्द कर दिए गए हैं। यह आवेदन क्यों रद्द हुए हैं, इसका जवाब जनता को देना पड़ेगा। जो अधिकारी वनपट्टा हेतु प्राप्त आवेदनों को जानबूझकर रद्द करने का प्रयास करेंगे उन पर राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आज हमसभी लोग इस कार्यशाला में 2 डिसमिल और 3 डिसमिल भूमि का वनपट्टा आवेदकों को देने हेतु चर्चा करने के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं, बल्कि वनवासियों को उन्हें उनका पूरा अधिकार देने के संकल्प के लिए एकत्रित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन भूमि पर जिनका जितना अधिकार है उन्हें सम्मान पूर्वक उपलब्ध कराएंगे। वन क्षेत्र में रहने वाले परिवार उक्त भूमि पर कृषि कार्य कर चाहे धान की खेती हो, रवि फसल हो या वन उत्पाद हो, अपना जीवन यापन सम्मान के साथ कर सकें। अबुआ वीर अबुआ दिशोम एक महत्वपूर्ण अभियान मुख्यमंत्री ने कहा कि अबुआ वीर अबुआ दिशोम अभियान को हल्के में नही लेना है। यह एक महत्वपूर्ण और प्रभावी अभियान है। इस अभियान के तहत वन पट्टा दावों के निपटारे के लिए जो रोडमैप राज्य सरकार ने तैयार किया है उसे हर हाल में धरातल पर उतरना पड़ेगा। आज इस कार्यशाला में हम सभी जिम्मेदार लोग एकत्रित हुए हैं और हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन तत्परता और पूरी ईमानदारी के साथ करना पड़ेगा, तभी वन अधिकार अधिनियम कानून का लाभ यहां के आदिवासी और मूलवासी परिवारों को मिल सकेगा। हमारे पूर्वजों ने कोल्हान की धरती से हक अधिकार के लिए आंदोलन की शुरुआत की थी मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि झारखंड के आदिवासी-मूलवासियों ने जल, जंगल, जमीन सहित अपने हक अधिकारों की लड़ाई आज से तीन-चार सौ वर्ष पहले लड़ी थी। हमारे पूर्वजों ने कोल्हान की धरती से जल, जंगल, जमीन को संरक्षित करने के लिए एक बड़ा आंदोलन किया था। इस आंदोलन में न जाने कितने वीरों ने सीने पर गोली खाई थी। हमारे पूर्वजों के बलिदान और त्याग का ही प्रतिफल रहा है कि देश में वन अधिकार अधिनियम कानून लागू हुआ है। बरसों से की गई संघर्ष के बाद अंततः वर्ष 2006 में एएफआरए लागू किया जा सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सभी लोग जो घने जंगल देख रहे हैं इन जंगलों के संरक्षक भी हमारे आदिवासी-मूलवासी परिवार के लोग ही हैं। वन क्षेत्र में बने ग्राम समितियों के बदौलत ही जंगल को बचाया जा सका है। यहां के आदिवासी-मूलवासी बहुत ही सरल और साधारण स्वभाव के लोग हैं, लेकिन ये लोग कभी भी अपनी परंपरा, संस्कृति और अस्तित्व की सुरक्षा के लिए पीछे नहीं हटते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वर्गों का सर्वांगीण विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। कार्यशैली में बदलाव और सकारात्मक मानसिकता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत इस अवसर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री श्री दीपक बिरुआ ने कहा कि आज के इस कार्यशाला में एक गंभीर विषय पर हमसभी लोग चिंतन कर रहे हैं। वन अधिकार अधिनियम कानून वन क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को संरक्षित करने हेतु एक महत्वपूर्ण कड़ी है। वर्तमान समय में वन अधिकार अधिनियम कानून के उद्देश्य और भावनाओं को गहराई से समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम कानून वर्ष 2006 में बना, बावजूद उसके 18 साल बीत जाने के बाद भी आज हमसभी लोग इस कानून का

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Jharkhand News- अधिकारियों के अकर्मण्यता एवं ढुलमुल रवैया के कारण कंपनी गैरजिम्मेदारी से काम करती है: सीपी सिंह

रांची: आज झारखंड विधानसभा में रांची सहित राज्य में पाइपलाइन बिछाने तथा सीवरेज ड्रेनेज हेतु सड़क खोदने के पश्चात सड़क को पूर्ववर्ती स्थिति में लाने से संबंधित विशेष समिति की विभागीय बैठक में अधिकारियों से कम्पनियों द्वारा आधे अधूरे और मनमाने ढंग से काम करने को लेकर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने प्रश्न पूछा। झारखंड सरकार के अधिकारियों के अकर्मण्यता एवं ढुलमुल रवैया के कारण कंपनी गैरजिम्मेदारी से काम करती है जिसका खामियाजा रोज जनता भुगत रही है। बैठक में संबंधित अधिकारियों को पाइपलाइन बिछाने का काम कर रही कंपनियों से त्वरित समन्वय कर सड़क को मरम्मत कराने हेतु कड़ा निर्देश दिया। इस अवसर पर विशेष समिति के संयोजक विधायक मथुरा महतो एवं सदस्य विधायक रामचंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।

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JH- माझी परगना व्यवस्था मजबूत होगा तभी आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा: चम्पाई सोरेन

घाटशिला।माझी परगना  व्यवस्था जब मजबूत होगा तभी आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा। हमारी सरकार इस राज्य की आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।  मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन आज पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला स्थित पावड़ा  में माझी परगना महाल के 14वें महासम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों को और अधिकार देने की कार्य योजना बनाई जाएगी।    आदिवासियों की परंपरा और संस्कृति सदैव से समृद्ध रही है मुख्यमंत्री ने कहा  कि  संताल समुदाय झारखंड समेत कई राज्यों के अलावा नेपाल और भूटान जैसे कई देशों में भी प्राचीन काल से निवास करता आ रहा है। ये भले ही अलग-अलग क्षेत्र में रहते हैं पर उनकी परंपरा और संस्कृति लगभग एक जैसी ही है। लेकिन, आज उनकी समृद्ध परंपरा  पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में  आदिवासी समुदाय की परंपरा, भाषा औऱ कला- संस्कृति के संरक्षण और बढ़ावा के लिए सभी को आगे आना होगा।   आदिवासियों को एकजुट होना होगा मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आदिवासी समुदाय को अपने हक- अधिकार के लिए एकजुट होना होगा। आदिवासियों में सामाजिक एकता और चेतना जगाने की जरूरत है, ताकि उनकी सामाजिक- पारंपरिक व्यवस्था से जो खिलवाड़ हो रहा है उस पर प्रहार किया जा सके । यह तभी संभव है, जब सभी आदिवासी समुदाय मिलकर पूरी ताकत के साथ आवाज बुलंद करेंगे।  आदिवासियों के हित से नहीं होने देंगे कोई  खिलवाड़ मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी हितों का सरकार पूरा ख्याल रखेगी। उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड के लिए सरकार प्रयास जारी रखेगी।  इसके साथ वन अधिकार और  सीएनटी तथा एसपीटी एक्ट में वैसे किसी भी तरह के छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जिससे आदिवासी समुदाय की पारंपरिक व्यवस्था को खतरा पैदा हो। उन्होंने माझी परगना महाल के सम्मेलन में भरोसा दिलाया कि उनकी जो  मांगें है, उसपर पहले से ही काम प्रारम्भ कर दिया गया है। इस महासम्मेलन में विधायक रामदास सोरेन,समीर मोहंती और संजीव सरदार, देश परगना बाबा बैजू मुर्मू औऱ माझी परगना महाल के सभी अगुवागण मौजूद थे।

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Jharkhand-राज्य को संवारने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: चम्पाई सोरेन

घाटशिला।झारखंड को संवारना है। इस राज्य को नई दिशा देना है। समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को आगे बढ़ाना है। इसी प्रतिबद्धता के साथ हमारी सरकार हर मोर्चे पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने आज  पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला स्थित मऊभंडार में आयोजित विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास एवं लाभुकों के बीच परिसंपत्ति वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के सहयोग और भागीदारी से झारखंड को अव्वल राज्य बनाएंगे।    राज्य की जनता को देने जा रहे हैं कई नई योजनाओं की सौगात मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता को हमारी सरकार कई नई सौगात देने जा रही है। अब बिजली उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगा। वहीं, 25 वर्ष से अधिक एवं 50 वर्ष से कम उम्र  की बहनों और बेटियों को सरकार आर्थिक सहायता देने जा रही है। किसानों के दो लाख रुपए तक का कृषि लोन माफ करने का भी निर्णय सरकार ने लिया है। इन योजनाओं के जरिए राज्य की जनता को आगे बढ़ाने और सशक्त बनाने का प्रयास हो रहा है।    विपरीत परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच विकास को दे रहे गति मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के साढ़े चार वर्ष हो चुके हैं। आप इस बात से वाकिफ हैं कि सरकार गठन के साथ कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से सामना करना पड़ा। ऐसे हालत में भी हमारी सरकार ने जीवन और जीविका के लिए बेहतरीन कार्य किया।  इसके बाद जब विकास को गति गति देने की शुरुआत हुई तो कई विपरीत परिस्थितियां आ खड़ी हुई। लेकिन,  इन तमाम चुनौतियों से निपटते हुए हम विकास को लगातार गति देने का काम कर रहे हैं ।    गरीबों के पक्का मकान होने के सपने को कर रहे सरकार मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने दम पर अबुआ आवास योजना के तहत 20 लाख गरीबों और जरूरतमंदों को पक्का मकान उपलब्ध करा रही है। हमारी सरकार का संकल्प है कि इस राज्य में कोई भी व्यक्ति मिट्टी का कच्चा घर या झुग्गी झोपड़ी पर रहने को मजबूर नही रहे। सबके पास अपना पक्का मकान हो यह राज्य सरकार का लक्ष्य है।  यह आपकी सरकार है मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपकी सरकार है। ऐसे में आपकी भावनाओं, उम्मीदों और आकांक्षाओ को पूरा करने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में “आपकी योजना -आपकी सरकार -आपके द्वार” कार्यक्रम के जरिए सरकार आपके दरवाजे पर पहुंचकर आपकी समस्याओं का समाधान करने के साथ कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम आगे भी चलाया जाएगा, क्योंकि जनता से जुड़कर हम राज्य को नई पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।    राज्य के आधारभूत संरचना के साथ हर सेक्टर का कर रहे सर्वांगीण विकास मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आधारभूत संरचनाओं को मजबूत बना रहे हैं। लगभग 15 हज़ार किलोमीटर लंबी सड़के बना रही हैं । वहीं सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, कृषि और रोजगार समेत सभी सभी सेक्टर की व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम हो रहा है। लोगों को आगे बढ़ने के लिए के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर देने का प्रयास जारी है। खेतों में सालों भर पानी रहे, इसके लिए सिंचाई परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। राज्य में स्थित निजी क्षेत्र की कंपनियों में स्थानीय को नौकरी देने का कानून सरकार ने बनाया है। अब अभियान चलाकर यहां के युवाओं को निजी संस्थानों में नौकरी दिलाई जाएगी। शिक्षा व्यवस्था को उत्कृष्ट बना रहे हैं। यहां के गरीब बच्चे भी इंजीनियर डॉक्टर और अफसर बनें, इसके लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना समेत कई और योजनाएं चल रही है।  इन तमाम योजनाओं के माध्यम से यहां के आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, गरीब, मजदूर, बुजुर्ग, दिव्यांग, महिला, युवा हर किसी को सशक्त करने का प्रयास निरंतर जारी है।    राज्य के पिछड़ापन को दूर करने का संकल्प मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक और खनिज संसाधनों के मामले में काफी धनी है। यहां कोयला, तांबा, लोहा, सोना और यूरेनियम समेत कई खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, लेकिन अफसोस इस बात का है कि इस राज्य की गिनती देश के पिछड़े राज्यों में होती है । यहां के लोग गरीबी और अभाव की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आदिवासियों-मूलवासियों ने झारखंड अलग राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया था। अलग राज्य की लड़ाई में कई आंदोलनकारी शहीद हुए थे। लेकिन अलग राज्य बनने के बाद  उनके सपनों का झारखंड नहीं बन सका, लेकिन हमारी सरकार इस राज्य के आंदोलनकारियों और यहां की जनता की भावनाओं के अनुरोध राज्य का नवनिर्माण करने की दिशा में मजबूती कदम बढ़ा दिए हैं।    कई योजनाओं का मिला तोहफा मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 45 करोड़ 79 लाख 99 हज़ार 980 रुपए की 2141 योजनाओं का उद्घाटन शिलान्यास किया। इसमें  14 करोड़ 88 लाख 44 हज़ार 580 रुपए की 15 योजनाओं का शिलान्यास एवं 30 करोड़ 91 लाख 55 हज़ार 400 रुपए की योजनाओं की आधारशिला रखी। वहीं, अबुआ आवास योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना, सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, सर्वजन पेंशन योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, छात्रवृत्ति योजना, वन पट्टा वितरण योजना और मुख्यमंत्री पशुधन योजना समेत अनेकों कल्याणकारी योजनाओं के 20, 484 लाभुकों के बीच 71 करोड़ 63 लाख 4 हज़ार 200 रुपए की परिसम्पतियों का वितरण किया। इस  कार्यक्रम में  विधायक  रामदास सोरेन, विधायक समीर मोहंती , विधायक संजीव सरदार,  झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान, झारखंड गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष राजू गिरि , जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष मोहन कर्मकार, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त हरि कुमार केशरी  तथा जिले के उपायुक्त एवं वरीय पुलिस अधीक्षक समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।

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