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July 13, 2024

Jharkhand News:संथाल परगना में आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में: बाबूलाल मरांडी

रांची।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज पाकुड़ में राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। श्री मरांडी ने कहा कि ठगबंधन सरकार की तुष्टिकरण नीति में घुसपैठियों को संरक्षण प्राप्त है। आदिवासी आबादी खतरे में है। ऐसा लगता है कुछ दिनो में अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा।उन्होंने 1951से लेकर 2011तक हुए जनगणना रिपोर्ट को रखते हुए कहा कि यह भारत सरकार का सेंसस रिपोर्ट है जो नरेंद्र मोदी जी को देश की सत्ता में आने से पहले का है।उन्होंने कहा कि आज जनसंख्या दिवस है और आंकड़े बताते हैं कैसे संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी लगातार घट रही और मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित ढंग से घट रही। उन्होंने कहा कि 1951में संथाल परगना में आदिवासी आबादी 44.67%थी ,मुस्लिम आबादी 9.44%थी और सामान्य आबादी 45.91%थी। आज 2011की जनगणना रिपोर्ट को देखें तो मुस्लिम आबादी में ढाई गुना वृद्धि के साथ 22.73%हो गई जबकि आदिवासियों की आबादी 44.67%से घटकर 28.11%हो गई। यही पर सामान्य आबादी 45.9%से 49.2%तक ही बढ़ी। उन्हों ने कहा कि स्पष्ट है कि संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी को लव जिहाद, लैंड जिहाद के नाम पर सुनियोजित तरीके से घटाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि साहेबगंज और पाकुड़ की स्थिति तो भयावह है। एक विधानसभा क्षेत्र में 50हजार मतदाता बढ़ गए।लगभग 123%की वृद्धि हुई।आखिर यह अप्रत्याशित वृद्धि कैसे हुई।उन्होंने कहा कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति नहीं करती ।भाजपा देश केलिए राजनीति करती है। राष्ट्र प्रथम के संकल्प के साथ हम काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जब जनसंघ का गठन हुआ था उसी समय से हम धारा 370का विरोध करते थे भले हमारी राजनीतिक ताकत कम थी। लेकिन देश के मुद्दों पर कभी समझौता नही किया।उन्होंने कहा कि घुसपैठिए भी देश के विरोधी हैं। अनेक देशों ने घुसपैठियों को बाहर किया है।पाकिस्तान ने भी अफगानिस्तानियो को बाहर किया है भले वे मुस्लिम ही क्यों न हों। उन्होंने कहा कि राज्य में घुसपैठ की समस्या को माननीय उच्च न्यायालय ने भी गंभीर माना है।सभी जिला के उपायुक्तों को इस दिशा में कारवाई के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तुष्टिकरण छोड़ घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कारवाई करे।उनका संरक्षण बंद करे।

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Jharkhand News:जिला स्कूल में चलाया गया उपभोक्ता जागरूकता अभियान

चाईबासा।जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग पश्चिम सिंहभूम चाईबासा के सदस्य श्री राजीव कुमार एवं सह कर्मचारियों के द्वारा जिला स्कूल चाईबासा में उपभोक्ता जागरूकता अभियान चलाया गया | स्कूल की प्रचार्या रश्मि आल्डा,स्कूल प्रबंधक तथा अन्य शिक्षकों के सहयोग से बच्चों ने उपभोक्ता संबंधी सेवा में कमी, धोखाधड़ी, ठगी आदि विषयों पर बड़े ध्यान से आयोग के सदस्य तथा कर्मचारियों की बातों को सुना l बच्चों ने उपभोक्ताओं के अधिकार से संबंधित कई प्रश्न भी किये जिनका जवाब आयोग के सदस्य ने बहुत अच्छे ढंग से दिया | उपभोक्ता न्यायालय में बीमा, डाक घर, चिकित्सा, चिटफंड, विद्युत , शिक्षा, ई-कॉमर्स, ऑनलाइन खरीदारी, हवाई यात्रा, मनोरंजन, रियल स्टेट, होटल, टैक्सी, जल, ऊर्जा आदि पर हुए धोखाधड़ी या सेवा में कमी से संबंधित वादों का निष्पादन किया जाता है। आयोग के सदस्य ने यह भी जानकारी दी है कि वर्ष 2023 से केस ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे दर्ज करा सकते है | तथा ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित भी हो सकते है |

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Jharkhand News:भाजपा की विजय संकल्प सभा मझगाँव में 16 जुलाई को:गीता कोड़ा

भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्य्क्ष संजय पांडे की अध्य्क्षता में आज मझगाँव विधानसभा स्तरीय अभिनंदन सह बिजय संकल्प सभा के लिए तैयारी बैठक कुमारडूंगी में हुई।बैठक में अभिनंदन सह बिजय संकल्प सभा के कोल्हान प्रभारी पूर्व सांसद गीता कोड़ा,पूर्व मंत्री सह प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई शामिल हुए,जिसमे तय हुआ कि 16 जुलाई को कुमारडूंगी के वन विश्रामागर में सभा होगी।जिसके लिए कार्यक्रम प्रभारी जिला परिसद सदस्य लंकेश्वर तामसोय और सह प्रभारी महेंद्र गोप को मझगाँव विधान सभा अन्तर्गत तान्तनगर,कुमारडूंगी,मंझारी,मझगाँव और हाटगम्हरिया मंडल के सभी 267 बूथों के बूथ कमिटी और मंडल के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को लाने की जिम्मेवारी दी गई।गीता कोड़ा ने कहा कि प्रत्येक मंडल के 7 बूथों में बढ़त लिए बूथ अध्य्क्ष के साथ समिति को सम्मानित किया जाना है।बड़कुंवर गागराई ने बताया कि उक्त सभा में लगभग 1000 कार्यकर्ता पूरी तैयारी से पूरे स्थानीय पारंपरिक वेश भूषा में सभी बूथों से आएंगे।बैठक में केंद्रीय और प्रदेश स्तरीय वरीय नेता गण शिरकत कर सकतें हैं।बैठक में पूर्व प्रत्याशी भूषण पाट पिंगुवा,जिला उपाध्यक्ष राकेश बबलू शर्मा,जिला महामंत्री जगदीश पाट पिंगुवा,वरीय कार्यकर्ता वशिष्ठ प्रधान,मंडल अध्य्क्ष गुरुचरण बांकिरा,नारायण हेम्ब्रम,सुकलाल चातर,अशोक पिंगुवा और अभिजीत गागराई,विनय दास,विजय पिंगुवा,रामचंद्र गोप के अलावे कई कायकर्ता उपस्तिथ रहे।

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Jharkhand News:हौसले को नया उड़ान,तीसरी पास बिजली मिस्त्री की पत्नी ने पीएचडी कर रचा इतिहास

दुमका।अगर मन में लगन और दृढ़ संकल्प हो तो इंसान क्या नहीं कर सकता है।उपराजधानी दुमका के श्रीराम पाड़ा की रहनेवाली नाज परवीन ने साबित कर दिया है कि पंख से नहीं बल्कि हौसलों से उड़ान होती है। उसके पति प्राइवेट बिजली मिस्त्री और वह स्वयं एसपी कॉलेज दुमका में दैनिक वेतन भोगी चतुर्थवर्गीय कर्मचारी है। एक छोटे से घर में रहनेवाली नाज ने जब बड़ा सपना देखा तो उसमें उसके पति ने भी उसका खुब साथ दिया।वह पढ़ना चाहती थी तो उसे पीजी तक की पढ़ाई की खुली छूट दी। एक समय ऐसा भी आया जब उसने हालातबस पोषण सखी पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन पति ने उसे आगे की पढ़ाई करने की सलाह दी। पति की आशाओं पर खरा उतरते हुए नाज परवीन ने 2017 में जहां नेट 2017 की परीक्षा में सफलता हासिल की थी वहीं अब उसने पीएचडी की डिग्री हासिल कर ली है।उसका विषय है ‘‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड क्षेत्र की महिलाओं का योगदान’’. उनके गाइड रहे हैं एसपी कॉलेज के इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ संजीव कुमार, नाज फिलहाल एसकेएमयू में दैनिक वेतन भत्ते पर एक कर्मचारी के रूप में काम कर रही हैं,लेकिन उसका सपना है कि वह प्रोफेसर के रूप में कॉलेज के छात्र छात्राओं को पढ़ाएं। नाज के पति दुमका शहर के श्रीरामपाड़ा निवासी मो. सलाम उर्फ लीली मिस्त्री अपने जानने वालों को अपनी पत्नी के उस पीएचडी सर्टिफिकेट को दिखाते हैं, जिसे दुमका के सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने जारी किया है। इस सर्टिफिकेट में लिली के लिए खुशी और मलाल दोनों का समिश्रण है, क्योंकि वह अंग्रेजी में दिए गए अपनी पत्नी के इस सर्टिफिकेट को पढ़ नहीं सकता। लिली ने सिर्फ तीसरी कक्षा तक ही शिक्षा प्राप्त की है।लिली एक बिजली मिस्त्री हैं, जो जनरेटर, मोटर, पंखा, पंपसेट आदि की मरम्मत कर अपने परिवार चलाते हैं।लिली कहते हैं कि 25 साल पहले जब उनकी शादी नाज परवीन से हुई थी तब वह कक्षा नौ तक पढ़ी थी। फिर हम लोगों से यह तय किया कि पत्नी को उच्च शिक्षा दिलानी है। नाज परवीन ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और लिली ने घर की जरूरतों के साथ अपनी पत्नी को आगे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। नाज ने माध्यमिक स्तर की शिक्षा शिकारीपाड़ा के सरकारी स्कूल से पूरा की है। नाज ने कहा कि गरीबी के बावजूद उसने ठान लिया है कि उसे आगे पढ़ाई करना है और दुनिया को कुछ बन कर दिखाना है। एसपी कॉलेज दुमका से वर्ष 2012-13 में इतिहास विषय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2017 में उसने नेट क्वालिफाई किया और फिर पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया।अब वह डॉक्टर नाज परवीन बन गयी है। डॉ नाज परवीन की कहानी प्रेरणा स्रोत है वैसे छात्रों के लिए जो आर्थिक तंगी को पढ़ाई में बाधक मानते हैं। डॉ नाज ने साबित किया है कि अगर दिल मे लगन हो तो लाख मुसीबतों का बाबजूद सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी।तभी तो आज डॉ नाज पर सभी नाज कर रहे हैं।दुमका में आम लोगो में इस बात की चर्चा हो रही है।वास्तव में नाज प्रवीन ने पीएचडी की डिग्री प्राप्त कर इतिहास रचने का काम किया है।वह दुमका के लोगो के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है।

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Uttrakhand News:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेला नियंत्रण कक्ष हरिद्वार में कावड़ मेला 2024 की तैयारियों को लेकर समीक्षा की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मेला नियंत्रण कक्ष हरिद्वार में कावड़ मेला 2024 की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। स्थानीय लोगों को आवागमन में अनावश्यक परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेला हर वर्ष आयोजित होता है, इसके दृष्टिगत स्थायी प्रकृति के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। दीर्घकालीन विकास की कार्य योजनाओं को कार्य संस्कृति में लाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा की शिव भक्त कावड़ियों के स्वागत में हेली से पुष्प वर्षा की व्यवस्था की जाए। कावड़ यात्रा के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन तैयार रहे। कावड़ यात्रा में संपूर्ण मार्ग पर पुलिस बलों की तैनाती के साथ विभिन्न स्थानों पर अस्थाई पुलिस चैकी का निर्माण कार्य भी कराया जाए एवं अतिरिक्त पुलिस फोर्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से भी नियमित निगरानी रखे जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। बाईपास और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी साइन बोर्ड के माध्यम से कावड़ियों को दी जाए। उन्होंने कांवड़ को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए निरन्तर पड़ोसी राज्यों से भी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कावड़ यात्रा से पहले कावड़ पटरी के सौंदर्यीकरण एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाई जाए। कावड़ यात्रा मार्ग पर शौचालयों, स्नान घरों, स्वच्छ पेयजल, यात्री शेड, लाईट, मेडिकल सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कावड़ियों की यात्रा और सुगम सरल हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रा मार्ग एवं हरिद्वार क्षेत्र में स्थित होटलों ढाबों में भोजन की गुणवत्ता हेतु गुणवत्ता चेकिंग अभियान नियमित चलाया जाए, होटलों और ढाबों में रेट लिस्ट लगाये जाए। कावड़ यात्रा के दौरान साफसफाई का विशेष ध्यान दिया जाए, सफाई का कार्य 24 घंटे संचालित रहे। यह सुनिश्चित किया जाए कि मेला क्षेत्र में किसी तरह का अतिक्रमण न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े, सड़कों पर यातायात प्रभावित न हो, यातायात प्रबंधन के लिये बेहतर रूट प्लान बनाया जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अन्य राज्यों से परस्पर समन्वय बनाकर कॉमन डायवर्जन प्लान बनाने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा वाटर एंबुलेंस की व्यवस्था भी कावड़ यात्रा के दौरान की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कावड़ यात्रा में भी विशेष वेरिफिकेशन ड्राइव चलाए जाए। ताकि पहचान छुपा कर आने वाले लोगों पर सख्ती से कार्यवाही अमल में लाई जा सके। विभिन्न कार्यों के सुपरविजन हेतु विशेष मजिस्ट्रेट की नियुक्तियां भी की जाए। जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गब्र्याल ने बताया कि कावड़ मेला अवधि 22 जुलाई से 2 अगस्त तक है। इस वर्ष 5.5 करोड़ कावड़ियों के हरिद्वार आने की संभावना है। कांवड यात्रा के सुचारू संचालन हेतु कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जो 24 घण्टे संचालित होगा। यात्रा के सुचारू संचालन हेतु 14 सुपर जोन, 36 जोन एवं 130 सेक्टर बनाये गये हैं। मेले के लिए 5 नोडल अधिकारियों को नामित किए गए हैं। कांवड पटरी एवं प्रमुख मार्गों को यात्रा हेतु सुगम एवं सुविधाजनक बनाया गया है। स्वास्थ्य शिविर, मोबाईल मेडिकल टीम एवं एम्बुलेंस की सुविधा भी बढ़ाई जा रही है। बैठक के दौरान श्री गंगा सभा, विभिन्न संगठनों, जनप्रतिनिधियों ने बीते वर्ष सफल कावड़ यात्रा हेतु मुख्यमंत्री का आभार जताया एवं कावड़ मेला 2024 के लिए अपने सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। जिस पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन एवं विभिन्न संगठनों, एनजीओ एवं स्थानीय जनता के सहयोग से यात्रा को सफल बनाने का आग्रह किया। साथ ही वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिलाधिकारी देहरादून, रूद्रप्रयाग और पौड़ी ने जिले स्तर पर की गई तैयारी के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चैधरी, विधायक श्री आदेश चैहान, श्री प्रदीप बत्रा, श्रीमती ममता राकेश, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, श्री एल.फैनई, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश कुमार झा, श्री सचिन कुर्वे, श्री विनोद कुमार सुमन, डॉ. आर. राजेश कुमार, कमिश्नर गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी श्री ए.पी. अंशुमान, आई.जी गढ़वाल श्री के.एस नगन्याल, अपर सचिव श्री रणवीर सिंह चैहान, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, एसएसपी. हरिद्वार श्री प्रमेन्द्र डोभाल एवं जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

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Uttrakhand News:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सैन्य धाम निर्माण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की।

सैन्य धाम निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई उच्च स्तरीय समिति की बैठक। मुख्यमंत्री ने 15 अक्टूबर तक सैन्य धाम का निर्माण पूर्ण करने के दिए निर्देश। शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बढ़ाये जाने के दिए निर्देश। कठुआ जम्मू कश्मीर में शहीद प्रदेश के वीर शहीदों के आश्रितों को शीघ्र किया जाए सेवायोजित। पांचों शहीदों के गांवों के आसपास सड़क व स्कूलों के नाम इन वीर शहीदों के नाम पर रखे जाने का बनाया जाए प्रस्ताव। सैन्य धाम के निर्माण के पश्चात एम.डी.डी.ए. करेगा उसका रखरखाव व संचालन। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सैन्य धाम के निर्माण में हो रही देरी को असन्तोषजनक बताते हुए 15 अक्टूबर तक इसका निर्माण पूर्ण करने के निर्देश दिये है। उन्होंने इसके लिये आगणित 94 करोड़ की धनराशि के अन्तर्गत ही निर्माण कार्य सम्पन्न कराने के भी निर्देश दिये है। सैन्य धाम के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता में भी किसी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश कार्यदायी संस्था एवं अभियन्ताओं को उन्होंने दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सैन्य धाम निर्माण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस कार्य मे अब और अधिक विलम्ब न हो इसके लिये सैनिक कल्याण मंत्री को सैन्य धाम के निर्माण कार्यों का निरन्तर अनुश्रवण करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बढ़ाये जाने का प्रस्ताव बनाये जाने को भी कहा। कठुआ, जम्मू कश्मीर में शहीद प्रदेश के पांचों वीर शहीदों के आश्रितों सहित इस तरह के समस्त मामलों में सरकारी सेवा में सेवायोजित करने की कार्यवाही तत्काल करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने इस तरह के प्रकरणों में भविष्य में ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये कि सरकारी सेवा में सेवायोजित करने का कार्य बिना विलंब के किया जाये तथा इसके लिये समय सीमा तय कर दी जाये। पांचों शहीदों के गांवों के आसपास सड़क व स्कूलों के नाम इन वीर शहीदों के नाम पर रखे जाने की भी शीघ्र कार्यवाही अमल में लाये जाने को कहा। उन्होंने सैन्य धाम के निर्माण के पश्चात एम.डी.डी.ए. को उसके रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी दिये जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने सैन्य धाम के निर्माण में आ रहे भूमि विवाद के समाधान हेतु जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। सैन्य धाम सैनिकों के सम्मान तथा राज्य की समृद्ध सैन्य परंपरा का भी प्रतीक है। यह हमारे युवाओं का भी प्रेरणा स्थल बनेगा। बैठक में सैन्य धाम के 500 मी. की परिधि में निर्माण कार्य प्रतिबन्धित किये जाने संबंधी जारी आदेश को निरस्त किये जाने तथा इस व्यवस्था को युक्ति संगत बनाये जाने पर भी निर्णय लिया गया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के.सुधांशू, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, सचिव सैनिक कल्याण श्री दीपेन्द्र चैधरी, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, एम.डी. पेयजल निगम श्री रणवीर सिंह चैहान, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. श्री बंशीधर तिवारी, जेओसी सब एरिया मे.ज. आर.प्रेम राज, एम.डी. उपनल ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस. विष्ट,, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृतलाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

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उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जायमुख्य सचिव राधा रतूड़ी

उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जायमुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी कृषि, मत्स्य पालन, हॉर्टिकल्चर, डेरी से सम्बन्धित स्टार्टअप को विशेष प्रोत्साहन राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के प्रयास राज्य के युवा अपने स्टार्टअप पंजीकृत करवाएं स्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों के माध्यम से स्टार्टअप स्थापित करने में सहायता के निर्देश राज्य में अभी तक कुल 1092 स्टार्टअप, 13 राज्य मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स व 200 से अधिक पंजीकृत मेन्टर्स मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत चयनित किए जाने वाले ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड (एआईएफ) को वरीयता देने के निर्देश दिए हैं जिनके माध्यम से उत्तराखण्ड की आर्थिकी पर ठोस सकारात्मक प्रभाव दिखे तथा राज्य में रोजगार सृजन, तकनीकी सांझेदारी तथा पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहन मिले। सीएस ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखण्ड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 की थीम पर चलने वाले अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को ही निवेश हेतु चयनित किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को प्राथमिकता दी जाए जो राज्य के मुख्य फोकस सेक्टर तथा उभरती हुई तकनीक में निवेश में रूचि रखते हो। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने 200 करोड़ के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, मत्स्य पालन, हॉर्टीकल्चर, डेरी से सम्बन्धित स्टार्टअप को स्थापित करने में सहायता के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोशल वेंचर के तहत अधिकाधिक महिला स्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों विशेषरूप से स्थानीय मिलेट्स के उत्पादन व प्रसंस्करण के माध्यम से स्टार्टअप स्थापित करने में सहायता के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने पिरूल के उपयोग पर आधारित स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग को भी इस कार्य से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत सार्वजनिक निधि का लाभ उठाते हुए राज्य के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड की आर्थिकी को फायदा पहुंचाने वाले स्टार्टअप को विकास निधि या वेंचर ऋण प्रदान करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने स्टार्टअप को पंजीकृत कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। विदित है कि 200 करोड़ रूपये के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड में आईआईटी रूड़की तथा आईआईएम काशीपुर मुख्य ईकोसिस्टम पार्टनर हैं। उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत उत्तराखण्ड के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना, उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने स्टार्टअप पंजीकृत करवाने हेतु प्रोत्साहित करना तथा उत्तराखण्ड में सकारात्मक आर्थिकी एवं सामाजिक प्रभाव सृजित करना मुख्य उद्देश्य है। उत्तराखण्ड स्टार्टअप नीति 2023 के तहत राज्य को अगले 5 वर्षो में सभी ईकोसिस्टम प्लेयर्स के लिए स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में अभी तक कुल 1092 स्टार्टअप, 13 राज्य मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स व 200 से अधिक पंजीकृत मेन्टर्स हैं। देहरादून जिले में सर्वाधिक 549 स्टार्टअप व 7 इन्क्यूबेटर्स, हरिद्वार में 200 स्टार्टअप एव उधमसिंह नगर में 112 स्टार्टअप हैं। उत्तराखण्ड राज्य वर्ष 2022 में एसआरएफ 21 रैंकिंग में एस्पायरिंग स्टेट से लीडिंग स्टेट की श्रेणी में आ गया था तथा राज्य वर्ष 2023 में 200 करोड़ के वेंचर फण्ड स्थापित करने व यू हब इनोवेशन सेन्टर घोषित होने के बाद अपने लीडर रैंक की श्रेणी को बनाए रखने में सफल रहा। गुरूवार को सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के संचालन से सम्बन्धित दिशा निर्देशों के सम्बन्ध में बैठक ली। बैठक में सचिव श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव श्री रोहित मीणा, श्री मनुज गोयल व उद्योग विभाग के सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

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Uttrakhand News:मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में परिवार पहचान पत्र की ईएफसी सम्पन्न

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में परिवार पहचान पत्र की ईएफसी सम्पन्न मुख्य सचिव ने दिए डाटा सिक्योरिटी के निर्देश सीएस ने नियोजन विभाग को परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट के वेंडर चयन के लिए एक माह की टाइमलाइन दी मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने परिवार पहचान पत्र से सम्बन्धित व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में इस प्रोजेक्ट के बजट को अनुमोदन दिया। मुख्य सचिव ने नियोजन विभाग को परिवार पहचान प्रोजेक्ट के वेंडर चयन के लिए एक माह की टाइमलाइन दी है। उन्होंने इस संबंध में डाटा उत्तराखंड:सिक्योरिटी पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सीएम कॉन्क्लेव का एक महत्वपूर्ण एजेंडा बिंदु है। राज्य में कल्याणकारी योजनाओं /कल्याणकारी वितरण प्रणाली के परिदृश्य के सन्दर्भ में उत्तराखंड सरकार, अपने नियोजन विभाग के माध्यम से नागरिकों और उनके परिवारों का एक गतिशील और लाइव डेटाबेस तैयार करने की विजन रखती है, जिसके माध्यम से लाभार्थियों से संबंधित अद्यतन और सत्यापित डेटा को उनकी संबंधित योजनाओं/सेवाओं के लिए विभिन्न लाइन विभागों के साथ साझा किया जाएगा। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र का उद्देश्य प्रत्येक परिवार के लिए एक विशिष्ट पहचान के साथ एक व्यापक पारिवारिक डेटाबेस बनाना है। इसका उद्देश्य राज्य में परिवारों का सत्यापित, प्रामाणिक और विश्वसनीय डेटा तैयार करना, ।च्प् आधारित तंत्र के माध्यम से ऑनडिमांड अपुनी सरकार पोर्टल सहित राज्य में अन्य सेवा वितरण प्लेटफार्मों के साथ एकीकृत करना है। इसका लक्ष्य सत्यापन (इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक दोनों, फील्ड विजिट या कियोस्क के माध्यम से), परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए कैप्चर किए गए सभी डेटा बिंदुओं के सुधार और अद्यतन के प्रावधान एप्लिकेशन पर बनाए रखना, मौजूदा केंद्रीय और राज्य सरकार की सेवाओं और लाभों को जोड़ना है। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से दस्तावेज़ीकरण और प्रमाण प्रदान करने की आवश्यकता में कमी आएगी क्योंकि उन्हें विशिष्ट पहचान के माध्यम से प्रस्तावित प्रणाली या इंटरलिंक्ड विभाग प्रणालियों से एक्सेस किया जा सकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि परिवार पहचान पत्र का लक्ष्य विभिन्न राज्य विभागों द्वारा उनकी संबंधित सेवा और लाभों के लिए निवासियों की जानकारी प्राप्त करना भी है। सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र से विशिष्ट पहचान आवासीय पते के प्रमाण के रूप में काम करेगी। इससे जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र तुरंत जारी किए जा सकते हैं। इससे सरकार के कामकाज में पूरी पारदर्शिता आएगी व राज्य में बेहतर शासन के स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी पात्र और अक्सर उपेक्षित निवासी (जैसे दिव्यांग, आदि) यूनिक आईडी डेटाबेस का हिस्सा होंगे और उन्हें उनकी ज़रूरत के हिसाब से लक्षित सेवाओं और लाभों के तहत राज्य सरकार द्वारा उचित सहायता प्रदान की जाएगी। इसके माध्यम से ना केवल यूनिक आईडी परियोजना के तहत विभिन्न डेटाबेस को एकीकृत किया जाएगा, बल्कि इसमें सभी परिवार के सदस्यों से संबंधित सभी दस्तावेज और कागजात शामिल करने का प्रस्ताव है। मुख्य सचिव ने कहा कि यूनिक आईडी उत्तराखंड सरकार के नियमों को सख्ती से लागू करेगी। विभिन्न सेवाओं और कार्यों का कम्प्यूटरीकरण (शुरू से अंत तक) के कारण नागरिक राज्य और केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभों और सब्सिडी की एक व्यापक सूची प्राप्त कर सकते हैं, जिसके लिए उनके परिवार के सदस्य पात्र हैं। विभिन्न सेवाओं और लाभों के तहत अयोग्य लाभार्थियों को गहन विश्लेषण और सत्यापन के बाद समाप्त कर दिया जाएगा। इससे राज्य में कई सरकारी कार्यालयों का कार्यभार कम होगा। बैठक में जानकारी दी गई कि हरियाणा और कर्नाटक इस सार्वभौमिक परिवार पहचान अवधारणा को अपनाने में सबसे आगे रहे हैं, जिसमें इन राज्यों में किसी भी कल्याणकारी सेवा के आवेदन के लिए नागरिक को परिवार पहचान पत्र प्रदान करना आवश्यक है। इसके अलावा, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर आदि राज्य पहले से ही अपनेअपने राज्यों में रहने वाले परिवारों की विशिष्ट पहचान करने की अवधारणा पर कार्य कर रहे हैं ताकि उनकी स्कीम डिलीवरी इकोसिस्टम को और मजबूत किया जा सके। बैठक में सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदंडे तथा नियोजन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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