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September 14, 2024

ओडिशा के राज्यपाल से बीएसपीएस के प्रतिनिधि मंडल ने की मुलाकात

भुनेश्वर: भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ(बीएसपीएस) के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन के नेतृव में पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास से भुनेश्वर स्थित राजभवन में मुलाकत की। इस अवसर पर पत्रकारों के मुद्दों को लेकर लंबी चर्चा हुई। आज राज्यपाल से मिलने वालों में राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन, बीएसपीएस बंगाल राज्य इकाई से राष्ट्रीय संयुक्त सचिव एस एस नसरीन, बी पांडा, नईमुल्ला खान मुख्य रूप से मौजूद थे। ज्ञात हो कि देश भर में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, पत्रकार पेंशन योजना, पत्रकार स्वास्थ बीमा योजना, रेलवे में पत्रकारों को छूट पुनः बहाल करने एवं टोल टैक्स में छूट की मांग को लेकर देश भर की राज्य इकाई द्वारा संघर्ष जारी है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडू, एवं छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा पेंशन एवं स्वास्थ बीमा योजना का लाभ पत्रकारों को मिल रहा है।

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MP:वीरांगना रानी दुर्गावती के सम्मान में उनकी प्राचीन राजधानी में होगी मंत्रि-परिषद की बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वीरांगना रानी दुर्गावती का योगदान ऐतिहासिक था। शौर्य की प्रतीक रानी युद्ध संचालन में दक्ष थीं। उन्होंने बाहरी हमलावरों को निरंतर परास्त किया। लगातार 51 युद्ध जीतने के बाद उनका आखिरी युद्ध भी प्रेरणादायी था, जिसमें उन्होंने पराजय की स्थिति देखते हुए शत्रु के हाथ मारे जाने की बजाय कटार भोंककर स्वयं की इहलीला समाप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती की राजधानी में मंत्रि-परिषद की बैठक और रानी दुर्गावती के जीवन से जुड़े अन्य स्थानों पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दमोह जिले में सिंग्रामपुर गांव के निकट सिंगौरगढ़ का किला है। यह क्षेत्र वीरांगना रानी दुर्गावती की राजधानी के रूप में इतिहास में दर्ज है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में निर्देश दिए कि वीरांगना की स्मृति में जबलपुर में 100 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित किए जा रहे रानी दुर्गावती स्मारक स्थल और उद्यान के कार्य शीघ्र करवाने की कार्यवाही की जाए। इन कार्यों की सतत समीक्षा भी की जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस स्मारक स्थल की आधारशिला रख चुके हैं। इस कार्य की एजेंसी मध्यप्रदेश राज्य पर्यटनविकास निगम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीरांगना की जन्मतिथि पर आगामी 05 अक्टूबर को भी विशेष कार्यक्रम के आयोजन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने वीरांगना रानी दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की प्रथम बैठक 3 जनवरी 2024 को जबलपुर में आयोजित की थी। इसके साथ ही वीरांगना के नाम पर रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना भी प्रारंभ की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने पति दलपत शाह की मृत्यु के बाद अपने राज्य की रक्षा के लिए गोंडवाना साम्राज्य की बागडोर संभाली। इनके राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी थी कि करों का भुगतान सोने के सिक्के और हाथी देकर किया जाता है। वीरांगना ने जबलपुर में रानीताल, चेरीताल और आधारताल सहित अनेक सरोवरों का निर्माण करवाया। उन्होंने शिक्षा और पारम्परिक ज्ञान को प्रोत्साहित किया। कई मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण भी करवाया। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने प्रेजेंटेंशन में बताया कि रानी दुर्गावती के प्रसिद्ध 52 गढ़ों पर केन्द्रित एक रेडियो धारावाहिक का प्रसारण निरंतर हो रहा है। वीरांगना और उनके परवर्ती शासकों की कला और स्थापत्य की उपलब्धियों पर शोध ग्रंथ प्रकाशित किया गया है। संस्कृति विभाग वीरांगना के जीवन पर वृत्त चित्र निर्माण, नृत्य नाटिका, गायन कार्यक्रम और वीरांगना की जीवन गाथा को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित करने की गतिविधियां आयोजित कर चुका है। शैक्षणिक संस्थाओं में वीरांगना के जीवन पर केन्द्रित निबंध और आलेख लेखन स्पर्धाएं करवाना प्रस्तावित है। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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UP:चकबंदी कार्यों में योगी सरकार ने स्थापित किया 10 वर्षों का नया कीर्तिमान

लखनऊ: योगी सरकार अन्नदाताओं के हितों के लिए लगातार आवश्यक कदम उठा रही है। इसी के तहत योगी सरकार ने पिछले वर्ष सितंबर माह में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान चकबंदी विभाग को किसानों के खेत की सीमा संबंधी विवादों को सुलझाने, गांवों को विकास से जोड़ने, सरकारी योजनाओं का लाभ देने एवं सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए निर्देश दिये थे। साथ ही, गांवाें में ग्राम अदालत लगाकर वादों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिये थे। सीएम योगी की मॉनीटरिंग का ही नतीजा है कि योगी सरकार ने चकबंदी संबंधी कार्यों में पिछले एक वर्ष में 10 वर्षों का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में आठ माह में प्रदेश के 40 जिलों के 82 ग्रामों में अब तक चकबंदी करायी जा चुकी है। वहीं पिछले वर्ष 2023-24 में प्रदेश के 74 जिलों के 781 गांवों में चकबंदी करायी गयी। इसके अलावा पिछले साल सितंबर से अब तक 705 ग्राम अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें 25,523 वादों का निस्तारण किया जा चुका है। तीन वर्षों में 1475 ग्रामों में पूरी की गयी चकबंदी प्रक्रिया चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्नदाताओं के खेत संबंधी विवादों को पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से निपटाने के लिए चकबंदी कराने के निर्देश दिये थे। उन्होंने इसके निस्तारण के लिए अभियान और ग्राम अदालत लगाने के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में इस वित्तीय वर्ष में आठ माह में 40 जिलों के 82 ग्रामों में चकबंदी करायी जा चुकी है। वहीं 51 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया संभव न होने के कारण अधिनियम की धारा 6 (1) के तहत चकबंदी प्रक्रिया से अलग किया गया। इसी तरह वर्ष 2023-24 में 74 जिलों के 781 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसमें 330 ग्राम 10 वर्षों से अधिक अवधि के थे। वर्ष 2022-23 में 463 ग्रामों एवं 2021-22 में 231 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी, जो पिछले 10 वर्षों की तुलना में एक कीर्तिमान है। कुल मिलाकर वर्ष 2021-2022, 2022-23 तथा 2023-24 में 1475 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी हुई है। वहीं, 50 वर्ष से अधिक अवधि से लंबित 8 ग्राम, 30 वर्ष से 50 वर्ष तक लंबित 72 ग्राम और 10 वर्ष से 30 वर्ष तक लंबित 296 ग्राम में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसमें आजमगढ़ के ग्राम महुवा और गोमाडीह में क्रमश: 63 वर्ष और 56 वर्ष से लंबित, विचाराधीन चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसके अलावा गाजीपुर के ग्राम सवना व बरेजी चकबंदी प्रक्रिया 59 वर्षों एवं ग्राम बेलसड़ी की चकबंदी प्रक्रिया 55 वर्षों से विचाराधीन थी, जिसे पूरी किया गया। कन्नौज के 8 ग्रामों के दोबारा तैयार कराए चकबंदी अभिलेख चकबंदी आयुक्त ने बताया कि लखीमपुर खीरी के ग्राम सुआबोझ, सुल्तानपुर के ग्राम मालापुर जगदीशपुर, जौनपुर के ढेमा गांव में क्रमश: 53, 54 और 52 वर्ष से चकबंदी प्रक्रियाधीन थी, जिसे पूरा किया गया। इसके अलावा सुल्तानपुर के ग्राम अन्दारापुर में 48 वर्षों, बरेली के ग्राम मोहनपुर में 41 वर्ष, बिजनौर के ग्राम छाचरी टीप में 35 वर्षों, बदायूं के ग्राम रहेड़िया में 33 वर्षों, मऊ के ग्राम अल्देमऊ में 31 वर्षों, बुलंदशहर के ग्राम याकूबपुर व मुस्तफाबाद डडुवा में 30 वर्षों से चकबंदी प्रक्रियाधीन थी, जिसे पूरी किया गया। इसके साथ ही कन्नौज में 1990 में अग्निकांड की वजह से 35 ग्रामों के अभिलेख जल गये थे, जिससे 34 वर्षों से चकबंदी प्रक्रिया बाधित हो रही थी। इसमें नये अभिलेखों को तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती थी। ऐसे में चकबंदी आयुक्त ने तत्कालीन अपर निदेशक चकबंदी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। साथ ही समिति की संस्तुति के बाद 35 ग्रामों में से 8 ग्रामों को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में उनके अभिलेख सृजित किये गये। इनमें से दो गांव नन्दलालपुर व करनौली की चकबंदी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इतना ही नहीं पिछले वर्ष चकबंदी प्रक्रिया में शामिल लखीमपुर खीरी के ग्राम रामपुर मकरन्द की चकबंदी प्रक्रिया एक वर्ष और रामपुर के ग्राम चक रफतपुर में मात्र आठ माह में चकबंदी पूरी की गयी। बॉक्स जल्द ही एआई, ब्लॉक चेन, ड्रोन और रोवर से होगी चकबंदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी संबंधी पुराने लंबित वादों को निस्तारित करने के लिए ग्रामों में ग्राम अदालत लगाने के निर्देश दिये थे। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पिछले वर्ष सितंबर से अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 705 ग्राम अदालत का आयोजन किया गया। इसके जरिये 25,523 वादों को निस्तारण किया जा चुका है। इसके अलावा किसानों के हित एवं पारदर्शिता के मद्​देनजर एआई, ब्लॉक चैन, ड्रोन एवं रोवर सर्वेक्षण आधारित चकबंदी संचालित करने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी रूड़की के साथ परीक्षण चल रहा है। इसके साथ ही जीआईएस बेस्ड सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल ऐप विकसित करने की भी कार्रवाई चल रही है। जल्द ही इन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर चकबंदी प्रक्रिया संचालित की जाएगी।

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