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स्लिपडिस्क से ग्रसित इण्डियन आर्मी के मरीज का आधुनिक डीकम्प्रेशन मशीन द्वारा डाॅ अमित मिश्रा ने किया सफलता पूर्वक इलाज

उत्तर प्रदेश | कानपूर के खलासी लाइन स्थित टच एण्ड क्योर फिजियोथिरेपी क्लीनिक में इण्डियन आर्मी में अपनीसेवाएं दे रहे नरेश कुमार अग्निहोत्री जी का कानपुर में पहली व एकमात्र उपलब्ध डीकम्प्रेशन ट्रैक्शन मशीन द्वारा सफलता पूर्वक इलाज सम्भव हुआ। टच एण्ड क्योर फिजियोथिरेपी क्लीनिक के डायरेक्टर व फिजियो चीफ डाॅ. अमित मिश्रा ने बताया कि नरेश जी स्लिपडिस्क से ग्रसित थे। जिसके कारण उनको कमर व पैरों में झनझनाहट के साथदर्द की समस्या थी व बैठने और दस कदम भी चलने में काफी दर्द था। जिससे वह अपनी आर्मी की ड्यूटी करनेमें असमर्थ थे। काफी समय तक दवाईयां खाने व इलाज करने पर भी आराम नही मिला, फिर किसी के बताने पर डाॅ. अमित को दिखाया जिन्होनें उनको डीकम्प्रेशन ट्रैक्शन मशीन, स्पाइनल मोबिलाइजेशन व इलैक्ट्रोथिरेपी द्वारा ठीक किया व जीवन शैली में कुछ एतिहात की सलाहदी। जिससे की नरेश जी वापस अपनी आर्मी की ड्यूटी ज्वाइन कर पायें। ड्यूटी ज्वाइन कर के वहां से फोन कर डाॅ. अमित मिश्रा व उनकी टीम को धन्यवाद दिया। डाॅ. अमित मिश्रा ने बताया आज के समय की बदलती जीवन शैली जिसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ गया है। चाहे वह वर्क फ्राॅम होम व चाहे क्लास फ्राॅम होम हो, खराब सड़के, मोटापे व गलत जीवन शैली के चलते कमर में दर्द, गर्दन में दर्द, गर्दन से हाथों तक दर्द, स्लिपडिस्क, सियाटिका, चक्कर आना, कमर से नीचे पैरों तक दर्द आना, झनझनाहट, सुन्न पन आना, आॅर्थराइटिस घुटने के दर्द व कंधे के दर्द जाम होने इन सभी शारीरिक समस्याओं से निजात पाने में फिजियोथेरेपी चिकित्सा का योगदान काफी बढ़ गया है।

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मिलेट्स को मोती बनाएगी योगी सरकार

लखनऊ, 7 फरवरी। इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के मद्देनजर खाद्यान्न एवं पोषण के लिए बेहद मुफीद मोटे अनाजों को लोकप्रिय बनाने के लिए पूरी दुनिया शिद्दत से लग चुकी है। खेत से लेकर लैब तक, शोध से लेकर नवाचार तक इसे आम एवं खास लोगों की थाली का हिस्सा बनने का प्रयास हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार हालात ऐसे ही रहे तो अगले पांच साल में इसके वैश्विक बाजार में करीब 4.5 फीसद की वृद्धि हो जाएगी। भारत 2018 में ही मिलेट्स ईयर मना चुका है। भारत के ही प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया है। लिहाजा भारत की भूमिका इसमें सर्वाधिक अहम हो जाती है। भारत का प्रयास भी यही है कि वह इस मामले में अगुआ बनकर उभरे। बजट में अब तक कदन्न माने जाने वाले मोटे अनाजों को श्रीअन्न का दर्जा देकर और इसके लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने जैसी घोषणाएं इसका प्रमाण हैं। इसी क्रम में योगी सरकार भी मिलेट्स को मोती बनाने में जुट गई है। अगले पांच साल की कार्ययोजना बनकर तैयार है। योजना के अनुसार इस दैरान सरकार मिलेट्स के प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन के 55 केंद्र खोलेगी। शोध एवं इन्नोवेशन की प्रक्रिया तेज करने के साथ इसकी खेती के लिए इच्छुक किसानों को समय से गुणवत्तापूर्ण बीज मिले, इसके लिए कई स्तरों पर जवाबदेही तय की जाएगी। खेती के उन्नत तौर-तरीकों के प्रशिक्षण के लिए करीब 137300 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। मोबाइल आउटलेट, मंडी में अलग से जगह आवंटन, ग्राम्य विकास विभाग की मदद से गावों में इनके आउटलेट्स खोलने की योजना है। क्यों महत्वपूर्ण है यूपी की भूमिका उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में करीब 70 फीसद लोग खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं। इसमें से भी करीब 90 फीसद सीमांत एवं लघु किसान हैं। यह वही वर्ग है, 1960 के पहले जिसके थाली का मुख्य हिस्सा मोटे अनाज ही थे। परंपरागत खेती में लगने वाले इनपुट सामान्यतः इनकी पहुंच के बाहर हैं। ऐसे में यह किसी तरह से अपने छोटे-मोटे जोत पर खेती करते हैं। इससे इनका बमुश्किल गुजारा हो पाता है। कम पानी, खाद और किसी भी भूमि पर होने वाले मोटे अनाजों की खेती इस वर्ग के लिए सबसे मुफीद होगी। श्री अन्न में क्या-क्या हैं शामिल और इनसे होने वाले लाभ ज्वार: यह ग्लूटेन फ्री और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। डायबिटीज के मरीजों के लिए बढ़िया भोजन है। बाजरा: इसमें विटामिन बी6, फॉलिक एसिड मौजूद है। ये खून की कमी को दूर करता है। रागी या मड़ुआ: यह नेचुरल कैल्शियम का स्रोत है। बढ़ते बच्चे और बुजुर्गों की हड्डी मजबूत करने में मदद करता है सांवा या सामा: फाइबर और आयरन से भरपूर है। एसिडिटी, कब्जियत और खून की कमी को दूर करता है। कंगनी: ये डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। बीपी और बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। कोदो: यह भी फाइबर से भरपूर है। घेंघा रोग, रुसी की समस्या से संबंधित बीमारी और बवासीर में फायदेमंद है। कुटकी: ये एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। कुट्टू: यह अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड बाल झड़ने से रोकता है।

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योगी के विकास और कनेक्टिविटी के मॉडल को मिल रहा केंद्र सरकार का पूर्ण समर्थन

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जिस तेजी से विकास पथ पर आगे बढ़ रही है, उसमें उसे केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। डबल इंजन की सरकार ने उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर करने में जुटी है और इसी प्रयास के तहत इस बार रेल बजट में उत्तर प्रदेश को 2009-14 की तुलना में 16 गुना ज्यादा बजट दिया गया है। 2009-14 के बीच जहां यूपी के हिस्से रेल बजट में सिर्फ 1,109 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी मिली थी तो वहीं मोदी सरकार ने अकेले 2022-23 में उत्तर प्रदेश को 16 गुना ज्यादा यानी 17,507 करोड़ रुपए का बजट दिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इस बार रेलवे के लिए सबसे ज्यादा 2.4 लाख करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया है। रेलवे मिनिस्ट्री के अनुसार यह बजट 2013-14 के बजट का 9 गुना ज्यादा है। नई लाइन के माध्यम से कई राज्यों से जुड़ेगा यूपी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश में अभी 7143 किमी लंबी नई लाइन पर 83 प्रोजेक्ट्स के तहत कार्य चल रहा है जिस पर करीब 94 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। वहीं, 3831 किमी. लंबी रेलवे लाइन के लिए 55 सर्वे किए जाने हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश से अन्य राज्यों को जोड़ने के लिए नई लाइन से जुड़े जो प्रोजेक्ट हैं, उनमें एक ललितपुर-सतना, रीवा-सिंगरौली और महोबा-खजुराहो है जिस पर 700 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसी तरह बहराइच-श्रावस्ती और बलरामपुर-तुलसीपुर लाइन पर 390 करोड़ का खर्च आएगा। 2023-24 में एनर्जी कॉरिडोर के लिए नई लाइन हेतु 284 करोड़, जनजातीय गौरव कॉरिडोर (अंब्रेला 23-24) हेतु 284 करोड़, सहजनवा-दोहरीघाट के लिए 205 करोड़, देवबंद (मुजफ्फरनगर)-रुड़की के लिए 200 करोड़, मऊ-गाजीपुर-तारीघाट के लिए 150 करोड़, अंब्रेला प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़, आनंदनगर-घुगली के लिए 20 करोड़, पडरौना-कुशीनगर वाया गोरखपुर के लिए 10 करोड़ और मेरठ-पानीपत के लिए 30 लाख रुपए खर्च किए जाने हैं। कई स्टेशंस के बीच होंगे गेज कन्वर्जेंस गेज कन्वर्जेंस को लेकर भी प्रदेश में काफी काम हो रहा है। इसके माध्यम से छोटी लाइन्स को बड़ी लाइन में परिवर्तित कर दिया गया है। इनमें मथुरा-वृंदावन के बीच लाइन पर 100 करोड़, लखनऊ-पीलीभीत वाया सीतापुर, लखीमपुर पर 100 करोड़, बहराइच-मैलानी बाइपास पर 50 करोड़, इंदारा-दोहरीघाट 35 करोड़, पीलीभीत-शाहजहांपुर 3 करोड़ और कानपुर-कासगंज-मथुरा की लाइन पर 50 लाख रुपए का खर्च किया जाएगा। यूपी की कनेक्टिविटी में हुआ है बड़ा बदलाव प्रदेश ने बीते कुछ समय में तेजी से कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। 2017 के पहले प्रदेश में 2 एयरपोर्ट थे, आज 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हो चुके हैं और 10 पर काम जारी है। वहीं बेहतर कनेक्टिविटी के लिए पूर्वी यूपी में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे है तो बुंदेलखंड में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है। पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे बन रहा है। राष्ट्रीय राजधानी से यूपी को जोड़ने के लिए यमुना और आगरा एक्सप्रेसवे है। यूपी की सीमा से जुड़े राज्यों और नेपाल से 4 लेन रोड की कनेक्टिविटी है तो प्रदेश के सारे जिले लखनऊ से 4 लेन सड़क से जुड़े हुए हैं। 5 शहरों में मेट्रो है तो हाल ही में रैपिड रेल का ट्रायल भी हुआ है। यूपी में लैंडलॉक प्रदेश की समस्या भी खत्म हो गई है। यहां देश का पहला वॉटर-वे वाराणसी से हल्दिया तक शुरू हो चुका है।

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कानपुर देहात में हुआ जनपदीय निवेशक सम्मेलन, मिले 17 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव

कानपुर देहात | प्रदेश के औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की जा रही कोशिशों के क्रम में कानपुर देहात को एक दिन में 17 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। सोमवार को आयोजित जनपदीय निवेशक सम्मेलन में उद्यमियों और व्यापारियों ने पूरे उत्साह के साथ सहभागिता की। एक दिवसीय कार्यक्रम में लगभग 17 हजार करोड़ के 164 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिसमें 70 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। समिट के दौरान सबसे ज्यादा निवेश करने वाले, उद्यमी निम्नवत् है, स्पर्श इन्डस्ट्रीज 2 हजार करोड़, कैप्टन स्टील इंडिया 1650 करोड़, रैमिकी इन्फ्रा स्टक्चर 1500 करोड़, एचएल एग्ग्रो 550 करोड़, कानपुर एडिबल मयूर ने 500 करोड़, कानपुर प्लास्टि पैक ने 300 करोड़, आरएसपीएल गु्रप ने 200 करोड़ के निवेश प्रस्ताव भरे। इस मौके पर विशेष रूप से मौजूद एमएसएमई विभाग के मंत्री राकेश सचान द्वारा स्टालों का अवलोकन भी किया गया। इस मौके पर करीब 400 से अधिक उद्यमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसमें सर्वप्रथम संयुक्त आयुक्त उद्योग कानपुर सर्वेश्वर शुक्ला ने उद्योगों से सम्बन्धित सभी नवीन नीतियों का संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने कहा कि कानपुर देहात औद्योगिक परिवेश के लिए उभरता हुआ जिला है, इस जिले में उद्योगों के विकास की अपार संभावनाऐं है। उन्होंने उद्यमियों से नये एम0एस0एम0ई निजी पार्क विकसित करने का आह्वान किया, जिसके क्रम में उद्यमी विजय गुप्ता द्वारा इस हेतु सहमति दी गई, साथ ही एक अन्य उद्यमी विनय प्रकाश गुप्ता ने भी फ्लेटेड फैक्ट्री बनाने की सहमति दी। एचबीटीआई की असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ. सोमा बनर्जी ने कानपुर देहात के ओडीओपी प्रोडक्ट प्लास्टिक के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं एवं सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों पर भी अपने विचार व्यक्त किये।

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गैंगेस्टर मकसूद के खिलाफ अदालत की बड़ी कार्रवाई, कुर्क मकान का होगा सार्वजनिक उपयोग

बुलंदशहर | अपराध के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति का ही असर है कि प्रदेश में बड़े माफिया और गैंगस्टर पनाह मांग रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ ना सिर्फ पुलिस कार्रवाई जारी है, बल्कि उनकी संपत्तियों की कुर्की भी हो रही है। इसी क्रम में सोमवार को विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर अधिनियम) बुलंदशहर ने शातिर गैंगस्टर मकसूद के मकान की कुर्की के आदेश को पुष्ट करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को आदेशित किया है। जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह के अनुसार अपराधी की कुर्क संपत्ति को आमजन के सार्वजनिक हित के लिए उपयोग में लाये जाने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14 (1) के अधीन पेशेवर गैंगस्टर अपराधी की कुर्क संपत्ति को लेकर कोर्ट ने सरकार के पक्ष में निर्णय सुनाया है। विशेष न्यायाधीश ने कुर्की के आदेश को पुष्ट किया है। इसके बाद अब मकसूद के मकान की कुर्की करते हुए उस भवन को आम जनता के उपयोग के लिए लाया जाएगा। एसएसपी श्लोक कुमार के अनुसार मकसूद के खिलाफ गोवध और नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त जैसे संगीन अपराधों में मुकदमे दर्ज हैं। गैंगस्टर मकसूद ने अपने गुनाहों के बल पर आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर लिया था।

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योगी सरकार ने इस बाबत तैयार की मुकम्मल रणनीति

लखनऊ | अब खोटे नहीं खरे होंगे मोटे अनाज। लुप्तप्राय हो चले सावां का भी होगा खुद का संसार। इसी तरह कोदो की भी पूछ बढ़ेगी। रही बात बाजरे की तो इसका जोर और बढ़ेगा। अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष (2023) के मद्देनजर योगी सरकार ने इस बाबत विभागवार मुकम्मल रणनीति तैयार की है। इस पूरी कार्ययोजना का नाम है, 21लाख हेक्टेयर से 25 लाख हेक्टेयर बढ़ेगा रकबा इसके तहत कृषि विभाग संभवनाओं वाले जिलों में मोटे अनाजों का रकबा बढ़ाने के लिए ब्लॉक स्तर की रणनीतिक तैयार करेगा। मालूम हो कि कृषि विभाग पहले ही इन अनाजों का रकबा 21 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 25 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य तय कर रखा है। हालांकि प्रदेश में करीब 40 लाख हेक्टेयर ऐसी भूमि चिन्हित की गई है जहां मोटे अनाजों की खेती संभव है। क्रमशः इसे बढाया जाएगा।रकबा बढ़ाने के साथ सबसे जरूरी है इनकी खेती करने वाले किसानों को भरपूर मात्रा सही समय पर गुणवत्तायुक्त बीज मुहैया कराना है। निःशुल्क मिनीकिट एवं अनुदान पर मिलेगा बीज इस बाबत भी प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र सरकार से बीज की मांग की जा चुकी है। वितरण का काम उप्र बीज विकास निगम,एनएससी और एफपीओ के माध्यम से कराया जाएगा। किसानों को बतौर प्रोत्साहन इनके निःशुल्क मिनीकिट भी दिए जाएंगे। साथ ही अनुदान पर भी बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रगतिशील किसानों एवं एफपीओ को इनके बीज उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन पर भी होगा जोर मिलेट्स के उन्नत खेती हेतु कृषकों के प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन के लिए प्रदर्शन फील्ड डे एवं एक्सपोज़र विजिट पर भी फोकस होगा। इस क्रम में कृषि विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल बंगलुरू में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भी प्रतिभाग करेगा।

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रोड शो इवेंट में अपनी मिट्टी-संस्कृति की सुगंध भी महका रही योगी सरकार

लखनऊ | ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के मद्देनजर देश-दुनिया में चल रहे रोड शो इवेंट व बीटूजी (बिजनेस टू गवर्नमेंट) में भी योगी सरकार अपनी मिट्टी व संस्कृति की सुगंध महका रही है। उपहार स्वरूप मेहमानों-निवेशकों को ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) दिए जा रहे हैं, जो देश-दुनिया के बड़े निवेशकों के घरों व कार्यालयों की भी शोभा बढ़ा रहे हैं। योगी सरकार ने न सिर्फ इन उत्पादों के कारीगरों के काम को बढ़ाया, बल्कि पहले उत्तर प्रदेश के हर जिलों के उत्पादों को पहचान, फिर बाजार दिया। इसके बाद अपने मेहमानों को ओडीओपी के उपहार देकर इसकी ख्याति देश-दुनिया में जन-जन तक पहुंचाई। लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) होना है। इसके पहले टीम योगी ने देश व दुनिया के कई शहरों में दौरा किया और इन्वेस्टर्स से मुलाकात की। वहां भी उत्तर प्रदेश के जिलों के उत्पादों को उपहार स्वरूप दिया गया। इससे न सिर्फ कलाकारों के कामों की ब्रांडिंग हुई, बल्कि यूपी की संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर विरासत का सम्मान भी किया जा रहा है। जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों को ओडीओपी देकर पीएम ने भी बढ़ाया था यूपी का मान यूपी के परंपरागत उत्पादों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाजार दिया था। यही नहीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे तो वहां आए सभी राष्ट्राध्यक्षों को ओडीओपी देकर यूपी का मान-सम्मान समूची दुनिया में बढ़ाया था। स्थानीय उत्पादों की वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ पीएम मोदी का आभार जताया, बल्कि 16 नवंबर 22 को दिल्ली के प्रगति मैदान पर 41वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में यूपी पवेलियन में सीएम ने खुले तौर से इसकी चर्चा कर हस्तशिल्पियों का गौरव भी बढ़ाया। यूपी की संस्कृति को भी दर्शाता है ओडीओपी कोलकाता इन्वेस्टर्स समिट के दौरान एक उद्योगपति ने इसकी चर्चा की। साफ तौर पर कहा कि सोच बड़ी कैसी हो, अपने उत्पादों को समृद्ध कैसे करना है, उसकी पहचान कैसे बढ़ानी है, यह भी लोगों को योगी आदित्यनाथ से सीखना चाहिए। उन्होंने अपने यूपी के सभी 75 जिलों के उत्पादों के बारे में पहले पहचाना, फिर जाना, उन्हें बाजार दिया और अपने मेहमानों को भी यह उपहार देकर वे अपनी संस्कृति का न सिर्फ प्रचार कर रहे, बल्कि उससे देश-दुनिया के लोगों को भी जोड़ रहे हैं। ओडीओपी की ब्रांडिंग भी कर रही टीम योगी निवेशकों को आमंत्रण के जरिए टीम योगी ओडीओपी की भी ब्रांडिंग कर रही है। राज्यों में पहुंची टीम योगी जब मेहमानों को यह उत्पाद देती है तो वहां के लोगों के मन में इसे जानने की उत्सुकता भी बढ़ जाती है। इससे अन्य राज्यों व देशों के कारोबारी/उद्योगपति भी यहां के उत्पादों की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर इसकी हौसलाअफजाई कर रहे हैं। 25 नवंबर को फिरोजाबाद में प्रबुद्ध सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यहां के ग्लास उद्योग के आगे दुनिया का उद्योग नहीं ठहरता। जब भी किसी विदेशी अतिथि को उपहार देने की बात होती है तो मैं यहां से मंगाकर भेंट करता हूं। ग्लास, कांच की चूड़ियों व कलाकृतियों को वैश्विक पहचान मिली है। योगी की इस सोच की ब्रांडिंग अब यूपी से निकलकर देश-दुनिया में भी हो रही है। विदेशों व घरेलू रोड शो इवेंट में बढ़ी यूपी की साख 12 देशों के 21 शहरों के साथ ही अभी तक 6 राज्यों में रोड शो इवेंट-बीटूजी (बिजनेस टू गवर्नमेंट) मीटिंग्स हो चुकी है। दो राज्यों (बेंगलुरु और चंडीगढ़/लुधियाना) में इवेंट होने हैं। यहां भी आए मेहमानों/निवेशकों को टीम योगी की तरफ से ओडीओपी के उपहार दिए जा रहे हैं। विदेशों में भी यह उपहार भारत की संस्कृति और यूपी के गौरव को बढ़ा रही हैं। यहां मेहमानों को अनेक उपहार दिए गए। इन जिलों के उत्पादों की महकी खुशबू वाराणसी का गुलाबी मीनाकारी कफलिंग्स, गणेश प्रतिमा वाराणसी-बांदा का सिल्क स्टॉल व शजर स्टोन कफलिंग्स कन्नौज का इत्र लखनऊ का चिकनकारी स्टॉल मुरादाबाद का पीतल का बाउल सेट बुलंदशहर (खुर्जा) के कप सीतापुर के रब्स (आसन) बरेली के जरी-जरदोजी से बने उपहार

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योगी सरकार की भव्य व्यवस्था के बीच डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज | प्रयागराज के संगम में लगे आस्था के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन माघ मेले में मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी की पावन धारा में पुण्य की डुबकी लगाई। महाकुम्भ 2025 के आयोजन के रिहर्सल के रूप में आयोजित किये जा रहे माघ मेले में योगी सरकार द्वारा की गई भव्य व्यवस्था के चलते माघ मेला मिनी कुम्भ का स्वरूप ले चुका है। त्रिवेणी में डेढ़ करोड़ लोगों ने किया अमावस्या पर स्नान  माघ मेला के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर शनिवार को प्रयागराज के संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं का सैलाब नज़र आया। सर पर आस्था की गठरी लिए सुगमता से संगम की तरफ आगे बढ़ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं के चेहरे पर आत्म संतुष्टि का भाव स्पष्ट दिख रहा था । संगम किनारे बनाये गए एक दर्जन से अधिक स्नान घाटों में प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था से श्रद्धालु सहज होकर त्रिवेणी में पुण्यार्जन के लिए डुबकी लगा रहे थे । स्नान के पश्चात श्रद्धालुओं ने स्नान घाटों के समीप बनाये गए तीर्थ पुरोहितों के ठिकानों में दान, पुण्य और पूजा अर्चना की। त्रिवेणी के आसपास 700 हेक्टेयर में विस्तृत इस माघ मेला क्षेत्र की व्यवस्था को संभालने के लिए शहर से लेकर संगम तक तैनात किये 194 मजिस्ट्रेट और 98 सेक्टर ऑफिसर जगह -जगह श्रद्धालुओं को सखा भाव से संगम तक पहुंचाकर उन्हें वापस उनके गंतव्य तक भेजने में तत्पर दिखे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निरन्तर की जा रही माघ मेले की मोनिटरिंग के चलते कड़ाके की ठण्ड और खराब मौसम में भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते बन रहा था। माघ मेला अधिकारी अरविन्द सिंह चौहान के मुताबिक़ भीड़ प्रबंधन के ख़ास फार्मूले की वजह से आज के इस स्नान महापर्व मौनी अमावस्या पर दोपहर तक डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में सुगमता से आस्था की डुबकी लगा चुके थे शाम तक यह आंकड़ा दो करोड़ से ऊपर पहुँचने की संभावना है। माघ मेला क्षेत्र में हेलीकाप्टर से हुई श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा  माघ मेला क्षेत्र में आज सुबह से ही आस्था, ज्ञान और भक्ति की त्रिवेणी बह रही थी। त्रिवेणी की पावन धारा में मुक्ति और पुण्य की कामना मन में लिए संगम क्षेत्र पहुच रहे श्रधालुओं का अभिनन्दन करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से हेलीकाप्टर से कराई गई पुष्प वर्षा ने सम्पूर्ण माघ मेला क्षेत्र को दिव्य और भव्य आयोजन के चरम पर पहुंचा दिया। त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पावन रेत पर दान, पुण्य और पूजा के लिए लीन श्रद्धालुओं पर पुष्पों की पंखुड़ियों की वर्षा ने पूरे संगम क्षेत्र को अकल्पनीय अनुभूति से सराबोर कर दिया । साधु, संत और श्रद्धालु योगी सरकार द्वारा माघ मेला के आयोजन को दिए गए इस भव्य और दिव्य स्वरूप के लिए उन्हें साधुवाद दे रहे थे ।

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डाॅ. गौरी मिश्रा को मिला सम्मान

उत्तर प्रदेश | प्रो. डॉ. गौरी मिश्रा को मुरादाबाद में स्टेट आईडीए इवेंट के दौरान सत्र 2021-22 के लिए बेस्ट प्रेसिडेंट आईडीए रनर अप के रूप में सम्मानित किया गया। डाॅ. गौरी मिश्रा ने इस सम्मान का श्रेय अपनी कर्मठ आई.डी.ए. टीम को दिया है। डाॅ. गौरी मिश्रा ने बताया कि वह एक डेन्टल प्रोफेसर भी है और अपना सारा अनुभव अपने विधार्थियों के साथ साझा करती हैं ताकि भविश्य में वह भी एक अच्छे और तकनीकि रूप से श्रेष्ठ डाॅक्टर बनकर निकले। डाॅ. अभिनव एवं डाॅ. गौरी मिश्रा द्वारा 2008 से संचालित डेन्टो केयर, कानपुर में हर्ष नगर व इंद्रा नगर में स्थित है इन दोनो क्लीनिक पर माईक्रोस्कोप, लेजर द्वारा दांत एवं मुख सम्बन्धी सभी रोगो का अत्याधुनिक मषीनों द्वारा इलाज होता है। डेन्टो केयर पिछले कई वर्शो से कानपुरवासियों को दन्त सम्बन्धि रोगो से मुक्त कर रहे है, जैसे – मुख कैंसर की जांच एवं रोकथाम, पान मसाला/तम्बाकू से होने वाले मुँह के छाले, सफेद धब्बे व मुँह कम खुलने के इलाज में प्रो. डाॅ. गौरी मिश्रा ने सुपरस्पेशलाइज़ेषन किया है। इसके साथ दर्द रहित माक्रोस्कोपिक रूट कैनाल ट्रीटमेन्ट, स्माइल डिजाइनिंग, लेजर टीथ वाइटनिंग, विनेयर व लैमिनेट्स, इंम्पलांट्स, गमी स्माइल करेक्शन, काॅस्मेटिक फिलिंग, गम लाइटनिंग व कन्टोरिंग, रिप्लेसिंग मिसिंग टीथ, प्रोफेशनल टीथ क्लीनअप, मिसिंग टीथ रिप्लेसमेंट आदि के इलाज में डाॅ. अभिनव मिश्र ने सुपरस्पेशलाइज़ेषन किया है। व यह प्रोसिडर्स एम.डी.एस. एक्सपर्ट्स द्वारा होता है। डाॅ. अभिनव मिश्रा ने बताया कि डेली केयर से आप अपने दांतो को स्वस्थ व मजबूत रख सकते है, और भविष्य में होने वाली दांतो की बीमारियों से बच सकते है।

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हैदराबाद रोड शो में 25 हजार करोड़ के एमओयू

हैदराबाद | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अलग-अलग राज्यों के बड़े शहरों में आयोजित किए जा रहे रोड शो से प्रदेश में बड़े निवेश आने का सिलसिला जारी है। बुद्धवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में टीम योगी ने रोड शो किया, जिसके माध्यम से 19 निवेशकों ने 25 हजार करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इन एमओयू के माध्यम से प्रदेश में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 32 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित होंगे। वहीं कई अन्य निवेशकों ने हजारों करोड़ के निवेश की इच्छा जाहिर की। ये निवेशक आगामी फरवरी में राजधानी लखनऊ में होने वाले यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सम्मिलित होकर अपने निवेश को अंतिम रूप देंगे। हैदराबाद में रोड शो की अगुवाई डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने की, जबकि उनके साथ कैबिनेट मिनिस्टर बेबी रानी मौर्य, राज्य मंत्री अरुण कुमार सक्सेना, दयाशंकर मिश्रा और मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह समेत यूपी के अधिकारियों की टीम मौजूद रही। 100 करोड़ से ज्यादा के 12 एमओयू रोड शो से पहले पूरे दिन बिजनेस टू गवर्नमेंट (बीटूजी) मीटिंग्स का दौर चला। इस दौरान हैदराबाद के दो दर्जन से अधिक निवेशकों ने उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल से यूपी में निवेश के अवसरों, नीतियों के तहत मिल रहीं तमाम तरह की राहतों और छूट के बारे में जानकारी ली। इसके बाद 19 निवेशकों ने एमओयू फाइनल किए। इनमें 12 एमओयू 100 करोड़ या इससे ज्यादा के रहे। वहीं 6 एमओयू एक हजार करोड़ या इससे ज्यादा के हुए। सबसे बड़ा एमओयू मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. की ओर से किया गया जो 15,500 करोड़ रुपए का रहा। 4 सेक्टर में 15,500 करोड़ खर्च करेगी मेघा इंजीनियरिंग मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने प्रदेश में 15,500 करोड़ के निवेश का एमओयू साइन किया है। यह निवेश 4 श्रेणियों में होगा।इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 10 हजार करोड़ तो फॉर्मा सिटी के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसके अलावा 1500 करोड़ रुपए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में खर्च किए जाएंगे। इसके तहत मेडिकल इक्विपमेंट की मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी। साथ ही, ईवी मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी 2000 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है। इस निवेश से 10 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। पल्सेज हेल्थकेयर करेगा 2000 करोड़ का निवेश हैदराबाद के पल्सेज हेल्थकेयर ग्रुप ने भी प्रदेश में 2000 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू साइन किया है। निवेश की शुरुआत 500 करोड़ से होगी और आगामी तीन वर्षों में वह इस निवेश को बढ़ाकर 2000 करोड़ तक ले जाएंगे। यह कंपनी मेडिकल पब्लिशिंग को लेकर कार्य कर रही है। कंपनी 1400 से ज्यादा मेडिकल जर्नल प्रकाशित कर चुकी है। वह न सिर्फ अंग्रेजी बल्कि अन्य इंटरनेशनल भाषाओं का भी हिंदी में अनुवाद करती है। मेडिकल और एनर्जी के क्षेत्र में भारी निवेश प्रदेश में मेडिकल के क्षेत्र में निवेश के लिए एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी (एआईजी) प्रा. लि. ने भी अपनी इच्छा जाहिर की है। इसके लिए उनकी ओर से 1500 करोड़ रुपए का एमओयू साइन किया गया है। वहीं रिएलिटी के क्षेत्र में हैदराबाद में वर्षों से काम कर रही वसई रिएलिटी प्रा. लि. ने भी प्रदेश के रिएलिटी सेक्टर में प्रवेश करने का मन बनाया है। उसकी ओर से 1200 करोड़ रुपए का एमओयू किया गया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में पहले से ही यूपी में काम कर रही फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्रा. लि. ने एनर्जी के क्षेत्र में प्रदेश सरकार के अधीन अपनी भागीदारी को विस्तार देने के लिए 1200 करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इसी तरह त्रिवेणी रिन्यूएबल्स ने भी एनर्जी के क्षेत्र में 1200 करोड़ रुपए के निवेश के लिए समझौता ज्ञापन पर सहमति जताई। एनएसएल शुगर्स लि. प्रदेश में शुगर सेक्टर में 500 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। कई अन्य एमओयू भी हुए साइन सुधाकर पीवीसी प्रोडक्ट्स प्रा. लि. के डायरेक्टर मीला जयदेव ने प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए 125 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू साइन किया। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए कंपनी को 25 एकड़ जमीन की आवश्यक्ता होगी। इसके लिए टीम योगी की ओर से उन्हें इलाहाबाद या चित्रकूट रीजन में भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा हैदराबाद के एक स्टार्ट-अप इंस्टाशील्ड ने भी प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट डालने के लिए 20 करोड़ रुपए का एमओयू किया है। सस्ती दरों पर आईटी सॉल्यूशंस देने के लिए इवोल्जेंस टेलीकॉम सिस्टम्स के सीईओ श्रीकांत पिलारीसेट्टी की ओर से 10 करोड़ रुपए का एमओयू साइन किया गया तो वहीं, पैमटेन इंक के वाइस प्रेसीडेंट उदय शंकर पेय्येटी ने भी आईओटी के लिए 10 करोड़ का एमओयू साइन किया। वहीं, कनाडा बेस्ड कंपनी कॉलियर्स ने प्रदेश में इंडस्ट्रियल पार्क निर्माण के लिए 300 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई।   ये रहे बड़े निवेशक निवेशक (कंपनियां) एमओयू (राशि) मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. 15,500 करोड़ पल्सस ग्रुप 2000 करोड़ एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी प्रा. लि. 1500 करोड़ वसई रिएलिटी प्रा. लि. 1200 करोड़ फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्रा. लि. 1200 करोड़ त्रिवेणी रिन्यूएबल्स प्रा. लि. 1200 करोड़ एनएसएल शुगर्स लि. 500 करोड़ मरीन कार पार्क्स 350 करोड़ स्कालर 250 करोड़ इकोलास्टिक प्रोडक्ट्स प्रा. लि. 150 करोड़ सुधाकर पीवीसी प्रोडक्ट्स 125 करोड़ एटलस फाइनेंशियल रिसर्च एंड कंसल्टिंग प्रा. लि. 100 करोड़ हैदराबाद से यूपी का पुराना नाता है। 1916 में बीएचयू की स्थापना के लिए निजाम ने एक लाख रुपए दिए थे। इसीलिए हम दोनों राज्यों के इस रिश्ते को निभाने और निवेशकों को आमंत्रित करने यहां आए हैं। यहां जो रिस्पॉन्स मिला वो हौसला बढ़ाने वाला था। तेलंगाना औद्योगिक क्षेत्र में काफी विकसित हुआ है तो यूपी भी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। यूपी में जो सुधार और बदलाव हुआ है वो निवेशकों के लिए सुरक्षित और संभावनाओं वाला है। हम तेलंगाना के निवेशकों का यूपी में स्वागत करते हैं। -ब्रजेश पाठक, डिप्टी सीएम

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