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सीएम योगी ने पशुपालन विभाग को दिए गौ संरक्षण केंद्रों के रख रखाव के निर्देश

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ-संरक्षण केंद्रों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के दिशा-निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं प्रदेश के गौ-संरक्षण केंद्रों में पशुओं के चारे, पानी, सुरक्षा, सफाई की पूरी व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा है। सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गौशालाओं की व्यवस्था की गई है, जहां पशुओं की देखभाल की जाती है। इसके अलावा बेसहारा पशुओं को संरक्षण देने के लिए व्यक्तिगत तौर पर भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनके लिए चारे से लेकर सभी तरह की व्यवस्थाओं के लिए सीएम के स्पष्ट निर्देश हैं और एक बार फिर उन्होंने व्यवस्था को चाक चौबंद करने के आदेश दिए हैं। चारे से लेकर चिकित्सा तक हों सारे प्रबंध सीएम योगी ने पशुपालन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने तथा स्वास्थ्य की देखभाल के पुख्ता इंतजाए किए जाएं। उनके लिए चारे का उपयुक्त प्रबंध हो और उनकी दवाएं व चिकित्सा के अन्य साधन उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही 31 जनवरी 2023 तक समस्त गोआश्रय स्थलों को पूर्ण कर लिया जाए और क्रियाशील कर 31 मार्च 2023 तक संरक्षित करना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा गो आश्रय पोर्टल पर डाटा दैनिक रूप से अपडेट किया जाय। डिस्ट्रीक्ट प्रोजेक्ट मॉनीटीरिंग यूनिट की स्थापना जिन जनपदों में नहीं हुई है, तत्काल स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। भरण-पोषण के लिए उपलब्ध कराई गई धनराशि को यू सी प्रेषित करें। गोशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रयास किया जाए। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में 11,13,035 कुल निराश्रित गोवंश हैं,। इनमें 9,05893 कुल संरक्षित गोवंश हैं। प्रदेश में 49 जनपदों में गोआश्रय स्थल बनाया गया है। पशुओं को सहारा देने वाले किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित राज्य सरकार द्वारा 2012 में की गई पशुगणना के अनुसार यूपी में 205.66 लाख गोवंश हैं जिनमें से 11 लाख से ज्यादा गोवंश बेसहारा या निराश्रित हैं। किसान अगर 10 पशुओं को सहारा देता है, तो प्रतिदिन के हिसाब से वह 300 रूपये कमा सकता है। और हर महिना 9 हजार की अतिरिक्त आय किसान को मिलेगी। इस योजना से सामाजिक सहभागिता बढ़ेगी व निराश्रित व बेसहारा गोवंश की संख्या में कमी आएगी। यह योजना किसानों व पशुपालकों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बना सकेगी।

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गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोल रही पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलें

गोरखपुर | दशकों तक बंद पड़ी रहीं पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलें योगी सरकार की पहल पर अत्याधुनिक स्वरूप में गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोल रही हैं। वैश्विक मांग वाली सल्फर मुक्त चीनी बनाने के साथ ये मिलें खुद बिजली उत्पादन तो करती ही हैं, मिलों ने सरकार के मार्गदर्शन में विगत वर्षों में शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान भी कर दिया है। इतना ही नहीं, चालू पेराई सत्र में 30 नवंबर तक की गन्ना आपूर्ति का भुगतान करने के साथ दिसंबर प्रथम सप्ताह तक की आपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पिपराइच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम की नई चीनी मिल ने गत चार वर्षों (2018-19 से लेकर 2021-22 तक) में 320 करोड़ 35 लाख 41 हजार रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को किया है। इसी प्रकार मुंडेरवा की मिल ने कुल 380 करोड़ 36 लाख 37 हजार रुपये का भुगतान किया है। यह भुगतान गन्ना आपूर्ति करने वाले सभी किसानों के लिए शत प्रतिशत है। उप गन्ना आयुक्त श्रीमती उषा पाल बताती हैं कि चालू पेराई वर्ष (2022-23) में भी पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलों ने 30 नवंबर तक की गई गन्ना खरीद का भुगतान किसानों के बैंक खातों में भेज दिया है। पिपराइच चीनी मिल ने 15 दिसंबर तक 8422 किसानों से 5.55 लाख क्विंटल गन्ना क्रय किया है। इसका कुल मूल्य 19.19 करोड़ रुपये है जिसमें से 30 नवंबर तक की खरीद के एवज में 1.60 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार मुंडेरवा चीनी मिल ने 7794 किसानों से 3.57 लाख क्विंटल गन्ना क्रय किया। 30 नवंबर तक की आपूर्ति के सापेक्ष 82.78 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। गन्ना आपूर्ति में तेजी दिसंबर प्रथम सप्ताह से आई है और इसके भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। गत वर्षों में गन्ना खरीद एवं मूल्य भुगतान पिपराइच चीनी मिल वर्ष आपूर्ति कृषक संख्या भुगतान 2018-19 2.92 2445 933.01 2019-20 45.33 27147 14523.01 2020-21 25.00 19683 8017.39 2021-22 24.83 17782 8562.00 मुंडेरवा चीनी मिल वर्ष आपूर्ति कृषक संख्या भुगतान 2018-19 0.50 995 158.00 2019-20 44.18 33058 13986.19 2020-21 34.70 29717 10995.47 2021-22 37.63 27709 12896.71 (नोट : आपूर्ति लाख क्विंटल तथा भुगतान लाख रुपये में) पिपराइच व मुंडेरवा में नई चीनी मिल का श्रेय योगी को पिपराइच में 1932 में एक निजी क्षेत्र की चीनी मिल लगाई गई थी।1974 में उसका अधिग्रहण हुआ लेकिन मिल 1999 में बंद हो गई। इसी तरह बस्ती के मुंडेरवा में भी निजी क्षेत्र की चीनी मिल 1932 में लगी, 1984 के अधिग्रहित हुई लेकिन 1999 में यह भी बंद हो गई। बंद मिलों को चलाने के लिए बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ हमेशा आवाज बुलंद करते रहे। पर, तत्कालीन सरकारें इस जनसरोकारी मुद्दे पर आंख मूंदे रहीं। 2017 में सूबे की कमान संभालने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने नई चीनी मिलों की सौगात देकर किसानों का दिल जीत लिया। यह मिलें गन्ने से चीनी बनाने के साथ ही उसके बाई प्रोडक्ट से बिजली भी पैदा करती हैं। यही नहीं, सीएम योगी ने 9 दिसंबर 2020 को दोनों मिलों में सल्फर मुक्त चीनी प्लांट का भी लोकार्पण कर इन्हें मॉडल मिल बना दिया। दोनों मिलों की क्षमता प्रतिदिन 50 हजार क्विंटल गन्ना पेराई की है जो पुरानी मिलों से छह गुना अधिक है।

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Keshav Maurya blames SP for delay in civic elections, says SP’s mentality is anti- Dalit, anti-backward and anti-women

Lucknow | The Samajwadi Party is accountable for the lengthening wait for the municipal polls, said Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya on Wednesday, adding that the party is using the brother of a prominent SP leader to put hurdles since the SP does not want the elections to be held on schedule. “The BJP and the Yogi government are prepared to hold civic body elections on time,” stated the Deputy CM. In his statement, Keshav Maurya said that Samajwadi Party has no faith in democratic values. “The Samajwadi Party leaders have an anti-Dalit and anti-women mentality. The Samajwadi Party is worried about the increasing representation of the deprived sections.The SP fears that if the elections are held now, it will suffer a significant loss in the urban bodies. Through a prominent party leader, the SP is attempting to raise obstacles in this situation,” he remarked. Maurya said that the BJP organization and the Uttar Pradesh government are committed to conducting body elections on time as per the constitutional provisions. “Elections should be held on time, so that the pace of planned development of cities can be accelerated.” Keshav Maurya responded to the question of the case still pending in court by saying that everyone has the right to put their point of view before the judge, but the intentions must be clear. “Our government works on the policy of ‘Sabka Saath Sabka Vikas’. The intention of the government is clear, we want to give every deserving person the right of reservation. Now that the matter is subjudice, whatever the order of the court is, the government will follow it. But today the Samajwadi Party, knowing its defeat is certain, is trying to create hurdles in the elections. Whenever the elections are held, the public will definitely give a befitting answer to the SP,” he remarked.

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बेरोजगारों को रोजगार, सपनों को योगी सरकार कर रही साकार

लखनऊ | यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ मिशन रोजगार के जरिए युवाओं के सपनों को पंख लगा रहे हैं। 2017 में योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद से उत्तर प्रदेश में पात्रता ही नियुक्ति का एकमात्र पैमाना बना। इस पर खरा उतरने वाले अभ्यर्थियों को शुचितापूर्ण व पारदर्शिता से रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए। मिशन रोजगार के जरिए सरकार ने अनेक क्षेत्रों में युवाओं को जहां अपने पैर पर खड़ा होने में मदद की, वहीं कइयों को स्वावलंबन से भी जोड़ा गया। लोकसेवा आयोग के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रवक्ता पद पर ऑनलाइन नियुक्ति पत्र दिए गए। अभी तक चार चरणों में 6809 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर उन्हें शासकीय सेवा से जोड़ा गया। 1395 अभ्यर्थियों को जल्द दिए जाएंगे नियुक्ति पत्र लोकसेवा आयोग की तरफ से राजकीय विद्यालयों में चयनित प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों को जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऑनलाइन नियुक्ति पत्र देंगे। मिशन रोजगार के तहत भ्रष्टाचार मुक्त, निष्पक्ष व पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत नवचयनित 1272 प्रवक्ता व 123 सहायक अध्यापकों सहित कुल 1395 अभ्यर्थियों को पांचवें चरण में जल्द ही नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। सहायक अध्यापक पद पर 6191 व प्रवक्ता पद पर 618 लोगों के सपनों को लगे पंख मिशन रोजगार के तहत चार चरणों में 6809 लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इनमें से कइयों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो कुछ को जनपद स्तर पर नियुक्ति पत्र दिए गए। अब तक 6191 सहायक अध्यापक व 618 प्रवक्ता राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की सेवाओं से जुड़े। प्रथम चरण में सीएम ने 23 अक्टूबर 20 को 3317 अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र सौंपा था। 19 जनवरी 2021 में 138 सहायक अध्यापकों व 298 प्रवक्ता समेत कुल 436 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए। फिर 12 अगस्त को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिर से युवाओं को शिक्षा विभाग में नौनिहालों का भविष्य संवारने के लिए 2846 चयनित अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र दिया। इनमें से 2667 सहायक अध्यापक व 179 प्रवक्ता हैं। चौथे चरण में ऑनलाइन नियुक्ति पत्र पाकर 210 लोगों की सरकारी नौकरी के सपनों को संजीवनी मिली। इनमें से 141 प्रवक्ता व 69 सहायक अध्यापक शामिल रहे। शुक्रवार को 431 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे सीएम लखनऊ, 15 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को 431 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे। लोकभवन में सुबह 11 बजे समारोह के दौरान कृषि विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। यह जानकारी कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि चयनित अभ्यर्थी शुक्रवार सुबह 7 बजे आधार कार्ड के साथ आयोजन स्थल पर पहुंचकर उपस्थिति दर्ज कराएं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने के दिए निर्देश

लखनऊ | प्रदेश में अगले पांच वर्षों में बिजली की खपत 53 हजार मेगावाट हो जाएगी, जो हर साल 16 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। ऐसे में योगी सरकार पारंपरिक ऊर्जा प्रणाली, थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह थर्मल और हाइड्रो पावर के जरिए बिजली उत्पादन में आने वाले भारी भरकम खर्च से बचने और पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर को कम करना है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक में अधिकारियों को बिजली उत्पादन के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। …तो उद्योग जगत के साथ प्रदेशवासियों को मिलेगी सस्ती बिजली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में सबसे अहम भूमिका बिजली की होगी। दरअसल, योगी सरकार की नीतियों को देखते हुए विदेश के साथ देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को चलाने के लिए बिजली की डिमांड काफी बढ़ जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस खपत को पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए योगी सरकार नई उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 भी लेकर आई है, जिसके तहत सौर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कई तरह की रियाततें दी गईं हैं। योगी सरकार सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 18 सोलर सिटी का निर्माण करेगी, जिसमें पहले चरण में नाेएडा और अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के 16 नगर निगम को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि इन सोलर सिटी से प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन का 10 प्रतिशत बिजली उत्पादन सोलर से किया जाएगा। साथ ही इसे साल दर साल बढ़ाया जाए ताकि निवेशकों के साथ प्रदेशवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके। गांव होंगे सबसे पहले सोलर एनर्जी से रौशन सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड रीजन में सोलर पार्क का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। यहां पर रोजाना 4 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन का सोलर पार्क बनाया जा रहा है। वहीं प्रदेश के विभिन्न जिलों में सोलर एनर्जी की सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। सोलर पार्क से पहले चरण में खेती और गांव में बिजली सप्लाई के लिए बनाए गए बिजली फीडर से सोलर एनर्जी को सप्लाई किया जाएगा। यानी प्रदेश में सबसे पहले गांव सोलर एनर्जी से रौशन होंगे। इसके साथ ही खेतों की सिंचाई के लिए लगने वाले पंपों को पूरी तरह से सोलर एनर्जी से संचालित किया जाएगा।

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कौन हैं हिमाचल प्रदेश के नए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ?

सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे, जबकि मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। 10 दिसंबर 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने पहाड़ी राज्य की राजधानी शिमला में कांग्रेस के निर्वाचित विधायक की बैठक के बाद यह घोषणा की। बघेल ने यह भी बताया कि नेता 11 दिसंबर 2022 रविवार को सुबह 11 बजे अपने-अपने पदों की शपथ लेंगे। विधायक दल के भावी नेता को चुनने के लिए कांग्रेस आलाकमान को अधिकार देने वाले एक प्रस्ताव को नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने मंजूरी दे दी। तदनुसार, नेताओं को आलाकमान द्वारा चुना गया था। राज्य पार्टी अध्यक्ष और मंडी के सांसद प्रतिभा सिंह, और दिवंगत विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, सुक्खू के अलावा मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे, जिन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार समिति प्रतिभा सिंह के समर्थकों द्वारा उन्हें सीएम बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी के बीच नए सीएम की घोषणा की गई। सुखविंदर सिंह सुक्खू के राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त विवरण सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर के नादौन से चार बार के विधायक 58 वर्षीय हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने नादौन सीट से भाजपा के विजय कुमार को 3300 वोटों के अंतर से हराया था। 27 मार्च 2022 को नादौन में जन्मे सुखविंदर सिंह सुक्खू को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। राज्य के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जहां एक शाही परिवार से थे, वहीं सुखविंदर सिंह सुक्खू राजनीति में जमीनी स्तर से उठे। हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की एक विनम्र शुरुआत थी, और उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एक कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया, फिर एनएसयूआई में शामिल हो गए और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने अब तक पांच विधानसभा चुनाव लड़े हैं और चार जीते हैं। सुक्खू कांग्रेस पार्टी के आजीवन वफादार सदस्य रहे हैं। वह 17 साल की उम्र में एक छात्र के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और 1989 से 1995 तक भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के राज्य अध्यक्ष बने। बाद में वे पार्टी राज्य युवा कांग्रेस के प्रमुख बने। वह 1998 से 2008 तक इस पद पर रहे। उन्होंने 1992 और 2002 के बीच दो बार शिमला में नगरपालिका चुनाव जीता और 2008 में उन्हें अपनी पार्टी की राज्य इकाई का सचिव बनाया गया। सुखविंदर सिंह सुखी कानून स्नातक हैं। वह 2013 से 2019 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। 2003 में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना पहला विधानसभा चुनाव नादौन से लड़ा और जीता। 2007 के चुनावों में उन्हें फिर से चुना गया। हालांकि, 2012 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2017 में वे निर्वाचित विधायक के रूप में राज्य विधानसभा में वापसी करने में कामयाब रहे। वह 2007 से 2012 तक कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक थे। सुक्खू विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की प्रचार समिति के अध्यक्ष थे और चुनाव में पार्टी का चेहरा थे। हालांकि वे चार बार के विधायक हैं, वे कभी भी राज्य में मंत्री नहीं रहे, और मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) या यहां तक ​​कि बोर्ड या निगम के अध्यक्ष जैसे किसी अन्य पद पर नहीं रहे। पार्टी के आलाकमान द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में नामित किए जाने के बाद, उन्होंने कहा, “मैं कभी भी किसी पद की दौड़ में नहीं था और भविष्य में भी नहीं रहूंगा। मैं कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता हूं। मुझे कभी किसी पद की लालसा नहीं रही। पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है और पार्टी के आदेश का पालन करना मेरा कर्तव्य है। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी से करीबी मुकाबले के बाद सत्ता छीन ली, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें हासिल कीं, जबकि भाजपा को 25 सीटें मिलीं।

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भपेंद्र पटेल ने ली गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ

गुजरात | गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद सरकार की औपचारिक शुरूआत हो गई है। भूपेंद्र पटेल ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ले ली है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गांधीनगर में भूपेंद्र पटेल और तमाम मंत्रियों को शपथ दिलाई। इस शपथ समारोह में पीएम मोदी समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। गांधीनगर में भूपेंद्र पटेल के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। इसके अलावा बीजेपी शासित प्रदेशों और उसके गंठबंधन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के हिमंत बिस्वा सरमा, हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान, कर्नाटक के बसवराज बोम्मई, उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस शामिल हैं। 200 साधु पहुंचे शपथ ग्रहण समारोह में मंच को तीन हिस्सों में बांटा गया। बीच वाले स्टेज पर भूपेंद्र पटेल ने शपथ ग्रहण किया। इसके दाएं ओर बने मंच पर पीएम मोदी और तमाम VVIP गेस्ट दिखाई दिए। जबकि खास बात ये रही कि समारोह में 200 साधुओं को भी न्योता दिया गया था। बाई ओर बने स्टेज पर इस साधुओं के बैठने की व्यवस्था की गई थी। घाटलोदिया सीट से चुनाव जीते थे भूपेंद्र पटेल भूपेंद्र पटेल गुजरात की घाटलोदिया सीट से चुनाव जीतकर आए हैं। नतीजों में भूपेंद्र पटेल को 2,13,530 वोट मिले। ये इस सीट का कुल 83 प्रतिशत वोट है। कांग्रेस के अमी याग्निक यहां दूसरे नंबर पर थे जिन्हें सिर्फ 21267 वोट ही मिले। आपको बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 182 में से 156 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले गुजरात में इतनी सीटें किसी पार्टी के खाते में नहीं आई थी। बीजेपी ने इस 53 फीसदी वोट भी हासिल किए .

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एमपी शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह सामरोह के समापन पर बोले मुख्यमंत्री

गोरखपुर | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि तेजी से बदलता और विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ता भारत पूरी दुनिया के लिए कौतुहल और आश्चर्य का विषय है। नया भारत गरीबों को जितना आवास दे देता है उतने में नया ऑस्ट्रेलिया बस सकता है। ऑस्ट्रेलिया की आबादी करीब पौने तीन करोड़ है और भारत में बीते कुछ ही सालों में तीन करोड़ गरीबों के आवास बना दिए गए हैं। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के सभी देशों की सम्मलित आबादी से अधिक, 80 करोड़ लोगों को यह भारत कोरोना कालखंड में मुफ्त राशन उपलब्ध करा देता है। सीएम योगी शनिवार को महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद के 90वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर आयोजित पारितोषिक वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। समापन समारोह के मुख्य अतिथि ओम बिरला का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया जब कोरोना से पस्त थी तब भारत ने यशस्वी नेतृत्व, दृढ़ इच्छाशक्ति और चुनौतियों से जूझने के जज्बे से कोरोना का शानदार व सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन करने के साथ विकास, जन कल्याणकारी योजनाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ाकर समूचे विश्व के सामने नायाब उदाहरण प्रस्तुत कर रहा था। सीएम योगी ने कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है। 200 वर्षों तक शासन करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। जी-20 का नेतृत्व मिलना भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार जी-20 का नेतृत्व मिलना भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है। जी-20 मे वे देश शामिल हैं जो दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी, 75 प्रतिशत ट्रेड, 85 प्रतिशत जीडीपी और 95 प्रतिशत पेटेंट का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के नेतृत्व में जी-20 का थीम है- वसुधैव कुटुम्बकम, अर्थात एक परिवार, एक पृथ्वी और एक भविष्य। हमारे देश ने सदैव इसी भाव को महत्व दिया है। भारत ने हर मत, मजहब को विपत्ति में शरण दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जी-20 के 11 से अधिक कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के चार शहरों में होने हैं। इसको लेकर प्रयास और अभ्यास को अभी से आगे बढ़ाना होगा। शिक्षण संस्थाओं को भी चाहिए कि वे इससे खुद को जोड़कर स्थानीय स्तर पर अपनी तैयारी करें। इंसेफेलाइटिस का टीका आने में लगे सौ साल, नौ माह में तैयार हुईं कोविड की दो स्वदेशी वैक्सीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर आगे बढ़ते हुए देश ने कोरोना की अभूतपूर्व चुनौती में भी उपलब्धियों की रफ्तार को थमने नहीं दिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष हजारों बच्चों की जान जिस इंसेफेलाइटिस से चली जाती थी, उसका टीका भारत आने में सौ साल लग गए थे जबकि कोरोना संकट में देश ने मात्र नौ माह में दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर दिए। इंसेफेलाइटिस का टीका जापान में 1905 में ही बन गया था लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में टीके 2006 में लगने शुरू हुए। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश मे नौ माह में दो कोविड वैक्सीन विकसित कर इसे 135 करोड़ की आबादी की निशुल्क उपलब्ध कराया गया। निरपेक्ष भूमिका में न रहें शिक्षण संस्थाएं अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थाओं को निरपेक्ष भूमिका से बाहर निकलकर व्यावहारिकता के भाव से जुड़ने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण संस्थाओं को इंडस्ट्री के साथ जुड़ना होगा। क्लासरूम तक सीमित रहने की बजाय व्यावहारिक जानकारी की ओर अग्रसर होना होगा। पर, दुखद सच्चाई है कि संस्थाएं खुद को निरपेक्ष कर लेती हैं। उन्होंने कहा कि ढाई साल के कोरोना कालखंड में उत्तर प्रदेश में 23600 लोगों की मौत हुई थी जबकि सड़क हादसों में एक साल में इतनी ही मौत हो जाती है। ओवर स्पीडिंग, हेलमेट-सीट बेल्ट न प्रयोग करना और गलत रोड इंजीनियरिंग इसके कारण हैं। यातायात के नियमों की जानकारी देने को प्रार्थना सभा में शामिल कर शिक्षण संस्थान सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या में कमी ला सकते हैं। तकनीकी शिक्षण संस्थाएं गलत रोड इंजीनियरिंग पर अध्ययन को आगे बढ़ाकर कार्यदायी संस्थाओं को जागरूक कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थाओं को यह सोचना होगा कि हमें किसी कार्य को करने के लिए बाहर के संस्थाओं को क्यों बुलाना पड़ता है, हर कार्य में हम शासन पर ही निर्भर क्यों रहते हैं। उन्होंने विद्यालयों के पुस्तकालयों को समृद्ध करते हुए छात्र छात्राओं को देश दुनिया की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया। राजधानी गांव पर शोध करें उच्च शिक्षण संस्थान भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर के चौरीचौरा के पास एक गांव का नाम ही राजधानी है। इसका इतिहास करीब 2500 वर्ष पुराना बताया जाता है। गोरखपुर विश्वविद्यालय व अन्य उच्च शिक्षण संस्थाओं को इस पर शोध करना चाहिए। जीवन की व्यावहारिकता ही वास्तविक ज्ञान मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मनीषा ने ज्ञान परम्परा को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रखा था। उसमें व्यावहारिकता को पर्याप्त महत्व दिया गया। जीवन की व्यावहारिकता ही वास्तविक ज्ञान है। इसी के अनुरुप महंत दिग्विजयनाथ जी ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थी। यह वह समय था जब देश परतंत्र था। उस समय गोरखपुर से लखनऊ का जुड़ाव एक पांटून पुल से था। हम लोगों में बहुत से लोगों ने आजादी की लड़ाई नहीं देखी, सिर्फ सुना है। पर, आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसके मुख्य महोत्सव हर घर तिरंगा अभियान में हर भारतीय पूरे उत्साह से जुड़ा। पीएम मोदी ने हम सबको राष्ट्रीयता से जुड़ने का मंच देते हुए महोत्सव को नई ऊंचाई दी। गोरखपुर को नॉलेज सिटी के रूप में आगे बढ़ाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना करने के साथ ही महंत दिग्विजयनाथ ने महिला महाविद्यालय पॉलिटेक्निक आयुर्वेद कॉलेज संस्कृत कॉलेज की प्रकल्प शुरू किए थे। इसके साथ ही समाज हित में परिषद के संसाधन गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए समर्पित कर दिए थे। आगामी 10 वर्ष में यह परिषद अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा। यह अवसर संस्थापकों के प्रति कृतज्ञ कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए नई रूपरेखा बनाने का अवसर है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोरखपुर

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हर नगर को खास पहचान दिलाने की मुख्यमंत्री की अनूठी पहल

लखनऊ | उत्तर प्रदेश का हर नगर, हर कस्बा अपना जन्मदिन मनाएगा। स्थानीय नागरिक हों या कि जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, सब मिलजुलकर अपने शहर का जन्मदिन मनाएंगे। नगरों की विशिष्ट विशेषताओं को उद्घाटित करते हुए देश में उनकी अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अनूठी पहल करते हुए ‘नगर सृजन दिवस’ मनाए जाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद नगरों के अस्तित्व में आने के संबंध में प्रमाणिक तिथि (जन्म दिवस) तलाशने की तैयारी शुरू हो गई है। नगर विकास विभाग द्वारा जारी इस विशेष कार्यवाही के दौरान न केवल शहर से जुड़ी न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को तिथिवार लिपिबद्ध किया जाएगा, बल्कि ऐतिहासिक, पौराणिक, विरासत स्थल, पार्कों को सूचीबद्ध करने, नगर के महापुरूषों से संबंधित प्रेरक प्रसंगों को संकलित करने, नगर के आर्थिक विकास के परिचायक उत्पादों, उद्योगों की नगर की पहचान की मुख्य अवयवों में समाहित करने, नगर के पर्यावरण पारिस्थितिकी के प्रति लोगों को जागरुक करने एवं उत्सव के दौरान नगर की स्वच्छता एवं सौन्दर्यीकरण हेतु कार्ययोजना भी तैयार है। नगर सृजन दिवस मनाए जाने के पीछे सीएम योगी की मंशा नगर के इतिहास, संस्कृति एवं सभ्यता के प्रति नागरिकों के अन्दर गौरव की अनुभूति जागृत करने तथा नगर के विशिष्ट पहचान सुनिश्चित करने की है। प्रामाणिक तिथि तय होने के बाद धूमधाम से हर साल विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। नगर के जन्म दिवस पर शहर के ऐतिहासिक स्थलों, पार्कों इत्यादि पर राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत के साथ ध्वजारोरण भी किया जाएगा। यही नहीं, उत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ लोककला, साहित्य, संस्कृति से जुड़े लोगों के साथ-साथ स्वतन्त्रता सेनानी, भूतपूर्व सैनिक, महत्वपूर्ण खिलाड़ी, बुद्धिजीवियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। योजना है कि इस खास कार्यक्रम में नगर के ऐतिहासिक तथ्यों, महापुरूषों से संबंधित प्रेरक प्रसंगों को भी समाहित किया जाए। एक सप्ताह तक निकाय में इनकी फोटो प्रदर्शनी लगाई जाएगी। अतीत से वर्तमान तक से होगा सीधा साक्षात्कार नगर सृजन दिवस पर शहर के अतीत से जुड़े पन्ने तो पढ़े ही जाएंगे, संबंधित निकाय द्वारा बीते वर्ष नागरिक सुविधाओं के लिए किये गये प्रमुख कार्यों तथा आगामी वर्ष में किये जाने वाले प्रमुख कार्यों से संबंधित तथ्यों को भी रेखांकित किया जाएगा। यहां नागरिक सुविधाओं के कैंप भी लगाए जाएंगे। साथ ही, नगर की आर्थिक विकास के विशिष्ट पहचान वाले उद्योगों, उत्पादों को नगर की पहचान के मुख्य अवयव के रूप में ब्रांडिंग की भी योजना है। स्वच्छ-हरित शहर के संकल्प से आम जन को जोड़ते हुए इस कार्यक्रम में नगर के पर्यावरण परिस्थितिकी जैसे नदियाँ, वाटरबॉडीज, ग्रीनफारेस्ट, बायो-डायवरसिटि को संरक्षित करने के विषय में भी कार्यक्रम होंगे तथा इनके किनारे विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा।

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योगी की अगुआई में देश ही नहीं दुनियां में सिरमौर बनेगा यूपी

गोरखपुर | लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की मुक्तकंठ सराहना करते हुए कहा कि आज दुनिया के लिए उत्तर प्रदेश सबसे शानदार आर्थिक गंतव्य है। बड़े से बड़े देश भी आर्थिक गंतव्य चुनने के लिए उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचार एवं दूरदृष्टि का परिणाम है। उत्तर प्रदेश में हर नौजवान को रोजगार मिलेगा, किसान समृद्ध होगा। यह प्रदेश देश ही नहीं दुनिया का सिरमौर बनेगा। लोकसभा अध्यक्ष शनिवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 90वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर आयोजित पारितोषिक वितरण कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल वैभवपूर्ण संस्कृति, अध्यात्म व कठोर परिश्रम के लिए ख्यातिलब्ध है बल्कि आज विकास की दृष्टि से दुनिया का सबसे तेजी से आगे बढ़ता हुआ राज्य है। नए विचार रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में उत्तर प्रदेश में उद्योग, सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आदि सभी क्षेत्रों में लंबा दृष्टिकोण बनाकर काम किया है। उत्तर प्रदेश कई देशों को मिलाकर भी बड़ा है। आज यहां शांति है मजबूत कानून व्यवस्था है, न्याय, समानता व समतामूलक समाज है। जहां शांति रहती है, वही प्रगति व खुशहाली भी आती है। यही कारण है कि कानून का राज और शांति होने के चलते दुनिया के लोग आर्थिक गंतव्य के लिए उत्तर प्रदेश को चुनते हैं। यहां के मुख्यमंत्री की सोच है कि यह प्रदेश आर्थिक दृष्टि से मजबूत होकर रोजगार देने वाला सबसे बड़ा प्रदेश भी बने। जबकि एक समय तक सर्वाधिक पलायन उत्तर प्रदेश से ही होता था। उत्तर प्रदेश के युवाओं को यहीं की धरती पर काम मिले और उनकी क्षमता का लाभ प्रदेश को मिले, उसी दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आर्थिक तंत्र को आगे बढ़ा रहे हैं। काबिले तारीफ रहा योगी के कोरोना प्रबंधन का मॉडल लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला ने कोरोना प्रबंधन को लेकर भी सीएम योगी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौरान न केवल डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व कोरोना योद्धाओं का हौसला बढ़ाया बल्कि खुद कोरोना पीड़ित होने के बावजूद लोगों के बीच जाकर उनका साहस बढ़ाते रहे। कोरोना संकट में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ काम किया। चिकित्सा के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी तय मानकों पर उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहे, इसी नई सोच से यहां काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को जी-20 का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है। इसमें यूपी में भी कई कार्यक्रम होंगे। उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। यहां 76 फीसद सरफेस वाटर सिंचन होता है, लक्ष्य 100 फीसद का है। जी-20 के माध्यम से हम कृषि उत्पादों और उनका मूल्य संवर्धन कर किसानों को आर्थिक रूप से और समृद्ध कर सकेंगे। भारत के युवाओं में अद्भुत क्षमता लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया में भारत की बदलती पहचान में युवाओं की बड़ी भूमिका है। भारत के युवाओं में चिंतन, नवाचार की अद्भुत क्षमता है। भारत को विकसित व समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने समृद्ध विरासत, स्वामी विवेकानंद, मदन मोहन मालवीय और महंत दिग्विजयनाथ जैसे महान व्यक्तित्व व उनसे मिली प्रेरणा को भी याद रखना होगा। आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक है गोरक्षनगरी लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला ने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ की तपोभूमि गोरक्षनगरी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक है। नाथ संप्रदाय के योगियों ने धर्म, संस्कृति को मुगल शासकों के आक्रमण से बचाया। आजादी के आंदोलन में जब मदन मोहन मालवीय जी ने संस्कारप्रद व समग्र व्यक्तित्व विकास वाली शिक्षा के विचार दिए तब महंत दिग्विजयनाथ जी ने उसी अनुरूप महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर राष्ट्रीयता व समग्र व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देने वाली शिक्षा का बीजारोपण किया। महिला शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि व आयुर्वेद शिक्षा पर भी ध्यान दिया। आज इस परिषद का विस्तार 52 शिक्षण संस्थाओं तक हो चुका है। युवाओं को प्रेरणा देने के लिए परिषद का नामकरण राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप के नाम पर किया।

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