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जिसने भी सुनी श्रीराम कथा, दूर हुई उसके जीवन की व्यथा: योगी

गोरखपुर, 7 सितंबर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पावन जीवन चरित्र समूची मानवता के लिए दिग्दर्शन है, प्रेरणा एवं प्रकाश है। उनके जीवन से हम सबको विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा मिलती है। हमारे मनीषियों ने माना है कि श्रीराम ही साक्षात धर्म हैं अर्थात श्रीराम ही सबकुछ हैं। भगवान श्रीराम की कथा जिसने भी सुनी, उसके जीवन की सभी व्यथा दूर हुई। उसे भवसागर से मुक्ति मिली और सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ। -मानवता का दिग्दर्शन है श्रीराम का जीवन :मुख्यमंत्री -श्रीराम ही साक्षात धर्म, उनके चरित्र से मिलती है विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा -युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पुण्य स्मृति में संगीतमय श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 53वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में बुधवार अपराह्न श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म की व्याख्या को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद हो सकता है लेकिन अलग-अलग व्याख्याओं में धर्म के जितने भी लक्षण बताए गए हैं, वे सब श्रीराम के पावन चरित्र में समाहित हैं। यह हम सबका सौभाग्य है कि हमें श्रीराम कथा श्रवण का आनंद प्राप्त हो रहा है। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वर्तमान पीढ़ी का सौभाग्य है कि वह श्रीराम कथा श्रवण की परंपरा से उस दौर में जुड़ रही है जब श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों के लंबे इंतजार में कई पीढियां चली गईं, लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। श्रीराम मंदिर का निर्माण अपनी विरासत के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित करने का भी माध्यम है। अपनी विरासत व महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के ही लिए गोरखनाथ मंदिर में प्रति वर्ष ब्रह्मलीन आचार्यों की पुण्य स्मृति में कथा का आयोजन होता है। वार्षिक कथा के श्रवण के लिए श्रद्धालुओं को उत्सुकता से इंतजार रहता है। इस अवसर पर उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के श्रीचरणों में नमन कर अपनी श्रद्धा निवेदित की। मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज (पीठाधीश्वर, अशर्फी भवन अयोध्या) ने कराया। इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, स्वामी अनंताचार्य, महंत शेरनाथ, संत अवधेश दास, सतुआ बाबा समेत बड़ी संख्या में संतजन, यजमान व श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी। इसका विराम हवन एवं भंडारे के साथ 13 सितंबर को होगा। श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मुख्य मंदिर से कथा स्थल तक बैंडबाजे, शंख ध्वनि की गूंज तथा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर गोरक्षपीठाधीश्वर ने अखंड ज्योति स्थापित की। साप्ताहिक पुण्यतिथि समारोह में व्याख्यानमाला गुरुवार से, सीएम रहेंगे मौजूद गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में विभिन्न सामयिक व ज्वलंत विषयों पर व्याख्यानमाला का शुभारंभ गुरुवार को सुबह 10.30 बजे से होगा। शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। पहले दिन 8 सितंबर को ‘आजादी का अमृत महोत्सव: संकल्पना से सिद्धि तक’ विषय पर व्याख्यान होगा।

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संकल्पों को सिद्धि में बदल रहा है आज का नया भारत : योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर, 8 सितंबर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस ब्रिटेन ने भारत पर 200 वर्षों तक शासन किया, वह देश अपनी आजादी के 75 सालों में उसी ब्रिटेन को पछाड़कर आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह इस बात का जीवंत उदाहरण है कि आज का नया भारत अपने संकल्पों को सिद्धि में बदल रहा है। यह भारत के वर्तमान यशस्वी नेतृत्व की सफलता का भी उदाहरण है। -पराजय को कभी स्वीकार नहीं किया भारत ने -युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि पर साप्ताहिक समारोह -‘आजादी का अमृत महोत्सव : संकल्पना से सिद्धि तक’ विषयक सम्मेलन में बोले मुख्यमंत्री सीएम योगी गुरुवार को युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में आयोजित साप्ताहिक समारोह के अंतर्गत ‘आजादी का अमृत महोत्सव : संकल्पना से सिद्धि तक’ विषयक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में पहली बार लगा कि स्वाधीनता दिवस का पर्व सिर्फ सरकारी आयोजन नहीं है बल्कि इसमें जन-जन की भागीदारी है। सभी भारतवासियों ने हर घर तिरंगा फहराया। इसमें सम्पूर्ण देश की सहभागिता रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश को आजादी अचानक नहीं मिली। इसके लिए अहर्निश प्रयास करना पड़ा, अनगिनत बलिदान देने पड़े। भारत उन चंद देशों में से एक है जिसने कभी पराजय को स्वीकार नहीं किया बल्कि निरंतर लड़ता रहा। पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह जैसे महापुरुष लगातार देश के सम्मान और स्वाभिमान के लिए लड़ते रहे। उस दौर में देश एकजुट होकर लड़ा होता तो मुगलों के छक्के उसी कालखंड में छुड़ा दिए गए होते और उसके बाद पराधीनता नही मिलती। 1857 के बाद बुझने नहीं पाई क्रांति की ज्वाला सीएम योगी ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर में देश एकजुट होकर लड़ा था। बैरकपुर में मंगल पांडेय, गोरखपुर में बंधु सिंह, मेरठ में धनसिंह कोतवाल, झांसी में रानी लक्ष्मीबाई, बिठूर में तात्या टोपे ने आजादी की लड़ाई की मशाल जलाई। देश का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं था जहां लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हुंकार न भरी हो। पहली बार लगा था कि भारत दासता से मुक्त हो जाएगा। तभी से क्रांति की ज्वाला बुझने नहीं पाई। 1922 में ऐतिहासिक चौरीचौरा जनाक्रोश हुआ, लखनऊ में काकोरी की घटना में कई क्रांतिकारियों को फांसी दी गई। अनगिनत बलिदान से अंततः 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हो गया। भारत को विकसित राष्ट्र बनने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वाधीनता दिवस पर बताए गए पंच प्रणों से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हम लक्षित संकल्पों से जुड़कर अपने अपने क्षेत्र के दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें तो दुनिया की कोई भी ताकत भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि चाहे वह छात्र हो, शिक्षक, किसान, उद्यमी, व्यापारी या समाज का कोई भी तबका, सबके मन मे ‘देश प्रथम’ का भाव होना चाहिए। हमें अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए कार्य करना होगा। पंचायतों और निकायों को हरेक कार्य के लिए सरकार पर निर्भर रहने की बजाय राजस्व के स्रोतों को बढ़ाना होगा। पीएम मोदी के पंच प्रण किसी व्यक्ति, मजहब, धर्म या क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि देश की 135 करोड़ जनता के लिए मिलकर काम करने का मंत्र हैं। एक भारत-श्रेष्ठ भारत की शुरुआत स्वयं से करनी होगी सीएम योगी ने कहा कि देश की आजादी के बाद दुनिया को लगा था कि भारत लंबा नहीं चल पाएगा। पर, इन 75 वर्षों में अलग-अलग बोली, भाषा, खानपान के बावजूद कश्मीर से कन्याकुमारी तक तथा द्वारिका से बंगाल तक पूरे देश में एक समान राष्ट्रीय भाव भंगिमा दिखती है। हमें और आगे बढ़ने के लिए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भाव जगाना होगा और इसकी शुरूआत स्वयं से करनी होगी। यदि हमें भारत को विकसित बनाना है तो आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पर आगे बढ़ना होगा। ऐसा करके ही हम आजादी के शताब्दी महोत्सव में यह कहने की स्थिति में होंगे कि हमारा देश विकसित और दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन चुका है। इतिहास को विस्मृत कर उज्ज्वल भविष्य की कल्पना नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इतिहास को विस्मृत कर उज्जवल भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते। विकास केवल बोल देने से नहीं होगा बल्कि इसमें सबकी भूमिका होनी चाहिए। इतिहास, ज्ञान, विज्ञान के समन्वय से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि जिन महापुरुषों ने आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और गुमनाम रह गए, उन्हें ढूंढना और उनके जरिए वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने का दायित्व शिक्षण संस्थाओं को उठाना होगा। इसी क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संकल्पों से जुड़कर शिक्षण संस्थान खुद को आदर्श केंद्र बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाएं पाठ्यक्रमों के साथ सरकार की योजनाओं की गहरी जानकारी रखें ताकि अध्ययन के बाद छात्र को कहीं भटकना न पड़े। योजनाओं की जानकारी से छात्र अध्ययन के साथ ही अपने आगामी लक्ष्य को तय कर सकेगा और लक्षित संकल्प से ही सिद्धि प्राप्त होगी। आजीवन राष्ट्र निर्माण की संकल्पना से जुड़े रहे महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि महंतद्वय आजीवन राष्ट्र निर्माण की संकल्पना से जुड़े रहे। महंतद्वय के नेतृत्व में गोरक्षपीठ के एक-एक कार्य समाज एवं राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन, छुआछूत उन्मूलन, गोरक्षा से लेकर शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में गोरक्षपीठ ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। आचार्यद्वय ने सदैव राष्ट्रीय कर्तव्यों का निर्वहन किया। विश्व में बढ़ी है भारत की स्वीकार्यता :प्रो रविशंकर सिंह सम्मेलन के मुख्य वक्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो रविशंकर सिंह ने कहा कि 1947 में देश के आजाद होने पर ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री चर्चिल ने कहा था कि भारत बिखर जाएगा। लेकिन, आजादी के 75 सालों में भारत बिखरा नहीं बल्कि निखर गया है। आजादी के अमृत महोत्सव को राष्ट्र जागरण का उत्सव बताते हुए डॉ

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यूपी में लंपी वायरस की ‘लंबी घेराबंदी’ का मास्टरप्लान तैयार

लखनऊ, 8 सितम्बर। राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेजी से पांव पसार रहे लंपी वायरस की ‘लंबी घेराबंदी’ की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। योगी सरकार ने पीलीभीत से इटावा तक लगभग तीन सौ किलोमीटर लंबी इम्यून बेल्ट के जरिए लंपी वायरस को घेरने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। पांच जिलों के 23 ब्लॉक से होकर गुजरने वाली इम्यून बेल्ट 10 किलोमीटर चौड़ी होगी। पशुपालन विभाग की ओर से इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। -योगी सरकार का बड़ा एक्शन -तीन सौ किमी लंबी इम्यून बेल्ट बनाएगी सरकार -पीलीभीत से इटावा तक बनायी जाएगी इम्यून बेल्ट -5 जिलों के 23 ब्लॉक से होकर गुजरेगी इम्यून बेल्ट -पश्चिमी यूपी में ही लंपी वायरस को घेरने की रणनीति -योगी सरकार करा चुकी है तकरीबन 6 लाख पशुओं का टीकाकरण इम्यून बेल्ट क्रॉस नहीं कर पाएंगे संक्रमित पशु पशुपालन विभाग की ओर से इम्यून बेल्ट के अंतर्गत निगरानी के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं की ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट का जिम्मा संभालेगी। संक्रमित पशुओं की कड़ी निगरानी रखने के साथ ही इन्हें इम्यून बेल्ट के भीतर ही रोकने की व्यवस्था होगी। पशुओं के संक्रमण को रोकने के लिए ऐसा प्रयास इससे पहले 2020 में मलेशिया में किया जा चुका है, जिसके परिणाम काफी सकारात्मक आये थे। सरकार तेजी से चला रही टीकाकरण अभियान यूपी के 23 जिले लंपी वायरस से प्रभावित हैं। इनमें अलीगढ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में सबसे ज्यादा मामले सामने आये हैं। वहीं मथुरा, बुलंदशहर, बागपत, हापुड, मेरठ, शामली और बिजनौर में भी वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। लंपी वायरस के कारण अबतक प्रदेश के 2,331 गांवों के 21,619 गोवंश संक्रमित हो चुके हैं, इनमें से 199 की मौत हो चुकी है, जबकि 9,834 स्वस्थ हो गये हैं। संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया है। इसमें अबतक 5,83,600 गोवंश का टीकाकरण हो चुका है। ताकि पश्चिम से पूरब में ना फैले वायरस प्रदेश में लंपी वायरस के ज्यादातर मामले पश्चिमी जिलों में ही सामने आये हैं। इसे देखते हुए योगी सरकार पीलीभीत से लेकर इटावा तक लगभग 300 किलोमीटर की दूरी को 10 किलोमीटर चौड़े इम्युन बेल्ट से कवर करने का प्लान तैयार कर लिया है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने पशुपालन विभाग ने इम्यून बेल्ट से संबंधित मास्टर प्लान का प्रेजेंटेशन रखा है, जिसे सरकार की ओर से सहमति मिल गयी है। इन विकास खंडों से होकर गुजरेगी इम्यून बेल्ट ये इम्यून बेल्ट पीलीभीत जिले के बीसलपुर, बरखेड़ा, ललोरीखेड़ा, मरोरी और अमरिया विकास खंड से होते हुए शाहजहांपुर जिले के खुदागंज, निगोही, सिधौली, भावल खेड़ा, कांट, जलालाबाद और मिर्जापुर विकास खंड के रास्ते फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज, शमसाबाद और राजेपुर विकासखंड होते हुए मैनपुरी जिले के कुरावली, सुल्तानगंज और घिरौर विकास खंड तथा इटावा के बढ़पुरा, जसवंतनगर, सैफई, बसरेहर और ताखा विकासखंड तक जाएगी। यूपी में टीकों की कमी नहीं है पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के 9 मंडलों में लंपी वायरस को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। वायरस के प्रसार को देखते हुए सितंबर का महीना काफी संवेदनशील माना जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार विभाग के पास टीकों की कोई कमी नहीं है और 32 लाख से भी ज्यादा टीके प्राप्त हो चुके हैं। अभी दो लाख टीके प्रतिदिन लगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिसे जल्द ही तीन लाख टीके प्रतिदिन करने की योजना है। क्या है लंपी वायरस लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरस है। यह मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों और टिक्स द्वारा एक पशु के शरीर से दूसरे पशु के शरीर तक यात्रा करता है। लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आने के साथ ही उनकी भूख कम हो जाती है। इसके अलावा चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें बन जाती हैं। साथ ही पैरों में सूजन, लंगड़ापन और नर पशु में काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है। कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है।

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आयुष विवि के निर्माण की धीमी गति से सीएम नाराज, जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज गोरखपुर में बन रहा है प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय

गोरखपुर, 7 सितंबर। दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों के बारे में चर्चा की। इस दौरान आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य धीमी गति से होने को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा कि इस मामले में जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय यह उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। उन्होंने गो तस्करी को पूरी तरह से रोकने की भी हिदायत दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की विकास कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा, गो तस्करों और नशे के कारोबारियों पर करें प्रभावी कार्रवाई प्रगतिशील किसानों को करें सम्मानित बैठक में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी ली। इस दौरान इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना के सफल होने की जानकारी मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा दी गई। अधिकारियों ने और इलेक्ट्रिक बस चलाने की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सकारात्मक आश्वासन दिया है। उन्होंने प्रदेश के अन्य जिलों में गन्ना की खेती के बारे में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अच्छा करने वाले कृषकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाते हुए गो तस्करों पर प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश एसएसपी को दिया। नशामुक्ति की दिशा में काम करने का निर्देश भी उन्होंने दिया। अधिकारियों की ओर से नशामुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। बैठक में मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, डीआइजी जे रविन्दर गौड, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएसपी गौरव ग्रोवर, जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह, नगर आयुक्त अविनाश सिंह एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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फिजियोथैरेपी से मिलेगी स्पाइन व अन्य शारीरिक समस्याओं व दर्द से निजात

उत्तर प्रदेश | डॉ. अमित मिश्रा ने वर्ल्ड विजियोथेरेपी डे (8 सितम्बर) के अवसर पर शुभकामनायें देते हुये बताया कि आज के समय की बदली दुनिया जिसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ गया है जिससे स्पाइन से जुड़ी समस्यायें जैसे गर्दन में दर्द, सर में दर्द, चक्कर आना, गर्दन से हाथों तक दर्द आना, मोटापे व खराब सड़को व गलत जीवन शैली के चलते कमर में दर्द, स्लिपडिस्क, कमर से नीचे पैरों तक दर्द आना, झनझनाहट व सुन्नपन आना, इन सभी शारीरिक समस्याओं में फिजियोथेरेपी चिकित्सा व जीवन शैली में कुछ बदलाव करके निजात पाई जा सकती है। क्या है स्पाइन समस्याओं के मुख्य कारण:- आज कल की बदलती डिजिटल जीवन शैली में जैसे मोबाइल का गलत तरीके से अत्यधिक उपयोग कराना, कम्प्यूटर व किसी भी स्किन पर गलत तरीके से लम्बे समय तक काम करना, तनावग्रस्त रहना, अनियंत्रित डायबीटीज होना, गर्दन में गलत तरह से झटका लग जाना ये सभी गर्दन दर्द के मुख्य कारण है व कमर दर्द के मुख्य कारण खराब सड़के, मोटापा लम्बे समय तक गलत तरीके से बैठना, कमर पर अनियंत्रित झटका या चोट लग जाना व अन्य है पिछले लम्बे समय से कोविड वायरस संक्रमण के चलते करोना काल में घर पर ही मोबाइल व लैपटॉप पर आफिस कार्य, घर पर ऑनलाइन क्लास के कारण भी गर्दन दर्द, कमर दर्द की समस्यायें बढ़ी है। मोबाइल को गलत तरीके से गर्दन झुका कर अत्यधिक इस्तेमाल करने से व बिस्तर पर मोबाइल व लैपटॉप गलत तरह से उपयोग करने से सरवाईकल स्पाइन की समस्यायें बढ़ती जा रही है। जिससे कि हेडक, चक्कर आना, गर्दन में दर्द, हाथों में दर्द व सुन्नपन आना जैसी समस्यायें सामने आती है। फिजियोथेरेपी से मिलेगा इन समस्याओं से भी छुटकारा:- घुटनों में दर्द (आर्थराइटिस), कंधे का जाम होना या दर्द (फ्रोजेन शेल्डर), स्पोटर््स इन्जरी, पैरालिसिस (न्यूरो) के बाद आई शारिरिक कमजोरी को दूर करने में भी फिजियोथेरेपी चिकित्सा का महत्वपूर्ण योगदान है। बचाव एवं सावधानियां:- हमे मोबाइल इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए मोबाइल इस्तेमाल करते समय मोबाइल को जितना हो सके आँखों के सामने ऊपर लाकर इस्तेमाल करना चाहिए बिस्तर पर लैपटॉप या मोबाइल पर लम्बे समय तक आफिस वर्क या ऑन लाइन क्लास नही करनी चाहिए आफिस में लेपटॉप या कम्प्यूटर पर लम्बे समय तक काम करने की स्थिति पर में आफिस की कुर्सी में सीधा बैठकर स्क्रीन को सामने ऊँचा रखकर करे व बीच बीच में 2-3 घंटे के अंतराल में कुर्सी से उठकर अपने स्पाइनल को सीधा व स्ट्रेच करें। नियमित व्यायाम बच्चों को खेलकूद के प्रति प्रेरित करना चाहिए जिससे कि व मोबाइल तक ही सीमित न रहे ,महिलाओं को अधिक ऊँची हील वाली सैण्डल अकसर पहनने से बचना चाहिए, खान-पान में सुधार जरूरी है जिससे कि शरीर में कैल्शियम विटामिन-डी-3 (सुबह की धूप लेना) विटामिन सी, विटामिन बी 12 व अन्य पोशक तत्वों की मात्रा पर्याप्त रूप से उपलब्ध रहे नियमित खेलकूद व व्यायाम में शारीरिक व मानसिक दोनों का ही विकास अच्छे से होता है। क्या है फिजियोथैरेपी चिकित्सा की आधुनिक तकनीकें:- स्पाइनल मोबालाइजेशन एवं मैनुपुलेशन तकनीक से मरीज के स्पाइन में आए मैकेनिकल बदलाव को सही किया जा सकता है व मुलिगन, मेडलेण्ड, आस्टियोपैथी कायरोपैक्टर तकनीक द्वारा भी दूर किया जाता है। टेपिंग, कपिंग थैरेपी, ड्राई नीडलिंग, मैनुअल और मैकेनिकल पेल्विक ट्रैक्शन, एम एफ आर व क्रेनियो सैक्रल मोबाइलजेशन आदि आज के समय में अत्यधिक कारगर तकनीक है। इलेक्ट्रोथेरेपी में लेजर, शॉक वेव, लॉन्ग वेब डायथर्मी, शॉर्टवेव डायथर्मी, टेन्स, आई. एफ. टी. व अल्ट्रासोनिक थैरेपी अत्यधिक कार्यगर है। गर्दन या कमर पर नसों के अत्यधिक दबाओं की स्थिति में स्पाइन सर्जन से परामर्श कर लेना चाहिए। डॉ. अमित मिश्रा ने बताया कि हमारे फिजियोथेरेपी क्लीनिक टच एण्ड क्योर में सभी अत्याधुनिक मशीनें व कुशल फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा इन सभी समस्याओं का इलाज सफलतापूर्वक किया जाता है।

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मुख्यमंत्री ने लखनऊ में लेवाना होटल में लगी आग का लिया संज्ञान

लखनऊ | राजधानी लखनऊ के होटल लेवाना में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई. इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 9 घायल लोगों का इलाज सिविल अस्पताल के बर्न यूनिट में चल रहा है. कई लोगों के होटल के अंदर फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. होटल में आग से इलाके में हड़कंप मच गया. दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश में जुटी हैं. यह होटल शहर के वीआईपी इलाके हजरतगंज में स्थित है. होटल के बाहर एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि अंदर अभी भी 20 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है. फायर ब्रिगेड की 15-20 गाड़ियां मौके पर आग बुझाने के काम में लगी हुई हैं. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आग कैसे लगी. बताया जा रहा है कि हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. दमकल की टीमें आग पर काबू पाने की कोशिशों में लगी हैं. आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है. शुरुआती तौर पर शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताई जा रही है. मामले में आगे की जांच जारी है. बताया जा रहा है कि होटल के स्टाफ ने तुरंत दमकल विभाग को इस बारे में जानकारी दी. फिलहाल आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. जांच की जा रही है कि आखिर किन कारणों से आग इतनी भड़क गई. जांच के बाद ही मामले की तस्वीर साफ हो पाएगी. उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लेवाना होटल में लगी आग का संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही जिलाधिकारी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर तत्काल पहुंचने और राहत- बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए है. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लेवाना होटल अग्निकांड पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ये घटना कैसे हुई है, इसकी जांच होगी.

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सीएम योगी करेंगे यूपी के पहले फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास

आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही ताजनगरी को फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स का तोहफा देने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में पहली बार फ्लैटेड फैक्ट्री बनाई जा रही है। आगरा के फाउंड्री नगर में बनने वाली यह फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स करीब 125 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शारदीय नवरात्र में इस फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास करेंगे। यहां एक ही छत के नीचे 200 उद्यमी अपनी फैक्ट्रियां लगा सकेंगे। – आगरा के फाउंड्री नगर में बनेगा बहुमंजिला फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स -नवरात्र में मुख्यमंत्री देंगे शहर के उद्यमियों को अनोखी सौगात -करीब 125 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार होगा कॉम्प्लेक्स -एक ही छत के नीचे 200 उद्यमी स्थापित कर सकेंगे अपनी फैक्ट्रियां 21500 वर्ग मीटर जमीन में बनेगा कॉम्प्लेक्स यूपी की पहली फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स के लिए आगरा के इंडस्ट्रियल एरिया में 21500 वर्ग मीटर जमीन चुनी गई है। फाउंड्री नगर में बनने वाली इस बहुमंजिला इमारत में करीब 4 लाख वर्ग फीट कंस्ट्रक्शन एरिया होगा। इसमें ग्राउंड फ्लोर समेत कुल 4 मंजिल होंगी। प्रत्येक मंजिल में एक लाख वर्ग फीट कंस्ट्रक्शन एरिया होगा। इसमें 9 लिफ्ट लगाई जाएंगी। इस फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में 200 उद्यमी अपनी इकाई लगा सकेंगे। पूरी तरह इको फ्रेंडली होगा फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स इसमें फायर सेफ्टी का पूरा इंतजाम किया जाएगा। यह फैक्ट्री पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगी। इसके साथ ही तीन मेगावाट का सब स्टेशन, जल संचयन समेत कम पानी खपत के लिए यूरीनल बनाए जाएंगे। इसके अलावा सोलर एनर्जी की व्यवस्था भी रहेगी। एक ही स्थान में मिलेंगी तमाम सुविधायें उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग ने बताया कि आगरा में बनने जा रही फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में उद्यमी आते ही अपना काम शुरू कर सकता है। यहां सिर्फ उसे अपनी मशीनरी लगाकर प्लग ऑन करना है, इसके साथ ही उनका उत्पादन शुरू जायेगा। उन्होंने बताया कि उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए बड़े-बड़े प्लॉट की आवश्यकता होती है। उसके बाद प्रदूषण विभाग, बिजली कनेक्शन, समेत अन्य तमाम विभागों से अनुमति लेनी होती है। इसमें उद्यमियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बिना परेशानी और कम बजट में उद्यमी अपनी फैक्ट्री लगा सकें और उन्हें एक ही स्थान पर सभी सुविधायें मिल सके, इसके लिए यह प्रयास किया गया है। साथ ही बैंक ऋण व अन्य सभी सुविधाओं के साथ प्रदेश का पहला फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स आगरा में बनाया जा रहा है। गारमेंट इंडस्ट्री और नए स्टार्टअप को मिलेगी प्राथमिकता राकेश गर्ग ने बताया कि यह पूरा प्रोजेक्ट 125 करोड़ रुपए का है। उद्यमियों को वास्तविक लागत मूल्य पर फैक्ट्री की जगह उपलब्ध कराई जाएगी। इस फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में व्हाइट कैटेगरी के उद्योग जैसे गारमेंट इंडस्ट्री समेत नए स्टार्टअप संचालकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत यहां पर गारमेंट इंडस्ट्री को विकसित किया जाएगा। निर्माता और खरीदार दोनों के समय की होगी बचत इसको लेकर आगरा के गारमेंट्स उद्यमियों में भी उत्साह दिखाई दे रहा है। आगरा रेडीमेड गारमेंट्स संगठन के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि इस कॉम्प्लेक्स के बनने से निर्माता और खरीदार दोनों के समय की बचत होगी। इसमें आगरा आने वाले खरीदार सभी उद्यमियों के उत्पादों को एक ही स्थान पर देखकर ऑर्डर दे सकेगा। उसे हर फैक्ट्री में घूमना नहीं पड़ेगा।

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गोरखपुर-कारोबार को देने रफ्तार, बैंक पहुंचा टेराकोटा शिल्पकारों के द्वार

गोरखपुर। लगातार बुलंदियों को छू रहे टेराकोटा शिल्प के उद्यम को वित्त पोषण में और सहूलियत मिलने जा रही है। टेराकोटा शिल्पियों के कारोबार को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किए गए वादे के अनुरूप पंजाब एंड सिंध बैंक शिल्पियों के द्वार पहुंचा है। बैंक के अधिकारियों ने टेराकोटा शिल्पकारो से उनकी वित्तीय जरूरतों की जानकारी ली और बताया कि उन्हें अपनी कला को उद्योग के रूप में स्थापित करने के प्रदेश सरकार के प्रयास में वह भी हमकदम बन गया है। बैंक ने गोरखपुर के 5000 टेराकोटा शिल्पियों के लिए 25 करोड़ रुपये लोन वितरण का लक्ष्य रखा है। टेराकोटा गांव औरंगाबाद और गुलरिहा का भ्रमण किया पंजाब एंड सिंध बैंक के अफसरों ने 5000 टेराकोटा शिल्पकारों को 25 करोड़ का लोन देने की प्रतिबद्धता जता चुका है बैंक गोरखपुर की विशिष्ट टेराकोटा मिट्टी शिल्प को योगी सरकार ने महत्वाकांक्षी एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल कर प्रशिक्षण, निशुल्क यंत्र-उपकरण व अनुदानित लोन देकर इसे फर्श से अर्श तक पहुंचा दिया है। नायाब होने के बावजूद कभी टेराकोटा के उत्पादों को खरीदारों का टोटा था तो अब सरकार की तरफ से कराई गई ब्रांडिंग का यह जलवा है कि इस शिल्प के उत्पादों की डिमांड इतनी है कि शिल्पकारों के पास तीन से चार महीने के लिए एडवांस ऑर्डर रहता है। यही नहीं, इसके उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से लेकर ग्लोबल मार्केट तक उपलब्ध हैं। सरकार के प्रयासों से टेराकोटा को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग भी हासिल है। टेराकोटा मिट्टी शिल्प उद्यम के रूप में स्थापित हो चुका है। इसका कारोबार और बढ़े और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद दिलचस्पी लेते हैं। सीएम योगी के प्रयासों से जुड़ने की एक पहल पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी की है। कार्यकारी निदेशक रामजस यादव के नेतृत्व में गत 23 अगस्त को बैंक के अधिकारियों ने सीएम योगी से लखनऊ में मुलाकात कर टेराकोटा शिल्पकारों के लिए अपनी कार्ययोजना की जानकारी दी थी। बताया था कि बैंक उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के साथ मिलकर गोरखपुर के 5000 टेराकोटा शिल्पकारों को 25 करोड़ का लोन उपलब्ध कराएगा। इस वित्त पोषण से शिल्पी अपने उद्यम का आकार और विस्तारित कर सकेंगे। इसी कार्ययोजना के मुताबिक रविवार को बैंक के मुख्य प्रबंधक विनय कुमार ओझा के नेतृत्व में वरिष्ठ प्रबंधक शैलेंद्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक गोलघर गोरखपुर शाखा अरविंद कुमार मिश्र, शाखा प्रबंधक बशारतपुर गोरखपुर पंकज जायसवाल व शाखा प्रबंधक बस्ती संदीप यादव टेराकोटा के लिए मशहूर औरंगाबाद और गुलरिहा पहुंचे। उन्होंने भोला प्रसाद प्रजापति, रामफल, गुलाब चंद प्रजापति, गब्बू, लालचंद प्रजापति, हीरालाल प्रजापति, राजन प्रजापति, रविन्द्र प्रजापति से मुलाकात की। उनके हुनर को देखा, बाजार, उत्पादों की मांग और उनके टर्नओवर के बारे में जानकारी ली। बैंक अधिकारियों ने टेराकोटा शिल्पकारों को ओडीओपी के तहत सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। साथ ही बताया कि बैंक उन्हें त्वरित आधार पर सरलता से लोन देने के लिए तैयार बैठा है। लोन से वह अपने कारोबार को और रफ्तार दे सकते हैं। शिल्पकारो को डिजिटल पेमेंट सिस्टम और क्यूआर कोड के जरिये लेनदेन के बारे में बताया गया।

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उत्तर प्रदेश-डिग्री कॉलेजों से निकलेंगे इंटरनेशनल खिलाड़ी

उत्तर प्रदेश। कॉमनवेल्थ गेम्स में उत्तर प्रदेश के 8 खिलाड़ियों ने पदक जीते या पदक जीतने वाली टीमों का हिस्सा रहे। प्रदेश की योगी सरकार खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन से उत्साहित है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश में हर जगह ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो, जहां से इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी निकल सकें। इसके लिए योगी सरकार काफी समय से प्रयासों में जुटी है और वृहद स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने अब डिग्री कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का फैसला किया है, जिसके जरिए ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे मल्टीस्पोर्ट्स इवेंट के लिए खिलाड़ी निकल सकें। इसके तहत उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में क्रीड़ा सामग्री मुहैया कराई जा रही है। मेजर ध्यानचंद मिशन के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग ने एक करोड़ 72 लाख रुपए का फंड जारी किया है। उच्च शिक्षा विभाग प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय को क्रीड़ा सामग्री की खरीद के लिए एक-एक लाख रुपए प्रदान करेगा। इससे जरूरी खेल सामग्री खरीदी जाएगी और खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए कहीं और नहीं भटकना पड़ेगा। – प्रदेश सरकार की पहल पर मेजर ध्यानचंद मिशन के अंतर्गत डिग्री कॉलेजों में तैयार होगा खेलकूद का इंफ्रास्ट्रक्चर -उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया 1.72 करोड़ रुपए का फंड -प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय को खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए दिया जाएगा पैसा -खेल विभाग के एस्टीमेट के अनुसार महाविद्यालय खरीदेंगे जरूरी खेल सामग्री खरीदी जाएगी खेल सामग्री सहायक शिक्षा निदेशक डॉ. जय सिंह के अनुसार खेलकूद विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार क्रीड़ा सामग्री की खरीद की जा रही है। इसके लिए एक लाख रुपए प्रति राजकीय महाविद्यालय की दर से 1.72 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था। इस रकम से कार्डियो इक्विपमेंट के तहत कर्व्ड ट्रेडमिल, क्रॉस ट्रेनर, स्पिन बाइक के अलावा मल्टीजिम, डंबल, बार बेल्स, स्विस बॉल समेत अन्य साजो सामान खरीदा जाना है। इन सामग्रियों की मदद से महाविद्यालयों में खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा और खिलाड़ियों को कॉलेज में ही विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण मिल सकेगा। इसके जरिए खिलाड़ी किसी भी इवेंट में हिस्सा ले सकेंगे और जिले या मंडल स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं की तैयारी कर सकेंगे। इसके तहत छात्रों को स्कूल के शारीरिक प्रशिक्षक या खेलकूद के कोच द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। प्राचार्यों को जारी हुआ पत्र उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के वित्त नियंत्रक शिवराम की ओर से समस्त राजकीय स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों के प्राचार्यों को जारी पत्र में धन आवंटित किए जाने की जानकारी दी है। साथ ही पत्र में कहा गया है कि आवंटित धनराशि का उपयोग इसी वित्तीय वर्ष में किया जाना है। धनराशि का इस्तेमाल शासन द्वारा तय नियमावली के अनुसार हो और यदि कुछ धन बचता है तो विभाग को उसका समर्पण किया जाए। वित्त नियंत्रक शिवराम के अनुसार मेजर ध्यानचंद मिशन के तहत यह फंड जारी किया गया है। इसके जरिए महाविद्यालय स्तर पर खेलों का विकास होगा और जिलों से लेकर प्रदेश तक ऐसे खिलाड़ी निकलेंगे, जो भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। खेलों को प्रोत्साहित कर रही सरकार गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठा रही है। प्रदेश में खेलों का वृहद इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। मेरठ में जहां पहली खेल यूनिवर्सिटी बन रही है तो वहीं प्रत्येक जिले में एक खेल को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कई जिलों में स्पोर्ट्स हॉस्टल बनाया जा रहा है तो वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कानपुर और वाराणसी में मल्टी स्पोट्सर् कांप्लेक्स बनाए जा रहे हैं। सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को पदक जीतने पर नकद ईनाम की घोषणा की है तो उन्हें सीधे राजपत्रित अधिकारी के तौर पर नियुक्ति भी दी जा रही है।

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बिना भेदभाव हर तबके को मिल रहा डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ : योगी

मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मुरादाबाद मंडल का दौरा करने पहुंचे, जहां उन्होंने सर्किट हाउस में मंडलीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ विकास कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान बिजनौर, संभल, अमरोहा और रामपुर के अधिकारी और जनप्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। बैठक में योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों व कानून व्यवस्था पर संतोष प्रकट किया। इसके बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि शासन की योजना को प्रभावी ढंग से जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पांचों जनपदों में लागू करने का कार्य प्रशासन ने किया है। डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके को प्राप्त हो इस दिशा में जो प्रयास प्रारंभ हुए हैं वह आज सार्थक परिणाम दे रहे हैं। – मुरादाबाद मंडल के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों और कानून व्यवस्था पर जताया संतोष – सर्किट हाउस में मंडलीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक – कहा, प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों के सहयोग से योजनाओं को प्रभावी ढंग से पांचों जनपदों में किया है लागू – बोले, कोरोना महामारी के बावजूद मुरादाबाद का एक्सपोर्ट 10 हजार करोड़ के पार मुरादाबाद का एक्सपोर्ट 10 हजार करोड़ के पार मुख्यमंत्री ने प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि जो कार्य हुए हैं, उसके लिए एक उदाहरण पर्याप्त है। एक जिला एक उत्पाद की जो अभिनव योजना हम लोगों ने वर्ष 2018 में प्रारंभ की थी, 2017 तक मुरादाबाद में उसकी हालत कुछ ठीक नहीं थी। जो परंपरागत एमएसएमई था, उससे लोग दूर हो गये थे। लोगों में निराशा थी, हताशा थी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और अन्य विभागों की तमाम बंदिशों के कारण यहां से पलायन हो रहा था। सरकार ने एक जिला एक उत्पाद के आधार पर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। आज उसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं। वर्ष 2017 तक इस जनपद में पीतल के उत्पादों का चार-साढ़े चार हजार करोड़ का ही एक्सपोर्ट हो पाता था। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि कोविड-19 के बाद जब ढाई वर्ष से पूरी दुनिया महमारी से जूझ रही है, उसके बावजूद मुरादाबाद का एक्सपोर्ट आज दस हजार करोड़ को पार करने जा रहा है। ये चीजें दिखाती हैं कि हम सही दिशा में हैं, जो कदम बढ़ाए गए हैं उसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। युद्धस्तर पर जुटा है प्रशासन मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना या फिर निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि जैसे अन्य तमाम क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करके जो अभिनव प्रयोग हुए हैं, आज उनको भी मैंने यहां पर देखा है। इसके साथ ही, मध्य गंगा नहर परियोजना को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस लाइन और जहां जहां मुख्यालय नहीं बन पाए हैं, उनको व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। हेल्थ, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक निवेश में उन तमाम संभावनाओं को तलाशना जो यहां पर निवेश और रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ा सके। इसके बारे में भी यहां पर विस्तार से चर्चा हुई। मुझे प्रसन्नता है कि जनप्रतिनिधियों ने भी रूचि ली और प्रशासन युद्धस्तर पर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। कानून व्यवस्था पर भी जताया संतोष मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था पर भी संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा, अपराध और अपराधियों के प्रति जो जीरो टॉलरेंस की नीति शासन की है उसका सफलतापूर्वक यहां पर क्रियान्वयन हो रहा है। बहुत सारे कार्यक्रम शासन ने उपलब्ध कराए थे। अवैध टैक्सी स्टैंड को हटाना, धर्म स्थल से लाउडस्पीकर को उतारना, नशे के खिलाफ चल रहा विशेष अभियान। मुझे प्रसन्नता है कि यहां पर इसे प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का काम हुआ है। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में माध्यमिक शिक्षा विभाग की मंत्री गुलाब देवी और गन्ना विकास के राज्य मंत्री संजय गंगवार विकास कार्यों की समीक्षा के लिए भ्रमण कर रहे हैं। उसके बाद वे अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। विकास संबंधी कुछ प्रोजेक्ट के प्रस्ताव मिले हैं, शासन प्राथमिकता के आधार पर उन्हें आगे बढ़ाने का काम करेगा। हमने हर जनपद में निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने, रोजगार सृजन को इसके माध्यम से प्रोत्साहित करने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के निर्देश दिये हैं। उद्योग बंधु से नियमित संवाद बनाने के साथ हर एक विभाग के लिए निवेश के टारगेट तय किये हैं।

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