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Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने किया सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना पोर्टल का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने किया सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना पोर्टल का शुभारंभ। विभिन्न शासकीय भवनों में स्थापित सोलर पावर प्लांटों का किया लोकार्पण। रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ रूपये का अनुदान किया गया है वितरित। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के माध्यम से 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का रखा गया है लक्ष्य मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के 47 लाभार्थियों को प्रदान किये आवंटन पत्र। पी.एम. सूर्यघर योजना के तहत 4 लाभार्थियों को वितरित किये राज्य अनुदान के चेक। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में उरेडा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना में आवेदन एवं अनुदान निर्गत किये जाने के लिए पोर्टल ूूूण्नतमकंवदसपदमण्नाण्हवअण्पद का शुभारम्भ किया गया। प्रदेश के राजकीय भवनों पर स्थापित सोलर पावर प्लान्ट एवं सोलर वाटर हीटर, 27 भवनों पर 1.26 मे.वा. क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट तथा 44 राजकीय भवनों पर स्थापित 48400 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटर सयंत्रों का लोकार्पण किया। कार्यक्रम के मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के 47 लाभार्थियों को परियोजना आवंटन पत्र प्रदान किये गये तथा 04 संख्या लाभार्थियों को पी0एम0 सूर्यघर योजना के अन्तर्गत राज्य अनुदान के चेक प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व पूरे देश में तेजी से बढ़ा है। नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत पांरपरिक जीवाश्म आधारित ईंधन के एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत से कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंचामृत कार्य योजना के तहत भारत में वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए सब्सिडी और समर्थन प्राप्त हो रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग भी बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा एवं जल विद्युत के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। राज्य में सौर ऊर्जा को तेजी से बढ़ावा देने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति बनाई गई है। वर्ष 2026 तक राज्य के सभी शासकीय भवनों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 100 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है। रूफटॉप सोलर प्लांट को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। पी.एम. सूर्यघर योजना के तहत रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए राज्य में अभी तक 734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जा चुका है। घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र की स्थापना पर 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के माध्यम से अब तक 750 विकासकर्ताओं को 133 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट दिये गये हैं। इस योजना के माध्यम से 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऊर्जा आधारित प्रदेश उत्तराखण्ड की मूल अवधारणा में था। उत्तराखण्ड में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस अवसर पर विधायक श्री बंशीधर भगत, सचिव ऊर्जा श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरू, एमडी पिटकुल श्री पी.सी ध्यानी, उप महानिर्देशक एनआईसी श्री अशेष कुमार अग्रवाल, महाप्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक श्री सचिदानंद दुबे, मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा श्री मनोज कुमार, उपमुख्य परियोजना अधिकारी, श्री अखिलेश कुमार शर्मा, श्री संदीप भट्ट, सुश्री वंदना उपस्थित थे।

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Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 20 वीं बैठक की अध्यक्षता की

मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा और प्रभावी प्रयास किये जाएं। इसके निवारण के लिए सुनियोजित नीति बनाते हुए इस पर गंभीरता से कार्य किया जाए। मानववन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों और घायलों को यथाशीघ्र अनुमन्य सहायता उपलब्ध करवाई जाए। जंगलों से लगते जो स्थान बायोफैंसिंग से वंचित रह गए हैं, उन स्थानों को अतिशीघ्र बायोफैंसिंग से आच्छादित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्देश शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 20 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में वन कर्मियों की गश्त बढाई जाए एवं वन कर्मियों को पर्याप्त मात्रा में उपकरण कैमरा ट्रैप, एनाईडर, ट्रैक्युलाईज गन आदि दी जाए। साथ ही आधुनिक उपकरण जैसे ड्रोन के माध्यम से भी जंगली जानवरों पर नज़र रखी जाए। जिन प्रभागों में मानव वन्यजीव संघर्ष के ज्यादा मामले आ रहे हैं उन स्थानों पर विशेष नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में प्रस्तावित जू एंड सफारी के मास्टर प्लान पर जल्द डीपीआर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत चैरासी कुटिया का अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकास एवं उच्चीकरण अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य में वन्य जीव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न नेशनल पार्कों के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री, फिल्म बनाने के भी निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न स्थानों पर बर्ड वाचिंग कैंप का आयोजन भी किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास योजनाओं को नियमों के दायरे में रहकर जल्द पूरा किया जाए, ताकि आमजन को सहूलियत मिल सके। बैठक में जानकारी दी गई कि जमरानी बाँध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति मिल चुकी है। जनपदपौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड यमकेश्वर में किमसारभोगपुर मोटर रोड के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। जिसका निर्माण जल्द किया जाएगा। 9 सालों से लंबित राजाजी टाइगर रिजर्व हेतु टाइगर कंजरवेशन फॉउण्डेशन का गठन कर लिया गया है। राज्य में वन्यजीव प्रबन्धन के समस्त बिन्दुओं को सम्मिलित करते हुये फॉरेस्ट लैण्डस्केप रीस्टोरेशन के 10 वर्षीय प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 202425 में 32 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से स्वीकृत हो गई है। प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु वित्तीय वर्ष 202324 में आधुनिक उपकरणों के क्रय हेतु वन प्रभागों को 10 करोड़ 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित की गई है। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2009 के पश्चात राज्य में वन विश्राम भवनों की दरों को पुनरीक्षित किया गया है। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा हल्द्वानी जू एण्ड सफारी, हल्द्वानी के मास्टर प्लान को स्वीकृति प्रदान की गयी। प्रदेश में बंदर बंध्याकरण का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है, जिसमें जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक 39,398 बंदरों का बंध्याकरण किया चुका है। मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए 05 वन प्रभागों (गढ़वाल, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं नरेन्द्रनगर) के अन्तर्गत “लिविंग विद लैपर्ड“ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की त्वरित रोकथाम के लिये 31 वन प्रभागों के अन्तर्गत 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है। बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री बंशीधर भगत, श्री दीवान सिंह बिष्ट, श्री सुरेश सिंह चैहान, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए.पी अंशुमन एवं बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।

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Uttrakhand News:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिये कि मानसून के बाद एक माह में प्रदेश के सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि मानसून अवधि के बाद सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाय। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। आगामी कांवड़ मेले के दृष्टिगत सुरक्षात्मक रूप से सभी तैयारियां पूर्ण करने के साथ ही सफाई, पेयजल, स्वास्थ्य सबंधी सभी सुविधाएं बेहतर रखने और घाटों की साफसफाई का विशेष ध्यान रखने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में धारण क्षमता के अनुसार ही निर्माण कार्य किए जाएं। पर्यटन स्थलों पर पार्किंग व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए रिक्त स्थानों को चिन्हित कर पर्याप्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन सरकारी गेस्ट हॉउस की स्थिति सही नहीं है, उनकी सही तरीके से मेंटेनेंस कराई जाए। अतिथि गृह में ठहरने वालों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य में किसी तरह की जीएसटी चोरी न हो। जरूरत पड़ने पर इसके लिए अभियान चलाया जाए। जीएसटी पंजीकरण के लिए व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े लोगों को जागरूक किया जाए। डिजिटल पेंमेट को बढ़ावा देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पाण्डेय, एडीजीपी श्री ए.पी अंशुमन एवं आईजी श्री कृष्ण कुमार वी.के उपस्थित थे। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

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CG News:मलेरिया व डायरिया पीड़ित मरीजों को देखने सिम्स और जिला अस्पताल पहुंचे कलेक्टर

बिलासपुर कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आज सिम्स और जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात कर कुशलक्षेम पूछा। उनका अच्छे से देखरेख और इलाज करने के निर्देश डॉक्टरों को दिए। उन्होंने यहां मलेरिया और डायरिया के मरीजों के लिए बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिला अस्पताल में मलेरिया और डायरिया प्रभावित मरीजों के लिए आपात स्थिति में 15 आईसीयू के बेड और 20 सामान्य बेड बढ़ाया जाए। इसी प्रकार सिम्स में 10 आईसीयू बेड बढ़ाने कहा। कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने मरीजों की बेहतर निगरानी और इलाज के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य की समस्या होने पर झाड़-फूंक या झोलाछाप डॉक्टर से इलाज न कराकर तत्काल स्वास्थ्य केंद्र जाकर इलाज कराएं। उन्होंने प्रभावित गांवों में  जनचौपाल लगाकर लोगों में जागरूकता फैलाने को कहा है ताकि वर्षा जनित बीमारियों से बचा जा सके। उन्होंने सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने निर्देशित किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वर्षाकाल में जलजनित बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करें और संक्रमण की जानकारी मिलने पर त्वरित स्वास्थ्य शिविर लगाकर उपचार करना सुनिष्चित करें। कलेक्टर ने जिले में डायरिया के प्रभाव को नियंत्रित करने हेतु जनचौपाल एवं क्षेत्र भ्रमण के निर्देश पर जिला प्रशासन, राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मदनपुर में स्वास्थ्य चौपाल लगाया। टीम ने गली कूचों का भ्रमण कर साफ सफाई व्यवस्था का जायज़ा लिया। जिसमें ग्रामीणों को जागरूक करते हुए उन्हें स्वच्छ जल सहित खान-पान की जानकारी दी गई। इस दौरान पानी उबाल कर पीना है – डायरिया को  दूर करना है का स्लोगन भी दिया गया। गांव में मितानिनों एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा डोर टू डोर सर्वे कर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हे जागरूक किया जाकर ओआरएस एवं दवाई का वितरण किया जा रहा है। पीएचई विभाग द्वारा स्वच्छ जल आपूर्ति हेतु टंकी की सफाई कराकर सभी बोर को क्लोरिन डाला गया। नालियों की सफाई सहित ब्लीचिंग छिड़काव भी कराया जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर जिले के सभी गांवों में हर शनिवार को स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। मौसमी बीमारियों जैसे डायारिया मलेरिया के प्रति आम जन को जागरूक करने हेतु जनचौपाल आयोजित किया जा रहा है। चौपाल में हाथ धुलाई ,स्वास्थ्य परीक्षण , दवा वितरण एवं  जनजागरुकता का कार्य किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूह की महिला एवं मितानिन द्वारा घर-घर जाकर मौसमी बीमारी के लक्षण एवं रोकथाम के उपाय से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।  सार्वजनिक स्थान मंदिर तालाब ,सड़क ,चौक चौराहों ,गली ,नाली की सफाई रंगमंच सार्वजनिक भवन शाला परिसर आदि में स्वच्छता दीदियों, जनप्रतिनिधियों, पंचायत सचिवों के माध्यम से सामूहिक श्रमदान कर साफ सफाई का कार्य एवं कचरा संग्रहण किया जा रहा है।

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CG News:उप मुख्यमंत्री ने ‘स्पार्क’ पुरस्कार विजेता नगरीय निकायों के अधिकारियों और लाभार्थियों को किया सम्मानित

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में भारत सरकार द्वारा ‘स्पार्क’ पुरस्कारों से नवाजे गए नगरीय निकायों के अधिकारियों और लाभार्थियों को सम्मानित किया। उप मुख्यमंत्री श्री साव से नई दिल्ली से पुरस्कार प्राप्त कर लौटने के बाद ये अधिकारी और लाभार्थी सौजन्य मुलाकात के लिए आए थे। श्री साव ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत सभी नगरीय निकायों, वहां के अधिकारियों और लाभार्थियों की पीठ थपथपाई। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी को बधाई दी। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने इस मौके पर कहा कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और पीएम स्वनिधि में अच्छे कार्यों के लिए पांच राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करना बड़ी उपलब्धि है। इन पांच में से तीन पुरस्कार हमारे नगरीय निकायों को पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल करने के लिए मिला है। वहीं एक पुरस्कार पूरे देश में द्वितीय स्थान पर रहने के लिए मिला है। दोनों योजनाओं में उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ को पूरे देश में तृतीय पुरस्कार मिला है। राज्य को ये सभी पुरस्कार शहरी गरीबों के सपनों को पूरा करने के लिए मिला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और पीएम स्वनिधि के माध्यम से लोग आत्मनिर्भर हो रहे हैं। उनका जीवन आसान और खुशहाल हो रहा है। वे सशक्त हो रहे हैं। आप लोगों की मेहनत से शहरी गरीबों के जीवन में बदलाव आ रहा है। मैं इसके लिए आपकी सराहना करता हूं।\ उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अपने निवास में मौजूद सूडा, बिलासपुर और रायगढ़ नगर निगम तथा भाटापारा और चांपा नगर पालिका के अधिकारियों से कहा कि आप लोग प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपनों का साकार करने के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत की कल्पना को ऐसे ही उत्कृष्ट कार्यों से धरातल पर उतारना है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के जरिए नागरिकों के जीवन को आसान, सुविधापूर्ण और खुशहाल बनाने का काम करेंगे। हमें इन योजनाओं को लक्षित लोगों तक योजनाबद्ध और समयबद्ध तरीके से पहुंचाना है। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नई दिल्ली में विगत 18 जुलाई को आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में भागीदारी के लिए राज्य शासन द्वारा पीएम स्वनिधि योजना के नामांकित लाभार्थी जशपुर नगर पालिका के श्री सुमित किस्कु और लोरमी नगर पंचायत के श्री कुशाल राम साहू को सम्मानित किया। उन्होंने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लाभार्थी के रूप में नामांकित जगदलपुर नगर निगम की हैप्पी महिला स्वसहायता समूह की श्रीमती मृदुला जैन, भिलाई नगर निगम की राधा रानी स्वसहायता समूह की श्रीमती चित्ररेखा साहू, श्रीमती प्रियंका लोकवाणी, श्रीमती रागिनी टोण्डे, श्रीमती त्रिवेणी लहरे, श्रीमती सुनीता देवांगन, श्रीमती सुनीता यादव, श्रीमती सरस्वती झा और श्रीमती कंचन त्रिवेदी को भी सम्मानित किया। उप मुख्यमंत्री द्वारा अपने निवास पर अधिकारियों, स्वसहायता समूहों और लाभार्थियों के सम्मान के दौरान राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व मिशन संचालक श्री शशांक पाण्डेय, बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त श्री अमित कुमार, भाटापारा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री लाल अजय बहादुर सिंह, चांपा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री दुर्गा प्रसाद अधिकारी और श्री भोला सिंह ठाकुर उपस्थित थे। कार्यक्रम में राज्य शहरी विकास अभिकरण के उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील अग्रहरि, परियोजना अधिकारी श्रीमती जागृति साहू, राज्य मिशन प्रबंधक श्री विवेक शुक्ला, श्री प्रशांत अमोली, श्री पी. घोष, श्री सी.एल. पाठक, सिटी मिशन प्रबंधक सुश्री एकता शर्मा, कोमल, रीमा, सरिता, सुषमा सीमा, रानु, माया, नाज पदमावती, नीरज साहू और संत कुमार महतो ने भी अपनी सहभागिता दी। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने इन नगरीय निकायों को किया है पुरस्कृत दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) में उत्कृष्ट कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले प्रतिष्ठित ‘स्पार्क 2023-24’ पुरस्कारों के अंतर्गत दस लाख तक जनसंख्या श्रेणी में बिलासपुर नगर निगम को पूरे देश में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं तीन लाख तक जनसंख्या श्रेणी में रायगढ़ नगर निगम को और एक लाख तक जनसंख्या श्रेणी में भाटापारा नगर पालिका को पूरे देश में प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। चांपा नगर पालिका को 50 हजार तक जनसंख्या श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार मिला।  राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में श्रेष्ठ कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ को पूरे देश में तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल और राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने विगत 18 जुलाई को नई दिल्ली के इंडिया हैबिटॉट सेंटर में आयोजित समारोह में ये पुरस्कार वितरित किए थे।

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CG News:राज्यपाल से आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक ने की सौजन्य मुलाकात

राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन से राजभवन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के पूर्व महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉक्टर गिरीश चंदेल सहित डॉक्टर डी.के. अग्रवाल एवं डॉक्टर दीपक शर्मा भी उपस्थित थे

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MP News:रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में लगी औद्योगिक उत्पादों की प्रदर्शनी बनीं आकर्षण का केन्द्र

प्रदेश में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विशेष पहल पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कल्चरल एंड इन्फारमेशन सेंटर में शनिवार को आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव के दौरान औद्योगिक उत्पादों में, डिंडोरी के श्री अन्न, जबलपुर रेडीमेड गारमेण्ट क्लस्टर, ड्रोन एवं गोंड पेन्टिंग सहित भारत सरकार के रक्षा संस्थानों और निजी औद्योगिक संस्थानों से निर्मित सुरक्षा एवं सैन्य संबंधी उत्पादों की लगी प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र रही।लोगों ने उत्सुकता से प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों को देखा और उनके प्रतिनिधियों से उत्पादों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव की थीम “संस्कारधानी में उद्योगों का संगम” है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कल्चरल एंड इन्फारमेशन सेंटर में बने मां रेवा हाल, जबलपुर हाट और मां शारदा हाल में लगी प्रदर्शनी में कई नामचीन औद्योगिक इकाइयों, प्रतिष्ठित ब्रांडों के उत्पादों और कई तकनीकी नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। मां रेवा हाल में पर्यटकों के लिए मध्यप्रदेश के बेजोड़ और समृद्ध प्राकृतिक सौन्दर्य एवं धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों की खूबियों व खासियतों को प्रदर्शित करती पर्यटन के विपुल संभावनाओं के खजाने की नायाब व जीवंत प्रदर्शनी लगाई गई। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कल्चरल एंड इन्फारमेशन सेंटर के भू-तल स्थित मां शारदा हाल में लगी आर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया, व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर और गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर में निर्मित सैन्य व रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी को देखने लोग उमड़ पड़े। यहां लगी प्रदर्शनी लोगों के खास आकर्षण का केन्द्र रही। प्रदर्शनी में गन कैरेज फैक्ट्री में निर्मित भारतीय सेना द्वारा उपयोग की जा रही अत्याधुनिक धनुष गन और लाइट फील्ड गन के प्रदर्शित स्केल्ड माडल के प्रति लोगों ने खासी दिलचस्पी दिखाई। इसी प्रकार व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में बने आर्म्ड फाइटिंग टैंक टी-72 के इलेक्ट्रिक उपकरणों व टैंक के इंजन पार्ट और आर्डिनेंस फैक्ट्री जबलपुर में निर्मित विभिन्न प्रकार के राकेट लांचर और 84 मि.मी. स्मोक और एच ई डी पी उपकरण का प्रदर्शन किया गया। इसी प्रकार निजी क्षेत्र की कंपनी रार इंजीनियरिंग द्वारा निर्मित डिफेंस के रिसर्च डेवलपमेंट उपकरण की प्रदर्शनी को भी लोगों ने खूब सराहा। इसके अलावा ए.आई. टेक्नोलॉजी से युक्त ए.आई. इनेबल्ड ड्रोन को देखने और जानने के लिये लोग उत्सुक दिखे।

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MP News:मध्यप्रदेश प्राकृतिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध – पर्यटन मंत्री

पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध प्रदेश हैं। मध्यप्रदेश का पर्यटन की दृष्टि से गौरवशाली इतिहास देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है। राज्य मंत्री श्री लोधी जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में प्रदेश में टूरिज्म क्षेत्र में सम्भावनाओं पर सेक्टोरियल सेशन को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य मंत्री श्री लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश पर्यटन क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा है। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष में 11 करोड़ से अधिक पर्यटक मध्यप्रदेश के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों में पहुँचे, जिसमें से अकेले महाकाल लोक उज्जैन का 5 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने भ्रमण किया। उन्होंने बताया कि महाकाल लोक की तर्ज पर प्रदेश के अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों को लोक के रूप में विकसित किया जा रहा है। श्री लोधी बताया प्रदेश में श्रीराम पथ गमन के निर्माण के लिए चित्रकूट सहित भगवान श्री राम के वन गमन से संबंधित 23 स्थानों को चिन्हित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।  पर्यटन मंत्री श्री लोधी ने कहा मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को पर्यटन में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा हैं। हाल ही में पीएमश्री हेली सेवा योजना के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थल को जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर स्थित स्टेच्यू ऑफ वननेस से गुजरात स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के बीच क्रूज सेवा प्रारंभ करने के लिए मध्यप्रदेश एवं गुजरात के बीच एमओयू साइन किये गए हैं। मंत्री श्री लोधी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उपस्थित उद्योगपतियों से पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए आगे आने की अपील की। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने प्रदेश में पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्र में संभावनाओं और प्रदेश के गंतव्य स्थलों की विशेषताओं को विस्तार से निवेशकों के बीच रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12 राष्ट्रीय उद्यान, 25 अभ्यारण्य, 7 टाइगर रिजर्व, 14 यूनेस्को विश्व विरासत स्थल (11 टेंटेटिव और 3 परमानेंट साइट) और श्री महाकालेश्वर एवं श्री ओंकारेश्वर 2 ज्योतिर्लिंग का होना प्रदेश को प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक रूप से समृद्ध बनाता है। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने निवेशकों को मध्यप्रदेश पर्यटन नीति-2019 की विशेषताओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि निवेशकों की सुविधा के लिए पृथक से एक विंग बनाया गया है। ई -टेंडरिंग की पारदर्शी प्रक्रिया के द्वारा भूमि का आवंटन किया जाता है। प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक निवेश करने वाले अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स को सरकारी भूमि का सीधे आवंटन किया जा सकता है। साथ ही प्रदेश में कैपिटल पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी, 90 करोड़ रूपये तक की दी जाती हैं। इसके अलावा ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के प्रोजेक्ट और ब्रांडेड श्रेणी के इन्वेस्टमेंट पर अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान है।  भूमि का आरक्षित मूल्य ग्रामीण क्षेत्र में 5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर, शहरी क्षेत्र में 10 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर और हेरिटेज संपत्ति का एक लाख रूपये प्रति संपत्ति के अनुसार रखा जाता है। भूमि का आवंटन 90 वर्ष तक की लीज पर किया जाता है। साथ ही स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की प्रतिपूर्ति और वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाते है। निवेशक को उसकी संपत्ति को गिरवी रखने की भी अनुमति दी जाती है। पर्यटन नीति में होटल, रिजॉर्ट, कैंपिंग साइट, हेरिटेज होटल, क्रूस टूरिज्म, फिल्म स्टूडियो, कारवां टूरिज्म सहित 18 प्रोजेक्ट्स को शामिल किये गए हैं।  प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावना है। पन्ना टाइगर रिजर्व के पास लक्ष्मीपुर पैलेस, मांडू के पास मलकाम कोठी, भोपाल में जगदीशपुर का गोंड महल और टीकमगढ़ में मोहनगढ़ का किला के आवंटन के लिए निविदा जारी की जाएगी। प्रदेश में 400 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर निवेश किया जा सकता है। प्रमुख रूप से भोपाल में 36 हेक्टेयर से अधिक की 9 भूमि और एक हेरिटेज संपत्ति, ग्वालियर में 2 हेक्टेयर की भूमि, इंदौर में 175 हेक्टेयर से अधिक की 14 भूमि और 1 हेरिटेज संपत्ति, जबलपुर में 186 हेक्टेयर से अधिक की  9 भूमि एवं खजुराहो में 9 हैक्टेयर से अधिक की 3 भूमि और 2 हेरिटेज संपत्ति उपलब्ध हैं।  प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि आगामी समय में पीपीपी मोड पर संपत्तियों का आवंटन किया जाएगा। इसमें होटल लेक व्यू भोपाल, टेंट सिटी, कारवां टूरिज्म, पंचमढ़ी और भोपाल में गोल्फ कोर्स का संचालन, रोप-वे  का संचालन आदि प्रमुख हैं। इस तरह यह सभी अवसर अनायास ही निवेशकों को प्रदेश में निवेश करने के लिए आमन्त्रित करते हैं।  प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में फिल्मांकन को प्रोत्साहित करने और फिल्म क्षेत्र में अधोसंरचना को बढ़ावा देने के लिए फिल्म पर्यटन नीति के माध्यम से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। फीचर फिल्म पर 2 करोड़ रूपये तक, वेबसीरीज और टीवी सीरीयल पर 1 करोड़ रुपए तक, मध्यप्रदेश पर निर्मित डॉक्यूमेंट्री पर 40 लाख रूपये तक, सिनेमा हॉल निर्माण पर 1 करोड़ रूपये तक, फिल्म संबंधित अधोसंरचना के विकास के लिए 90 करोड़ रूपये तक का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा रहा है। ग्वालियर में विवांता एवं इंदौर में ताज और विवांता के होटल खुलेंगे- श्री विशाल शर्मा ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के क्लस्टर जनरल श्री विशाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में होटल ऑपरेशन के दौरान पिछले 2 महीने में ही वह प्रदेश के 40 प्रतिशत से अधिक पर्यटन स्थलों पर भ्रमण कर चुके हैं। यह उनके जीवन का अविस्मरणीय पल बन गया है। प्रदेश की सुंदरता और पर्यटन गतिविधियों से प्रभावित होकर ताज ग्रुप ने ग्वालियर में विवांता और इंदौर में ताज और विवांता के होटल खोले जाने का निर्णय लिया है। आने वाले समय में प्रदेश के अन्य स्थलों पर भी होटल खोले जाएंगे। मध्यप्रदेश फिल्मांकन के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य- श्री तनुज गर्ग एलिप्सिस एंटरटेनमेंट के प्रोड्यूसर और मैनेजिंग पार्टनर श्री तनुज गर्ग ने कहा कि वह फिल्म निर्माण के लिए मध्यप्रदेश आए और मध्यप्रदेश के ही होकर रह गए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश फिल्मांकन के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य है। यहां प्राकृतिक, ऐतिहासिक  और सांस्कृतिक स्थल बरबस ही फिल्मकारों को आकर्षित करते हैं। प्रोडक्शन हाउस और फिल्मकारों

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MP News:जबलपुर में बनेगा टेक्सटाइल का अत्याधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अनेक क्षेत्रों में उद्द्योग स्थापना का कार्य प्राथमिकता से किया जायेगा। मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल, रक्षा संस्थान के लिए एक टैंक निर्माण, फार्मा क्षेत्र और पर्यटन के क्षेत्र में नए-नए उद्योग प्रारंभ किये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज जबलपुर के “सुभाष चंद्र बोस कल्चरल एंड इनफॉरमेशन सेंटर” में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव में उद्योगों से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं की। यह सभी घोषणाएं उद्योगों के प्रोत्साहन से संबंधित हैं। कॉन्क्लेव में देश-विदेश के अनेक प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जबलपुर में टेक्सटाइल के अति आधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की शुरुआत की जायेगी, जिससे विशेष रूप से बहनों को रोजगार प्राप्त होगा। मध्यप्रदेश में वर्ष 2024 की आज दूसरी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जबलपुर में हुई। इसमें ताईवान, मलेशिया, ब्रिटेन, फिजी और इंडोनेशिया के साथ और देश के विभिन्न राज्यों से बड़े उद्योगपति शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि गत मार्च-2024 में उज्जैन में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में प्रदेश की 29 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और 38 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया। प्रदेश के विभिन्न 10 स्थान से जन-प्रतिनिधि लोकार्पण और भूमि पूजन कार्यक्रम से जुड़े। इनमें कुल 1500 करोड रुपए का निवेश होगा और 4500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। औद्योगिक इकाइयों को आशय-पत्र सौंपे गये, जिससे करीब 12 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कुल 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय-पत्र सौंपे गये। कॉन्क्लेव में आईटी, आईटीईएस एवं ईएसडीएम पॉलिसी-2023 का विमोचन भी किया गया। अशोक लीलैंड का करारनामा कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में 600 करोड रूपये के निवेश के लिए अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के बीच करारनामा हुआ। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में यह नया कदम है। यह रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश है। साथ ही सहयोग क्षेत्र में विकास और नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में रक्षा संस्थान के लिए अब तक तोप निर्माण का कार्य होता रहा है, अब सेना के लिए टैंक भी बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 16 औद्योगिक पार्क के माध्यम से कुल 517 लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों द्वारा पौने छः हजार करोड़ का निवेश किया गया, जिससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि आज 67 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमिपूजन एक महत्वपूर्ण समेकित प्रयास है। प्रदेश के 10 स्थानों से मंत्री, सांसद, विधायक वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर उन्हें नवीन इकाइयों की सौगात के लिये बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज कॉन्क्लेव में अनेक विभागों ने उद्द्योग हितैषी नीतियों की जानकारी दी है। खनिज के क्षेत्र में उड़ीसा के बाद मध्यप्रदेश द्वितीय स्थान पर है। खदानों की निलामी में मध्यप्रदेश की पारदर्शी प्रक्रिया देश में अग्रणी मानी गई है। इसके लिये भारत सरकार द्वारा पुरस्कार भी प्रदान किया गया। प्रदेश में हीरे का खनन तो होता है, अब इन्हें तराशने का कार्य भी किया जायेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उन्होंने भारत ने दुनिया में अलग पहचान बनाई है। काल के प्रवाह में अनेक बाधाएं भी देश ने देखीं लेकिन भारत ने पराक्रम, परिश्रम और आत्मविश्वास से आगे बढ़ कर दिखा दिया है कि हमारी प्रगति को कोई रोक नहीं सकता। उद्योगपतियों को दिया मध्यप्रदेश आने का आमंत्रण मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों से आहवान किया कि वे मध्यप्रदेश आएं। उन्होंने कहा कि श्रम के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश में प्रोत्साहनकारी नीतियां हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक नए कार्य हो रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्ष में विश्वविद्यालयों के माध्यम से रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाया गया है। प्रदेश में पहले कभी सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज होते थे, अब यह संख्या बढ़कर 25 होने जा रही है। प्रदेश में सघन वन क्षेत्र है। इस क्षेत्र में भी संभावनाओं को तलाश कर उन्हें साकार किया जायेगा। फार्मास्युटिकल क्षेत्र में 275 इकाइयां कार्य कर रही हैं। अकेले पीथमपुर में 60 इकाइयां हैं। हमारे प्रदेश से 160 से अधिक देशों को फार्मा प्रोडक्ट निर्यात किये जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में 150 प्रतिशत प्रोत्साहन के लिये हम तैयार हैं। प्रदेश में उद्योगों को पानी और बिजली की आपूर्ति पर विशेष राहत प्रदान की गई है। दो मेगा फूड पार्क आ रहे है। पहले से 8 फूड पार्क संचालित है। ऐसी इकाइयों की संख्या निरन्तर बढ़ाई जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वोल्वो आयशर के एमडी से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में रिसर्च सेंटर भी प्रारंभ करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रारंभ में उद्योगों के विकास से संबंधित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। जबलपुर हाट के अंतर्गत विभिन्न लघु उद्योग इकाइयों और व्यवसायियों द्वारा उत्पाद सामग्री का विवरण प्रदर्शनी में दिया गया। उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन एवं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र कुमार सिंह ने विभिन्न उद्योगपतियों का शॉल और पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। उपस्थित अतिथियों में अडानी पॉवर, नेटलिंक, वैद्यनाथ ग्रुप दावत फूड्स, वोल्वो आयशर, एवीएनएल, एनसीएल, स्वराज शूटिंग लोहिया एनर्जी, आदि-शक्ति राइस मिल, फिनिक्स पोल्ट्री, इनफो-विजन दुबई और दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स (डिक्की) सहित अन्य अनेक उद्योग संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र कुमार सिंह ने मध्यप्रदेश की निवेश नीति और निवेश संभावनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने प्रदेश में औद्योगिक अधो-संरचना और औद्योगिक कॉरिडोर की विशेषताओं के साथ निवेशक अनुकूल औद्योगिक नीति में सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन पर भी प्रकाश डाला। साथ ही सभी निवेशकों को आगामी वर्ष 2025 में 7-8 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहभागिता के लिए आमन्त्रित किया। कॉन्क्लेव के शुभारम्भ अवसर पर अतिथियों का स्वागत कर मध्यप्रदेश की विशेषताओं पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। जबलपुर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 4 हजार से ज्यादा निवेशक जुटे। निवेश के लिए उद्यमियों से वन-टू-वन चर्चा भी हुई। कॉन्क्लेव में 5 सेक्टर्स एयो, माइंस, डिफेंस, टूरिज्म और गारमेंट्स उद्योग पर फोकस किया गया। प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने सूक्ष्म, लघु

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CG News:छत्तीसगढ़ को अयोध्या तक मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी, नए राष्ट्रीय राजमार्ग का प्रस्ताव

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से उनके निवास पर मुलाकात की। बैठक में राज्य में चल रही सड़क परियोजनाओं और आदिवासी क्षेत्रों में व अयोध्या तक सीधी कनेक्टिविटी बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने राज्य में सड़क परिवहन को और अधिक सुलभ व सुविधाजनक बनाने के लिए नई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा। जिस पर केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी  ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव और वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी,  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, श्री राहुल भगत, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी और भारत सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति एवं सुदूर आदिवासी वनांचलों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए नए राष्ट्रीय राजमार्ग का प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री ने रायगढ़-धरमजयगढ़-मैनपाट-अंबिकापुर-उत्तरप्रदेश सीमा तक कुल 282 किमी तक के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की है। श्री साय ने बताया यह मार्ग प्रदेश के चार जिलों से होकर गुजरता है एवं धार्मिक नगरी अयोध्या से छत्तीसगढ़ राज्य को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। मुख्यमंत्री ने कवर्धा-राजनांदगांव-भानुप्रतापपुर-अंतागढ़-नारायणपुर-गीदम-दंतेवाड़ा-सुकमा मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने बताया यह कुल 482 किमी लंबा राज्य के कुल 6 राष्ट्रीय राजमार्गों एवं 5 जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण मार्ग है। इस मार्ग के निर्माण होने से बस्तर का नक्सल प्रभावित क्षेत्र मुख्यमार्ग से जुड़ेगा एवं नक्सल गतिविधियों में कमी आएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा रायपुर शहर से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। एनएच 130बी से 53 को जोड़ने वाले मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा यह मार्ग एनएच घोषित होने से रायपुर शहर का रिंग रोड पूर्ण रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग हो जाएगा। इसके अलावा उन्होंने रतनपुर-लोरमी-मुंगेली-नांदघाट-भाटापारा-बलौदाबाजार मार्ग, केंवची-पेंड्रारोड-पसान-कटघोरा मार्ग, मुंगेली-नवागढ़-बेमेतरा-धमधा-दुर्ग-झलमला मार्ग, राजनांदगाँव-मोहला-मानपुर मार्ग, पंडरिया-बजाग-गाड़ासरई मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने रखा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 में कटघोरा से अंबिकापुर तक फोर लेन चौड़ीकरण करने तथा एनएच क्रमांक 53 पर टाटीबंध से तेलीबांधा तक सुरक्षित यातायात की दृष्टि से सरोना चौक, उद्योग भवन, और तेलीबांधा चौक पर ग्रेड सेपरेटर निर्माण की आवश्यकता बताई है। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के वार्षिक योजना 2024-25 में एनएच 30 धमतरी से जगदलपुर व एनएच 130बी में रायपुर-बलौदाबाजार-सारंगढ़ मार्ग फोर लेन करने का प्रस्ताव रखा है। वहीं, रायपुर-दुर्ग एनएच 53 के दो जंक्शन सिरसा गेट व खुर्सीपार जंक्शन पर ग्रेड सेपरेटर निर्माण के स्वीकृति का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय सड़क निधि के अंतर्गत 1383 करोड़ के 13 कार्यों के प्रस्ताव मंत्रालय को भेजे गए हैं। उन्होंने प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत करने का अनुरोध किया। मुलाक़ात के दौरान मुख्यमंत्री ने रायपुर में नवंबर में होने वाले इंडियन रोड कॉंग्रेस का 83वां वार्षिक अधिवेशन में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री को आमंत्रण भी दिया। केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर जल्द से जल्द सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया है।

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