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CG News:जनता में विश्वास बहाली बड़ी चुनौती, मोदी की गारंटी पूरी कर जीता भरोसा – मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ सरकार के छह माह पूरे होने पर नई दिल्ली के अशोका होटल में  आयोजित सुशासन संवाद कार्यक्रम में प्रदेश सरकार की उपलब्धियां व राज्य में सुशासन की दिशा में उठाए गए कदमों पर चर्चा की। इस मौके पर उन्होने जनता के सवालों का भी बेबाकी के साथ जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुये कहा शपथ ग्रहण के पश्चात हमारी सबसे बड़ी चुनौती जनता के भरोसे पर खरा उतरना था। मोदी जी ने जो प्रदेश की आम जनता को गारंटी दी थी, उन्हें पूरा करना था। लेकिन हमने 7 महीने के भीतर ही अधिकांश गारंटियों को पूरा कर जनता का भरोसा पुनः अर्जित कर लिया है। उन्होने कहा छत्तीसगढ़ में जनता का काम साएँ-साएँ हो रहा है, जिससे कमीशनखोरी करने वालों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार की नियत और नीति दोनों सही हैं। उन्होने नक्सलवाद के विरुद्ध किए गए कार्यों पर विशेष जोर देते हुये कहा “हमारी सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। हमने सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं और इन इलाकों में विकास कार्यों को तेज किया है। इससे न केवल सुरक्षा बल्कि विकास की दिशा में भी हमें बड़ी सफलता मिली है।” कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “हमने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाया है ताकि जनता को उनकी समस्याओं का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से मिल सके।” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुये कहा कि हमने सरकार बनते ही मोदी जी की गारंटी के अनुरूप 18 लाख 12 हजार 743 जरूरतमंद परिवारों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराया। किसानों को 2 साल का बकाया धान बोनस दिया। वादे के अनुरूप 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी शुरू की। राज्य की महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रति माह एक-एक हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने राज्य में विकास और सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हम वैल्यू एडिशन कर रहे हैं और आने वाले समय में हमारा सपनों का छत्तीसगढ़ तैयार हो रहा है। राज्य के विकास के लिए हमने कई नई परियोजनाएँ शुरू की हैं और जनता को उनकी आवश्यकता की सभी सुविधाएँ प्रदान कर रहे हैं।” सुशासन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने दृष्टिकोण और योजनाओं को साझा करते हुए बताया कि उनकी सरकार राज्य के विकास और जनहित के कार्यों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम छत्तीसगढ़ को एक मॉडल राज्य बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

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CG News:माओवादी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी मजबूती के साथ डटे हुए हैं हमारे जवान -मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपने दिल्ली दौरे से लौटने के तुरंत बाद बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में माओवादियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में घायल एसटीएफ के 4 जवानों को देखने रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव और श्री विजय शर्मा भी साथ थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने घायल जवानों का हाल- चाल जाना और उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने जवानों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय  ने IED ब्लास्ट में शहीद हुए दो जवानों को नमन करते हुए कहा की हम माओवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी मजबूती के साथ डटे हुए हैं। उन्होंने घायल जवानों के अदम्य साहस की प्रशंसा की और उनका मनोबल बढ़ाया। उल्लेखनीय है की आज बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में माओवादियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में एसटीएफ के 2 जवान शहीद और 4 जवान घायल हो गए थे। घायल जवानों को उनके बेहतर इलाज के लिए  एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है l

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MP News:पौधा लगाएं और संकल्प लें उसकी देखभाल का – मंत्री

“एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने पौध-रोपण किया और संकल्प लिया कि वे उनके द्वारा लगाए जा रहे सभी पौधों की देखभाल भी करेंगे। मंत्री श्री राजपूत ओशो हनुमान पहाड़ी, बटालियन, मकरोनिया में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान अंतर्गत वृहद पौध-रोपण कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री राजपूत ने कहा की मात्र पौधा लगाना मकसद नहीं है बल्कि पौधे की परिवार के सदस्य जैसी जिम्मेदारी समझते हुए देखभाल करना भी जरूरी है। उन्होंने इस अभियान को स्वच्छता मिशन से जोड़ते हुए कहा कि हम यदि स्वच्छ वायु, ऑक्सीजन, स्वच्छ वातावरण चाहते हैं तो वृक्षों का उसमें सबसे अहम योगदान है। हमारा वातावरण स्वच्छ रहे इसके लिए हमारा परिवेश वृक्षों से आच्छादित होना आवश्यक है। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार समाज का हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पौध-रोपण कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम जो पौधा रोप रहे हैं वह कल हमारा सच्चा मित्र बनकर बड़ा होगा, जो हमें फल, छाया के साथ स्वच्छ वातावरण भी देगा। इसलिए पौधे के लिए आवश्यक पानी, खाद सभी उचित मात्रा में मिले, इसकी भी व्यवस्था करें। हम अपने मां, पिता के नाम पर पेड़ लगाते हैं और हमारे द्वारा आज लगाए गए पौधे वर्षों तक जीवित रहकर उनका स्मरण कराते हैं। विधायक श्री प्रदीप लारिया ने कहा कि प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है और हमें भी प्रकृति को देने की आवश्यकता है। “एक पेड़ मां के नाम” अभियान हमें यह अवसर देता है कि प्रकृति के प्रति हम अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में भी वृक्ष पूजनीय हैं। वे हमें जीवन जीने के लिए अति आवश्यक आक्सीजन प्रदान करते हैं। हम सभी आगे आएं और एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल भी करें। नगर पालिका मकरोनिया के अध्यक्ष श्री मिहीलाल अहिरवार ने आभार व्यक्ति किया। इस अवसर पर सांसद श्रीमती लता वानखेड़े, जनप्रतिनिधि, सागर संभाग के कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, पुलिस महा निरीक्षक श्री प्रमोद वर्मा, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, नगर निगम कमिश्नर श्री राजकुमार खत्री सहित छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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MP News:प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कारीगरों को प्रशिक्षण देकर इनके उत्पादों की भी करेंगे मार्केटिंग – राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जायसवाल

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विगत 17 सितम्बर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की गई। इस योजना में अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों एवं शिल्पकारों को हर प्रकार की सहायता दी जाएगी। इस योजना में 18 प्रकार के परंपरागत व्यवसायों जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, कवच निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार व पत्थर तराशने वाले), पत्थर तोड़ने वाले, मोची (चर्मकार)/जूते बनाने वाले, राज-मिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौने निर्माता (पारम्परिक), नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले कारीगरों को शामिल किया गया है। इस योजना में पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र एवं आईडी कार्ड के जरिये कारीगरों और शिल्पकारों का पात्रता पंजीयन किया जाएगा। इन पात्र कारीगरों को 5 से 7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या इससे अधिक दिन का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान 500 रूपये प्रतिदिन की दर से शिष्यवृत्ति (Styfund) भी दी जाएगी। इसके अलावा बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरूआत में ई-वाऊचर के रूप में 15 हजार रूपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। योजना में कारीगरों एवं शिल्पकारों को व्यवसाय/दुकान/आऊटलेट स्थापित करने के लिये बैंक लिंकेज व पात्रतानुसार लोन लिंकेज भी दिया जाएगा। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग 18 प्रकार के परम्परागत कामों में लगे कारीगरों एवं शिल्पकारों को विधिवत प्रशिक्षण देगा और इनके उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने के लिये मार्केटिंग की जिम्मेदारी भी निभायेगी। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ने गुरूवार को मंत्रालय में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग से जुड़े दायित्वों के संबंध में बैठक की। बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की लक्ष्य पूर्ति पर तेजी से काम करने एवं योजना के आलोक में विभागीय अधिकारियों के मध्य दायित्व निर्धारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि योजना को लक्षित वर्ग के हितग्राहियों तक पहुँचाने के लिये कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग कारीगरों एवं शिल्पकारों के उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के लिये हर स्तर पर जाकर मार्केटिंग करेगा। श्री जायसवाल ने कहा कि रेशम व खादी के उत्पादों की मांग दिनों दिन बढ़ रही है, इसलिये विभागीय तौर पर इनकी आपूर्ति बढ़ानी होगी। इसके लिये रेशम व खादी वस्त्रों का उत्पादन बढ़ाने के लिये हर जरूरी कदम उठाये जायें। रीजनल इन्डस्ट्रियल कॉन्क्लेव जबलपुर में लगाएं विभागीय स्टॉल बैठक में कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जायसवाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि 20 जुलाई को जबलपुर में होने वाली ‘रीजनल इन्डस्ट्रियल कॉन्क्लेव’ में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग का स्टॉल भी लगाया जाए। साथ ही उत्पाद बिक्री काउन्टर भी लगाएं। इससे विभाग के उत्पादों के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ-साथ बिक्री भी होगी। बताया गया कि जबलपुर में हाथकरघा, खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड के उत्पादों के साथ-साथ विन्ध्या वैली उत्पादों को भी स्टॉल लगाकर प्रदर्शित किया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव, कुटीर एवं ग्रामोद्योग श्री अमित राठौर, सचिव, खादी व ग्रामोद्योग विकास बोर्ड श्री माल सिंह, मप्र संत रविदास हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के प्रबंध संचालक तथा आयुक्त, हस्तशिल्प एवं हाथकरघा श्री मोहित बुंदस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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MP News:प्रदेश को विभिन्न श्रेणियों में मिले पुरस्कार, प्रदेश हुआ गौरवान्वित – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को नई दिल्ली में “उत्कृष्टता की ओर बढ़ते कदम” कार्यक्रम में सिस्टमेटिक प्रोग्रेसिव एनेलेटिकल रियलटाईम रैंकिंग अवार्ड (स्पार्क) सेरेमनी में विभिन्न श्रेणियों में 11 पुरस्कार मिलने पर हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने नगरीय विकास एवं आवास विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश को मिली उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी प्रदेश के विकास में अनवरत समन्वित प्रयास से इसी तरह की उपलब्धियाँ हासिल करेंगे। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर एवं केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्यमंत्री श्री तोखन साहू से 18 जुलाई को नई दिल्ली में मध्यप्रदेश की ओर से प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीरज मण्डलोई ने पुरस्कार प्राप्त किये। “उत्कृष्टता की ओर बढ़ते कदम” कार्यक्रम में मध्यप्रदेश को कुल 11 अवार्ड प्राप्त हुए। इसमें से 4 अवार्ड मध्यप्रदेश राज्य को संपूर्ण भारत में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये और 7 अन्य निकायों को विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त हुए हैं। मध्यप्रदेश को पी.एम. स्वनिधि योजना में बेस्ट परफार्मिंग स्टेट (लोन परफार्मेंस-लार्ज स्टेट) और बेस्ट परफार्मिंग स्टेट (इनोवेशन एण्ड बेस्ट प्रेक्टिसेस) दोनों ही श्रेणियों में प्रथम स्थान मिला है। इसी प्रकार डे-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना में मध्यप्रदेश दो श्रेणियों में प्रथम स्थान पर है। इनमें “बेस्ट परफार्मिंग स्टेट अंडर बेस्ट इनोवेशन एण्ड टेक्नोलॉजी” और “बेस्ट सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर” श्रेणी शामिल है। मध्यप्रदेश ने पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना में देशभर में 11 लाख 95 हजार से अधिक ऋण वितरित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश में पीएम स्ट्रीट वेण्डर योजना में 8 लाख 38 हजार स्ट्रीट वेंडर डिजिटली लेन-देन कर रहे हैं। इन स्ट्रीट वेंडरों को करीब 21 करोड़ रूपये की केश राशि बैंक से प्राप्त हुई है। पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना से वर्ष 2021 से 1 लाख 99 हजार ऋण प्रकरणों में राशि वितरित की गई। वर्ष 2022 में 1 लाख 70 हजार ऋण प्रकरणों में राशि वितरित की गई। वर्ष 2023 में 4 लाख 84 हजार ऋण प्रकरण में राशि वितरित की गई। वर्तमान में मध्यप्रदेश ने कुल लक्ष्य के विरूद्ध 101.26 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की है। मध्यप्रदेश में इस वर्ष सर्वाधिक प्रकरणों की स्वीकृति कर राशि का वितरण किया गया है। पीएम स्व-निधि योजना के तहत 10, 20 एवं 50 हजार रूपये के ऋण चरण वार पथ विक्रेताओं को स्वीकृत किये गये हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के द्वारा किये गये बेहतरीन कार्य के लिये सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नगरीय विकास विभाग को उत्कृष्ट कार्य के लिये मिलने वाले यह पुरस्कार सभी का मनोबल ऊँचा करेंगे और बेहतर कार्य करने के लिये प्रेरित करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के नगरीय निकायों को भी विभिन्न श्रेणियों में 7 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत उज्जैन नगर निगम को 1 से 10 लाख जनसंख्या वाले स्थानीय निकायों में ‘ऋण प्रदर्शन’ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। सारणी नगर पालिका परिषद को इसी श्रेणी में 1 लाख आबादी से कम जनसंख्या वाले नगरों में तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। खरगौन नगर पालिका को 1 से 10 लाख जनसंख्या वाले स्थानीय निकायों में ‘स्वनिधि से समृद्धि में उपलब्धि’ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। डे-एनयूएलएम योजना के अंतर्गत जबलपुर को 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय श्रेणी में सम्मानित किया गया है। डे-एनयूएलएम योजना के क्रियान्वयन के लिए सीधी को द्वितीय पुरस्कार, मंदसौर एवं इटारसी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। पीएम स्व-निधि योजना से लाभान्वित 2 शहरी पथ विक्रेताओं और 2 सहायता समूहों को भी सम्मानित किया गया।

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MP News: रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव स्थानीय उद्योग और व्यापार को करेगा प्रोत्साहित – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प में सहयोग के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। निवेश प्रोत्साहन को प्राथमिकता देते हुए राज्य शासन द्वारा वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष में मनाने का निर्णय लिया गया है। रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव, स्थानीय उद्योगों की समस्याओं का समाधान कर उन्हें प्रोत्साहित करते हुए प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था की उन्नति में उनकी उद्यमशीलता के योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही हैं। जबलपुर में होने वाले इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से जबलपुर व आसपास के जिलों की औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार स्थानीय उद्यमियों के साथ बाहर के उद्यमियों को जोड़कर प्रदेश के सभी अंचलों में समान विकास सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है। कृषि, रोजगार, व्यापार और पर्यटन आदि क्षेत्र में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार रोजगारमूलक गतिविधियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 20 जुलाई को जबलपुर में होने वाली रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के संबंध में समत्व भवन से जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडौरी और नरसिंहपुर के औद्योगिक संघों के पदाधिकारियों व उद्योगपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर रहे थे। फर्नीचर क्लस्टर, खाद्य प्र-संस्करण आधारित उद्योगों और माइनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग में पर्याप्त संभावनाएं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों की वैल्यू एडिशन के लिए युवाओं को विभिन्न कौशलों का आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ-साथ व्यापार-व्यवसाय के लिए उनके बेहतर लिंकेज की व्यवस्था की जाएगी। इससे व्यवसाय में होने वाला अधिकतम लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जबलपुर जिले में 5 विकसित औद्योगिक क्षेत्र और एक विकासाधीन औद्योगिक क्षेत्र 640 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर स्थित है, जिसमें 514 एमएसएमई इकाइयॉ कार्यरत हैं। जबलपुर में विकसित किए गए आई.टी. पार्क में भी रोजगार की बहुत संभावनाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही फर्नीचर क्लस्टर, नवीन गारमेंट क्लस्टर, खाद्य प्र-संस्करण आधारित उद्योगों, माइनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग और फार्मा इकाइयों में भी बहुत संभावनाएं हैं। रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से क्षेत्र के लोग औद्योगिक विकास को मूर्त रूप लेते हुए अपने सामने देख सकेंगे। यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। देश के दूसरे भागों से भी उद्योगपतियों को निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। प्रदेश में सागर, ग्वालियर, रीवा में भी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित किए जाएंगे। जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर और डिण्डौरी के उद्योगपति संवाद में हुए शामिल मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ वर्चुअल संवाद में जबलपुर से महाकौशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री रवि गुप्ता, फेडरेशन ऑफ म.प्र. चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के सीनियर वाइस सेक्रेटरी श्री हिमांशु खरे, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष श्री व्ही.के. नेमा, महाकौशल उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री बी.आर. जैसवानी, कटनी से मप्र लघु उद्योग संघ के श्री सुधीर कुमार मिश्रा, मध्यप्रदेश रिफ्रेक्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अरविंद गुगलिया, मंडला से राईस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अनिल वीरानी सहित नरसिंहपुर के श्री सजल अग्रवाल और डिण्डौरी के श्री रमेश राजपाल ने अपने विचार रखे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में महाकौशल क्षेत्र के अन्य उद्योगपति और व्यवसायी भी शामिल हुए।

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MP News:म.प्र. पुलिस के गौरवशाली इतिहास में पुलिस बैंड का कार्यक्रम ऐतिहासिक – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस को सशक्त बनाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए बजट में साढ़े दस हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में पुलिस कर्मियों के लिए 25 हजार आवास इस वर्ष बनाने का लक्ष्य है, जिसमें से 12 हजार आवास बना लिए गए हैं। प्रदेश के हर जिले में स्वतंत्र रूप से पुलिस बैंड दल कार्य करेगा। स्वर मेघ के अंतर्गत प्रस्तुत बैंड कार्यक्रम के सहभागी प्रत्येक सदस्य को 11-11 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मोतीलाल नेहरू पुलिस स्टेडियम में आज शाम स्वर-मेघ कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश पुलिस बैंड द्वारा प्रस्तुत संगीतमय कार्यक्रम में शामिल हुए। नव-गठित पुलिस बैंड ने संगीतमय धुनों का वादन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस बल के सभी सदस्यों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी एवं उनके हुनर की सराहना की। कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर और भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय उपस्थित थीं। प्रदेश में करीब 330 पुलिसकर्मी पुलिस बैंड के सदस्य के रूप में प्रशिक्षित हुए हैं। ये स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न जिलों में प्रस्तुति देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशा के अनुसार संगीत में रुचि रखने वाले मध्यप्रदेश पुलिस के जवानों को बैंड वादन का प्रशिक्षण दिलवाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में आज अद्भुत प्रस्तुतियाँ दी गई है। पुलिस कर्मियों ने देशभक्ति-जनसेवा के ध्येय वाक्य को अपनी आत्मा में उतारकर दिन-रात सुरक्षा और सेवा में लीन रहने का कार्य किया है। इसके लिए मध्यप्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों को मैं सैल्यूट करता हूं और बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज पुलिस बैंड के ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में ऐसा लग रहा है कि स्वयं मेघ भी मेजबान बनकर इसका आनंद ले रहे हैं। मैं आज प्रसन्न हूं, मुझे विश्वास है कि मेरे साथ आप सभी इस आनंद में डूबे होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस मुख्यालय में पहली मीटिंग में निर्देश दिये कि सभी जिलों के पुलिस बैंड का गठन किया जाए। प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड की स्थापना बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन पुलिस की इच्छाशक्ति से यह कार्य सफल हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजादी के समय में अधिकांश जिलों में पुलिस बैंड हुआ करता था, किंतु जैसे-जैसे पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हुए, वैसे-वैसे पुलिस बैंड में जवानों की कमी होती चली गई। इसको पूरा करना हमारे लिए चुनौती का विषय था। हमने प्रयास किया कि 15 अगस्त 2024 तक हर जिले में पुलिस बैंड प्रस्तुति दे। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि पुलिस ने उस चुनौती को स्वीकार ही नहीं किया बल्कि उसे साकार कर दिखाया। अब हर जिले में स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस बैंड की बेहतरीन प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस बैंड की व्यवस्था रहेगी, इसके लिए जहां विधिवत रूप से भर्तियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 340 पुलिसकर्मियों ने स्वेच्छा से सभी जिलों में पुलिस बैंड की शुरुआत कर दी है। यह इच्छा शक्ति यह बताती है कि पुलिस जो चाहती है, प्रशासन जो चाहता है, वे कार्य साकार रूप लेता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि म.प्र. पुलिस के आधुनिकीकरण एवं सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पुलिस में 7500 पदों पर भर्तियां करने का निर्णय लिया गया है। भोपाल में 50 बिस्तर क्षमता के पुलिस अस्पताल का भी लोकार्पण किया जाएगा। मध्यप्रदेश पुलिस के जवान के शहीद होने पर 1 करोड़ रुपए की राशि में से 50 प्रतिशत राशि पत्नी और 50 प्रतिशत की राशि माता-पिता को प्रदान की जाएगी। पुलिस ने निश्चित समय में थानों की सीमाओं का भी पुनर्निर्धारण किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि पुलिस ने इस चुनौतीपूर्ण कार्य को किया है, जिससे 22 हजार गांवों को इसका लाभ मिलेगा। मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश पुलिस अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए ऐसे कार्यों से अपनी अलग पहचान बनाएगी। पुलिस बैंड जनता और पुलिस के बीच सहभागिता में वृद्धि कर उसे बनाता है सुदृढ़: डीजीपी श्री सक्सेना डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों में पुलिस ब्रास बैंड की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री की पुलिस बैंड के उत्थान की परिकल्पना न केवल पुलिस बल के प्रदर्शन को मजबूती दे रही है बल्कि पुलिस और जनता के बीच निकटता के साथ ही उनमें उत्साह का संचार भी कर रही है। पुलिस बैंड, जहां जनता और पुलिस के बीच सहभागिता में वृद्धि करते हुए उसे सुदृढ़ बनाता है, वहीं इसकी स्वर लहरियां वातावरण में गूंजते ही आम जनमानस में देशभक्ति की भावना का संचार करने के साथ ही उन्हें गर्व की अनुभूति कराती है। राष्ट्रीय पर्व हो या फिर कोई अन्य दिवस इस बैंड के बिना कार्यक्रम अधूरा से लगता है। उन्होंने कहा कि पुलिस बैंड द्वारा बजाई जाने वाली राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत गीतों की धुनें जहां हर नागरिक के मन में राष्ट्रसप्रेम की भावना का संचार करती हैं वहीं पुलिस जवानों के मन में ”देशभक्ति-जनसेवा” के संकल्प् को भी और मजबूत करने में सहायक सिद्ध होती हैं। देश के अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश पुलिस के जवान इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। बैंड दल के सदस्यों ने धुनों की दी मनमोहक प्रस्तुति भोपाल के लाल परेड मैदान स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में पुलिस ब्रॉस बैंड के सदस्यों ने लयबद्ध प्रस्तुतियाँ दी। ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में पुलिस ब्रॉस बैंड कॉन्सर्ट और पुलिस बैंड डिस्प्ले की प्रस्तुति दी गई। जहाँ पुलिस ब्रॉस बैंड कॉन्सर्ट के दौरान “सावन का महीना पवन करे शोर, वंदे मातरम, ऐ मेरे वतन के लोगों, यारी है ईमान मेरा, मेरा रंग दे बसंती चोला, और जय हो जैसे फिल्मी गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गई। पुलिस बैंड डिस्प्ले में फैनफेयर, क्विक मार्च, स्लो मार्च, स्टैंडिंग डिस्प्ले, ड्रम बीटिंग आदि की मधुर धुनों की प्रस्तुतियाँ देकर पुलिस ब्रॉस बैंड

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MP News: गुरू पूर्णिमा का पर्व पूर्ण श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाए- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा का महत्व आदिकाल से रहा है। इसी परंपरा के गौरव बनाये रखने के लिये- विश्वविद्यालयों में पदस्थ कुलपतियों को कुलगुरू का संबोधन प्रदान किया गया, 21 जुलाई को आने वाली गुरु पूर्णिमा प्रदेश में पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विशेष रूप से सर्कुलर जारी किया गया है। सभी मंत्री अपने-अपने क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में सम्मिलित हों। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राजस्व महाअभियान 2.0 तथा पटवारी ई-डायरी का डिजिटल शुभारंभ भी किया। उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, श्री राजेन्द्र शुक्ल, जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय तथा राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा साथ थे। उल्लेखनीय है कि भू-स्वामियों के हित में त्वरित और आसान सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए आज 18 जुलाई से आरंभ हुआ अभियान 31 अगस्त तक जारी रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। जीवन में पाँच गुरूओं का है विशेष महत्व मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरू पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे जीवन में 5 गुरूओं का विशेष महत्व है। सबसे पहली गुरू माता, दूसरे पिता, तीसरे शिक्षक, चौथे क्रम पर वह गुरू जिनसे हम आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करते हैं और पाँचवां गुरू आईना है। आईना हमारे स्व से प्रतिदिन हमारा परिचय कराता है और वास्तविक स्वरूप को हमारे सामने रखता है। आईने की हमसे दुश्मनी नहीं है, पर वह हमारा दोस्त भी नहीं है, जो यथार्थ है आईना हमें उससे अवगत कराता है और यही गुरू का भी दायित्व है। गुरू-शिष्य परम्परा के निर्वहन में यह प्रदेश का सौभाग्य है कि भगवान श्रीकृष्ण को उनके गुरू सांदीपनी का सानिध्य उज्जैन में ही प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रि-परिषद के सभी साथियों से कहा कि गुरू पूर्णिमा पूर्ण श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाए। बटांकन के साथ ही होगा नामांतरण मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 18 जुलाई से 31 अगस्त तक प्रदेश में राजस्व महा अभियान 2.0 संचालित किया जाएगा। अभियान में राजस्व न्यायालय के लंबित प्रकरणों का त्वरित निराकरण, भू-अभिलेख का दुरूस्तीकरण और अभिलेख शुद्धिकरण जैसे कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बटांकन के साथ ही नामांतरण की व्यवस्था आरंभ की जा रही है। इस व्यवस्था को लागू करने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है, केन्द्र सरकार ने भी राज्य शासन की इस पहल की सराहना की है। स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण की प्रक्रिया भी आरंभ की जा रही है। इसमें 8वीं कक्षा उत्तीर्ण 18 से 40 वर्ष के स्थानीय युवाओं को ही मोबाइल के माध्यम से फसलों के सर्वेक्षण का कार्य सौंपा जाएगा। इसके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रति फसल, प्रति सर्वे नंबर 8 रूपए की दर से उन्हें भुगतान किया जाएगा। एक युवा को अधिकतम एक हजार सर्वे नंबर का आवंटन किया जा सकेगा। इन युवाओं को दोनों फसलों अर्थात खरीफ और रबी का सर्वे करना होगा। डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण से फसल की सटीक पहचान, उपार्जन में बचत होने के साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध होगा। व्यवस्था का क्रियान्वयन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। पटवारी ई-डायरी से बढ़ेगी पारदर्शिता और जवाबदेही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पटवारी ई-डायरी की व्यवस्था आरंभ की जा रही है। इससे शुचिता के साथ राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी। इस व्यवस्था के तहत पटवारियों द्वारा डिजिटल फार्मेट में दैनिक डायरी का संधारण किया जाएगा। पटवारी को फोटो खींचनी होगी और बिना फोटो के पटवारी दैनिक गतिविधियों को अपलोड नहीं कर सकेंगे। इससे पटवारी की उपस्थिति के वास्तविक स्थान का भी पता लग सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पटवारी ई-डायरी से पटवारियों की कार्यस्थल पर उपस्थिति सुनिश्चित होने के साथ-साथ उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी। पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना और स्व-सहायता समूहों को ऋण वितरण में मध्यप्रदेश देश में प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 11 लाख 95 हजार ऋण प्रकरणों में एक हजार 736 करोड़ रूपए वितरित कर मध्यप्रदेश ने देश में प्रथम स्थान बनाया है। एनयूएलएन योजना में 60 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों का गठन कर 32 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों को 320 करोड़ रूपए से अधिक की आवर्ती निधि उपलब्ध कराई गई है और 20 हजार स्व-सहायता समूहों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया गया है। इस योजना में भी मध्यप्रदेश देश में प्रथम है। मंत्रि-परिषद के सभी सदस्यों ने मेज थपथपाकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभिवादन किया। राजस्व महाअभियान 2.0 पर हुआ प्रेजेंटेशन मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले हुए राजस्व महाअभियान 2.0 की प्रस्तुतिकरण में नामांकन, बंटवारा, सीमांकन, अभिलेख दुरूस्ती, नक्शे पर खसरे की बटान को उठाना, स्वामित्व योजना सैचुरेशन, समग्र के आधार से ई-केवायसी आदि के संबंध में जानकारी दी गई।

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MP News: मध्यप्रदेश क्लाउड पॉलिसी 2024 का अनुमोदन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा विभागों को सुविधाजनक तरीके से क्लाउड सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए मध्यप्रदेश क्लाउड पॉलिसी-2024″ का अनुमोदन किया। इस निर्णय से म.प्र. राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) के माध्यम से केंद्रीयकृत रूप से विभागों को क्लाउड सेवाएं उपलब्ध कराई जायेंगी एवं क्लाउड सेवाओं के भुगतान के लिए विज्ञान और प्रौ‌द्योगिकी विभाग को बजट उपलब्ध कराया जाएगा। एमपीएसईडीसी से विभागों को क्लाउड सेवाएं प्रदाय करने से विभागों के द्वारा सीधे सेवाएं क्रय करने, डेटा सेंटर स्थापित करने और स्वयं क्लाउड सेवाओं को प्राप्त करने में होने वाले व्यय में बचत होगी। पूरे राज्य में एक केन्द्रीकृत संस्था (एमपीएसईडीसी) के द्वारा ये व्यवस्था करने से इकॉनॉमी ऑफ स्केल के कारण कुल व्यय में बचत होगी और क्लाउड सेवाओं का बेहतर प्रबंधन होगा। क्लाउड एडॉप्शन फ्रेमवर्क की प्रक्रियाओं के सुचारु संचालन के लिए विज्ञान एवं प्रौ‌द्योगिकी विभाग के म.प्र. राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) में क्लाउड मानिटरिंग यूनिट (सीएमयू) की स्थापना की जायेगी। क्लाउड एडॉप्शन फ्रेमवर्क के सुचारु क्रियान्वयन के लिए क्लाउड मानिटरिंग यूनिट (सीएमयू) तैयार की जाने के लिए मानव संसाधन सेवाएं प्राप्त की जायेगीं। एमपीएसईडीसी अंतर्गत सीएमयू में क्लाउड प्रबंधक का 1 और क्लाउड टेक्नीकल एक्सपर्ट के 2 पदों का सृजन किया जायेगा। क्लाउड एडॉप्शन फ्रेमवर्क की सीएमयू के लिए मानव संसाधन सेवाओं की पूर्ति अथवा अन्य सेवाशर्तें एवं अनुबंध आदि के लिए विज्ञान एवं प्रौ‌द्योगिकी विभाग के अंतर्गत एमपीएसईडीसी को अधिकृत किया गया हैं। स्मार्ट-पीडीएस क्रियान्वयन की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा स्मार्ट-पीडीएस (Scheme for Modernization & Reforms through Technology in Public Distribution System) राज्य में लागू करने के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई। इसके अतंर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 8.35 करोड़ रूपये 3 वर्ष में व्यय किये जायेंगे। इससे सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के क्रियान्वयन, विस्तार एवं संधारण, डेटाबेस में भिन्नता, डेटा रिकवरी एवं साइबर सुरक्षा संबंधी कठिनाइयों का निराकरण होगा। केन्द्र सरकार द्वारा वन नेशन-वन राशनकार्ड से पात्र परिवारों को देश की किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बैकलॉग के पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान में एक वर्ष की वृद्धि मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़े वर्गों तथा निःशक्तजनों के बैकलॉग/कैरीफारवर्ड पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा में 01 जुलाई 2024 से 30 जून, 2025 तक एक वर्ष की वृद्धि की गई। बैकलॉग के 17 हजार पद में से 7 हजार पद भरे जा चुकें हैं। अभी 10 हजार पद शेष हैं जो भरे जाएगें। इंदौर स्थित सिरपुर वेटलैंड, रामसर साईट के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए सहमति प्रस्ताव स्वीकृत मंत्रि-परिषद द्वारा अमृत धरोहर योजना अतंर्गत इंदौर स्थित सिरपुर वेटलैंड, रामसर साईट के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए लागत राशि 61 करोड़ 95 लाख 70 हजार रूपये की 40 प्रतिशत राशि राष्ट्रीय जलीय स्त्रोत संरक्षण कार्यक्रम (एन.पी.सी.ए.) अंतर्गत राज्य शासन द्वारा वहन करने ‘संबंधी सहमति के साथ प्रस्ताव केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को देय मंहगाई भत्ते एवं मंहगाई राहत की दर में वृद्धि का अनुसमर्थन मंत्रि-परिषद ने शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को सातवें वेतनमान में देय मंहगाई भत्ता / राहत की दर में 01 जुलाई, 2023 (भुगतान माह अगस्त, 2023) से सातवें वेतनमान में 4 प्रतिशत की वृद्धि की जाकर 46 प्रतिशत करने एवं राज्य शासन के छठवें वेतनमान में कार्यरत शासकीय सेवकों तथा राज्य शासन के उपक्रमों/ निगमों/ मण्डलों तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं के राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत चौथे एवं पांचवें वेतनमान में अनुपातिक आधार पर मंहगाई भत्ते में वृद्धि का आदेश तथा राज्य के पेंशनरों को देय मंहगाई राहत में वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री के आदेश का अनुसमर्थन किया। अल्पकालीन फसल ऋण की डयू डेट बढ़ाने संबंधी अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2023-24 की खरीफ 2023 सीजन में वितरित अल्पकालीन फसल ऋण की ड्यू डेट बढ़ाने का अनुमोदन किया गया है। निर्णय अनुसार खरीफ 2023 सीजन के लिए निर्धारित ड्यू डेट 28 मार्च, 2024 को बढाकर 30 अप्रैल, 2024 किया गया था। साथ ही समर्थन मूल्य पर विभिन्न फसलों का विक्रय दिनांक 30 अप्रैल, 2024 तक करने वाले ऐसे किसान जिन्हें उनके उपज विक्रय राशि का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ तथा उपार्जन की अंतिम तिथि तक फसलों का विक्रय करने वाले शेष किसानों के लिए खरीफ 2023 सीजन की निर्धारित डयू डेट 30 अप्रैल, 2024 से बढाकर 31 मई, 2024 का अनुमोदन किया गया। “म.प्र. निजी सुरक्षा अभिकरण नियम 2024 का प्रारूप अनुमोदित मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार द्वारा अधिसूचित “निजी सुरक्षा अभिकरण (रोकड़ परिवहन कार्यकलापों के लिए निजी सुरक्षा) नियम, 2018 के अनुक्रम में तैयार किए गए “मध्यप्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (रोकड़ परिवहन कार्यकलापों के लिए निजी सुरक्षा) नियम, 2024 के प्रारूप को अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया है। निजी सुरक्षा एजेंसियों को नगद हैंडलिंग और परिवहन के लिए सुरक्षा प्रदान हो सकेंगी। “मध्यप्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) नियम, 2024” को अधिसूचित करने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा मध्य प्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) नियम, 2012 अधिक्रमित करते हुए भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित मॉडल नियमों के समरूप में “मध्यप्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) नियम, 2024” को अधिसूचित किये जाने का निर्णय लिया गया है। निजी सुरक्षा उद्योग के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान करने और ईज ऑफ डूईंग बिजनेस, डिजिटल इंडिया और ईं-गवर्नेंस प्रमुख दृष्टिकोणों में तालमेल बिठाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया हैं।

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Uttrakhand News:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्राविधिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों से चयनित 212 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्राविधिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों से चयनित 212 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के अंतिम वर्ष के इन छात्रछात्राओं को विभिन्न कम्पनियों में नौकरी मिली है। इस वर्ष अभी तक राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों से 65 प्रतिशत युवाओं को रोजगार मिल चुका है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र सभी युवाओं के सपनों की पहली सीढ़ी है। यह परिश्रम और लगन से किए कार्य का सम्मान भी है। हर छात्र पूर्ण मनोयोग निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि युवाओं को हर क्षेत्र में रोजगार के उचित अवसर मिलें। राज्य के अंदर निजी क्षेत्र भी रोजगार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। गैर सरकारी औद्योगिक इकाइयों का विकास हमारी आर्थिक विकास का प्रमुख स्तंभ है। देवभूमि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, राज्य सरकार इन प्रतिभाओं को राज्य में सही दिशा और उचित अवसर देने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना, विकसित भारत और विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षो में टेक्नोलॉजी, रोजगार, कौशल विकास के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। देश के अंदर हर क्षेत्र में नौजवानों को आगे बढ़ने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में इनोवेशन एवं टेक्नोलॉजी को प्रथमिकता दी गई है। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं से देश में नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों हेतु राज्य में ऑनलाइन ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेंटर का निर्माण किया गया है। जिसके माध्यम से छात्रों को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होने छात्रों से कहा कि आपके द्वारा किए गए कार्य एवं अनुभव ही आपकी पूंजी के रूप में हमेशा आपके पास रहेगा। राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोज़गार से जोड़ना है। बीते 3 सालों में राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में 15000 से भी ज्यादा युवाओं को नियुक्तियां दी है। राज्य में भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण रूप से पारदर्शी बनाया गया है। परीक्षा से लेकर नियुक्तियां तक तय समय के अंदर हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में आई पारदर्शिता से युवाओं का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह पारदर्शिता युवाओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान लोगों/युवाओं द्वारा नकल विरोधी कानून लागू करने हेतु विशेष रूप से सरकार का आभार व्यक्त किया जा रहा है। यह पारदर्शिता तभी संभव है जब सरकार की नीति और नीयत दोनों साफ हो। राज्य सरकार प्रदेश के हर वर्ग के लिए निरन्तरता से काम कर रही है। समेकित विकास सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखण्ड प्रथम स्थान पर आया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता परक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। युवाओं को सीधे रोजगार मिले इसके लिए औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता के हिसाब से नये कोर्स चलाये जा रहे हैं। बच्चों को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है। राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में फाइनल वर्ष के 3500 बच्चों में से 2303 बच्चों को रोजगार से जोड़ दिया गया है। पॉलिटेक्निक कॉलेजों को आधुनिक तकनीक से भी जोड़ा गया है। युवाओं को अन्य देशों में भी रोजगार के अवसर मिले इसके लिए सरकार ने राज्य के पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में जर्मन और फ्रेंच भाषा पढ़ाने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए हर कॉलेज में अध्यापकों की नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि केवल सर्विस प्राप्त करना उद्देश्य नहीं होना चाहिए, निजी सेक्टर में अपने समर्पण, ज्ञान, कार्यशैली के माध्यम से सफलता को प्राप्त करना है। जिस भी क्षेत्र में जाएं, उस क्षेत्र में हमेशा सर्वश्रेष्ठ कार्य कर निरन्तर सफलता के मार्ग पर आगे बढ़े। युवाओं को राज्य और समाज के बेहतर भविष्य के लिए सोचना चाहिए। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद डॉ. कल्पना सैनी, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री राजेंद्र अंथवाल, अपर सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती स्वाति भदौरिया, निदेशक तकनीकि शिक्षा श्री आरपी गुप्ता, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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