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साइबर क्राइम मैनेजमेंट में यूपी पुलिस को बड़ा अवॉर्ड, फिक्की ने किया सम्मानित

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने के अभियान के नतीजे अब नजर आने लगे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री फिक्की ने दिल्ली में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यूपी एसटीएफ को साइबर क्राइम मैनेजमेंट के क्षेत्र में स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड-21 से सम्मानित किया है। फिक्की ने यह अवार्ड होमलैंड सिक्योरिटी पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया। यूपी एसटीएफ को यह अवार्ड जार्विस सियान साफ्टवेयर टूल के लिए दिया गया है। तीन दिन पहले एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में भी प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में अच्छी खासी कमी का उल्लेख किया गया था। – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का दिखने लगा असर, एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार यूपी में घटने लगे साइबर क्राइम के मामले – मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में खोले गए हैं रेंज स्तर पर साइबर थाने रेंज स्तर पर साइबर थाने खुलने से घटे मामले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बढ़ रहे साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस को प्रदेश के विभिन्न जिलों में साइबर थाने स्थापित करने के निर्देश दिये थे ताकि साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सके। इसी के तहत प्रदेश में संचालित दो साइबर थानों की संख्या में इजाफा करते हुए रेंज स्तर पर 18 साइबर थाने शुरू किए गए। इन थानों में दर्ज 1012 अपराधों में से 379 मामलों में खुलासा हो चुका है, जबकि 700 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वहीं 68.69 करोड़ रुपये की धनराशि को खातों में सीज किया गया। साथ ही 6.40 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। जिसके बाद प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में कमी देखी गई है। 2020 की तुलना में 22.6 फीसद कम दर्ज हुए मामले फिक्की ने भी प्रदेश में कम होते साइबर क्राइम के मामलों की सराहना करते हुए दिल्ली में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह को स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड के लिए सम्मानित किया। एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में भी साइबर क्राइम के मामले घटकर 8829 रह गए, जोकि वर्ष 2020 की तुलना में 22.6 फीसदी की कम है।

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शौर्य और पराक्रम के बिना शांति और सौहार्द संभव नहीं: मुख्यमंत्री योगी

रायबरेली, 24 अगस्त: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शांति और सौहार्द बिना शौर्य और पराक्रम संभव नहीं है। उन्होंने कहा है कि आज जबकि हमने आजादी के शताब्दी वर्ष के भारत को समृद्ध और सशक्त देश के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है तो यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह सकारात्मक सोच के साथ अपनी क्षमता और प्रतिभा का देशहित में योगदान करे। प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय जिस तरह पूरा देश एकजुट होकर सामने आया था, एक बार फिर उसी एकजुटता की जरूरत है। दुनिया का नेतृत्वकर्ता होगा शताब्दी वर्ष का भारत, हर व्यक्ति को करना होगा योगदान: सीएम योगी राना बेनीमाधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती पर सीएम योगी ने किया कृतज्ञता भाव समर्पण पूर्ण स्वाधीनता के 90 वर्ष पूर्व अवध को आजादी का अहसास कराने वाले नायक थे अवध केसरी: सीएम मुख्यमंत्री योगी, बुधवार को 1857 की लड़ाई के अमर नायक राना बेनीमाधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती पर रायबरेली में आयोजित भाव समर्पण कार्यक्रम में जनता को संबोधित कर रहे थे। ‘अवध केसरी’ के नाम से विख्यात राना बेनीमाधव बख्श सिंह की वीरता और शौर्य को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राना बेनीमाधव जी ने देश को पूर्ण आजादी मिलने से 90 वर्ष पहले ही पूरे अवध को आजादी का अहसास करा दिया था। चुनौतियों का सामना करने के लिए सामाजिक एकजुटता का महत्व बताते हुए सीएम ने कहा कि 1857 से पहले भी स्वतन्त्रता की लड़ाई चल रही थी। महाराणा प्रताप, वीर शिवानी गुरु गोबिंद सिंह जैसे महापुरुषों ने भी विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध युद्ध किया, लेकिन 1857 में यह लड़ाई संगठित होकर आगे बढ़ी। चित्तू पांडेय, मंगल पांडेय, रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे, जैसे नायकों ने अलग-अलग क्षेत्रों से एकजुट होकर स्वाधीनता आंदोलन की निर्णायक लड़ाई को शुरू किया। अवध में वीरा पासी जी और राना बेनीमाधव जी ने ब्रितानी हुकूमत के विरुद्ध स्वाधीनता की जो अलख जगाई थी, वह जनांदोलन का रूप लेते हुए आगे जाकर 1922 में चौरीचौरा आंदोलन, 1925 में काकोरी एक्शन होते हुए 1947 में स्वाधीनता के लक्ष्य को प्राप्त करती है। मुख्यमंत्री योगी ने जयंती समारोह में उपस्थित जनसमुदाय को आजादी के अमृत काल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पंचप्रण’ से जुड़ने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि 2047 का भारत गरीबी, अराजकता, विषमता और अव्यवस्था से मुक्त होकर विकसित भारत के रूप में विश्व को नेतृत्व प्रदान करने वाला होगा। यह भारत मानवता को राह दिखाने वाला होगा। स्वतंत्रता समर के गुमनाम नायकों की तलाश के लिए शोध पर ध्यान दें शिक्षण संस्थान: सीएम आजादी के गुमनाम नायकों को सम्मान दिलाने की अपनी मुहिम से आमजन को जोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों को इस विषय पर व्यापक शोध-अध्ययन करने की जरूरत बताई। रायबरेली के फिरोज गांधी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमें अपनी लोककथाओं, लोकगीतों की ओर लौटना होगा, हमारे नायकों की स्मृतियां अब भी उनमें जीवित हैं। कुछ दिनों पूर्व महाराष्ट्र के एक संत द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए गए पांडुलिपियों से गोरक्षपीठ की 16वीं से 19वीं सदी कि मध्य के सिद्ध संतों की परंपरा की जानकारी मिलने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने शिक्षण संस्थानों को पांडुलिपियों, ताम्रपत्रों के संग्रह और अध्ययन के लिए प्रेरित भी किया।

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UP heads towards solar energy revolution, aims to generate 22,000 MW of solar power in 5 years

Chief Minister Yogi Adityanathji reviewed the energy requirements of the state at a high level meeting on Sunday, emphasising on the need to promote solar power projects. The Chief Minister has given clear instructions to the concerned authorities to prepare a new solar energy policy. Prepare a new solar energy policy after extensive consultations with stakeholders: CM Yogi Need to work on mission mode for installation of rooftop solar plants: CM Train prisoners in jails to make solar panels, LED bulbs: CM Commitment to environmental protection and promotion of non-conventional energy alternatives is necessary to meet the growing energy needs. Solar energy is a very useful medium from this point of view. Although efforts have been made in this direction in the last few years, we need to have more planned efforts and accelerate it to achieve the goal of self-reliance in the energy sector. Concerted efforts are required to encourage solar power generation in the state. We have to minimise our dependence on conventional energy options. Therefore, a new solar energy policy should be prepared keeping in view the future needs. Our target should be to generate 22,000 MW of solar power in the next five years. Under the guidance of the respected Prime Minister, the Uttar Pradesh government is working on an important plan to develop Ayodhya as a ‘Model Solar City’. This project will set benchmarks for other cities. All necessary efforts in this regard should be made in a time bound manner. A conducive environment for private sector investment in the field of solar energy generation and storage will have to be provided. Single window system may be introduced for timely completion of projects. All necessary support, including easy availability of land and capital subsidy will be provided for the investing companies in solar energy sector. While framing a new solar energy policy, do consult the industry. Understand the needs of the investing entities/companies. Take the opinion of all the parties and prepare the new policy after extensive consultation. Public awareness has to be increased to promote installation of solar power plants on the roof of buildings. In this regard, a solar cell should be constituted in the districts under the chairmanship of the Chief Development Officer. Registration of all solar projects should be made mandatory. People should be encouraged to install rooftop solar power plants in all government, residential, public sector and private commercial buildings as well as educational institutions. Solar plant should also be installed on the water body. These should be linked to the net billing/net metering system as per the requirement. Prisoners should be given training to make solar energy equipment. They should be trained to make solar power panels, LED bulbs etc. It will be useful to encourage MSMEs and Startups to adopt and implement Solar Rooftop Model.

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