मणिपुर | मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। मैतेई और कुकी समुदाय के लोग आमने-सामने हैं। 3 मई को शुरू हुई हिंसा लगातार जारी है। गुरुवार, 15 जून की रात को इंफाल में भीड़ ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर हमला बोल दिया। इस दौरान भीड़ ने केंद्रीय मंत्री के घर में आग लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि घटना के वक्त केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री अपने घर में नहीं थे। कर्फ्यू के बावजूद हुआ हमला इंफाल में कर्फ्यू के बावजूद भीड़ मंत्री के कोंगबा स्थित आवास तक पहुंच गई। घटना के समय मंत्री के आवास पर नौ सुरक्षा एस्कॉर्ट कर्मी, पांच सुरक्षा गार्ड और आठ अतिरिक्त गार्ड ड्यूटी पर थे। मंत्री के घर पर मौजूद एक सुरक्षाकर्मी के मुताबिक भीड़ ने हमले के दौरान चारों दिशाओं से पेट्रोल बम फेंके। “हम इस घटना को रोक नहीं सके, क्योंकि भीड़ बहुत अधिक थी और हम स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सके. उन्होंने सभी दिशाओं से पेट्रोल बम फेंके.. बिल्डिंग के पीछे वाली गली से और सामने के प्रवेश द्वार से, इसलिए इसलिए हम भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके.” एल दिनेश्वर सिंह, एस्कॉर्ट कमांडर बताते चलें कि, पिछले महीने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने मणिपुर के मैतेई और कुकी समुदायों के बुद्धिजीवियों के एक समूह के साथ बैठक की थी, जिसमें हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में शांति स्थापित करने को लेकर चर्चा की गई थी। मंत्री नेमचा किपगेन के घर पर भी हमला इससे पहले उपद्रवियों ने मणिपुर की एकमात्र महिला मंत्री नेमचा किपगेन के सरकारी आवास में बुधवार, 14 जून को उपद्रवियों ने आग लगा दी। हालांकि घटना के वक्त आवास के अंदर कोई नहीं था। बता दें कि किपगेन कुकी समुदाय की नेता हैं। वहीं बुधवार, 14 जून को पूर्वी इंफाल के कांगपोकपी और उखरूल जिले में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इगिजांग गांव पर खतरनाक हमला किया था, जिसमें कम से कम 13 नागरिकों की मौत हो गई थी। इसमें मुख्य रूप से स्वयंसेवक नागरिक शामिल थे।

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