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Uttar Pradesh

एक्सप्रेस-वे की रफ्तार को तीव्र करेगी योगी सरकार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेस प्रदेश’ बनाने की दिशा में कार्य कर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सरकार प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। इसी क्रम में गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में यात्री सुविधाओं को लेकर इस वर्ष जारी होने वाले वार्षिक अनुदान किस्त की अदायगी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 100 करोड़, जबकि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 40 करोड़ रुपए की किस्त जारी करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए योगी सरकार एक्सप्रेस-वे योजनाओं को गति दे रही है। यह सरकार के प्रयासों का ही असर है कि एक्सप्रेस-वे निर्माण की दिशा में यूपी तेजी से प्रगति कर रहा है। मेरठ से प्रयागराज रूट पर होगा काम प्रदेश में इस समय 7 एक्सप्रेस-वे क्रियाशील हैं, जबकि 6 निर्माणाधीन हैं। इनमें सबसे प्रमुख गंगा एक्सप्रेस-वे व बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे हैं, जो कई बड़े शहरों को कनेक्ट करते हैं। ऐसे में, मेरठ से प्रयागराज के मध्य बन रहे गंगा एक्सप्रेस-वे को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से 100 करोड़ रुपए की वार्षिक अनुदान किस्त जारी करने की हरी झंडी मिल गई है। गंगा एक्सप्रेस-वे की कुल अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपए है जिसमें से अब तक 4,775 करोड़ रुपए की धनराशि परियोजना के लिए जारी हो चुकी है, वहीं इस वर्ष इस क्रम में 100 करोड़ रुपए की धनराशि यूपीडा द्वारा जारी की जा रही है। गौरतलब है कि पीपीपी मॉडल के आधार पर 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का प्रदेश में निर्माण किया जा रहा है और चार चरणों में पूर्ण होने वाली इस योजना की घोषणा नरेंद्र मोदी द्वारा 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में की गई थी। वर्ष 2024 तक इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूर्ण होना अनुमानित है। बुंदेलखंड पर विशेष फोकस प्रदेश में बुंदेलखंड में विकास कार्यों में तेजी लाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पिछली सरकारों में यह क्षेत्र उपेक्षा का शिकार रहा, जबकि सीएम योगी के सत्ता संभालने के बाद इस क्षेत्र का प्रदेश के बाकी क्षेत्रों की तरह विकास सुनिश्चित हुआ है। हाल के दिनों में सीएम योगी ने यहां कई परियोजनाओं को प्रारंभ किया है तो वहीं, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के जरिए प्रदेश में आए 35 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश को धरातल पर उतारने के लिए जिन क्षेत्रों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है उनमें बुंदेलखंड भी प्रमुख है। यही कारण है कि आम लोगों की सुविधा, कनेक्टिविटी, परिवहन को सुगम बनाने और बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ किया गया है। यह एक्सप्रेस-वे चित्रकूट को आगरा से लेकर प्रयागराज तक जोड़ता। प्रदेश सरकार ने यहां यात्री सुविधाओं समेत अन्य विकास परियोजनाओं के लिए वार्षिक अनुदान किस्त के तौर पर 40 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त करने को स्वीकृति दी है और यूपीडा को इस संबंध में आदेशित भी कर दिया है। गौरतलब है कि 14,849 करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं के लिए अब तक 6,270 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। मौजूदा राशि का उपयोग परियोजना के दौरान अन्य निर्माण कार्यों, रख-रखाव समेत विभिन्न मदों में किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश : सिद्धार्थनगर DM पर भड़के MLA विनय वर्मा, जमकर हुई बहसबाजी, देखिये वीडियो

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में शोहरतगढ़ से अपना दल विधायक विनय वर्मा और जिलाधिकारी संजीव रंजन के बीच बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विधायक विनय वर्मा डीएम पर भड़कते दिख रहे हैं। वायरल वीडियो में विधायक चिल्लाते हुए डीएम से अपने प्रश्नों के जवाब मांगते नजर आ रहे हैं। https://www.instagram.com/reel/CtitLQvITUA/?utm_source=ig_web_copy_link&igshid=MzRlODBiNWFlZA== आखिर क्यों हुई बहस विधायक का कहना है कि उनके प्रश्नों का जवाब लिखित में दिया जाए। उनका आरोप है कि कोई अधिकारी जवाब नहीं देते हैं। वीडियो में विधायक डीएम से कह रहे हैं – “आपसे भी पूछा लेकिन आपने ने भी कोई जवाब नहीं दिया।” दरअसल, विधायक वर्मा अपने क्षेत्र में चल रहे कार्यों की जानकारी मांग रहे थे। इस दौरान विधायक वर्मा गुस्से में अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर देते हैं, जिसके बाद अधिकारी मीटिंग का बहिष्कार करते हुए उठ खड़े होते है। बाद सभी अधिकारियों को दोबारा समझाकर बैठाया जाता है। क्या बोले DM ? इस मामले में डीएम संजीव रंजन ने कहा कि यह कोई बहस का मामला नहीं है। विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी मांग रहे थे। जिनकी जानकारी उनको उपलब्ध करवा दी गई। उन्होंने इसका लिखित में भी जवाब मांगा है, वो भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

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UP News: 22 जून तक होगा 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल का मुफ्त वितरण

उत्तर प्रदेश । प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आवश्यक वस्तुओं का निःशुल्क वितरण आगामी 22 जून, 2023 तक कराया जा रहा है। इस अवधि में बाजरा वाले तीन जिलों बदायूं, बुलंदशहर तथा कानपुर नगर को छोड़कर अन्त्योदय कार्डधारकों को 14 किग्रा गेहूं और 21 किग्रा चावल (35 किलो खाद्यान्न) तथा पात्र गृहस्थी राशन कार्डों से सम्बद्ध यूनिटों पर दो किग्रा गेहूं व तीन किग्रा चावल प्रति यूनिट का निःशुल्क वितरण कराया जा रहा है।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे प्राथमिक विद्यालयों के छात्र

लखनऊ । 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। समर वेकेशन के बीच 21 जून को खासतौर पर योग दिवस के लिए प्रदेश भर के स्कूल खोले जाएंगे और यहां बच्चे न सिर्फ योगाभ्यास करेंगे, बल्कि उन्हें मिष्ठान, फल एवं शुद्ध पेयजल का भी वितरण किया जाएगा। यही नहीं, इस दिन बच्चों के लिए विभिन्न शैक्षिक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा और इनमें टॉप-3 पर रहने वाले छात्रों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। योग दिवस से एक दिन पूर्व 20 जून को विद्यालय में साफ सफाई कराई जाएगी। नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के संबंध में मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण एवं शिक्षा निदेशक (बेसिक) की ओर से इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को व्यापक स्तर पर आयोजित करने की तैयारी की है। इसी क्रम में इस वर्ष उत्तर प्रदेश में 15 से 21 जून तक योग सप्ताह मनाने का निर्णय लिया गया है। समस्त प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय होंगे शामिल मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के निदेशक विजय किरण आनंद द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी विद्यालयों में उपस्थित छात्रों के मध्य मिष्ठान तथा खीर, हलवा आदि, फल एवं शुद्ध पेयजल का वितरण किया जाए। आदेश में ये भी कहा गया है कि योग दिवस को लेकर शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा जारी निर्देशों का भी अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए। शिक्षा निदेशक (बेसिक) की ओर से दिए गए निर्देशों में प्रदेश के समस्त प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों को योग गतिविधियों में शामिल होने को कहा गया है। निर्देशों के अनुसार, 20 जून को सभी जनपदों के समस्त प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं बच्चों को प्राणायाम, आसन, ब्रीथिंग अभ्यास, योग से होने वाले लाभों के संबंध में जागरूक करने के साथ ही समस्त समस्त प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की प्रतिभागिता सुनिश्चित की जाए। गतिविधियों के सफल आयोजन के लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक नोडल के रूप में कार्य करेंगे। शैक्षिक प्रतियोगिताओं का भी होगा आयोजन 21 जून को समस्त प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यपक, शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं बच्चों को प्राणायाम, सूर्यनमस्कार एवं ब्रीथिंग का अभ्यास कराया जाएगा। इसके बाद विद्यालय स्तर पर बच्चों के बीच आसन, प्राणायाम और ध्यान जैसी योग क्रियाओं का आयोजन होगा। यही नहीं, कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के मध्य योग विषय पर पोस्टर, निबंध, क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। विद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली गतिविधियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।

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प्रदेश के सभी बोर्ड के मेधावी छात्र-छात्राओं का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सीएम ने किया सम्मान

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रदेश के मेधावियों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को निरंतर प्रयास करते रहने का संदेश दिया और कहा कि जीवन में कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। शिक्षा से आप जीवन की सभी चुनौतियों का सामना कर सकेंगे। शिक्षा में भक्ति होनी चाहिए। भक्ति में रावण ने कैलाश पर्वत उठा लिया था पर अहंकार में अंगद का पैर भी नहीं उठा पाया था। अगर आपने ये सोच लिया कि अब तो 99 प्रतिशत आ गए अब मेहनत करने की जरूरत नहीं तो आपको मुश्किल होगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शिक्षा में भक्ति होने पर आप जीवन की सभी चुनौतियों को पार कर सकेंगे। आने वाले संकटों का धैर्यपूर्वक सामना करना चाहिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हमें जीवन में आने वाले संकटों का धैर्यपूर्वक सामना करना चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए क्योंकि शॉर्टकट का मार्ग कभी सफलता नहीं दिलाता है। उन्होंने कहा कि अब नकलविहीन परीक्षा यूपी की हकीकत है। यह बीते छह वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले बड़े बदलाव हैं। पहले एक-डेढ़ महीने तक बोर्ड परीक्षाएं होती रहती थीं पर अब 15 दिन में बोर्ड परीक्षा होने के बाद समय पर परिणाम घोषित कर दिया जाता है। अपने पुरुषार्थ से सफलता की मंजिल को चूमना ही वास्तविक सफलता मुख्यमंत्री ने कहा कि हर चुनौती परीक्षा की घड़ी होती है। संकट सामने आए तो उससे भागने की जगह उसका सामना करना चाहिए। शॉटकर्ट का मार्ग कभी सफलता की मंजित तक नहीं पहुचा सकता। चुनौतियों से जूझ़ते हुए, ईमानदारी से और अपने पुरुषार्थ से सफलता की मंजिल को चूमना ही वास्तविक सफलता है। भारत ने कोविड कालखंड में इसे साबित करके दिखाया है, जब पूरी दुनिया इस महामारी के सामने पस्त हो गई थी, तब भारत फ्री जांच, फ्री उपचार और फ्री वैक्सिनेशन के कार्यक्रम चला रहा था। इतना ही नहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में आजादी के बाद सबसे बड़े बदलाव को भी कोविड काल में ही लागू किया गया। बिना भेदभाव योजनाएं जन-जन तक पहुंचाना ही वास्तविक रामराज्य मुख्यमंत्री ने बताया कि आज राजधानी में सभी बोर्ड के टॉप टेन मेधावियों को सम्मानित करने का कार्य किया गया है। इसके अलावा जनपद स्तर के टॉप 10 मेधावियों को भी सरकार के मंत्रीगण और जन प्रतिनिधियों ने सम्मानित किया है। उन्होंने बताया कि यूपी में दो करोड़ छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरित किया जा रहा है। इसके अलावा अभ्युदय कोचिंग, शिक्षकों को ऑनलाइन क्लास से जोड़ना। लंबे समय से रिक्त पदों पर शिक्षकों की उपलब्धता की व्यवस्था की गई है। जर्जर विद्यालयों के कायाकल्प का कार्य किया गया। नए संस्थान खोले जा रहे हैं। गरीब बच्चों के लिए 18 अटल आवासीय विद्यालय खोले जा रहे हैं। बिना किसी भेदभाव के शासन की योजनाएं जन-जन तक पहुंचाने का कार्य हो रहा है। यही वास्तविक रामराज्य है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान मेधावी बच्चों, सीतापुर की प्रियांशी सोनी, महोबा के शुभ, चंदौली के इरफान, मुरादाबाद की कोषा शर्मा, मेरठ की राधिका सिंघल और आगरा की अभिषि सिंह को सम्मानित किया। समारोह में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह व बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल रहे।

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मुख्यमंत्री ने काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिर में किया दर्शन-पूजन

वाराणसी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम और काशी के कोतवाल कालभैरव मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इस दौरान उन्होंने बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन अर्चन करते हुए प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की। सीएम के आगमन के मद्देनजर कालभैरव मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। सीएम रविवार को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे।             उन्होंने रविवार को होटल ताज में G-20 सम्मेलन में पहुंचे विदेशी मेहमानों से मुलाकात की व उनके साथ डिनर किया। वहीं दूसरे दिन सोमवार को सुबह सात बजे सीएम श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। यहां विधि विधान से बाबा का दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने काशी कोतवाल कालभैरव मंदिर में शीश नवाया। इस दौरान श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर सहित अन्य उपस्थित रहे।

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सीएम योगी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ प्रतापगढ़ में 2,200 करोड़ से अधिक के निवेश से पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया

प्रतापगढ़ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नौ वर्ष में देश के अंदर हुए एक्सप्रेसवे, हाइवे और वाटरवे कार्य नए भारत की तस्वीर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जो कार्य करके दिखाएं हैं, वो आजादी के 70 सालों में नहीं हो पाया था। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था देश में नजीर बनी है। यहां की बेहतर कानून व्यवस्था पर वही व्यक्ति सवाल उठा सकता है जिसके व्यक्तिगत हित प्रभावित हो रहे हैं। सीएम योगी ने सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ प्रतापगढ़ में 2,200 करोड़ से अधिक के निवेश से पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर गरीब कल्याण, देश की सुरक्षा और वैश्विक मंच पर भारत को प्रतिष्ठा दिलाने के लिए हुए कार्यों को आज देश और दुनिया महसूस कर रही है। डबल इंजन की सरकार डबल स्पीड के साथ अपने कार्यक्रम आगे बढ़ा रही है।   सीएम योगी ने कहा कि अगले साल के शुरुआत में ही रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे और इस तरह से सैकड़ों वर्ष का इंतजार समाप्त हो जाएगा। इसको देखते हुए यहां शिलान्यास होने वाली परियोजनाएं बहुत महत्वपूर्ण हो जाती हैं। बहुत ही जल्द फोर लेने की कनेक्टिविटी से प्रतापगढ़ प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या से जुड़ जाएगा। उसके अगले साल 2025 में प्रयागराज में भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन होगा। इसी को ध्यान में रखकर यहां फोर लेन सड़क परियोजना का शिलान्यास किया जा रहा है, जो प्रतापगढ़ को प्रयागराज से जोड़ेगा। सीएम योगी ने कहा कि प्रतापगढ़ विकास की नई ऊंचाइयों को छूता दिखाई पड़ रहा है। कोई सोच नहीं सकता था कि प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज हो सकता है लेकिन आज प्रतापगढ़ के पास वो सभी सुविधाएं हैं जो एक जनपद में होनी चाहिए। प्रदेश के अंदर 54 लाख गरीबों को हमारी सरकार एक-एक आवास दे चुकी है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में आयोजित हो रहे जी-20 सम्मेलन में आए विदेशी अतिथि काशी के विकास को और गंगा की निर्मल और अविरल धारा को देखकर अभिभूत हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नया भारत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और दुनिया भारत की तरफ आकर्षित है। योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर होगा: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश का नंबर एक राज्य बनेगा। किसानों की प्रगति होगी, रोजगार मिलेगा और उत्तर प्रदेश का रोड इन्फ्रास्ट्रक्टर अमेरिका के बराबर होगा। उन्होंने कहा कि आज देश भर में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की चर्चा है। किसी भी प्रदेश के विकास के लिए उद्योग बहुत आवश्यक है। उद्योग नहीं आएगा तो रोजगार नहीं मिलेगा और रोजगार नहीं होगा तो गरीबी दूर नहीं होगी। किसानों की प्रगति, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास और औद्योगिक विकास में उत्तर प्रदेश बहुत तेज गति से प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में हम आठ ग्रीन फील्ड कॉरिडोर बना रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश के विकास में बहुत सहायक होंगे। केंद्रीय मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि 41 हजार करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश में 40 बाईपास बनाने जा रहे हैं। इन परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास – 1290 करोड़ रुपये की लागत से 43 किमी. लम्बे प्रतापगढ़-सुल्तानपुर 4 लेन सड़क का निर्माण। – 333 करोड़ रुपये की लागत से 21 किमी. लम्बे चिलबिला-लोहिया नगर 2 लेन पेव्डशोल्डर सड़क का निर्माण। – 325 करोड़ रुपये की लागत से 11 किमी. लम्बे प्रतापगढ़ शहर में भुपियामऊ-गोड़े खण्ड 4 लेन सीसी रोड का निर्माण। – 225 करोड़ रुपये की लागत से प्रतापगढ़ के एनएच-31 से एनएच-330 तक 2 लेन पेव्डशोल्डर बाईपास का निर्माण। – 27 करोड़ रुपये की लागत से प्रतापगढ़ जनपद में स्ट्रीट लाईट, हाईमास्ट लाईट एवं शेल्टर का निर्माण किया जाएगा।

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कैटल डंग व कृषि अपशिष्टों को बायोगैस व स्लरी में परिवर्तित कर ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाने पर है सीएम योगी का फोकस

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में गांवों के कायाकल्प के विजन को ध्यान में रखकर कार्य कर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ अब राज्य के सभी गांवों की स्वच्छता और स्वावलंबन को ध्यान में रखकर नए एप्रोच के साथ कार्ययोजना पर आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश के सभी गांवों को ओडीएफ (ओपन डेफिकेशन फ्री) बनाने के अतिरिक्त ओडीएफ प्लस केटेगरीज में गांवों को अपडेट करने के लिए प्रयासरत प्रदेश सरकार ने गोबरधन और अपशिष्ट प्रबंधन के जरिए गांवों की तस्वीर बदलने की दिशा में तेजी कदम बढ़ाए हैं। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, प्रदेश के सभी गांवों में गोबरधन और अपशिष्ट प्रबंधन के जरिए स्वच्छता को बढ़ावा देने के साथ ही आय को बढ़ाने के प्रयासों पर भी बल दिया जा रहा है। इसी के फलस्वरूप, राज्य के सभी गांवों में कैटल डंग व कृषि अपशिष्टों को बायोगैस व स्लरी में परिवर्तित किए जाने की कार्ययोजना का क्रियान्वयन युद्धस्तर पर जारी है। इतना ही नहीं, गांवों में प्लास्टिक समेत अन्य अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर भी वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इन सब प्रयासों के जरिए प्रदेश के सभी गांवों को स्वच्छता की रैंकिंग में ऊपर लाने और उन्हें जिले, राज्य व देश स्तर पर पुरस्कृत किए जाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार एक विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत सिलसिलेवार पूरा करने की ओर बढ़ रही है। गोबरधन बनेगा स्वच्छता और आय का साधन प्रदेश के सभी गांवों में कैटल डंग व कृषि अपशिष्टों को बायोगैस व स्लरी में परिवर्तित कर ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाने की मंशा से गोबरधन योजना को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही योगी सरकार द्वारा इस विषय में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत प्रति जिले 50 लाख रुपए धनराशि आवंटन की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में, बायोगैस प्लांट का निर्माण गांव की सरकारी गौशालाओं से जोड़कर किया जा रहा है जिससे कि प्लांट के लिए फीड स्टॉक सुनिश्चित किया जा सके। कार्ययोजना के मुताबिक, प्लांट से निर्मित होने वाली गैस से जेनरेटर संलग्न कर गांवों के सामुदायिक स्थानों पर प्रकाश की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके अतिरिक्त, इन प्लांटों से बनने वाली ऊर्जा से आटा चक्की के संचालन की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे कि सस्ती दरों पर ग्रामीण जनों को आटा पीसने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, चिह्नित परिवारों को रसोई में प्रयोग के लिए चूल्हे भी लगाकर देने के संबंध में भी वितरण की व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल, प्रदेश में 20 जिलों में गोबरधन से संबंधित प्लांट पूर्ण किए जा चुके हैं, जबकि 38 जिलों में 60 प्लांट निर्माणाधीन हैं। जिन 17 जिलों के 22 प्लांटों का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है उन्हें भी क्रियान्वित करने की दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। कचरा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने पर जोर स्वच्छ भारत मिशन के एक महत्वपूर्ण घटक के तौर पर राज्य के सभी गांवों के मलीय कचरे के निस्तारण प्रबंधन को सुचारू बनाने और इसमें वृद्धि करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार वृहद स्तर पर कार्य कर रही है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्य के लिए कुल 763 नगरीय निकायों में स्थापित व प्रस्तावित एफएसटीपी से 20 से 25 किमी की त्रिज्या में आने वाले गांवों को उस निकाय की एफएसटीपी से संबद्ध करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके बाद, बचे हुए गांवों में एफएसटीपी निर्माण की कार्रवाई पंचायती राज विभाग द्वारा की जाएगी। वहीं, गांवों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 35 जिलों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण कराया जा रहा है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्य के लिए कुल 763 नगरीय निकायों में स्थापित प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्य के लिए कुल 763 नगरीय निकायों में स्थापित व प्रस्तावित एमआरएफ सेंटर्स से 15 से 20 किमी में आने वाले गांवों को उस निकाय के एमआरएफ सेंटर से संबद्ध किया जाएगा। बचे हुए गांवों में पीडब्ल्यूएम इकाई का निर्माण पंचायती राज विभाग द्वारा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण से मिलेगी गांवों को नई पहचान स्वच्छता के क्षेत्र में ओडीएफ प्लस के विभिन्न घटकों पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों के चयन के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग, जलशक्ति मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा स्वच्छ ग्रामीण सर्वेक्षण 2023 का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में, प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक विकास खंड की सभी ग्राम पंचायतों की सहभागिता पंजीयन के बाद जनसंख्या के आधार पर तीन केटेगरीज में बांटा जाएगा। 2000 तक, 2001 से 5000 तक व 5000 से ज्यादा आबादी वाली 5-5 ग्राम पंचायतों के रूप में कुल 15 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों का चयन किया जाएगा। इसी तरह, प्रत्येक विकास खंड से चयनित 15 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों में से जिला स्तर 15 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों का भी चयन किया जाएगा। ऐसे में, सभी जिलों से चयनित ग्राम पंचायतों को केंद्र सरकार द्वारा थर्ड पार्टी सत्यापन कराकर उत्कृष्ट पंचायत चयनित करने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा। 2 अक्तूबर को मिलेगा सम्मान प्रदेश में स्वच्छ ग्रामीण सर्वेक्षण 2023 में सहभागी सत्यापन को पूर्ण करने की विकास खंड स्तर समयावधि पर इस वर्ष एक मई से 15 जून के बीच तय की गई है। जबकि, जनपद स्तर पर 16 जून से 30 जून, राज्य स्तर पर एक जुलाई से 15 जुलाई तक और जिले स्तर पर उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को चिह्नित कर पुरस्कृत किए जाने के लिए 31 जुलाई तक की समयसीमा तय की गई है। वहीं, राज्य स्तर पर उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को चिह्नित कर पुरस्कृत करने की समयावधि 15 अगस्त तक निर्धारित की गई है। राज्य द्वारा नामित उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय स्वतंत्र संस्था द्वारा सत्यापित करने की समयसीमा 16 जुलाई से 15 अगस्त के मध्य निर्धारित है। इसी प्रकार, सभी आवेदनों की समीक्षा के बाद चयनित ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत करने के लिए 2 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की गई है। जाहिर है, इन मानकों पर खरा उतरकर प्रदेश के गांवों को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने के लिए राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर प्रयास जारी कर दिए हैं।

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Khan Mubarak: यूपी के टॉप टेन अपराधियों में से एक खान मुबारक की अस्पताल में मौत, प्रदेश के टॉप टेन अपराधियों की सूची में शामिल था

हरदोई । यूपी के टॉप टेन अपराधियों में से एक और बड़ा आपराधिक साम्राज्य खड़ा करने वाले माफिया सरगना खान मुबारक की बीमारी के चलते रविवार सुबह हरदोई में मौत हो गई। वहां उसे जिला जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। वह निमोनिया से पीड़ित था। जिले के हंसवर थाना क्षेत्र अंतर्गत हरसम्हार गांव निवासी खान मुबारक प्रदेश के टॉप टेन अपराधियों की सूची में शामिल था। उस पर करीब तीन दर्जन मुकदमे कई जिलों में दर्ज थे। मुख्य रूप से फिरौती और रंगदारी जैसे अपराध में लिप्त खान ने कई हत्या की वारदातों को भी अंजाम दिया था। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में उसकी करोड़ों की संपत्ति को जब्त कर लिया था। उसका बड़ा भाई खान जफर सुपारी मुंबई के डी गैंग से जुड़ा रहा है।

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लखनऊ : पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर, UPSC छात्र ने की आत्महत्या

लखनऊ | यूपी की राजधानी लखनऊ में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे 22 साल के दलित युवक आशीष ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली। अपने पीछे छोड़े सुसाइड नोट में आशीष ने लिखा – ‘नंदू विश्वकर्मा, अरविंद, श्याम किशोर ने साजिश रचकर हम दोनों भाई- आशीष कुमार, मनीष उर्फ मयंक पर अपने मजदूरों के जरिये झूठा केस दर्ज कराया है। रहीमाबाद थाने के दरोगा राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल व सिपाही मोहित शर्मा ने मिलकर झूठी एफआईआर दर्ज की। हमने इनसे कहा कि हमारे घर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उनको चेक कर लो। धोखे से हम भाइयों को थाने पर बुलाकर सादे कागज व आधार कार्ड पर दस्तखत करा लिए…। मैं खुदकुशी करने जा रहा हूं। रहीमाबाद थाना पूरा भ्रष्ट है…। पूरा मामला कुछ इस तरह से है कि आशीष कुमार सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था। आशीष पर मारपीट के केस में दबाव बनाने के लिए फर्जी केस लिखा गया था। रहीमाबाद थाने की पुलिस ने फर्जी केस दर्ज किया था। FIR लगाने के नाम पर 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत नहीं देने पर पुलिस वालों ने चार्जशीट लगा दी थी। चार्जशीट से नौकरी मिलने में दिक्कत से आशीष परेशान था। इसी घटना से आहत होकर आशीष ने फांसी लगाकर जान दे दी। घटनास्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था और उस सुसाइड नोट में आशीष पुलिस वालों के नाम लिख गया। आशीष ने सुसाइड नोट में लिखा कि रहीमाबाद थाना भ्रष्ट है।  

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