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February 2023

मिलेट्स को मोती बनाएगी योगी सरकार

लखनऊ, 7 फरवरी। इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के मद्देनजर खाद्यान्न एवं पोषण के लिए बेहद मुफीद मोटे अनाजों को लोकप्रिय बनाने के लिए पूरी दुनिया शिद्दत से लग चुकी है। खेत से लेकर लैब तक, शोध से लेकर नवाचार तक इसे आम एवं खास लोगों की थाली का हिस्सा बनने का प्रयास हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार हालात ऐसे ही रहे तो अगले पांच साल में इसके वैश्विक बाजार में करीब 4.5 फीसद की वृद्धि हो जाएगी। भारत 2018 में ही मिलेट्स ईयर मना चुका है। भारत के ही प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया है। लिहाजा भारत की भूमिका इसमें सर्वाधिक अहम हो जाती है। भारत का प्रयास भी यही है कि वह इस मामले में अगुआ बनकर उभरे। बजट में अब तक कदन्न माने जाने वाले मोटे अनाजों को श्रीअन्न का दर्जा देकर और इसके लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने जैसी घोषणाएं इसका प्रमाण हैं। इसी क्रम में योगी सरकार भी मिलेट्स को मोती बनाने में जुट गई है। अगले पांच साल की कार्ययोजना बनकर तैयार है। योजना के अनुसार इस दैरान सरकार मिलेट्स के प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन के 55 केंद्र खोलेगी। शोध एवं इन्नोवेशन की प्रक्रिया तेज करने के साथ इसकी खेती के लिए इच्छुक किसानों को समय से गुणवत्तापूर्ण बीज मिले, इसके लिए कई स्तरों पर जवाबदेही तय की जाएगी। खेती के उन्नत तौर-तरीकों के प्रशिक्षण के लिए करीब 137300 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। मोबाइल आउटलेट, मंडी में अलग से जगह आवंटन, ग्राम्य विकास विभाग की मदद से गावों में इनके आउटलेट्स खोलने की योजना है। क्यों महत्वपूर्ण है यूपी की भूमिका उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में करीब 70 फीसद लोग खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं। इसमें से भी करीब 90 फीसद सीमांत एवं लघु किसान हैं। यह वही वर्ग है, 1960 के पहले जिसके थाली का मुख्य हिस्सा मोटे अनाज ही थे। परंपरागत खेती में लगने वाले इनपुट सामान्यतः इनकी पहुंच के बाहर हैं। ऐसे में यह किसी तरह से अपने छोटे-मोटे जोत पर खेती करते हैं। इससे इनका बमुश्किल गुजारा हो पाता है। कम पानी, खाद और किसी भी भूमि पर होने वाले मोटे अनाजों की खेती इस वर्ग के लिए सबसे मुफीद होगी। श्री अन्न में क्या-क्या हैं शामिल और इनसे होने वाले लाभ ज्वार: यह ग्लूटेन फ्री और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। डायबिटीज के मरीजों के लिए बढ़िया भोजन है। बाजरा: इसमें विटामिन बी6, फॉलिक एसिड मौजूद है। ये खून की कमी को दूर करता है। रागी या मड़ुआ: यह नेचुरल कैल्शियम का स्रोत है। बढ़ते बच्चे और बुजुर्गों की हड्डी मजबूत करने में मदद करता है सांवा या सामा: फाइबर और आयरन से भरपूर है। एसिडिटी, कब्जियत और खून की कमी को दूर करता है। कंगनी: ये डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। बीपी और बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। कोदो: यह भी फाइबर से भरपूर है। घेंघा रोग, रुसी की समस्या से संबंधित बीमारी और बवासीर में फायदेमंद है। कुटकी: ये एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। कुट्टू: यह अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड बाल झड़ने से रोकता है।

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योगी के विकास और कनेक्टिविटी के मॉडल को मिल रहा केंद्र सरकार का पूर्ण समर्थन

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जिस तेजी से विकास पथ पर आगे बढ़ रही है, उसमें उसे केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। डबल इंजन की सरकार ने उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर करने में जुटी है और इसी प्रयास के तहत इस बार रेल बजट में उत्तर प्रदेश को 2009-14 की तुलना में 16 गुना ज्यादा बजट दिया गया है। 2009-14 के बीच जहां यूपी के हिस्से रेल बजट में सिर्फ 1,109 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी मिली थी तो वहीं मोदी सरकार ने अकेले 2022-23 में उत्तर प्रदेश को 16 गुना ज्यादा यानी 17,507 करोड़ रुपए का बजट दिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इस बार रेलवे के लिए सबसे ज्यादा 2.4 लाख करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया है। रेलवे मिनिस्ट्री के अनुसार यह बजट 2013-14 के बजट का 9 गुना ज्यादा है। नई लाइन के माध्यम से कई राज्यों से जुड़ेगा यूपी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश में अभी 7143 किमी लंबी नई लाइन पर 83 प्रोजेक्ट्स के तहत कार्य चल रहा है जिस पर करीब 94 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। वहीं, 3831 किमी. लंबी रेलवे लाइन के लिए 55 सर्वे किए जाने हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश से अन्य राज्यों को जोड़ने के लिए नई लाइन से जुड़े जो प्रोजेक्ट हैं, उनमें एक ललितपुर-सतना, रीवा-सिंगरौली और महोबा-खजुराहो है जिस पर 700 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसी तरह बहराइच-श्रावस्ती और बलरामपुर-तुलसीपुर लाइन पर 390 करोड़ का खर्च आएगा। 2023-24 में एनर्जी कॉरिडोर के लिए नई लाइन हेतु 284 करोड़, जनजातीय गौरव कॉरिडोर (अंब्रेला 23-24) हेतु 284 करोड़, सहजनवा-दोहरीघाट के लिए 205 करोड़, देवबंद (मुजफ्फरनगर)-रुड़की के लिए 200 करोड़, मऊ-गाजीपुर-तारीघाट के लिए 150 करोड़, अंब्रेला प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़, आनंदनगर-घुगली के लिए 20 करोड़, पडरौना-कुशीनगर वाया गोरखपुर के लिए 10 करोड़ और मेरठ-पानीपत के लिए 30 लाख रुपए खर्च किए जाने हैं। कई स्टेशंस के बीच होंगे गेज कन्वर्जेंस गेज कन्वर्जेंस को लेकर भी प्रदेश में काफी काम हो रहा है। इसके माध्यम से छोटी लाइन्स को बड़ी लाइन में परिवर्तित कर दिया गया है। इनमें मथुरा-वृंदावन के बीच लाइन पर 100 करोड़, लखनऊ-पीलीभीत वाया सीतापुर, लखीमपुर पर 100 करोड़, बहराइच-मैलानी बाइपास पर 50 करोड़, इंदारा-दोहरीघाट 35 करोड़, पीलीभीत-शाहजहांपुर 3 करोड़ और कानपुर-कासगंज-मथुरा की लाइन पर 50 लाख रुपए का खर्च किया जाएगा। यूपी की कनेक्टिविटी में हुआ है बड़ा बदलाव प्रदेश ने बीते कुछ समय में तेजी से कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। 2017 के पहले प्रदेश में 2 एयरपोर्ट थे, आज 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हो चुके हैं और 10 पर काम जारी है। वहीं बेहतर कनेक्टिविटी के लिए पूर्वी यूपी में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे है तो बुंदेलखंड में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है। पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे बन रहा है। राष्ट्रीय राजधानी से यूपी को जोड़ने के लिए यमुना और आगरा एक्सप्रेसवे है। यूपी की सीमा से जुड़े राज्यों और नेपाल से 4 लेन रोड की कनेक्टिविटी है तो प्रदेश के सारे जिले लखनऊ से 4 लेन सड़क से जुड़े हुए हैं। 5 शहरों में मेट्रो है तो हाल ही में रैपिड रेल का ट्रायल भी हुआ है। यूपी में लैंडलॉक प्रदेश की समस्या भी खत्म हो गई है। यहां देश का पहला वॉटर-वे वाराणसी से हल्दिया तक शुरू हो चुका है।

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कानपुर देहात में हुआ जनपदीय निवेशक सम्मेलन, मिले 17 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव

कानपुर देहात | प्रदेश के औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की जा रही कोशिशों के क्रम में कानपुर देहात को एक दिन में 17 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। सोमवार को आयोजित जनपदीय निवेशक सम्मेलन में उद्यमियों और व्यापारियों ने पूरे उत्साह के साथ सहभागिता की। एक दिवसीय कार्यक्रम में लगभग 17 हजार करोड़ के 164 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिसमें 70 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। समिट के दौरान सबसे ज्यादा निवेश करने वाले, उद्यमी निम्नवत् है, स्पर्श इन्डस्ट्रीज 2 हजार करोड़, कैप्टन स्टील इंडिया 1650 करोड़, रैमिकी इन्फ्रा स्टक्चर 1500 करोड़, एचएल एग्ग्रो 550 करोड़, कानपुर एडिबल मयूर ने 500 करोड़, कानपुर प्लास्टि पैक ने 300 करोड़, आरएसपीएल गु्रप ने 200 करोड़ के निवेश प्रस्ताव भरे। इस मौके पर विशेष रूप से मौजूद एमएसएमई विभाग के मंत्री राकेश सचान द्वारा स्टालों का अवलोकन भी किया गया। इस मौके पर करीब 400 से अधिक उद्यमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसमें सर्वप्रथम संयुक्त आयुक्त उद्योग कानपुर सर्वेश्वर शुक्ला ने उद्योगों से सम्बन्धित सभी नवीन नीतियों का संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने कहा कि कानपुर देहात औद्योगिक परिवेश के लिए उभरता हुआ जिला है, इस जिले में उद्योगों के विकास की अपार संभावनाऐं है। उन्होंने उद्यमियों से नये एम0एस0एम0ई निजी पार्क विकसित करने का आह्वान किया, जिसके क्रम में उद्यमी विजय गुप्ता द्वारा इस हेतु सहमति दी गई, साथ ही एक अन्य उद्यमी विनय प्रकाश गुप्ता ने भी फ्लेटेड फैक्ट्री बनाने की सहमति दी। एचबीटीआई की असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ. सोमा बनर्जी ने कानपुर देहात के ओडीओपी प्रोडक्ट प्लास्टिक के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं एवं सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों पर भी अपने विचार व्यक्त किये।

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गैंगेस्टर मकसूद के खिलाफ अदालत की बड़ी कार्रवाई, कुर्क मकान का होगा सार्वजनिक उपयोग

बुलंदशहर | अपराध के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति का ही असर है कि प्रदेश में बड़े माफिया और गैंगस्टर पनाह मांग रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ ना सिर्फ पुलिस कार्रवाई जारी है, बल्कि उनकी संपत्तियों की कुर्की भी हो रही है। इसी क्रम में सोमवार को विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर अधिनियम) बुलंदशहर ने शातिर गैंगस्टर मकसूद के मकान की कुर्की के आदेश को पुष्ट करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को आदेशित किया है। जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह के अनुसार अपराधी की कुर्क संपत्ति को आमजन के सार्वजनिक हित के लिए उपयोग में लाये जाने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14 (1) के अधीन पेशेवर गैंगस्टर अपराधी की कुर्क संपत्ति को लेकर कोर्ट ने सरकार के पक्ष में निर्णय सुनाया है। विशेष न्यायाधीश ने कुर्की के आदेश को पुष्ट किया है। इसके बाद अब मकसूद के मकान की कुर्की करते हुए उस भवन को आम जनता के उपयोग के लिए लाया जाएगा। एसएसपी श्लोक कुमार के अनुसार मकसूद के खिलाफ गोवध और नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त जैसे संगीन अपराधों में मुकदमे दर्ज हैं। गैंगस्टर मकसूद ने अपने गुनाहों के बल पर आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर लिया था।

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