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April 21, 2023

कोरोना में निराश्रित बच्चों को भी मिलेगा अटल आवासीय विद्यालय योजना का लाभ

लखनऊ | निर्धन श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई अटल आवासीय विद्यालय योजना का लाभ अब कोरोना के कारण निराश्रित हुए बच्चों को भी मिल सकेगा। योजना की वर्तमान व्यवस्था में संशोधन के इस प्रस्ताव का उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की 57वीं बैठक में अनुमोदन किया गया था, जिसे शासन की ओर से एनओसी प्रदान कर दी गई है। योजना का मूल उद्देश्य भवन एवं सन्निर्माण प्रक्रियाओं में कार्यरत लाभार्थी पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को सामाजिक न्याय की अवधारणा के दृष्टिगत समाज की मुख्यधारा से जोड़े जाने और उनके बौद्धिक शारीरिक विकास एवं उनके संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना है, ताकि वह भविष्य में देश के सशक्त नागरिक बन सकें। योजना में संशोधन के बाद अब श्रमिकों के बच्चों के साथ-साथ कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्र बच्चों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। इन बच्चों की सूची महिला कल्याण विभाग उपलब्ध कराएगा। योजना के अंतर्गत कक्षा 6 से 12 तक की निशुल्क गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। नियमों का पालन करना होगा अनिवार्य उत्तर प्रदेश शासन से जारी आदेश में कहा गया है कि अटल आवासीय विद्यालय योजना की वर्तमान व्यवस्था में संशोधन का उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया है। योजना में संशोधन पर इस शर्त के साथ एनओसी प्रदान की जा रही है कि बोर्ड इस संबंध में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवाशर्त विनियमन) अधिनियम 1996 एवं संगत नियमामली 2009 का अनुपालन करेगा। साथ ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के समाजिक सुरक्षा हितों का अनुरक्षण पात्र निर्माण श्रमिकों के हित में पूर्णतः सुनिश्चित कराएगा। इसमें आगे की कार्यवाही को सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए गए हैं। पंजीकरण अवधि में भी हुआ संशोधन योजना की पात्रता शर्तों में भी संशोधन किया गया है। इसके तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो पंजीयन के उपरांत कम से कम 3 वर्ष बोर्ड की सदस्यता अवधि पूर्ण कर चुके हों, उनके बच्चों को ही प्रवेश दिया जाएगा। पहले यह अवधि सिर्फ एक वर्ष रखी गई थी। हालांकि, पंजीकृत कामगार परिवार के अधिकतम 2 बच्चों को विद्यालय में अध्ययन की पात्रता पहले जैसी ही है। प्रत्येक वर्ष निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्र बच्चों का प्रवेश अटल आवासीय विद्यालय समिति (एवीएस) द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर लिया जाएगा। राज्य सरकार उठाएगी खर्च कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के लिए पात्र बच्चों के सापेक्ष होने वाले खर्च का भुगतान राज्य सरकार द्वारा अटल आवासीय विद्यालय समिति (एवीएस) को उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से विद्यालयों को धनराशि प्रदान की जाएगी। इसके लिए अटल आवासीय विद्यालय समिति को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में अलग से खाते का संचालन करना होगा। योजना के तहत अनाथ बच्चों के लिए भी पहले यही नियम निर्धारित किया गया था, लेकिन अब इसमें कोरोना काल में निराश्रित बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्र बच्चों का नाम जोड़ दिया गया है। इसलिए खास होंगे ये विद्यालय -इन विद्यालयों में पाठ्यक्रम नवोदय विद्यालय की भांति सीबीएसई बोर्ड व अंग्रेजी माध्यम से किया जाएगा। -प्रत्येक विद्यालय की छात्र क्षमता 1000 की होगी, जिसमें 500 छात्र एवं 500 छात्राएं होंगी। -विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण छात्रावास, खान-पान, खेलकूद, चिकित्सा, सुरक्षा आदि सुविधा प्रदान की जाएंगी।

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Yogi Govt to provide electricity connection to all in UP

Lucknow, April 21 In a significant move to combat electricity theft, the Yogi government in Uttar Pradesh has taken steps to identify those using electricity without a connection, ensuring every household in the state has a proper supply of electricity. It is worth noting that Uttar Pradesh Power Corporation Ltd. has a total of 3.27 crore electricity consumers throughout its five distribution corporations. The total number of connections for domestic use is 2.88 crore. Compared to the total number of households in Uttar Pradesh, the total number of domestic electricity connections is lower. As a result, the government has taken this decision. Also, all families currently consuming electricity but have not taken a connection will be issued a connection in accordance with the guidelines. Those who use electricity without connection will be identified To make this campaign successful, UPPCL Chairman M Devraj has issued an order to identify and mark all the families left out of having electricity connections. Various sources such as the family register in the Gram Panchayat, details of premises collecting house tax/water tax in urban areas, and details of the ration card can be useful in identifying households without valid electricity connections. Help will be taken from students, self-help groups and Vidyut Sakhis Based on the information received, the government has also given instructions to conduct a detailed survey. At the district level, a meeting of the principals is held under the chairmanship of the District Magistrate to include students from Inter College, ITI, Polytechnic, and Higher Education Institutes located in the district for the survey and allotting the area to groups of students, identifying the interested students. With this, a survey of the area will be done. Information will be gathered from then in the prescribed format. Apart from this, many self-help groups and Vidyut Sakhi work in rural areas through the State Livelihood Mission. Self-help groups / Vidyut Sakhis will be encouraged to conduct the stated survey in their area by organizing a meeting at the district level under the chairmanship of the District Magistrate. In addition, employees of billing agencies will also participate in it. The contract with the agency also has this provision under the scope of work, which states that the agency will search and locate non-consumers using electricity. Students and self-help groups / Vidyut Sakhis will be provided Rs 100 as an incentive for every new connection after the survey and this payment will be made weekly by the concerned executive engineer to the concerned. Apart from the cash amount, certificates/citations will also be given by the Executive Engineer to the individuals/groups who have done good work. No separate incentive will be paid to the personnel of the billing agency for doing the survey work. Application will be done online only According to the order, all the connections will be issued only by installing meters, and it will be the responsibility of the Junior Engineer to get such connections registered by the end of the week. All applications will be submitted online. If the applicant has difficulty applying online, it will be resolved by the Junior Engineer/Assistant Engineer/Executive Engineer. Applicants against whom arrears are pending in theft cases, or FIR has been registered in the past will be given connection after obtaining a declaration on plain paper.

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