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सीएम योगी ने निर्धारित किए पैरामीटर्स, अच्छा प्रदर्शन करने वाले नगर निकाय होंगे पुरस्कृत

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों को और बेहतर बनाने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने इसके लिए स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, अच्छी सड़कों, सेफ सिटी और आत्मनिर्भरता जैसे पांच पैरामीटर्स निर्धारित किए। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के जो नगर निगम, नगर पालिका, एवं नगर पंचायत प्रथम आएंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन पांच पैरामीटर्स में अपने जनपद में प्रथम आने वाले नगर पंचायत को एक करोड़ रुपए, मंडल स्तर पर प्रथम आने वाले नगर पालिका को दो करोड़ और प्रदेश में प्रथम आने वाले नगर निगम को सरकार की तरफ से पांच करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। प्रदेश के इतिहास में पहली बार संपन्न हुआ निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सीएम योगी नवनिर्वाचित नगर निगमों के महापौर, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए गुरुवार को आयोजित एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला में सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने एक प्रतियोगिता की शुरुआत करते हुए बड़ी घोषणा की। सीएम योगी ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने न्यायालयों का सहारा लेकर नगर निकाय चुनाव में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास किया, लेकिन हमारी नगर विकास की टीम ने पूरी मजबूती के साथ डटी रही। एक-एक मुद्दे का निस्तारण किया। पहली बार प्रदेश में नगर निकाय का चुनाव ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट को लागू करते हुए संपन्न हुआ है। इतना निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव प्रदेश के इतिहास में पहली बार संपन्न हुआ हुआ। मोहल्लों में गठित करें स्वच्छता कमेटी सीएम योगी ने कहा कि जनता ने नगरीय जीवन के भाग्य विधाता के दायित्व के रूप में आपको चुना है। आपके बोर्ड के पास बहुत सी शक्तियां हैं, अगर इनका सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो आपके कार्यकाल को लंबे समय तक जनता याद रखेगी। आपके कार्यकाल को अविस्मरणीय बनाने के लिए ही इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि अमृत योजना, पीएम स्वनिधि योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रदेश के अंदर बहुत अच्छा कार्य हुआ है। आज प्रदेश के नगरों में एक कलर में दूधिया स्ट्रीट लाइट जगमगा रही हैं। स्वच्छता के कार्यक्रम को तेजी के साथ आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम अपने घर को साफ रखते हैं, वैसे ही हमारा नगर साफ रहे इसकी जिम्मेदारी हमारी है। हमें मोहल्ला स्वच्छता कमेटी का गठन करना चाहिए जो लोगों को स्वच्छता के विषय में जागरूक करें। पहली बार पीएम ने दिया स्मार्ट सिटी का विजन सीएम योगी ने कहा कि देश को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन हम सबके सामने है। आज दुनिया में जब भी कोई संकट आता है तो पूरा विश्व प्रधानमंत्री मोदी की तरफ आशा भरी निगाहों से देखता है। आज दुनिया की बड़ी से बड़ी ताकत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को स्वीकार कर रही है और उन्हें सम्मान दे रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। देश को पहली बार स्मार्ट सिटी का विजन भी इन्हीं वर्षों में मिला है। बरसात से पहले नाली और नाले डिसिल्ट कर लें सीएम योगी ने कहा कि हर घर नल के लिए सरकार पर्याप्त पैसा दे रही है। इसके लिए सभी नगर निकाय को अपनी कार्ययोजना बनानी चाहिए। कहीं भी सड़कों पर अतिक्रमण न होने पाए। आपकी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत सुगम यातायात की दृष्टि से अच्छे हों, इसके लिए पटरी दुकानदारों और टैक्सी स्टैंड की उचित व्यवस्था हो। बरसात से पहले नाली और नाले डिसिल्ट कर लिया जाए। मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग की व्यवस्था रहे। आवारा कुत्तों से मुक्त हों नगर सीएम योगी ने कहा कि निराश्रित गोवंश सड़कों पर न टहलें उन्हें कान्हा उपवन भेजा जाए। आवारा कुत्तों से नगर मुक्त हो इस पर ध्यान दिया जाए। रोजगार की तलाश में आने वाले लोगों के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था रहे। सड़क पर कोई भीख न मांगे इसके लिए भीख मांगने वालों को शासन की योजनाओं से जोड़ते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाए। हर नगर निकाय के पास जमीन होती है। उस पर कोई कब्जा न करने पाए। उनका उपयोग मल्टीलेवल पार्किंग और पटरी दुकानदारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए करें।

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Agra News : गाड़ी खरीदने से पहले बताना होगा पार्किंग का स्थान, देना होगा शपथ पत्र

उत्तर प्रदेश के आगरा में शोरूम से कार तो खरीद ली लेकिन संभागीय परिवहन विभाग को बताया ही नहीं कि कार खड़ी कहां करेंगे तो आप मुश्किल में पड़ जायेंगे । जी हां हम बात कर रहे हैं टीटीजेड (ताज ट्रेपेजियम जोन) में लागू उस नियम की जिसके बारे में बहुत से लोगों को पता ही नहीं है। सात साल पहले टीटीजेड की 35वीं बैठक में नए वाहन खरीद को लेकर नियम बनाया गया था। इसमें तय किया गया कि दो और चार पहिया वाहन के पंजीकरण के समय वाहन स्वामी को एक शपथपत्र देना होगा, जिसमें उसे वाहन खड़ा करने के स्थान की जानकारी देनी होगी। घरों के बाहर खड़े करते हैं वाहन कई कॉलोनियों में चार पहिया वाहन खड़े करने की समस्या बनी हुई है। घरों के अंदर खड़े करने के स्थान पर बाहर सड़क किनारे खड़े किए जाते हैं। यह समस्या गेट बंद कॉलोनियों में अधिक है। वहां वाहन खड़ा करने के लिए अलग से पार्किंग स्थल नहीं होता है। एक कार को चाहिए 110 वर्ग फुट जगह एक छोटी कार की लंबाई करीब 3445 एमएम और चौड़ाई 1515 एमएम होती है। इस हिसाब से पार्किंग के लिए करीब 96 वर्ग फुट स्थान चाहिए। जबकि बड़े वाहनों के लिए 110 वर्ग फुट का स्थान पार्किंग के लिए चाहिए होती है। अब करीब 89,591 चार पहिया और 5 लाख से अधिक दो पहिया वाहन पिछले साल में बिके है। इस हिसाब से हर वाहन के लिए 110 वर्ग फुट स्थान माना जाए, तो इन वाहनों के लिए 99 लाख वर्ग फुट स्थान पार्किंग का होना चाहिए। आरआई देवदत्त शर्मा बताते है कि एक मानक पार्किंग 110 वर्ग फुट की मानी गई है। इस हिसाब से इतने वाहनों के लिए 99 लाख वर्ग फुट स्थान खड़ा करने के लिए चाहिए। सात वर्षों में बिक्री- दो पहिया 5,33,386 चार पहिया 89,591 तीन पहिया 10,575 डीलर की है जिम्मेदारी एआरटीओ (प्रशासन) एके सिंह ने बताया कि नया वाहन खरीदने पर शपथ पत्र जमा कराने का नियम है। अब वाहन डीलर से पंजीकरण होता है, यह जिम्मेदारी उनके पास है। शपथपत्र जमा कराने का निर्देश दिया जाएगा। पार्किंग स्थल की जांच प्रवर्तन दल करता है।

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लखनऊ : इटौंजा थाना क्षेत्र के एनएच 24 हाईवे पर भीषण सड़क हादसा, साइकिल में जा भिड़ी मोटरसाइकिल

उत्तर प्रदेश | लखनऊ इटौंजा थाना क्षेत्र के एनएच 24 हाईवे पर लखनऊ से सीतापुर जा रहा मोटरसाइकिल सवार साइकिल में जा टकराया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हाईवे पर जा रहे मोटरसाइकिल सवार ने जब उलटी तरफ से आ रही साइकिल को बचाने की कोशिश की तभी ये सड़क हादसा हुआ। हादसे में मोटरसाइकिल के गड्ढे में पलटने की वजह से मोटरसाइकिल पर सवार पति और पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद राहगीरों की सूचना पर एनएच 1033 वालों की मदद से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में डाक्टरों ने घायल युवक को ट्रामा सेंटर रेफर किया। घायल की स्थिति नाजुक बनी हुई है। इटौंजा थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है।

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कमर्शियल LPG गैस के दाम में बड़ी कटौती, 83.5 रुपये सस्ता हुआ सिलेंडर

एलपीजी गैस के दाम में बड़ी गिरावट आई है. एलपीजी बेचने वाली कंपनियों ने रेट सस्ता कर दिए हैं. ये कमी कमर्शियल एलपीजी गैस के दाम में हुई है. हालांकि रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ये पिछले महीने की तरह ही समान हैं. कमर्शियल गैस के दाम में 83.5 रुपये की कटौती की गई है और अब नई कीमत 1773 रुपये हो चुकी है. पिछले महीने कॉमर्शियल गैस प्राइस 1856.50 रुपये प्रति सिलेंडर था. वहीं घरेलू गैस सिलेंडर का रेट 1103 रुपये बना हुआ है. इससे पहले 1 मई 2023 को भी कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 172 रुपये की कटौती की गई थी.

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UP News : नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़ा, बिना प्रवेश परीक्षा के बीएससी में ले दिया दाखिला

उत्तर प्रदेश | कई प्राइवेट कॉलेजों में फर्जीवाड़े से छात्रों को नियम विरुद्ध दाखिला दे दिया गया है। करीब 110 ऐसे छात्रों को भी दाखिला दे दिया गया है, जिन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी ही नहीं है। मामले में जांच शुरू हो गई है। प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में दाखिले में फर्जीवाड़ा सामने आया है। कई निजी कॉलेजों में मनमाने तरीके से नियम विरुद्ध दाखिला दे दिया गया है। करीब 110 ऐसे छात्रों को भी दाखिला दे दिया गया है, जिन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी ही नहीं है। मामले में जांच शुरू हो गई है। सभी नर्सिंग कॉलेजों से दाखिला लेने वाले छात्रों का नए सिरे से ब्योरा मांगा गया है। ऐसे कॉलेजों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी है। डीजीएमई कार्यालय के भी कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। प्रदेश में नर्सिंग की करीब 13 हज़ार सीटें हैं। प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या करीब तीन सौ है जिसमे 24 सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं। हले निजी नर्सिंग कॉलेज इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्रों को अपने स्तर से दाखिला देते थे। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से वर्ष 2022-23 में बीएससी नर्सिंग के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था बनाई गई। एसजीपीजीआई को छोड़ कर अन्य सभी सरकारी एंव निजी कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग में दाखिले के लिए अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय ने केजीएमयू के सहयोग से संयुक्त लिखित प्रवेश परीक्षा कराई। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीएमई) ने काउंसिलिंग के जरिए मेरिटवार कॉलेजों को छात्र आवंटित किए। दाखिला लेने वाले छात्रों का विवरण अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय को भेज दिए गए। मई माह में नर्सिंग कॉलेजों से वार्षिक परीक्षा संबंधित आवेदन पहुंचे। चिकित्सा विश्वविद्यालय ने परीक्षा आवेदन पत्रों और काउंसिलिंग की सूची का मिलान किया तो फर्जीवाड़ा सामने आया। बवाल तब मचा जब पता चला की काउंसिलिंग के अलावा करीब डेढ़ हजार से अधिक छात्रों के आवेदन आए हैं। इसके बाद वार्षिक परीक्षा स्थगित कर दी गयी। ऐसे में पूरे मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। डीजीएमई ने प्रदेश के सभी कॉलेजों से नए सिरे से दाखिला लेने वाले छात्रों का विवरण मांगा है। बिना परीक्षा मिला दाखिला सूत्रों की मानें तो कई निजी कॉलेजों ने ऐसे भी छात्रों को दाखिला दे दिया है, जिन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी ही नहीं है। अभी तक इनकी संख्या करीब 110 पकड़ में आई है। इसी तरह करीब 137 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने काउंसिलिंग के दौरान तय किए गए कॉलेज में दाखिला लेने के बजाय मनचाहे कॉलेज में दाखिला ले लिया है। इन दोनों कैटेगरी के छात्रों को वार्षिक परीक्षा से रोक दिया गया है पड़ताल के घेरे में डीजीएमई कार्यालय के कर्मचारी पहली नज़र में जांच के दौरान डीजीएमई कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की गलती भी सामने आई है। ऐसे में इस बात की पड़ताल की जा रही है कि निजी कॉलजों से सांठगांठ करके दाखिले की कवायद तो नहीं की गई है। क्योंकि कई कॉलेजों में निर्धारित तिथि के बाद भी दाखिले हुए हैं। ऐसे में विभागीय भूमिका की भी जांच करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में डीजीएमई कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है। क्या कहते हैं जिम्मेदार जिन छात्रों ने पूरी प्रक्रिया का पालन किया है और डीजीएमई कार्यालय की ओर से जिन्हें दाखिले की अनुमति दी गई है, उन्हीं छात्रों को वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। -डॉ. संजीव मिश्रा, कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय कॉलेजवार मौजूद मेरिट लिस्ट से मिलान किया जा रहा है। जिन छात्रों की गलती नहीं होगी, उन्हें परीक्षा देने की अनुमति दिलाई जाएगी। जिन लोगों ने बिना प्रवेश परीक्षा के दाखिला लिया है, उसके लिए संबंधित कॉलेज जिम्मेदार हैं। ऐसे कॉलेजों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। -किंजल सिंह, डीजीएमई

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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में मुस्मिल पक्ष को झटका, याचिका ख़ारिज

यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी वाराणसी की तरफ से दाखिल पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दिया है। प्रयागराज | वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद-आदि विश्वेश्वर मंदिर विवाद आज नया मोड़ आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जेजे मुनीर आज ज्ञानवापी मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष के द्वारा दायर की गई याचिका को ख़ारिज कर दिया है। मजिस्ट्रेट ने दोपहर में लंच के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच फैसला सुना दिया है। इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद का केस लड़ रही अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दी थी। इस याचिका में वाराणसी के जिला जज की अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। इसी पर हाईकोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित किया था। मगर आज हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। शृंगार गौरी केस में राखी सिंह और 9 अन्य हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं ने वाराणसी में जिला जज की अदालत में वाद दाखिल किया था। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इस पर आपत्ति जताई थी। जिसे जिला जज के कोर्ट ने रद्द कर दिया था। जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था। मस्जिद कमेटी ने पिछले साल 12 सितंबर को जिला जज के कोर्ट से हुए फैसले को रद्द करने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट से की है। मुस्लिम पक्ष ने दलील दी है कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और 1995 के सेंट्रल वक्फ एक्ट के तहत हिंदू पक्ष का वाद सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का मसला सुलझाने के लिए वाराणसी के जिला जज को केस सुनने का जिम्मा दिया है। इससे पहले केस सिविल जज सीनियर डिविजन के यहां चल रहा था। सिविल जज सीनियर डिविजन ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का कमिश्नर सर्वे कराया था। जिसमें वजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। इसके अलावा मंदिर के अन्य सबूत भी होने का दावा किया गया था। जिसको मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद केस वाराणसी के जिला जज को ट्रांसफर किया गया था।

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भू-माफिया हो गए भाजपा के नेता, तालाब तक नहीं छोड़े

मैनपुरी | समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को मैनपुरी में पत्रकारों से बातचीत में बड़ा खुलासा किया। अखिलेश ने पूरी यकीन के साथ कहा कि उत्तर प्रदेश में जमीनों पर कब्जे भाजपा के नेता कर रहे हैं। तालाबों तक को नहीं छोड़ा गया है। इसके प्रमाण अगर चाहिए तो मैनपुरी, आगरा और अयोध्या जिले के रजिस्ट्री दफ्तर से रजिस्ट्री की सूची निकालिए, पता चल जाएगा कि किस पार्टी के नेताओं ने सबसे ज्यादा जमीनों की रजिस्ट्री कराई है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भाजपा के भू-माफिया के निर्माण और कब्जे गिराने के लिए बुलडोजर नहीं लेकर जाते हैं। अधिकारी भी मिले हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पूरे उत्तर प्रदेश का यही हाल है, भाजपा के लोग जमीनों पर कब्जे कर रहे हैं।

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स्कॉर्पियो ने मारी स्कूटी को टक्कर, 100 मीटर घसीटा, पति-पत्नी समेत दो बच्चों की मौत

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार देर रात विकास नगर स्थित गुलचीन मंदिर के पास हुए भयानक सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने गाड़ी ने स्कूटी सवार पति-पत्नी और दो बच्चों को पहले तो टक्कर मारी फिर 100 मीटर तक घसीटते हुए ले गया. इस हादसे में पूरे परिवार की मौत हो गई. हादसे के बाद सड़क किनारे सो रहे लोगों में भगदड़ मच गई. आसपास के लोगों ने इस हादसे की सूचना पुलिस को दी. सूचना पर इंस्पेक्टर विकासनगर शिवानंद मिश्रा पुलिस बल के साथ पहुंचे. आनन-फानन स्कूटी के नीचे फंसे दंपति और दोनों बच्चों को निकाला और उन्हें KGMU के ट्रामा सेंटर भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया. स्कूटी नंबर के आधार पर पुलिस ने पहचान किया. मृतक स्कूटी चालक की पहचान सीतापुर निवासी राम सिंह, उनकी पत्नी और दो बच्चों के रूप में हुई है. मृतक राम सिंह के चाचा विजयपाल ने बताया कि वो अपने परिवार के साथ अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर मेला देखने गया थे, वहां से देर रात जब वापस हो रहे थे, तो गुलचीन मंदिर के पास टेढ़ी पुलिया की तरफ से आ रही एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने पहले स्कूटी को टक्कर मारी. जिसके बाद स्कूटी समेत सभी लोग स्कॉर्पियो के नीचे फंस गए. ड्राइवर ने गाड़ी भगा ली. स्कॉर्पियो करीब 100 मीटर तक उनको घसीटती रही .उसके के बाद खंभे से टकराकर स्कॉर्पियो रुकी. विजयपाल का कहना है कि स्कॉर्पियो में सवार सभी लोग ड्रिंक किए हुए थे उनके खिलाफ सख्त से सख्त करवाई होनी चाहिए. पूलिस ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि गाड़ी के नंबर से चालक का पता लगाया गया है. ये गाड़ी राजेंद्र राजेंद्र कुमार पाल की है. उन्होंने बताया कि ये मामला ड्रंक एंड ड्राइव का लग रहा है. एक शख्स को हिरासत में लिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक https://twitter.com/CMOfficeUP/status/1663764559361097728?s=20

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लखनऊ का ये पार्क गर्मियों के लिए बेस्ट, शाम को देता है अलग ही मज़ा

उत्तर प्रदेश जिंदगी की भाग दौड़ में हम समय इतना व्यस्त हो जाते हैं कि परिवार के साथ सुकून के पल व्यतीत नहीं कर पाते. अगर परिवार के साथ बाहर जाना भी हो तो कॉफी शॉप, मॉल और सिनेमा हॉल ही ऑप्शन मिलता है, लेकिन पूरे हफ्ते काम करने के बाद वीकएंड का समय परिवार के साथ पार्क में ताजी हवा में बिताने को मिल जाए तो बड़ा मजेदार अनुभव होता है. हम बात कर रहे हैं लखनऊ के “कालिंदी वन पार्क” की, जो बच्चो और परिवार के साथ आने वालों के लिए बेहद खास है. आपने पार्क तो बहुत देखे और घूमे होंगे, लेकिन ऐसा पार्क नहीं देखा होगा. ये एक ऐसा पार्क है. जहां आप अपने बच्चों और परिवार के साथ क्वालिटी समय व्यतीत कर सकते हैं. बिना किसी ऐसे तत्वों के जो आप को आपके बच्चे और परिवार के सामने असुविधाजनक लगें. इस पार्क में आपको कई तरह के फूल दिखाई देंगे. यहां पार्क के बीचों-बीच एक तालाब है, जिसमें कई रंग बिरंगी मछलियां हैं, जो बहुत सुन्दर दिखाई देती हैं. एक झरना बना है जो शाम के समय आकर्षण का केंद्र भी बना रहता है. इस पार्क में बहुत से झूले भी हैं, जो बच्चों के मन को मोहित कर लेते हैं. सुकून की तलाश में बहुत से लोग शाम में यहां आते हैं. पार्क की खूबसूरती और शांत वातावरण लोगों के मन को मोह लेता है. यहां आने वाले व्यक्तियों का कहना है कि इस पार्क में फैमिली के साथ आया जा सकता है. साफ सफाई से साथ बच्चों के लिए बहुत एंजॉयमेंट होता है. शाम में तो और भी मजा आता है. ऐसे पहुंचे पार्क ये कालिंदी वन पार्क लखनऊ में वृन्दावन योजना सेक्टर 2 में है. इस पार्क के खुलने की टाइमिंग सुबह 5 बजे है और बंद होने की टाइमिंग रात के 8:30 बजे है. अगर आप भी यहां अपने परिवार के साथ आना चाहते हैं तो आप चारबाग रेलवे स्टेशन से आसानी से अपने निजी वाहन/कैब/बस से वृन्दावन योजना सेक्टर 2, लखनऊ 226002 आ सकते है.

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स्कूलों में बच्चों के शोषण पर योगी सरकार सख्त, जारी की गाइडलाइंस

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छात्रों की शिक्षा के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर भी संवेदनशील है। इसी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए तय गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के खिलाफ होने वाली घटनाओं के संबंध में 2015 में एक विस्तृत गाइडलाइंस तैयार की गई थी। अब योगी सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से इस गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने को कहा है। सभी बीएसए को जारी किए गए निर्देश राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गाइडलाइंस का पालन किया जाए। साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। गाइडलाइंस जारी करने का उद्देश्य प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा संरक्षित करने तथा बाल अपराध एवं असंवैधानिक कृतियों की रोकथाम और स्कूल जाने वाले बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से रक्षा करना है। साथ ही इसमें शैक्षणिक संस्थानों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया गया है। स्कूल कैंपस समेत सभी जगह सुरक्षित माहौल के लिए दिए गए सुझाव गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय प्रबंधतंत्र/स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं प्रधानाचार्यो का यह दायित्व है कि विद्यालय परिसर में या विद्यालय आते-जाते अथवा विद्यालय से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का वातावरण तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे और छात्र/छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक/मानसिक एवं यौन शोषण न हो। इसमें विद्यालय प्रांगण को सुरक्षित बनाने के लिए भी कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इसमें स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन की अनिवार्यता रखी गई है। साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए। प्रत्येक बस में दो टीचर की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे। इसके अलावा शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का व्यवहार संतुलित हो, इस संबंध में भी व्याख्या की गई है। बच्चों में परस्पर समन्वय एवं जागरूकता के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश हैं, जबकि विभिन्न संस्थाओं की मदद लेने और अन्य उपायों की जानकारी दी गई है।

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