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उत्तर प्रदेश : सिद्धार्थनगर DM पर भड़के MLA विनय वर्मा, जमकर हुई बहसबाजी, देखिये वीडियो

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में शोहरतगढ़ से अपना दल विधायक विनय वर्मा और जिलाधिकारी संजीव रंजन के बीच बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विधायक विनय वर्मा डीएम पर भड़कते दिख रहे हैं। वायरल वीडियो में विधायक चिल्लाते हुए डीएम से अपने प्रश्नों के जवाब मांगते नजर आ रहे हैं। https://www.instagram.com/reel/CtitLQvITUA/?utm_source=ig_web_copy_link&igshid=MzRlODBiNWFlZA== आखिर क्यों हुई बहस विधायक का कहना है कि उनके प्रश्नों का जवाब लिखित में दिया जाए। उनका आरोप है कि कोई अधिकारी जवाब नहीं देते हैं। वीडियो में विधायक डीएम से कह रहे हैं – “आपसे भी पूछा लेकिन आपने ने भी कोई जवाब नहीं दिया।” दरअसल, विधायक वर्मा अपने क्षेत्र में चल रहे कार्यों की जानकारी मांग रहे थे। इस दौरान विधायक वर्मा गुस्से में अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर देते हैं, जिसके बाद अधिकारी मीटिंग का बहिष्कार करते हुए उठ खड़े होते है। बाद सभी अधिकारियों को दोबारा समझाकर बैठाया जाता है। क्या बोले DM ? इस मामले में डीएम संजीव रंजन ने कहा कि यह कोई बहस का मामला नहीं है। विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी मांग रहे थे। जिनकी जानकारी उनको उपलब्ध करवा दी गई। उन्होंने इसका लिखित में भी जवाब मांगा है, वो भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

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Lucknow News :सर्वेंट क्वॉर्टर में मिली शख्स की लाश, शक के घेरे में बेटा

उत्तर प्रदेश | लखनऊ के हजरतगंज स्थित एक मकान के सर्वेंट क्वॉर्टर में 60 साल के विनोद कश्यप की लाश मिली है। पुलिस ने बेटे पर ही हत्या की आशंका जताई है। बेटा मौके से फरार है। दरअसल, विनोद कश्यप अपने परिवार के साथ एक वकील के घर में सर्वेंट क्वॉर्टर में रहता था। वकील का परिवार इस समय उत्तराखंड गया हुआ है। विनोद की पत्नी भी उनके साथ गई है। घर में विनोद और उनका बेटा सोनू था। बुधवार रात सोनू ने मां को फोन करके पिता की मौत होने की सूचना दी। वो ठीक से ये नहीं बता सका कि मौत कैसे हो गई। सोनू की मां ने वकील को पूरी बात बताई। वकील को शक हुआ। उन्होंने हजरतगंज पुलिस को फोन किया। सूचना मिलते ही कोतवाली से टीम मौके पर पहुंच गई। वहां सर्वेंट क्वॉर्टर में विनोद का शव पड़ा मिला। ACP अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि बेटा सोनू घर पर नहीं था। पूछताछ करने पर पता चला कि वह काफी देर से गायब है। विनोद के शरीर पर चोट के निशान हैं। अंदेशा है कि गला दबा कर पिता की हत्या करने के बाद बेटा फरार हो गया। एसीपी वर्मा ने बताया कि मृतक की पत्नी लखनऊ लौट रही हैं। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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Lucknow News : टैक्स कमिश्नर की पत्नी पर GST चोरी का आरोप

उत्तर प्रदेश | जीएसटी विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर की पत्नी पर टैक्स चोरी का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि लखनऊ मुख्यालय में तैनात राजेश प्रताप सिंह चंदेल की पत्नी गीतिका सिंह ट्यूलिप किड्स फ्रेंचाइजी की स्कूल चलाती है। इसके लिए वह हर साल फ्रेंचाइजी को 25 लाख रुपए का भुगतान करती है। अब इस 25 लाख रुपए पर जीएसटी टैक्स उनकी तरफ से नहीं दिया जाता है। बताया जा रहा है कि पिछले काफी साल से यह खेल चल रहा है। इसकी विभागीय शिकायत की गई लेकिन पत्नी के रसूख की वजह से वहां भी गलत रिपोर्ट तैयार कर दी गई। अब इस पूरे मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ के यहां लिखित शिकायत कर गुहार लगाई गई है। गोमती नगर के विशाल खंड निवासी वंदना तिवारी ने लिखित शिकायत में बताया है कि विभाग से रजिस्ट्रेशन भी प्राप्त नहीं किया गया है। क्योंकि मामला ज्वाइंट कमिश्नर की पत्नी का है तो शिकायत मिलने के बाद भी टैक्स डिपार्टमेंट के सारे अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। वंदना तिवारी ने मुख्यालय की एडिशनल कमिश्नर भारतीय योगेश पर भी आरोप लगाया है कि उनकी तरफ से विभाग को भ्रमित किया गया है। उनको विभाग की तरफ से इस मामले में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने अपनी वह रिपोर्ट भी गलत दी है। बताया जा रहा है कि भारतीय योगेश ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है। इसमें उनकी तरफ से जांच खारिज कर दिया गया था। इसके पीछे दलील दी गई थी जो शिकायत है उसमें स्कूल का कोई एड्रेस नहीं है। जबकि शिकायत में उनके आयकर की डिटेल, पैन नंबर और पता उपलब्ध कराया था। वंदना तिवारी ने एडीशनल कमिश्नर भारतीय योगेश की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने गूगल और विभागीय पोर्टल पर स्कूल की तलाश की, जबकि शिकायती पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि यह विवरण आयकर रिटर्न में घोषित है। ऐसे में आयकर विभाग से इसकी सूचना क्यों नहीं मांगी गई। वंदना तिवारी ने एडीशनल कमिश्नर भारती योगेश पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह गीतिका सिंह चंदेल द्वारा की जा रही टैक्स चोरी का समर्थन कर रही हैं। इतने सारे सबूतों के बावजूद भी इस मामले का बंद कर दिया गया। सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। वंदना तिवारी ने कहा है कि इतने प्रमाणों और आयकर में घोषणा के बाद भी स्कूल अस्तित्व में नहीं मिलता है तो यह मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में आता है। ऐसे में यह बेहद गंभीर मामला है जिस पर एफआईआर किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी मांग की है कि फ्रेंचाइजी देने वाली संस्था पर भी टैक्स चोरी की संभावना है। ऐसे में उस संस्था की भी जांच की जाए। ज्वाइंट कमिश्नर राजेश प्रताप सिंह चंदेल पर इसके पहले भी साजिश करने के कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। वंदना तिवारी इसी विभाग से रिटायर हुइ है। उन्होने पहले भी राजेश सिंह पर आरोप लगाए है। बताया कि वंदना तिवारी ने राजेश प्रताप सिंह चंदेल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनसे ‘अच्छे रिटायरमेंट’ के नाम पर 5 लाख रुपए मांगे थे। वंदना तिवारी ने बताया कि उन्होंने जब राजेश प्रताप सिंह की डिमांड पूरी नहीं की तो उनके खिलाफ 12 साल पुराना एक प्रकरण खोल दिया गया था । उस मामले में एक महिला ने फर्जी प्रपत्रों के आधार पर आरोप लगाया था। जिसकी जांच महिला आयोग द्वारा की गई थी। जांच में अनियमितता नहीं पाए जाने पर केस को खत्म कर दिया गया था। वंदना तिवारी ने आरोप लगाया कि रिटायरमेंट के बाद साजिश कर मुझे बुढ़ापे में परेशान किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में गोमतीनगर थाने पर एफआईआर दर्ज किए जाने की भी अपील की है। उन्होंने अपने शिकायत पत्र में राजेश प्रताप सिंह चंदेल के अलावा अयोध्या के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 सूर्य नारायण सिंह, वाणिज्य कर मुख्यालय के एडीशनल कमिश्नर (विधि) एसके राय, वाणिज्य कर मुख्यालय में डिप्टी कमिश्नर (परिवाद) के पद पर तैनात रहे शिशिर प्रकाश पर उत्पीडऩ किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में चारों साजिशकर्ता ऊपर कार्रवाई किए जाने की भी मांग की है।  

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लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट परिसर में चली गोली, गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा की हत्या

लखनऊ | पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की लखनऊ सिविल कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्‍या कर दी गई। अचानक हुई इस घटना से पूरे कोर्ट पर‍िसर में हड़कंप मच गया। बता दें क‍ि हत्‍यारे वकील के भेष में आए थे। वो लंबे समय से लखनऊ जेल में ही सिक्योरिटी बैरक में बंद था। संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने वर्ष 1995 से संगीन घटनाओं को अंजाम दिया। संजीव जीवा अंतर राज्य गैंग का लीडर था। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, लूट, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। कोलकाता के एक व्यापारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती मांगने से लेकर पूर्वांचल के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी नाम आया था। संजीव जीवा लखनऊ जेल में बंद था। जीवा माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी के बेहद करीबी माना जाता था। जीवा पर विधायक कृष्णानंद राय तथा पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का भी आरोप है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या के बाद से ही सह अभियुक्त संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी। जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद है, लेकिन साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और उन्हें हार मिली थी। संजीव की पत्नी पायल महेश्वरी ने कुछ दिन पहले ही जताई थी हत्या की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी  भाजपा विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में जेल में बंद संजीव जीवा की पत्नी ने अपने पति की हत्या की आशंका जताई संजीव जीवा की पत्नी और रालोद नेता पायल माहेश्वरी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से अपने पति की सुरक्षा की गुहार की है. पायल का कहना है कि पेशी के दौरान षड्यंत्र के तहत उनके पति की हत्या कराई जा सकती है. उन्होंने पति की सुरक्षा के लिए सीजेआई से उच्चाधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है 2017 में पायल महेश्वरी लड़ चुकी है रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव वकील की ड्रेस में क़ातिल। मौके पर पुलिस ने धर दबोचा है।

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उत्तर प्रदेश : PWD के 200 इंजीनियर्स का होगा डिमोशन, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ को लड़ाई जीतने में लगे 13 साल

लखनऊ | पीडब्ल्यूडी विभाग में 200 इंजीनियर अब साहब से जूनियर इंजीनियर बन जाएंगे। दरअसल, पीडब्ल्यूडी विभाग के 200 इंजीनियरों को डिमोट करने के आदेश हुए हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग में कई इंजीनियर वर्ष 2010 में नियम विरुद्ध प्रमोशन प्राप्त किए थे, इनको सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता पर प्रमोशन मिला था। डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने 13 साल तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। उच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति के परिप्रेक्ष्य में डिग्री-डिप्लोमा विवाद हेतु योजित 40 रिट याचिका के बंच की सुनवाई के लिए बनी विशेष बेंच में लगभग एक माह नियमित सुनवाई हुई। उसके बाद फैसला डिप्लोमा इंजीनियर संघ के पक्ष में आया। उच्च न्यायालय द्वारा डिप्लोमा इंजीनियर संघ की सभी रिट याचिकाओ को एलाऊ कर दिया गया है। शासन एवं विभाग द्वारा सहायक अभियंता पद पर दिनांक 2 अगस्त 2008 को की गई 95 नियम विरुद्ध प्रोन्नति को निरस्त कर दिया गया है। वर्तमान में अधिशासी अभियंता पद पर पदोन्नति प्राप्त कर चुके सभी पदावनत होंगे। इसी प्रकार सहायक अभियंता पद पर 3 जुलाई 2009 को की गई 27 नियम विरुद्ध प्रोन्नति को भी निरस्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त 5 फरवरी 2010 को 78 पदों पर की गई डीपीसी को भी निरस्त कर दिया गया है। कोर्ट के इस आदेश के लागू होने पर पीडब्ल्यूडी विभाग में इन 200 इंजीनियरों में कई इंजीनियर ऐसे हैं जो जिलों में अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के पद पर तैनात हैं। यानी कि कई इंजीनियर जिलों की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग की संभाल रहे हैं। अब यह सभी डिमोट हो कर जूनियर इंजीनियर हो जाएंगे। डिप्लोमा इंजीनियर संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने बताया कि डिप्लोमा होल्डर की जगह नियम विरुद्ध डिग्री होल्डर का प्रमोशन कर दिया गया था। जिसका हमने विरोध किया और यहां लंबी लड़ाई चली। डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने इस लड़ाई को हाईकोर्ट से लगाकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा, जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए निर्देश दिया है कि इन सभी दो सौ इंजीनियर को डिमोट किया जाए। अभी संबंध में शासन को भी हमारे साथ न्याय करना चाहिए और कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच में सुनवाई जारी थी, जिसने अपना फैसला हमारे पक्ष में दिया है।  

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