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May 27, 2023

टोल टैक्स करेगा जेब हलकी : इस हाईवे से गुजरने पर झेलनी पड़ेगी महंगाई की मार, देखें Toll Tax की नई लिस्ट

मेरठ में दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वालों की जेब एक बार फिर से ढीली होगी। वेस्टर्न यूपी टोल प्लाजा एक जुलाई से टोल टैक्स बढ़ाने जा रही है, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। एनएचएआई की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। एनएच-58 पर सिवाया गांव के पास में वेस्टर्न यूपी टोल प्लाजा टोल टैक्स की वसूली करती है। कंपनी एक जुलाई से बढ़ा टैक्स वसूलेगी। कार और जीप पर कम से कम 10 रुपये और बस व ट्रक पर 15 और मल्टीएक्सल वाहन पर 30 रुपये तक अतिरिक्त टोल देना पड़ेगा। लोकल टैक्स भी बढ़ाने की तैयारी है। वर्तमान में लोकल टैक्स 25 रुपये है, जिसमें पांच रुपये की बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में टोल प्लाजा पर आने और जाने की 14 लेन हैं और हाईवे से प्रतिदिन औसतन 30 से 35 हजार वाहन निकलते हैं। वीकेंड पर यह संख्या 40 हजार के पार हो जाती है। टोल टैक्स बढ़ाने का कोई नियम नहीं टोल प्लाजा पर टैक्स बढ़ाने का कोई नियम नहीं है। 2012 में कंपनी ने एक साल में तीन बार टैक्स बढ़ाया था। पिछले साल जुलाई में टोल टैक्स बढ़ाया गया था। कार-जीप के 95 से 110, बस/ ट्रक के 335 से 385 और मल्टी एक्सल वाहन का टैक्स 585 से 620 रुपये किया गया था। लोकल की दरें 20 से बढ़ाकर 25 रुपये कर दी थीं। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि गजट के अनुसार, बढ़ रही महंगाई को देखते हुए टोल बढ़ाया जाता है। वर्तमान दरें कार/जीप 110 बस/ ट्रक 385 मल्टी एक्सल वाहन 620 लोकल 25 टोल की संभावित दरें रुपये में कार -जीप 120 ट्रक/बस 400 मल्टी एक्सल वाहन 650 लोकल 30 कंपनी एनएचएआई के निर्देश पर ही टोल की बढ़ोतरी करती है। प्रस्ताव एनएचएआई को भेजा जा रहा है। वहां से निर्देश मिलने के बाद ही टोल टैक्स बढ़ाया जाएगा। एक जुलाई से बढ़ी दरें लागू होंगी। – प्रदीप चौधरी, प्रबंधक सिवाया टोल प्लाजा

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एक फ़ोन के लिए अफसर ने बहाया 21 लाख लीटर पानी, तीन दिन तक पंप चलाकर पानी बहाया

कांकेर : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांकेर में 1 लाख रुपये के मोबाइल (Mobile) के लिये एक अफसर पर 21 लाख लीटर पानी बहा दिया , जिससे डेढ़ हजार एकड़ के खेत सींचे जा सकते थे। कांकेर जिले के पखांजुर में खेरकट्टा परलकोट जलाशय के ओवर फ्लो में फूड ऑफिसर का एक लाख कीमत का सैमसंग (Samsung) फ़ोन गिर गया. इसके बाद उसे खोजने स्थानीय लोग पानी में उतरे लेकिन जब फोन नहीं मिला तो 3 दिनों तक 30 एचपी के 2 डीजल पम्प लगाकर पानी को बहा क़र फ़ोन निकाला गया। कोयलीबेड़ा ब्लॉक के फूड ऑफिसर राजेश विश्वास सोमवार को छुट्टी मनाने खेरकट्टा परलकोट जलाशय पहुचे थे, जहां उनका फोन खेरकट्टा परलकोट जलाशय में ओवर फ्लो होकर बहने वाले पानी में गिर गया। वहां 15 फीट तक लबालब पानी भरा हुआ था. पानी निकालने के लिए तीन दिनों से लगातार 30 एच पी का पंप लगा रहा.सोमवार शाम पंप चालू किए गए, जो गुरुवार तक चले. शिकायत मिलने पर सिंचाई अफसर मौके पर पहुंचे और पानी निकालना बंद करवाया, लेकिन तब तक स्केल वाय से 6 फीट पानी निकल चुका था. यह तकरीबन 21 लाख लीटर होता है. यहां गर्मी में भी 10 फीट से अधिक पानी रहता है जिससे आसपास रहने वाले जानवर भी पानी पीते हैं. इस संबंध में फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने बताया कि सेल्फी लेते वक्त उनका फोन फिसल कर गिर गया था. गोताखोरों की कोशिश के बाद भी फोन नहीं मिला तो जल संसाधन के एसडीओ ने उन्हें कहा कि इस पानी का इस्तेमाल नहीं होता तो पानी को बाहर निकाला गया. हालांकि जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी राम लाल ढिवर ने स्थानीय पत्रकारों को बताया कि 5 फीट तक पानी को खाली करने की इजाज़त मौखिक तौर पर दी गई थी लेकिन उससे ज्यादा पानी बहा दिया गया. हालांकि 3-4 दिनों तक गहरे पानी में रहने की वजह से फोन चालू नहीं हो पाया है. बीजेपी नेता ने की अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने लाखों लीटर पानी बहाने वाले खाद्य अधिकरी को बर्खास्त करने की मांग की है. महंगे मोबाइल के लिए खाद्य अधिकारी के द्वारा जलाशय खाली कराने को गलत बयाया है. उन्होंने प्राकृतिक संसाधन के दोहन का आरोप लगाया है.

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Anushka Sharma ने किया Cannes 2023 में debut, सफ़ेद गाउन में बिखेरा सुंदरता का जलवा, देखिए तस्वीरें

मुंबई, महाराष्ट्र | बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने हाल ही में कान्स फिल्म फेस्टिवल 2023 के रेड कारपेट पर अपनी शानदार शुरुआत की। ये पहली बार था जब कान्स में अनुष्का ने शिरकत की। वहीं इस इवेंट में अनुष्का सफेद गाउन पहनकर पहुंचीं। जिसमें बेहद ही खूबसूरत लग रही थी। बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने कान्स फिल्म फेस्टिवल 2023 में डेब्यू किया। अनुष्का का यह गाउन लंदन के डिजाइनर रिचर्ड क्वीन ने डिजाइन किया है। अनुष्का ने व्हाइट कलर की ऑफ शोल्डर बॉडीफिडेट ड्रेस पहना था, जिसमेंबेहद ही खूबसूरत लग रही हैं। कानों में छोटे से ईयररिंग्स और और हाथों में अंगूठी पहने अनुष्का बेहद ही खूबसूरत लग रही है। ये ड्रेस फ्लावर की डिटेलिंग के साथ और भी ग्रेसफुल लग रही है। साथ ही अनुष्का मिनिमल मेकअप में नजर आई। अगर अनुष्का की हेयर स्टाइल की बात करें तो उन्होंने अपने आउटपिट को कंप्लीट करने के लिए स्लीक हेयर बन चुना था। अनुष्का सिनेमा में महिलाओं को सम्मानित करने के लिए रेड कारपेट पर वॉक किया.इस समारोह में उनके साथ अभिनेत्री केट विंसलेट भी रही। अनुष्का कान्स में लोरियल को रिप्रेजेंट कर रही थीं और उनके साथ एंबेसडर ईवा लोंगोरिया और एंडी मैकडॉवेल ने भी रेड कारपेट पर वॉक किया। अगरवर्कफ्रंट की बात करें तो अनुष्का को आखिरी बार फिल्म कला में देखा गया था, जिसमें वो कैमियो की भूमिका में नजर आई थी। जल्द ही अनुष्का शर्मा फिल्म ‘चकदा एक्सप्रेस’ में नजर आने वाली हैं. जो पूर्व भारतीय क्रिकेटर झूलन गोस्वामी पर एक बायोपिक है। वहीं इस फिल्म का निर्देशन प्रोसित रॉय ने किया है।          

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स्कूलों में बच्चों के शोषण पर योगी सरकार सख्त, जारी की गाइडलाइंस

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छात्रों की शिक्षा के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर भी संवेदनशील है। इसी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए तय गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के खिलाफ होने वाली घटनाओं के संबंध में 2015 में एक विस्तृत गाइडलाइंस तैयार की गई थी। अब योगी सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से इस गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने को कहा है। सभी बीएसए को जारी किए गए निर्देश राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गाइडलाइंस का पालन किया जाए। साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। गाइडलाइंस जारी करने का उद्देश्य प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा संरक्षित करने तथा बाल अपराध एवं असंवैधानिक कृतियों की रोकथाम और स्कूल जाने वाले बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से रक्षा करना है। साथ ही इसमें शैक्षणिक संस्थानों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया गया है। स्कूल कैंपस समेत सभी जगह सुरक्षित माहौल के लिए दिए गए सुझाव गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय प्रबंधतंत्र/स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं प्रधानाचार्यो का यह दायित्व है कि विद्यालय परिसर में या विद्यालय आते-जाते अथवा विद्यालय से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का वातावरण तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे और छात्र/छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक/मानसिक एवं यौन शोषण न हो। इसमें विद्यालय प्रांगण को सुरक्षित बनाने के लिए भी कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इसमें स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन की अनिवार्यता रखी गई है। साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए। प्रत्येक बस में दो टीचर की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे। इसके अलावा शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का व्यवहार संतुलित हो, इस संबंध में भी व्याख्या की गई है। बच्चों में परस्पर समन्वय एवं जागरूकता के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश हैं, जबकि विभिन्न संस्थाओं की मदद लेने और अन्य उपायों की जानकारी दी गई है।

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अब DU की किताबों में नहीं दिखाई देगा ‘सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा…’ लिखने वाले शायर मोहम्मद इकबाल का नाम

नई दिल्ली | दिल्ली यूनिवर्सिटी के BA प्रोग्राम से “सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा” तराना लिखने वाले मशहूर शायर मोहम्मद इकबाल का नाम मिटाने का फैसला हो गया है। दिल्ली की एकेडमिक काउंसिल ने शुक्रवार (26 मई) को सिलेबस में कई बदलाव किये। इन्ही बदलावों में से ही एक फैसला ये भी है। एकेडमिक काउंसिल की ओर से पार्टिशन, हिंदू और ट्राइबल स्टडीज के लिए नए सेंटर स्थापित करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। अल्लामा इकबाल को दिल्ली विश्वविद्यालय की 1014वीं अकादमिक परिषद की बैठक में अंडर ग्रैजुएट कोर्स पर चर्चा के दौरान राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे वाइस चांसलर प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि भारत को तोड़ने की नींव रखने वाले पाठ्यक्रम में नहीं होने चाहिए। वाइस चांसलर के प्रस्ताव को सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। बैठक में अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) 2022 के तहत अलग-अलग कोर्स के चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर के सिलेबस को पारित किया गया। वहीं इकबाल को हटाने के साथ ही इस मौके पर कुलपति ने डॉ भीमराव अंबेडकर को अधिक से अधिक पढ़ाने पर भी जोर दिया। इकबाल के बारे में वाइस चांसलर ने कहा – इकबाल ने ‘मुस्लिम लीग’ और ‘पाकिस्तान आंदोलन’ का समर्थन करते हुए गीत लिखे थे। भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले इकबाल ने उठाया था। हमें ऐसे व्यक्तियों को पढ़ाने के बजाय अपने राष्ट्र नायकों का अध्ययन करना चाहिए। इकबाल को बीए पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस के ‘मॉडर्न इंडियन पॉलिटिकल थाउट’ चैप्टर में विस्तार से पढ़ाया जाता था। यह चैप्टर कोर्स के छठे सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था। इसके अलावा काउंसिल की बैठक में सिलेबस और अलग अलग सेंटर स्थापित करने के प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों पर आखिरी मुहर दिल्ली यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC)को लगानी हैं। इसकी बैठक 9 जून को होनी है। इक़बाल के बारे में इकबाल उर्दू और फारसी के मशहूर शायर हैं। जिन्होंने मशहूर गीत “सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा” लिखा था, भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रमुख उर्दू और फारसी शायरों में से एक हैं। उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि के रूप में भी जाना जाता है। ABVP ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा – “दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद ने डीयू के राजनीति विज्ञान सिलेबस से मोहम्मद इकबाल को हटाने का फैसला किया। मोहम्मद इकबाल को ‘पाकिस्तान का दार्शनिक पिता’ कहा जाता है। वह जिन्ना को मुस्लिम लीग में नेता के रूप में स्थापित करने में प्रमुख प्लेयर थे। मोहम्मद इकबाल भारत के विभाजन के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं जितने कि मोहम्मद अली जिन्ना हैं।” होगी स्वतंत्रता और विभाजन अध्ययन केन्द्र की स्थापना डीयू एकेडमिक काउंसिल की बैठक के दौरान सेंटर फॉर इंडिपेंडेंस एंड पार्टीशन स्टडीज स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। डीयू एकैडमिक काउंसिल के मुताबिक यह केंद्र शोध के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे अज्ञात नायकों और घटनाओं पर भी काम करेगा, जिन्हें अभी तक इतिहास में जगह नहीं मिली है। साथ ही भारत विभाजन की त्रासदी के समय की घटनाओं का भी गहन अध्ययन एवं शोध किया जायेगा। इसके लिए उस दौर के उन लोगों की आवाज में “मौखिक इतिहास” भी दर्ज किया जाएगा जिन्होंने इस त्रासदी को झेला है। बैठक में हुए फैसले के मुताबिक इस केंद्र में विदेशी शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियों और देश के भौगोलिक विभाजन के कारण लोगों पर पड़ने वाले शारीरिक, भावनात्मक, आर्थिक और सांस्कृतिक नुकसान के प्रभाव को पूरी तरह से समझने के लिए अध्ययन भी किया जाएगा। केंद्र स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं और विभाजन के कारणों और प्रभावों के अध्ययन पर काम करेगा। एकेडमिक काउंसिल के पांच सदस्यों ने किया फैसले का विरोध एकेडमिक काउंसिल में 100 से अधिक सदस्य हैं जिनमें से पांच सदस्यों ने पार्टिशन स्टडीज के प्रपोजल का विरोध भी किया और इसे विभाजनकारी बताया है। इन सदस्यों ने कहा ”पार्टिशन स्टडीज सेंटर के लिए प्रपोजल विभाजनकारी है। इसका उद्देश्य बताता है कि यह सेंटर 1300 सालों में पिछले हमलों, दुखों और गुलामी का अध्ययन करेगा।”

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इस बार भी टूटेगा पौधरोपण का रिकॉर्ड, एक दिन में 35 करोड़ पौधरोपण का योगी सरकार का लक्ष्य

लखनऊ | प्रदेश में हरियाली बढ़ाने, बेहतर आबोहवा एवं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बारिश के आगामी सीजन में योगी सरकार एक बार फिर एक दिन में पौधरोपण का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगी। इस बार लक्ष्य एक दिन में 35 करोड़ पौधरोपण का है। पौधरोपण की नोडल एजेंसी वन विभाग की निगरानी में सरकार के 27 विभाग मिलकर रिकॉर्ड पौधरोपण के इस अभियान को सफल बनाएंगे। संबंधित विभागों को कितना पौधरोपण करना है, इसका लक्ष्य पहले से तय है। पौधरोपण के लिए वन विभाग एवं उसकी देखरेख में कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) की नर्सरियों में करीब 54 करोड़ स्वस्थ्य पौधे तैयार हैं। जुलाई में किसी दिन चलेगा पौधरोपण का यह महाअभियान किस दिन पौधरोपण का यह रिकॉर्ड बनेगा, यह समय अभी तय नहीं है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार मानसून के रुख को देखकर यह तय होगा। अधिक उम्मीद इस बात की है कि जुलाई में किसी दिन यह महाअभियान चलेगा। ऐसा इसलिए कि पर्याप्त मात्रा में नमी मिलने से रोपे गये पौधों में से अधिकतम का सर्वाइवल हो। उल्लेखनीय है कि अपने पहले कार्यकाल से ही प्रदेश में हरीतिमा बढ़ाने एवं इससे होने वाले अन्य दूरगामी लाभों के मद्देजर योगी सरकार का जोर अधिक्तम पौधरोपण पर रहा है। इस क्रम में अब तक अपने पहले कार्यकाल में प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए हर साल रिकॉर्ड पौधरोपण के क्रम में 100 करोड़ से अधिक का पौधरोपण हुआ। इसका नतीजा भी सामने है। 8 साल में वनावरण का क्षेत्र 8.82 से बढ़कर 9.23 फीसद हुआ स्टेट ऑफ फारेस्ट की रिपोर्ट 2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 9.23 फीसद हिस्से में वनावरण है। 2013 में यह 8.82 फीसद था। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के दौरान कुल वनावरण एवं वृक्षावरण में 91 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2030 तक सरकार ने इस रकबे को बढ़ाकर 15 फीसद करने का लक्ष्य रखा है। योगी-2.0 में 175 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए योगी सरकार-2.0 ने अगले पांच साल में 175 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा है। इस क्रम में पिछले साल भी 35 करोड़ पौधे लगाए गए थे। इस साल और इसके अगले चार साल के लिए लिए भी 35-35 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य है। देखें तो यह लक्ष्य बहुत बड़ा है। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग पौधरोपण से जुड़ें। यह जन आंदोलन बने।नवग्रह वाटिका, नक्षत्र वटिका, पंचवटी, गंगावन, अमृतवन जैसी योजनाओं के पीछे भी यही मकसद है। बरगद, पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे देशज पौधों को मिलेगी वरीयता सरकार की मंशा है कि वर्षा काल में जो पौधरोपण हो वह संबंधित क्षेत्र के एग्रो क्लाइमेट जोन (कृषि जलवायु क्षेत्र) के अनुसार हो। अलग-अलग जिलों के लिए चिन्हित 29 प्रजाति और 943 विरासत वृक्षों को केंद्र में रखकर पौधरोपण का अभियान चलेगा। इसमें राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के साथ देशज पौधे पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे औषधीय पौधों को वरीयता दी जाएगी। पर्यावरण सेनानियों की भी होगी महत्वपूर्ण भूमिका इस अभियान को सफल बनाने में पर्यावरण सेनानियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पर्यावरण सेनानी में कृषक एवं प्रधानमंत्री सम्मान के लाभार्थी, गंगा प्रहरी, सशक्त बल, महिलाएं, दिव्यांग, कम आय समूह, दृष्टिबाधित, मनरेगा जॉब कार्ड धारक, स्वयंसहायता समूह, ग्राम स्तरीय एवं नगर विकास कर्मी, वनकर्मी, आदिवासी-वनवासी, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लाभार्थी, शिक्षक-विद्यार्थी और महिलाएं शामिल हैं।

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