Thelokjan

site logo

June 6, 2023

Lucknow-Gorakhpur Railway Route : बालासोर हादसे के बाद सतर्कता, ABS पर काम शुरू, एक KM की रेंज में आगे-पीछे चलेंगी ट्रेनें

लखनऊ । बालासोर हादसे के बाद उत्तर प्रदेश में रेलवे की यात्रा को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम तेज कर दिया गया है । लखनऊ से गोरखपुर रूट पर अब एक किलोमीटर के दायरे में ट्रेनें आगे-पीछे चल सकेंगी। और इस उपलब्धि के पीछे है ABS – ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम।एक साल में पूरा रूट ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम से लैस हो जाएगा। अब तक ट्रेनों के बीच की दूरी कम से कम से आठ किलोमीटर होती है। आगे चल रही ट्रेन के स्टेशन पहुंचने के बाद पीछे वाली ट्रेन को ग्रीन सिग्नल दिया जाता है। नई व्यवस्था लागू होने से ट्रेनों की टाइमिंग में भी सुधार होगा। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशनों के बीच (ब्लॉक सेक्शन) प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जाएंगे। जैसे-जैसे सिग्नल हरे होते जाएंगे पीछे चल रही ट्रेन आगे बढ़ती जाएगी। इसके लिए केबल बिछाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गोरखपुर से लखनऊ के बीच हर दो ब्लॉक के बीच एक हट बनाया जाएगा। इसमें सिग्नल से जुड़े संयंत्र रखे जाएंगे, ताकि फॉल्ट आने पर तत्काल सही किया जा सके। सिग्नल पहले लाल, फिर डबल पीला और पीला होने के बाद हरा होगा। इसके अनुसार लोको पाइलेट एक किमी की दूरी रखते हुए ट्रेन चला सकेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का काम डोमिनगढ़ और टिनीच के बीच शुरू हो चुका है। रूट सर्वे और मार्किंग ऑफ ब्लॉक का काम दो ब्लॉक खंड में पूरा हो गया है। रेल खंडों में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे लोगों को सुरक्षित रेल यात्रा का लाभ मिलने की उम्मीद है।

Lucknow-Gorakhpur Railway Route : बालासोर हादसे के बाद सतर्कता, ABS पर काम शुरू, एक KM की रेंज में आगे-पीछे चलेंगी ट्रेनें Read More »

16 जून से शुरू होगी कानपुर-दिल्ली फ्लाइट, पहली बार दिल्ली के लिए उड़ेगा 180 सीटर विमान

कानपुर । चकेरी एयरपोर्ट का नया टर्मिनल 7 जून से चालू हो जाएगा। इससे पैसेंजर्स को पहले से बेहतर सुविधाएं मिलने लगेंगी यही नहीं 16 जून से एक बार फिर दिल्ली के लिए फ्लाइट उड़ान भरेगी। 150 करोड़ रुपये की लागत से बनी नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन पिछले वीक सीएम योगी व यूनियन सिविल एविएशन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया। दिल्ली की फ्लाइट बन्द हो जाने का मामला भी उद्घाटन समारोह में उठा था। साथ ही हैदराबाद, कोलकाता आदि शहरों के लिए भी फ्लाइट चालू किए जाने की मांग की गई थी। एयरपोर्ट डायरेक्टर संजय कुमार ने बताया कि सात जून से नया टर्मिनल चालू हो जाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। अब तक यहां से बंगलुरू और मुंबई के लिए दो उड़ाने ही चल रही थीं। अब 16 जून से इंडिगो नई दिल्ली के फ्लाइट चालू कर रही है। जल्द ही इसकी समय सारिणी घोषित कर दी जाएगी। इंडिगो आज टेस्ट करेगा काउंटर कल से शुरू हो रहे कानपुर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल बिल्डिंग में विमान कंपनी इंडिगो ने अपने सेटअप को पूरी तरह सेट कर दिया है। मंगलवार को विमान कंपनी के तकनीकी कर्मी सेटअप को टेस्ट करेंगे। बिल्डिंग की कार्यदायी संस्था यूपीआरएनएन को कहीं कुछ खामी दिखेगी तो उसे बता दूर कराएंगे। बुधवार से फ्लाइटों का परिचालन नए टर्मिनल से प्रस्तावित किया गया है। जल्द शुरू हो सकती है कानपुर – कोलकाता फ्लाइट कानपुर से हवाई सेवा शुरू करने के लिए इंडिगो के अलावा विस्तारा और एयर एशिया भी इच्छुक है। इन विमान कंपनियों की कामर्शियल टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है। 16 जून को कानपुर से दिल्ली की प्रस्तावित फ्लाइट के बाद अब विमान कंपनियों का सारा ध्यान कोलकाता और कनेक्टिंग बागडोगरा के लिए हवाई सेवा पर है। एयरपोर्ट अफसरों के मुताबिक सब कुछ सही रहा तो अक्टूबर को घोषित होने वाले विमान शेड्यूल में कानपुर से कोलकाता की बंद फ्लाइट भी शुरू हो सकती है।

16 जून से शुरू होगी कानपुर-दिल्ली फ्लाइट, पहली बार दिल्ली के लिए उड़ेगा 180 सीटर विमान Read More »

Vikasnagar : पछवादून क्षेत्र में बढ़ रहे छेड़छाड़ के मामले, कोई कह रहा Love Jihad कोई कह रहा Love Trap

पछवादून क्षेत्र में नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और शोषण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। यहां एक ओर हिंदूवादी संगठन इसे लव जिहाद का नाम दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष इसे लव ट्रेप का नाम दे रहा है। बता दें कि पिछले एक माह में विकासनगर क्षेत्र में करीब आधा दर्जन मामलों में हिंदू युवतियों को मुस्लिम युवकों द्वारा साजिशन फंसाने और उनका शोषण किए जाने के मामले सामने आए हैं, जिसमें स्थानीय पुलिस संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज चुकी है। वहीं अब ऐसे ही मामलों में हिंदू युवकों द्वारा मुस्लिम युवतियों से अश्लील हरकत करने और उन्हें ब्लेकमैल करने के मामले सामने आए हैं। जिसको लेकर मुस्लिम समाज के लोग भी आक्रोशित हैं। बताया जा रहा है कि दो रोज पहले बाजार आई एक मुस्लिम महिला से हिंदू युवक द्वारा छेड़छाड़ और अश्लील की गई बल्कि उसे गाली गलौज और जान से मारने की धमकी दी। जिसके चलते स्थानीय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं दूसरे मामले में मुस्लिम समाज की नाबालिग छात्रा को उसी के स्कूल में पढ़ने वाले हिंदू छात्र द्वारा डराने धमकाने और अश्लील फोटो वीडियो बनाकर ब्लेकमैल करने के आरोप लगे हैं जिसमें कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। Byte : सुलेमान अहमद, स्थानीय निवासी लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर पुलिस मीडिया के कैमरे के सामने कुछ भी कहने से पल्ला झाड़ रही है।

Vikasnagar : पछवादून क्षेत्र में बढ़ रहे छेड़छाड़ के मामले, कोई कह रहा Love Jihad कोई कह रहा Love Trap Read More »

तेंदुए की दस्तक से लोग भयभीत, प्रशासनिक अमला ने ली लोगो से जानकारी

काशीपुर | काशीपुर नगर क्षेत्र समेत ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुए की दस्तक से लोग भयभीत नजर आ रहे हैं। जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीम क्षेत्र में जाकर तेंदुए की दस्तक को लेकर लोगों से जानकारी जुटाने में लगी हुई है। बता दें कि मामला शहर के बीच नौ गजा पीर मानपुर रोड का है जहां पर एक बकरी चरागा के घर के पास तेंदुआ की धमक देखी गई , तेंदुए की दस्तक से लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया। इसी दौरान तेंदुए ने एक बकरी के बच्चे को दबोच लिया, जिसके स्वामी ने तुरंत बच्चे को छुड़ाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर बकरी के बच्चे को तेंदुए से लड़ते हुए उसे मुक्त करा लिया। बताया जा रहा है कि छीना झपटी में बकरी मालिक काफी घायल हो गया, जिसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी, वन विभाग ने वहां पर कामविंग कर तेंदुए को तलाशने का भरसक प्रयास किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। युसूफ अली तहसीलदार काशीपुर वही कुछ दिन पूर्व चैती मंदिर रोड पर भी तेंदुए की चहल कदमी दिखने से लोग भयभीत हैं, इसी के चलते तहसील प्रशासन और वन विभाग की टीम ने क्षेत्र में भ्रमण कर तेंदुए को तलाशने का प्रयास किया लेकिन इस बार भी सफलता हाथ नहीं लगी। तहसीलदार युसूफ अली ने कहां है कि वन विभाग को निर्देशित कर दिया गया है जहां भी तेंदुए की दस्तक नजर आएगी वहां पिंजरे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोग दहशत में ना आए जल्द ही तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया जाएगा। देवेंद्र सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी काशीपुर

तेंदुए की दस्तक से लोग भयभीत, प्रशासनिक अमला ने ली लोगो से जानकारी Read More »

मर्यादित कपड़ों पर सवाल, लव जिहाद पर बवाल

Uttarakhand | उत्तराखंड में लव जिहाद पर सियासत के साथ ही तनाव भी बढ़ता जा रहा है। दअरसल, राज्य के उत्तरकाशी जिले में मुस्लिम युवक द्वारा नाबालिग हिंदू युवती को भगाने की कोशिश का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। उत्तरकाशी में बढ़ते तनाव के कारण मुस्लिम व्यापारी अपनी दुकान खोलने से डर रहे हैं। कुछ ने तो शहर ही छोड़ दिया है। बढ़ते तनाव के बीच उत्तरकाशी में पोस्टर भी लगाए गए हैं जिसमें मुस्लिम व्यापारियों से 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले अपनी दुकानें खाली करने को कहा गया है। एक तरफ जहां उत्तरकाशी में लव जिहाद पर बवाल छिड़ा है तो वही दूसरी ओर राज्य के मंदिरों में मर्यादित कपड़े पहनकर आने के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। टपकेश्वर महादेव मंदिर में लगे पोस्टर में अमर्यादित कपड़ों में प्रवेश करने पर रोक लगाए जाने की बात कही गई है। इसके साथ ही राज्य के अन्य मंदिरों में अमर्यादित कपड़ों पर रोक का फैसला लिया गया है।

मर्यादित कपड़ों पर सवाल, लव जिहाद पर बवाल Read More »

उत्तर प्रदेश : घर बैठे बनवा सकते हैं परिवार आईडी

लखनऊ | हर परिवार के न्यूनतम एक सदस्य को रोजगार से जोड़ने की बड़ी योजना पर काम कर रही योगी सरकार ने ‘परिवार आईडी- एक परिवार एक पहचान’ बनवाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल https://familyid.up.gov.in जारी कर दिया है। ऐसे सभी परिवार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र नहीं हैं, यानी जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, वह परिवार आईडी बनवा सकेंगे, जबकि राशन कार्ड धारक परिवारों की राशन कार्ड आईडी ही उनकी परिवार आईडी मानी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार, एक परिवार एक पहचान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को एक विशिष्ट पहचान जारी की जा रही है, जिससे राज्य की परिवार इकाइयों का एक लाइव व्यापक डेटाबेस स्थापित होगा। यह डेटाबेस लाभार्थीपरक योजनाओं के बेहतर प्रबंधन, समयबद्ध लक्ष्यीकरण, पारदर्शी संचालन एवं योजना का शत-प्रतिशत लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने और जनसामान्य के लिए सरकारी सुविधाओं के सरलीकरण करने में सहायक होगा। परिवार आईडी के माध्यम से प्राप्त एकीकृत डेटाबेस के आधार पर रोजगार से वंचित परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें रोजगार के समुचित अवसर प्राथमिकता पर उपलब्ध कराए जा सकेंगे। बीते दिनों परिवार आईडी प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने परिवार पासबुक तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, हर एक परिवार को मिल रहे शासकीय योजनाओं के लाभ का पूरा विवरण दर्शाते हुए परिवार का पासबुक भी तैयार कराया जाएगा। इससे प्रदेश के हर परिवार के स्वावलम्बन और सशक्तिकरण का अभियान पूरा किया जा सकेगा। पास-बुक और परिवार आईडी जारी करने से पूर्व परिवार के संबंध में सभी जानकारी को विधिवत प्रमाणित किया जाएगा। 3.61 करोड़ परिवारों को नहीं बनवानी होगी परिवार आईडी वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निवासरत लगभग 3.61 करोड़ परिवार के 15.06 करोड़ व्यक्ति राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ पा रहे हैं। फैमिली आईडी के लिए लागू व्यवस्था के अनुसार इन परिवारों की राशनकार्ड संख्या ही फैमिली आईडी होगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित न होने वाले परिवार जो राशनकार्ड के पात्र नहीं हैं, उन्हें फैमिली आईडी पोर्टल https://familyid.up.gov.in/portal/index.html के माध्यम से फैमिली आईडी उपलब्ध कराई जाएगी। यह पोर्टल उन परिवारों को 12 अंकों की विशिष्ट परिवार आईडी प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है जो राशन कार्ड धारक नहीं हैं, यहां वे स्वयं को और अपने परिवार के सदस्यों को पोर्टल पर जोड़कर आवेदन कर सकते हैं। भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु फैमिली आईडी से सहूलियत होगी। जो परिवार सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे हैं, वे भी स्वेच्छा से फैमिली आईडी प्राप्त कर सकते हैं। अब तक पोर्टल पर 78 हजार आवेदन मिल चुके हैं, जिसमें से 37 हजार के आवेदनों को स्वीकृति भी मिल चुकी है। परिवार आईडी के लिए बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ा जाएगा। ऐसे में विभिन्न सरकारी योजनाओं में आवेदन करते समय वांछित अभिलेखों को स्कैन कर अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। परिवार आईडी पोर्टल पर आधार आधारित ई-केवाईसी की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे बनेगी परिवार आईडी ● परिवार का कोई वयस्क सदस्य जो फैमिली आईडी हेतु स्वयं एवं परिवार के अन्य सदस्यों की ओर से परिवार आईडी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। ● यदि कोई आवेदक फैमिली आईडी निर्मित करने के लिये स्वयं आवेदन करता है, तो किसी भी प्रकार का यूजर चार्ज देय नहीं होगा। जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से आवेदन करने पर ₹30 का शुल्क देना होगा। ● परिवार आईडी बनवाने के लिए आवेदन के सत्यापन की प्रक्रिया ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल की तरह होगी, जिसके अन्तर्गत उल्लिखित परिवार एवं परिवार के सदस्यों का सत्यापन शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी द्वारा संबंधित लेखपाल के माध्यम से तथा ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी द्वारा सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। ● राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड धारकों को परिवार आईडी बनवाने की जरूरत नहीं होगी। उनकी राशन कार्ड आईडी ही परिवार आईडी होगी।

उत्तर प्रदेश : घर बैठे बनवा सकते हैं परिवार आईडी Read More »

1 हजार एकड़ में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क बनाएगी योगी सरकार

लखनऊ | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 एफ विजन (फार्म-फाइबर-फैक्ट्री-फैशन-फॉरेन) को आत्मसात करते हुए योगी सरकार इसी आधार पर राजधानी लखनऊ में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल और अपैरल पार्क का निर्माण करेगी। इसके लिए योगी सरकार ने राजधानी के मलिहाबाद तहसील के माल ब्लाॅक स्थित अटारी गांव में भूमि को भी चिन्हित कर लिया है। मेगा टेक्सटाइल और अपैरल पार्क एक हजार एकड़ में बनाया जाएगा, जिससे 1 लाख युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। योगी सरकार को इस पार्क में दस हजार करोड़ से अधिक इन्वेस्टमेंट की उम्मीद है। इस पार्क को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर अटारी में बनाया जा रहा पार्क योगी सरकार टेक्सटाइल और अपैरल पार्क के जरिये एक ही छत के नीचे व्यापारियों को कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी जरूरतों को उपलब्ध कराएगी, जिससे उद्योग की लागत कम हो सके। वहीं निर्माताओं को निर्यात के लिए मानकों के अनुसार बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा। टेक्सटाइल और अपैरल पार्क की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर राजधानी के अटारी गांव को चुना गया है। यहां से 20 किमी की दूरी पर एनएच-20 और एसएच-20 है, जो फोर लेन है और क्रमश: लखनऊ को सीतापुर और हरदोई से जोड़ता है। वहीं 20 किमी की दूरी पर 6 लेन ऑउटर रिंग रोड है। इसके साथ ही रेलवे कनेक्टिविटी भी बेहतर है। यहां से मलिहाबाद रेलवे स्टेशन 16 किमी तो लखनऊ रेलवे स्टेशन 40 किमी की दूरी पर है। पार्क से 45 किमी की दूरी पर लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट तो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 95 किमी की दूरी पर कानुपर नोड और 500 किमी पर दादरी टर्मिनल है। इतना ही नहीं इनलैंड कंटेनर डिपो 111 किमी की दूरी पर कानुपर में है। पीपीपी मोड पर तैयार होगा पार्क पार्क को पीपीपी मोड पर अत्याधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत 500 करोड़ रुपये से कोर इंफ्रास्ट्रक्टचर का निर्माण किया जाएगा, जबकि 300 करोड़ रुपये का प्राविधान मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए किया गया है, जो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। पार्क के निर्माण में अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए इसे तीन भागों में बांटा गया है। पहला कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर, दूसरा सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरा प्रीमियम स्पेस है। इसमें कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर में रोड नेटवर्क, चौबीस घंटे और सातों दिन पॉवर सप्लाई, वॉटर सप्लाई, वेयरहाउस, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, ट्रेनिंग एंड स्किल डेवलपमेंट फैसिलिटी, प्रशासनिक बिल्डिंग प्रोडेक्ट डिस्प्ले फैसिलिटी और एग्जीबिशन सेंटर के साथ टेस्टिंग लैबोरेटरी आदि शामिल है। वहीं सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में वर्कर्स हास्टल, हाउसिंग जोन, मेडिकल फैसिलिटी, कामर्शियल एंड रिक्रिएटिंग फैसिलिटी, ओपन स्पेस और पार्क, सिक्योरिटी आदि शामिल है। इसी तरह प्रीमियम स्पेस में इंडस्ट्रियल प्लॉट और प्लग एंड इंडस्ट्रियल शेड शामिल हैं।

1 हजार एकड़ में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क बनाएगी योगी सरकार Read More »

बाढ़ से निपटने को जून में ही ‘सुकून’ देने को तत्पर योगी सरकार

लखनऊ | बाढ़ से निपटने को जून में ही योगी सरकार ‘सुकून’ देने को तत्पर है। बाढ़ से निपटने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं या अंतिम दौर में हैं। पिछले दिनों सीएम योगी ने खुद इसकी समीक्षा कर 15 जून तक सारी तैयारियों को पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके बाद मातहतों ने बाढ़ से निपटने की तैयारियों में काफी तेजी भी ला दी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित 73 जनपदों में स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक भी संपन्न कर ली गई है। लखनऊ में केंद्रीय व जनपदों में 50 बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की जा चुकी है। 15 जून से बाढ़ की संपूर्ण अवधि (संभावित अक्टूबर) तक यह कक्ष क्रियाशील रहेंगे। 51 बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना, 2022-23 में 282 परियोजनाएं हुईं पूरी बाढ़ से निपटने के लिए योगी सरकार ने सारी व्यवस्था पहले ही कर ली है। लखनऊ में केंद्रीय व 50 जनपदों में बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना हो चुकी है। 15 जून से यह सतत क्रियाशील हो जाएंगे। आमजन की सुरक्षा को शीर्ष पर रखते हुए 2022-23 में इससे जुड़ीं 282 परियोजनाएं और योगी सरकार के कार्यकाल में कुल 982 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं। वर्तमान में 265 नई परियोजनाएं, 07 ड्रेजिंग संबंधी परियोजना और पूर्व से संचालित 140 परियोजनाओं सहित कुल 412 परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। 325 से अधिक परियोजनाओं का 50फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय लखनऊ द्वारा बाढ़ सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान हेतु महत्वपूर्ण 113 बेतार केंद्र भी बाढ़ अवधि में सतत क्रियाशील रहेंगे। 24 अति व 16 संवेदनशील जिलों पर भी विशेष नजर बाढ़ की दृष्टि से 24 अति संवेदनशील जिलों पर भी सीएम योगी की नजर है। इन जिलों में महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोंडा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर व कासगंज समेत 16 जिले संवेदनशील हैं। इन क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण करने का निर्देश सीएम ने दिया है। इन स्थलों पर प्रकाश व आवश्यक उपकरणों का भी प्रबंध किया जा रहा है। सभी 780 बाढ़ सुरक्षा समितियां गठित कर ली गई हैं। अति संवेदनशील तथा संवेदनशील तटबंधों का जिलाधिकारी निरीक्षण कर इसे दुरुस्त भी करा रहे हैं। मॉनसून पूर्व कई तटबंधों पर कार्य किया जा चुका पूर्ण मॉनसून के पहले ही कई तटबंधों पर कार्य पूरा किया जा चुका है। फर्रुखाबाद में कोसी नदी पर निर्मित कडक्का तटबंध, सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती पर अशोगवा-नगवां तटबंध, मदरहवा-अशोगवा बांध व लखनापार बैदौला तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग का मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मऊ में सरयू नदी पर चिऊटीडाड़ तटबंध, बदायूं में गंगा नदी पर जौरीनगपाल तटबंध, गंगा-महावां तटबंध, उसहैत तटबंध, उसवां तटबंध और आजमगढ़ में सरयू नदी पर निर्मित महुला गढ़वाल व जोकहरा तटबंध का कार्य पूर्ण। जोकहरा में क्षतिग्रस्त भाग का मरम्मत पूरा कर लिया गया। संतकबीरनगर समेत अन्य जिलों में भी कई कार्यों को मॉनसून पूर्व कर लिया गया। अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी व सहायक अभियंता भी नामित किए जा चुके हैं। जनप्रतिनिधियों संग मौके पर निरीक्षण का निर्देश सीएम ने पिछले दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अतिसंवेदनशील और संवेदनशील प्रकृति वाले जिलों में जिलाधिकारियों को सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, नगरीय निकाय के चेयरमैन/अध्यक्ष की उपस्थिति में बाढ़ से पहले निरीक्षण का निर्देश दिया था। आपदा प्रबंधन के लिए जिलों की अपनी कार्ययोजना होनी चाहिए। एनडीआरएफ/एसडीआरएफ के सहयोग से युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए। जिलाधिकारीगण जनप्रतिनिधियों के साथ संवेदनशील स्थलों का भौतिक निरीक्षण जरूर करें। समस्त अतिसंवेदनशील तटबंधों पर नामित प्रभारी अधिकारी 24×7 अलर्ट मोड पर हैं। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत् निगरानी की जाती रहे। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता लेकर इन्हें विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

बाढ़ से निपटने को जून में ही ‘सुकून’ देने को तत्पर योगी सरकार Read More »

गंगा के चंगा होने की चर्चा में योगी की अहम भूमिका

उत्तर प्रदेश | गंगा सिर्फ एक नदी नहीं है। इसका धार्मिक, वैज्ञानिक एवं आर्थिक महत्व भी है। हमारे धर्मशास्त्रों एवं पुराणों में गंगा के महात्म्य का खूब जिक्र किया गया है। इसे नदियों में श्रेष्ठ (नदिसू गंगा) के साथ मोक्षदायिनी, पतितपावनी कहा गया है। गंगा का सिर्फ धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक एवं आर्थिक महत्व भी है। हाल ही में जर्मनी में हुए एक शोध में पता चला कि गंगाजल स्नायु एवं जल जनित रोगों का नाशक है। कुछ समय पहले देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा एवं शोध संस्था आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) नई दिल्ली के एक शोध में भी गंगाजल की खूबियों का जिक्र किया गया। गंगा के अपवाह का अधिकतम हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है। निर्मल एवं अविरल गंगा के जरिये गंगा जल की ये खूबियां बनीं रहें, इसकी सर्वाधिक जवाबदेही उत्तर प्रदेश सरकार की है। नदी संस्कृति के मुखर पैरोकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पहले कार्यकाल से इसके लिए हर संभव प्रयास भी कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर गंगा के चंगा होने की चर्चा है। करीब छह महीने पहले कनाडा में संयुक्त राष्ट्रसंघ की ओर से आयोजित जैव विविधता सम्मेलन में “नमामि गंगे परियोजना” की सराहना की गई थी। स्वाभाविक है कि इस तरह की सराहना का सर्वाधिक श्रेय भी योगी को ही जाता है। धर्म के साथ अर्थ गंगा की परिकल्पना को साकार कर रही योगी सरकार हर संभव मौके पर योगी गंगा के धार्मिक, वैज्ञानिक एवं आर्थिक महत्व की चर्चा जरूर करते हैं। मसलन 30 दिसंबर 2022 को कोलकाता में आयोजित “राष्ट्रीय गंगा परिषद” की बैठक में उन्होंने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुसार गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के संरक्षण के साथ अर्थ गंगा की परिकल्पना को साकार करने का संभव प्रयास कर रहे हैं। इसके कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय स्तर पर पैदा होने वाले उत्पादों को व्यापक बाजार दिलाने एवं वहां तक सस्ते में परिवहन की सुविधा मुहैया कराने के लिए योगी सरकार वाराणसी से बलिया तक 15 जेटी (छोटे बंदरगाह) बनाने की घोषणा को गंगा को अर्थगंगा से जोड़ने के प्रयासों की ही एक कड़ी है। प्रदूषण से बचाने के लिए गंगा के तटवर्ती जिलों में जैविक खेती पर जोर यही नहीं गंगा को रासायनिक खादों एवं जहरीले कीटनाशकों से मुक्ति दिलाने के लिए तटवर्ती गावों के सभी जिलों में जैविक/प्राकृतिक खेती, गंगा वन के पीछे भी यही मकसद है। अनुपूरक बजट में भी गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए 2025 तक एसटीपी के सभी कार्यों को पूरा करने की बात सरकार की ओर से कही जा चुकी है। निर्मल एवं अविरल गंगा को जन आंदोलन बनाने के लिए हुई गंगा यात्रा निर्मल एवं अविरल गंगा की मुहिम एक जन आंदोलन बने, इसके लिए मुख्यमंत्री की पहल पर गंगा यात्रा भी निकाली जा चुकी है। उस यात्रा और योगी के लिए गंगा की अहमियत क्या है, यह इससे लगाया जा सकता है कि यात्रा के एक छोर (बलिया) की शुरुआत राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने की तो बिजनौर (उत्तर प्रदेश में गंगा का प्रवेश द्वार) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यात्रा की शुरुआत की। मुख्यमंत्री तो मीरजापुर, प्रयागराज और यात्रा के समापन के मौके पर कानपुर में भी इसके साझीदार बने थे। जाना तो उनको वाराणसी भी था, पर मौसम आड़े आ गया। इस यात्रा के पहले सरकार ने गंगा के तटवर्ती शहरों, कस्बों और गांवों के लिए जिन योजनाओं (गंगा मैदान, गंगा पार्क, औषधीय पौधों की खेती, गंगा नर्सरी, पौधरोपण, बहुउद्देशीय गंगा तालाब, जैविक खेती) की घोषणा की थी, अब उनपर तेजी से अमल हो रहा है। आस्था और अर्थ के इस संगम का लाभ गंगा की गोद में बसे करोड़ों लोगों को होगा। उनको सर्वाधिक, जिनकी आजीविका का साधन कभी गंगा ही हुआ करती रही। सरकार के प्रयासों से जैसे-जैसे गंगा निर्मल और अविरल होगी यह वर्ग खुशहाल होता जाएगा।

गंगा के चंगा होने की चर्चा में योगी की अहम भूमिका Read More »

सियालदह से अजमेर जा रही एक्सप्रेस ट्रेन में लगी आग, यात्रियों में मचा हड़कंप

कौशाम्बी | उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी रेलवे स्टेशन के पास सियालदह से अजमेर जा रही 12987 एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की सूचना से हड़कंप मच गया। राहत की बात यह रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। सियालदह अजमेर (12987) एक्सप्रेस में लगी आग शार्ट सर्किट से लगी ट्रेन में आग आग देख कर यात्रियों में मचा हड़कंप रेलवे कर्मचारियों ने आग पर पाया काबू कोखराज थाना इलाके के भरवारी रेलवे स्टेशन का मामला बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। आग लगने की सूचना पर ट्रेन को चेन पुलिंग रोका गया। इस दौरान यात्रियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में लोग खिड़की दरवाजे से कूदने लगे। फिलहाल आग पर काबू पर लिया गया है।

सियालदह से अजमेर जा रही एक्सप्रेस ट्रेन में लगी आग, यात्रियों में मचा हड़कंप Read More »