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उत्तर प्रदेश : PWD के 200 इंजीनियर्स का होगा डिमोशन, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ को लड़ाई जीतने में लगे 13 साल

लखनऊ | पीडब्ल्यूडी विभाग में 200 इंजीनियर अब साहब से जूनियर इंजीनियर बन जाएंगे। दरअसल, पीडब्ल्यूडी विभाग के 200 इंजीनियरों को डिमोट करने के आदेश हुए हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग में कई इंजीनियर वर्ष 2010 में नियम विरुद्ध प्रमोशन प्राप्त किए थे, इनको सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता पर प्रमोशन मिला था। डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने 13 साल तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। उच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति के परिप्रेक्ष्य में डिग्री-डिप्लोमा विवाद हेतु योजित 40 रिट याचिका के बंच की सुनवाई के लिए बनी विशेष बेंच में लगभग एक माह नियमित सुनवाई हुई। उसके बाद फैसला डिप्लोमा इंजीनियर संघ के पक्ष में आया। उच्च न्यायालय द्वारा डिप्लोमा इंजीनियर संघ की सभी रिट याचिकाओ को एलाऊ कर दिया गया है। शासन एवं विभाग द्वारा सहायक अभियंता पद पर दिनांक 2 अगस्त 2008 को की गई 95 नियम विरुद्ध प्रोन्नति को निरस्त कर दिया गया है। वर्तमान में अधिशासी अभियंता पद पर पदोन्नति प्राप्त कर चुके सभी पदावनत होंगे। इसी प्रकार सहायक अभियंता पद पर 3 जुलाई 2009 को की गई 27 नियम विरुद्ध प्रोन्नति को भी निरस्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त 5 फरवरी 2010 को 78 पदों पर की गई डीपीसी को भी निरस्त कर दिया गया है। कोर्ट के इस आदेश के लागू होने पर पीडब्ल्यूडी विभाग में इन 200 इंजीनियरों में कई इंजीनियर ऐसे हैं जो जिलों में अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के पद पर तैनात हैं। यानी कि कई इंजीनियर जिलों की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग की संभाल रहे हैं। अब यह सभी डिमोट हो कर जूनियर इंजीनियर हो जाएंगे। डिप्लोमा इंजीनियर संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने बताया कि डिप्लोमा होल्डर की जगह नियम विरुद्ध डिग्री होल्डर का प्रमोशन कर दिया गया था। जिसका हमने विरोध किया और यहां लंबी लड़ाई चली। डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने इस लड़ाई को हाईकोर्ट से लगाकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा, जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए निर्देश दिया है कि इन सभी दो सौ इंजीनियर को डिमोट किया जाए। अभी संबंध में शासन को भी हमारे साथ न्याय करना चाहिए और कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच में सुनवाई जारी थी, जिसने अपना फैसला हमारे पक्ष में दिया है।  

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फिरोजाबाद : गुनाह के 42 साल बाद मिली 90 साल के बुज़ुर्ग को आजीवन कारावास की सज़ा

फिरोजाबाद | उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिला जज हरवीर सिंह ने 42 साल पहले देश और प्रदेश में हड़कंप मचाने वाली 10 दलितों के नरसंहार मामले में सजा सुनाई है. इसमें शामिल आरोपी को आजीवन कारावास और 55 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है. अर्थदण्ड न देने पर 11 महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. यह मामला थाना शिकोहाबाद के ग्राम सादूपुर का है. पूरा मामला साल 1981 के दौरान फिजोराबाद में दस दलितों की निर्मम हत्या की गई थी. इस वारदात में दो अन्य लोग घायल हुए थे. इस मामले में दस आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. जब यह वारदात हुई थी, उस वक्त शिकोहाबाद थाना मैनपुरी जिले के अंतर्गत आता था और साल 1989 में फिरोजाबाद जिला घोषित होने के बाद यह फिरोजाबाद में शामिल हो गया. पुलिस ने विवेचना बाद दस आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इसके अलावा मुकदमा चलने के दौरान 9 आरोपियों की मौत हो चुकी है और एक आरोपी गंगा सहाय को दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई है, जिसकी उम्र 90 वर्ष है और वो गढ़ी दानसहाय थाना शिकोहाबाद का रहने वाला है. जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव उपाध्याय ने कहा कि मैनपुरी जिले में 1981 में 10 हरिजनों की निर्मम हत्या कर दी गई थी, इसमें दो महिलाएं घायल हुई थीं. 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उसके सारे आरोपियों की मौत हो चुकी है और एक जिंदा है. गंगा सहाय नाम के मुल्जिम को सजा हुई है. जिला शासकीय ने कहा कि माननीय जनपद न्यायाधीश के नेतृत्व में पुराने मुकदमों के त्वरित विचारण का जो अभियान चल रहा है, उसी क्रम में माननीय जिला अधिकारी महोदय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का इसमें योगदान है. इस मामले में मैंने पैरवी की है. यह मुकदमा कोर्ट के आदेश के बाद फिरोजबाद ट्रांसफर हुआ था. सरकार ने पूरे नहीं किये वादे गांव में रहने वाले राम मरोसी ने कहा कि मेरे घर के पांच लोग मारे गए थे और गांव में कुल दस लोग मारे गए थे. मेरे तीन बच्चे, भतीजे और भौजाई मारी गई थी. पीड़ितों के परिजन कहते हैं कि… नरसंहार में मेरे तीन भाई और बहन मारे गए थे. सरकार ने घोषणा की थी कि बच्चों के बालिग होने पर नौकरी दी जाएगी लेकिन सरकार ने कोई नौकरी नहीं दी. हम लोग मुख्यमंत्री के पास गए और शिकायत किए लेकिन आज हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई. बड़े-बड़े नेता आए थे उन्होंने भी कहा था कि बिजली फ्री देंगे…लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव में ही रहने वाले राम लोहित ने कहा कि वारदात के बाद बहुत सारी सुविधाओं की घोषणा की गई थी लेकिन कुछ नहीं दी गई है. कुछ सुविधाएं जो मिली भी थीं उन पर दबंग लोगों ने कब्जा कर रखा है. हॉस्पिटल के पास दुकानें मिली थीं, वो हमें नहीं मिल सकीं. नौकरी वगैरह सांत्वना के तौर पर दी गई थी, जिनको बाद में हटा लिया गया.

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प्रदेश की लाखों एमएसएमई को मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की एमएसएमई को पहचान देने के लिए एमएसएमई तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने पूरे प्रदेश में एमएसएमई उद्यम पोर्टल पर पंजीयन महाअभियान की शुरुआत की है। यह अभियान पूरे प्रदेश में 15 जून तक संचालित किया जाएगा। इसके माध्यम से प्रत्येक जिले में उद्योग निदेशालय एमएसएमई के पंजीकरण के लिए कैंप लगाएगा। साथ ही, एमएसएमई खुद भी पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकेंगे। इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश में कार्यरत एमएसएमई को पहचान दिलाने के लिए मंच प्रदान करना है, ताकि वो एमएसएमई के लिए योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। पंजीकरण के लिए सभी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पात्र होंगे। उल्लेखनीय है कि पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार अभी 14 लाख एमएसएमई पंजीकृत हैं, जबकि प्रदेश में बड़ी संख्या में एमएसएमई क्रियाशील हैं जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए पंजीकरण कराया जाना है। असंगठित क्षेत्रों में फैली हैं बहुत सी एमएसएमई एमएसएमई तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अधिकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 90 लाख से ज्यादा एमएसएमई क्रियाशील हैं, लेकिन इसके बावजूद पोर्टल पर सिर्फ 14 लाख एमएसएमई ही पंजीकृत हैं। ये सभी इकाइयां प्रदेश की जीडीपी में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देती हैं। प्रदेश सरकार द्वारा द्वारा इन सभी का उद्यम पंजीकरण करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अभियान की शुरुआत एक जून से 15 जून तक पूरे प्रदेश के समस्त जिलों में एक साथ प्रारंभ की गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि बहुत सारी एमएसएमई इकाइयां असंगठित क्षेत्र में फैली हैं। इस अभियान के प्रारंभ होने से पड़े पैमाने पर पंजीकरण से इकाइयों को सरकारी योजनाओं का लाभ एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। एमएसएमई इकाइयों को मिलेगी प्रदेश में पहचान योगी सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक एमएसएमई पोर्टल पर पंजीकृत हों और एमएसएमई से संबंधित योजनाओं का लाभ ले सकें। पंजीकरण से इन एमएसएमई को एक पहचान मिलती है, जो उनके उद्यम को संचालित करने में काफी महत्वपूर्ण होती है। इसके अलावा एक फैसिलिटेशन काउंसिल की भी व्यवस्था है, जिसमें भुगतान संबंधी विवादों का निपटारा किया जाता है। इसका लाभ पंजीकृत एमएसएमई को ही मिल सकेगा। इसमें सबसे बड़ी राहत ये है कि हमने सूक्ष्म उद्यमियों को 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा प्रदान करने की भी व्यवस्था की है, जिसे कैबिनेट से मंजूरी के बाद प्रदान किया जा सकेगा। इस सभी फायदों के बारे में बताकर गैर पंजीकृत एमएसएमई को पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पंजीयन के लिए ये उद्यम होंगे पात्र -सूक्ष्म उद्यम में उनका पंजीकरण होगा, जिनका पूंजी निवेश एक करोड़ तक तथा टर्न ओवर 5 करोड़ तक होगा। -लघु उद्यम के अंतर्गत वो उद्यम पात्र होंगे, जिनका पूंजी निवेश 10 करोड़ तक और टर्न ओवर 50 करोड़ तक होगा। -इसी तरह मध्यम श्रेणी में वही उद्यम पंजीकरण करा सकेंगे जिनका पूंजी निवेश 50 करोड़ और टर्न ओवर 250 करोड़ तक होगा। पंजीकरण से एमएसएमई को ये होगा लाभ -शीघ्र लागू होने वाली दुर्घटना बीमा योजना में 5 लाख तक का मुफ्त बीमा। -सरकारी क्रय में ईएमडी एवं सरकारी निविदाओं में छूट का लाभ। -बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सुगमता। -फैसिलिटेशन काउंसिल से लंबित देयों के भुगतान में सुगमता।

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सीएम योगी ने निर्धारित किए पैरामीटर्स, अच्छा प्रदर्शन करने वाले नगर निकाय होंगे पुरस्कृत

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों को और बेहतर बनाने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने इसके लिए स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, अच्छी सड़कों, सेफ सिटी और आत्मनिर्भरता जैसे पांच पैरामीटर्स निर्धारित किए। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के जो नगर निगम, नगर पालिका, एवं नगर पंचायत प्रथम आएंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन पांच पैरामीटर्स में अपने जनपद में प्रथम आने वाले नगर पंचायत को एक करोड़ रुपए, मंडल स्तर पर प्रथम आने वाले नगर पालिका को दो करोड़ और प्रदेश में प्रथम आने वाले नगर निगम को सरकार की तरफ से पांच करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। प्रदेश के इतिहास में पहली बार संपन्न हुआ निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सीएम योगी नवनिर्वाचित नगर निगमों के महापौर, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए गुरुवार को आयोजित एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला में सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने एक प्रतियोगिता की शुरुआत करते हुए बड़ी घोषणा की। सीएम योगी ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने न्यायालयों का सहारा लेकर नगर निकाय चुनाव में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास किया, लेकिन हमारी नगर विकास की टीम ने पूरी मजबूती के साथ डटी रही। एक-एक मुद्दे का निस्तारण किया। पहली बार प्रदेश में नगर निकाय का चुनाव ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट को लागू करते हुए संपन्न हुआ है। इतना निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव प्रदेश के इतिहास में पहली बार संपन्न हुआ हुआ। मोहल्लों में गठित करें स्वच्छता कमेटी सीएम योगी ने कहा कि जनता ने नगरीय जीवन के भाग्य विधाता के दायित्व के रूप में आपको चुना है। आपके बोर्ड के पास बहुत सी शक्तियां हैं, अगर इनका सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो आपके कार्यकाल को लंबे समय तक जनता याद रखेगी। आपके कार्यकाल को अविस्मरणीय बनाने के लिए ही इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि अमृत योजना, पीएम स्वनिधि योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रदेश के अंदर बहुत अच्छा कार्य हुआ है। आज प्रदेश के नगरों में एक कलर में दूधिया स्ट्रीट लाइट जगमगा रही हैं। स्वच्छता के कार्यक्रम को तेजी के साथ आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम अपने घर को साफ रखते हैं, वैसे ही हमारा नगर साफ रहे इसकी जिम्मेदारी हमारी है। हमें मोहल्ला स्वच्छता कमेटी का गठन करना चाहिए जो लोगों को स्वच्छता के विषय में जागरूक करें। पहली बार पीएम ने दिया स्मार्ट सिटी का विजन सीएम योगी ने कहा कि देश को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन हम सबके सामने है। आज दुनिया में जब भी कोई संकट आता है तो पूरा विश्व प्रधानमंत्री मोदी की तरफ आशा भरी निगाहों से देखता है। आज दुनिया की बड़ी से बड़ी ताकत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को स्वीकार कर रही है और उन्हें सम्मान दे रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। देश को पहली बार स्मार्ट सिटी का विजन भी इन्हीं वर्षों में मिला है। बरसात से पहले नाली और नाले डिसिल्ट कर लें सीएम योगी ने कहा कि हर घर नल के लिए सरकार पर्याप्त पैसा दे रही है। इसके लिए सभी नगर निकाय को अपनी कार्ययोजना बनानी चाहिए। कहीं भी सड़कों पर अतिक्रमण न होने पाए। आपकी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत सुगम यातायात की दृष्टि से अच्छे हों, इसके लिए पटरी दुकानदारों और टैक्सी स्टैंड की उचित व्यवस्था हो। बरसात से पहले नाली और नाले डिसिल्ट कर लिया जाए। मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग की व्यवस्था रहे। आवारा कुत्तों से मुक्त हों नगर सीएम योगी ने कहा कि निराश्रित गोवंश सड़कों पर न टहलें उन्हें कान्हा उपवन भेजा जाए। आवारा कुत्तों से नगर मुक्त हो इस पर ध्यान दिया जाए। रोजगार की तलाश में आने वाले लोगों के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था रहे। सड़क पर कोई भीख न मांगे इसके लिए भीख मांगने वालों को शासन की योजनाओं से जोड़ते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाए। हर नगर निकाय के पास जमीन होती है। उस पर कोई कब्जा न करने पाए। उनका उपयोग मल्टीलेवल पार्किंग और पटरी दुकानदारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए करें।

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लखनऊ : इटौंजा थाना क्षेत्र के एनएच 24 हाईवे पर भीषण सड़क हादसा, साइकिल में जा भिड़ी मोटरसाइकिल

उत्तर प्रदेश | लखनऊ इटौंजा थाना क्षेत्र के एनएच 24 हाईवे पर लखनऊ से सीतापुर जा रहा मोटरसाइकिल सवार साइकिल में जा टकराया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हाईवे पर जा रहे मोटरसाइकिल सवार ने जब उलटी तरफ से आ रही साइकिल को बचाने की कोशिश की तभी ये सड़क हादसा हुआ। हादसे में मोटरसाइकिल के गड्ढे में पलटने की वजह से मोटरसाइकिल पर सवार पति और पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद राहगीरों की सूचना पर एनएच 1033 वालों की मदद से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में डाक्टरों ने घायल युवक को ट्रामा सेंटर रेफर किया। घायल की स्थिति नाजुक बनी हुई है। इटौंजा थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है।

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UP News : नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़ा, बिना प्रवेश परीक्षा के बीएससी में ले दिया दाखिला

उत्तर प्रदेश | कई प्राइवेट कॉलेजों में फर्जीवाड़े से छात्रों को नियम विरुद्ध दाखिला दे दिया गया है। करीब 110 ऐसे छात्रों को भी दाखिला दे दिया गया है, जिन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी ही नहीं है। मामले में जांच शुरू हो गई है। प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में दाखिले में फर्जीवाड़ा सामने आया है। कई निजी कॉलेजों में मनमाने तरीके से नियम विरुद्ध दाखिला दे दिया गया है। करीब 110 ऐसे छात्रों को भी दाखिला दे दिया गया है, जिन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी ही नहीं है। मामले में जांच शुरू हो गई है। सभी नर्सिंग कॉलेजों से दाखिला लेने वाले छात्रों का नए सिरे से ब्योरा मांगा गया है। ऐसे कॉलेजों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी है। डीजीएमई कार्यालय के भी कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। प्रदेश में नर्सिंग की करीब 13 हज़ार सीटें हैं। प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या करीब तीन सौ है जिसमे 24 सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं। हले निजी नर्सिंग कॉलेज इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्रों को अपने स्तर से दाखिला देते थे। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से वर्ष 2022-23 में बीएससी नर्सिंग के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था बनाई गई। एसजीपीजीआई को छोड़ कर अन्य सभी सरकारी एंव निजी कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग में दाखिले के लिए अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय ने केजीएमयू के सहयोग से संयुक्त लिखित प्रवेश परीक्षा कराई। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीएमई) ने काउंसिलिंग के जरिए मेरिटवार कॉलेजों को छात्र आवंटित किए। दाखिला लेने वाले छात्रों का विवरण अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय को भेज दिए गए। मई माह में नर्सिंग कॉलेजों से वार्षिक परीक्षा संबंधित आवेदन पहुंचे। चिकित्सा विश्वविद्यालय ने परीक्षा आवेदन पत्रों और काउंसिलिंग की सूची का मिलान किया तो फर्जीवाड़ा सामने आया। बवाल तब मचा जब पता चला की काउंसिलिंग के अलावा करीब डेढ़ हजार से अधिक छात्रों के आवेदन आए हैं। इसके बाद वार्षिक परीक्षा स्थगित कर दी गयी। ऐसे में पूरे मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। डीजीएमई ने प्रदेश के सभी कॉलेजों से नए सिरे से दाखिला लेने वाले छात्रों का विवरण मांगा है। बिना परीक्षा मिला दाखिला सूत्रों की मानें तो कई निजी कॉलेजों ने ऐसे भी छात्रों को दाखिला दे दिया है, जिन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी ही नहीं है। अभी तक इनकी संख्या करीब 110 पकड़ में आई है। इसी तरह करीब 137 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने काउंसिलिंग के दौरान तय किए गए कॉलेज में दाखिला लेने के बजाय मनचाहे कॉलेज में दाखिला ले लिया है। इन दोनों कैटेगरी के छात्रों को वार्षिक परीक्षा से रोक दिया गया है पड़ताल के घेरे में डीजीएमई कार्यालय के कर्मचारी पहली नज़र में जांच के दौरान डीजीएमई कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की गलती भी सामने आई है। ऐसे में इस बात की पड़ताल की जा रही है कि निजी कॉलजों से सांठगांठ करके दाखिले की कवायद तो नहीं की गई है। क्योंकि कई कॉलेजों में निर्धारित तिथि के बाद भी दाखिले हुए हैं। ऐसे में विभागीय भूमिका की भी जांच करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में डीजीएमई कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है। क्या कहते हैं जिम्मेदार जिन छात्रों ने पूरी प्रक्रिया का पालन किया है और डीजीएमई कार्यालय की ओर से जिन्हें दाखिले की अनुमति दी गई है, उन्हीं छात्रों को वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। -डॉ. संजीव मिश्रा, कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय कॉलेजवार मौजूद मेरिट लिस्ट से मिलान किया जा रहा है। जिन छात्रों की गलती नहीं होगी, उन्हें परीक्षा देने की अनुमति दिलाई जाएगी। जिन लोगों ने बिना प्रवेश परीक्षा के दाखिला लिया है, उसके लिए संबंधित कॉलेज जिम्मेदार हैं। ऐसे कॉलेजों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। -किंजल सिंह, डीजीएमई

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जालौन के एक गांव के दरोगा का बेटा बना यूपी पुलिस चीफ, गांव में जश्न का माहौल

जालौन । उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड के जालौन जिले के एक दरोगा का बेटा आज यूपी पुलिस का चीफ बन गया है। जालौन के सतोह गांव निवासी विजय कुमार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है। 1988 बैच के आईपीएस विजय कुमार इस वक्त डीजी सीबीआईडी के पद पर काम कर रहे थे। आरके विश्वकर्मा के रिटायर होने के बाद विजय कुमार की ताजपोशी की गयी है। विजय कुमार के यूपी पुलिस चीफ की कुर्सी पर बैठने के बाद उनके पैतृक गांव सतोह में जश्न है। उनका परिवार इसी गांव में रहकर अपने जीवन की तरक्की के रास्ते को तय करके यहां तक पहुंचा है। विजय कुमार के पिता रामप्रसाद उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा थे, उस वक्त उन्हें क्या पता था कि एक दिन उनका बेटा विजय उसी फोर्स का नेतृत्व करेगा जिसकी सेवा उन्होंने की। विजय कुमार के पिता रामप्साद कानपुर में पुलिस इंस्पेक्टर भी रहे थे।

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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में मुस्मिल पक्ष को झटका, याचिका ख़ारिज

यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी वाराणसी की तरफ से दाखिल पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दिया है। प्रयागराज | वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद-आदि विश्वेश्वर मंदिर विवाद आज नया मोड़ आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जेजे मुनीर आज ज्ञानवापी मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष के द्वारा दायर की गई याचिका को ख़ारिज कर दिया है। मजिस्ट्रेट ने दोपहर में लंच के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच फैसला सुना दिया है। इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद का केस लड़ रही अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दी थी। इस याचिका में वाराणसी के जिला जज की अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। इसी पर हाईकोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित किया था। मगर आज हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। शृंगार गौरी केस में राखी सिंह और 9 अन्य हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं ने वाराणसी में जिला जज की अदालत में वाद दाखिल किया था। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इस पर आपत्ति जताई थी। जिसे जिला जज के कोर्ट ने रद्द कर दिया था। जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था। मस्जिद कमेटी ने पिछले साल 12 सितंबर को जिला जज के कोर्ट से हुए फैसले को रद्द करने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट से की है। मुस्लिम पक्ष ने दलील दी है कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और 1995 के सेंट्रल वक्फ एक्ट के तहत हिंदू पक्ष का वाद सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का मसला सुलझाने के लिए वाराणसी के जिला जज को केस सुनने का जिम्मा दिया है। इससे पहले केस सिविल जज सीनियर डिविजन के यहां चल रहा था। सिविल जज सीनियर डिविजन ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का कमिश्नर सर्वे कराया था। जिसमें वजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। इसके अलावा मंदिर के अन्य सबूत भी होने का दावा किया गया था। जिसको मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद केस वाराणसी के जिला जज को ट्रांसफर किया गया था।

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डेन्टो केयर में तम्बाकू के खिलाफ जागरूकता कार्यशाला का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ

उत्तर प्रदेश | डेन्टो केयर में तम्बाकू के खिलाफ जागरूकता कार्यशाला सम्पन्न हुई। इस कार्यक्रम में डेन्टो केयर के डॉक्टर्स प्रो. डॉ. गौरी मिश्रा व डॉ. अभिनव मिश्रा ने बताया कि, तम्बाकू किसी भी रुप में हानिकारक है, चाहे वो धूम्रपान से हो या बिना धूम्रपान से (सिगरेट, बीड़ि, चबाने वाला तम्बाकू आदि) हर बार सिगरेट के सेवन से जीवन छोटा होता जाता है। अगर आप तम्बाकू का प्रयोग करते है तो आपकी ओरल कैविटी क्षतिग्रस्त हो सकती है। मुंह के अन्दर किसी भी प्रकार से रंग का बदलना जैसे सफेद, लाल, भूरे धब्बे आदि दिखे तो तुरन्त डेन्टिस्ट से सम्पर्क करें। खाने में दिक्कत, मुंह कम खुलना, मुंह में जलन, छाले यह सब कैंसर के लक्षण हो सकते है। मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण तम्बाकू है। सरकार द्वारा काफी प्रयासों के व तम्बाकू बेचने के कड़े नियमों के बाद भी इस पर काबू पाना मुश्किल है। इस कार्यशाला में करीब 50 दंत चिकित्सक विद्यार्थी एवं कैंसर पीड़ित मरीज़ और उनके परिजन शामिल रहे। प्रो. डॉ. गौरी मिश्रा को करीब 20 वर्षाें से मुंह कैंसर सम्बन्धित कार्याें का अनुभव है। पिछले 15 वर्षों से वह डॉ अभिनव मिश्रा के साथ समय-समय पर इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन करती रहती है। डॉ अभिनव मिश्रा ने बताया कि हमारी कोशिश रहती है कि तम्बाकू से होने वाली सभी बीमारियों को शुरुआती समय पर पकड़ लिया जाये एवं इलाज द्वारा उसे कैंसर में बदलने से रोका जा सके। यह कोशिश डेन्टो केयर के सभी डॉक्टर्स व स्टाफ की रहती है। प्रो. डॉ. गौरी मिश्रा ने बताया कि, जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें से कुछ सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता भी खो देते हैं, उनके पास व्यायाम और खेल के लिए भी स्टेमिना नहीं रहता है और उनसे बदबू भी आ सकती हैं। लंबे समय तक धूम्रपान करने के बाद, लोगों को लगता है कि उनकी त्वचा तेजी से बूढ़ी हो रही है और तंबाकू चबाने से उनके दांत विकृत हो जाते हैं या भूरे रंग के हो जाते हैं। प्रारम्भिक निदान और समय पर उपचार जीवन बचा सकता है। अगर सही समय पर इसकी पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाये, तो कैंसर सिर्फ काबू मंे ही नही बल्कि कई मामलों में पूरी तरह ठीक भी हो सकता है। प्रो. डॉ. गौरी मिश्रा ने बताया कि तंबाकू पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है रसायनों, जहरीले कचरे, सिगरेट बट्स के साथ, जिसमें माइक्रोप्लास्टिक और ई-सिगरेट का कचरा शामिल है। ‘‘इसके पर्यावर्णीय नुकसान होते है।’’

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टोल टैक्स करेगा जेब हलकी : इस हाईवे से गुजरने पर झेलनी पड़ेगी महंगाई की मार, देखें Toll Tax की नई लिस्ट

मेरठ में दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वालों की जेब एक बार फिर से ढीली होगी। वेस्टर्न यूपी टोल प्लाजा एक जुलाई से टोल टैक्स बढ़ाने जा रही है, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। एनएचएआई की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। एनएच-58 पर सिवाया गांव के पास में वेस्टर्न यूपी टोल प्लाजा टोल टैक्स की वसूली करती है। कंपनी एक जुलाई से बढ़ा टैक्स वसूलेगी। कार और जीप पर कम से कम 10 रुपये और बस व ट्रक पर 15 और मल्टीएक्सल वाहन पर 30 रुपये तक अतिरिक्त टोल देना पड़ेगा। लोकल टैक्स भी बढ़ाने की तैयारी है। वर्तमान में लोकल टैक्स 25 रुपये है, जिसमें पांच रुपये की बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में टोल प्लाजा पर आने और जाने की 14 लेन हैं और हाईवे से प्रतिदिन औसतन 30 से 35 हजार वाहन निकलते हैं। वीकेंड पर यह संख्या 40 हजार के पार हो जाती है। टोल टैक्स बढ़ाने का कोई नियम नहीं टोल प्लाजा पर टैक्स बढ़ाने का कोई नियम नहीं है। 2012 में कंपनी ने एक साल में तीन बार टैक्स बढ़ाया था। पिछले साल जुलाई में टोल टैक्स बढ़ाया गया था। कार-जीप के 95 से 110, बस/ ट्रक के 335 से 385 और मल्टी एक्सल वाहन का टैक्स 585 से 620 रुपये किया गया था। लोकल की दरें 20 से बढ़ाकर 25 रुपये कर दी थीं। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि गजट के अनुसार, बढ़ रही महंगाई को देखते हुए टोल बढ़ाया जाता है। वर्तमान दरें कार/जीप 110 बस/ ट्रक 385 मल्टी एक्सल वाहन 620 लोकल 25 टोल की संभावित दरें रुपये में कार -जीप 120 ट्रक/बस 400 मल्टी एक्सल वाहन 650 लोकल 30 कंपनी एनएचएआई के निर्देश पर ही टोल की बढ़ोतरी करती है। प्रस्ताव एनएचएआई को भेजा जा रहा है। वहां से निर्देश मिलने के बाद ही टोल टैक्स बढ़ाया जाएगा। एक जुलाई से बढ़ी दरें लागू होंगी। – प्रदीप चौधरी, प्रबंधक सिवाया टोल प्लाजा

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