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Uttar Pradesh

स्कूलों में बच्चों के शोषण पर योगी सरकार सख्त, जारी की गाइडलाइंस

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छात्रों की शिक्षा के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर भी संवेदनशील है। इसी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए तय गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के खिलाफ होने वाली घटनाओं के संबंध में 2015 में एक विस्तृत गाइडलाइंस तैयार की गई थी। अब योगी सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से इस गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने को कहा है। सभी बीएसए को जारी किए गए निर्देश राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गाइडलाइंस का पालन किया जाए। साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। गाइडलाइंस जारी करने का उद्देश्य प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा संरक्षित करने तथा बाल अपराध एवं असंवैधानिक कृतियों की रोकथाम और स्कूल जाने वाले बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से रक्षा करना है। साथ ही इसमें शैक्षणिक संस्थानों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया गया है। स्कूल कैंपस समेत सभी जगह सुरक्षित माहौल के लिए दिए गए सुझाव गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय प्रबंधतंत्र/स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं प्रधानाचार्यो का यह दायित्व है कि विद्यालय परिसर में या विद्यालय आते-जाते अथवा विद्यालय से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का वातावरण तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे और छात्र/छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक/मानसिक एवं यौन शोषण न हो। इसमें विद्यालय प्रांगण को सुरक्षित बनाने के लिए भी कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इसमें स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन की अनिवार्यता रखी गई है। साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए। प्रत्येक बस में दो टीचर की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे। इसके अलावा शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का व्यवहार संतुलित हो, इस संबंध में भी व्याख्या की गई है। बच्चों में परस्पर समन्वय एवं जागरूकता के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश हैं, जबकि विभिन्न संस्थाओं की मदद लेने और अन्य उपायों की जानकारी दी गई है।

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इस बार भी टूटेगा पौधरोपण का रिकॉर्ड, एक दिन में 35 करोड़ पौधरोपण का योगी सरकार का लक्ष्य

लखनऊ | प्रदेश में हरियाली बढ़ाने, बेहतर आबोहवा एवं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बारिश के आगामी सीजन में योगी सरकार एक बार फिर एक दिन में पौधरोपण का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगी। इस बार लक्ष्य एक दिन में 35 करोड़ पौधरोपण का है। पौधरोपण की नोडल एजेंसी वन विभाग की निगरानी में सरकार के 27 विभाग मिलकर रिकॉर्ड पौधरोपण के इस अभियान को सफल बनाएंगे। संबंधित विभागों को कितना पौधरोपण करना है, इसका लक्ष्य पहले से तय है। पौधरोपण के लिए वन विभाग एवं उसकी देखरेख में कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) की नर्सरियों में करीब 54 करोड़ स्वस्थ्य पौधे तैयार हैं। जुलाई में किसी दिन चलेगा पौधरोपण का यह महाअभियान किस दिन पौधरोपण का यह रिकॉर्ड बनेगा, यह समय अभी तय नहीं है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार मानसून के रुख को देखकर यह तय होगा। अधिक उम्मीद इस बात की है कि जुलाई में किसी दिन यह महाअभियान चलेगा। ऐसा इसलिए कि पर्याप्त मात्रा में नमी मिलने से रोपे गये पौधों में से अधिकतम का सर्वाइवल हो। उल्लेखनीय है कि अपने पहले कार्यकाल से ही प्रदेश में हरीतिमा बढ़ाने एवं इससे होने वाले अन्य दूरगामी लाभों के मद्देजर योगी सरकार का जोर अधिक्तम पौधरोपण पर रहा है। इस क्रम में अब तक अपने पहले कार्यकाल में प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए हर साल रिकॉर्ड पौधरोपण के क्रम में 100 करोड़ से अधिक का पौधरोपण हुआ। इसका नतीजा भी सामने है। 8 साल में वनावरण का क्षेत्र 8.82 से बढ़कर 9.23 फीसद हुआ स्टेट ऑफ फारेस्ट की रिपोर्ट 2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 9.23 फीसद हिस्से में वनावरण है। 2013 में यह 8.82 फीसद था। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के दौरान कुल वनावरण एवं वृक्षावरण में 91 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2030 तक सरकार ने इस रकबे को बढ़ाकर 15 फीसद करने का लक्ष्य रखा है। योगी-2.0 में 175 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए योगी सरकार-2.0 ने अगले पांच साल में 175 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा है। इस क्रम में पिछले साल भी 35 करोड़ पौधे लगाए गए थे। इस साल और इसके अगले चार साल के लिए लिए भी 35-35 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य है। देखें तो यह लक्ष्य बहुत बड़ा है। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग पौधरोपण से जुड़ें। यह जन आंदोलन बने।नवग्रह वाटिका, नक्षत्र वटिका, पंचवटी, गंगावन, अमृतवन जैसी योजनाओं के पीछे भी यही मकसद है। बरगद, पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे देशज पौधों को मिलेगी वरीयता सरकार की मंशा है कि वर्षा काल में जो पौधरोपण हो वह संबंधित क्षेत्र के एग्रो क्लाइमेट जोन (कृषि जलवायु क्षेत्र) के अनुसार हो। अलग-अलग जिलों के लिए चिन्हित 29 प्रजाति और 943 विरासत वृक्षों को केंद्र में रखकर पौधरोपण का अभियान चलेगा। इसमें राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के साथ देशज पौधे पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे औषधीय पौधों को वरीयता दी जाएगी। पर्यावरण सेनानियों की भी होगी महत्वपूर्ण भूमिका इस अभियान को सफल बनाने में पर्यावरण सेनानियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पर्यावरण सेनानी में कृषक एवं प्रधानमंत्री सम्मान के लाभार्थी, गंगा प्रहरी, सशक्त बल, महिलाएं, दिव्यांग, कम आय समूह, दृष्टिबाधित, मनरेगा जॉब कार्ड धारक, स्वयंसहायता समूह, ग्राम स्तरीय एवं नगर विकास कर्मी, वनकर्मी, आदिवासी-वनवासी, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लाभार्थी, शिक्षक-विद्यार्थी और महिलाएं शामिल हैं।

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UP will play a crucial role in making India the world’s largest economy: CM Yogi

Lucknow | Chief Minister Yogi Adityanath unveiled the statue of Madhavrao Scindia on Friday at the ScindiaTiraha in Mainpuri. Speaking on the occasion, the Chief Minister stated that everyone was shocked by his untimely death in 2001 because he was a rising star in the nation’s politics. “People from every caste, creed, religion, sect, and political party gathered to pay their heartfelt tributes to him.” Stating that UP has progressed under the guidance of Prime Minister Narendra Modi, the Chief Minister said, “In the last 6 years the network of highways, expressways, and roads is being laid at the same speed with which air connectivity has progressed in the state.” Earlier, benefits were only provided to a select group of people, but now all poor people are receiving benefits from government schemes without any discrimination, he added. The Chief Minister informed that in six years, free houses have been given to 54 lakh poor people, and 1,21,000 ‘majras’ have been electrified in the state. “In every district of the state, new opportunities for skill development and employment are being provided by linking the institution with the industry,” the chief minister said. The relationship between Gwalior and Gorakhpur is centuries old: Yogi Assuring the people of Mainpuri, the CM said, “The government is working toward a zero-tolerance policy to get rid of corruption and corrupt people. Our goal is to establish India as the world’s largest economy by associating with Prime Minister Modi’s resolutions.” Besides, the foundation stones of several development projects worth Rs 411.49 crores were laid down while some other projects were dedicated to the people. Of these, the CM inaugurated 23 industrial projects worth Rs 238.30 crore and laid the foundation stone of 40 development projects worth Rs 173.19 crore. Union Minister Jyotiraditya Scindia said that the Scindia family’s relationship with Mainpuri is 250 years old. “During the historical period, when foreign forces were encroaching on India and the Rohilla Afghans launched a campaign to oppress this area, my forefather Dattaji Maharaj Scindia and after him, Maharishi Maharaj worked to preserve the unity and integrity of ‘Mother India’ in this entire region.” It was 1770, and the Rohilla Afghans terrorized not only Mainpuri but also Etawah, Meerut, Budaun, and Nazirabad. The task of uprooting them was carried out by the Scindia family’s ancestors. A strong bond exists between this land and the Scindia family. While the Scindia family liberated this area, my father breathed his last on this soil, he said. Under the leadership of CM Yogi, ‘gundaraj’ and ‘mafia raj’ have been completely eradicated in UP: Jyotiraditya Scindia Under the leadership of the prime minister and CM Yogi, Uttar Pradesh is quickly advancing toward development and progress, he said, adding that Uttar Pradesh is the shining star of India and has firmly established its presence on the international stage. The “goondaraj” and “mafiaraj,” which existed in the state prior to the year 2017, have been completely eradicated under the direction of CM Yogi.

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द इण्डियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट (यूपी कॉन) नेशनल कॉन्फ्रेन्स में सम्मानित हुए डॉ अमित मिश्रा

उत्तर प्रदेश | द इण्डियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट उत्तर प्रदेश ब्रांच द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस यू.पी. कॉन 2022 का आयोजन 18 सितंबर (रविवार) को गाजियाबाद में सफलतापूर्वक किया गया, जहां देश के अनेक हिस्सों से आए जाने माने फिजियोथेरेपिस्टों ने हिस्सा लिया। कान्फ्रेंस में कानपुर शहर के टच एण्ड क्योर फिजियोथेरेपी क्लीनिक के डायरेक्टर डॉक्टर अमित मिश्रा को फिजियोथेरेपी चिकित्सा के क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आउटस्टैन्डिंग एचीवमेन्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया । यह सम्मान उन्हें आई. ए. पी. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजीव झा व डॉ सुदीप सक्सेना द्वारा दिया गया। कांफ्रेंस का आयोजन मुख्य रूप से आई. ए. पी. गाजियाबाद ब्रांच द्वारा किया गया, मुख्य आयोजक डॉ जोजी जोन्स, डॉ दिनेश समुझ, डॉ पवन सैनी, डॉ के के शर्मा, डॉ रुची वाश्ने व अन्य उपस्थित रहें। खलासी लाइन स्थित टच एण्ड क्योर क्लीनिक के डारेक्टर डॉ. अमित मिश्रा ने बताया आज के समय की बदलती दुनिया जिसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ गया है जिससे स्पाइन से जुड़ी समस्यायें जैसे गर्दन में दर्द, सर में दर्द, चक्कर आना, गर्दन से हाथों तक दर्द आना आदि है। मोटापे, खराब सड़को व गलत जीवन शैली के चलते कमर में दर्द, स्लिपडिस्क, कमर से नीचे पैरों तक दर्द आना, झनझनाहट, सुन्नपन आना, ऑर्थराइटिस घुटने के दर्द व कंधे के दर्द जाम होने इन सभी शारीरिक समस्याओं से निजात पाने में फिजियोथेरेपी चिकित्सा का योगदान काफी बढ़ गया है।

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प्रमुख मार्गों से जोड़े जाएंगे उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल

लखनऊ। एक्सप्रेसवे अब उत्तर प्रदेश की नई पहचान बन चुके हैं। प्रदेश सरकार एक्सप्रेसवे के साथ-साथ राजमार्गों एवं अन्य प्रमुख मार्गों को भी रफ्तार देने का काम तेजी से कर रही है। प्रदेश के महत्वपूर्ण राजमार्गों, सेतुओं और मार्गों पर प्रवेश द्वार की स्थापना एवं अन्य सौंदर्यीकरण के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से 5.45 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। यह राशि लोक निर्माण विभाग को चालू 14 कार्यों के लिए जारी की गई है। खास बात ये है कि इसके तहत प्रदेश के तमाम धार्मिक स्थलों को प्रमुख मार्गों से जोड़ा जाए। गौरतलब है कि बीते 5 साल में योगी सरकार ने प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक्सप्रेसवे के साथ प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए थे। – योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उपेक्षित धार्मिक स्थलों को प्रमुख मार्गों से जोड़ने की योजना – विभिन्न जनपदों में जारी 14 कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से जारी की गई 5.45 करोड़ रुपए की राशि – प्रमुख मार्गों का हो रहा चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण, मार्गों और सेतु पर बन रहे प्रवेश द्वार उपेक्षित धार्मिक स्थलों को मिलेगी नई पहचान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग बीते कई दिनों से प्रदेश के तमाम धार्मिक स्थलों को प्रमुख मार्गों से जोड़ने के लिए काम कर रहा है। वित्त विभाग द्वारा जारी इस राशि से इस काम में भी तेजी आने के आसार है। इनमें से बहुत सारे वो धार्मिक स्थल हैं, जो पहले की सरकारों की अनदेखी के चलते जीर्ण क्षीण अवस्था में थे। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रमुख धार्मिक स्थलों के साथ-साथ उपेक्षित इन धार्मिक स्थलों पर के नवीनीकरण पर भी ध्यान दिया है। कानपुर, सोनभद्र, आगरा, वाराणसी, बलिया, लखनऊ, चंदौली, सिद्धार्थ नगर, सहारनपुर और चित्रकूट जैसे जनपदों में कई धार्मिक स्थल हैं, जिन्हें प्रमुख मार्गों से जोड़ा जाना है। इसके लिए प्रदेश के वित्त विभाग की ओर से 5 करोड़ 45 लाख और 10 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इससे पहले भी जुलाई में 32 चालू कार्यों हेतु 19 करोड़ 57 लाख 44 हजार की धनराशि का आवंटन किया गया था। इन 32 चालू कार्यों में जनपद अलीगढ़, पीलीभीत, गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी तथा प्रयागराज के कार्य शामिल हैं। मार्गों पर बनेंगे प्रवेश द्वार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश में धन आवंटन की जानकारी दी गई है। इसके तहत, प्रदेश में कई जनपदों में मार्गों पर प्रवेश द्वार का भी निर्माण होगा, जबकि कई मार्गों के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण का भी काम किया जाएगा। प्रदेश सरकार कई राजमार्गों का भी चौड़ीकरण करा रही है। राजमार्गों पर तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ी है, जिसके चलते रफ्तार में कमी आई है। योगी सरकार इन राजमार्गों पर वाहनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए कार्यरत है। इसके लिए राजमार्गों पर कई ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं, चौड़ीकरण के लिए समीप की भूमि का अधिग्रहण हो रहा है व अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है।

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सीएम योगी करेंगे यूपी के पहले फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास

आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही ताजनगरी को फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स का तोहफा देने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में पहली बार फ्लैटेड फैक्ट्री बनाई जा रही है। आगरा के फाउंड्री नगर में बनने वाली यह फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स करीब 125 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शारदीय नवरात्र में इस फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास करेंगे। यहां एक ही छत के नीचे 200 उद्यमी अपनी फैक्ट्रियां लगा सकेंगे। – आगरा के फाउंड्री नगर में बनेगा बहुमंजिला फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स -नवरात्र में मुख्यमंत्री देंगे शहर के उद्यमियों को अनोखी सौगात -करीब 125 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार होगा कॉम्प्लेक्स -एक ही छत के नीचे 200 उद्यमी स्थापित कर सकेंगे अपनी फैक्ट्रियां 21500 वर्ग मीटर जमीन में बनेगा कॉम्प्लेक्स यूपी की पहली फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स के लिए आगरा के इंडस्ट्रियल एरिया में 21500 वर्ग मीटर जमीन चुनी गई है। फाउंड्री नगर में बनने वाली इस बहुमंजिला इमारत में करीब 4 लाख वर्ग फीट कंस्ट्रक्शन एरिया होगा। इसमें ग्राउंड फ्लोर समेत कुल 4 मंजिल होंगी। प्रत्येक मंजिल में एक लाख वर्ग फीट कंस्ट्रक्शन एरिया होगा। इसमें 9 लिफ्ट लगाई जाएंगी। इस फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में 200 उद्यमी अपनी इकाई लगा सकेंगे। पूरी तरह इको फ्रेंडली होगा फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स इसमें फायर सेफ्टी का पूरा इंतजाम किया जाएगा। यह फैक्ट्री पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगी। इसके साथ ही तीन मेगावाट का सब स्टेशन, जल संचयन समेत कम पानी खपत के लिए यूरीनल बनाए जाएंगे। इसके अलावा सोलर एनर्जी की व्यवस्था भी रहेगी। एक ही स्थान में मिलेंगी तमाम सुविधायें उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग ने बताया कि आगरा में बनने जा रही फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में उद्यमी आते ही अपना काम शुरू कर सकता है। यहां सिर्फ उसे अपनी मशीनरी लगाकर प्लग ऑन करना है, इसके साथ ही उनका उत्पादन शुरू जायेगा। उन्होंने बताया कि उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए बड़े-बड़े प्लॉट की आवश्यकता होती है। उसके बाद प्रदूषण विभाग, बिजली कनेक्शन, समेत अन्य तमाम विभागों से अनुमति लेनी होती है। इसमें उद्यमियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बिना परेशानी और कम बजट में उद्यमी अपनी फैक्ट्री लगा सकें और उन्हें एक ही स्थान पर सभी सुविधायें मिल सके, इसके लिए यह प्रयास किया गया है। साथ ही बैंक ऋण व अन्य सभी सुविधाओं के साथ प्रदेश का पहला फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स आगरा में बनाया जा रहा है। गारमेंट इंडस्ट्री और नए स्टार्टअप को मिलेगी प्राथमिकता राकेश गर्ग ने बताया कि यह पूरा प्रोजेक्ट 125 करोड़ रुपए का है। उद्यमियों को वास्तविक लागत मूल्य पर फैक्ट्री की जगह उपलब्ध कराई जाएगी। इस फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में व्हाइट कैटेगरी के उद्योग जैसे गारमेंट इंडस्ट्री समेत नए स्टार्टअप संचालकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत यहां पर गारमेंट इंडस्ट्री को विकसित किया जाएगा। निर्माता और खरीदार दोनों के समय की होगी बचत इसको लेकर आगरा के गारमेंट्स उद्यमियों में भी उत्साह दिखाई दे रहा है। आगरा रेडीमेड गारमेंट्स संगठन के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि इस कॉम्प्लेक्स के बनने से निर्माता और खरीदार दोनों के समय की बचत होगी। इसमें आगरा आने वाले खरीदार सभी उद्यमियों के उत्पादों को एक ही स्थान पर देखकर ऑर्डर दे सकेगा। उसे हर फैक्ट्री में घूमना नहीं पड़ेगा।

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शौर्य और पराक्रम के बिना शांति और सौहार्द संभव नहीं: मुख्यमंत्री योगी

रायबरेली, 24 अगस्त: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शांति और सौहार्द बिना शौर्य और पराक्रम संभव नहीं है। उन्होंने कहा है कि आज जबकि हमने आजादी के शताब्दी वर्ष के भारत को समृद्ध और सशक्त देश के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है तो यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह सकारात्मक सोच के साथ अपनी क्षमता और प्रतिभा का देशहित में योगदान करे। प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय जिस तरह पूरा देश एकजुट होकर सामने आया था, एक बार फिर उसी एकजुटता की जरूरत है। दुनिया का नेतृत्वकर्ता होगा शताब्दी वर्ष का भारत, हर व्यक्ति को करना होगा योगदान: सीएम योगी राना बेनीमाधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती पर सीएम योगी ने किया कृतज्ञता भाव समर्पण पूर्ण स्वाधीनता के 90 वर्ष पूर्व अवध को आजादी का अहसास कराने वाले नायक थे अवध केसरी: सीएम मुख्यमंत्री योगी, बुधवार को 1857 की लड़ाई के अमर नायक राना बेनीमाधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती पर रायबरेली में आयोजित भाव समर्पण कार्यक्रम में जनता को संबोधित कर रहे थे। ‘अवध केसरी’ के नाम से विख्यात राना बेनीमाधव बख्श सिंह की वीरता और शौर्य को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राना बेनीमाधव जी ने देश को पूर्ण आजादी मिलने से 90 वर्ष पहले ही पूरे अवध को आजादी का अहसास करा दिया था। चुनौतियों का सामना करने के लिए सामाजिक एकजुटता का महत्व बताते हुए सीएम ने कहा कि 1857 से पहले भी स्वतन्त्रता की लड़ाई चल रही थी। महाराणा प्रताप, वीर शिवानी गुरु गोबिंद सिंह जैसे महापुरुषों ने भी विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध युद्ध किया, लेकिन 1857 में यह लड़ाई संगठित होकर आगे बढ़ी। चित्तू पांडेय, मंगल पांडेय, रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे, जैसे नायकों ने अलग-अलग क्षेत्रों से एकजुट होकर स्वाधीनता आंदोलन की निर्णायक लड़ाई को शुरू किया। अवध में वीरा पासी जी और राना बेनीमाधव जी ने ब्रितानी हुकूमत के विरुद्ध स्वाधीनता की जो अलख जगाई थी, वह जनांदोलन का रूप लेते हुए आगे जाकर 1922 में चौरीचौरा आंदोलन, 1925 में काकोरी एक्शन होते हुए 1947 में स्वाधीनता के लक्ष्य को प्राप्त करती है। मुख्यमंत्री योगी ने जयंती समारोह में उपस्थित जनसमुदाय को आजादी के अमृत काल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पंचप्रण’ से जुड़ने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि 2047 का भारत गरीबी, अराजकता, विषमता और अव्यवस्था से मुक्त होकर विकसित भारत के रूप में विश्व को नेतृत्व प्रदान करने वाला होगा। यह भारत मानवता को राह दिखाने वाला होगा। स्वतंत्रता समर के गुमनाम नायकों की तलाश के लिए शोध पर ध्यान दें शिक्षण संस्थान: सीएम आजादी के गुमनाम नायकों को सम्मान दिलाने की अपनी मुहिम से आमजन को जोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों को इस विषय पर व्यापक शोध-अध्ययन करने की जरूरत बताई। रायबरेली के फिरोज गांधी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमें अपनी लोककथाओं, लोकगीतों की ओर लौटना होगा, हमारे नायकों की स्मृतियां अब भी उनमें जीवित हैं। कुछ दिनों पूर्व महाराष्ट्र के एक संत द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए गए पांडुलिपियों से गोरक्षपीठ की 16वीं से 19वीं सदी कि मध्य के सिद्ध संतों की परंपरा की जानकारी मिलने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने शिक्षण संस्थानों को पांडुलिपियों, ताम्रपत्रों के संग्रह और अध्ययन के लिए प्रेरित भी किया।

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UP’s law and order has become a model for the country and the world: Yogi Adityanath

Lucknow – Chief Minister Yogi Adityanath asserted on Wednesday that the ‘image’ of Uttar Pradesh has completely transformed and the state’s law and order has become a ‘model’ for the rest of the country and the world. CM Yogi inaugurates 144 residential / non-residential buildings of Police Department built a the cost of Rs 260 crore virtually Policemen must show sensitivity towards common people, says Yogi “Our government worked on ramping up police infrastructure” “Today, when we speak about rule of law, the ‘UP model’ does come to mind. UP has set an example in front of the country in establishing law and order,” the CM said, adding that, the biggest challenge, however, is to move away from the methods of British Police and create a different image of UP Police. “The policemen must show sensitivity towards common people”, he remarked. The CM said this while inaugurating virtually 144 residential / non-residential buildings, including hostels, barracks, police stations and chowkis, built at the cost of Rs 260 crore for the Police Department at an event organised in Lok Bhawan. “Five years back, Uttar Pradesh was considered a BIMARU state. There was no thinking of development and the law and order situation was worse. There was a sense of insecurity among businessmen, women, farmers and labourers in the state,” said Yogi. The CM further said that after taking the charge of the state on March 19, 2017, the first thing he did was to inspect the Home Department on March 20, adding that he was baffled to see the mismanagement prevailing in the department. “There was also lack of police personnel in the state as 54 companies of the Pradeshik Armed Constabulary (PAC) had been disbanded. At that crucial juncture, we recruited more than 1.62 lakh policemen maintaining utmost transparency,” said the CM, pointing out that the capacity of the training centres has been enhanced and steps have also been taken to modernise the police force. Stressing the need to keep up with the pace of the world, the CM insisted on constituting the world’s largest police force in Uttar Pradesh. “We are constantly making efforts towards modernisation of the police force in the state. Cyber labs have been established in 18 zonal headquarters for the first time. Efforts were made to set up forensic science labs. Today, the number of FSLs has gone up from 4 to 12. In addition, a Special Security Force was constituted”, CM Yogi remarked. Furthermore, Four ATS battalions were raised while three women battalions were formed in the state, CM Yogi said, adding that three battalions of SDRF were also formed. Meanwhile, Project of safety and CCTN were implemented in the state. Lauding the efforts of the UP Police, the Chief Minister said that for the first time in the history of the country, law and order became an issue in the elections. He said that the Government got public support and votes due to better law and order. Highlighting that the state has become a top destination for investors, the CM said that Uttar Pradesh has received investments worth Rs 4 lakh crore due to the improved law and order situation. The state has also set an example before the country by removing unnecessary loudspeakers installed at religious sites, or reducing their volumes across the state quietly with harmony. The Chief Minister said that the Police had also shut down illegal bus and taxi stands running in the state and people felt much safer and fearless in the state now while on the contrary, criminals were panicky. Maintaining that for the first time any government focused on providing infrastructure facilities to the Police Department, the CM said, “There were no barracks earlier. I did a surprise inspection of the Lucknow Police Lines and noticed there were no barracks. The living condition for the ‘jawans’ was wery poor. So, to strengthen the policing system and provide a better living conditions for police personnel, in a meeting with the Home Department, a fund of Rs 6000 crore was provided immediately for the department to improve its infrastructure facilities.” The CM asserted that they will be successful in modernising the UP Police force. “Construction of new buildings, barracks, police stations and hostels will not only strengthen the policing system, but also be beneficial to police personnel and improve their living conditions. It is part of the modernisation drive for our police force.” CM remarked furher, “Technology is necessary, but with technology our sensitivity towards humans should not disappear. We should not remain imprisoned in technology. Colonial methods in terms of infrastructure and uniform still dominate the Indian Police. We must work towards changing the image of UP Police.” Mentioning his recent interaction with the CBSE board topper from Shamli, he said, “even such a young girl praised the law and order situation in the state and said that girls are no more afraid of leaving their homes after the sunset.” Yogi said that the biggest challenge in front of the young generation is drug addiction. Now a massive campaign is being run against drug dealers because it is a crime against the nation. We have the most passionate youth of the country and it is our duty to protect the future of our country.

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मुख्तार अंसारी पर ED ने कैसा शिकंजा,भाई अफ़ज़ाल की 12 करोड़ की संपत्ति जब्त

गाज़ीपुर। कुख्यात मुख्तार अंसारी के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी के ऊपर ED का शिंकजा कसता जा रहा है। ईडी की ताबड़तोड़ रेड के बाद अब जिला प्रशासन ने अफजाल अंसारी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जिला प्रसाशन ने अफ़ज़ाल अंसारी की 12 करोड़ की सम्पत्तियाँ जब्त कर ली हैं। गौरतलब है की प्रवर्तन निदेशालय ने बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच के सिलसिले में भाई अफजल अंसारी के घर पर गुरुवार को छापेमारी की थी जिला प्रशासन ने गाजीपुर मुहम्मदाबाद के माचा गांव में 12.35 करोड़ की सम्पत्ति कुर्क की है. प्रशासन ने अफजाल अंसारी का फार्म हाउस कुर्क किया है, जो अफजाल की पत्नी और बेटियों के नाम पर है. इतना ही नहीं, पुलिस ने अफजाल के फार्म हाउस समेत 2 अन्य खेत भी कुर्क किए हैं. पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट 14(1) के तहत यह कार्रवाई की है। इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने जुलाई में गैंगस्टर अधिनियम के तहत अफजल अंसारी की 14.90 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की थी. अफजाल अंसारी ने गाजीपुर लोकसभा से 2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. मुख्‍तार पर कार्रवाई के बाद से ही मुख्तार के करीबियों पर ईडी की नजर बनी हुई थी. गुरुवार की सुबह मुख्‍तार और अफजाल के करीबी गणेश मिश्रा, एक बस मालिक व एक अन्‍य उद्यमी के यहां ईडी की छापेमारी हुई थी। सूत्रों की मानें तो मुख्तार अंसारी और अन्य के खिलाफ ईडी की कार्रवाई का मकसद धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत अंसारी के खिलाफ जारी जांच के संबंध में सबूत एकत्र करना है. संघीय एजेंसी पांच बार के पूर्व विधायक के खिलाफ जमीन हथियाने, हत्या और जबरन वसूली के आरोपों सहित कम से कम 49 आपराधिक मामलों में जांच कर रही है. उत्तर प्रदेश में मुख्तार खिलाफ हत्या के प्रयास और हत्या सहित कई मामलों में मुकदमे चल रहे हैं

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साल के अंत तक यूपी के हर ब्लाक में होगी किसानों की अपनी प्रोड्यूसर कंपनी: मुख्यमंत्री

लखनऊ – किसानों का हित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शीर्ष प्राथमिकता रही है। अपनी इस प्रतिबद्धता को उन्होंने आजादी के अमृतमहोत्सव के दौरान दिए गए संबोधन में एक बार फिर दुहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 के अंत तक उत्तर प्रदेश के सभी ब्लाकों में किसानों की खुद की कंपनी (कृषक उत्पादक संगठन) होंगे। एक ब्लाक में एक या इससे अधिक कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) हो सकते हैं। इसके पहले भी सरकार अगले पांच साल में 4000 से अधिक एफपीओ के गठन का लक्ष्य तय कर चुकी है। लघु-सीमांत किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाएगा एफपीओ मालूम हो कि वर्ष 2019 में लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि कर उनको आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की घोषणा की थी। उन्होंने इसकी शुरुआत भी चित्रकूट से की थी। उत्तर प्रदेश में लघु-सीमांत किसानों की संख्या सर्वाधिक (90 फीसद से अधिक) से अधिक है और किसानों का यह वर्ग शुरू से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चिंता का विषय रहा है। यही वजह है कि अपने पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में उन्होंने इस वर्ग के किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया था। एफपीओ के केंद्र में भी किसानों का यही वर्ग है, लिहाजा प्रदेश सरकार ने इसके लिए सबसे पहले पहल की। राज्य सरकार द्वारा एफपीओ को प्रोत्साहन के लिए किए जा रहे कार्य किसानों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध प्रदेश की योगी सरकार एफपीओ को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मसलन एफपीओ को समर्पित पोर्टल UPFPO SHAKTI शुरू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश ही है। इसी क्रम में सरकार ने एफपीओ के लिए विभागीय मेंटर भी नामित किया। एफपीओ की प्रगति की समीक्षा एवं समस्याओं के निस्तारण के लिए राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई रहमानखेड़ा तथा जिला प्रबंधन इकाई क्रियाशील है। रहमानखेड़ा में ही एफपीओ के प्रतिनिधियों एवं मेंटरों के लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है। यही नहीं सरकार फसल विशेष के लिए भी एफपीओ का गठन कर रही है। इस क्रम में 625 एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा गया है। इस बावत ब्लाकों के चयन के साथ कार्यदायी संस्थाओं को इनका आवंटन भी हो चुका है। क्या होता है एफपीओ एफपीओ किसानों का एक समूह होता है। यह कृषि उत्पादन के साथ कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां भी पेशेवर कम्पनियों की भांति संचालित करता है। इसके लिए सरकार ने प्रशिक्षण की व्यवस्था कर रखी है। एफपीओ के लाभ एफपीओ का रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में होता है। लिहाजा उसे वे सारे लाभ मिलते हैं जो किसी कंपनी को मिलते हैं। एफपीओ से जुड़े लघु व सीमांत किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। एक अकेले किसान के लिए ऐसा करना संभव नहीं।

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