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Yogi Adityanath

बिना भेदभाव हर तबके को मिल रहा डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ : योगी

मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मुरादाबाद मंडल का दौरा करने पहुंचे, जहां उन्होंने सर्किट हाउस में मंडलीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ विकास कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान बिजनौर, संभल, अमरोहा और रामपुर के अधिकारी और जनप्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। बैठक में योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों व कानून व्यवस्था पर संतोष प्रकट किया। इसके बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि शासन की योजना को प्रभावी ढंग से जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पांचों जनपदों में लागू करने का कार्य प्रशासन ने किया है। डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके को प्राप्त हो इस दिशा में जो प्रयास प्रारंभ हुए हैं वह आज सार्थक परिणाम दे रहे हैं। – मुरादाबाद मंडल के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों और कानून व्यवस्था पर जताया संतोष – सर्किट हाउस में मंडलीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक – कहा, प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों के सहयोग से योजनाओं को प्रभावी ढंग से पांचों जनपदों में किया है लागू – बोले, कोरोना महामारी के बावजूद मुरादाबाद का एक्सपोर्ट 10 हजार करोड़ के पार मुरादाबाद का एक्सपोर्ट 10 हजार करोड़ के पार मुख्यमंत्री ने प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि जो कार्य हुए हैं, उसके लिए एक उदाहरण पर्याप्त है। एक जिला एक उत्पाद की जो अभिनव योजना हम लोगों ने वर्ष 2018 में प्रारंभ की थी, 2017 तक मुरादाबाद में उसकी हालत कुछ ठीक नहीं थी। जो परंपरागत एमएसएमई था, उससे लोग दूर हो गये थे। लोगों में निराशा थी, हताशा थी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और अन्य विभागों की तमाम बंदिशों के कारण यहां से पलायन हो रहा था। सरकार ने एक जिला एक उत्पाद के आधार पर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। आज उसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं। वर्ष 2017 तक इस जनपद में पीतल के उत्पादों का चार-साढ़े चार हजार करोड़ का ही एक्सपोर्ट हो पाता था। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि कोविड-19 के बाद जब ढाई वर्ष से पूरी दुनिया महमारी से जूझ रही है, उसके बावजूद मुरादाबाद का एक्सपोर्ट आज दस हजार करोड़ को पार करने जा रहा है। ये चीजें दिखाती हैं कि हम सही दिशा में हैं, जो कदम बढ़ाए गए हैं उसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। युद्धस्तर पर जुटा है प्रशासन मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना या फिर निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि जैसे अन्य तमाम क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करके जो अभिनव प्रयोग हुए हैं, आज उनको भी मैंने यहां पर देखा है। इसके साथ ही, मध्य गंगा नहर परियोजना को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस लाइन और जहां जहां मुख्यालय नहीं बन पाए हैं, उनको व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। हेल्थ, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक निवेश में उन तमाम संभावनाओं को तलाशना जो यहां पर निवेश और रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ा सके। इसके बारे में भी यहां पर विस्तार से चर्चा हुई। मुझे प्रसन्नता है कि जनप्रतिनिधियों ने भी रूचि ली और प्रशासन युद्धस्तर पर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। कानून व्यवस्था पर भी जताया संतोष मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था पर भी संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा, अपराध और अपराधियों के प्रति जो जीरो टॉलरेंस की नीति शासन की है उसका सफलतापूर्वक यहां पर क्रियान्वयन हो रहा है। बहुत सारे कार्यक्रम शासन ने उपलब्ध कराए थे। अवैध टैक्सी स्टैंड को हटाना, धर्म स्थल से लाउडस्पीकर को उतारना, नशे के खिलाफ चल रहा विशेष अभियान। मुझे प्रसन्नता है कि यहां पर इसे प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का काम हुआ है। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में माध्यमिक शिक्षा विभाग की मंत्री गुलाब देवी और गन्ना विकास के राज्य मंत्री संजय गंगवार विकास कार्यों की समीक्षा के लिए भ्रमण कर रहे हैं। उसके बाद वे अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। विकास संबंधी कुछ प्रोजेक्ट के प्रस्ताव मिले हैं, शासन प्राथमिकता के आधार पर उन्हें आगे बढ़ाने का काम करेगा। हमने हर जनपद में निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने, रोजगार सृजन को इसके माध्यम से प्रोत्साहित करने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के निर्देश दिये हैं। उद्योग बंधु से नियमित संवाद बनाने के साथ हर एक विभाग के लिए निवेश के टारगेट तय किये हैं।

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CM Yogi Adityanath’s popularity continues to soar on social media

Chief Minister Yogi Adityanath’s popularity continues to soar on social media with as many as 21.5 million followers on Twitter while his most prominent opponent, Rahul Gandhi, lags far behind at 20.4 million. Yogi Adityanath is also far ahead of his counterparts from other states on social media. Yogi has more followers than Rahul Gandhi on Twitter Google trends show Yogi is more searched compared to Rahul Gandhi Yogi Adityanath has been one of the most active politicians on social media for the past many years. The popularity of Yogi Adityanath is not restricted to Uttar Pradesh and people from all over the country follow him on social media platforms. It is to be noted that CM Yogi has organic followers on social media, without any paid promotions, and for this reason, CM Yogi has overtaken Rahul Gandhi on Twitter. Chief Minister Yogi Adityanath uses all the platforms of social media including Twitter, Facebook, Instagram, and Koo to connect with people and provide the latest information related to decisions taken by the Government in the public interest to them. CM Yogi’s messages have a massive reach among the audience because most of them are in public interest. He uses social media platforms to disseminate information regarding various schemes of the government. He has also used the platform extensively to inform people about the steps the government is taking to stop the spread of the coronavirus disease. On the contrary, Rahul Gandhi’s comments on social media are largely political in nature. Yogi Adityanath remains a topic of discussion on all platforms of digital media. Google trends shows that between December, 2021, and April, 2022, Yogi Adityanath was more searched on Google compared to Rahul Gandhi. The news of Yogi Adityanath has also been the most searched during the assembly elections. Tweets by myogiadityanath

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स्मार्ट काशी में होने लगी पेट्रोल की बचत, सड़कों के जाल ने घटायी दूरियां

वाराणसी– मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार काशी की जनता का हेल्थ, वेल्थ और बहुमूल्य समय तीनों बचा रही है। वाराणसी में सड़कों के जाल ने आम आदमी का सफर आसान कर दिया है। आधे पैसे और आधे समय में वे अपनी नियत स्थान तक पहुंच जा रहे हैं, जबकि रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के पहले इतनी ही दूरी तय करने में दोगुना समय और दोगुना ईंधन लग जाता था। इसके अलावा 4 पार्किंग भी ईंधन बचाने में सहायक साबित हो रही है। इसका सकारात्मक असर पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है। – वाराणसी स्मार्ट सिटी के सर्वे रिपोर्ट से सामने आये तथ्य – वाराणसी में सड़कों के जाल ने आम आदमी का सफर किया आसान – रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्ग से आधे पैसे और आधे समय में तय हो रही दूरी – वाराणसी में बनी हैं 4 आधुनिक पार्किंग, बच रहा ईंधन और पर्यावरण वाराणसी स्मार्ट सिटी की रिपोर्ट वाराणसी के विकास ने आम नागरिक के जीवन को सरल कर दिया है। रिंग रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से सफर सुहाना लगने लगा है। वाराणसी स्मार्ट सिटी ने कई विभागों से समन्यव करके एक सर्वे के आधार पर डेटा जुटाया है, जिसमें पाया गया कि बाबतपुर एयरपोर्ट से अतुलानंद स्कूल की दूरी 18 किलोमीटर थी, जिसे तय करने में पहले 3 लीटर फ्यूल (डीजल) और 60 मिनट लगता था। अब 6 लेन सड़क बनने के बाद उसी दूरी को तय करने में आधा समय और आधा ईंधन लगता है। कम हुई दूरियां, बचने लगा ईंधन इसी प्रकार हरहुआ से चिरईगॉव की दूरी 20 किलोमीटर, समय 1 घंटा ईंधन 3.5 लीटर लगता था। अब वही दूरी आधे समय यानी 30 मिनट में और आधे से भी कम 1.5 लीटर ईंधन में दूरी तय की जा रही है। वहीं शहर से राजातालाब 35 किलोमीटर और 75 मिनट में तय होता था। इसमें 5 लीटर ईंधन लगता था। अब शहर से राजातालाब वाया रिंग रोड की दूरी लगभग आधी यानी 17 किलोमीटर हो गई है। जो 2 लीटर ईंधन में पूरी हो रही है। वाहनों के जहरीले धुएं में आयी कमी शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाको में बने दो पहिया और 4 पहिया वाहनों के लिए चार आधुनिक पार्किंग भी लोगों की ट्रैवलिंग टाइम और ईंधन बचा रहे हैं। इसके अलावा गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं से भी लोग बच रहे हैं। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिल रही है। आने वाले समय में रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और रोप वे के बन जाने से आम और ख़ास की सेहत के साथ पॉकेट पर भार तो कम होगा ही, समय भी बचेगा।

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साइबर क्राइम मैनेजमेंट में यूपी पुलिस को बड़ा अवॉर्ड, फिक्की ने किया सम्मानित

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने के अभियान के नतीजे अब नजर आने लगे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री फिक्की ने दिल्ली में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यूपी एसटीएफ को साइबर क्राइम मैनेजमेंट के क्षेत्र में स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड-21 से सम्मानित किया है। फिक्की ने यह अवार्ड होमलैंड सिक्योरिटी पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया। यूपी एसटीएफ को यह अवार्ड जार्विस सियान साफ्टवेयर टूल के लिए दिया गया है। तीन दिन पहले एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में भी प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में अच्छी खासी कमी का उल्लेख किया गया था। – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का दिखने लगा असर, एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार यूपी में घटने लगे साइबर क्राइम के मामले – मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में खोले गए हैं रेंज स्तर पर साइबर थाने रेंज स्तर पर साइबर थाने खुलने से घटे मामले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बढ़ रहे साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस को प्रदेश के विभिन्न जिलों में साइबर थाने स्थापित करने के निर्देश दिये थे ताकि साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सके। इसी के तहत प्रदेश में संचालित दो साइबर थानों की संख्या में इजाफा करते हुए रेंज स्तर पर 18 साइबर थाने शुरू किए गए। इन थानों में दर्ज 1012 अपराधों में से 379 मामलों में खुलासा हो चुका है, जबकि 700 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वहीं 68.69 करोड़ रुपये की धनराशि को खातों में सीज किया गया। साथ ही 6.40 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। जिसके बाद प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में कमी देखी गई है। 2020 की तुलना में 22.6 फीसद कम दर्ज हुए मामले फिक्की ने भी प्रदेश में कम होते साइबर क्राइम के मामलों की सराहना करते हुए दिल्ली में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह को स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड के लिए सम्मानित किया। एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में भी साइबर क्राइम के मामले घटकर 8829 रह गए, जोकि वर्ष 2020 की तुलना में 22.6 फीसदी की कम है।

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एनसीआर की तर्ज पर गठित होगा ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व सभी शहरी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। – मुख्यमंत्री योगी का आदेश, लखनऊ व आसपास के जिलों को शामिल कर तैयार करें प्रस्ताव – बोले योगी, यूपी में भूमाफिया स्वीकार नहीं, भूमाफियाओं के खिलाफ विकास प्राधिकरण व नगरीय निकाय और तेज करें कार्रवाई – ‘सोलर सिटी’ अयोध्या दुनिया को देगी ऊर्जा संरक्षण का संदेश – निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए स्वतः स्फूर्त प्रयास करें विकास प्राधिकरण: मुख्यमंत्री – मुख्यमंत्री ने की आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व शहरी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा, दिए जरूरी दिशा निर्देश – लखनऊ मेट्रो के दूसरे चरण के लिए मुख्यमंत्री ने मांगा प्रस्ताव   ◆ आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कि कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासी को ‘ईज ऑफ लिविंग’ का अनुभव हो रहा है। ◆ प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप अगर हमें $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करना है तो हमें शहरीकरण को बढ़ाना होगा। विकास प्राधिकरणों की भूमिका इसमें बहुत अहम है। निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए तकनीक की मदद से विकास प्राधिकरणों को स्वतः स्फूर्त से आगे बढ़ना होगा। हमें नगरीय नियोजन का मॉडल देना होगा। सभी प्राधिकरण अपने विजन के अनुरूप ऐसे प्रयास करें। ◆ विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें। मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए। हर विकास प्राधिकरण/नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। प्राधिकरणों को अपनी परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन भी खुद ही करने पर गम्भीरता से विचार करना होगा। नए शहर बसाने हों अथवा कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना इनकी प्लानिंग ऐसी हो कि यहां कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। इससे प्राधिकरण को आय होगी, जो संबंधित परियोजना में उपयोग हो सकेगी। ◆ सतत-समन्वित प्रयासों से राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है। विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’ का गठन किया जाना चाहिए। इस राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है। सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। ● प्रधिकरणों और नगरीय निकायों में भूमाफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा। भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश में किसी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ◆ सभी प्राधिकरण, स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए। हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों। ◆ अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना पर तेजी से कार्य किया जाए। यह प्रयास वैश्विक पटल पर अयोध्या को एक विशिष्ट पहचान देने वाला होगा। अयोध्या से पूरी दुनिया को ऊर्जा संरक्षण का महान संदेश मिलेगा। यहां के ऐतिहासिक स्थलों पर भित्ति चित्र कलाकृति, राम कथा गैलरी, ओपन एयर थियेटर से जुड़े का समय से पूरे होने चाहिए। रामायण परंपरा की ‘कल्चरल मैपिंग’ कराई जाए। इसी प्रकार, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही हो। ◆ बरसाना में राधारानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को जल्द ही रोप-वे की नई सुविधाम मिल सकेगी। यह महत्वपूर्ण परिययोजना इसी वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण कर ली जानी चाहिए। इसी प्रकार, काशी में कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक बनने वाला रोप-वे आम जन को एक अनूठी नगरीय परिवहन व्यवस्था से परिचय कराएगा। इस परियोजना को शीर्ष प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए। ● लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की विशिष्ट योजना को अगले जल्द से जल्द प्रारंभ करा दिया जाए। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। नगर निगम के लखनऊ के दायरे को विस्तार दिया जाए। बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड के पुनरोद्धार के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए। ● प्राधिकरण सीमान्तर्गत सभी आवासीय/निजी/शासकीय भवनों में रेन वॉटर हारवेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में एक सुस्पष्ट नियमावली तैयार कर प्रस्तुत करें। ◆ लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी, प्रयागराज का सिटी डेवलपमेन्ट प्लान तैयार कर लिया जाए। लीड्स – 2021 नीति के अन्तर्गत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर , वाराणसी एवं मेरठ की शहरी लॉजिस्टक योजना तैयार करने में देरी न हो। ◆ राजधानी लखनऊ में मेट्रो की सेवा आम जन को खूब भा रही है। कोविड काल से पूर्व करीब 72000 यात्री हर दिन इस सेवा का लाभ लेते रहे हैं, अब एक बार फिर मेट्रो में यात्रियों की संख्या पूर्ववत हुई है। लखनऊ मेट्रो के अगले चरण के विकास का प्रस्ताव तैयार कर एक सप्ताह में प्रस्तुत किया जाए। ◆ मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण में गोकुल और बलदेव के क्षेत्र को समाहित करते हुए इसका विस्तारीकरण किया जाना चाहिए। इस सम्बंध में औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जाए। ◆ रिटेल एस्टेट सेक्टर में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हाल के।वर्षों में अनेक हाईटेक टाउनशिप और इंटीग्रेटेड टाउनशिप की परियोजनाओं और तीन बार की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से लगभग 30,877 करोड़ का निवेश का इस सेक्टर में आया है। अब जनवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अधिकाधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए यह जरूरी है कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्लान नीति को और व्यवहारिक बनाया जाए। नवीन नीति तैयार करते समय सम्बंधित सेक्टर के विशेषज्ञों, निवेशकों को जरूरतों और अपेक्षाओं का

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बूस्टर डोज के मामले में यूपी ने अन्य राज्यों के सामने पेश की मिसाल

लखनऊ | वैश्विक महामारी कोरोना से जंग जारी है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे बूस्टर डोज (अमृत डोज) अभियान ने देश के अन्य राज्यों के सामने लंबी लकीर खींच दी है। सीएम योगी द्वारा लगातार की जा रही मॉनीटरिंग का ही परिणाम है कि अमृत डोज अभियान में मात्र 45 दिन के अंदर ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सिनेशन हो चुका है, जबकि गुजरात को छोड़कर देश के अन्य राज्य इस आंकड़े के आधे पर भी नहीं हैं। यूपी में 15 जुलाई से शुरू हुआ अमृत डोज अभियान आगामी 30 सितंबर तक चलेगा। – सीएम योगी के नेतृत्व में चल रहा बूस्टर डोज लगाने का बड़ा अभियान – अमृत डोज के मामले में छोटे शहरों का प्रदर्शन सबसे बेहतर – साथ ही 37 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन लगाकर प्रथम पायदान पर काबिज है यूपी – कारोना वैक्सिनेशन के मामले में यूपी के आस-पास भी नहीं हैं दूसरे राज्य – सीएम योगी खुद करते हैं कोरोना टीकाकरण अभियान की मॉनीटरिंग दूसरे राज्यों के सामने पेश की मिसाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार तीन सितंबर तक यूपी ने कुल 37,18,54,092 कोविड डोज लगाकर देश के दूसरे राज्यों के सामने नजीर पेश कर दी है। वहीं अमृत डोज की बात करें तो यहां भी यूपी ने बड़ा कीर्तिमान गढ़ा है। प्रदेश ने अबतक 2,75,47,150 लोगों को अमृत डोज लगाने का रिकॉर्ड बना लिया है। यूपी में 18 से 59 वर्ष के 2,05,85,789 जबकि 60 साल के ऊपर के 69,61,361 लोगों को बूस्टर डोज लगायी जा चुकी है। इतने लोगों को लगी डबल डोज भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार यूपी में तीन सितंबर तक 18 साल से ऊपर के 14,69,51,275 लोगों को कोविड के दोनो डोज लग चुके हैं। 15 से 18 साल के 1,30,98,873 किशोरों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगायी जा चुकी है। ऐसे ही 12 से 14 साल के 75,85,811 बच्चों को भी डबल डोज लग चुकी है। अमृत डोज के मामले में छोटे शहरों का प्रदर्शन अच्छा वैसे तो अमृत डोज लगाने का अभियान प्रदेश के सभी 75 जिलों में चल रहा है, मगर परफॉर्मेंस की बात करें तो छोटे शहरों का प्रदर्शन सबसे बेहतर है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार महोबा का प्रदर्शन यूपी में सबसे अच्छा है। इसी प्रकार क्रमश: रायबरेली, देवरिया, मुजफ्फरनगर, चित्रकूट, कन्नौज, मैनपुरी, पीलीभीत, भदोही और मऊ में अमृत डोज अभियान प्रदेश के औसत (20.6 प्रतिशत) से काफी ऊपर है। इस लिस्ट में प्रदेश के 37 जिले शामिल हैं, जबकि 38 जिलों का प्रदर्शन प्रदेश के औसत से कम है। इन जिलों में टीकाकरण अभियान को और तेज करने के लिए मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है। पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है अमृत डोज स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अपडेट आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सभी जनपदों में अमृत डोज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उदाहरण के लिए मिर्जापुर में 29180, कासगंज में 10490, अमरोहा में 10830, हरदोई में 20850, बागपत में 12280, मुरादाबाद में 17090, आगरा में 24000, मथुरा में 18710, गौतमबुद्ध नगर में 29010, लखनऊ में 50680, रायबरेली में 34830, मुजफ्फरनगर में 10780, कन्नौज में 6970, पीलीभीत में 13000, मऊ में 17840, महोबा में 5240, देवरिया में 20460, चित्रकूट में 5550, मैनपुरी में 14960 और भदोही में 26810 वैक्सीन डोज उपलब्ध है। सीएम योगी की मॉनीटरिंग और प्रोत्साहन अभियान से दिख रहा रिजल्ट यूपी सबसे ज्यादा वैक्सीन की डोज देकर देश में टीकाकरण अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्‍व कर रहा है। प्रदेश की इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से लगातार मॉनीटरिंग और कोविड वैक्सिनेशन के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाना मुख्य कारण है। वहीं बूस्टर डोज के महत्व के बारे में लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इन अभियानों के माध्यम से टीकाकरण केंद्रों की जानकारी भी दी जा रही है।

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उत्तर प्रदेश-अमृत सरोवरों से मिल रहा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल, महिलाएं भी बन रहीं आत्मनिर्भर

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के गांवों में रोजगार के नये-नये अवसर पैदा कर रही है, ताकि ग्रामीण परिवेश की अर्थव्यवथा प्रदेश के विकास को रफ्तार दे सके। इसी के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रोजगार सृजन के 2600 लाख मानव दिवस को मंजूरी दी गई है, जिसके सापेक्ष मंगलवार तक 1697.77 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं। इसके लिए कुल 56 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की जा चुकी है। वहीं हर ग्राम पंचायत में दो अमृत सरोवर बनाने के लक्ष्य के तहत अब तक 15,441 तालाबों का चयन किया जा चुका है, जिसमें से 8389 तालाबों का काम पूरा कर लिया गया है। – हर ग्राम पंचायत में दो अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य – अब तक 15,441 तालाबों का चयन, 8389 तालाबों का काम पूरा – मनरेगा में 35,000 से अधिक महिला मेटों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित – अब तक 60.72 लाख सृजित परिसंपत्तियों की जीओ टैगिंग का कार्य पूरा 16 हजार से अधिक महिला मेटों को उपलब्ध कराया गया रोजगार महिला सशक्तिकरण एवं मनरेगा योजना के तहत महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर महिला मेटों की नियुक्ति जा रही है। आजीविका मिशन के तहत निर्मित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन किया गया है। जिसके तहत प्रदेश की 35,000 से अधिक महिला मेटों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें अब तक 16 हजार से अधिक मेटों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। 60.72 लाख सृजित परिसंपत्तियों की जीओ टैगिंग पूरी वित्तीय वर्ष 2022-23 में आजीविका में सुधार के लिए कुल 5 लाख परिवारों को व्यक्तिगत लाभार्थीपरक परिसंपत्तियों से अच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही 20 लाख परिवारों को पूर्ण 100 दिवस का रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से वित्तीय वर्ष की तिमाही में 58 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। वहीं प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए श्रमिकों की आधार सीडिंग कराई जा रही है। अब तक कुल क्रियाशील 1.71 करोड़ श्रमिकों के सापेक्ष में 1.35 करोड़ क्रियाशील श्रमिकों की आधार सीडिंग पूरी की जा चुकी है। मनरेगा के तहत सभी कार्यों की त्रिस्तरीय जीओ टैगिंग कराई जा रही है। इसमें काम से पहले, काम के बीच और खत्म होने के बाद जीओ टैगिंग कराई जा रही है। अब तक 60.72 लाख सृजित परिसंपत्तियों की जीओ टैगिंग को पूरा कर लिया गया है।

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उत्तर प्रदेश में लोक कलाओं और कलाकारों को सहेजने का प्रयास

आगरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विलुप्त होती लोक कलाओं को लेकर बेहद संजीदा है। शहर, गांव से लेकर मोहल्लों में ढेरों प्रतिभाएं हैं, लेकिन उनके अंदर विभिन्न कला से संबंधित प्रतिभा बिना प्रोत्साहन और मंच के आगे नहीं बढ़ पाती है। सरकार ने प्रदेश भर के सभी जिलों में से ऐसे ही पारम्परिक हुनरमंद युवाओं को मौका देने के लिए एक बड़ी पहल की है। आगरा में 18 विधाओं से जुड़े कलाकारों की तलाश शुरु हो गई है। इन कलाकारों को आगे बढ़ने के लिए मौका मिलेगा और प्रोत्साहन भी मिलेगा। यह 18 विधाएं देश की संस्कृति से जुड़ी हुई है जो सदियों से भारतीयों की आत्मा भी कही जाती हैं। – सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में पारंपरिक युवा कलाकारों को खोज निकालने का लिया निर्णय – दर्जनभर से अधिक विधाओं से जुड़े कलाकारों की हो रही तलाश – 15 से 29 वर्ष तक के कलाकारों को मिलेगी प्राथमिकता -कलाकारों की तलाश में जुटा जिला युवा कल्याण विभाग – विलुप्त होती लोक कलाओं को लेकर बेहद संजीदा हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ युवा कल्याण विभाग देगा मंच जिला युवा कल्याण विभाग द्वारा 18 विधाओं में से किसी भी एक विधा में पारंगत या हुनरमंद युवाओं की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए गांव और शहरों में युवा कल्याण विभाग के अधिकारी और प्रतिनिधि कार्य कर रहे हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायतों में भी हुनरमंद युवाओं की तलाश के लिए संदेश भेजा जा रहा है। ग्राम प्रधान व सचिव के माध्यम से हुनरमंद युवाओं की पहचान हो रही है। जिन युवाओं की पहचान होगी उनके हुनर को आगे बढ़ाने के लिए युवा कल्याण विभाग एक मंच भी प्रदान करेगा और उन्हें प्रोत्साहित करके आगे बढ़ाएगा। इन युवा कलाकारों को खोजने की जिम्मेदारी जिला युवा कल्याण विभाग को दी गई है। हुनरमंद युवाओं की तलाश जिला युवा कल्याण अधिकारी जयपाल सिंह सागर ने बताया कि सरकार पारम्परिक लोक कलाओं को सहेजने से पूर्व उसे जीवित रखने वाले कलाकारों को मंच देने की तैयारी में है। इसके लिए युवाओं की तलाश, उनकी पहचान गांव और शहर हर जगह की जा रही है। युवा कल्याण विभाग जिन 18 विधाओं में हुनरमंद युवाओं की तलाश कर रही है उसमें लोक नृत्य, लोकगीत, एकांकी और भारतीय क्लासिकल वोकल भी शामिल है। इसके अलावा कर्नाटक वोकल, सितार वादन, बांसुरी वादन, तबला वादन में पारंगत युवाओं को भी मौका दिया जाएगा। वीणा वादन, मृदंग, हारमोनियम, लाइट, गिटार वादन करने वाले युवा भी इस तलाश में शामिल है। जबकि मणिपुरी नृत्य, ओडिसी नृत्य, भरतनाट्यम नृत्य, कत्थक नृत्य, कुचिपुड़ी नृत्य, एक्सटेम्पोर की विधा में पारंगत युवाओं को बड़े स्तर पर ले जाने में सहयोग और मंच युवा कल्याण विभाग प्रदान करेगा। ऑनलाइन साझा की जानकारी उन्होंने बताया कि लोक कलाकारों को पोर्टल के माध्यम से सूचीबद्ध भी किया जा रहा है। जिले भर से बड़ी संख्या में युवाओं ने विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन अपनी जानकारी साझा की है। इसमें 15-29 वर्ष तक के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।

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साल के अंत तक यूपी के हर ब्लाक में होगी किसानों की अपनी प्रोड्यूसर कंपनी: मुख्यमंत्री

लखनऊ – किसानों का हित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शीर्ष प्राथमिकता रही है। अपनी इस प्रतिबद्धता को उन्होंने आजादी के अमृतमहोत्सव के दौरान दिए गए संबोधन में एक बार फिर दुहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 के अंत तक उत्तर प्रदेश के सभी ब्लाकों में किसानों की खुद की कंपनी (कृषक उत्पादक संगठन) होंगे। एक ब्लाक में एक या इससे अधिक कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) हो सकते हैं। इसके पहले भी सरकार अगले पांच साल में 4000 से अधिक एफपीओ के गठन का लक्ष्य तय कर चुकी है। लघु-सीमांत किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाएगा एफपीओ मालूम हो कि वर्ष 2019 में लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि कर उनको आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की घोषणा की थी। उन्होंने इसकी शुरुआत भी चित्रकूट से की थी। उत्तर प्रदेश में लघु-सीमांत किसानों की संख्या सर्वाधिक (90 फीसद से अधिक) से अधिक है और किसानों का यह वर्ग शुरू से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चिंता का विषय रहा है। यही वजह है कि अपने पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में उन्होंने इस वर्ग के किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया था। एफपीओ के केंद्र में भी किसानों का यही वर्ग है, लिहाजा प्रदेश सरकार ने इसके लिए सबसे पहले पहल की। राज्य सरकार द्वारा एफपीओ को प्रोत्साहन के लिए किए जा रहे कार्य किसानों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध प्रदेश की योगी सरकार एफपीओ को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मसलन एफपीओ को समर्पित पोर्टल UPFPO SHAKTI शुरू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश ही है। इसी क्रम में सरकार ने एफपीओ के लिए विभागीय मेंटर भी नामित किया। एफपीओ की प्रगति की समीक्षा एवं समस्याओं के निस्तारण के लिए राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई रहमानखेड़ा तथा जिला प्रबंधन इकाई क्रियाशील है। रहमानखेड़ा में ही एफपीओ के प्रतिनिधियों एवं मेंटरों के लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है। यही नहीं सरकार फसल विशेष के लिए भी एफपीओ का गठन कर रही है। इस क्रम में 625 एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा गया है। इस बावत ब्लाकों के चयन के साथ कार्यदायी संस्थाओं को इनका आवंटन भी हो चुका है। क्या होता है एफपीओ एफपीओ किसानों का एक समूह होता है। यह कृषि उत्पादन के साथ कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां भी पेशेवर कम्पनियों की भांति संचालित करता है। इसके लिए सरकार ने प्रशिक्षण की व्यवस्था कर रखी है। एफपीओ के लाभ एफपीओ का रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में होता है। लिहाजा उसे वे सारे लाभ मिलते हैं जो किसी कंपनी को मिलते हैं। एफपीओ से जुड़े लघु व सीमांत किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। एक अकेले किसान के लिए ऐसा करना संभव नहीं।

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प्रकृति और प्रगति के बेहतर समन्वय के साथ लाएंगे नई हरितक्रांति: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधान भवन पर झंडा रोहण किया और उसके बाद प्रदेश की जनता को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा विगत पांच वर्ष में हम लोगों ने विकास और सुशासन की नींव तैयार की है। आगामी पांच वर्ष में प्रदेश के प्रगति और समृद्धि की भव्य इमारत आकार लेगी। ये भव्य इमारत नये भारत का नया उत्तर प्रदेश होगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक नई कार्ययोजना के साथ सरकार ने कार्य करना शुरू कर दिया है। हम लोग प्रकृति और प्रगति के बेहतर समन्वय के साथ अन्नदाता किसानों की आय को कई गुना बढ़ाकर एक नई हरितक्रांति लेकर आएंगे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव हम सबके लिए महत्वपूर्ण है। पूरा देश आजादी के 75 वर्ष की यात्रा का साक्षी बन रहा है। इन वर्षों के आत्मावलोकन का सौभाग्य हम सबको प्राप्त हो रहा है। यह अमृतकाल दृढ़ संकल्पों के साथ एक नई कार्ययोजना को लेकर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रम को आमजन से जोड़कर एक राष्ट्रीय उत्सव बना दिया है। इस ये राष्ट्रीय उत्सव के अंतर्गत विगत पांच दिनों में विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़ने का अवसर हम सबको प्राप्त हुआ है। इसके तहत 11 से 17 अगस्त के बीच स्वतंत्रता सप्ताह मनाया जा रहा है। हर घर तिरंगा कार्यक्रम आयोजित हुआ है।बंटवारे की त्रासदी को स्मरण करते हुए विभाजन विभीषिका के तहत पूरे देश के अंदर मौन मार्च निकाला गया, जिससे आने वाले समय में उस प्रकार की त्रासदी का सामना मानवता को न करना पड़े। हर घर तिरंगा से जुड़े लोग मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हर घर तिरंगा कार्यक्रम ने देश के 135 करोड़ लोगों को एक स्वर के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार किया। भारत की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा हर घर, सरकारी, गैर सरकारी कार्यलयों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर फहराता हुआ दिखाई दिया। ये कार्यक्रम हम सबको अपने अतीत की गौरवशाली विरासत के साथ जोड़ता है। उन्होंने कहा कि हम सबको अपने देश पर और उसके संसदीय लोकतंत्र पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। आजादी का अमृत महोत्सव के इस अवसर पर लोग उत्साह और उमंग के साथ जुड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। यूपी देश के अंदर दिए अनेक मॉडल मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस कार्यक्रम पर हमें गौरव की अनुभूति क्यों न हो। याद करिए विगत ढाई वर्ष का वह कालखंड जब हम लोगों ने इस सदी की सबसे बड़ी महामारी का सामना किया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश ने जिस जज्बे के साथ कोरोना महामारी का सामना किया। सबकी आशंका उत्तर प्रदेश पर थी कि क्या होगा यूपी का। लेकिन मुझे उत्तर प्रदेश की जनता पर विश्वास था कि यूपी की जनता आत्मानुशासन का परिचय देते हुए डबल इंजन की सरकार के कार्यक्रमों को अपना पूरा सहयोग देगी। यह आज हम सबके सामने एक प्रमाण भी है। कोरोना कालखण्ड में ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण के अभियान को जिस मजबूती के साथ आगे बढ़ाया गया वह हम सबके सामने है। जब हम सामूहिक रूप से टीम भाव के साथ काम करते हैं तो उसके परिणाम भी उसी रूप में हम सबको मिलते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कोरोना कालखंड में देश के अंदर अनेक मॉडल दिए। दुनिया देखती रही कि उत्तर प्रदेश ये सब कुछ कर सकता है। आज उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टेस्ट, टीकाकरण, निःशुल्क भोजन और खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाला राज्य है। आज उत्तर प्रदेश के हर जनपद में कोविड 19 के टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। 2 करोड़ 61 लाख परिवारों शौचालय मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने पांच वर्ष में 2 करोड़ 61 लाख परिवारों शौचालय उपलब्ध कराया। 43 लाख गरीब परिवारों को सिर ढकने के लिए एक-एक आवास दिया। एक करोड़ 50 लाख परिवारों को जिन्हें आजादी के बाद बिजली नहीं मिली थी उन्हें विद्युत कनेक्शन दिया गया। कोरोना कालखंड में 15 करोड़ गरीबों को निःशुल्क खाद्यान उपलब्ध करवाया गया। 10 करोड़ गरीबों को आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा के कवर से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि भारत में 70 वर्षों तक ईंधन के लिए भटकने वाले लोगों के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ 70 लाख परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिया गया। अर्थव्यवस्था के आकार बढ़ाया मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विकासपरक माहौल बनाकर सेकटवार नीतियों तथा भरोसेमंद अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता के कारण उत्तर प्रदेश आज पूरे देश में निवेश के ड्रीम डेस्टिनेशन के रूप में उत्तर प्रदेश उभरा है। राज्य सरकार के नियोजित प्रयासों के परिणामस्वरूप ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में प्रदेश आज देश अग्रणी राज्यों में है। 2015-16 में प्रदेश इस मामले 14वें स्थान पर था। आज यूपी दूसरे स्थान पर है। पांच वर्ष के अंदर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के आकार बढ़ाया है और प्रति व्यक्ति आय को भी दोगुना करने में हमें सफलता प्राप्त हुई है। उत्तर प्रदेश में छुपी हैं अनन्त सम्भावनाएं मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर छिपी हुई अनन्त सम्भावनाओं के लिए प्रदेश को निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि लगभग चार लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश में लाने में हम सफल रहे हैं। साथ ही प्रदेश के परंपरागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए एक जनपद एक उत्पाद और विश्वकर्मा श्रम सम्मान के माध्यम से प्रदेश के कारीगर एवं हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित किया, जिसने उत्तर प्रदेश के निर्यात को 88 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 56 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। प्रकृति और प्रगति में बेहतर समन्वय मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अनन्त सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने का अवसर हम सबके पास आया है। प्रकृति और प्रगति में बेहतर समन्वय करते हुए विगत पांच वर्ष के अंदर दशकों से लंबित सिचाईं की परियोजनाओं को हमने पूरा किया। 21 लाख हेक्टेयर से अधिक की भूमि को सिचाईं की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि कम लागत में किसान का उत्पादन बढ़ाने

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