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Yogi Adityanath

UP:Safe City Project,CM Yogi directs implementation of AI technology for women’s safety

Lucknow: The Yogi government is launching a significant initiative to ensure safety and holistic development of women, senior citizens, children, and the disabled. In the first phase, 17 municipal corporations and Gautam Budh Nagar will be transformed into safe cities, utilizing cutting-edge Artificial Intelligence (AI) technology. The integration of AI technology aims to achieve 100 percent security for women, identify criminals, combat criminal activities, and provide prompt assistance to women and children during emergencies. Additionally, the initiative seeks to prevent suicides. The helpline number, 112, will play a crucial role in this, connecting to both government and private CCTVs. AI empowers Safe City project The implementation of Artificial Intelligence (AI) technology in the Safe City project is revolutionizing the prevention of heinous crimes like acid attacks and violence against women. AI will issue a warning immediately after sensing suspicious gestures, such as someone holding a bottle or glass containing acid. When a similar warning is received at the emergency helpline (dial 112), nearby police response vehicles (PRVs) are promptly directed to the scene to assist the victim. Simultaneously, the local police station is informed about the situation, ensuring a swift response to address the threat. Furthermore, AI is useful in issuing SOS signals when individuals, including women, senior citizens, children and persons with disabilities, raise their hands for help. Along with this, the technology is also useful in identifying the robbers by capturing the plates of the vehicles and analyzing stolen things such as chains, purses, and jewels. In addition to this, AI proves invaluable in tracking stalkers, identifying drug peddlers near educational institutions, and monitoring as well as recording the activities of criminals accused of sexual exploitation who are on parole or bail. Such individuals’ facial data will be registered in the National Database, bolstering efforts to monitor their activities. Besides, AI technology will be used to identify groups engaging in activities like smoking, traffic violations, and public drinking in areas where women frequent. Along with this, AI can help identify those performing stunts on roads and locating missing persons through relevant databases. Additionally, AI-based systems can facilitate the analysis of road accidents and incidents, providing valuable insights. Artificial Intelligence will also identify the trend of suicide attempt on bridges, flyovers, railway tracks etc. There will also be ease in the analysis of the road accident and the events that happened during any incident. Artificial Intelligence will also identify the trend of suicide attempt on bridges, flyovers, railway tracks etc. AI will keep an eye on these too: – on those carrying weapons – Open toilet areas – Detection of injuries with intent to murder – Molestation of women by boys/men near paan shop – Behavior of men in various places, chasing women, garments shop and market

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मुख्यमंत्री ने काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिर में किया दर्शन-पूजन

वाराणसी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम और काशी के कोतवाल कालभैरव मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इस दौरान उन्होंने बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन अर्चन करते हुए प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की। सीएम के आगमन के मद्देनजर कालभैरव मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। सीएम रविवार को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे।             उन्होंने रविवार को होटल ताज में G-20 सम्मेलन में पहुंचे विदेशी मेहमानों से मुलाकात की व उनके साथ डिनर किया। वहीं दूसरे दिन सोमवार को सुबह सात बजे सीएम श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। यहां विधि विधान से बाबा का दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने काशी कोतवाल कालभैरव मंदिर में शीश नवाया। इस दौरान श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर सहित अन्य उपस्थित रहे।

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यूपी के हर घर-आंगन तक पहुंचेगा योग

लखनऊ ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘हर घर आंगन योग’ के मूलमंत्र को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश में भी योग दिवस को लेकर बड़े स्तर पर आयोजन की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 21 जून को आयोजित होने वाले 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश भर में सामूहिक योगाभ्यास व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर निर्देश दे चुके हैं और इनके सफल आयोजन के लिए तैयारियां भी युद्ध स्तर पर शुरू हो चुकी हैं। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में 15 से 21 जून के मध्य एक हफ्ते तक योग सप्ताह का बड़े स्तर पर आयोजन होगा। इसके अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में जनपद स्तरीय समिति का गठन किया गया है जो इस कार्ययोजना को लागू किए जाने की प्रक्रिया को मॉनिटर करेगी और इसके एग्जिक्यूशन में सहयोग करेगी। – योगी सरकार ने तैयार की विस्तृत कार्ययोजना, सभी जिलों में सामूहिक योगाभ्यास समेत तमाम गतिविधियों का होगा आयोजन – हर जिले में एक संचालन समिति का डीएम की अध्यक्षता में होगा गठन, गैर सरकारी संस्थाओं का भी लिया जाएगा सहयोग डीएम करेंगे समिति की अध्यक्षता शासन की कार्ययोजना के मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, क्रीड़ा अधिकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि बतौर सदस्य सम्मिलित होंगे। इस कार्ययोजना के अंतर्गत जिला मुख्यालय, तहसील, ग्राम विकास, ब्लॉक, ग्राम पंचायत, चिकित्सीय शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, आयुष, परिवहन व पुलिस विभाग समेत कुल 23 विभागों को लक्षित किया गया है। इन सभी विभागों के समायोजन से सामूहिक योग अभ्यास व योग प्रसार संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन संभव हो सकेगा। सहयोगी गैर सरकारी संस्थाओं का लिया जाएगा सहयोग कार्ययोजना के अंतर्गत, जिले में योग गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सहयोगी गैर सरकारी संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी। इसके अंतर्गत, इस संस्थाओं के प्रशिक्षित योग ट्रेनर के सहयोग से जनपद/ ब्लॉक/पंचायत स्तर पर आयोजित सामूहिक योग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिन संस्थाओं का इसमें चयन किया गया है उनमें पं0 दीनदयाल उपाध्याय योग संस्थान, रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम, पतंजलि योग संस्थान, गायत्री परिवार, ब्रह्मकुमारी फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, यूपी नेचुरोपैथी, योग टीचर्स व फीजिशियन एसोसिएशन, सूर्या इंटरनेशनल फाउंडेशन व हार्टफुलनेस प्रमुख हैं। योग सप्ताह के आयोजन को लेकर प्रदेश भर के तकनीकि शिक्षण संस्थानों, कृषि महाविद्यालयों, उच्च शिक्षा महाविद्यालयों, चिकित्सीय शिक्षा महाविद्यालयों व आयुष महाविद्यालयों में भी कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। इस विषय में भी व्यापक रूप-रेखा विकसित की जा रही है और शासन द्वारा इस संबंध में बजट भी अलॉट किया जाएगा।

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मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर सीएम ने लखनऊ में की प्रेस कॉन्फ्रेंस

लखनऊ | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल में जहां एक तरफ दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है, वहीं देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा सुदृढ़ हुई है। आज भारत को कोई आंख दिखाने का साहस नहीं कर सकता। गरीबों का कल्याण और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट जैसे चार स्तंभों को मोदी सरकार ने बीते 9 साल में मजबूत आधार प्रदान किया है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राजधानी में मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल के पूरे होने पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पिछले 9 साल में बदली हुई परिस्थितियों को हम सब ने ना केवल महसूस किया है बल्कि हमने इस दौरान नये भारत का दर्शन भी किया है। आज का भारत चार महत्वपूर्ण स्तंभों पर खड़ा है। दुनिया में भारत की विरासत को सम्मान मिला मुख्यमंत्री ने पहले स्तंभ की चर्चा करते हुए कहा कि आज वैश्विक स्तर पर भारत का मान बढ़ा है। भारत को दुनियाभर मे सम्मान मिल रहा है। हाल ही में पीएम ने तीन देशों की यात्रा की है, उसका दृश्य हम सबके सामने है। पापुआ न्यू गिनी में पीएम मोदी का वहां के प्रधानमंत्री ने पैर छूकर अभिनंदन किया। प्रोटोकॉल तोड़ के देर सायंकाल स्वयं आगवानी की। यह पहली बार हुआ है जब किसी संप्रभु राष्ट्र ने अपने समकक्ष का अभिनंदन इस प्रकार किया हो। पापुआ न्यू गिनी और फिजी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पीएम के वक्तव्य को भी हम सबने सुना, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को बॉस कहके संबोधित किया था। यही नहीं अमेरिका के राष्ट्रपति की ओर से पीएम मोदी का ऑटोग्राफ लेने की इच्छा व्यक्त करना, ना सिर्फ भारत बल्कि देश की 140 करोड़ जनता का सम्मान है। हर भारतवासी इसपर गर्व करता है। आज दुनिया में भारत की विरासत को सम्मान मिला है। हर साल 21 जून को पूरी दुनिया योग से जुड़कर भारत की विरासत का सम्मान कर रही है। सुरक्षा के मामले में देश में नई आस और विश्वास का भाव पैदा हुआ मुख्यमंत्री ने दूसरे स्तंभ की चर्चा करते हुए कहा कि आज भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा की स्थिति सुदृढ़ हुई है। कोई भी भारत की ओर टेढ़ी नजर से देखने का प्रयास नहीं कर सकता है। अटल जी ने कहा था कि हम सब कुछ कर सकते हैं, मगर पड़ोसी नहीं बदल सकते। भारत हमेशा अपने पड़ोसियों के प्रति सकारात्मक भाव रखता रहा है। मगर कुछ लोग अपनी प्रवृत्ति से मुक्त नहीं हो पाते। पहली बार भारत ने जैसे को तैसे का जवाब दिया। सीमाएं सुरक्षित और सुदृढ़ हुई हैं। आंतरिक सुरक्षा की स्थिति मजबूत हुई है। चाहे जम्मू कश्मीर हो या पूर्वोत्तर, नक्सल उग्रवाद, माओवाद, अलगाववाद और आंतंकवाद पर हमने निर्णायक काबू पा लिया है। सुरक्षा के मामले में देश में नई आस और विश्वास का भाव पैदा हुआ है। भारत के पास है वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर मोदी सरकार की उपलब्धियों के तीसरे स्तंभ की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आज भारत की 140 करोड़ जनता की आवश्यक्ता की पूर्ति के लिए वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत के पास है। गरीबों को भी एयर कनेक्टिविटी मिली है। आजादी के बाद 70 साल में केवल 74 एयरपोर्ट बने थे। 9 साल में हमने 74 नए एयरपोर्ट देश को देने का कार्य किया है। इसके अलावा हाईवे एक्सप्रेसवे, वाटरवे, रेलवे और लॉजिस्टिक के क्षेत्र में जो भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है वो अभूतपूर्व है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का नया जाल बिछा है। रैपिड रेल, नये पोर्ट बन रहे हैं। फ्लोटिंग जेटी से वाटरवे का लाभ मिल रहा है। नये एम्स बन रहे हैं। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ है। देश की आकांक्षाओं के अनुरूप हर तबके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का डेवलमेंट किया जा रहा है। जनधन योजना भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण चौथा स्तंभ है, जिसे 9 साल में भारत सरकार ने अनेक योजनाओं के जरिए सिद्ध किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार गरीब कल्याण को समर्पित है। बिना भेदभाव के सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ योजनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है। जनधन से शुरू हुई योजना देखते देखते कितना विस्तार ले चुकी है। देश में 45 करोड़ से अधिक गरीबों के अकाउंट खोले गये। इससे जो परिवर्तन देखने को मिला वो अकल्पनीय है। यूपी को इसका सार्वाधिक लाभ मिला। यूपी में साढ़े आठ करोड़ से अधिक बैंक अकाउंट खोले गये। इसके परिणम से डीबीटी का लाभ मिल रहा है। ये भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार है। गरीब, किसान, श्रमिक के खाते में योजनाओं का धन सीधे पहुंच रहा है। एक क्लिक मे करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला योजना, निराश्रित महिला, दिव्यांग और वृद्धों को पेंशन का लाभ मिल रहा है। एक एक योजना आज स्वावलंबन का आधार बनी है। मुख्यमंत्री ने पीएम आवास योजना, शौचालयों के निर्माण, संक्रामक रोग पर अंकुश, हर घर नल योजना, स्वस्थ ईंधन की व्यवस्था, स्ट्रीट वेंडर को स्वनिधि योजना, पीएम स्वामित्व योजना, आयुष्मान भारत योजना, नारी सशक्तिकरण, मिशन रोजगार, स्टार्टअप, स्टैंडअप, डिजिलट इंडिया, स्किल डेवलपमेंट जैसे तमाम विकास और लोककल्याणकारी कार्यों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नौ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों की चर्चा की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल और बीजेपी नेता गौरव भाटिया मौजूद रहे।

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सिविल एविएशन मिनिस्टर ने कानपुर के लोगों से किया वादा, जल्द राजधानी दिल्ली के लिए भी शुरू होगी विमान की सुविधा

कानपुर | कानपुर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन के उद्घाटन के अवसर पर भारत सरकार के नागर विमानन मंत्री (सिविल एविएशन मिनिस्टर) ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कानपुर के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि जल्द ही कानपुर को राजधानी दिल्ली से जोड़ने के लिए कदम उठाया जाएगा। यही नहीं, अभी हमने 59 नए रूट घोषित किए हैं और भविष्य में 122 नए रूट घोषित किए जाएंगे। कानपुर को पंतनगर के साथ, अलीगढ़ के साथ, मुरादाबाद के साथ और श्रावस्ती के साथ जोड़ने की हमारी कल्पना है। प्रदेश में जहां आज 11 हवाई अड्डे प्रचलित हैं, आने वाले तीन साल में 11 अतिरिक्त हवाई अड्डों की हम शुरुआत करेंगे। कुल 22 हवाई अड्डे उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे। चाहे चित्रकूट हो, मुरादाबाद हो, झांसी हो,गाजीपुर हो, अलीगढ़ हो, आजमगढ़ हो, सहारनपुर हो या श्रावस्ती, इन सभी जगहों पर एयरपोर्ट की सुविधा प्रदान की जाएगी। प्रतिवर्ष 10 लाख यात्री कर सकेंगे इस टर्मिनल का इस्तेमाल अपने संबोधन की शुरुआत में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज कानपुर के लोगों की आंखों में एक नई चमक दिख रही है। इस चमक के पीछे दो कारण है। पहला, अभी जो नगर निकाय चुनाव हुए उसमें उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार अब ट्रिपल इंजन सरकार में परिवर्तित हो चुकी है। दूसरा कारण, कानपुर में बहुप्रतीक्षित एयरपोर्ट के विस्तृतीकरण और आधुनिकीकरण की जो मांग थी, उसे आज पूरा करते हुए नया एयरपोर्ट टर्मिनल जनता को समर्पित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 5 अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं और आने वाले समय में जेवर और अयोध्या भी इससे जुड़ेंगे। यह श्रंखला अभी जारी है और इसी श्रंखला में कानपुर का एयरपोर्ट एक बहुत महत्वपूर्ण अंग के रूप में उभरा है। यहां छोटे से एयरपोर्ट से शुरुआत हुई थी और आज 16 गुना बढ़कर 65 हजार स्क्वायर फीट का एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ है। आने वाले समय में जिस टर्मिनल से केवल 3 हजार लोग गुजरते थे, वहीं अब प्रतिवर्ष 10 लाख यात्री इस टर्मिनल से अपने आवागमन की सुविधा तय कर पाएंगे। ये सुविधा सिर्फ कानपुर नहीं बल्कि आसपास के 8 जिलों को प्रभावित करेगी। 600 प्रतिशत बढ़ा कानपुर में विमानों का आवागमन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व की सरकारों से तुलना करते हुए कहा कि जिस कानपुर में पूर्व सरकार के समय में 2014 में हर हफ्ते केवल चार विमानों का आवागमन होता था। वहीं आज 600 प्रतिशत बढ़कर 28 विमानों का आवागमन होता है। आगरा में 2014 में केवल 10 विमान प्रति हफ्ता आवागमन होता था, वहीं आज 240 प्रतिशत वृद्धि के आधार पर 34 विमानों का आवागमन होता है। गोरखपुर में 2013-14 में 12 विमान प्रति हफ्ते का आवागमन होता था, वो आज 800 प्रतिशत बढ़कर 106 विमान प्रति हफ्ते हो गया है। यही स्थिति संगम नगरी प्रयागराज की हो चुकी है, जहां 2014 में एक हफ्ते में 22 विमानों का आवागमन होता था, जो आज 600 प्रतिशत बढ़कर 154 हो गया है। समूचे उत्तर प्रदेश की स्थिति देखें तो 2013-14 में प्रति हफ्ते यहां 652 विमानों का प्रति हफ्ते आवागमन होता था। पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में आज यहां एक हजार 595 विमानों का आवागमन होता है जो 145 प्रतिशत की वृद्धि है। आज उत्तर प्रदेश में 9 एयरपोर्ट तक हम लोग पहुंच चुके हैं। आगामी डेढ़ वर्षों के अंदर भगवान राम की नगरी अयोध्या में एक नया एयरपोर्ट तैयार हो रहा है और इसी के साथ जेवर में एक ऐसा हवाई अड्डा बनने जा रहा है जो दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता, हैदराबाद जैसे बड़े-बड़े शहरों को टक्कर देगा। आने वाले समय में 6 करोड़ जनता उस एयरपोर्ट से निकलेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम योगी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश का तीव्र गति से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी मुझसे पूछ रहे थे कि प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, अलीगढ़ जैसे एयरपोर्ट की क्या प्रगति है। एक व्यक्ति जो चिंतित है प्रदेश के विकास और प्रगति के लिए,वही यह सवाल पूछ सकता है। एक व्यक्ति जो जनमानस के सपने को साकार करने की क्षमता रखता है वो योगी आदित्यनाथ हैं।

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UP tops in milk production in India; witnesses rapid growth with increasing investment

Lucknow, If India tops in dairy production in the world, Uttar Pradesh leads in its production within the country. Having been witnessing rapid development in the sector in the country, Uttar Pradesh contributes around 16.6 % to the total milk production in the country, followed by Rajasthan and Madhya Pradesh Driven by the vision of the Prime Minister, the state government has taken multiple steps for the betterment of the dairy sector resulting in an increase in milk production by almost 10% in the last five years. -Receives investment proposals worth Rs 482 crore in GBC 3 -UP produced 1,556.763 LMT of milk in last five years of Yogi govt -Dairy Sector will play a pivotal role in employment & income generation Dr. Indramani, Director, Department of Animal Husbandry, informed, “Milk production in UP was 290.517 lakh metric tonnes in 2017-18, which increased to 328.821 lakh metric tonnes in 2021-22. The state has produced 1,556.763 lakh metric tonnes of milk in the last five years of CM Yogi Aditynath’s government. It is noteworthy that India is globally the largest producer of milk, with a production of around 210 million tonnes. UP receives investment proposals worth Rs 482 cr in dairy sector The third ground-breaking ceremony (GBC-3) held in June this year brought investment proposals worth Rs 482 crore in the dairy sector in UP. The proposals will go a long way in augmenting the income of farmers in the state. This includes Duss Bareilly project of Rs 80.3 crore in Bareilly, Creamy Foods Limited worth Rs 60 crore in Bulandshahr, CP Milk and Food Products Private Limited of Rs 118 crore in Gorakhpur, and 2 projects — CP Milk and Food Products Private Limited worth Rs 100 crore and DUSS Lucknow worth Rs 124 crore in state capital Lucknow. It may be recalled that Uttar Pradesh’s first-ever dairy policy was formulated and implemented in 2018 on the initiative of CM Yogi. The policy focuses on seeking investment for setting up milk processing plants in the organised sector. With the aim of doubling farmers’ income from dairying, the Yogi-led government in UP is working tirelessly to ensure utmost priority is extended to dairy development in the state. The cooperative system is aimed to provide employment and services in society with the participation of workers and markets. This sector plays an important role in achieving food security, reducing poverty, generating employment opportunities for women, and providing a regular source of income for rural households. It may be noted that crop production employs the rural workforce for 90 to 120 days, but dairy provides alternative employment opportunities throughout the 365 days of the year. Strengthening cooperative milk business across areas where agriculture is less practiced, will help generate alternative employment opportunities, especially for women and economically disadvantaged communities. Women empowerment through ‘White Revolution’ Balinee Milk Producer Company Limited, set up in 2019 and with 40,000 members of 950 self-help groups, has been transforming the lives of rural women in over 800 villages in six districts— Banda, Chitrakoot, Hamirpur, Jalaun, Jhansi and Lalitpur—in the Bundelkhand region of Uttar Pradesh. Preparations are underway to connect the Mahoba district with the scheme. ‘Balinee’ has done a business of Rs 314 crore till August 2022 and earned a gross profit of 17.94 crore. At present, over 1,32,000 liters of milk is being collected per day through 675 milk collection centres connecting 839 villages. The company is funded by the National Livelihood Mission and the Uttar Pradesh State Rural Livelihoods Mission. It was inaugurated by Chief Minister Yogi Adityanath in December, 2019. Under this scheme, payment is made directly to the account of women farmers.

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जिसने भी सुनी श्रीराम कथा, दूर हुई उसके जीवन की व्यथा: योगी

गोरखपुर, 7 सितंबर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पावन जीवन चरित्र समूची मानवता के लिए दिग्दर्शन है, प्रेरणा एवं प्रकाश है। उनके जीवन से हम सबको विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा मिलती है। हमारे मनीषियों ने माना है कि श्रीराम ही साक्षात धर्म हैं अर्थात श्रीराम ही सबकुछ हैं। भगवान श्रीराम की कथा जिसने भी सुनी, उसके जीवन की सभी व्यथा दूर हुई। उसे भवसागर से मुक्ति मिली और सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ। -मानवता का दिग्दर्शन है श्रीराम का जीवन :मुख्यमंत्री -श्रीराम ही साक्षात धर्म, उनके चरित्र से मिलती है विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा -युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पुण्य स्मृति में संगीतमय श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 53वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में बुधवार अपराह्न श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म की व्याख्या को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद हो सकता है लेकिन अलग-अलग व्याख्याओं में धर्म के जितने भी लक्षण बताए गए हैं, वे सब श्रीराम के पावन चरित्र में समाहित हैं। यह हम सबका सौभाग्य है कि हमें श्रीराम कथा श्रवण का आनंद प्राप्त हो रहा है। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वर्तमान पीढ़ी का सौभाग्य है कि वह श्रीराम कथा श्रवण की परंपरा से उस दौर में जुड़ रही है जब श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों के लंबे इंतजार में कई पीढियां चली गईं, लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। श्रीराम मंदिर का निर्माण अपनी विरासत के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित करने का भी माध्यम है। अपनी विरासत व महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के ही लिए गोरखनाथ मंदिर में प्रति वर्ष ब्रह्मलीन आचार्यों की पुण्य स्मृति में कथा का आयोजन होता है। वार्षिक कथा के श्रवण के लिए श्रद्धालुओं को उत्सुकता से इंतजार रहता है। इस अवसर पर उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के श्रीचरणों में नमन कर अपनी श्रद्धा निवेदित की। मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज (पीठाधीश्वर, अशर्फी भवन अयोध्या) ने कराया। इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, स्वामी अनंताचार्य, महंत शेरनाथ, संत अवधेश दास, सतुआ बाबा समेत बड़ी संख्या में संतजन, यजमान व श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी। इसका विराम हवन एवं भंडारे के साथ 13 सितंबर को होगा। श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मुख्य मंदिर से कथा स्थल तक बैंडबाजे, शंख ध्वनि की गूंज तथा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर गोरक्षपीठाधीश्वर ने अखंड ज्योति स्थापित की। साप्ताहिक पुण्यतिथि समारोह में व्याख्यानमाला गुरुवार से, सीएम रहेंगे मौजूद गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में विभिन्न सामयिक व ज्वलंत विषयों पर व्याख्यानमाला का शुभारंभ गुरुवार को सुबह 10.30 बजे से होगा। शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। पहले दिन 8 सितंबर को ‘आजादी का अमृत महोत्सव: संकल्पना से सिद्धि तक’ विषय पर व्याख्यान होगा।

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संकल्पों को सिद्धि में बदल रहा है आज का नया भारत : योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर, 8 सितंबर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस ब्रिटेन ने भारत पर 200 वर्षों तक शासन किया, वह देश अपनी आजादी के 75 सालों में उसी ब्रिटेन को पछाड़कर आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह इस बात का जीवंत उदाहरण है कि आज का नया भारत अपने संकल्पों को सिद्धि में बदल रहा है। यह भारत के वर्तमान यशस्वी नेतृत्व की सफलता का भी उदाहरण है। -पराजय को कभी स्वीकार नहीं किया भारत ने -युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि पर साप्ताहिक समारोह -‘आजादी का अमृत महोत्सव : संकल्पना से सिद्धि तक’ विषयक सम्मेलन में बोले मुख्यमंत्री सीएम योगी गुरुवार को युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में आयोजित साप्ताहिक समारोह के अंतर्गत ‘आजादी का अमृत महोत्सव : संकल्पना से सिद्धि तक’ विषयक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में पहली बार लगा कि स्वाधीनता दिवस का पर्व सिर्फ सरकारी आयोजन नहीं है बल्कि इसमें जन-जन की भागीदारी है। सभी भारतवासियों ने हर घर तिरंगा फहराया। इसमें सम्पूर्ण देश की सहभागिता रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश को आजादी अचानक नहीं मिली। इसके लिए अहर्निश प्रयास करना पड़ा, अनगिनत बलिदान देने पड़े। भारत उन चंद देशों में से एक है जिसने कभी पराजय को स्वीकार नहीं किया बल्कि निरंतर लड़ता रहा। पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह जैसे महापुरुष लगातार देश के सम्मान और स्वाभिमान के लिए लड़ते रहे। उस दौर में देश एकजुट होकर लड़ा होता तो मुगलों के छक्के उसी कालखंड में छुड़ा दिए गए होते और उसके बाद पराधीनता नही मिलती। 1857 के बाद बुझने नहीं पाई क्रांति की ज्वाला सीएम योगी ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर में देश एकजुट होकर लड़ा था। बैरकपुर में मंगल पांडेय, गोरखपुर में बंधु सिंह, मेरठ में धनसिंह कोतवाल, झांसी में रानी लक्ष्मीबाई, बिठूर में तात्या टोपे ने आजादी की लड़ाई की मशाल जलाई। देश का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं था जहां लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हुंकार न भरी हो। पहली बार लगा था कि भारत दासता से मुक्त हो जाएगा। तभी से क्रांति की ज्वाला बुझने नहीं पाई। 1922 में ऐतिहासिक चौरीचौरा जनाक्रोश हुआ, लखनऊ में काकोरी की घटना में कई क्रांतिकारियों को फांसी दी गई। अनगिनत बलिदान से अंततः 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हो गया। भारत को विकसित राष्ट्र बनने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वाधीनता दिवस पर बताए गए पंच प्रणों से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हम लक्षित संकल्पों से जुड़कर अपने अपने क्षेत्र के दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें तो दुनिया की कोई भी ताकत भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि चाहे वह छात्र हो, शिक्षक, किसान, उद्यमी, व्यापारी या समाज का कोई भी तबका, सबके मन मे ‘देश प्रथम’ का भाव होना चाहिए। हमें अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए कार्य करना होगा। पंचायतों और निकायों को हरेक कार्य के लिए सरकार पर निर्भर रहने की बजाय राजस्व के स्रोतों को बढ़ाना होगा। पीएम मोदी के पंच प्रण किसी व्यक्ति, मजहब, धर्म या क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि देश की 135 करोड़ जनता के लिए मिलकर काम करने का मंत्र हैं। एक भारत-श्रेष्ठ भारत की शुरुआत स्वयं से करनी होगी सीएम योगी ने कहा कि देश की आजादी के बाद दुनिया को लगा था कि भारत लंबा नहीं चल पाएगा। पर, इन 75 वर्षों में अलग-अलग बोली, भाषा, खानपान के बावजूद कश्मीर से कन्याकुमारी तक तथा द्वारिका से बंगाल तक पूरे देश में एक समान राष्ट्रीय भाव भंगिमा दिखती है। हमें और आगे बढ़ने के लिए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भाव जगाना होगा और इसकी शुरूआत स्वयं से करनी होगी। यदि हमें भारत को विकसित बनाना है तो आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पर आगे बढ़ना होगा। ऐसा करके ही हम आजादी के शताब्दी महोत्सव में यह कहने की स्थिति में होंगे कि हमारा देश विकसित और दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन चुका है। इतिहास को विस्मृत कर उज्ज्वल भविष्य की कल्पना नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इतिहास को विस्मृत कर उज्जवल भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते। विकास केवल बोल देने से नहीं होगा बल्कि इसमें सबकी भूमिका होनी चाहिए। इतिहास, ज्ञान, विज्ञान के समन्वय से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि जिन महापुरुषों ने आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और गुमनाम रह गए, उन्हें ढूंढना और उनके जरिए वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने का दायित्व शिक्षण संस्थाओं को उठाना होगा। इसी क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संकल्पों से जुड़कर शिक्षण संस्थान खुद को आदर्श केंद्र बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाएं पाठ्यक्रमों के साथ सरकार की योजनाओं की गहरी जानकारी रखें ताकि अध्ययन के बाद छात्र को कहीं भटकना न पड़े। योजनाओं की जानकारी से छात्र अध्ययन के साथ ही अपने आगामी लक्ष्य को तय कर सकेगा और लक्षित संकल्प से ही सिद्धि प्राप्त होगी। आजीवन राष्ट्र निर्माण की संकल्पना से जुड़े रहे महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि महंतद्वय आजीवन राष्ट्र निर्माण की संकल्पना से जुड़े रहे। महंतद्वय के नेतृत्व में गोरक्षपीठ के एक-एक कार्य समाज एवं राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन, छुआछूत उन्मूलन, गोरक्षा से लेकर शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में गोरक्षपीठ ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। आचार्यद्वय ने सदैव राष्ट्रीय कर्तव्यों का निर्वहन किया। विश्व में बढ़ी है भारत की स्वीकार्यता :प्रो रविशंकर सिंह सम्मेलन के मुख्य वक्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो रविशंकर सिंह ने कहा कि 1947 में देश के आजाद होने पर ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री चर्चिल ने कहा था कि भारत बिखर जाएगा। लेकिन, आजादी के 75 सालों में भारत बिखरा नहीं बल्कि निखर गया है। आजादी के अमृत महोत्सव को राष्ट्र जागरण का उत्सव बताते हुए डॉ

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आयुष विवि के निर्माण की धीमी गति से सीएम नाराज, जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज गोरखपुर में बन रहा है प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय

गोरखपुर, 7 सितंबर। दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों के बारे में चर्चा की। इस दौरान आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य धीमी गति से होने को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा कि इस मामले में जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय यह उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। उन्होंने गो तस्करी को पूरी तरह से रोकने की भी हिदायत दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की विकास कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा, गो तस्करों और नशे के कारोबारियों पर करें प्रभावी कार्रवाई प्रगतिशील किसानों को करें सम्मानित बैठक में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी ली। इस दौरान इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना के सफल होने की जानकारी मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा दी गई। अधिकारियों ने और इलेक्ट्रिक बस चलाने की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सकारात्मक आश्वासन दिया है। उन्होंने प्रदेश के अन्य जिलों में गन्ना की खेती के बारे में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अच्छा करने वाले कृषकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाते हुए गो तस्करों पर प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश एसएसपी को दिया। नशामुक्ति की दिशा में काम करने का निर्देश भी उन्होंने दिया। अधिकारियों की ओर से नशामुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। बैठक में मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, डीआइजी जे रविन्दर गौड, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएसपी गौरव ग्रोवर, जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह, नगर आयुक्त अविनाश सिंह एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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गोरखपुर-कारोबार को देने रफ्तार, बैंक पहुंचा टेराकोटा शिल्पकारों के द्वार

गोरखपुर। लगातार बुलंदियों को छू रहे टेराकोटा शिल्प के उद्यम को वित्त पोषण में और सहूलियत मिलने जा रही है। टेराकोटा शिल्पियों के कारोबार को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किए गए वादे के अनुरूप पंजाब एंड सिंध बैंक शिल्पियों के द्वार पहुंचा है। बैंक के अधिकारियों ने टेराकोटा शिल्पकारो से उनकी वित्तीय जरूरतों की जानकारी ली और बताया कि उन्हें अपनी कला को उद्योग के रूप में स्थापित करने के प्रदेश सरकार के प्रयास में वह भी हमकदम बन गया है। बैंक ने गोरखपुर के 5000 टेराकोटा शिल्पियों के लिए 25 करोड़ रुपये लोन वितरण का लक्ष्य रखा है। टेराकोटा गांव औरंगाबाद और गुलरिहा का भ्रमण किया पंजाब एंड सिंध बैंक के अफसरों ने 5000 टेराकोटा शिल्पकारों को 25 करोड़ का लोन देने की प्रतिबद्धता जता चुका है बैंक गोरखपुर की विशिष्ट टेराकोटा मिट्टी शिल्प को योगी सरकार ने महत्वाकांक्षी एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल कर प्रशिक्षण, निशुल्क यंत्र-उपकरण व अनुदानित लोन देकर इसे फर्श से अर्श तक पहुंचा दिया है। नायाब होने के बावजूद कभी टेराकोटा के उत्पादों को खरीदारों का टोटा था तो अब सरकार की तरफ से कराई गई ब्रांडिंग का यह जलवा है कि इस शिल्प के उत्पादों की डिमांड इतनी है कि शिल्पकारों के पास तीन से चार महीने के लिए एडवांस ऑर्डर रहता है। यही नहीं, इसके उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से लेकर ग्लोबल मार्केट तक उपलब्ध हैं। सरकार के प्रयासों से टेराकोटा को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग भी हासिल है। टेराकोटा मिट्टी शिल्प उद्यम के रूप में स्थापित हो चुका है। इसका कारोबार और बढ़े और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद दिलचस्पी लेते हैं। सीएम योगी के प्रयासों से जुड़ने की एक पहल पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी की है। कार्यकारी निदेशक रामजस यादव के नेतृत्व में गत 23 अगस्त को बैंक के अधिकारियों ने सीएम योगी से लखनऊ में मुलाकात कर टेराकोटा शिल्पकारों के लिए अपनी कार्ययोजना की जानकारी दी थी। बताया था कि बैंक उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के साथ मिलकर गोरखपुर के 5000 टेराकोटा शिल्पकारों को 25 करोड़ का लोन उपलब्ध कराएगा। इस वित्त पोषण से शिल्पी अपने उद्यम का आकार और विस्तारित कर सकेंगे। इसी कार्ययोजना के मुताबिक रविवार को बैंक के मुख्य प्रबंधक विनय कुमार ओझा के नेतृत्व में वरिष्ठ प्रबंधक शैलेंद्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक गोलघर गोरखपुर शाखा अरविंद कुमार मिश्र, शाखा प्रबंधक बशारतपुर गोरखपुर पंकज जायसवाल व शाखा प्रबंधक बस्ती संदीप यादव टेराकोटा के लिए मशहूर औरंगाबाद और गुलरिहा पहुंचे। उन्होंने भोला प्रसाद प्रजापति, रामफल, गुलाब चंद प्रजापति, गब्बू, लालचंद प्रजापति, हीरालाल प्रजापति, राजन प्रजापति, रविन्द्र प्रजापति से मुलाकात की। उनके हुनर को देखा, बाजार, उत्पादों की मांग और उनके टर्नओवर के बारे में जानकारी ली। बैंक अधिकारियों ने टेराकोटा शिल्पकारों को ओडीओपी के तहत सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। साथ ही बताया कि बैंक उन्हें त्वरित आधार पर सरलता से लोन देने के लिए तैयार बैठा है। लोन से वह अपने कारोबार को और रफ्तार दे सकते हैं। शिल्पकारो को डिजिटल पेमेंट सिस्टम और क्यूआर कोड के जरिये लेनदेन के बारे में बताया गया।

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