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संकल्पों को सिद्धि में बदल रहा है आज का नया भारत : योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर, 8 सितंबर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस ब्रिटेन ने भारत पर 200 वर्षों तक शासन किया, वह देश अपनी आजादी के 75 सालों में उसी ब्रिटेन को पछाड़कर आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह इस बात का जीवंत उदाहरण है कि आज का नया भारत अपने संकल्पों को सिद्धि में बदल रहा है। यह भारत के वर्तमान यशस्वी नेतृत्व की सफलता का भी उदाहरण है।

-पराजय को कभी स्वीकार नहीं किया भारत ने

-युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि पर साप्ताहिक समारोह

-‘आजादी का अमृत महोत्सव : संकल्पना से सिद्धि तक’ विषयक सम्मेलन में बोले मुख्यमंत्री

सीएम योगी गुरुवार को युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में आयोजित साप्ताहिक समारोह के अंतर्गत ‘आजादी का अमृत महोत्सव : संकल्पना से सिद्धि तक’ विषयक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में पहली बार लगा कि स्वाधीनता दिवस का पर्व सिर्फ सरकारी आयोजन नहीं है बल्कि इसमें जन-जन की भागीदारी है। सभी भारतवासियों ने हर घर तिरंगा फहराया। इसमें सम्पूर्ण देश की सहभागिता रही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश को आजादी अचानक नहीं मिली। इसके लिए अहर्निश प्रयास करना पड़ा, अनगिनत बलिदान देने पड़े। भारत उन चंद देशों में से एक है जिसने कभी पराजय को स्वीकार नहीं किया बल्कि निरंतर लड़ता रहा। पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह जैसे महापुरुष लगातार देश के सम्मान और स्वाभिमान के लिए लड़ते रहे। उस दौर में देश एकजुट होकर लड़ा होता तो मुगलों के छक्के उसी कालखंड में छुड़ा दिए गए होते और उसके बाद पराधीनता नही मिलती।

1857 के बाद बुझने नहीं पाई क्रांति की ज्वाला
सीएम योगी ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर में देश एकजुट होकर लड़ा था। बैरकपुर में मंगल पांडेय, गोरखपुर में बंधु सिंह, मेरठ में धनसिंह कोतवाल, झांसी में रानी लक्ष्मीबाई, बिठूर में तात्या टोपे ने आजादी की लड़ाई की मशाल जलाई। देश का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं था जहां लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हुंकार न भरी हो। पहली बार लगा था कि भारत दासता से मुक्त हो जाएगा। तभी से क्रांति की ज्वाला बुझने नहीं पाई। 1922 में ऐतिहासिक चौरीचौरा जनाक्रोश हुआ, लखनऊ में काकोरी की घटना में कई क्रांतिकारियों को फांसी दी गई। अनगिनत बलिदान से अंततः 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हो गया।

भारत को विकसित राष्ट्र बनने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वाधीनता दिवस पर बताए गए पंच प्रणों से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हम लक्षित संकल्पों से जुड़कर अपने अपने क्षेत्र के दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें तो दुनिया की कोई भी ताकत भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि चाहे वह छात्र हो, शिक्षक, किसान, उद्यमी, व्यापारी या समाज का कोई भी तबका, सबके मन मे ‘देश प्रथम’ का भाव होना चाहिए। हमें अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए कार्य करना होगा। पंचायतों और निकायों को हरेक कार्य के लिए सरकार पर निर्भर रहने की बजाय राजस्व के स्रोतों को बढ़ाना होगा। पीएम मोदी के पंच प्रण किसी व्यक्ति, मजहब, धर्म या क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि देश की 135 करोड़ जनता के लिए मिलकर काम करने का मंत्र हैं।

एक भारत-श्रेष्ठ भारत की शुरुआत स्वयं से करनी होगी
सीएम योगी ने कहा कि देश की आजादी के बाद दुनिया को लगा था कि भारत लंबा नहीं चल पाएगा। पर, इन 75 वर्षों में अलग-अलग बोली, भाषा, खानपान के बावजूद कश्मीर से कन्याकुमारी तक तथा द्वारिका से बंगाल तक पूरे देश में एक समान राष्ट्रीय भाव भंगिमा दिखती है। हमें और आगे बढ़ने के लिए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भाव जगाना होगा और इसकी शुरूआत स्वयं से करनी होगी। यदि हमें भारत को विकसित बनाना है तो आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पर आगे बढ़ना होगा। ऐसा करके ही हम आजादी के शताब्दी महोत्सव में यह कहने की स्थिति में होंगे कि हमारा देश विकसित और दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन चुका है।

इतिहास को विस्मृत कर उज्ज्वल भविष्य की कल्पना नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इतिहास को विस्मृत कर उज्जवल भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते। विकास केवल बोल देने से नहीं होगा बल्कि इसमें सबकी भूमिका होनी चाहिए। इतिहास, ज्ञान, विज्ञान के समन्वय से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि जिन महापुरुषों ने आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और गुमनाम रह गए, उन्हें ढूंढना और उनके जरिए वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने का दायित्व शिक्षण संस्थाओं को उठाना होगा। इसी क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संकल्पों से जुड़कर शिक्षण संस्थान खुद को आदर्श केंद्र बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाएं पाठ्यक्रमों के साथ सरकार की योजनाओं की गहरी जानकारी रखें ताकि अध्ययन के बाद छात्र को कहीं भटकना न पड़े। योजनाओं की जानकारी से छात्र अध्ययन के साथ ही अपने आगामी लक्ष्य को तय कर सकेगा और लक्षित संकल्प से ही सिद्धि प्राप्त होगी।

आजीवन राष्ट्र निर्माण की संकल्पना से जुड़े रहे महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि महंतद्वय आजीवन राष्ट्र निर्माण की संकल्पना से जुड़े रहे। महंतद्वय के नेतृत्व में गोरक्षपीठ के एक-एक कार्य समाज एवं राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन, छुआछूत उन्मूलन, गोरक्षा से लेकर शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में गोरक्षपीठ ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। आचार्यद्वय ने सदैव राष्ट्रीय कर्तव्यों का निर्वहन किया।

विश्व में बढ़ी है भारत की स्वीकार्यता :प्रो रविशंकर सिंह
सम्मेलन के मुख्य वक्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो रविशंकर सिंह ने कहा कि 1947 में देश के आजाद होने पर ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री चर्चिल ने कहा था कि भारत बिखर जाएगा। लेकिन, आजादी के 75 सालों में भारत बिखरा नहीं बल्कि निखर गया है। आजादी के अमृत महोत्सव को राष्ट्र जागरण का उत्सव बताते हुए डॉ सिंह ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। किसी भी वैश्विक नीति के निर्धारण में भारत की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वस्तुतः भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्र है इसी परिकल्पना के अनुरूप गोरक्षपीठाधीश्वरों की परंपरा रही कि वह धर्म-संस्कृति व राष्ट्रीयता पर होने वाले आक्षेप का प्रतिघात करते हुए नेतृत्व करते रहे हैं।

सम्मेलन में विषय की प्रस्ताविकी महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो उदय प्रताप सिंह ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी श्रीधराचार्य, अयोध्या से आए प्रशांत शुक्ल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में महंत शेरनाथ, महंत शिवनाथ, ब्रह्मचारी रास लाल, महंत गंगा दास, राममिलन दास, महंत राम नाथ, महंत राजू दास, महंत मिथलेश नाथ, महंत रविंद्रदास, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक प्रदीप शुक्ला, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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CG News:मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी

बारिश को देखते हुए मलेरिया संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए कलेक्टर श्री राहुल देव ने चिकित्सा अमले को पूरी सतर्कता एवं सक्रियता के साथ मलेरिया के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में कलेक्टर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र पैकरा ने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा मच्छर जनित रक्त रोग है, जो मादा एनोफ़िलेज़ मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया होने पर मरीज में बुखार आना, सर दर्द होना, उल्टी होना, मन का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना, थकान पेट दर्द आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मलेरिया का ईलाज और रोकथाम संभव है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए उचित कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत मैदानी स्तर पर फोकस एरिया का चिन्हांकन, मलेरिया के संदेहास्पद रोगियों की रक्त जांच, आर.डी. टेस्ट, माइक्रोस्कोपिक जांच के माध्यम से मलेरिया पैरासाइट स्टेज एंड डेंसिटी का पता लगाना, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट कर रैपिड फीवर सर्वे, सुदूर वनांचल सहित स्कूल, छात्रावास हाट बाजार आदि स्थलों में कैंप लगाकर मलेरिया प्रकरणों की जांच, लार्वा नियंत्रण कीटनाशक छिड़काव किया जा रहा है तथा मलेरिया की रोकथाम के प्रति आमजनों को जागरुक भी किया जा रहा है। डीपीएम श्री गिरीश कुर्रे ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरों पर नियंत्रण तथा उनके काटने से बचाव जरूरी है, इसलिए हमें घरों और अपने आस-पड़ोस में अच्छी सफाई रखनी चाहिए, लोगों को मलेरिया होने के कारण की जानकारी देनी चाहिए, घरों के आसपास गंदगी एवं पानी एकत्रित नहीं होना देना चाहिए, कूलर की समय-समय पर साफ-सफाई, मच्छरदानी आदि का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पानी इकट्ठा वाले स्थान पर मिट्टी तेल का छिड़काव किया जाना चाहिए, जिससे मच्छरों के लार्वा मर जाएं, तालाब या झीलों में लार्वा खाने वाली मछलियां जैसे गैंबुसिया आदि छोड़ना चाहिए, खिड़की एवं दरवाजा में बारीक जाली लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि बुखार या अन्य लक्षण दिखाई देने पर मरीज को तत्काल अपने रक्त की जांच करानी चाहिए एवं चिकित्सक की सलाह से ही दवाई इत्यादि का सेवन करना चाहिए।

CG News: जशपुर को पर्यटन नक्शे में शामिल करने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की बड़ी पहल

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक व धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है। इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा। साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है। उल्लेखनीय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है। बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है। वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है। इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है। पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं। राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है। इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके। इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है। विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति – स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

CG News: विष्णु के सुशासन में दिव्यांगों को मिल रही सुविधा

छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार प्रदेश में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। राज्य के निःशक्तजनों के लिए सरकार सहारा बन रही है। जिसके समाज कल्याण विभाग के माध्यम से राहत पहुंचाने का कार्य हो रहा है। निराश्रित, बुजुर्ग एवं दिव्यांग हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम हो रहा है। जिला कांकेर, ग्राम गोतपुर आवास पारा निवासी 13 वर्षीय कुमारी वर्षा 80 प्रतिशत दिव्यांग है और चलने-फिरने में अक्षम है। उसे कहीं भी जाने के लिए दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता था। अब उसकी राहे आसान हो गई है और वह अपना सफर पूरा करने के लिए खुद सक्षम है। क्योंकि समाज कल्याण विभाग द्वारा व्हील चेयर प्रदान किया गया। व्हील चेयर मिल जाने से अब उन्हें गांव से बाहर आने-जाने में आसानी होगी। समाज कल्याण विभाग की अधिकारी श्रीमती क्षमा शर्मा ने बताया कि दिव्यांग वर्षा के पिता श्री कमलेश के द्वारा व्हीलचेयर प्रदान करने हेतु आवेदन किया गया था, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए समाज कल्याण कार्यालय परिसर में व्हीलचेयर प्रदान किया गया।

MP News:हर घर, जल ग्राम घोषित करें : सचिव नरहरि

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सचिव श्री पी. नरहरि ने उज्जैन में जल जीवन मिशन के कार्यों की संपूर्ण जानकारी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर साझा करने तथा परियोजना स्थल पर उनका दौरा कराने के भी निर्देश दिए।कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक त्वरित गति से पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर उन्हें “हर घर जल ग्राम “घोषित करने एवं प्रमाणीकरण करने के लिए निर्देशित किया। संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यांत्रियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की। जल निगम के एम डी श्री कोलसानी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

MP News:चार बैगा परिवारों की संवर गई जिन्दगी पीएम जनमन से मिला नया घर, नया जीवन

ये कहानी उन चार बैगा जनजाति परिवारों की है, जिन्होंने कुछ दिन पहले तक सिर्फ अभावों और कठिनाईयों का जीवन जिया था। जीवन की दुश्वारियों से परेशान ये बैगा परिवार अपनी जिन्दगी बदलना तो चाहते थे, पर कोई राह नहीं मिल रही थी। इनकी कई परेशानियों के इन्ही कड़वे दिनों में एक नई मिठास लेकर आई पीएम जनमन योजना। भारत सरकार ने देश की 75 विशेष पिछड़ी जनजातियों (पीवीटीजी) के उत्थान के लिये यह योजना प्रारंभ की है। इसमें (पीवीटीजी) परिवारों को पक्का घर, पोषण आहार, स्वच्छ जल, बिजली, अच्छी शिक्षा, रोग उपचार, गांव तक पक्की सड़क, संचार कनेक्टिविटी जैसी तमाम सुविधाओं एवं इन जनजातियों के रोजगार का प्रबंध भी किया जा रहा है। भारत सरकार के साथ मध्यप्रदेश सरकार भी प्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया एवं सहरिया के समग्र कल्याण के लिये विशेष उपाय कर रही है। इन जनजातियों के सभी परिवारों को पक्का घर एवं इन घरों को बिजली से रौशन करने के लिये सरकार तेजी से प्रयासरत है। इन चार बैगा परिवारों को भी पीएम जनमन की ‘सबको घर’ और ‘हर घर बिजली’ योजना का लाभ मिला है। शहडोल एक जनजातीय विशेषकर बैगा जनजाति बाहुल्य जिला है। जिले के ग्राम टेटका निवासी श्रीमती रामरती बैगा पहले एक कच्चे मकान में अपने परिवार के साथ रहती थीं। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण रामरती बैगा को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मजदूरी तक करना पड़ी। मजदूर परिवार के लिए खुद के घर का सपना देखना मानो बेमानी था। पीएम जनमन योजना ने रामरती और उसके परिवार का यह सपना पूरा कर दिया। रामरती को अब पक्का घर मिल चुका है। पहले रामरती का परिवार ठंड, गर्मी, बरसात में जैसे-तैसे गुजर-बसर करता था, पर आज वे सभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं। उनका जीवन स्तर भी सुधर रहा है। इन्हें अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। कच्चे घर की कठिनाईयाँ भी अब दूर हो गयी हैं। ग्राम पंचायत मसियारी की मुन्नीबाई बैगा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पहले वे कच्चे मकान में गुजर-बसर करती थीं। बरसात में आये दिन ऊपर से पानी ठपकता रहता था। ठंड में तो जीना मुहाल हो जाता था। काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। दूसरों के पक्के घर देखकर वे सोचती थीं कि इस जीवन में क्या वह भी कभी अपने पक्के घर में रह पायेगी। पर पक्के घर के मुन्नीबाई के सपने को जन-मन आवास योजना ने पूरा कर दिया है। योजना से मुन्नीबाई का पक्का घर तैयार हो गया है। अब वे इसी पक्के घर में रहती हैं। कच्चे घर की उन तमाम समस्याओं से भी उन्हें हमेशा के लिये निजात मिल गई है। वर्षा और ठंड की दिक्कतें भी अब नहीं उठानी पड़तीं। बुढ़ार की ग्राम पंचायत भमला निवासी आइतू बैगा भी इस योजना से पक्के घर की सौगात के लाभार्थी हैं। आइतू बैगा बताते हैं पहले उनका परिवार कच्ची झोपडीनुमा घर में रहता था। जिसमें काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। पीएम जनमन से मेरा पक्का मकान तैयार हो गया है और अब मैं इसी मकान में खुशी-खुशी रहने लगा हूं। जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत बनसुकली निवासी श्रीमती सरोजनी बैगा को भी पीएम जन-मन आवास योजना से पक्के घर का लाभ मिला है। कच्चे घर और उसकी परेशानियों को सरोजनी अब एक बुरे सपने की तरह भूल चुकी हैं। क्योंकि इन सबके जीवन में पीएम जन-मन योजना से एक नई डगर, एक नया उजाला जो आ गया है।

MP News:सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है लक्ष्य हमारा – मंत्री

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि आने वाला समय सौर ऊर्जा का है। हमें सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है क्योंकि ऊर्जा का सबसे सस्ता और सुलभ स्रोत सौर ऊर्जा बनने जा रहा है। मंत्री श्री शुक्ला ने ऊर्जा विभाग और काउंसिल ऑफ एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के बीच आज मंत्रालय में हुए 3 साल के करारनामे (एमओयू) के बीच चर्चा में ये बातें कही। उन्होंने सीईईडब्ल्यू की टीम को अन्य राज्यों में किये गये कार्यों का अनुभव मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करने को कहा। मंत्री श्री शुक्ला के मौजूदगी में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनु श्रीवास्तव और सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ. अरूणाभ घोष ने तीन साल के एमओयू पर हस्ताक्षर किये। मंत्री श्री शुक्ला ने सबसे पहले काउंसिल का मध्यप्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि निश्चित ही उनके साथ काम करने से मध्यप्रदेश के लोगों को लाभ होगा और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सीईईडब्ल्यू बिहार और आसाम में किये गये कार्यों के अनुभव को मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करे। साथ ही मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के अधिकारी बिहार और आसाम की विजिट करें। इससे प्राप्त अनुभव से मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य योजना बनाई जा सकेगी। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ला के मार्गदर्शन में प्रदेश में काउंसिल के साथ मिलकर कार्य करेंगे। रूफ टॉप एनर्जी, कुसुम-ए एवं कुसुम-सी योजना में अधिकतम लोगों को लाभांवित करने की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी के साथ आज हुए करारनामे में तत्परतापूर्वक कार्य किया जायेगा। आगामी दो माह में टेण्डर इत्यादि प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली के क्षेत्र में प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लोग अटल योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रयास करेंगे कि सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाकर अधिक से अधिक लोगों तक सस्ती बिजली मुहैया कराई जाये। काउंसिल के सीईओ डॉ. घोष ने बताया कि सीईईडब्ल्यू ऊर्जा, पर्यावरण और जल के क्षेत्र में एशिया की अग्रणी गैर लाभकारी नीति अनुसंधान संस्थाओं में से एक है। यह संसाधनों के उपयोग, पुन: उपयोग और दुरूपयोग से बचाने के लिये डाटा, एकीकृत विश्लेषण और रणनीतिक ऑउटरीच का उपयोग करती है। इस अवसर पर ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अमनवीर सिंह बैस और सीईईडब्ल्यू की प्रोग्राम डायरेक्टर सुश्री शालू अग्रवाल मौजूद थीं।