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Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने सोमवार को आईटी पार्क देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का औचक निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री ने सोमवार को आईटी पार्क देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश की स्थिति का जायजा लेते हुए अधिकारियों को हर समय अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि वे निरन्तर जिलाधिकारियों से समन्वय बना कर रखें। नदियों के जल स्तर पर नियमित निगरानी बनाये रखें। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से जिलाधिकारी नैनीताल, बागेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, देहरादून से फोन के माध्यम से वार्ता कर बारिश की स्थिति, सड़कों की स्थिति, विद्युत और पेयजल की उपलब्धता तथा जलभराव के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिवृष्टि के कारण यातायात बाधित न हो, सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उन्हें शीघ्र खुलवाया जाए। जल भराव की स्थिति में निकासी की उचित व्यवस्था रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि नदियों के जल स्तर बढ़ने की स्थिति में नदी किनारे एवं अन्य संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि हर जिले की अतिवृष्टि की स्तिथि पर निरन्तर नज़र बनाए रखें। जिलों के साथ परस्पर समन्वय स्थापित करें, ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति से निपटा जा सके। राज्य के विभिन्न संवेदनशील इलाकों, अत्यधिक बारिश एवं आपदा ग्रस्त वाले इलाकों को लेकर भी विशेष नज़र बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा को लेकर किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाए। रिस्पांस टाईम कम से कम रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। इस अवसर सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव श्री आनन्द स्वरूप एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

Uttrakhand News:उच्च शिक्षा एवं शहरी विकास विभाग के 153 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किए नियुक्ति पत्र

उच्च शिक्षा एवं शहरी विकास विभाग के 153 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किए नियुक्ति पत्र। 68 असिस्टेंट प्रोफेसर, 63 अधिशासी अधिकारी एवं 22 कर व राजस्व निरीक्षकों को प्रदान किए गये नियुक्ति पत्र। सरकारी विभागों में रिक्त विभिन्न पदों पर और तेजी से होगी नियुक्ति की प्रक्रिया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग में चयनित 68 असिस्टेंट प्रोफेसर, शहरी विकास विभाग में चयनित 63 अधिशासी अधिकारी एवं 22 कर व राजस्व निरीक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी अभ्यर्थी राज्य सरकार के साथी के रूप में राज्य में अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने कहा जो जिम्मेदारी मिलने वाली है, उसका निर्वहन पूर्ण मनोयोग और ईमानदारी से करना है और उत्तराखंड को आदर्श राज्य बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना है। सभी चयनित युवा अपनी मेहनत, मातापिता, गुरुजनों एवं भगवान के आशीर्वाद से इस मुकाम पर पहुंचे हैं। जीवन के इस नए आयाम में नई शुरुआत करनी है, नौकरी के पहले दिन से ही संकल्प, अनुशासन लेकर कार्य करें, आगे काम करने के लिए जीवन में मापदंड तय करने होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि चयनित अभ्यर्थी हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आपके द्वारा किए गए कार्यों का प्रभाव लाखों लोगों पर पड़ेगा, जनता के विश्वास पर खड़ा उतरना सभी की शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए। आपकी लगन और मेहनत से प्रदेश विकास क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। राज्य सरकार की संकल्पना समृद्ध और सशक्त उत्तराखंड की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 लागू की थी। उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सरकार हर संभव कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों के विकास हेतु अनेक कार्य कर रही है। सभी छोटे बड़े शहरों को विकसित करने हेतु निरंतर कार्य जारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मागर्दशन में सभी शहरों के नवीनीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शहरी विकास में चयनित सभी अभ्यर्थी पूर्ण निष्ठा से शहरों के विकास की परियोजनाओं को आगे बढ़ाएंगे और राज्य के विकास में अपना अहम योगदान देंगे। अभ्यर्थी जन सहभागिता को प्राथमिक देकर कार्य करें, ताकि योजनाओं का सीधा लाभ आम जन को मिले। उन्होंने कहा निश्चित ही नए अभ्यर्थियों के आने से विभाग में नवाचार, ट्रांसपेरेंसी आएगी और कार्यशैली में परिवर्तन भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। राज्य में 20 मॉडल कॉलेज बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू करके इस समस्या को जड़ से खत्म किया है। आज योग्यता के आधार पर नौकरियां मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आगे भी विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को जल्द भरेगी। कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि लोक सेवा आयोग से चयनित सभी युवा, आने वाले समय में हमारे योग्य और सक्षम अधिकारीगण बनेंगे। आज प्रदेश में 105 निकाय हैं, शहरी विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाने में सभी युवा अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इन अभ्यर्थियों के आने से विभाग के कार्यों में तेजी आयेगी। प्रदेश में 9 नगर निगम, 47 नगर पालिका, 49 नगर पंचायतें हैं। इन क्षेत्रों का विकास विभाग की प्राथमिकता में है। अब नए युवा अधिकारियों के आने से यह कार्य और सरलता से हो सकेगा। कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तीन वर्षों में 15 हजार 500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का कार्य किया गया है। इस वर्ष 4000 बेसिक शिक्षकों, 1600 एल.टी , 882 लेक्चरर, करीब 622 प्रधानाचार्य, बीआरपी सीआरपी में 1500, हर इंटर कालेज हेतु 2500 चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति करने वाले हैं। इस प्रकार से कुल 11 हज़ार लोगों की नियुक्तियां शिक्षा विभाग में होंगी। इसके अलावा 1500 नर्सिंग स्टाफ, 750 एएनएम, 500 सीएचओ, 500 डॉक्टर्स, 378 मेडिकल कॉलेज हेतु असिस्टेंट प्रोफेसर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, हरिद्वार, रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज हेतु 3700 पदों पर नियुक्तियां देने जा रहे हैं। आज राज्य सरकार युवाओं की रोजगार के कई अवसर दे रही है। इस अवसर पर विधायक श्री फ़कीर राम टम्टा, सचिव श्री शैलेश बगौली, सचिव श्री नितेश झा, निदेशक शहरी विकास श्री नितिन भदौरिया, अपर निदेशक डॉ. ललित नारायण मिश्रा एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारियों के संबंध में सचिवालय में बैठक ली

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी) लागू करने की तैयारियों के संबंध में सचिवालय में बैठक ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए इसके अधीन संचालित होने वाली प्रक्रियाओं एवं नियमों को समयबद्धता के साथ अंतिम रूप दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यूसीसी के प्राविधानों को व्यवस्थित रूप से संपादित किये जाने के लिए गठित उप समिति के कार्यों एवं विभिन्न विभागों के स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही को भी शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को विधिवत लागू किये जाने से पूर्व सभी पहलुओं का गहनता एवं सजगता से अध्ययन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी के बारे में व्यापक स्तर पर जन जागरूकता भी लाई जाए। इसके लिए सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। यूसीसी के प्राविधानों को लागू करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष श्री शत्रुघ्न सिंह ने जानकारी दी गई कि इस सबंध में तीन उप समितियों का गठन किया गया। नियमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए गठित उप समिति की अब तक 43 बैठकें हो चुकी हैं, जो 31 अगस्त 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। नियमों के कार्यान्वयन में सुगमता और पारदर्शिता के लिए गठित उप समिति की 20 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, यह उप समिति भी 31 अगस्त 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। क्षमता विकास और प्रशिक्षण के लिए बनाई गई उप समिति भी 30 सितम्बर 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। बैठक में बताया गया कि यूसीसी से संबंधित प्राविधानों को प्रभावी ढ़ग से क्रियान्वित किये जाने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, विभिन्न विभागों के सचिव, समिति के सदस्यगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

CG News:श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम कोसमनारा में दर्शन के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम कोसमनारा स्थित श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम दर्शन के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव ने श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी चौधरी भी उपस्थित रहे। कोसमनारा स्थित श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम आस्था का केंद्र के रूप में विख्यात है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा सत्यनारायण और भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते है।  बाबा सत्यनारायण पूरे दिन भोलेनाथ की तपस्या और ध्यान में लीन रहते है और आधी रात में केवल एक बार सामान्य अवस्था में आते हैं।  इस दौरान बाबा फल और दूध ग्रहण करते हैं तथा आश्रम में मौजूद भक्तों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनकर उसका समाधान इशारों में ही बता देते हैं। बाबा सन् 1998 से तपस्या में लीन है और 2003 में उन्हे 108  की उपाधि मिली, तब से बाबा धाम की प्रसिद्धि के साथ श्रद्धालुओ की संख्या बढ़ी है। इस अवसर पर श्री गुरुपाल भल्ला, श्री महेश साहू, श्री विवेक रंजन सिन्हा, श्री ज्ञानू गौतम, श्री मनीष शर्मा, कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल, सीईओ जिला पंचायत श्री जितेंद्र यादव उपस्थित रहे।  गरजते बादल, तेज धूप और कड़कड़ाती ठंड के बीच तपस्या में लीन रहते है श्री सत्यनारायण बाबा रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कोसमनारा में श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा वर्षा, ग्रीष्म एवं ठंड तीनों मौसम में खुले जगह पर ही लगातार भगवान भोलेनाथ की तपस्या में लीन रहते हैं। स्थानीय लोगों से प्राप्त जानकारी अनुसार सत्यनारायण बाबा लगभग 25 वर्ष से अधिक समय से खुले जगह पर विराजमान होकर तपस्या कर रहे हैं। लोगों ने बताया की बाबा जिस जगह पर तपस्या कर रहे हैं, पहले वह एक बंजर जगह थी। इस बंजर जमीन पर बाबा ने कुछ पत्थरों को इकट्ठा कर शिवलिंग का रूप देकर अपनी जीभ काटकर  समर्पित कर दी थी और उस समय से लगातार तपस्या में लीन हैं।

Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत अपनी माताजी के साथ पौधारोपण किया

गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत अपनी माताजी संग किया पौधारोपण मुख्यमंत्री ने कहा, व्यक्ति के जीवन में उसकी सबसे पहली गुरु माँ ही हैं, उनके नाम पर पौधरोपण करना किसी सौभाग्य से कम नहीं कैनाल रोड स्थित गंगोत्री विहार में नदी किनारे खाली भूमि पर एमडीडीए की ओर से आयोजित किया गया पौधरोपण कार्यक्रम गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत अपनी माताजी के साथ पौधारोपण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में व्यक्ति की सबसे पहली गुरू मां ही हैं। ऐसे में मां के नाम पौधारोपण अभियान में शामिल होना किसी सौभाग्य से कम नहीं है। कैनाल रोड स्थित गंगोत्री विहार में रिस्पना नदी के किनारे खाली भूमि पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में रविवार को पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी माताजी श्रीमती विश्ना देवी के नाम से पौधारोपण किया। इस अवसर पर उनकी माताजी भी मौजूद रहीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ’एक पेड़ माँ के नाम’ लगाने की देशवासियों से अपील की थी। राज्य में इसे अभियान के रूप में लिया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से आह्वाहन किया है कि इस मानसून सीजन में एक पेड़ माँ के नाम जरूर लगाएं। उन्होंने कहा कि सभी के जीवन में माँ पहली गुरु होती हैं। गुरु पूर्णिमा की भी उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व से 15 अगस्त तक राज्य में बृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से सामाजिक संस्थाओं, पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों, स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा गया है। राज्य से ग्राम पंचायत स्तर वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इस अवसर पर एमडीडीए उपाध्यक्ष श्री बंशीधर तिवारी ने कहा कि जिस भूमि पर यह पौधारोपण किया जा रहा है, यहां आने वाले दिनों में पार्क का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरुआती चरण में भूमि की चारों ओर से फेंसिंग कराई जाएगी ताकि जानवर पौधों को नुकसान न पहुँचा सकें। साथ ही यहाँ पर पैदल ट्रैक के निर्माण के साथ ही इस तरह के पौधों को लगाया जाए जिससे यहां बायो डाइवर्सिटी को भी बढ़ावा मिल सके। इस अवसर पर उपाध्यक्ष ने अपनी माताजी सावित्री देवी जी के नाम से भी पौधारोपण किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, श्री गणेश जोशी, निवर्तमान मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली ने भी पौधरोपण किया। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में ‘ मुख्यमंत्री विद्यार्थी कल्याण योजना2024 का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में ‘ मुख्यमंत्री विद्यार्थी कल्याण योजना2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को मोबाइल लर्निंग स्कूल की सुविधा के लिए दो बसों का शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को जनपद हरिद्वार और जनपद उधमसिंह नगर के लिए मोबाइल लर्निंग स्कूल के लिए एकएक बस का फ्लैग ऑफ किया गया। इससे पहले देहरादून और नैनीताल जनपदों के लिए इस पहल की शुरूआत की गई थी, जिसके तहत 314 बच्चे प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 75 बच्चों का प्रतिवर्ष चयन कर रूद्रपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उच्च तकनीकि शिक्षा प्रदान की जायेगी। इन बच्चों को मेकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग जैसे विषय में 03 वर्ष का तकनीकि प्रशिक्षण प्रदान कर उनके रोजगार के लिए प्लेसमेंट की व्यवस्था भी की जायेगी। इन बच्चों के प्रशिक्षण का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को इस तरह के प्रशिक्षण प्रदान करने से उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में आगे आने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, अध्यक्ष उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम्, सचिव उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड सुश्री दीप्ति सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने शनिवार को डी.ए.वी पी.जी कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित महानगर छात्र सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को डी.ए.वी पी.जी कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित महानगर छात्र सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रछात्राओं को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने डी.ए.वी.पी.जी. कॉलेज देहरादून में अटल बिहारी बाजपेयी उत्कृष्ट शैक्षणिक ब्लॉक के 06 नये कक्षा कक्षों के निर्माण के लिए 01 करोड़ की धनराशि प्रदान करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी वे कॉलेजों के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, तो उनके मन में ऊर्जा का नया संचार होता है। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एबीवीपी स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों पर चलने वाला संगठन है, जो छात्रहित और राष्ट्रहित के लिये कार्य करता है। उन्होंने कहा कि आज वे समाज के लिए जो योगदान दे पा रहे हैं, उसमें विद्यार्थी जीवन का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के मन्दिर से देश की सीमा तक विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपना योगदान दे रहे हैं। अनेक अवसरों पर विद्यार्थी परिषद द्वारा सामाजिक सरोकारों से संबंधित कार्य किये जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को हर क्षेत्र में कार्य करने का मौका मिले इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके लागू होने के बाद से सभी भर्ती प्रक्रियाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ हुई हैं। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों का चयन अनेक परीक्षाओं में हो रहा है। परीक्षा के दिन अभ्यर्थियों को रोड़बेज की बसों में किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से अपील की कि इस मानसून सीजन में एकएक पौधा अवश्य लगाये जाने की भी अपील की। इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ममता सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री मनोज निखरा, श्री राकेश ओबेरॉय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से श्री अंकित शुक्ल, श्री ऋषभ रावत, श्री अंकित सुन्दरियाल, सुश्री आयुषी पैन्यूली एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने किया सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना पोर्टल का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने किया सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना पोर्टल का शुभारंभ। विभिन्न शासकीय भवनों में स्थापित सोलर पावर प्लांटों का किया लोकार्पण। रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ रूपये का अनुदान किया गया है वितरित। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के माध्यम से 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का रखा गया है लक्ष्य मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के 47 लाभार्थियों को प्रदान किये आवंटन पत्र। पी.एम. सूर्यघर योजना के तहत 4 लाभार्थियों को वितरित किये राज्य अनुदान के चेक। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में उरेडा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना में आवेदन एवं अनुदान निर्गत किये जाने के लिए पोर्टल ूूूण्नतमकंवदसपदमण्नाण्हवअण्पद का शुभारम्भ किया गया। प्रदेश के राजकीय भवनों पर स्थापित सोलर पावर प्लान्ट एवं सोलर वाटर हीटर, 27 भवनों पर 1.26 मे.वा. क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट तथा 44 राजकीय भवनों पर स्थापित 48400 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटर सयंत्रों का लोकार्पण किया। कार्यक्रम के मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के 47 लाभार्थियों को परियोजना आवंटन पत्र प्रदान किये गये तथा 04 संख्या लाभार्थियों को पी0एम0 सूर्यघर योजना के अन्तर्गत राज्य अनुदान के चेक प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व पूरे देश में तेजी से बढ़ा है। नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत पांरपरिक जीवाश्म आधारित ईंधन के एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत से कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंचामृत कार्य योजना के तहत भारत में वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए सब्सिडी और समर्थन प्राप्त हो रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग भी बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा एवं जल विद्युत के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। राज्य में सौर ऊर्जा को तेजी से बढ़ावा देने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति बनाई गई है। वर्ष 2026 तक राज्य के सभी शासकीय भवनों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 100 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है। रूफटॉप सोलर प्लांट को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। पी.एम. सूर्यघर योजना के तहत रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए राज्य में अभी तक 734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जा चुका है। घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र की स्थापना पर 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के माध्यम से अब तक 750 विकासकर्ताओं को 133 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट दिये गये हैं। इस योजना के माध्यम से 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऊर्जा आधारित प्रदेश उत्तराखण्ड की मूल अवधारणा में था। उत्तराखण्ड में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस अवसर पर विधायक श्री बंशीधर भगत, सचिव ऊर्जा श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरू, एमडी पिटकुल श्री पी.सी ध्यानी, उप महानिर्देशक एनआईसी श्री अशेष कुमार अग्रवाल, महाप्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक श्री सचिदानंद दुबे, मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा श्री मनोज कुमार, उपमुख्य परियोजना अधिकारी, श्री अखिलेश कुमार शर्मा, श्री संदीप भट्ट, सुश्री वंदना उपस्थित थे।

Uttrakhand News:मुख्यमंत्री ने सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 20 वीं बैठक की अध्यक्षता की

मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा और प्रभावी प्रयास किये जाएं। इसके निवारण के लिए सुनियोजित नीति बनाते हुए इस पर गंभीरता से कार्य किया जाए। मानववन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों और घायलों को यथाशीघ्र अनुमन्य सहायता उपलब्ध करवाई जाए। जंगलों से लगते जो स्थान बायोफैंसिंग से वंचित रह गए हैं, उन स्थानों को अतिशीघ्र बायोफैंसिंग से आच्छादित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्देश शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 20 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में वन कर्मियों की गश्त बढाई जाए एवं वन कर्मियों को पर्याप्त मात्रा में उपकरण कैमरा ट्रैप, एनाईडर, ट्रैक्युलाईज गन आदि दी जाए। साथ ही आधुनिक उपकरण जैसे ड्रोन के माध्यम से भी जंगली जानवरों पर नज़र रखी जाए। जिन प्रभागों में मानव वन्यजीव संघर्ष के ज्यादा मामले आ रहे हैं उन स्थानों पर विशेष नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में प्रस्तावित जू एंड सफारी के मास्टर प्लान पर जल्द डीपीआर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत चैरासी कुटिया का अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकास एवं उच्चीकरण अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य में वन्य जीव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न नेशनल पार्कों के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री, फिल्म बनाने के भी निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न स्थानों पर बर्ड वाचिंग कैंप का आयोजन भी किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास योजनाओं को नियमों के दायरे में रहकर जल्द पूरा किया जाए, ताकि आमजन को सहूलियत मिल सके। बैठक में जानकारी दी गई कि जमरानी बाँध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति मिल चुकी है। जनपदपौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड यमकेश्वर में किमसारभोगपुर मोटर रोड के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। जिसका निर्माण जल्द किया जाएगा। 9 सालों से लंबित राजाजी टाइगर रिजर्व हेतु टाइगर कंजरवेशन फॉउण्डेशन का गठन कर लिया गया है। राज्य में वन्यजीव प्रबन्धन के समस्त बिन्दुओं को सम्मिलित करते हुये फॉरेस्ट लैण्डस्केप रीस्टोरेशन के 10 वर्षीय प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 202425 में 32 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से स्वीकृत हो गई है। प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु वित्तीय वर्ष 202324 में आधुनिक उपकरणों के क्रय हेतु वन प्रभागों को 10 करोड़ 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित की गई है। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2009 के पश्चात राज्य में वन विश्राम भवनों की दरों को पुनरीक्षित किया गया है। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा हल्द्वानी जू एण्ड सफारी, हल्द्वानी के मास्टर प्लान को स्वीकृति प्रदान की गयी। प्रदेश में बंदर बंध्याकरण का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है, जिसमें जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक 39,398 बंदरों का बंध्याकरण किया चुका है। मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए 05 वन प्रभागों (गढ़वाल, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं नरेन्द्रनगर) के अन्तर्गत “लिविंग विद लैपर्ड“ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की त्वरित रोकथाम के लिये 31 वन प्रभागों के अन्तर्गत 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है। बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री बंशीधर भगत, श्री दीवान सिंह बिष्ट, श्री सुरेश सिंह चैहान, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए.पी अंशुमन एवं बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।

Uttrakhand News:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिये कि मानसून के बाद एक माह में प्रदेश के सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि मानसून अवधि के बाद सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाय। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। आगामी कांवड़ मेले के दृष्टिगत सुरक्षात्मक रूप से सभी तैयारियां पूर्ण करने के साथ ही सफाई, पेयजल, स्वास्थ्य सबंधी सभी सुविधाएं बेहतर रखने और घाटों की साफसफाई का विशेष ध्यान रखने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में धारण क्षमता के अनुसार ही निर्माण कार्य किए जाएं। पर्यटन स्थलों पर पार्किंग व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए रिक्त स्थानों को चिन्हित कर पर्याप्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन सरकारी गेस्ट हॉउस की स्थिति सही नहीं है, उनकी सही तरीके से मेंटेनेंस कराई जाए। अतिथि गृह में ठहरने वालों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य में किसी तरह की जीएसटी चोरी न हो। जरूरत पड़ने पर इसके लिए अभियान चलाया जाए। जीएसटी पंजीकरण के लिए व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े लोगों को जागरूक किया जाए। डिजिटल पेंमेट को बढ़ावा देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पाण्डेय, एडीजीपी श्री ए.पी अंशुमन एवं आईजी श्री कृष्ण कुमार वी.के उपस्थित थे। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

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CG News:मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी

बारिश को देखते हुए मलेरिया संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए कलेक्टर श्री राहुल देव ने चिकित्सा अमले को पूरी सतर्कता एवं सक्रियता के साथ मलेरिया के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में कलेक्टर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र पैकरा ने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा मच्छर जनित रक्त रोग है, जो मादा एनोफ़िलेज़ मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया होने पर मरीज में बुखार आना, सर दर्द होना, उल्टी होना, मन का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना, थकान पेट दर्द आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मलेरिया का ईलाज और रोकथाम संभव है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए उचित कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत मैदानी स्तर पर फोकस एरिया का चिन्हांकन, मलेरिया के संदेहास्पद रोगियों की रक्त जांच, आर.डी. टेस्ट, माइक्रोस्कोपिक जांच के माध्यम से मलेरिया पैरासाइट स्टेज एंड डेंसिटी का पता लगाना, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट कर रैपिड फीवर सर्वे, सुदूर वनांचल सहित स्कूल, छात्रावास हाट बाजार आदि स्थलों में कैंप लगाकर मलेरिया प्रकरणों की जांच, लार्वा नियंत्रण कीटनाशक छिड़काव किया जा रहा है तथा मलेरिया की रोकथाम के प्रति आमजनों को जागरुक भी किया जा रहा है। डीपीएम श्री गिरीश कुर्रे ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरों पर नियंत्रण तथा उनके काटने से बचाव जरूरी है, इसलिए हमें घरों और अपने आस-पड़ोस में अच्छी सफाई रखनी चाहिए, लोगों को मलेरिया होने के कारण की जानकारी देनी चाहिए, घरों के आसपास गंदगी एवं पानी एकत्रित नहीं होना देना चाहिए, कूलर की समय-समय पर साफ-सफाई, मच्छरदानी आदि का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पानी इकट्ठा वाले स्थान पर मिट्टी तेल का छिड़काव किया जाना चाहिए, जिससे मच्छरों के लार्वा मर जाएं, तालाब या झीलों में लार्वा खाने वाली मछलियां जैसे गैंबुसिया आदि छोड़ना चाहिए, खिड़की एवं दरवाजा में बारीक जाली लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि बुखार या अन्य लक्षण दिखाई देने पर मरीज को तत्काल अपने रक्त की जांच करानी चाहिए एवं चिकित्सक की सलाह से ही दवाई इत्यादि का सेवन करना चाहिए।

CG News: जशपुर को पर्यटन नक्शे में शामिल करने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की बड़ी पहल

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक व धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है। इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा। साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है। उल्लेखनीय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है। बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है। वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है। इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है। पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं। राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है। इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके। इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है। विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति – स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

CG News: विष्णु के सुशासन में दिव्यांगों को मिल रही सुविधा

छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार प्रदेश में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। राज्य के निःशक्तजनों के लिए सरकार सहारा बन रही है। जिसके समाज कल्याण विभाग के माध्यम से राहत पहुंचाने का कार्य हो रहा है। निराश्रित, बुजुर्ग एवं दिव्यांग हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम हो रहा है। जिला कांकेर, ग्राम गोतपुर आवास पारा निवासी 13 वर्षीय कुमारी वर्षा 80 प्रतिशत दिव्यांग है और चलने-फिरने में अक्षम है। उसे कहीं भी जाने के लिए दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता था। अब उसकी राहे आसान हो गई है और वह अपना सफर पूरा करने के लिए खुद सक्षम है। क्योंकि समाज कल्याण विभाग द्वारा व्हील चेयर प्रदान किया गया। व्हील चेयर मिल जाने से अब उन्हें गांव से बाहर आने-जाने में आसानी होगी। समाज कल्याण विभाग की अधिकारी श्रीमती क्षमा शर्मा ने बताया कि दिव्यांग वर्षा के पिता श्री कमलेश के द्वारा व्हीलचेयर प्रदान करने हेतु आवेदन किया गया था, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए समाज कल्याण कार्यालय परिसर में व्हीलचेयर प्रदान किया गया।

MP News:हर घर, जल ग्राम घोषित करें : सचिव नरहरि

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सचिव श्री पी. नरहरि ने उज्जैन में जल जीवन मिशन के कार्यों की संपूर्ण जानकारी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर साझा करने तथा परियोजना स्थल पर उनका दौरा कराने के भी निर्देश दिए।कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक त्वरित गति से पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर उन्हें “हर घर जल ग्राम “घोषित करने एवं प्रमाणीकरण करने के लिए निर्देशित किया। संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यांत्रियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की। जल निगम के एम डी श्री कोलसानी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

MP News:चार बैगा परिवारों की संवर गई जिन्दगी पीएम जनमन से मिला नया घर, नया जीवन

ये कहानी उन चार बैगा जनजाति परिवारों की है, जिन्होंने कुछ दिन पहले तक सिर्फ अभावों और कठिनाईयों का जीवन जिया था। जीवन की दुश्वारियों से परेशान ये बैगा परिवार अपनी जिन्दगी बदलना तो चाहते थे, पर कोई राह नहीं मिल रही थी। इनकी कई परेशानियों के इन्ही कड़वे दिनों में एक नई मिठास लेकर आई पीएम जनमन योजना। भारत सरकार ने देश की 75 विशेष पिछड़ी जनजातियों (पीवीटीजी) के उत्थान के लिये यह योजना प्रारंभ की है। इसमें (पीवीटीजी) परिवारों को पक्का घर, पोषण आहार, स्वच्छ जल, बिजली, अच्छी शिक्षा, रोग उपचार, गांव तक पक्की सड़क, संचार कनेक्टिविटी जैसी तमाम सुविधाओं एवं इन जनजातियों के रोजगार का प्रबंध भी किया जा रहा है। भारत सरकार के साथ मध्यप्रदेश सरकार भी प्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया एवं सहरिया के समग्र कल्याण के लिये विशेष उपाय कर रही है। इन जनजातियों के सभी परिवारों को पक्का घर एवं इन घरों को बिजली से रौशन करने के लिये सरकार तेजी से प्रयासरत है। इन चार बैगा परिवारों को भी पीएम जनमन की ‘सबको घर’ और ‘हर घर बिजली’ योजना का लाभ मिला है। शहडोल एक जनजातीय विशेषकर बैगा जनजाति बाहुल्य जिला है। जिले के ग्राम टेटका निवासी श्रीमती रामरती बैगा पहले एक कच्चे मकान में अपने परिवार के साथ रहती थीं। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण रामरती बैगा को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मजदूरी तक करना पड़ी। मजदूर परिवार के लिए खुद के घर का सपना देखना मानो बेमानी था। पीएम जनमन योजना ने रामरती और उसके परिवार का यह सपना पूरा कर दिया। रामरती को अब पक्का घर मिल चुका है। पहले रामरती का परिवार ठंड, गर्मी, बरसात में जैसे-तैसे गुजर-बसर करता था, पर आज वे सभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं। उनका जीवन स्तर भी सुधर रहा है। इन्हें अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। कच्चे घर की कठिनाईयाँ भी अब दूर हो गयी हैं। ग्राम पंचायत मसियारी की मुन्नीबाई बैगा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पहले वे कच्चे मकान में गुजर-बसर करती थीं। बरसात में आये दिन ऊपर से पानी ठपकता रहता था। ठंड में तो जीना मुहाल हो जाता था। काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। दूसरों के पक्के घर देखकर वे सोचती थीं कि इस जीवन में क्या वह भी कभी अपने पक्के घर में रह पायेगी। पर पक्के घर के मुन्नीबाई के सपने को जन-मन आवास योजना ने पूरा कर दिया है। योजना से मुन्नीबाई का पक्का घर तैयार हो गया है। अब वे इसी पक्के घर में रहती हैं। कच्चे घर की उन तमाम समस्याओं से भी उन्हें हमेशा के लिये निजात मिल गई है। वर्षा और ठंड की दिक्कतें भी अब नहीं उठानी पड़तीं। बुढ़ार की ग्राम पंचायत भमला निवासी आइतू बैगा भी इस योजना से पक्के घर की सौगात के लाभार्थी हैं। आइतू बैगा बताते हैं पहले उनका परिवार कच्ची झोपडीनुमा घर में रहता था। जिसमें काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। पीएम जनमन से मेरा पक्का मकान तैयार हो गया है और अब मैं इसी मकान में खुशी-खुशी रहने लगा हूं। जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत बनसुकली निवासी श्रीमती सरोजनी बैगा को भी पीएम जन-मन आवास योजना से पक्के घर का लाभ मिला है। कच्चे घर और उसकी परेशानियों को सरोजनी अब एक बुरे सपने की तरह भूल चुकी हैं। क्योंकि इन सबके जीवन में पीएम जन-मन योजना से एक नई डगर, एक नया उजाला जो आ गया है।

MP News:सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है लक्ष्य हमारा – मंत्री

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि आने वाला समय सौर ऊर्जा का है। हमें सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है क्योंकि ऊर्जा का सबसे सस्ता और सुलभ स्रोत सौर ऊर्जा बनने जा रहा है। मंत्री श्री शुक्ला ने ऊर्जा विभाग और काउंसिल ऑफ एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के बीच आज मंत्रालय में हुए 3 साल के करारनामे (एमओयू) के बीच चर्चा में ये बातें कही। उन्होंने सीईईडब्ल्यू की टीम को अन्य राज्यों में किये गये कार्यों का अनुभव मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करने को कहा। मंत्री श्री शुक्ला के मौजूदगी में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनु श्रीवास्तव और सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ. अरूणाभ घोष ने तीन साल के एमओयू पर हस्ताक्षर किये। मंत्री श्री शुक्ला ने सबसे पहले काउंसिल का मध्यप्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि निश्चित ही उनके साथ काम करने से मध्यप्रदेश के लोगों को लाभ होगा और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सीईईडब्ल्यू बिहार और आसाम में किये गये कार्यों के अनुभव को मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करे। साथ ही मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के अधिकारी बिहार और आसाम की विजिट करें। इससे प्राप्त अनुभव से मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य योजना बनाई जा सकेगी। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ला के मार्गदर्शन में प्रदेश में काउंसिल के साथ मिलकर कार्य करेंगे। रूफ टॉप एनर्जी, कुसुम-ए एवं कुसुम-सी योजना में अधिकतम लोगों को लाभांवित करने की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी के साथ आज हुए करारनामे में तत्परतापूर्वक कार्य किया जायेगा। आगामी दो माह में टेण्डर इत्यादि प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली के क्षेत्र में प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लोग अटल योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रयास करेंगे कि सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाकर अधिक से अधिक लोगों तक सस्ती बिजली मुहैया कराई जाये। काउंसिल के सीईओ डॉ. घोष ने बताया कि सीईईडब्ल्यू ऊर्जा, पर्यावरण और जल के क्षेत्र में एशिया की अग्रणी गैर लाभकारी नीति अनुसंधान संस्थाओं में से एक है। यह संसाधनों के उपयोग, पुन: उपयोग और दुरूपयोग से बचाने के लिये डाटा, एकीकृत विश्लेषण और रणनीतिक ऑउटरीच का उपयोग करती है। इस अवसर पर ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अमनवीर सिंह बैस और सीईईडब्ल्यू की प्रोग्राम डायरेक्टर सुश्री शालू अग्रवाल मौजूद थीं।