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Jharkhand News- अधिकारियों के अकर्मण्यता एवं ढुलमुल रवैया के कारण कंपनी गैरजिम्मेदारी से काम करती है: सीपी सिंह

रांची: आज झारखंड विधानसभा में रांची सहित राज्य में पाइपलाइन बिछाने तथा सीवरेज ड्रेनेज हेतु सड़क खोदने के पश्चात सड़क को पूर्ववर्ती स्थिति में लाने से संबंधित विशेष समिति की विभागीय बैठक में अधिकारियों से कम्पनियों द्वारा आधे अधूरे और मनमाने ढंग से काम करने को लेकर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने प्रश्न पूछा। झारखंड सरकार के अधिकारियों के अकर्मण्यता एवं ढुलमुल रवैया के कारण कंपनी गैरजिम्मेदारी से काम करती है जिसका खामियाजा रोज जनता भुगत रही है। बैठक में संबंधित अधिकारियों को पाइपलाइन बिछाने का काम कर रही कंपनियों से त्वरित समन्वय कर सड़क को मरम्मत कराने हेतु कड़ा निर्देश दिया। इस अवसर पर विशेष समिति के संयोजक विधायक मथुरा महतो एवं सदस्य विधायक रामचंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।

रायपुर : मुख्यमंत्री से रायपुर प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज यहाँ राज्य अतिथि गृह पहुना में रायपुर प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ के साहित्यकार श्री विनोद कुमार शुक्ल की रचना ’दीवार में एक खिड़की रहती थी’ भेंट की। प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री प्रफुल्ल ठाकुर ने मुख्यमंत्री श्री साय को नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने सभी पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री पंकज झा, उपाध्यक्ष श्री संदीप शुक्ला, प्रेस क्लब महासचिव श्री वैभव शिव पाण्डेय, कोषाध्यक्ष श्री रमन हलवाई एवं संयुक्त सचिव द्वय सुश्री तृप्ति सोनी, श्री अरविन्द सोनवानी भी उपस्थित थे।

2017 से पहले जिन विद्यालयों में बच्चे आने से डरते थे, 6 वर्ष में वहां 55 से 60 लाख अतिरिक्त बच्चों की बढ़ी है संख्याः सीएम योगी

लखनऊ। 2017 से पहले बेसिक शिक्षा स्कूलों में बच्चे आने से डरते थे, लोगों में उत्साह नहीं था। स्कूलों में पेड़ों की जगह झाड़ियां जमा रहती थीं। आज उन्हीं विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती हुई दिखाई देती है। स्कूलों की दीवारों पर बच्चों की रचनात्मक अभिव्यक्ति पेंटिंग के रूप में दिखाई देती है। आज अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल भेजना चाहता है। उसके मन में जिज्ञासा पैदा हुई है। विगत 6 वर्षों में 55 से 60 लाख अतिरिक्त बच्चे बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में आए हैं। आज बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 1 करोड़ 91 लाख को पार कर चुकी है। जब इस संख्या को देखता हूं तो सोचता हूं कि कई देशों की आबादी इतनी नहीं है। विगत 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश में समग्र विकास की भावना को साकार करते हुए क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का प्रयास किया गया है। यह बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शिक्षा सत्र 2023-24 में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी की खरीद के लिए प्रति छात्र-छात्रा 1200 रुपए की धनराशि उनके माता-पिता के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से जारी करते हुए कहीं। खास बात ये रही कि प्रदेश सरकार के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 12 हजार से अधिक लोगों ने पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम को लाइव देखा, जबकि अन्य माध्यमों से भी हजारों लोग इस कार्यक्रम से जुड़े। -मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा सत्र 2023-24 के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रति छात्र जारी की 1200 रुपए की धनराशि – सीएम योगी ने कहा- विगत 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश में समग्र विकास की भावना को साकार करते हुए क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का प्रयास किया गया – उत्तर प्रदेश में शिक्षा आयोग बनाने की प्रक्रिया जारी, बहुत जल्द होगा गठन: सीएम योगी – यूपी के बेसिक स्कूलों में पढ़ रहे 1 करोड़ 91 लाख से अधिक छात्र, कई देशों की तो आबादी भी इतनी नहींः योगी आदित्यनाथ – प्रदेश सरकार के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 12 हजार से अधिक लोगों ने कार्यक्रम को लाइव देखा, अन्य संचार माध्यमों से भी हजारों लोग जुड़े गरीबी को दूर करने में प्रमुख पैरामीटर साबित हुई है शिक्षा सीएम योगी ने नीति आयोग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को गरीबी से मुक्त करने के जिस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की गई है, वह बड़ी उपलब्धि है। उत्तर प्रदेश में जो लोग गरीबी से मुक्त हुए हैं वो सक्षम हुए हैं। नीति आयोग ने जो पैरामीटर तय किए थे, उसमें सबसे पहला पैरामीटर शिक्षा ही था। शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं और आने वाले 5-10 साल में इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। इसके लिए उन सभी शिक्षकों व गुरुजनों का आभार है जिन्होंने आगे आकर इसे नेतृत्व दिया, आज उसके परिणाम सबको देखने को मिल रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में खासतौर पर आकांक्षात्मक जिलों में काफी परिवर्तन देखने को मिला है। इसके लिए वे सभी विभाग जिन्होंने इसे मिशन बनाकर अपना योगदान दिया है वो धन्यवाद के पात्र हैं। डीबीटी के माध्यम से जारी की गई राशि की निगरानी करें शिक्षक सीएम योगी ने कहा कि डीबीटी के माध्यम से जो पैसा यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और स्टेशनरी के लिए भेजा गया है, उसमें हमारे शिक्षकों की भी जिम्मेदारी है कि वो सुनिश्चित करें कि बच्चे नियमित रूप से यूनिफॉर्म में स्कूल आएं। उम्मीद की जाती है कि हर शिक्षक बच्चे के लिए यूनिफॉर्म बनवाने को अभिभावक के साथ बैठक कर चर्चा करेगा, ताकि समयसीमा में बच्चे यूनिफॉर्म, किताबें, जूते-मोजे पा सकें। दो-तीन वर्ष पहले तक यह शिकायत आती थी कि यूनिफॉर्म नहीं मिल पा रहा, बुक्स नहीं मिल पा रही है। आज पैसा अभिभावक के खाते में जा रहा है, जो पारदर्शिता का नमूना है। इसकी मॉनीटरिंग विद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्य के माध्यम से, शिक्षकों के माध्यम से होनी चाहिए। अभिभावकों के साथ जब संवाद होगा तो समस्या के समाधान के साथ सही आंकड़े भी हमारे पास आ पाएंगे कि वास्तव में कितने बच्चे बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अध्ययन कर रहे हैं। इसी तरह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि जो बच्चे आधे में स्कूल छोड़ देते हैं इसके लिए अभिभावकों से बातचीत की जाए। ये बच्चे पढ़ लिख जाएंगे तो सकारात्मक योगदान दे पाएंगे। 6 वर्ष में की गईं 1.64 लाख शिक्षकों की भर्ती सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले की स्थिति क्या थी, शिक्षकों की भारी कमी थी। मुझे आश्चर्य होता है कि कुछ लोग इस बात की चर्चा करते हैं कि 5 वर्ष से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई। पिछले 6 वर्ष में एक लाख 64 हजार शिक्षकों की भर्ती बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद में हुई है। जो लोग रिटायर हो रहे हैं,जहां अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता होती है, वहां पर निरंतर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी के लिए प्रदेश के अंदर एक शिक्षा आयोग बनाने की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है और बहुत जल्द हम इसका गठन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही समय समय पर शिक्षकों के रिफ्रेशर कोर्स चलाने चाहिए। शिक्षक यदि अपडेट होगा तो वो पूरी पीढ़ी को अपडेट कर देगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि डायट खाली न हो, योग्य शिक्षक जाएं। उन्हें अतिरिक्त सुविधाएं दीजिए। शिक्षकों को और पारंगत करने के लिए वहां जो भी गैप है उसे पूरा करना होगा। आज जो किताबें यहां विमोचित हुई हैं, वो हर विद्यालय में उपलब्ध कराई जाएं और शिक्षक भी उसे अवश्य पढ़ें। सीएसआर की राशि से मजबूत होगी प्रदेश की नींव सीएम योगी ने उन संस्थानों का धन्यवाद किया जिन्होंने सीएसआर के मद में बेसिक शिक्षा परिषद के ऑपरेशन कायाकल्प को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है। ऐसे 6 संस्थानों को उन्होंने सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के साथ-साथ अनेक समाज से जुड़े लोगों ने भी रुचि लेकर ऑपरेशन कायाकल्प के कार्यक्रम को सफलता की नई ऊंचाइयां दी हैं। उन्होंने कहा कि पहले कोई बेसिक शिक्षा परिषद को धनराशि देने की बात करता था क्या, आज 250 करोड़ की सीएसआर की राशि

पीएम और सीएम इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से साढ़े सात लाख युवाओं को देंगे नौकरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम चल रहे हैं। पीएम और सीएम इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से हम साढ़े सात लाख युवाओं को नौकरी देंगे। इसके लिए हमारे उद्यमियों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विभाग पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर जमीन चिन्हित कर एमएसएमई क्लस्टर विकसित करें। साथ ही लखनऊ, वाराणसी और आगरा में यूनिटी मॉल बनाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं। वहां पर अच्छे गेस्ट हाउस और हॉस्टल बनाया जाए। एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सीएम ने कहा- पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर विकसित करें एमएसएमई क्लस्टर सीएम योगी ने अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस-2023 के अवसर पर क्षेत्र के समग्र विकास हेतु बैंकों द्वारा 20 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया कार्यक्रम में 3 लाख 41 हजार एमएसएमई उद्यमियों को एक साथ वितरित किया गया ऋण सीएम योगी ने कहा- लखनऊ, वाराणसी और आगरा में बनाएं यूनिटी मॉल बोले सीएम योगी- देश के अंदर ब्रांड बन चुकी है ओडीओपी योजना करोड़ों लोगों के जीवन का आधार हैं प्रदेश की एमएसएमई इकाइयां: सीएम योगी सीएम योगी ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस-2023 के अवसर पर लोकभवन में आयोजित एमएसएमई क्षेत्र के समग्र विकास हेतु बैंकों द्वारा 20 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तीन महीने के अंदर पहले चरण के तहत राजधानी के अवध शिल्पग्राम में यूनिटी मॉल प्रारंभ हो जाए तो बेहतर रहेगा। सीएम योगी ने कहा कि ऋण वितरण कार्यक्रम कार्यक्रम के तहत आज प्रदेश के 3 लाख 41 हजार एमएसएमई उद्यमियों को एक साथ ऋण वितरित किया जा रहा है। यह सेक्टर कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला है। एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों ने इस सेक्टर में नई जान फूंककर उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है। सीएम योगी ने कहा कि एक समय ऐसा था कि यूपी का एमएसएमई सेक्टर दम तोड़ रहा था। सरकार की तरफ से सहयोग न मिलने से इस सेक्टर के उद्यमी हताश और निराश हो चुके थे। वहीं विगत छह वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से हमारी सरकार ने लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां चल रही हैं। ये इकाइयां करोड़ों लोगों के जीवन का आधार हैं। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने एमएसएमई सेक्टर को जीवित रखने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की योजना चलाई, जो देश के अंदर एक ब्रांड बन चुकी है। आज देश में जब भी एमएसएमई और ओडीओपी की बात होती है तो लोगों की जुबान पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश का नाम आता है। 52 उत्पादों का जीआई टैग प्राप्त करने वाला यूपी देश का अग्रणी राज्य 52 उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है। अकेले वाराणसी के 23 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। हमारे पास 75 जनपद हैं, आने वाले समय उत्तर प्रदेश के कई अन्य उत्पादों को जीआई टैग मिलेगा। वो दिन दूर नहीं है जब उत्तर प्रदेश के परंपरागत उत्पादों का डंका देश और दुनिया में बजेगा। बायोगैस प्लांट और ऊनी धागा उत्पादन केन्द्र का हुआ लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रयागराज के ग्राम मंदर देह माफी (मंदरी) भगवत में गोबर बायोगैस प्लांट और ग्राम गांजा में ऊनी धागा उत्पादन केन्द्र का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने एमएसएमई के 14 उद्यमियों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुदान राशि वितरित की। इसके अलावा कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश शासन और भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) के बीच एमओयू का आदान प्रदान किया गया। जीआई टैग से संबद्ध हुए उद्यमियों को मिला प्रमाण पत्र सीएम योगी ने जीआई टैग से संबद्ध हुए 11 ओडीओपी उद्यमियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। इनमें अमरोहा की ढोलक, अलीगढ़ का ताला, बागपत के होम फार्निशिंग, बांदा के शजर पत्थर, बाराबंकी के हैंडलूम, बिजनौर के नगीना गुड क्राफ्ट, जालौन के काल्पी हैंडमेड पेपर, महोबा के गोरा पत्थर, मैनपुरी की तारकशी, संभल के हॉर्न क्राफ्ट और संतकबीर नगर के बखिरा मेटल प्रोडक्ट के उद्यमी शामिल रहे। कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग के मंत्री राकेश सचान भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ कुमार, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री रजनीकांत सहित अन्य अधिकारी एवं एमएसएमई विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।

क्या फिल्मों का टैक्स फ्री होना उनका Communal Politics में शामिल होने का नतीजा है ?

नई दिल्ली | जीएसटी (GST) कानून बनने के बाद कई राज्य सरकारों ने कई फिल्मों को टैक्स फ्री किया है। इसमें ‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘केरला स्टोरी’ भी शामिल हैं. इस संबंध में पहली बात तो यह है कि GST के कानून में टैक्स फ्री करने का जो प्रावधान है, उसके लिए जीएसटी परिषद की सिफारिश जरूरी है। अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म ‘पैडमैन’ को 2018 में टैक्स फ्री करने के लिए जीएसटी परिषद का शुक्रिया अदा किया था। फिल्मों के टैक्स फ्री होने का एलान कौन करता है ? राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा फिल्मों के लिए जो टैक्स फ्री करने की घोषणा की जाती है, वह वास्तव में टैक्स से प्राप्त राजस्व को खर्च करने का फैसला होता है। सिनेमा के मालिक GST के उस हिस्से को वापस करने का दावा करते हैं, जो कि किसी राज्य के हिस्से का होता है। फिल्म टिकट पर कितना प्रतिशत GST लगता है? किसी सिनेमा हॉल या मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने के टिकट का दाम 100 रुपये से अधिक है, तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है और अगर टिकट की कीमत 100 से कम होती है, तो जीएसटी की दर 12 प्रतिशत हो जाती है. इसमें किसी भी राज्य का हिस्सा आधा होता है. दूसरा कि राज्यों द्वारा सिनेमा मालिकों को टैक्स का पैसा वापस करने के फैसले में समाज में आम लोगों के हितों का ध्यान नहीं रखा जाता है, बल्कि जिन फिल्मों को राजनीतिक लाभ का जरिया समझा जाता है, उसे ही सरकारों द्वारा टैक्स का पैसा वापस किया जाता है. कश्मीर फाइल्स और केरला स्टोरी उनमें शामिल है. यह विश्लेषण किया जा सकता है कि BJP शासित राज्यों ने किस तरह की फिल्मों को टैक्स का पैसा वापस करने की अधिसूचना जारी की. इससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक के भी उदाहरण को शामिल किया जा सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि समाज की आधी आबादी की मानसिक शारीरिक समस्याओं पर केंद्रित अक्षय कुमार की फिल्म के लिए दर्शकों को रियायत देने में उन सरकारों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन महिलाओं के धर्म परिवर्तन की काल्पनिक कहानी ‘केरला स्टोरी’ के लिए BJP की राज्य सरकारें धड़ाधड़ ‘टैक्स फ्री’ करने की घोषणा के लिए एक-दूसरे के पीछे खड़ी हो गई. लेकिन जब टैक्स फ्री के लिए अधिसूचना जारी की तो उसमें टैक्स फ्री की कोई चर्चा नहीं थी. बल्कि सिनेमा मालिकों से राज्य सरकारों को ‘केरला स्टोरी’ के लिए दिए गए GST के पैसों को वापस लौटाने के फैसले की जानकारी दी गई है. यह मामला, तब सरकारी खाते से पैसे खर्च करने के मामले में तब्दील हो जाता है. हिंदी मीडियम भी ऐसी फिल्मों में शामिल हैं, लेकिन हिन्दी भाषा के लिए नहीं बल्कि ‘हिंदी’ के राजनीतिकरण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर जीएसटी के पैसे के बराबर की राशि को वापस करने की घोषणा की गई.

Parveen Babi का किरदार निभाएंगी Urvashi Rautela, सोशल मीडिया पर लिखा ‘Bollywood हुआ फेल …’

मुंबई, महाराष्ट्र | उर्वशी रौतेला जल्द ही परवीन बाबी के किरदार में नजर आएंगीं. परवीन पर बायोपिक बन रही है, जिसमें उर्वशी उनके रोल में नजर आएंगीं. यह खबर शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने लिखा “बॉलीवुड फेल हुआ लेकिन मैं आपको गर्व करने का मौका दूंगी, Bollywood failed you #ParveenBabi but I will make you proud परवीन बाबी की भूमिका में उर्वशी रौतेला उर्वशी रौतेला ने यह खबर शेयर करते हुए पोस्ट किया स्क्रिप्ट का पहला पन्ना जिस पर लिखा था आ फिल्म बाय – वसीम एस खान, और फिर नीचे बोल्ड शब्दों में लिखा था परवीन बाबी, स्टोरी लाइन. वहीं फिल्म की कहानी बताते हुए पोस्ट में लिखा है “वैसे तो बॉलीवुड में बहुत से ऐसे हादसे हुए है, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुके है. उन्हीं इतिहास के पन्नों में एक और स्टार की कहानी शामिल है, जिसे पूरी दुनिया परवीन बाबी के नाम से जानती है. परवीन बाबी बॉलीवुड की जितनी मशहूर अदाकारा थी, उतनी ही मशहूर उनकी जातीय जिंदगी भी थी. यह कहानी भी परवीन बाबी के फिल्मी करियर के साथ उनकी निजी जिंदगी के पहलुओ पर रोशनी डालते हुए, इसे सुनहरे परदे के जरिये दुनिया के सामने पेश करने की कवायद है. 70 और 80 के दशक की स्टार एक्ट्रेस, परवीन बाबी बॉलीवुड की वो अदाकारा जिसने 1970 और 80 के दशक में अपने ग्लैमरस और बोल्ड अंदाज से दर्शकों के दिलों पर राज किया. परवीन बाबी जिन्होनें अपने करियर की शुरूआत साल 1972 में मॉडलिंग से की थी. उन्होनें चरित्र फिल्म से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा और उसके बाद दीवार, क्रांति, दो और दो पांच जैसी कई सुपरहिट फिल्में बॉलीवुड को दी. परवीन बाबी ने साल 2005 में ही अपनी जिंदगी की कहानी को अधूरा ही छोड़ इस दुनिया से रुखस्त ली और महज 51 साल की उम्र में उनका निधन होगया.

Pride Month special : दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुई Pride Parade, रेनबो छाते एवं पोस्टर्स के साथ दिखे कई छात्र, देखिए तस्वीरें

नई दिल्ली | स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा गुरुवार, 1 जून, 2023 को दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राइड परेड का आयोजन किया गया. इस प्राइड परेड की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय से हुई. इस दौरान स्टूडेंट्स चित्रित चेहरों के साथ-साथ, हाथों में इंद्रधनुषी रंग के छाते और पोस्टर के साथ मार्च करते हुए नजर आए. बता दें कि जून के महीने को पूरी दुनिया में ‘प्राइड मंथ’ के तौर पर मनाया जाता हैं और इस खास मौके पर लोग समलैंगिक अधिकारों के लिए आयोजन कर अपनी बात रखते हैं. गुरुवार 1जून को परेड में मौजूद मानव संसाधन पेशेवर वेंकटेश ने कहा, ‘जब मैं कॉलेज में था, चीजें अलग थीं. हमारे पास चीजों के बारे में बात करने के लिए जगह नहीं थी. हमें अभी भी लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन हम धीरे-धीरे और लगातार आगे बढ़ रहे हैं.’ वेंकटेश ने कहा, ‘ये मेरा 62वां प्राइड मार्च है. मुझे खुशी है कि छात्र प्राइड परेड का आयोजन कर रहे हैं.’ प्राइड मार्च के दौरान वेंकटेश ने अपने आउटफिट पर असंख्य बैचों को स्पोर्ट किया था, जैसे कि ‘ट्रांस लाइव्स मैटर’ और ‘लव इज ए मेनी जेंडर थिंग. छात्र अपने मेकअप के साथ-साथ एक-दूसरे को मेकअप करने में मदद करते हुए दिखे. वहीं कुछ अन्य छात्र नॉर्थ कैंपस में नृत्य करते हुए नजर आए. हितेन नूनवाल फैकल्टी सदस्य हैं और ये विश्वविद्यालय में डिजाइन पढ़ाते हैं. वहीं हितेन जेंडर फ्लूइड के रूप में अपनी पहचान रखते हैं.प्राइड मार्च के दौरानहितेन नूनवाल ने कहा, ‘आज यहां आकर अच्छा लग रहा है. हम हर दिन इसी तरह से जीने के लायक हैं. मेरे पास एक पुरुष शरीर हो सकता है, लेकिन मैं अभी इस पोशाक को पहन सकता हूं. यह वर्जित नहीं होना चाहिए. नूनवाल ने खुद की डिजाइन की हुई काले और गोल्डन कलर का ड्रेस पहना था. प्राइड मार्चके दौरान कैंपस परेड अभिवादन, तारीफों और ‘हैप्पी प्राइड’ की शुभकामनाओं से गूंज उठा. वहीं समावेशिता के बारे में बात करते हुए नूनवाल ने कहा, ‘कैंपस अभी बहुत समावेशी नहीं हैं. डीयू को अभी लंबा सफर तय करना है.’ प्राइड मार्च के दौरान छात्रों द्वारा कुछ मांगे रखी गई. जिसमें ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए क्षैतिज आरक्षण. कैंपस में Gender Neutral Toilets और कॉलेजों में समावेशी मेंटल हेल्थ प्रकोष्ठ शामिल हैं. छात्रों ने सभी कॉलेजों में यौन उत्पीड़न के खिलाफ जेंडर संवेदीकरण समिति (GSCASH) और सभी कॉलेजों में कतार-समावेशी एंटी-रैगिंग सेल के कार्यान्वयन की भी मांग की. प्रेरणा (दाएं), जिन्होंने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. उन्होंने कहा, ‘आज मुझे जेंडर यूफोरिया महसूस हो रहा है.’ छात्र-छात्राएं स्लोगन लिखें हुए पोस्टर को हाथों में लिए हुए थे.जबकि कई के हाथों में इंद्रधनुषी छाते थे. वहीं परेड को भारी यातायात का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे नॉर्थ कैंपस के चारों ओर मार्च कर रहे थे. डीयू की छात्रा अमिता ने कहा कि ‘मैं आज आजाद महसूस कर रही हूं. जब हम इस तरह बाहर आते हैं तो हमें अकेलापन महसूस नहीं होता. हमारे कैंपस को बहुत अधिक समावेशी होने की आवश्यकता है. इसके लिए हमारे पास समलैंगिक समूह हैं. प्रोफेसरों को भी अधिक समावेशी होने की आवश्यकता है. बहुत सारे कॉलेज अधिकारी होमोफोबिक हैं. इसे पहले बदलने की जरूरत है.’ गुरुवार को परेड में हर्ष, हर्ष और कोमोलिका भी मौजूद थे. हर्ष (बीच में) ने कहा, ‘यह मेरी पहली परेड है और ये अच्छा लगता है कि मैं खुद यहां हो सकती हूं. पुलिस ने छात्रों को सांस्कृतिक कार्यक्रम के तुरंत बाद जाने के लिए कहा।

मिलेट्स को मोती बनाएगी योगी सरकार

लखनऊ, 7 फरवरी। इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के मद्देनजर खाद्यान्न एवं पोषण के लिए बेहद मुफीद मोटे अनाजों को लोकप्रिय बनाने के लिए पूरी दुनिया शिद्दत से लग चुकी है। खेत से लेकर लैब तक, शोध से लेकर नवाचार तक इसे आम एवं खास लोगों की थाली का हिस्सा बनने का प्रयास हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार हालात ऐसे ही रहे तो अगले पांच साल में इसके वैश्विक बाजार में करीब 4.5 फीसद की वृद्धि हो जाएगी। भारत 2018 में ही मिलेट्स ईयर मना चुका है। भारत के ही प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया है। लिहाजा भारत की भूमिका इसमें सर्वाधिक अहम हो जाती है। भारत का प्रयास भी यही है कि वह इस मामले में अगुआ बनकर उभरे। बजट में अब तक कदन्न माने जाने वाले मोटे अनाजों को श्रीअन्न का दर्जा देकर और इसके लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने जैसी घोषणाएं इसका प्रमाण हैं। इसी क्रम में योगी सरकार भी मिलेट्स को मोती बनाने में जुट गई है। अगले पांच साल की कार्ययोजना बनकर तैयार है। योजना के अनुसार इस दैरान सरकार मिलेट्स के प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन के 55 केंद्र खोलेगी। शोध एवं इन्नोवेशन की प्रक्रिया तेज करने के साथ इसकी खेती के लिए इच्छुक किसानों को समय से गुणवत्तापूर्ण बीज मिले, इसके लिए कई स्तरों पर जवाबदेही तय की जाएगी। खेती के उन्नत तौर-तरीकों के प्रशिक्षण के लिए करीब 137300 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। मोबाइल आउटलेट, मंडी में अलग से जगह आवंटन, ग्राम्य विकास विभाग की मदद से गावों में इनके आउटलेट्स खोलने की योजना है। क्यों महत्वपूर्ण है यूपी की भूमिका उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में करीब 70 फीसद लोग खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं। इसमें से भी करीब 90 फीसद सीमांत एवं लघु किसान हैं। यह वही वर्ग है, 1960 के पहले जिसके थाली का मुख्य हिस्सा मोटे अनाज ही थे। परंपरागत खेती में लगने वाले इनपुट सामान्यतः इनकी पहुंच के बाहर हैं। ऐसे में यह किसी तरह से अपने छोटे-मोटे जोत पर खेती करते हैं। इससे इनका बमुश्किल गुजारा हो पाता है। कम पानी, खाद और किसी भी भूमि पर होने वाले मोटे अनाजों की खेती इस वर्ग के लिए सबसे मुफीद होगी। श्री अन्न में क्या-क्या हैं शामिल और इनसे होने वाले लाभ ज्वार: यह ग्लूटेन फ्री और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। डायबिटीज के मरीजों के लिए बढ़िया भोजन है। बाजरा: इसमें विटामिन बी6, फॉलिक एसिड मौजूद है। ये खून की कमी को दूर करता है। रागी या मड़ुआ: यह नेचुरल कैल्शियम का स्रोत है। बढ़ते बच्चे और बुजुर्गों की हड्डी मजबूत करने में मदद करता है सांवा या सामा: फाइबर और आयरन से भरपूर है। एसिडिटी, कब्जियत और खून की कमी को दूर करता है। कंगनी: ये डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। बीपी और बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। कोदो: यह भी फाइबर से भरपूर है। घेंघा रोग, रुसी की समस्या से संबंधित बीमारी और बवासीर में फायदेमंद है। कुटकी: ये एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। कुट्टू: यह अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड बाल झड़ने से रोकता है।

सीएम ने रुद्राभिषेक कर की लोककल्याण की कामना लोगों की समस्याएं भी सुनीं

गोरखपुर | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को रुद्राभिषेक करने के बाद जनता दर्शन में लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि किसी को भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। हर समस्या का त्वरित और संतुष्टिपरक समाधान कराया जाएगा। रविवार को मकर संक्रांति पर गुरु गोरखनाथ को आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकमंगल की कामना की थी। सोमवार को भी उनकी दिनचर्या प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की मंगलकामना से शुरू हुई। इस निमित उन्होंने गन्ने के रस से रुद्राभिषेक कर देवाधिदेव महादेव से जनकल्याण की प्रार्थना की। रुद्राभिषेक का अनुष्ठान मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में सम्पन्न हुआ। रुद्राभिषेक अनुष्ठान के बाद मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर परिसर महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में पहुंचे और करीब 300 फरियादियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। कुर्सियों पर बैठाए गए फरियादियों तक वह खुद गए और बड़े इत्मीनान से एक-एक कर सबकी बात सुनी। सबको आश्वस्त किया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। हर समस्या का जल्द से जल्द गुणवत्तापूर्ण समाधान होगा। कई फरियादी गंभीर बीमारियों के इलाज में आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। सीएम योगी ने कहा इस्टीमेट उपलब्ध होते ही भरपूर मदद की जाएगी। पैसे के अभाव में किसी का इलाज बाधित नहीं होने दिया जाएगा। जमीन कब्जाने की कुछ शिकायतों पर उन्होंने कहा कि सरकार हर गरीब के साथ खड़ी है। जमीन कब्जा करने या दबंगई करने वालों को करारा कानूनी सबक सिखाया जाएगा। सीएम से मिली आश्वस्ति के बाद सभी फरियादी संतुष्ट नजर आए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया काशी तमिल संगमम का उद्घाटन

वाराणसी | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी तमिल संगमम का विधिवत उद्घाटन शनिवार को बीएचयू के एम्फीथियेटर ग्राउंड में किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान विश्वेश्वर की पुण्यधरा पर रामेश्वर की पावन धरती से आये अतिथियों और प्रधानमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने अपने अपने उद्बोधन में कहा कि काशी और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित हैं। आज दक्षिण का उत्तर से अद्भुत संगम हो रहा है। सहस्त्राब्दियों पुराना संबंध फिर से नव जीवन प्राप्त कर रहा है। सीएम ने तमिल में किया अतिथियों का स्वागत मुख्यमंत्री ने तमिल में अपना उद्बोधन शुरू करते हुए ”उनगलाई काशीइल वारावेरी किरोम” (काशी में आपका स्वागत है) कहकर सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन आजादी के अमृत काल में प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को जीवंत कर रहा है। काशी तमिल संगमम में तमिलनाडु से छात्र, शिक्षक और शिल्पकार, साहित्यकार सहित अध्यात्म, उद्योग जगत, विरासत, नवाचार, व्यवसाय, देवालय व्यवस्था, ग्रामीण पृष्ठभूमि तथा संस्कृति से जुड़े 12 समूह वाराणसी का भ्रमण और विषय विशेषज्ञों से संवाद करेंगे। इसके बाद वे प्रयागराज और अयोध्या भी जाएंगे। काशी और तमिलनाडु के संबंधों के केंद्रबिंदु हैं दो ज्योतिर्लिंग मुख्यमंत्री ने बताया कि भगवान श्रीराम द्वारा श्रीरामेश्वरम में स्थापित पवित्र ज्योतिर्लिंग और काशी में विराजमान भगवान आदि विश्वेश्वर पवित्र ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजित हैं। यह दोनों ज्योतिर्लिंग काशी और तमिलनाडु के संबंधों के केंद्रबिंदु हैं। भगवान श्रीराम और भगवान शिव के माध्यम से निर्मित इस संबंध सेतु को आदि शंकराचार्य ने भारत के चारों कोनों में पवित्रपीठ की स्थापना कर आगे बढाया, आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस महायज्ञ को गति दे रहे हैं। भगवान शिव से हुई तमिल और संस्कृत की उत्पत्ति उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की तेनकाशी में भगवान विश्वनाथ का एक प्रचीन मंदिर है। तेनकाशी का अर्थ है दक्षिण की काशी। पांड्य वंश के सम्राट ने काशी से शिवलिंग लाकर तेनकाशी में स्थापित किया था। तमिलनाडु में शिवकाशी भी है। काशी के धार्मिक महत्व के कारण देश के सभी भागों के लोग सदियों से यहां आते रहे हैं। गंगा जी के तट पर बसी ये पवित्र नगरी भारत की धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनी हुई है। इसी प्रकार तमिलनाडु प्राचीन काल से ही ज्ञान, कला और संस्कृति का केंद्र रहा है, जिसे पांड्य, चोल, पल्लव आदि राजाओं ने विस्तार दिया। काशी और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित हैं। तमिल भाषा का साहित्य अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। ये मान्यता है कि भगवान शिव के मुंह से जो दो भाषाएं निकलीं उनमें तमिल और संस्कृत समान रूप से निकलकर अपने समृद्ध साहित्य के रूप में जानी जाती हैं। उत्तर और दक्षिण के संगम से हमारी सांस्कृतिक एकता समृद्ध और सुदृढ़ होगी मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त भारतीय भाषाएं सभी को अपने में समाहित करती हैं। ये समावेश सांस्कृतिक प्रेरणा का स्रोत रहा है, जो समाज में सद्भाव और समरसता बनाये हुए है। काशी तमिल संगमम के आयोजन से तमिलनाडु के हमारे अतिथिगण ना केवल काशी सहित उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होंगे अपितु उत्तर और दक्षिण के संगम से हमारे सांस्कृतिक एकता को भी सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान देंगे। काशी तमिल संगमम के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केंद्रिय शिक्षा राज्यमंत्री एल मुरुगन, सांसद इलियाराजा, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी राधाकृष्णन, तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के अन्नामलाई, आईआईटी चेन्नई के निदेशक प्रो बी कामाकोली, बीएचयू के कुलपति सुधीर जैन तथा तमिलनाडु से पधारे पूज्य आधिनम मौजूद रहे।

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CG News:किरंदुल में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों सर्वे कर दिया जाएगा मुआवजा

किंरदुल में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों का जल्द मुआवजा दिया जाएगा। राजस्व अमले द्वारा क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे किया जा रहा है। कलेक्टर दंतेवाड़ा ने राजस्व अमले को मकानों, पालतु पशुओं आदि के नुकसान के संबंध में जल्द सर्वे कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए है। जिला प्रशासन दंतेवाड़ा द्वारा किरंदुल में जगह-जगह बारिश से हुए जल जमाव कोे कोपर टेªक्टर मशीन के द्वारा रोड की साफ सफाई की जा रही है। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को स्थानीय मंगल भवन में रुकने तथा भोजन आदि की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन की टीम द्वारा क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। जिसके आधार पर नुकसान का आकलन कर उन्हें क्षतिपूर्ति दी जाएगी। मौसम सामान्य होने पर बाढ़ प्रभावितों की अन्य समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से दंतेवाड़ा जिले के किंरदुल में लगातार बारिश होने के कारण नदियां उफान पर थी जिसके कारण किंरदुल पहाड़ी पर एनएमडीसी द्वारा निर्मित डेम क्षतिग्रस्त हो गया था। क्षतिग्रस्त डेम से मलबा ओर बोल्डर युक्त पानी के सैलाब से डेम के आसपास के इलाके के लगभग 150 मकान क्षतिग्रस्त हो गए इसके अलावा पालतु पशुओं के बहने और वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।

CG News:मुख्यमंत्री विष्णु देव की संवेदनशील पहल

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वर्षों से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने की बाट जोह रही छत्तीसगढ़ की पबिया, पविया, पवीया जाति को अनुसूचित जनजातियों की सूची में पाव जाति के साथ शामिल करने के लिए संवेदनशील पहल की है। मुख्यमंत्री ने इन जातियों का नृजातीय अध्ययन प्रतिवेदन अनुशंसा सहित भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय को आगे की कार्यवाही के लिए भेजा है। प्रदेश भर से आए पाव, पबिया, पविया, पवीया जाति के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक श्री रामकुमार यादव के नेतृत्व में आज विधानसभा के समिति कक्ष में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर उनकी इस संवेदनशील पहल के लिए आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों की लंबे समय से अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होने की मांग थी। राज्य शासन द्वारा अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भारत सरकार को भेजा गया है। उम्मीद है इसका सकारात्मक परिणाम आएगा। उन्होंने बारिश के मौसम में प्रदेश भर से रायपुर आने के लिए प्रतिनिधि मंडल को धन्यवाद दिया। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि मध्यप्रदेश के समय उन लोगों के अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बन रहे थे, लेकिन मात्रात्मक त्रुटि के कारण पिछले 22 वर्षों से प्रमाण पत्र बनना बंद हो गया है, इसकी वजह से हमारे बच्चों को अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलने वाले लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। हमारे बच्चे पढ़ाई-लिखाई में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय को अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भेजने के लिए धन्यवाद दिया। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि पूरे प्रदेश में इन जातियों की जनसंख्या लगभग 22 हजार है। यूं तो ये लोग पूरे प्रदेश में पाए जाते हैं लेकिन प्रमुख रूप से चंद्रपुर, रायगढ़, लैलूंगा, खरसिया, पेंड्रा, मरवाही और जशपुर में रहते हैं। छत्तीसगढ़ के आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पाव, पबिया, पविया, पवीया जाति का नृजातीय अध्ययन करने के बाद प्रतिवेदन तैयार किया है, जिसमें इन जातियों को लक्षणों के आधार पर अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा की गई है। विधायक श्री रामकुमार यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। आज उपस्थित जाति के लोग वास्तव में आदिवासी हैं, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है। इनके हित में मुख्यमंत्री जी ने अच्छी पहल की है। उन्होंने समाज के सामाजिक भवन के लिए रायपुर में जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने नजदीक से महसूस किया है जनजातियों का दर्द गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय स्वयं भी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। उन्होंने बिरहोर, पहाड़ी कोरवा सहित अनुसूचित जनजातियों के लिए अपने सार्वजनिक जीवन के प्रारंभ से काम किया है, इसलिए वे जनजातियों का दर्द अच्छे से जानते हैं।

CG News:मुख्यमंत्री को पोला महोत्सव में शामिल होने का आमंत्रण

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज यहां विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में दुर्ग विधायक श्री ललित चन्द्राकर के नेतृत्व में आये शास्त्री नवयुवक मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को पारम्परिक खुमरी पहना कर उनका अभिवादन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को दुर्ग जिले के मड़ियापार में आगामी 2 सितम्बर को आयोजित होने वाले पोला महोत्सव के 65वें आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने शास्त्री नवयुवक मंडल को आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया और महोत्सव के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विधायक श्री गजेन्द्र यादव, शास्त्री नवयुवक मंडल से श्री सुनील साहू, श्री मनीष साहू, श्री सुदामा निषाद और श्री हेमलाल साहू सहित मंडल के सदस्य उपस्थित थे।

MP News:राज्य सरकार गौ-पालन को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केरवा डेम बुल मदर फार्म का निरीक्षण किया। उन्होंने गायों को हरी घास खिलाई और दुलार भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार गौ-वंश को गौ-शालाओं में रखने का पूरा प्रयास कर रही है। वर्षा काल में कोई भी गौ-वंश सड़कों पर न रहे इसके लिए उन्हें गौ-शालाओं में रखा जा रहा है। गौ-शालाओं की क्षमता भी बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों और गौ-पालकों की आय बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। गौ-पालन को लाभ का धंधा बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। देशी नस्ल को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौ-वंश को प्रोत्साहन देने के लिए योजना बनाई जाए। उन्होंने दूध पर सब्सिडी देने एवं केंद्र और राज्य शासन की विभिन्न स्कीमों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गौ-पालकों को लाभान्वित करने के सभी आवश्यक प्रयास किये जाये।

MP News:नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये प्रतिबद्ध है सरकार – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार विकास के साथ नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये प्रतिबद्ध है। इसलिए समय-समय पर चिकित्सालयों का निरीक्षण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि का समुचित उपयोग हो। सभी अधिकारी गुणवत्ता और दक्षता के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार शाम को हमीदिया अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद जानकारी दे रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हमीदिया अस्पताल में शिशु वार्ड तथा अन्य कक्षों का निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों और मरीजों के परिजन से बातचीत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा अस्पताल में किये जा रहे विस्तार कार्यों और नए प्रस्तावों की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्षाकाल चल रहा है, इसलिए अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ना संभव है। मरीजों को कोई कठिनाई नहीं हो इसको ध्यान से रखते हुए यहां विस्तार के कार्य चल रहे हैं। हमीदिया अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। इस अस्पताल की क्षमता 2250 बेड की है। अभी 1850 बेड की सुविधाा उपलब्ध कराई जा रही है। आशा है कि नए निर्माण कार्यों के पूरा होने से मरीजों की कठिनाईयां दूर हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगभग 199 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव आए हैं। उनमें 35 करोड़ रुपए के रीजनल इन्स्टिट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी, 42 करोड़ रुपए के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक्स, 30 करोड़ रुपए का कैंसर उपचार के लिए नई मशीनें खरीदने के प्रस्ताव शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अस्पताल में बोन मैरो सेंटर जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 20 करोड़ रुपए का पीजी छात्रों के लिए नया छात्रावास ब्लॉक बनाया जाएगा। अस्पताल को 20 करोड़ रुपए की एमआरआई/सीटी मशीन जल्द ही दी जाएगी। 35 करोड़ रुपए का नया एकीकृत ओपीडी ब्लाक और 17 करोड़ रुपए का नया यूजी छात्रावास बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जनता को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के समुचित प्रयास एवं प्रबंध किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि मैं सभी विभागों विशेषकर अस्पतालों में जहां जनता बड़ी संख्या में आती है वहां निरीक्षण अधिक करता हूँ, जिससे मरीजों को कोई कठिनाई न हो।

MP News:मुख्यमंत्री डॉ. यादव से मिले कॉग्निजेंट और हेक्सावेयर आईटी संस्थानों के पदाधिकारी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन्स कार्पोरेशन और वैश्विक स्तर पर आईटी कंसल्टिंग और डिजिटल समाधान प्रदाता हेक्सावेयर के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री निवास में भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को उपाध्यक्ष श्री गौरव हजारा ने कार्पोरेशन की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्पोरेशन द्वारा इंदौर में कॉग्निजेंट डेवलपमेंट सेंटर तैयार किया गया है। इसी तरह हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी द्वारा भी भोपाल में केन्द्र तैयार किया गया है। हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी के पदाधिकारी श्री डेनी दिवाकरन द्वारा संस्थान के कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. यादव को दी गई। दोनों संस्थानों ने एक-एक हजार कर्मचारियों को रोजगार देने की पहल की है।