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Tougher days ahead for UP gangsters as Yogi Govt plans conducting their trial from jail itself

Uttar Pradesh | For the imprisoned gangsters and mafias of Uttar Pradesh like Mukhtar Ansari and Bablu Shrivastava, it will soon become a dream to see the outer world. Having ensured that the most dreaded criminals and gangsters of the state are behind the bars, the Uttar Pradesh Government led by Chief Minister Yogi Adityanath is now making arrangements for holding of their trials through video conferencing from inside the jail itself.

In a high-level meeting, the chief minister emphasized the need for an additional video conferencing room each in 72 jails and 73 courts of UP for conducting the appearance and trial of criminals under judicial remand and also directed officials to expedite the construction of the same.

It is worth mentioning here that CM Yogi recently flagged off the state-of-the-art Modern Prison Van equipped with CCTV cameras, panic button and better security measures to ensure safety of policemen and to monitor activities of criminals inside the van.

CM calls for seamless connectivity at video conferencing rooms with 5G

Chief Minister Yogi Adityanath also called for seamless connectivity at video conferencing rooms with the installation of 5G, arguing that manual presentation of gangsters in courts is an expensive affair, which also requires a lot of police force. Besides, gangsters get an opportunity to meet their goons and hatch a fresh plot, he pointed out. improve the connectivity of video conferencing so that there is no problem in connectivity during remand and trial

Stressing that video conferencing can help stop this, CM Yogi said that efforts should be made to install 5G technology to avoid disruptions and smooth conduct of the video conferencing during remand and trial. Yogi said that a separate budget should be allocated for the video conferencing system, so that the system can be upgraded from time to time.

DG, Jail, Anand Kumar informed that there are 72 operational jails in the state, out of which 62 are district and seven central jails as well as one each Nari Bandi Niketan, Adarsh Jail and Kishore Sadan. The remand and trial proceedings of undertrial prisoners are held in 73 courts of the state.

Kumar said that at present all jails and courts have one cell each for remand through video conferencing, but due to the high number of prisoners, the entire day is spent hearing remand cases. Therefore, a letter was written to the government seeking construction of an additional video conferencing room in all the jails and courts of UP.

He added that at present only remand proceedings are carried out through video conferencing. As such, permission was sought to conduct the trial of all the prisoners through video conferencing as well.

DG Jail Anand Kumar said that with 100 percent handling of remand and trial of prisoners through video conferencing, the incidents of escape of undertrial priosoners would also be curbed. Besides, it will also help stop cases of criminals issuing threats to witnesses and conspiring to carry out crimes with the help of their goons.

Box

The top notorious criminals currently in jails of Uttar Pradesh are the following:

1. Mukhtar Ansari, District Jail, Banda, Ghazipur
2. Vijay Singh, son of late Prem Singh, resident of Farrukhabad district, and former MLA
3. Anil Dujana, District Jail, Ayodhya
4. Anoop Bhati, District Jail, Ayodhya
5. Surendra Pandit, District Prison, Kasganj
6. Sunder Bhati, District Jail, Sonbhadra
7. Amarmani Tripathi, District Jail, Gorakhpur
8. Gayatri Prajapati Amethi, District Jail, Lucknow
9. Khan Mubarak, District Jail, Hardoi
10. Yogesh Bhadaura, District Jail, Meerut
11. Nahid Hasan, District Jail, Chitrakoot

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UP:2014 के पहले सरकारें तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पर चढ़कर भारत की आस्था से करती थीं खिलवाड़- सीएम योगी

वाराणसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी ने 2014 के बाद बदली हुई काशी को देखा है। जैसे काशी बदली है, वैसे ही देश-उत्तर प्रदेश में भी बदलाव आया है। यह भारत विकास- विरासत पर गौरव की अनुभूति कर रहा है। भारत के पास आज विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना साकार हुई है। सबसे फिसड्डी भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में महज दस वर्ष में पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अग्रिम तीन वर्ष में भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। 2047 का रोडमैप पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने प्रस्तुत कर दिया है। 140 करोड़ देशवासी, उप्र के 25 करोड़ लोग प्रफुल्लित हैं तो इसका श्रेय काशी को जाता है, क्योंकि संसद में पीएम मोदी काशी का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में विश्वकर्मा जयंती व स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम-2024 की शुरुआत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को ई-बाउचर, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, लोन का चेक आदि प्रदान किया। उन्होंने बटन दबाकर वाराणसी के 104 परिषदीय विद्यालयों में आईआईटी चेन्नई के सहयोग से विद्या शक्ति योजना का शुभारंभ और 1143 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का लोकार्पण किया। सीएम ने वाराणसी नगर निगम के भेलूपुर जोन में 54 हजार मकानों में लगाए गए क्यूआर कोड का उद्घाटन किया। सीएम योगी ने क्यूआर कोड के माध्यम से दुकानों का मासिक किराया जमा करने की सुविधा, उपवन योजना के तहत कंचनपुर पार्क व सारंग तालाब स्थल पर पौधरोपण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। सीएम ने अनंत चतुर्दशी, सृष्टि के रचयिता देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती व आधुनिक भारत के शिल्पकार काशी के सांसद नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस की शुभकामना दी। उन्होंने पीएम के स्वस्थ व दीर्घजीवी होने की कामना की। पीएम मोदी के नेतृत्व में सब कुछ संभव सीएम योगी ने कहा कि दस वर्ष पहले कोई सोचता था कि काशी विश्वनाथ इतना भव्य बनेगा। यहां की कनेक्टिविटी, एयरकनेक्टिविटी, वाटरवे कनेक्टिविटी इतनी अच्छी होगी। फोरलेन की सड़कें, घाट सुंदर, मठ-मंदिरों की व्यवस्था का सुंदरीकरण होगा। विरासत को पहचान मिलेगी। प्रयागराज कुंभ भव्य-दिव्य हो सकता है। अयोध्या में श्रीरामलला के भव्य मंदिर का निर्माण होगा। कश्मीर में धारा-370 हटेगी। भारत की सीमाएं सुरक्षित होंगी। 4 करोड़ गरीबों को आवास, 10 करोड़ गरीबों को शौचालय, 12 करोड़ गरीबों को उज्ज्वला योजना का कनेक्शन, 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन की सुविधा मिलेगी, लेकिन अब यह सब संभव हुआ है। 2014 के पहले भ्रष्टाचार सरकार की पहचान बन चुकी थी सीएम योगी ने कहा कि 2014 के पहले अराजकता चरम पर थी। लोगों में विश्वास का नितांत अभाव था। देश की सुरक्षा खतरे में थी। आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद चरम पर था। भ्रष्टाचार तत्कालीन सरकार की पहचान बन चुकी थी। युवा बेरोजगार और व्यवसाय अस्त-व्यस्त थे। बुनियादी सुविधाओं का अभाव व स्वरोजगार का कोई पुरसाहाल नहीं था। भारत दुनिया में सबसे पीछे की पंक्ति में तमाशबीन बना खड़ा रहता था। इंफ्रास्ट्रक्चर अत्यंत खराब था। ग्रामीण क्षेत्र में कनेक्टिविटी तो दूर, बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं। सरकारें तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पर चढ़कर भारत की आस्था से खिलवाड़ करती थीं। भारत को गौरव की अनुभूति का अवसर न प्राप्त हो, इसके लिए षडयंत्र करती थीं। अपने संसदीय क्षेत्र के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं पीएम मोदी सीएम योगी ने कहा कि सामान्य सांसद भी इतना समय नहीं देता, जितना पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में देते हैं। काशी की जल, थल व वायु की कनेक्टिविटी, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए काशी को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया गया है। उनके नेतृत्व में भारत निरंतर आगे बढ़ रहा है। मोदी जी ने देश को विजन दिया है सीएम योगी ने कहा कि मोदी जी ने देश को विजन दिया है। डिजिटल इंडिया उनमें से एक है। एक ओर जहां आईआईटी चेन्नई के साथ विद्या शक्ति कार्यक्रम के जरिए पहली, दूसरी व तीसरी कक्षा के छात्रों के लिए अभिनव प्रयास प्रारंभ किया गया है। वहीं यहां के सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का शुभारंभ भी हो रहा है। शिक्षा प्राथमिकता, सभ्य, सुसंस्कृति व समर्थ समाज की आधारशिला है। पीएम मोदी ने डीबीटी के माध्यम से देश-दुनिया में नई क्रांति और तमाम योजनाओं के माध्यम से युवा के जीवन में अनेक परिवर्तन लाया है। युवाओं की आकांक्षाओं को उड़ान के लिए नए पंख भी दिए हैं। विश्वकर्मा के रूप में कार्य कर रहे गांवों के कारीगर सीएम योगी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार कर रहा है। हमारे गांव कभी परतंत्र नहीं रहे, शासन सत्ता पर इसकी निर्भरता न के बराबर थी। जिन हस्तशिल्पियों को सम्मान, प्रशिक्षण, मानदेय, टूल किट दिया जा रहा है। उन्हें स्किल डवलपमेंट, प्रशिक्षण के बाद बैंक के साथ जोड़ने का कार्यक्रम हो रहा है। गांव के कारीगर विश्वकर्मा के रूप में कार्य कर रहे हैं। कारपेंटर, हलवाई, सुनार, 16-17 प्रकार के कारीगर, हस्तशिल्पियों का चिह्नित किया गया है। इन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए 2023 में पीएम विश्वकर्मा सम्मान प्रारंभ किया। काशी के 694 गांवों में नई ऊंचाई प्राप्त करेगा स्वच्छता अभियान सीएम योगी ने कहा कि काशी के सभी 694 गांवों में स्वच्छता का अभियान नई ऊंचाई प्राप्त करेगा। वहां स्वच्छता, सैनिटाइजेशन भी होगा। विषाणुजनित बीमारियों से बचने के लिए इस मौसम में सावधानी रखनी पड़ेगी। पानी गर्म करें, ठंडा करके छानकर पीने से टाइफाइड नहीं होगा। मच्छर-मक्खियां होंगी तो मलेरिया, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया होगा, नियमित सफाई व फॉगिंग से कभी बीमारी नहीं होगी। उससे बचाव का प्रयास प्रारंभ हुआ है। नगर निगम भी आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है। पीएम मोदी ने स्मार्ट सिटी की कल्पना की पूरी सीएम योगी ने कहा कि देश में स्मार्ट सिटी कल्पना थी, लेकिन मोदी जी ने 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया था। इसमें उप्र के भी 10 शहर हैं। सभी 17 नगर निगम स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहे हैं। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम, शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से एक जगह बैठकर ट्रैफिक व्यवस्था का संचालन कर सकें। कूड़ा कलेक्शन की निगरानी कर सकें। क्यू आर कोड के माध्यम से

CG : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय स्थित कृषि मंडप में राज्यस्तरीय श्रमिक सम्मेलन में शामिल हुए

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय स्थित कृषि मंडप में राज्यस्तरीय श्रमिक सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री ख़ुशवंत साहेब, श्री मोती लाल साहू, श्री अनुज शर्मा उपस्थित रहे। सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री साय ने 57 हजार श्रमिकों के खातों में 49.43 करोड़ रुपए की राशि डी.बी.टी. के माध्यम से ट्रांसफर किया।

MP:प्रधानमंत्री श्री मोदी का पंचामृत संकल्प विश्व को नई दिशा देगा – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

गांधी नगर में चौथे ग्लोबल रीन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर मीट के दूसरे चरण में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के मध्य गहन विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा “पंचामृत” का संकल्प; वर्ष 2070 तक नेट जीरो ऐमिशन का लक्ष्य प्राप्त करना, वर्ष 2030 तक गैर परंपरागत ऊर्जा क्षमता 500 गीगावाट तक बढ़ाना, वर्ष 2030 तक सकल ऊर्जा उत्पा्दन में नवकरणीय ऊर्जा का हिस्सा बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक ले जाना, ऐमिशन्स की तीव्रता को 45 प्रतिशत घटाना और कार्बन उत्सर्जन में 2030 तक 1 बिलियन टन की कमी लाने के लिये पूरे विश्व को नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की वर्ष 2012 में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता 500 मेगावाट से भी कम थी। हमने अलग से विभाग का गठन कर नीतियों और विभिन्न प्रोत्साहन से 12 सालों में क्षमता को 14 गुना बढ़ाया है और 7 हजार मेगावॉट का लक्ष्य प्राप्त किया है। रीवा सौर परियोजना के अंतर्गत स्थापित सौर ऊर्जा पार्क से देश में पहली बार कोयला उत्पादित ऊर्जा से सस्ती सौर ऊर्जा उपलब्ध कराई गई है। इससे दिल्ली मेट्रो को बिजली दी गई। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इसे केस स्टडी के रूप में शामिल किया गया है। आगर-शाजापुर-नीमच सौर परियोजना के नीमच सौर पार्क में बिजली का टैरिफ 2.14 रुपए प्रति यूनिट है, जो देश का न्यूनतम है। इस परियोजना से प्रदेश के साथ-साथ भारतीय रेलवे को भी बिजली सप्लाई हो रही है। आगर-शाजापुर-नीमच में 1500 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क निर्माणाधीन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश, असंभव को संभव करने की शक्ति रखता है। माँ नर्मदा पर ओंकारेश्वर में 600 मेगावाट क्षमता की दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना विकसित की जा रही है, जिसमें 200 मेगावाट परियोजना के पैनल लगाए जा चुके हैं। फ्लोटिंग सोलर परियोजना में वाष्पीकरण से पानी की हानि कम होगी और परियोजना के लिए किसी विस्थापन की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश “हार्ट ऑफ इनक्रेडिबल इंडिया” है। लगभग एक तिहाई वन क्षेत्र के साथ और नवकरणीय ऊर्जा में अग्रणी कार्य करते हुए मध्यप्रदेश “लंग्स ऑफ इनक्रेडिबल इंडिया” बनने का विजन रखता है। हम आगामी वर्षों में 20 हज़ार मेगावाट से ज्यादा नवकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करेंगे और 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा नवकरणीय स्त्रोतों से लेंगे। मिशन मोड में वर्ष 2025 तक सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश सरकार पंप हाइड्रो ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के सुगम विकास के लिए राज्य की मौजूदा पंप हाइड्रो कार्य योजना में जरूरी बदलाव करने पर विचार कर रही है, ताकि सभी निवेशक आसानी से प्रदेश में निवेश कर सकें। आगर, धार, अशोकनगर, भिंड, शिवपुरी और सागर जिलों में 15 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है, जहां 7 हजार 500 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की जाएगी। उज्जैन, आगर, धार, मंदसौर और रतलाम में 3 हजार मेगावाट पवन ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य है। कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) से भी ऊर्जा उत्पादन का काम मध्यप्रदेश में किया जा रहा है और भविष्य में चम्बल के बीहड़ जैसी अनुपयोगी भूमियों का उपयोग भी कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन के लिए करने पर हम विचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम रिन्यूएबल एनर्जी को प्रोमोट करने के लिए मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में 464.65 करोड़ रुपये की लागत से 227.54 एकड़ का अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग जोन स्थापित कर रहे हैं। मध्यप्रदेश इस जोन में भूमि, विद्युत, जल दरों पर आकर्षक प्रोत्साहन जैसे भूमि प्रब्याजी की 1 रुपये टोकन राशि पर भूमि आवंटन, लीज रेंट की वार्षिक दर 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर, विद्युत दर (टैरिफ) में 4 रुपये 36 पैसे प्रति यूनिट प्रथम 5 वर्षों तक के लिए छूट आदि प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री जी को आश्वस्त किया कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कार्यक्रम के दूसरे चरण में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देशी-विदेशी निवेशकों के साथ मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर वन-टू-वन बैठक कर चर्चा की। बैठक में प्रमुख रूप से विंड पावर एसोसिएशन, हीरो फ्यूचर एनर्जी,टौरेंट पॉवर, शक्ति पंप्स, सैम्बकॉर्प सिंगापुर, वारीइनर्जी, सेरेंटिका रिन्यूएबल, रिन्यू पावर, शेल ग्रुप सुजलॉन, वेलस्पन, वेना एनर्जी, ब्लूलीफ बोरोसिल ग्रुप,स्टेट क्राफ्ट आदि के प्रमुख निवेशक मध्यप्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला, अपर मुख्य सचिव श्री मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव उद्योग श्री राघवेंद्र सिंह भी शामिल रहे। व्यक्तिगत रूप से की गई चर्चा में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिये आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि इस संबंध में आसन्न किसी भी बाधा को राज्य सरकार द्वारा दूर किया जाएगा। मध्यप्रदेश में निवेश के लिये निवेशकों ने दिखाई रूचि मुख्यमंत्री डॉ. यादव से विंड पावर एसोसिएशन ने सोलर पार्क की तर्ज पर विंड पार्क विकसित किए जाने का अनुरोध किया। अवाडा ग्रुप द्वारा प्रदेश में लगभग 5000 करोड़ रूपये के निवेश संबंध में प्रस्ताव दिया। टॉरेंट पॉवर द्वारा प्रदेश में पम्प हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के विकास हेतु नीति शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। सैम्ब्कार्प ग्रुप द्वारा प्रदेश में प्रस्तावित मुरैना तथा नीमच सौर परियोजना में निवेश हेतु रुचि व्यक्त की गई। रिन्यू पावर द्वारा भी प्रदेश में लगभग 6000 करोड़ रूपये के निवेश हेतु रुचि व्यक्त की गई। सुजलॉन एनर्जी द्वारा प्रदेश में स्थापित ब्लेड उत्पादन इकाई के दृष्टिगत, विंड परियोजनाओं हेतु प्रदेश सरकार को मध्यप्रदेश में ही निविदा आमंत्रित करने हेतु अनुरोध किया गया, जिससे प्रदेश में ही पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हो सकें। स्प्रिंग एनर्जी द्वारा रीवा सौर पार्क की तर्ज पर विंड ऊर्जा पार्क विकसित किए जाने हेतु अनुरोध किया गया। वारी एनर्जी द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने हेतु अभिरूचि व्यक्त की गई। सेरेंटिका तथा ब्ल्यू लीफ द्वारा प्रदेश में वर्तमान में किए गए निवेश की जानकारी दी गई एवं परियोजनाओं के विकास हेतु आवश्यक सहयोग की अपेक्षा की गई। मेसर्स बोरोसिल ग्रुप द्वारा प्रदेश में सोलर पैनल पर लगने वाले ग्लास उत्पादन इकाई के निर्माण हेतु अभिरुचि व्यक्त की गई। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर के विकासकों द्वारा प्रदेश में निवेश का यह रुझान प्रदेश की नवकरणीय ऊर्जा नीतियों के प्रति उनको विश्वास का परिचायक है तथा यह सिद्ध

ओडिशा के राज्यपाल से बीएसपीएस के प्रतिनिधि मंडल ने की मुलाकात

भुनेश्वर: भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ(बीएसपीएस) के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन के नेतृव में पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास से भुनेश्वर स्थित राजभवन में मुलाकत की। इस अवसर पर पत्रकारों के मुद्दों को लेकर लंबी चर्चा हुई। आज राज्यपाल से मिलने वालों में राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन, बीएसपीएस बंगाल राज्य इकाई से राष्ट्रीय संयुक्त सचिव एस एस नसरीन, बी पांडा, नईमुल्ला खान मुख्य रूप से मौजूद थे। ज्ञात हो कि देश भर में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, पत्रकार पेंशन योजना, पत्रकार स्वास्थ बीमा योजना, रेलवे में पत्रकारों को छूट पुनः बहाल करने एवं टोल टैक्स में छूट की मांग को लेकर देश भर की राज्य इकाई द्वारा संघर्ष जारी है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडू, एवं छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा पेंशन एवं स्वास्थ बीमा योजना का लाभ पत्रकारों को मिल रहा है।

MP:वीरांगना रानी दुर्गावती के सम्मान में उनकी प्राचीन राजधानी में होगी मंत्रि-परिषद की बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वीरांगना रानी दुर्गावती का योगदान ऐतिहासिक था। शौर्य की प्रतीक रानी युद्ध संचालन में दक्ष थीं। उन्होंने बाहरी हमलावरों को निरंतर परास्त किया। लगातार 51 युद्ध जीतने के बाद उनका आखिरी युद्ध भी प्रेरणादायी था, जिसमें उन्होंने पराजय की स्थिति देखते हुए शत्रु के हाथ मारे जाने की बजाय कटार भोंककर स्वयं की इहलीला समाप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती की राजधानी में मंत्रि-परिषद की बैठक और रानी दुर्गावती के जीवन से जुड़े अन्य स्थानों पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दमोह जिले में सिंग्रामपुर गांव के निकट सिंगौरगढ़ का किला है। यह क्षेत्र वीरांगना रानी दुर्गावती की राजधानी के रूप में इतिहास में दर्ज है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में निर्देश दिए कि वीरांगना की स्मृति में जबलपुर में 100 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित किए जा रहे रानी दुर्गावती स्मारक स्थल और उद्यान के कार्य शीघ्र करवाने की कार्यवाही की जाए। इन कार्यों की सतत समीक्षा भी की जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस स्मारक स्थल की आधारशिला रख चुके हैं। इस कार्य की एजेंसी मध्यप्रदेश राज्य पर्यटनविकास निगम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीरांगना की जन्मतिथि पर आगामी 05 अक्टूबर को भी विशेष कार्यक्रम के आयोजन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने वीरांगना रानी दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की प्रथम बैठक 3 जनवरी 2024 को जबलपुर में आयोजित की थी। इसके साथ ही वीरांगना के नाम पर रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना भी प्रारंभ की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने पति दलपत शाह की मृत्यु के बाद अपने राज्य की रक्षा के लिए गोंडवाना साम्राज्य की बागडोर संभाली। इनके राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी थी कि करों का भुगतान सोने के सिक्के और हाथी देकर किया जाता है। वीरांगना ने जबलपुर में रानीताल, चेरीताल और आधारताल सहित अनेक सरोवरों का निर्माण करवाया। उन्होंने शिक्षा और पारम्परिक ज्ञान को प्रोत्साहित किया। कई मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण भी करवाया। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने प्रेजेंटेंशन में बताया कि रानी दुर्गावती के प्रसिद्ध 52 गढ़ों पर केन्द्रित एक रेडियो धारावाहिक का प्रसारण निरंतर हो रहा है। वीरांगना और उनके परवर्ती शासकों की कला और स्थापत्य की उपलब्धियों पर शोध ग्रंथ प्रकाशित किया गया है। संस्कृति विभाग वीरांगना के जीवन पर वृत्त चित्र निर्माण, नृत्य नाटिका, गायन कार्यक्रम और वीरांगना की जीवन गाथा को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित करने की गतिविधियां आयोजित कर चुका है। शैक्षणिक संस्थाओं में वीरांगना के जीवन पर केन्द्रित निबंध और आलेख लेखन स्पर्धाएं करवाना प्रस्तावित है। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

UP:चकबंदी कार्यों में योगी सरकार ने स्थापित किया 10 वर्षों का नया कीर्तिमान

लखनऊ: योगी सरकार अन्नदाताओं के हितों के लिए लगातार आवश्यक कदम उठा रही है। इसी के तहत योगी सरकार ने पिछले वर्ष सितंबर माह में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान चकबंदी विभाग को किसानों के खेत की सीमा संबंधी विवादों को सुलझाने, गांवों को विकास से जोड़ने, सरकारी योजनाओं का लाभ देने एवं सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए निर्देश दिये थे। साथ ही, गांवाें में ग्राम अदालत लगाकर वादों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिये थे। सीएम योगी की मॉनीटरिंग का ही नतीजा है कि योगी सरकार ने चकबंदी संबंधी कार्यों में पिछले एक वर्ष में 10 वर्षों का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में आठ माह में प्रदेश के 40 जिलों के 82 ग्रामों में अब तक चकबंदी करायी जा चुकी है। वहीं पिछले वर्ष 2023-24 में प्रदेश के 74 जिलों के 781 गांवों में चकबंदी करायी गयी। इसके अलावा पिछले साल सितंबर से अब तक 705 ग्राम अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें 25,523 वादों का निस्तारण किया जा चुका है। तीन वर्षों में 1475 ग्रामों में पूरी की गयी चकबंदी प्रक्रिया चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्नदाताओं के खेत संबंधी विवादों को पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से निपटाने के लिए चकबंदी कराने के निर्देश दिये थे। उन्होंने इसके निस्तारण के लिए अभियान और ग्राम अदालत लगाने के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में इस वित्तीय वर्ष में आठ माह में 40 जिलों के 82 ग्रामों में चकबंदी करायी जा चुकी है। वहीं 51 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया संभव न होने के कारण अधिनियम की धारा 6 (1) के तहत चकबंदी प्रक्रिया से अलग किया गया। इसी तरह वर्ष 2023-24 में 74 जिलों के 781 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसमें 330 ग्राम 10 वर्षों से अधिक अवधि के थे। वर्ष 2022-23 में 463 ग्रामों एवं 2021-22 में 231 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी, जो पिछले 10 वर्षों की तुलना में एक कीर्तिमान है। कुल मिलाकर वर्ष 2021-2022, 2022-23 तथा 2023-24 में 1475 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी हुई है। वहीं, 50 वर्ष से अधिक अवधि से लंबित 8 ग्राम, 30 वर्ष से 50 वर्ष तक लंबित 72 ग्राम और 10 वर्ष से 30 वर्ष तक लंबित 296 ग्राम में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसमें आजमगढ़ के ग्राम महुवा और गोमाडीह में क्रमश: 63 वर्ष और 56 वर्ष से लंबित, विचाराधीन चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसके अलावा गाजीपुर के ग्राम सवना व बरेजी चकबंदी प्रक्रिया 59 वर्षों एवं ग्राम बेलसड़ी की चकबंदी प्रक्रिया 55 वर्षों से विचाराधीन थी, जिसे पूरी किया गया। कन्नौज के 8 ग्रामों के दोबारा तैयार कराए चकबंदी अभिलेख चकबंदी आयुक्त ने बताया कि लखीमपुर खीरी के ग्राम सुआबोझ, सुल्तानपुर के ग्राम मालापुर जगदीशपुर, जौनपुर के ढेमा गांव में क्रमश: 53, 54 और 52 वर्ष से चकबंदी प्रक्रियाधीन थी, जिसे पूरा किया गया। इसके अलावा सुल्तानपुर के ग्राम अन्दारापुर में 48 वर्षों, बरेली के ग्राम मोहनपुर में 41 वर्ष, बिजनौर के ग्राम छाचरी टीप में 35 वर्षों, बदायूं के ग्राम रहेड़िया में 33 वर्षों, मऊ के ग्राम अल्देमऊ में 31 वर्षों, बुलंदशहर के ग्राम याकूबपुर व मुस्तफाबाद डडुवा में 30 वर्षों से चकबंदी प्रक्रियाधीन थी, जिसे पूरी किया गया। इसके साथ ही कन्नौज में 1990 में अग्निकांड की वजह से 35 ग्रामों के अभिलेख जल गये थे, जिससे 34 वर्षों से चकबंदी प्रक्रिया बाधित हो रही थी। इसमें नये अभिलेखों को तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती थी। ऐसे में चकबंदी आयुक्त ने तत्कालीन अपर निदेशक चकबंदी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। साथ ही समिति की संस्तुति के बाद 35 ग्रामों में से 8 ग्रामों को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में उनके अभिलेख सृजित किये गये। इनमें से दो गांव नन्दलालपुर व करनौली की चकबंदी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इतना ही नहीं पिछले वर्ष चकबंदी प्रक्रिया में शामिल लखीमपुर खीरी के ग्राम रामपुर मकरन्द की चकबंदी प्रक्रिया एक वर्ष और रामपुर के ग्राम चक रफतपुर में मात्र आठ माह में चकबंदी पूरी की गयी। बॉक्स जल्द ही एआई, ब्लॉक चेन, ड्रोन और रोवर से होगी चकबंदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी संबंधी पुराने लंबित वादों को निस्तारित करने के लिए ग्रामों में ग्राम अदालत लगाने के निर्देश दिये थे। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पिछले वर्ष सितंबर से अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 705 ग्राम अदालत का आयोजन किया गया। इसके जरिये 25,523 वादों को निस्तारण किया जा चुका है। इसके अलावा किसानों के हित एवं पारदर्शिता के मद्​देनजर एआई, ब्लॉक चैन, ड्रोन एवं रोवर सर्वेक्षण आधारित चकबंदी संचालित करने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी रूड़की के साथ परीक्षण चल रहा है। इसके साथ ही जीआईएस बेस्ड सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल ऐप विकसित करने की भी कार्रवाई चल रही है। जल्द ही इन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर चकबंदी प्रक्रिया संचालित की जाएगी।