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एमपी शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह सामरोह के समापन पर बोले मुख्यमंत्री

गोरखपुर | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि तेजी से बदलता और विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ता भारत पूरी दुनिया के लिए कौतुहल और आश्चर्य का विषय है। नया भारत गरीबों को जितना आवास दे देता है उतने में नया ऑस्ट्रेलिया बस सकता है। ऑस्ट्रेलिया की आबादी करीब पौने तीन करोड़ है और भारत में बीते कुछ ही सालों में तीन करोड़ गरीबों के आवास बना दिए गए हैं। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के सभी देशों की सम्मलित आबादी से अधिक, 80 करोड़ लोगों को यह भारत कोरोना कालखंड में मुफ्त राशन उपलब्ध करा देता है।

सीएम योगी शनिवार को महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद के 90वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर आयोजित पारितोषिक वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। समापन समारोह के मुख्य अतिथि ओम बिरला का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया जब कोरोना से पस्त थी तब भारत ने यशस्वी नेतृत्व, दृढ़ इच्छाशक्ति और चुनौतियों से जूझने के जज्बे से कोरोना का शानदार व सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन करने के साथ विकास, जन कल्याणकारी योजनाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ाकर समूचे विश्व के सामने नायाब उदाहरण प्रस्तुत कर रहा था। सीएम योगी ने कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है। 200 वर्षों तक शासन करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।

जी-20 का नेतृत्व मिलना भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार जी-20 का नेतृत्व मिलना भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है। जी-20 मे वे देश शामिल हैं जो दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी, 75 प्रतिशत ट्रेड, 85 प्रतिशत जीडीपी और 95 प्रतिशत पेटेंट का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के नेतृत्व में जी-20 का थीम है- वसुधैव कुटुम्बकम, अर्थात एक परिवार, एक पृथ्वी और एक भविष्य। हमारे देश ने सदैव इसी भाव को महत्व दिया है। भारत ने हर मत, मजहब को विपत्ति में शरण दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जी-20 के 11 से अधिक कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के चार शहरों में होने हैं। इसको लेकर प्रयास और अभ्यास को अभी से आगे बढ़ाना होगा। शिक्षण संस्थाओं को भी चाहिए कि वे इससे खुद को जोड़कर स्थानीय स्तर पर अपनी तैयारी करें।

इंसेफेलाइटिस का टीका आने में लगे सौ साल, नौ माह में तैयार हुईं कोविड की दो स्वदेशी वैक्सीन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर आगे बढ़ते हुए देश ने कोरोना की अभूतपूर्व चुनौती में भी उपलब्धियों की रफ्तार को थमने नहीं दिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष हजारों बच्चों की जान जिस इंसेफेलाइटिस से चली जाती थी, उसका टीका भारत आने में सौ साल लग गए थे जबकि कोरोना संकट में देश ने मात्र नौ माह में दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर दिए। इंसेफेलाइटिस का टीका जापान में 1905 में ही बन गया था लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में टीके 2006 में लगने शुरू हुए। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश मे नौ माह में दो कोविड वैक्सीन विकसित कर इसे 135 करोड़ की आबादी की निशुल्क उपलब्ध कराया गया।

निरपेक्ष भूमिका में न रहें शिक्षण संस्थाएं
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थाओं को निरपेक्ष भूमिका से बाहर निकलकर व्यावहारिकता के भाव से जुड़ने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण संस्थाओं को इंडस्ट्री के साथ जुड़ना होगा। क्लासरूम तक सीमित रहने की बजाय व्यावहारिक जानकारी की ओर अग्रसर होना होगा।

पर, दुखद सच्चाई है कि संस्थाएं खुद को निरपेक्ष कर लेती हैं। उन्होंने कहा कि ढाई साल के कोरोना कालखंड में उत्तर प्रदेश में 23600 लोगों की मौत हुई थी जबकि सड़क हादसों में एक साल में इतनी ही मौत हो जाती है। ओवर स्पीडिंग, हेलमेट-सीट बेल्ट न प्रयोग करना और गलत रोड इंजीनियरिंग इसके कारण हैं। यातायात के नियमों की जानकारी देने को प्रार्थना सभा में शामिल कर शिक्षण संस्थान सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या में कमी ला सकते हैं। तकनीकी शिक्षण संस्थाएं गलत रोड इंजीनियरिंग पर अध्ययन को आगे बढ़ाकर कार्यदायी संस्थाओं को जागरूक कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थाओं को यह सोचना होगा कि हमें किसी कार्य को करने के लिए बाहर के संस्थाओं को क्यों बुलाना पड़ता है, हर कार्य में हम शासन पर ही निर्भर क्यों रहते हैं। उन्होंने विद्यालयों के पुस्तकालयों को समृद्ध करते हुए छात्र छात्राओं को देश दुनिया की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

राजधानी गांव पर शोध करें उच्च शिक्षण संस्थान
भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर के चौरीचौरा के पास एक गांव का नाम ही राजधानी है। इसका इतिहास करीब 2500 वर्ष पुराना बताया जाता है। गोरखपुर विश्वविद्यालय व अन्य उच्च शिक्षण संस्थाओं को इस पर शोध करना चाहिए।

जीवन की व्यावहारिकता ही वास्तविक ज्ञान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मनीषा ने ज्ञान परम्परा को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रखा था। उसमें व्यावहारिकता को पर्याप्त महत्व दिया गया। जीवन की व्यावहारिकता ही वास्तविक ज्ञान है। इसी के अनुरुप महंत दिग्विजयनाथ जी ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थी। यह वह समय था जब देश परतंत्र था। उस समय गोरखपुर से लखनऊ का जुड़ाव एक पांटून पुल से था। हम लोगों में बहुत से लोगों ने आजादी की लड़ाई नहीं देखी, सिर्फ सुना है। पर, आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसके मुख्य महोत्सव हर घर तिरंगा अभियान में हर भारतीय पूरे उत्साह से जुड़ा। पीएम मोदी ने हम सबको राष्ट्रीयता से जुड़ने का मंच देते हुए महोत्सव को नई ऊंचाई दी।

गोरखपुर को नॉलेज सिटी के रूप में आगे बढ़ाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना करने के साथ ही महंत दिग्विजयनाथ ने महिला महाविद्यालय पॉलिटेक्निक आयुर्वेद कॉलेज संस्कृत कॉलेज की प्रकल्प शुरू किए थे। इसके साथ ही समाज हित में परिषद के संसाधन गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए समर्पित कर दिए थे। आगामी 10 वर्ष में यह परिषद अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा। यह अवसर संस्थापकों के प्रति कृतज्ञ कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए नई रूपरेखा बनाने का अवसर है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज बनाने का आह्वान किया था। आज गोरखपुर में चार विश्वविद्यालय हैं, एम्स, मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज कई तकनीकी शिक्षण संस्थान भी हैं। सभी की जिम्मेदारी है कि वे पूर्वी उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए नवाचार वह रिसर्च एवं डेवलपमेंट को आगे बढ़ाते हुए गोरखपुर को नॉलेज सिटी के रूप में मजबूत करें। काठी भारत अतीत में पूरे विश्व का नेतृत्व कर चुका है और नॉलेज सिटी के परिप्रेक्ष्य में हमें इसी भावना के अनुरूप कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि कई बार पराजय भी जीवन में सफलता का नया मार्ग दिखाता है। इसलिए विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत नाखून और खरीद चुनौती को और सर के रूप में स्वीकार करें।

खेल के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्यार्थियों के साथ खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर व पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेल के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। यहां के पहलवान दुनिया में धूम मचाते थे। गोरखपुर की कबड्डी टीम बहुत अच्छी मानी जाती थी। यहां की प्रतिभाएं तैराकी, नौकायन, निशानेबाजी में काफी आगे बढ़ सकती हैं। संस्थाओं को इसके लिए प्रयास करना होगा, शासन इसमें सहयोग करेगा।

स्वागत संबोधन में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो उदय प्रताप सिंह ने शिक्षा परिषद की प्रगति यात्रा की सविस्तार जानकारी दी। समारोह के दौरान महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज की अर्धवार्षिक पत्रिका मानविकी तथा नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य पूर्णचन्द्र उपाध्याय की पुस्तक नीलकंठ महाकाव्यम का विमोचन लोकसभा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री ने किया।

सप्ताह भर चली विभिन्न स्पर्धाओं के 650 विजेताओं में से 238 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने हाथों से पुरस्कृत किया। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सुपुत्री सुश्री अंजली बिरला, सांसद रविकिशन शुक्ल, कमलेश पासवान, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती साधना सिंह, पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक फतेह बहादुर सिंह, श्रीराम चौहान, राजेश त्रिपाठी, महेंद्रपाल सिंह, विपिन सिंह, डॉ विमलेश पासवान, इंजीनियर सरवन निषाद, प्रदीप शुक्ल, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जेपी पांडेय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर के कुलपति प्रो हरि बहादुर श्रीवास्तव, महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल अतुल वाजपेयी, नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य पूर्णचंद्र उपाध्याय, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पदाधिकारी एवं सदस्य, परिषद की सभी संस्थाओं के प्रमुख, शिक्षक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। संचालन डॉ श्रीभगवान सिंह व आभार ज्ञापन दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश सिंह ने किया।

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लैंड फॉर जॉब केस में लालू प्रसाद को बड़ा झटका

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में सीबीआई की तरफ से दायर केस को रद्द कराने के लिए तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट में य़ाचिका दाखिल कर सीबीआई के लैंड फॉर जॉब केस को रद्द करने की मांग की थी लेकिन उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया है।

“ठग्स ऑफ गोवा” से बड़े पर्दे पर धमाल मचाने आ रहे हैं कानपुर के सूर्यांश त्रिपाठी

कानपुर के होनहार युवक सूर्यांश त्रिपाठी अब बड़े पर्दे पर धमाकेदार एंट्री करने जा रहे हैं। फिल्म “ठग्स ऑफ गोवा” में लीड रोल निभा रहे सूर्यांश की यह फिल्म 30 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सूर्यांश ने मुंबई में अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर विज्ञापन फिल्मों, मॉडलिंग और वेब सीरीज में अपनी खास पहचान बनाई है। अब वे एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार एक मुख्य अभिनेता के रूप में। फिल्म “ठग्स ऑफ गोवा” उनके करियर का एक नया और बड़ा मुकाम साबित हो सकती है। दर्शकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सूर्यांश बड़े पर्दे पर क्या जादू बिखेरते हैं। क्राइम थ्रिलर सिनेमा जगत में एक ऐसा जॉनर रहा है जिसे दर्शकों का बहुत बड़ा वर्ग पसन्द करता आया है. इसी शैली का एक सिनेमा “ठग्स ऑफ गोवा” 30 मई 2025 को सिनेमाघरों मे रिलीज के लिए तैयार है. साई पाटिल फिल्म फैक्ट्री के बैनर तले बनी इस पिक्चर के निर्माता साई पाटिल, सह निर्माता योजना पाटिल हैं. फिल्म के निर्देशक साई पाटिल ने इसकी कहानी, पटकथा और संवाद भी लिखे हैँ. गोवा में शूट की गई इस फिल्म का संगीत रवि ने दिया है. इस फिल्म में सूर्यांश त्रिपाठी, गायत्री बंसोडे, रुचिका सिंह, मनवीर सिंह, अंकिता देसाई, विक्की मोटे, गिरिराज कुलकर्णी, सागर पब्बाले, हर्षित उपाध्याय, प्रणय तेली, सुनील कुसेगांवकर, राजदेव जमदादे, योगेश कुमावत, नवनाथ श्रीमंडिलकर जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है. गोवा में सेट यह कहानी अमर अग्निहोत्री के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक कुख्यात ठग है. वह अपने तीन साथियों सलोनी, नेहा और विक्की के साथ मिलकर लोगों को ठगकर मौज करता है। धोखे के खेल में तब एक बुरा मोड़ आता है जब क्राइम ब्रांच ऑफिसर विजय नेहा को धमकाता है और उसे भ्रष्ट मंत्री के बेटे राकेश के करीबी लोगों के बीच घुसकर काले धन से जुड़े दस्तावेज चुराने के लिए मजबूर करता है। जब नेहा अमर को इस खतरनाक काम के बारे में बताती है, तो तनाव बढ़ जाता है। अमर और ऑफिसर विजय के बीच एक भयंकर लड़ाई शुरू हो जाती है. अंत में क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखने का इन्तेज़ार करना पड़ेगा.

कानपुर में एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में आधुनिक तकनीकों से स्किन, हेयर और फैट की उपचार सेवाएं उपलब्ध

कानपुर: शहरवासियों के लिए खुशखबरी है कि अब स्किन और हेयर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इलाज एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में उपलब्ध है। डॉ. गौरी मिश्रा ने बताया कि क्लिनिक में मेड इन कोरिया की न्यू रिच मशीन द्वारा बॉडी लेज़र हेयर रिडक्शन किया जाता है, जिससे अनचाहे बालों के साथ-साथ स्किन पर मौजूद दाग-धब्बों और पिग्मेंटेशन से भी छुटकारा पाया जा सकता है। स्किन टोन को निखारने और फ्लॉलेस लुक पाने के लिए यह मशीन अत्यंत प्रभावी साबित हो रही है। साथ ही, बालों की समस्याओं के समाधान के लिए PRP थैरेपी, GFC थैरेपी और हेयर रीग्रोथ थैरेपी जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे हेयर फॉल, हेयर थिनिंग और गंजेपन जैसी समस्याओं में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। यह क्लिनिक अब हेयर और स्किन हेल्थ के लिए एक भरोसेमंद सेंटर बनकर उभरा है। एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी अब संपूर्ण बॉडी के सौंदर्य और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वन-स्टॉप सेंटर बन गया है। यहां उपलब्ध कायो लेज़र मशीन की मदद से शरीर के किसी भी हिस्से से फैट को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है। यह प्रक्रिया न केवल वजन घटाने में सहायक है, बल्कि बॉडी शेप को भी आकर्षक बनाती है। स्किन, हेयर और बॉडी फैट से जुड़ी सभी आधुनिक थैरेपीज़ अब एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ती। विशेष रूप से शादी या अन्य विशेष अवसरों को ध्यान में रखते हुए, ‘ग्लोइंग स्किन’ के लिए आवश्यक स्किन क्लीनिंग, ब्राइटनिंग और हाइड्रेशन थैरेपीज़ अब स्थानीय स्तर पर सुलभ हैं। डॉ. गौरी मिश्रा के मार्गदर्शन में संचालित यह सेंटर कानपुर में कॉस्मेटोलॉजी और एस्थेटिक उपचार का नया केंद्र बिंदु बनता जा रहा है, जहां हर व्यक्ति को उनकी ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत देखभाल मिल रही है।

आई० ए० पी० कानपुर और पारस हेल्थ ने ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी पर विशेष मेडिकल (सी.एम.ई.) का आयोजन किया

पारस हेल्थ, कानपुर एवं इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट (आई० ए० पी०), कानपुर सेंट्रल शाखा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (CME) प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रॉयल क्लिफ होटल में संपन्न हुआ, जिसमें शहर के प्रमुख सर्जन एवं फिजियोथैरेपिस्ट्स ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में आपसी संवाद को बढ़ावा देना, नवीनतम तकनीकों की जानकारी साझा करना तथा समन्वित रूप से मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना था। कार्यक्रम में सहभागियों को ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी के अद्यतन पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अलीगढ़ से पधारे डॉ. के. के. वर्मा (सेक्रेटरी, आई० ए० पी० उत्तर प्रदेश) एवं वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक न्यूरोसर्जन डॉ. गोपाल शुक्ल उपस्थित रहे। डॉ. शुक्ल ने अपने सत्र में कमर दर्द से जुड़े विभिन्न जटिल मामलों पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि किस प्रकार फिजियोथैरेपी की मदद से मरीजों को शीघ्र राहत मिल सकती है। इस सफल आयोजन ने फिजियोथैरेपिस्ट एवं चिकित्सकों को एक साझा मंच प्रदान किया, जिससे भविष्य में और बेहतर चिकित्सा सेवा की दिशा में प्रयास संभव होंगे।

BR:पीएम मोदी 29 को बिहार दौरे पर, विकास की सौगात संग चुनावी मंथन

Patna : . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को दो दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली बिहार यात्रा है. इस यात्रा के दौरान वे पटना और विक्रमगंज में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. भाजपा प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में जुटी है. पीएम मोदी सबसे पहले पटना एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे, उसके बाद बिहटा एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. 30 मई को वे विक्रमगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे और लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे.   पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री पटना एयरपोर्ट से बीजेपी कार्यालय तक रोड शो करेंगे. जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे. बीजेपी कार्यालय में पीएम मोदी सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जमीनी स्तर पर संगठन की स्थिति की समीक्षा भी करेंगे. यह बैठक आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही

BR:बिहार में दिव्यांग कोटे में डोमिसाइल नीति लागू

बिहार सरकार ने राज्य की सरकारी नौकरियों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांग आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब दिव्यांग कोटे का लाभ केवल बिहार के मूल निवासियों को ही मिलेगा। इसके तहत डोमिसाइल (स्थानीय निवासी) नीति को लागू कर दिया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है। निर्णय के अनुसार, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मिलने वाला आरक्षण अब केवल बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए ही मान्य होगा। जानकारी के मुताबिक, अधिनियम के तहत दिव्यांगजन को सरकारी नौकरियों में 4% क्षैतिज आरक्षण, उच्च शिक्षा संस्थानों में 5% क्षैतिज आरक्षण दिया जाता है। अब तक इस आरक्षण का लाभ दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मिल रहा था, जिससे बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों को उचित अवसर नहीं मिल पा रहा था। राज्य सरकार ने इसको समाप्त करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने का निर्णय लिया। सरकारी नौकरियों के सामान्य कोटे में पूर्ववत व्यवस्था लागू रहेगी, उसमें डोमिसाइल नीति लागू नहीं की गई है। बता दें है कि 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में 23 लाख से अधिक दिव्यांगजन हैं, जिनमें से लगभग 16 लाख को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।