Thelokjan

site logo

Chief Minister Yogi Adityanath reviews the presentation regarding MSME weavers scheme

Lucknow | In an effort to improve the productivity of over 2.5 lakh weavers in Uttar Pradesh and boost economic growth, the state Chief Minister Yogi Adityanath on Wednesday said that power subsidy should be provided for looms. “Power Corporation should make arrangements to provide subsidy to the weavers. This will even prevent power theft,” he said.

While reviewing the presentation regarding the MSME Weaver Scheme, the CM had a detailed discussion with the officials regarding the consumption of electricity and the subsidy provided. The Chief Minister said that in the prominent centres related to the weaving business of the state like Ambedkar Nagar, Varanasi, Mau, Gorakhpur, Meerut, among others, communication should be established with the leading weavers and businessmen and their opinions should be taken.

The Chief Minister said that the scheme of electricity consumption for weavers should be taken forward in the direction of solar power by linking it with net billing. “Currently, we are giving subsidies of up to Rs 30,000 for installing solar panels. Weavers must be encouraged similarly and work should progress on mission mode. It should be ensured that the power corporation gets the price of power consumption in any case,” he added.

The CM also emphasised that the weavers should be encouraged to upgrade their products and designs and that they must adopt new technologies to suit present-day needs.

Must Read

Latest News

CG News:मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी

बारिश को देखते हुए मलेरिया संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए कलेक्टर श्री राहुल देव ने चिकित्सा अमले को पूरी सतर्कता एवं सक्रियता के साथ मलेरिया के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में कलेक्टर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र पैकरा ने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा मच्छर जनित रक्त रोग है, जो मादा एनोफ़िलेज़ मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया होने पर मरीज में बुखार आना, सर दर्द होना, उल्टी होना, मन का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना, थकान पेट दर्द आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मलेरिया का ईलाज और रोकथाम संभव है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए उचित कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत मैदानी स्तर पर फोकस एरिया का चिन्हांकन, मलेरिया के संदेहास्पद रोगियों की रक्त जांच, आर.डी. टेस्ट, माइक्रोस्कोपिक जांच के माध्यम से मलेरिया पैरासाइट स्टेज एंड डेंसिटी का पता लगाना, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट कर रैपिड फीवर सर्वे, सुदूर वनांचल सहित स्कूल, छात्रावास हाट बाजार आदि स्थलों में कैंप लगाकर मलेरिया प्रकरणों की जांच, लार्वा नियंत्रण कीटनाशक छिड़काव किया जा रहा है तथा मलेरिया की रोकथाम के प्रति आमजनों को जागरुक भी किया जा रहा है। डीपीएम श्री गिरीश कुर्रे ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरों पर नियंत्रण तथा उनके काटने से बचाव जरूरी है, इसलिए हमें घरों और अपने आस-पड़ोस में अच्छी सफाई रखनी चाहिए, लोगों को मलेरिया होने के कारण की जानकारी देनी चाहिए, घरों के आसपास गंदगी एवं पानी एकत्रित नहीं होना देना चाहिए, कूलर की समय-समय पर साफ-सफाई, मच्छरदानी आदि का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पानी इकट्ठा वाले स्थान पर मिट्टी तेल का छिड़काव किया जाना चाहिए, जिससे मच्छरों के लार्वा मर जाएं, तालाब या झीलों में लार्वा खाने वाली मछलियां जैसे गैंबुसिया आदि छोड़ना चाहिए, खिड़की एवं दरवाजा में बारीक जाली लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि बुखार या अन्य लक्षण दिखाई देने पर मरीज को तत्काल अपने रक्त की जांच करानी चाहिए एवं चिकित्सक की सलाह से ही दवाई इत्यादि का सेवन करना चाहिए।

CG News: जशपुर को पर्यटन नक्शे में शामिल करने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की बड़ी पहल

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक व धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है। इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा। साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है। उल्लेखनीय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है। बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है। वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है। इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है। पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं। राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है। इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके। इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है। विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति – स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

CG News: विष्णु के सुशासन में दिव्यांगों को मिल रही सुविधा

छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार प्रदेश में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। राज्य के निःशक्तजनों के लिए सरकार सहारा बन रही है। जिसके समाज कल्याण विभाग के माध्यम से राहत पहुंचाने का कार्य हो रहा है। निराश्रित, बुजुर्ग एवं दिव्यांग हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम हो रहा है। जिला कांकेर, ग्राम गोतपुर आवास पारा निवासी 13 वर्षीय कुमारी वर्षा 80 प्रतिशत दिव्यांग है और चलने-फिरने में अक्षम है। उसे कहीं भी जाने के लिए दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता था। अब उसकी राहे आसान हो गई है और वह अपना सफर पूरा करने के लिए खुद सक्षम है। क्योंकि समाज कल्याण विभाग द्वारा व्हील चेयर प्रदान किया गया। व्हील चेयर मिल जाने से अब उन्हें गांव से बाहर आने-जाने में आसानी होगी। समाज कल्याण विभाग की अधिकारी श्रीमती क्षमा शर्मा ने बताया कि दिव्यांग वर्षा के पिता श्री कमलेश के द्वारा व्हीलचेयर प्रदान करने हेतु आवेदन किया गया था, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए समाज कल्याण कार्यालय परिसर में व्हीलचेयर प्रदान किया गया।

MP News:हर घर, जल ग्राम घोषित करें : सचिव नरहरि

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सचिव श्री पी. नरहरि ने उज्जैन में जल जीवन मिशन के कार्यों की संपूर्ण जानकारी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर साझा करने तथा परियोजना स्थल पर उनका दौरा कराने के भी निर्देश दिए।कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक त्वरित गति से पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर उन्हें “हर घर जल ग्राम “घोषित करने एवं प्रमाणीकरण करने के लिए निर्देशित किया। संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यांत्रियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की। जल निगम के एम डी श्री कोलसानी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

MP News:चार बैगा परिवारों की संवर गई जिन्दगी पीएम जनमन से मिला नया घर, नया जीवन

ये कहानी उन चार बैगा जनजाति परिवारों की है, जिन्होंने कुछ दिन पहले तक सिर्फ अभावों और कठिनाईयों का जीवन जिया था। जीवन की दुश्वारियों से परेशान ये बैगा परिवार अपनी जिन्दगी बदलना तो चाहते थे, पर कोई राह नहीं मिल रही थी। इनकी कई परेशानियों के इन्ही कड़वे दिनों में एक नई मिठास लेकर आई पीएम जनमन योजना। भारत सरकार ने देश की 75 विशेष पिछड़ी जनजातियों (पीवीटीजी) के उत्थान के लिये यह योजना प्रारंभ की है। इसमें (पीवीटीजी) परिवारों को पक्का घर, पोषण आहार, स्वच्छ जल, बिजली, अच्छी शिक्षा, रोग उपचार, गांव तक पक्की सड़क, संचार कनेक्टिविटी जैसी तमाम सुविधाओं एवं इन जनजातियों के रोजगार का प्रबंध भी किया जा रहा है। भारत सरकार के साथ मध्यप्रदेश सरकार भी प्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया एवं सहरिया के समग्र कल्याण के लिये विशेष उपाय कर रही है। इन जनजातियों के सभी परिवारों को पक्का घर एवं इन घरों को बिजली से रौशन करने के लिये सरकार तेजी से प्रयासरत है। इन चार बैगा परिवारों को भी पीएम जनमन की ‘सबको घर’ और ‘हर घर बिजली’ योजना का लाभ मिला है। शहडोल एक जनजातीय विशेषकर बैगा जनजाति बाहुल्य जिला है। जिले के ग्राम टेटका निवासी श्रीमती रामरती बैगा पहले एक कच्चे मकान में अपने परिवार के साथ रहती थीं। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण रामरती बैगा को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मजदूरी तक करना पड़ी। मजदूर परिवार के लिए खुद के घर का सपना देखना मानो बेमानी था। पीएम जनमन योजना ने रामरती और उसके परिवार का यह सपना पूरा कर दिया। रामरती को अब पक्का घर मिल चुका है। पहले रामरती का परिवार ठंड, गर्मी, बरसात में जैसे-तैसे गुजर-बसर करता था, पर आज वे सभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं। उनका जीवन स्तर भी सुधर रहा है। इन्हें अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। कच्चे घर की कठिनाईयाँ भी अब दूर हो गयी हैं। ग्राम पंचायत मसियारी की मुन्नीबाई बैगा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पहले वे कच्चे मकान में गुजर-बसर करती थीं। बरसात में आये दिन ऊपर से पानी ठपकता रहता था। ठंड में तो जीना मुहाल हो जाता था। काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। दूसरों के पक्के घर देखकर वे सोचती थीं कि इस जीवन में क्या वह भी कभी अपने पक्के घर में रह पायेगी। पर पक्के घर के मुन्नीबाई के सपने को जन-मन आवास योजना ने पूरा कर दिया है। योजना से मुन्नीबाई का पक्का घर तैयार हो गया है। अब वे इसी पक्के घर में रहती हैं। कच्चे घर की उन तमाम समस्याओं से भी उन्हें हमेशा के लिये निजात मिल गई है। वर्षा और ठंड की दिक्कतें भी अब नहीं उठानी पड़तीं। बुढ़ार की ग्राम पंचायत भमला निवासी आइतू बैगा भी इस योजना से पक्के घर की सौगात के लाभार्थी हैं। आइतू बैगा बताते हैं पहले उनका परिवार कच्ची झोपडीनुमा घर में रहता था। जिसमें काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। पीएम जनमन से मेरा पक्का मकान तैयार हो गया है और अब मैं इसी मकान में खुशी-खुशी रहने लगा हूं। जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत बनसुकली निवासी श्रीमती सरोजनी बैगा को भी पीएम जन-मन आवास योजना से पक्के घर का लाभ मिला है। कच्चे घर और उसकी परेशानियों को सरोजनी अब एक बुरे सपने की तरह भूल चुकी हैं। क्योंकि इन सबके जीवन में पीएम जन-मन योजना से एक नई डगर, एक नया उजाला जो आ गया है।

MP News:सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है लक्ष्य हमारा – मंत्री

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि आने वाला समय सौर ऊर्जा का है। हमें सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है क्योंकि ऊर्जा का सबसे सस्ता और सुलभ स्रोत सौर ऊर्जा बनने जा रहा है। मंत्री श्री शुक्ला ने ऊर्जा विभाग और काउंसिल ऑफ एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के बीच आज मंत्रालय में हुए 3 साल के करारनामे (एमओयू) के बीच चर्चा में ये बातें कही। उन्होंने सीईईडब्ल्यू की टीम को अन्य राज्यों में किये गये कार्यों का अनुभव मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करने को कहा। मंत्री श्री शुक्ला के मौजूदगी में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनु श्रीवास्तव और सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ. अरूणाभ घोष ने तीन साल के एमओयू पर हस्ताक्षर किये। मंत्री श्री शुक्ला ने सबसे पहले काउंसिल का मध्यप्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि निश्चित ही उनके साथ काम करने से मध्यप्रदेश के लोगों को लाभ होगा और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सीईईडब्ल्यू बिहार और आसाम में किये गये कार्यों के अनुभव को मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करे। साथ ही मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के अधिकारी बिहार और आसाम की विजिट करें। इससे प्राप्त अनुभव से मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य योजना बनाई जा सकेगी। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ला के मार्गदर्शन में प्रदेश में काउंसिल के साथ मिलकर कार्य करेंगे। रूफ टॉप एनर्जी, कुसुम-ए एवं कुसुम-सी योजना में अधिकतम लोगों को लाभांवित करने की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी के साथ आज हुए करारनामे में तत्परतापूर्वक कार्य किया जायेगा। आगामी दो माह में टेण्डर इत्यादि प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली के क्षेत्र में प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लोग अटल योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रयास करेंगे कि सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाकर अधिक से अधिक लोगों तक सस्ती बिजली मुहैया कराई जाये। काउंसिल के सीईओ डॉ. घोष ने बताया कि सीईईडब्ल्यू ऊर्जा, पर्यावरण और जल के क्षेत्र में एशिया की अग्रणी गैर लाभकारी नीति अनुसंधान संस्थाओं में से एक है। यह संसाधनों के उपयोग, पुन: उपयोग और दुरूपयोग से बचाने के लिये डाटा, एकीकृत विश्लेषण और रणनीतिक ऑउटरीच का उपयोग करती है। इस अवसर पर ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अमनवीर सिंह बैस और सीईईडब्ल्यू की प्रोग्राम डायरेक्टर सुश्री शालू अग्रवाल मौजूद थीं।