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उतर प्रदेश : ठण्ड की शीतलहर ने मचाया कोहराम, इन जिलों में लगा रेड अलर्ट

उत्तर प्रदेश | नए साल के पहले दिन से ही उत्तर प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड अभी बदस्तूर जारी है। जिसके चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है और उनको कामकाज करने के लिए घरों से निकलने में भी दिक्कत हो रही है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में और ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना व्यक्त की है।

कोहरे का कहर गहरा, आगरा में विजिबिलिटी हुई ज़ीरो
ठंड और शीतलहर की वजह से लोग घरों से निकलने से कतरा रहे हैं और बहुत मजबूरी होने पर ही घरों से निकल रहे हैं। घने कोहरे की वजह से सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित है। उत्तर प्रदेश से होकर गुजरने वाली दर्जनों ट्रेनें कई-कई घंटों की देरी से चल रही हैं। घने कोहरे के चलते विजिबिलिटी कम होने की वजह से लोगों को सड़कों पर वाहन चलाने में दिक्कत महसूस हो रही है पश्चिम उत्तर प्रदेश में घना कोहरा देखने को मिल रहा है। इसके चलते 5 जनवरी को सुबह 8 बजे के करीब आगरा में विजिबिलिटी 0 पहुंच गई, झांसी में ये 50 मीटर और बरेली में 200 मीटर दर्ज की गई।

उत्तर प्रदेश की पश्चिमी बेल्ट पर रेड अलर्ट
उत्तर प्रदेश के मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट मोहम्मद दानिश ने बताया कि उत्तरी यूपी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, वहीं पश्चिमी क्षेत्र के जिलों- पीलीभीत, बरेली, सहारनपुर, मेरठ और भी अन्य जिले जो पश्चिमी बेल्ट में आते हैं, वहां रेड अलर्ट घोषित किया गया है। उत्तर प्रदेश का सबसे ठंडा जिला फतेहपुर दर्ज किया गया है जिसका तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस रहा। आने वाले कुछ दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। वातावरण में हवा मौजूद होने के नाते रात्रि में गलन भी बढ़ेगी लेकिन बारिश की संभावना नहीं रहेगी और आने वाले समय में भी बारिश की स्थिति नहीं बन रही है।

ठंड हुई जानलेवा
बुधवार को हार्ट अटैक से 11 रोगियों की मौत हो गई। इनमें गंभीर हालत में आए आठ रोगियों की इलाज के दौरान मौत हुई और तीन की अस्पताल पहुंचने से पहले ही सांसें थम गईं। इसके साथ ही हैलट के न्यूरो साइंसेज विभाग में मस्तिष्क की नस फटने के रोगी बढ़ गए हैं। ब्रेन अटैक से चार रोगियों की मौत हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के जो रोगी आ रहे हैं, उनका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो गया था। इसके साथ ही जो डायबिटिक, गुर्दा, लिवर का पुराना रोगी है, उनके लिए खतरा अधिक है। कार्डियोलॉजी इमरजेंसी और ओपीडी में बुधवार को 753 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। 49 रोगियों को अस्पताल में भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया गया।

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