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हैदराबाद रोड शो में 25 हजार करोड़ के एमओयू

हैदराबाद | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अलग-अलग राज्यों के बड़े शहरों में आयोजित किए जा रहे रोड शो से प्रदेश में बड़े निवेश आने का सिलसिला जारी है। बुद्धवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में टीम योगी ने रोड शो किया, जिसके माध्यम से 19 निवेशकों ने 25 हजार करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इन एमओयू के माध्यम से प्रदेश में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 32 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित होंगे। वहीं कई अन्य निवेशकों ने हजारों करोड़ के निवेश की इच्छा जाहिर की। ये निवेशक आगामी फरवरी में राजधानी लखनऊ में होने वाले यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सम्मिलित होकर अपने निवेश को अंतिम रूप देंगे। हैदराबाद में रोड शो की अगुवाई डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने की, जबकि उनके साथ कैबिनेट मिनिस्टर बेबी रानी मौर्य, राज्य मंत्री अरुण कुमार सक्सेना, दयाशंकर मिश्रा और मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह समेत यूपी के अधिकारियों की टीम मौजूद रही।

100 करोड़ से ज्यादा के 12 एमओयू
रोड शो से पहले पूरे दिन बिजनेस टू गवर्नमेंट (बीटूजी) मीटिंग्स का दौर चला। इस दौरान हैदराबाद के दो दर्जन से अधिक निवेशकों ने उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल से यूपी में निवेश के अवसरों, नीतियों के तहत मिल रहीं तमाम तरह की राहतों और छूट के बारे में जानकारी ली। इसके बाद 19 निवेशकों ने एमओयू फाइनल किए। इनमें 12 एमओयू 100 करोड़ या इससे ज्यादा के रहे। वहीं 6 एमओयू एक हजार करोड़ या इससे ज्यादा के हुए। सबसे बड़ा एमओयू मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. की ओर से किया गया जो 15,500 करोड़ रुपए का रहा।

4 सेक्टर में 15,500 करोड़ खर्च करेगी मेघा इंजीनियरिंग
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने प्रदेश में 15,500 करोड़ के निवेश का एमओयू साइन किया है। यह निवेश 4 श्रेणियों में होगा।इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 10 हजार करोड़ तो फॉर्मा सिटी के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसके अलावा 1500 करोड़ रुपए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में खर्च किए जाएंगे। इसके तहत मेडिकल इक्विपमेंट की मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी। साथ ही, ईवी मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी 2000 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है। इस निवेश से 10 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

पल्सेज हेल्थकेयर करेगा 2000 करोड़ का निवेश
हैदराबाद के पल्सेज हेल्थकेयर ग्रुप ने भी प्रदेश में 2000 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू साइन किया है। निवेश की शुरुआत 500 करोड़ से होगी और आगामी तीन वर्षों में वह इस निवेश को बढ़ाकर 2000 करोड़ तक ले जाएंगे। यह कंपनी मेडिकल पब्लिशिंग को लेकर कार्य कर रही है। कंपनी 1400 से ज्यादा मेडिकल जर्नल प्रकाशित कर चुकी है। वह न सिर्फ अंग्रेजी बल्कि अन्य इंटरनेशनल भाषाओं का भी हिंदी में अनुवाद करती है।

मेडिकल और एनर्जी के क्षेत्र में भारी निवेश
प्रदेश में मेडिकल के क्षेत्र में निवेश के लिए एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी (एआईजी) प्रा. लि. ने भी अपनी इच्छा जाहिर की है। इसके लिए उनकी ओर से 1500 करोड़ रुपए का एमओयू साइन किया गया है। वहीं रिएलिटी के क्षेत्र में हैदराबाद में वर्षों से काम कर रही वसई रिएलिटी प्रा. लि. ने भी प्रदेश के रिएलिटी सेक्टर में प्रवेश करने का मन बनाया है। उसकी ओर से 1200 करोड़ रुपए का एमओयू किया गया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में पहले से ही यूपी में काम कर रही फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्रा. लि. ने एनर्जी के क्षेत्र में प्रदेश सरकार के अधीन अपनी भागीदारी को विस्तार देने के लिए 1200 करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इसी तरह त्रिवेणी रिन्यूएबल्स ने भी एनर्जी के क्षेत्र में 1200 करोड़ रुपए के निवेश के लिए समझौता ज्ञापन पर सहमति जताई। एनएसएल शुगर्स लि. प्रदेश में शुगर सेक्टर में 500 करोड़ रुपए का निवेश करेगा।

कई अन्य एमओयू भी हुए साइन
सुधाकर पीवीसी प्रोडक्ट्स प्रा. लि. के डायरेक्टर मीला जयदेव ने प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए 125 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू साइन किया। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए कंपनी को 25 एकड़ जमीन की आवश्यक्ता होगी। इसके लिए टीम योगी की ओर से उन्हें इलाहाबाद या चित्रकूट रीजन में भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा हैदराबाद के एक स्टार्ट-अप इंस्टाशील्ड ने भी प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट डालने के लिए 20 करोड़ रुपए का एमओयू किया है। सस्ती दरों पर आईटी सॉल्यूशंस देने के लिए इवोल्जेंस टेलीकॉम सिस्टम्स के सीईओ श्रीकांत पिलारीसेट्टी की ओर से 10 करोड़ रुपए का एमओयू साइन किया गया तो वहीं, पैमटेन इंक के वाइस प्रेसीडेंट उदय शंकर पेय्येटी ने भी आईओटी के लिए 10 करोड़ का एमओयू साइन किया। वहीं, कनाडा बेस्ड कंपनी कॉलियर्स ने प्रदेश में इंडस्ट्रियल पार्क निर्माण के लिए 300 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई।

 

ये रहे बड़े निवेशक

निवेशक (कंपनियां) एमओयू (राशि)
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. 15,500 करोड़
पल्सस ग्रुप 2000 करोड़
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी प्रा. लि. 1500 करोड़
वसई रिएलिटी प्रा. लि. 1200 करोड़
फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्रा. लि. 1200 करोड़
त्रिवेणी रिन्यूएबल्स प्रा. लि. 1200 करोड़
एनएसएल शुगर्स लि. 500 करोड़
मरीन कार पार्क्स 350 करोड़
स्कालर 250 करोड़
इकोलास्टिक प्रोडक्ट्स प्रा. लि. 150 करोड़
सुधाकर पीवीसी प्रोडक्ट्स 125 करोड़
एटलस फाइनेंशियल रिसर्च एंड कंसल्टिंग प्रा. लि. 100 करोड़

हैदराबाद से यूपी का पुराना नाता है। 1916 में बीएचयू की स्थापना के लिए निजाम ने एक लाख रुपए दिए थे। इसीलिए हम दोनों राज्यों के इस रिश्ते को निभाने और निवेशकों को आमंत्रित करने यहां आए हैं। यहां जो रिस्पॉन्स मिला वो हौसला बढ़ाने वाला था। तेलंगाना औद्योगिक क्षेत्र में काफी विकसित हुआ है तो यूपी भी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। यूपी में जो सुधार और बदलाव हुआ है वो निवेशकों के लिए सुरक्षित और संभावनाओं वाला है। हम तेलंगाना के निवेशकों का यूपी में स्वागत करते हैं।
-ब्रजेश पाठक, डिप्टी सीएम

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कानपुर में एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में आधुनिक तकनीकों से स्किन, हेयर और फैट की उपचार सेवाएं उपलब्ध

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आई० ए० पी० कानपुर और पारस हेल्थ ने ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी पर विशेष मेडिकल (सी.एम.ई.) का आयोजन किया

पारस हेल्थ, कानपुर एवं इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट (आई० ए० पी०), कानपुर सेंट्रल शाखा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (CME) प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रॉयल क्लिफ होटल में संपन्न हुआ, जिसमें शहर के प्रमुख सर्जन एवं फिजियोथैरेपिस्ट्स ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में आपसी संवाद को बढ़ावा देना, नवीनतम तकनीकों की जानकारी साझा करना तथा समन्वित रूप से मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना था। कार्यक्रम में सहभागियों को ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी के अद्यतन पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अलीगढ़ से पधारे डॉ. के. के. वर्मा (सेक्रेटरी, आई० ए० पी० उत्तर प्रदेश) एवं वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक न्यूरोसर्जन डॉ. गोपाल शुक्ल उपस्थित रहे। डॉ. शुक्ल ने अपने सत्र में कमर दर्द से जुड़े विभिन्न जटिल मामलों पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि किस प्रकार फिजियोथैरेपी की मदद से मरीजों को शीघ्र राहत मिल सकती है। इस सफल आयोजन ने फिजियोथैरेपिस्ट एवं चिकित्सकों को एक साझा मंच प्रदान किया, जिससे भविष्य में और बेहतर चिकित्सा सेवा की दिशा में प्रयास संभव होंगे।

BR:पीएम मोदी 29 को बिहार दौरे पर, विकास की सौगात संग चुनावी मंथन

Patna : . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को दो दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली बिहार यात्रा है. इस यात्रा के दौरान वे पटना और विक्रमगंज में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. भाजपा प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में जुटी है. पीएम मोदी सबसे पहले पटना एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे, उसके बाद बिहटा एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. 30 मई को वे विक्रमगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे और लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे.   पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री पटना एयरपोर्ट से बीजेपी कार्यालय तक रोड शो करेंगे. जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे. बीजेपी कार्यालय में पीएम मोदी सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जमीनी स्तर पर संगठन की स्थिति की समीक्षा भी करेंगे. यह बैठक आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही

BR:बिहार में दिव्यांग कोटे में डोमिसाइल नीति लागू

बिहार सरकार ने राज्य की सरकारी नौकरियों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांग आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब दिव्यांग कोटे का लाभ केवल बिहार के मूल निवासियों को ही मिलेगा। इसके तहत डोमिसाइल (स्थानीय निवासी) नीति को लागू कर दिया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है। निर्णय के अनुसार, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मिलने वाला आरक्षण अब केवल बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए ही मान्य होगा। जानकारी के मुताबिक, अधिनियम के तहत दिव्यांगजन को सरकारी नौकरियों में 4% क्षैतिज आरक्षण, उच्च शिक्षा संस्थानों में 5% क्षैतिज आरक्षण दिया जाता है। अब तक इस आरक्षण का लाभ दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मिल रहा था, जिससे बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों को उचित अवसर नहीं मिल पा रहा था। राज्य सरकार ने इसको समाप्त करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने का निर्णय लिया। सरकारी नौकरियों के सामान्य कोटे में पूर्ववत व्यवस्था लागू रहेगी, उसमें डोमिसाइल नीति लागू नहीं की गई है। बता दें है कि 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में 23 लाख से अधिक दिव्यांगजन हैं, जिनमें से लगभग 16 लाख को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।