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भारत में बढ़ती आय असमानता के कारण !

उत्तर प्रदेश | हाल के वर्षों में, भारत में आय असमानता एक बढ़ती हुई चिंता बन गई है। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद, आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी गरीबी में जी रहा है और अमीर और गरीब के बीच की खाई चौड़ी होती जा रही है। संपत्ति वितरण के मामले में भारत सबसे असमान देशों में से एक है। शीर्ष 1% आबादी देश की कुल संपत्ति के 40% से अधिक को नियंत्रित करती है, जबकि समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नीचे की आधी आबादी के पास केवल 3% संपत्ति है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले दशक में भारत में आय असमानता में काफी वृद्धि हुई है। समान अवसरों की कमी और वैश्वीकरण के प्रभाव के अलावा, सरकारी नीतियों की विफलता भी भारत में आय असमानता में योगदान करती है।

सरकार उन नीतियों को लागू करने में विफल रही है जो अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को कम कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसे कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के बावजूद, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के लिए काम के अवसर प्रदान करना है, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आय असमानता में वृद्धि जारी है। इसके अलावा, सरकार उन नीतियों को लागू करने में विफल रही है जो गरीबी के मूल कारणों को दूर कर सकती हैं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और रोजगार के अवसरों की कमी। भारत में बढ़ती आय असमानता के प्राथमिक कारणों में से एक संसाधनों और अवसरों का असमान वितरण है।

देश की एक विशाल आबादी है, और उपलब्ध सीमित संसाधन और अवसर समान रूप से वितरित नहीं हैं, जिसके परिणामस्वरूप कुछ व्यक्तियों और समूहों को देश की संपत्ति और आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मिल रहा है। उदाहरण के लिए, केवल कुछ व्यक्तियों और समूहों के पास गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं, जबकि अधिकांश आबादी इन अवसरों से बाहर है। इसने अमीरों और वंचितों के बीच एक महत्वपूर्ण आय अंतर पैदा कर दिया है। आय असमानता में योगदान देने वाला एक अन्य कारक वैश्वीकरण का प्रभाव है। वैश्वीकरण ने बहुराष्ट्रीय निगमों का विकास किया है, जो अक्सर भारत सहित विकासशील देशों में श्रमिकों को कम वेतन देते हैं। इन कंपनियों के कर्मचारी अक्सर खराब परिस्थितियों में काम करते हैं और उन्हें पर्याप्त मुआवजा नहीं मिलता है, जिससे धन का असमान वितरण होता है।

इसके अलावा, वैश्वीकरण ने औपचारिक क्षेत्र में नौकरियों की संख्या में कमी की है, जो अक्सर उच्च वेतन का भुगतान करते हैं, क्योंकि कई कंपनियां कम वेतन की तलाश में अनौपचारिक क्षेत्र में चली गई हैं। भारत में बढ़ती आय असमानता का एक अन्य कारण प्रगतिशील कर नीतियों का अभाव है। देश की कर प्रणाली प्रतिगामी है, जिसका अर्थ है कि कर का बोझ असमान रूप से गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ता है, जबकि अमीर और अमीर कर से बचने और कर छूट का आनंद लेने में सक्षम हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि अमीर और अमीर देश के धन और आय के बड़े हिस्से का आनंद ले रहे हैं, जबकि गरीब और मध्यम वर्ग को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। एक प्रगतिशील कर प्रणाली की अनुपस्थिति के परिणामस्वरूप अधिकांश आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी सार्वजनिक वस्तुओं और सेवाओं की कमी हुई है। बढ़ती आय असमानता में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का भी प्रमुख योगदान है।

देश के राजनीतिक और आर्थिक अभिजात वर्ग के भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के परिणामस्वरूप कुछ व्यक्तियों और समूहों को देश के धन और आय का अनुपातहीन हिस्सा मिल रहा है, जबकि अधिकांश आबादी इन लाभों से बाहर रहती है। देश के राजनीतिक और आर्थिक अभिजात वर्ग के भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के परिणामस्वरूप निष्पक्ष और पारदर्शी नीतियों और विनियमों का अभाव भी हुआ है, जिसने देश में संसाधनों और अवसरों के असमान वितरण में योगदान दिया है। आय असमानता के मुद्दे को हल करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि देश के राजनीतिक और आर्थिक अभिजात वर्ग समानता औरसमावेश को बढ़ावा देने वाली नीतियों और नियमों को लागू करें, और यह सुनिश्चित करें कि आर्थिक विकास के लाभ सभी नागरिकों के बीच उचित और समान रूप से साझा किए जाएं।

भारत में वर्तमान कर प्रणाली अमीरों के पक्ष में है, जिसमें शीर्ष 1% आबादी कुल आयकर का केवल 3% भुगतान करती है। इसने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जहां अमीर और अमीर हो गए हैं जबकि गरीब पीछे रह गए हैं। बढ़ती हुई आय असमानता का समग्र रूप से अर्थव्यवस्था और समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। शोध से पता चला है कि आय असमानता के उच्च स्तर से सामाजिक और राजनीतिक अशांति हो सकती है, आर्थिक विकास में कमी आ सकती है और गरीबों के लिए आवश्यक सेवाओं तक पहुंच कम हो सकती है। भारत सरकार को इस बढ़ती हुई समस्या के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।

इसमें प्रगतिशील कराधान को लागू करना, ग्रामीण विकास में निवेश करना, सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना और रोजगार के अधिक अवसर पैदा करना शामिल है। केवल आय असमानता के मूल कारणों को संबोधित करके ही हमसभी के लिए अधिक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज बना सकते हैं।

अंत में, भारत में बढ़ती आय असमानता एक बड़ी चिंता का विषयहै जिसे तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता है। ऐसा करने में विफल रहने से भविष्य में और अधिक सामाजिक और आर्थिक समस्याएं पैदा होंगी। यह सरकार के लिए सार्थक कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने का समय है कि आर्थिक विकास का लाभ आबादी के सभी वर्गों द्वारा साझा किया जाए| अंत में, आय असमानता एक जटिल मुद्दा है, जिसके कई कारण और निहितार्थ है|

सरकार को सभी के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए काम करना चाहिए, गरीबी के मूल कारणों को दूर करने वाली नीतियों को लागू करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बहुराष्ट्रीय निगम अपने कर्मचारियों को उचित वेतन दें। इसके अतिरिक्त, निजी क्षेत्र को भी समान अवसरों को बढ़ावा देकर और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में निवेश करके आय असमानता को कम करने में भूमिका निभानी चाहिए। केवल इन मुद्दों को संबोधित करके ही भारत धन का अधिक समान वितरण प्राप्त कर सकता है और अपने सभी नागरिकों के लिए एक स्थायी और समावेशी अर्थव्यवस्था बना सकता है|

लेख द्वारा राकेश गुप्ता 

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अभिषेक सिंह यादव ने 28वीं प्री यूपी स्टेट शूटिंग प्रतियोगिता में जीता ब्रॉन्ज मेडल

कानपुर नगर के केशवपुरम निवासी श्री अभिषेक सिंह यादव ने हाल ही में दिल्ली के डॉ. करनी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित 28वीं प्री यूपी स्टेट (शॉट गन) प्रतियोगिता में शानदार उपलब्धि हासिल की है। यह प्रतियोगिता 23 जुलाई 2025 से 28 जुलाई 2025 तक चली, जिसमें प्रदेश भर के कई अनुभवी और प्रतिभाशाली निशानेबाजों ने हिस्सा लिया। अभिषेक लंबे समय से कोच पदम राज सिंह के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रतियोगिता के क्ले पिजन डबल ट्रैप शूटिंग चैंपियनशिप में अभिषेक सिंह यादव ने उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उनकी सटीक निशानेबाजी और आत्मविश्वास ने अन्य प्रतिभागियों के बीच एक अलग छाप छोड़ी। इस प्रतिस्पर्धी माहौल में अभिषेक ने अपनी क्षमता और समर्पण का प्रमाण दिया है। अभिषेक की इस उपलब्धि पर उनके कोच पदम राज सिंह, परिवारजनों और क्षेत्रवासियों ने खुशी जाहिर की है। कोच पदम राज सिंह का कहना है कि अभिषेक बेहद मेहनती और अनुशासित खिलाड़ी हैं, जिसमें हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की ललक रहती है। इस जीत से अभिषेक ने न सिर्फ अपने परिवार और कोच का नाम रोशन किया, बल्कि कानपुर नगर को भी गौरवान्वित किया है। अभिषेक सिंह यादव की यह सफलता अन्य युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा है। उनकी लगन और समर्पण से यह साबित होता है कि मेहनत और सही मार्गदर्शन के बल पर हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। आने वाले प्रतियोगिताओं में भी अभिषेक से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

HR:दो किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के 75 प्रतिशत तक कम हुए बिल

हरियाणा में बिजली की दरों में बढ़ोतरी पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे के बीच ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने मोर्चा संभाल लिया है। उनका कहना है कि विपक्ष लोगों का गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने कभी भी बिजली दरों में इजाफा नहीं किया। इस अवधि में बिजली उत्पादन की लागत लगातार बढ़ी है। ऐसे में हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग ने दरों में मामूली इजाफा किया है। सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में विज ने कहा कि भाजपा ने कभी भी मुफ्त बिजली देने का वादा नहीं किया। विपक्ष इस मामले में लोगों को भ्रमित कर रहा है। विपक्ष द्वारा किए जा रहे आंदोलन व प्रदर्शनों पर कटाक्ष करते हुए विज ने कहा – विपक्ष भाड़े के लोगों को लेकर प्रदर्शन करे। इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि 2 किलोवाट तक लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में 2014-15 के मुकाबले 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसी तरह से कैटेगरी-।। के उपभोक्ताओं के बिलों में भी कमी दर्ज की है। विज ने साफतौर पर कहा कि प्रदेश में 94 लाभ उपभोक्ता कैटेगरी-। और कैटेगरी-।। में आते हैं। हरियाणा में घरेलू श्रेणी के लिए निश्चित शुल्क (फिक्स्ड चार्जेस) 0 रुपये से 75 रुपये प्रति किलोवाट तक और उच्चतम ऊर्जा स्लैब 7 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट पर बनाए रखा है। पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये प्रति किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये प्रति यूनिट तक है। विज ने कहा कि संशोधित बिजली टैरिफ में सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) को समाप्त किया है। किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली आपूर्ति विज ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह केवल 10 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली आपूर्ति हो रही है। यह टैरिफ मीटर्ड वाले उपभोक्ताओं के लिए है और 15 रुपये प्रति हॉर्स पावर के हिसाब से मासिक फ्लेट रेट तय किया हुआ है। किसानों को दी जा रही सस्ती बिजली की एवज में सरकार की ओर से बिजली कंपनियों को सब्सिडी (अनुदान) दिया जाता है। मीटर वाले कनेक्शन के लिए एमएमसी को घटाकर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से ऊपर) कर दिया है।

HR:13 साल बाद होंगे स्टेट गेम्स, एचओए ने बनाई सर्च कमेटी

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। लगभग 13 वर्षों के बाद प्रदेश में ‘स्टेट गेम्स’ होंगे। हरियाणा ओलंपिक संघ ने ये खेल करवाने का निर्णय लिया है। स्टेट गेम्स इसी साल होंगे। इससे पहले 2012 में आखिरी बार स्टेट गेम्स हुए थे। हालांकि समय और जगह अभी तय नहीं की है। इसके लिए संघ ने सर्च कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। वहीं फुटबाल खिलाड़ियों के लिए ट्रायल 2 व 3 जुलाई को पंचकूला स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में होंगे। ट्रायल के लिए फुटबाल की एडहॉक कमेटी का गठन किया है। सोमवार को पंचकूला स्थित हरियाणा ओलंपिक संघ कार्यालय में हुई सालाना जनरल बॉडी और मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में ये निर्णय लिए गए। ओलंपिक संघ के अध्यक्ष जसविंद्र सिंह कप्तान (मीनू बेनीवाल) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संघ के महासचिव व हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार भी मौजूद रहे। बैठक में खिलाड़ियों की समस्याओं, खेल परिसरों में सुधार सहित कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही, यह तय किया गया कि मैनेजमेंट कमेटी (प्रबंधन समिति) की बैठक अब हर माह के पहले मंगलवार को होगी। बैठक में संघ कोषाध्यक्ष मनजीत सिंह, उपाध्यक्ष – मुकेश शर्मा विधायक, नीरज तंवर, सुनील मलिक, अनिल खत्री, जितेंद्र सिंह व राकेश सिंह तथा कार्यकारी सदस्य रोहित पुंडीर, सुरेखा व प्रिया मौजूद रहे। वहीं एजीएम में सभी 22 जिलों के ओलंपिक संघ सचिव, खेल विश्विविद्यालय, पुलिस खेल टीम, एचएसआईआईडीसी तथा बिजली निगमों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। फुटबाल के लिए बनाई गई एडहॉक कमेटी का अध्यक्ष नीरज तंवर को बनाया है। कमेटी में अनिल खत्री, रोहित पुंडीर, सुरेखा व प्रिया को बतौर सदस्य शामिल किया है। बैठक में संघ अध्यक्ष जसविंद्र सिंह कप्तान (मीनू बेनीवाल) ने कहा कि सभी फेडरेशन को खिलाड़ियों को तैयार करने पर विशेष फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओलंपिक संघ 2036 के ओलंपिक खेलों की तैयारियों के हिसाब से काम कर रहा है। कैबिनेट मंत्री व महासचिव कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलों को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने सभी सांसदों को भी निर्देश दिए हुए हैं कि वे खेलों के साथ जुड़ें ताकि अच्छे खिलाड़ी तैयार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी खेल फेडरेशन का फर्ज बनता है कि वे अच्छे खिलाड़ी तैयार करें ताकि देश व प्रदेश का नाम रोशन हो।

HR:बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं भी अनटैप्ड सीवरेज या औद्योगिक अपशिष्ट जल ड्रेन में प्रवाहित न हो, इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा ऐसे सभी स्थानों की पहचान कर प्रभावी उपाय किए जाएं, ताकि गंदे पानी को ड्रेनों में गिरने से पूरी तरह रोका जा सके। प्रारंभिक चरण में अंबाला, कुरुक्षेत्र एवं यमुनानगर जिलों में इस दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए आगामी तीन माह के भीतर इन जिलों में उल्लेखनीय सुधार किया जाए। मुख्यमंत्री यहां बजट घोषणाओं की प्रगति के बारे में बुलाई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बजट घोषणाओं में किए गए सभी वादों को समय पर पूरा किया जाए ताकि प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द इनका लाभ मिल सके। अरावली क्षेत्र में बनने वाली जंगल सफारी की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां ऐसे जानवर रखें जाएं जो मानवता के लिए हानिकारक न हों। पर्यटन एवं विरासत विभाग की घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तीज-त्योहार, मेले और उत्सवों पर जनभागीदारी बढ़ाने के लिए इस वर्ष बजट में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिंजौर के यादवेंद्र गार्डन की विरासत को संजोते हुए इसे और अधिक सुंदर बनाया जाए ताकि देशभर के पर्यटक यहां आकर आनंद ले सकें। बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार ने यादवेंद्र गार्डन और टिक्करताल, मोरनी के पुनर्विकास के लिए 90 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की है। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।  

Haryana STF की सर्जिकल स्ट्राइक : 6 माह में 58 इनामी अपराधी, 101 गैंगस्टर और 178 जघन्य आरोपी गिरफ्तार

हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 2025 के पहले छह महीनों के दौरान संगठित अपराध के विरुद्ध कई महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जनवरी से जून तक की अवधि में एसटीएफ ने 58 इनामी बदमाशों, 101 गैंगस्टरों या उनके सहयोगियों और 178 जघन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आंकड़े एसटीएफ की योजनाबद्ध कार्रवाई और खुफिया समन्वय को दर्शाते हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर के अनुसार, एसटीएफ ने इस दौरान राज्य और अंतरराज्यीय गैंग नेटवर्क को निशाना बनाकर कार्रवाई की है। उनका कहना है कि तकनीक, विश्लेषण और त्वरित एक्शन के समन्वय से अपराधियों के खिलाफ प्रभावी परिणाम सामने आए हैं। 2024 की तुलना में रणनीतिक पकड़ में सुधार 2024 की इसी अवधि की तुलना में 2025 में गैंगस्टरों की गिरफ्तारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2024 में जहां 29 गैंगस्टर पकड़े गए थे, वहीं 2025 में यह संख्या 101 रही। हालांकि, जघन्य अपराधों में गिरफ्तारियों की संख्या घटकर इस वर्ष 178 रही, जो पिछले वर्ष 227 थी। इनामी बदमाशों की संख्या भी 2024 में 100 थी, जबकि इस वर्ष 58 दर्ज की गई। अंतरराष्ट्रीय अपराधियों पर निगरानी एसटीएफ मुख्यालय में गठित RCN-LOC सेल ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से 10 अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों का प्रत्यर्पण या निर्वासन सुनिश्चित किया है। यह कार्रवाई इंटरपोल नोटिस, लुकआउट सर्कुलर, पासपोर्ट निरस्तीकरण और अस्थायी गिरफ्तारी अनुरोधों के माध्यम से की गई। साइबर अपराध के मोर्चे पर सक्रियता एसटीएफ ने तकनीक-आधारित अपराधों से निपटने के लिए अपने अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसमें डार्क वेब विश्लेषण, सर्विलांस तकनीक और साइबर संकेतकों की पहचान जैसे विषय शामिल हैं। डीआरडीओ की संस्था CAIR से प्राप्त उपकरणों और प्रशिक्षण की मदद से टीम की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संरचना और संसाधनों को मिली मजबूती पिछले दो वर्षों में एसटीएफ की संरचना को सुदृढ़ किया गया है। बल की संख्या में वृद्धि की गई है। दो नई इकाइयों की स्थापना हुई है। एक विश्लेषणात्मक विंग और एक वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) भी जोड़ी गई है। इसके अतिरिक्त, फील्ड यूनिटों को अत्याधुनिक हथियार, बुलेटप्रूफ जैकेट और विशेष वाहनों से लैस किया गया है। साथ ही, ईगल (EAGLE) और DMS जैसे डेटा विश्लेषण सॉफ्टवेयर की सहायता से अपराधियों की निगरानी और ट्रैकिंग अब और अधिक सटीक हो गई है। एसटीएफ देश के लिए मॉडल बनेगी : डीजीपी डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि एसटीएफ हरियाणा में संगठित अपराध के खिलाफ राज्य की प्रतिबद्धता का मजबूत उदाहरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ ने न केवल अपराधियों की गिरफ्तारी की है, बल्कि गैंग नेटवर्क को रणनीतिक रूप से कमजोर किया है। तकनीक, विश्लेषण और त्वरित कार्रवाई के संयोजन ने एसटीएफ को बेहद असरदार बनाया है। उन्होंने बताया कि टीम को आधुनिक संसाधनों और साइबर प्रशिक्षण से लैस किया जा रहा है ताकि भविष्य में और बेहतर परिणाम सामने आएं। डीजीपी के अनुसार, “एसटीएफ अब केवल एक ऑपरेशन यूनिट नहीं, बल्कि एक विश्लेषण आधारित रणनीतिक बल के रूप में काम कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि इसे देशभर में संगठित अपराध से निपटने के लिए मॉडल यूनिट के रूप में स्थापित किया जाए।”  

HR:विधायक और रेसलर विनेश फोगाट बनीं मां, दिल्ली में बेटे को दिया जन्म

ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने वाली अंतरराष्ट्रीय पहलवान और जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट मां बन गई हैं। मंगलवार सुबह 9 बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्होंने बेटे को जन्म दिया। ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी हुई और जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। विनेश को सोमवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके ससुर राजपाल राठी ने बताया कि डॉक्टर्स ने बच्चा सही से ग्रोथ न कर पाने और बॉडी टाइट होने के चलते ऑपरेशन का निर्णय लिया। विनेश ने 6 मार्च 2025 को अपने मां बनने की खुशी सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने पति सोमबीर राठी के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था — ‘ऑवर लव स्टोरी कंटिन्यूज़ विद न्यू चैप्टर…’ साथ में एक नन्हे बेबी के फुटप्रिंट और लव इमोजी भी जोड़े गए थे।