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योगी सरकार ने प्रदेश के एक लाख 21 हजार से अधिक मजरों का विद्युतीकरण

लखनऊ | योगी सरकार उत्तर प्रदेश के सभी ग्रामीण इलाकों तक हर मूलभूत सुविधा को पहुंचाने में सजगता से काम कर रही है। इसमें बिजली आपूर्ति को लेकर सरकार की ओर से अभूतपूर्व कार्य किया गया है। प्रदेश के एक लाख 21 हजार से अधिक मजरों का विद्युतीकरण किया गया है और सरकार जल्द ही केंद्र की मदद से बाकी बचे 36,990 मजरों का भी जल्द ही विद्युतीकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बुधवार को विधानसभा में एक सदस्य द्वारा किए गए सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2022 में हमने केंद्र सरकार को इसके संबंध में पत्र लिखा है और उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रक्रिया को बाकी बचे मजरों तक पूरा करके उन्हें भी बिजली आपूर्ति से आच्छादित किया जाएगा।

निरंतर जारी है प्रक्रिया
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठाए गए सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने में तत्परता दिखाई है। पिछली सरकार के समय ही बहुत काम बाकी था, प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश सरकार ने राजस्व गांवों का विद्युतीकरण पूर्ण कर लिया है। वहीं, कुल एक लाख 21 हजार 324 मजरों का विद्युतीकरण किया गया है। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। बाकी बचे मजरों की हमें जानकारी है, जहां विद्युतीकरण किया जाना है। इसके लिए हमने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को 18 अक्टूबर 2022 को पत्र लिखकर उनसे सहयोग मांगा है।

2 हजार करोड़ से होगा विद्युतीकरण
उन्होंने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को जो पत्र लिखा है उसमें कहा गया है कि पूर्वांचल के लगभग 18,818 मजरे, मध्यांचल के लगभग 12,372 मजरे, दक्षिणांचल के लगभग 5710 मजरे समेत कुल 36900 मजरे बाकी होने का अनुमान है। जहां तक सभी डिस्कॉम में प्रस्तावित विद्युतीकरण के खर्च की बात है तो पूर्वांचल के लिए 758 करोड़, दक्षिणांचल के लिए 516 करोड़ समेत कुल 1958 करोड़ रुपए की मांग भारत सरकार से की गई है। हमारी योजना है कि आरडीएसएस योजना के अंतर्गत बाकी बचे मजरों को इसमें शामिल किया जाए। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजरों में विद्युतीकरण हो जाएगा।

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लैंड फॉर जॉब केस में लालू प्रसाद को बड़ा झटका

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में सीबीआई की तरफ से दायर केस को रद्द कराने के लिए तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट में य़ाचिका दाखिल कर सीबीआई के लैंड फॉर जॉब केस को रद्द करने की मांग की थी लेकिन उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया है।

“ठग्स ऑफ गोवा” से बड़े पर्दे पर धमाल मचाने आ रहे हैं कानपुर के सूर्यांश त्रिपाठी

कानपुर के होनहार युवक सूर्यांश त्रिपाठी अब बड़े पर्दे पर धमाकेदार एंट्री करने जा रहे हैं। फिल्म “ठग्स ऑफ गोवा” में लीड रोल निभा रहे सूर्यांश की यह फिल्म 30 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सूर्यांश ने मुंबई में अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर विज्ञापन फिल्मों, मॉडलिंग और वेब सीरीज में अपनी खास पहचान बनाई है। अब वे एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार एक मुख्य अभिनेता के रूप में। फिल्म “ठग्स ऑफ गोवा” उनके करियर का एक नया और बड़ा मुकाम साबित हो सकती है। दर्शकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सूर्यांश बड़े पर्दे पर क्या जादू बिखेरते हैं। क्राइम थ्रिलर सिनेमा जगत में एक ऐसा जॉनर रहा है जिसे दर्शकों का बहुत बड़ा वर्ग पसन्द करता आया है. इसी शैली का एक सिनेमा “ठग्स ऑफ गोवा” 30 मई 2025 को सिनेमाघरों मे रिलीज के लिए तैयार है. साई पाटिल फिल्म फैक्ट्री के बैनर तले बनी इस पिक्चर के निर्माता साई पाटिल, सह निर्माता योजना पाटिल हैं. फिल्म के निर्देशक साई पाटिल ने इसकी कहानी, पटकथा और संवाद भी लिखे हैँ. गोवा में शूट की गई इस फिल्म का संगीत रवि ने दिया है. इस फिल्म में सूर्यांश त्रिपाठी, गायत्री बंसोडे, रुचिका सिंह, मनवीर सिंह, अंकिता देसाई, विक्की मोटे, गिरिराज कुलकर्णी, सागर पब्बाले, हर्षित उपाध्याय, प्रणय तेली, सुनील कुसेगांवकर, राजदेव जमदादे, योगेश कुमावत, नवनाथ श्रीमंडिलकर जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है. गोवा में सेट यह कहानी अमर अग्निहोत्री के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक कुख्यात ठग है. वह अपने तीन साथियों सलोनी, नेहा और विक्की के साथ मिलकर लोगों को ठगकर मौज करता है। धोखे के खेल में तब एक बुरा मोड़ आता है जब क्राइम ब्रांच ऑफिसर विजय नेहा को धमकाता है और उसे भ्रष्ट मंत्री के बेटे राकेश के करीबी लोगों के बीच घुसकर काले धन से जुड़े दस्तावेज चुराने के लिए मजबूर करता है। जब नेहा अमर को इस खतरनाक काम के बारे में बताती है, तो तनाव बढ़ जाता है। अमर और ऑफिसर विजय के बीच एक भयंकर लड़ाई शुरू हो जाती है. अंत में क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखने का इन्तेज़ार करना पड़ेगा.

कानपुर में एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में आधुनिक तकनीकों से स्किन, हेयर और फैट की उपचार सेवाएं उपलब्ध

कानपुर: शहरवासियों के लिए खुशखबरी है कि अब स्किन और हेयर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इलाज एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में उपलब्ध है। डॉ. गौरी मिश्रा ने बताया कि क्लिनिक में मेड इन कोरिया की न्यू रिच मशीन द्वारा बॉडी लेज़र हेयर रिडक्शन किया जाता है, जिससे अनचाहे बालों के साथ-साथ स्किन पर मौजूद दाग-धब्बों और पिग्मेंटेशन से भी छुटकारा पाया जा सकता है। स्किन टोन को निखारने और फ्लॉलेस लुक पाने के लिए यह मशीन अत्यंत प्रभावी साबित हो रही है। साथ ही, बालों की समस्याओं के समाधान के लिए PRP थैरेपी, GFC थैरेपी और हेयर रीग्रोथ थैरेपी जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे हेयर फॉल, हेयर थिनिंग और गंजेपन जैसी समस्याओं में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। यह क्लिनिक अब हेयर और स्किन हेल्थ के लिए एक भरोसेमंद सेंटर बनकर उभरा है। एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी अब संपूर्ण बॉडी के सौंदर्य और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वन-स्टॉप सेंटर बन गया है। यहां उपलब्ध कायो लेज़र मशीन की मदद से शरीर के किसी भी हिस्से से फैट को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है। यह प्रक्रिया न केवल वजन घटाने में सहायक है, बल्कि बॉडी शेप को भी आकर्षक बनाती है। स्किन, हेयर और बॉडी फैट से जुड़ी सभी आधुनिक थैरेपीज़ अब एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ती। विशेष रूप से शादी या अन्य विशेष अवसरों को ध्यान में रखते हुए, ‘ग्लोइंग स्किन’ के लिए आवश्यक स्किन क्लीनिंग, ब्राइटनिंग और हाइड्रेशन थैरेपीज़ अब स्थानीय स्तर पर सुलभ हैं। डॉ. गौरी मिश्रा के मार्गदर्शन में संचालित यह सेंटर कानपुर में कॉस्मेटोलॉजी और एस्थेटिक उपचार का नया केंद्र बिंदु बनता जा रहा है, जहां हर व्यक्ति को उनकी ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत देखभाल मिल रही है।

आई० ए० पी० कानपुर और पारस हेल्थ ने ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी पर विशेष मेडिकल (सी.एम.ई.) का आयोजन किया

पारस हेल्थ, कानपुर एवं इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट (आई० ए० पी०), कानपुर सेंट्रल शाखा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (CME) प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रॉयल क्लिफ होटल में संपन्न हुआ, जिसमें शहर के प्रमुख सर्जन एवं फिजियोथैरेपिस्ट्स ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में आपसी संवाद को बढ़ावा देना, नवीनतम तकनीकों की जानकारी साझा करना तथा समन्वित रूप से मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना था। कार्यक्रम में सहभागियों को ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी के अद्यतन पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अलीगढ़ से पधारे डॉ. के. के. वर्मा (सेक्रेटरी, आई० ए० पी० उत्तर प्रदेश) एवं वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक न्यूरोसर्जन डॉ. गोपाल शुक्ल उपस्थित रहे। डॉ. शुक्ल ने अपने सत्र में कमर दर्द से जुड़े विभिन्न जटिल मामलों पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि किस प्रकार फिजियोथैरेपी की मदद से मरीजों को शीघ्र राहत मिल सकती है। इस सफल आयोजन ने फिजियोथैरेपिस्ट एवं चिकित्सकों को एक साझा मंच प्रदान किया, जिससे भविष्य में और बेहतर चिकित्सा सेवा की दिशा में प्रयास संभव होंगे।

BR:पीएम मोदी 29 को बिहार दौरे पर, विकास की सौगात संग चुनावी मंथन

Patna : . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को दो दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली बिहार यात्रा है. इस यात्रा के दौरान वे पटना और विक्रमगंज में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. भाजपा प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में जुटी है. पीएम मोदी सबसे पहले पटना एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे, उसके बाद बिहटा एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. 30 मई को वे विक्रमगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे और लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे.   पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री पटना एयरपोर्ट से बीजेपी कार्यालय तक रोड शो करेंगे. जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे. बीजेपी कार्यालय में पीएम मोदी सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जमीनी स्तर पर संगठन की स्थिति की समीक्षा भी करेंगे. यह बैठक आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही

BR:बिहार में दिव्यांग कोटे में डोमिसाइल नीति लागू

बिहार सरकार ने राज्य की सरकारी नौकरियों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांग आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब दिव्यांग कोटे का लाभ केवल बिहार के मूल निवासियों को ही मिलेगा। इसके तहत डोमिसाइल (स्थानीय निवासी) नीति को लागू कर दिया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है। निर्णय के अनुसार, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मिलने वाला आरक्षण अब केवल बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए ही मान्य होगा। जानकारी के मुताबिक, अधिनियम के तहत दिव्यांगजन को सरकारी नौकरियों में 4% क्षैतिज आरक्षण, उच्च शिक्षा संस्थानों में 5% क्षैतिज आरक्षण दिया जाता है। अब तक इस आरक्षण का लाभ दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मिल रहा था, जिससे बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों को उचित अवसर नहीं मिल पा रहा था। राज्य सरकार ने इसको समाप्त करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने का निर्णय लिया। सरकारी नौकरियों के सामान्य कोटे में पूर्ववत व्यवस्था लागू रहेगी, उसमें डोमिसाइल नीति लागू नहीं की गई है। बता दें है कि 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में 23 लाख से अधिक दिव्यांगजन हैं, जिनमें से लगभग 16 लाख को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।