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छात्रों को मिला 62 लाख रुपये का जॉब ऑफर, औसत वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि

भुबनेश्वर | कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर ने स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी के 2023 के स्नातक बैच के लिए चल रहे कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में औसत वेतन पैकेज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस साल औसत सीटीसी 8.5 लाख रुपये को पार कर गया है, जबकि कैंपस प्लेसमेंट में छात्रों को दिए जाने वाले वेतन के मामले में कीट को शीर्ष राष्ट्रीय संस्थानों की लीग में नाम दर्ज कराते हुआ अधिकतम 62 लाख रुपये तक पहुंच गया है।

2800 योग्य बीटेक छात्रों के बैच के लिए 280 कंपनियों द्वारा पहले से ही 3600 नौकरी की पेशकश के साथ किट एक बार फिर शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल करने के लिए तैयार है। पूर्ण रूप से, 92% से अधिक बैच के 2600 छात्रों को पहले ही प्लेसमेंट ड्राइव में नौकरी की पेशकश मिल चुकी है जो पिछले साल मई में शुरू हुई थी। 1100 से अधिक छात्रों को कई नौकरी के प्रस्ताव मिले हैं।

इस वर्ष अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट प्रदर्शन ने संस्थान के अभिभावकों और छात्रों के बीच खुशी बढ़ा दी है, जो अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। प्रख्यात शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर अच्युत सामंत द्वारा स्थापित, कीट शैक्षणिक समुदाय में सबसे अधिक छात्र-हितैषी, उनके अभिवावक और कर्मचारियों के अनुकूल परिसर के रूप में यह जाना जाता है। यह भारत के लगभग सभी राज्यों के अलावा 65 से अधिक देशों के विदेशी छात्रों को आकर्षित कर रहा है।

कीट ने 1997 में उच्च शिक्षा के एक संस्थान के रूप में आकार लिया और तब से, मैक्रोइकॉनॉमिक और जॉब मार्केट परिदृश्यों के बावजूद, यह सभी शैक्षणिक कार्यक्रमों में सातप्रतिसत प्लेसमेंट दर्ज कर रहा है। त्रुटिहीन अकैडमिक वंशावली और नियमित रूप से अद्यतन पाठ्यक्रम के साथ एक उच्च गुणवत्ता वाली फैकल्टी टीम यह सुनिश्चित करती है की छात्रों के पास सबसे प्रासंगिक व्यवहार ज्ञान हो। एक अविनव शिक्षण सीखने के लिए प्रक्रिया और वेसिक प्रदर्शन उन्हें आज के तेजी से बदलते तकनीक – व्यावसायिक वातावरण में उद्योग के लिए तैयार और उच्च प्रदर्शन करने वाला बनाते हैं।

2004 में भारत सरकार द्वारा कीट को डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किए जाने के बाद कीट ने देश में व्यावसायिक शिक्षा को फिर से परिभाषित किया है और शिक्षाशास्त्र और अनुसंधान के क्षेत्र में पढ़ाइको लेकर एक बेंचमार्क तैयार किया है। शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2022 ने इसे देश के 20वें – सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में रखा है। यह प्रतिष्ठित टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में विश्व स्तर पर 601 – 800 के समूह में अपना स्थान बरकरार रखा है। विश्वविद्यालय को एनएएसी द्वारा उच्चतम ए++ ग्रेड से भी मान्यता प्राप्त है।

कीट एक बहु-विषयक अध्ययन विश्वविद्यालय है जिसमें 23 स्कूलों से 400+ से अधिक शैक्षणिक कार्यक्रम पेश किए जाते हैं। सिविल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल स्ट्रीम में बीटेक और एमटेक पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले पांच स्कूल कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी का गठन करते हैं। उनके शैक्षणिक कार्यक्रम वैश्विक मानकों से मेल खाते हैं और आईईटी, यूके और एबीईटी, यूएसए द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

इस साल छात्रों ने उच्च सीटीसी कंपनियों के साथ अपने सपनों को पूरा किया। 82 कंपनियों ने 10 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक वेतन पैकेज की पेशकश करते हुए परिसर का दौरा किया। लगभग 1500 छात्रों को 15 लाख रुपये या उससे अधिक के सीटीसी के साथ “ड्रीम कंपनियों” में रखा गया। अन्य 1000 छात्रों को 10-15 लाख रुपये के वेतन पैकेज के साथ रखा गया।

अकेले ‘डे जीरो’ ड्रीम कैंपस ड्राइव के परिणामस्वरूप शीर्ष पायदान बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा 1700 से अधिक छात्रों का प्लेसमेंट हुआ। ‘डे-वन’ कैंपस रिक्रूटमेंट ड्राइव के इस सीजन में चार कंपनियों एक्सेंचर, कॉग्निजेंट, कैपजेमिनी और टीसीएस से लगभग 700 जॉब ऑफर मिले। उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा जॉब मार्केट परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए यह एक बेहतरीन डे वन और डे जीरो कन्वर्जन है।

कीट डीम्ड विश्वविद्यालय भारत में एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जो उद्योग में अग्रणी नामों के साथ सक्रिय रूप से एक अंतराप्रस्ट बनाता है। इससे कीट के छात्रों को विभिन्न राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्लेसमेंट की सुविधा मिल रही है। उदाहरण के लिए, एक फिनटेक कंपनी हाईरेडियस ने किट के सहयोग से कीट कैंपस में एक फिनटेक लैब की स्थापना की है, जिसमें 2000 से अधिक छात्रों को समर इंटर्नशिप की पेशकश की गई थी। इसके बाद 15,000 रुपये प्रति माह के वजीफे के साथ एक साल की अनुभवात्मक शिक्षण इंटर्नशिप दी गई। इनमें से पचास फीसदी छात्रों को पूर्ण रूप से नियुक्त किया गया।

कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी के अन्य स्कूलों का प्लेसमेंट प्रदर्शन समान रूप से उज्ज्वल है। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में, जो प्रमुख एमबीए प्रोग्राम प्रदान करता है, कुल 300 छात्रों में से 230 छात्रों को पहले ही 50 कंपनियों से नौकरी की पेशकश मिल चुकी है। हर साल की तरह इस साल भी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल किया है। कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव हाल ही में स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और स्कूल ऑफ लॉ में शुरू हुई है और शुरुआती रुझान बहुत उत्साहजनक हैं।

कीट का 350 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक गठजोड़ है, जो छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। कीट उच्च अध्ययन के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में हर साल लगभग 500 छात्रों की शैक्षणिक नियुक्ति की सुविधा प्रदान करता है। छात्रों को पीएचडी सहित उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए शीर्ष यूरोपीय और अमेरिकी विश्वविद्यालयों से स्थायी प्रस्ताव मिले हैं।

कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव जोरों पर है और कई कंपनियों ने आने वाले महीनों में 2023 कैंपस रिक्रूटमेंट प्रोग्राम में भागीदारी की पुष्टि की है। उत्कृष्ट प्लेसमेंट प्रदर्शन के लिए भाग लेने वाली कंपनियों और टीम प्रशिक्षण और प्लेसमेंट को धन्यवाद देते हुए प्रोफेसर सरनजीत सिंह, प्रो-वाइस चांसलर, कीट ने कहा है कि, “हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि हम सभी योग्य छात्रों को करियर प्रदान करने में सक्षम होंगे और पिछले सभी वर्षों की तरह शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल करेंगे”।

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लैंड फॉर जॉब केस में लालू प्रसाद को बड़ा झटका

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में सीबीआई की तरफ से दायर केस को रद्द कराने के लिए तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट में य़ाचिका दाखिल कर सीबीआई के लैंड फॉर जॉब केस को रद्द करने की मांग की थी लेकिन उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया है।

“ठग्स ऑफ गोवा” से बड़े पर्दे पर धमाल मचाने आ रहे हैं कानपुर के सूर्यांश त्रिपाठी

कानपुर के होनहार युवक सूर्यांश त्रिपाठी अब बड़े पर्दे पर धमाकेदार एंट्री करने जा रहे हैं। फिल्म “ठग्स ऑफ गोवा” में लीड रोल निभा रहे सूर्यांश की यह फिल्म 30 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सूर्यांश ने मुंबई में अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर विज्ञापन फिल्मों, मॉडलिंग और वेब सीरीज में अपनी खास पहचान बनाई है। अब वे एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार एक मुख्य अभिनेता के रूप में। फिल्म “ठग्स ऑफ गोवा” उनके करियर का एक नया और बड़ा मुकाम साबित हो सकती है। दर्शकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सूर्यांश बड़े पर्दे पर क्या जादू बिखेरते हैं। क्राइम थ्रिलर सिनेमा जगत में एक ऐसा जॉनर रहा है जिसे दर्शकों का बहुत बड़ा वर्ग पसन्द करता आया है. इसी शैली का एक सिनेमा “ठग्स ऑफ गोवा” 30 मई 2025 को सिनेमाघरों मे रिलीज के लिए तैयार है. साई पाटिल फिल्म फैक्ट्री के बैनर तले बनी इस पिक्चर के निर्माता साई पाटिल, सह निर्माता योजना पाटिल हैं. फिल्म के निर्देशक साई पाटिल ने इसकी कहानी, पटकथा और संवाद भी लिखे हैँ. गोवा में शूट की गई इस फिल्म का संगीत रवि ने दिया है. इस फिल्म में सूर्यांश त्रिपाठी, गायत्री बंसोडे, रुचिका सिंह, मनवीर सिंह, अंकिता देसाई, विक्की मोटे, गिरिराज कुलकर्णी, सागर पब्बाले, हर्षित उपाध्याय, प्रणय तेली, सुनील कुसेगांवकर, राजदेव जमदादे, योगेश कुमावत, नवनाथ श्रीमंडिलकर जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है. गोवा में सेट यह कहानी अमर अग्निहोत्री के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक कुख्यात ठग है. वह अपने तीन साथियों सलोनी, नेहा और विक्की के साथ मिलकर लोगों को ठगकर मौज करता है। धोखे के खेल में तब एक बुरा मोड़ आता है जब क्राइम ब्रांच ऑफिसर विजय नेहा को धमकाता है और उसे भ्रष्ट मंत्री के बेटे राकेश के करीबी लोगों के बीच घुसकर काले धन से जुड़े दस्तावेज चुराने के लिए मजबूर करता है। जब नेहा अमर को इस खतरनाक काम के बारे में बताती है, तो तनाव बढ़ जाता है। अमर और ऑफिसर विजय के बीच एक भयंकर लड़ाई शुरू हो जाती है. अंत में क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखने का इन्तेज़ार करना पड़ेगा.

कानपुर में एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में आधुनिक तकनीकों से स्किन, हेयर और फैट की उपचार सेवाएं उपलब्ध

कानपुर: शहरवासियों के लिए खुशखबरी है कि अब स्किन और हेयर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इलाज एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में उपलब्ध है। डॉ. गौरी मिश्रा ने बताया कि क्लिनिक में मेड इन कोरिया की न्यू रिच मशीन द्वारा बॉडी लेज़र हेयर रिडक्शन किया जाता है, जिससे अनचाहे बालों के साथ-साथ स्किन पर मौजूद दाग-धब्बों और पिग्मेंटेशन से भी छुटकारा पाया जा सकता है। स्किन टोन को निखारने और फ्लॉलेस लुक पाने के लिए यह मशीन अत्यंत प्रभावी साबित हो रही है। साथ ही, बालों की समस्याओं के समाधान के लिए PRP थैरेपी, GFC थैरेपी और हेयर रीग्रोथ थैरेपी जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे हेयर फॉल, हेयर थिनिंग और गंजेपन जैसी समस्याओं में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। यह क्लिनिक अब हेयर और स्किन हेल्थ के लिए एक भरोसेमंद सेंटर बनकर उभरा है। एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी अब संपूर्ण बॉडी के सौंदर्य और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वन-स्टॉप सेंटर बन गया है। यहां उपलब्ध कायो लेज़र मशीन की मदद से शरीर के किसी भी हिस्से से फैट को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है। यह प्रक्रिया न केवल वजन घटाने में सहायक है, बल्कि बॉडी शेप को भी आकर्षक बनाती है। स्किन, हेयर और बॉडी फैट से जुड़ी सभी आधुनिक थैरेपीज़ अब एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ती। विशेष रूप से शादी या अन्य विशेष अवसरों को ध्यान में रखते हुए, ‘ग्लोइंग स्किन’ के लिए आवश्यक स्किन क्लीनिंग, ब्राइटनिंग और हाइड्रेशन थैरेपीज़ अब स्थानीय स्तर पर सुलभ हैं। डॉ. गौरी मिश्रा के मार्गदर्शन में संचालित यह सेंटर कानपुर में कॉस्मेटोलॉजी और एस्थेटिक उपचार का नया केंद्र बिंदु बनता जा रहा है, जहां हर व्यक्ति को उनकी ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत देखभाल मिल रही है।

आई० ए० पी० कानपुर और पारस हेल्थ ने ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी पर विशेष मेडिकल (सी.एम.ई.) का आयोजन किया

पारस हेल्थ, कानपुर एवं इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट (आई० ए० पी०), कानपुर सेंट्रल शाखा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (CME) प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रॉयल क्लिफ होटल में संपन्न हुआ, जिसमें शहर के प्रमुख सर्जन एवं फिजियोथैरेपिस्ट्स ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में आपसी संवाद को बढ़ावा देना, नवीनतम तकनीकों की जानकारी साझा करना तथा समन्वित रूप से मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना था। कार्यक्रम में सहभागियों को ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी के अद्यतन पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अलीगढ़ से पधारे डॉ. के. के. वर्मा (सेक्रेटरी, आई० ए० पी० उत्तर प्रदेश) एवं वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक न्यूरोसर्जन डॉ. गोपाल शुक्ल उपस्थित रहे। डॉ. शुक्ल ने अपने सत्र में कमर दर्द से जुड़े विभिन्न जटिल मामलों पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि किस प्रकार फिजियोथैरेपी की मदद से मरीजों को शीघ्र राहत मिल सकती है। इस सफल आयोजन ने फिजियोथैरेपिस्ट एवं चिकित्सकों को एक साझा मंच प्रदान किया, जिससे भविष्य में और बेहतर चिकित्सा सेवा की दिशा में प्रयास संभव होंगे।

BR:पीएम मोदी 29 को बिहार दौरे पर, विकास की सौगात संग चुनावी मंथन

Patna : . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को दो दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली बिहार यात्रा है. इस यात्रा के दौरान वे पटना और विक्रमगंज में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. भाजपा प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में जुटी है. पीएम मोदी सबसे पहले पटना एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे, उसके बाद बिहटा एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. 30 मई को वे विक्रमगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे और लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे.   पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री पटना एयरपोर्ट से बीजेपी कार्यालय तक रोड शो करेंगे. जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे. बीजेपी कार्यालय में पीएम मोदी सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जमीनी स्तर पर संगठन की स्थिति की समीक्षा भी करेंगे. यह बैठक आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही

BR:बिहार में दिव्यांग कोटे में डोमिसाइल नीति लागू

बिहार सरकार ने राज्य की सरकारी नौकरियों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांग आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब दिव्यांग कोटे का लाभ केवल बिहार के मूल निवासियों को ही मिलेगा। इसके तहत डोमिसाइल (स्थानीय निवासी) नीति को लागू कर दिया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है। निर्णय के अनुसार, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मिलने वाला आरक्षण अब केवल बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए ही मान्य होगा। जानकारी के मुताबिक, अधिनियम के तहत दिव्यांगजन को सरकारी नौकरियों में 4% क्षैतिज आरक्षण, उच्च शिक्षा संस्थानों में 5% क्षैतिज आरक्षण दिया जाता है। अब तक इस आरक्षण का लाभ दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मिल रहा था, जिससे बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों को उचित अवसर नहीं मिल पा रहा था। राज्य सरकार ने इसको समाप्त करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने का निर्णय लिया। सरकारी नौकरियों के सामान्य कोटे में पूर्ववत व्यवस्था लागू रहेगी, उसमें डोमिसाइल नीति लागू नहीं की गई है। बता दें है कि 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में 23 लाख से अधिक दिव्यांगजन हैं, जिनमें से लगभग 16 लाख को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।