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3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करेंगे 1.44 लाख परीक्षक

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के बाद अब बिना किसी बाधा के बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से पुख्ता तैयारी की गई है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को त्रुटिरहित निरपेक्ष मूल्यांकन के लिए प्रदेश भर में 258 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए करीब 1.44 लाख परीक्षकों को नियुक्त किया गया है। यही नहीं, परीक्षा केंद्रों और परीक्षकों की सुरक्षा के लिए भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं। वहीं सीसीटीवी के माध्यम से इसकी निगरानी की भी व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में रिकॉर्ड समय में बिना किसी बाधा के बोर्ड परीक्षाओं को संपन्न कराने में सफलता प्राप्त की है। 30 वर्षों में पहली बार कोई भी परीक्षा प्रश्नपत्रों के लीक होने, वायरल होने या अन्य किसी वजह से रद नहीं की गई। यही नहीं, सामूहिक नकल की भी कोई घटना नहीं हुई।

258 केंद्रों पर होगा मूल्यांकन कार्य
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रदेश में कुल 258 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य एक अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान हाईस्कूल की लगभग 1.86 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके लिए 89,698 परीक्षकों को नियुक्त किया गया है। वहीं इंटरमीडिएट की 1.33 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 54,235 परीक्षक लगाए गए हैं। इस प्रकार कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कुल 1,43,933 परीक्षक नियुक्त किए गए हैं।

परीक्षकों को किया गया प्रशिक्षित
उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं का त्रुटिरहित निरपेक्ष मूल्यांकन हो सके इसके लिए इस बार पहली बार मूल्यांकन में लगाए गए जाने वाले परीक्षकों एवं उपप्रधान परीक्षकों के प्रशिक्षण के लिए उनके उपनियंत्रकों का प्रशिक्षण क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर ऑडियो-वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से कराया गया है। क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ में 12 मार्च को, बरेली में 13 मार्च को, गोरखपुर में 14 मार्च को, प्रयागराज में 15 मार्च को और वाराणसी में 16 मार्च को प्रशिक्षण संपन्न हो चुका है। मूल्यांकन केंद्रों के उपनियंत्रक या प्रधानाचार्य क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर प्रशिक्षण लेने के बाद अपने-अपने मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकन प्रारंभ होने से पहले उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए नियुक्त परीक्षकों एवं उपप्रधान परीक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।

सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था
सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि मूल्यांकन केंद्रों पर शुचितापूर्ण मूल्यांकन के लिए प्रत्येक मूल्यांकन केंद्र पर एक-एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट को लगाया गया है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में स्थित सभी मूल्यांकन केंद्रों के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले के डायट प्राचार्य को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यही नहीं, मूल्यांकन केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों के चारों ओर 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाई गई है। साथ ही मूल्यांकन अवधि तक कम से कम चार सशस्त्र पुलिस गार्ड की भी तैनाती कराए जाने तथा स्थानीय अभिसूचना इकाइ/पुलिस कर्मियों की सादी वर्दी में तैनाती कराए जाने की व्यवस्था की गई है।

सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
जिस तरह इस बार बोर्ड परीक्षाओं को वायस रिकॉर्डर वाले सीसीटीवी कैमरों के अधीन कराया गया था, उसी तरह मूल्यांकन कार्य की भी निगरानी किए जाने का प्रावधान किया गया है। सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार मूल्यांकन कार्य अनिवार्य रूप से वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी की निगरानी में होगा। मूल्यांकन की समुचित निगरानी के लिए सभी केंद्रों की जनपद और राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से लगातार मॉनीटरिंग कराए जाने की भी व्यवस्था की गई है।

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MP News:हर घर, जल ग्राम घोषित करें : सचिव नरहरि

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सचिव श्री पी. नरहरि ने उज्जैन में जल जीवन मिशन के कार्यों की संपूर्ण जानकारी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर साझा करने तथा परियोजना स्थल पर उनका दौरा कराने के भी निर्देश दिए।कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक त्वरित गति से पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर उन्हें “हर घर जल ग्राम “घोषित करने एवं प्रमाणीकरण करने के लिए निर्देशित किया। संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यांत्रियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की। जल निगम के एम डी श्री कोलसानी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

MP News:चार बैगा परिवारों की संवर गई जिन्दगी पीएम जनमन से मिला नया घर, नया जीवन

ये कहानी उन चार बैगा जनजाति परिवारों की है, जिन्होंने कुछ दिन पहले तक सिर्फ अभावों और कठिनाईयों का जीवन जिया था। जीवन की दुश्वारियों से परेशान ये बैगा परिवार अपनी जिन्दगी बदलना तो चाहते थे, पर कोई राह नहीं मिल रही थी। इनकी कई परेशानियों के इन्ही कड़वे दिनों में एक नई मिठास लेकर आई पीएम जनमन योजना। भारत सरकार ने देश की 75 विशेष पिछड़ी जनजातियों (पीवीटीजी) के उत्थान के लिये यह योजना प्रारंभ की है। इसमें (पीवीटीजी) परिवारों को पक्का घर, पोषण आहार, स्वच्छ जल, बिजली, अच्छी शिक्षा, रोग उपचार, गांव तक पक्की सड़क, संचार कनेक्टिविटी जैसी तमाम सुविधाओं एवं इन जनजातियों के रोजगार का प्रबंध भी किया जा रहा है। भारत सरकार के साथ मध्यप्रदेश सरकार भी प्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया एवं सहरिया के समग्र कल्याण के लिये विशेष उपाय कर रही है। इन जनजातियों के सभी परिवारों को पक्का घर एवं इन घरों को बिजली से रौशन करने के लिये सरकार तेजी से प्रयासरत है। इन चार बैगा परिवारों को भी पीएम जनमन की ‘सबको घर’ और ‘हर घर बिजली’ योजना का लाभ मिला है। शहडोल एक जनजातीय विशेषकर बैगा जनजाति बाहुल्य जिला है। जिले के ग्राम टेटका निवासी श्रीमती रामरती बैगा पहले एक कच्चे मकान में अपने परिवार के साथ रहती थीं। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण रामरती बैगा को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मजदूरी तक करना पड़ी। मजदूर परिवार के लिए खुद के घर का सपना देखना मानो बेमानी था। पीएम जनमन योजना ने रामरती और उसके परिवार का यह सपना पूरा कर दिया। रामरती को अब पक्का घर मिल चुका है। पहले रामरती का परिवार ठंड, गर्मी, बरसात में जैसे-तैसे गुजर-बसर करता था, पर आज वे सभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं। उनका जीवन स्तर भी सुधर रहा है। इन्हें अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। कच्चे घर की कठिनाईयाँ भी अब दूर हो गयी हैं। ग्राम पंचायत मसियारी की मुन्नीबाई बैगा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पहले वे कच्चे मकान में गुजर-बसर करती थीं। बरसात में आये दिन ऊपर से पानी ठपकता रहता था। ठंड में तो जीना मुहाल हो जाता था। काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। दूसरों के पक्के घर देखकर वे सोचती थीं कि इस जीवन में क्या वह भी कभी अपने पक्के घर में रह पायेगी। पर पक्के घर के मुन्नीबाई के सपने को जन-मन आवास योजना ने पूरा कर दिया है। योजना से मुन्नीबाई का पक्का घर तैयार हो गया है। अब वे इसी पक्के घर में रहती हैं। कच्चे घर की उन तमाम समस्याओं से भी उन्हें हमेशा के लिये निजात मिल गई है। वर्षा और ठंड की दिक्कतें भी अब नहीं उठानी पड़तीं। बुढ़ार की ग्राम पंचायत भमला निवासी आइतू बैगा भी इस योजना से पक्के घर की सौगात के लाभार्थी हैं। आइतू बैगा बताते हैं पहले उनका परिवार कच्ची झोपडीनुमा घर में रहता था। जिसमें काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। पीएम जनमन से मेरा पक्का मकान तैयार हो गया है और अब मैं इसी मकान में खुशी-खुशी रहने लगा हूं। जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत बनसुकली निवासी श्रीमती सरोजनी बैगा को भी पीएम जन-मन आवास योजना से पक्के घर का लाभ मिला है। कच्चे घर और उसकी परेशानियों को सरोजनी अब एक बुरे सपने की तरह भूल चुकी हैं। क्योंकि इन सबके जीवन में पीएम जन-मन योजना से एक नई डगर, एक नया उजाला जो आ गया है।

MP News:सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है लक्ष्य हमारा – मंत्री

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि आने वाला समय सौर ऊर्जा का है। हमें सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है क्योंकि ऊर्जा का सबसे सस्ता और सुलभ स्रोत सौर ऊर्जा बनने जा रहा है। मंत्री श्री शुक्ला ने ऊर्जा विभाग और काउंसिल ऑफ एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के बीच आज मंत्रालय में हुए 3 साल के करारनामे (एमओयू) के बीच चर्चा में ये बातें कही। उन्होंने सीईईडब्ल्यू की टीम को अन्य राज्यों में किये गये कार्यों का अनुभव मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करने को कहा। मंत्री श्री शुक्ला के मौजूदगी में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनु श्रीवास्तव और सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ. अरूणाभ घोष ने तीन साल के एमओयू पर हस्ताक्षर किये। मंत्री श्री शुक्ला ने सबसे पहले काउंसिल का मध्यप्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि निश्चित ही उनके साथ काम करने से मध्यप्रदेश के लोगों को लाभ होगा और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सीईईडब्ल्यू बिहार और आसाम में किये गये कार्यों के अनुभव को मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करे। साथ ही मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के अधिकारी बिहार और आसाम की विजिट करें। इससे प्राप्त अनुभव से मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य योजना बनाई जा सकेगी। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ला के मार्गदर्शन में प्रदेश में काउंसिल के साथ मिलकर कार्य करेंगे। रूफ टॉप एनर्जी, कुसुम-ए एवं कुसुम-सी योजना में अधिकतम लोगों को लाभांवित करने की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी के साथ आज हुए करारनामे में तत्परतापूर्वक कार्य किया जायेगा। आगामी दो माह में टेण्डर इत्यादि प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली के क्षेत्र में प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लोग अटल योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रयास करेंगे कि सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाकर अधिक से अधिक लोगों तक सस्ती बिजली मुहैया कराई जाये। काउंसिल के सीईओ डॉ. घोष ने बताया कि सीईईडब्ल्यू ऊर्जा, पर्यावरण और जल के क्षेत्र में एशिया की अग्रणी गैर लाभकारी नीति अनुसंधान संस्थाओं में से एक है। यह संसाधनों के उपयोग, पुन: उपयोग और दुरूपयोग से बचाने के लिये डाटा, एकीकृत विश्लेषण और रणनीतिक ऑउटरीच का उपयोग करती है। इस अवसर पर ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अमनवीर सिंह बैस और सीईईडब्ल्यू की प्रोग्राम डायरेक्टर सुश्री शालू अग्रवाल मौजूद थीं।

MP News:भारतीय सेना, दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कारगिल विजय दिवस और रजत जयंती वर्ष पर भोपाल के शौर्य स्मारक में भारत माता की प्रतिमा पर नमन किया। डॉ. यादव ने शौर्य स्तंभ पहुंचकर शहीदों को नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शौर्य स्मारक परिसर में स्थापित सेना के टी-55 टैंक का लोकार्पण भी किया। शौर्य स्मारक में अब आमजन भी इस टैंक को देख सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्रोणाचार्य सभागार में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कार्यक्रम को संबोधित किया। राजधानी भोपाल में कारगिल विजय दिवस पर हुए मुख्य कार्यक्रम में आज शौर्य स्मारक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पहुंचने पर एनसीसी कैडेट्स ने गार्ड्स ऑफ ऑनर दिया। जनरल ऑफिसर कमांडिंग सुदर्शन चक्र कोर, श्री प्रीतपाल सिंह, एनसीसी के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल अजय कुमार के साथ ही 21 कोर भोपाल के अनेक अधिकारी भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेना एवं एनसीसी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल विजय से हमारी सेना ने एक नया इतिहास रचा। यह विजय भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की पहचान है। युद्धों में कई बार हथियारों के आगे सेना का हौसला महत्वपूर्ण होता है, जो जीत की ओर ले जाता है। पराक्रम भारत की पहचान रही है। दुश्मन हमारे देश में विभिन्न कारणों और तरीकों से नष्ट- भ्रष्ट करने के उद्देश्य से आते हैं, लेकिन हमारे शौर्य के आगे वे टिक नहीं पाते। मिस्र और रोम जैसी पुरानी सभ्यताएं खत्म हो गईं। लेकिन भारत की हस्ती मिटती नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात भारत और पाकिस्तान दो राष्ट्र बने। आज दोनों राष्ट्रों की तुलना करें, तो हम देखते हैं कि भारत की अच्छाईयां अलग स्थान दिलाती हैं। दोनों देशों के बीच 1965 और 1971 के बाद 1999 में युद्ध हुए। जब अटल जी प्रधानमंत्री थे, पड़ोसी ने आंखों में धूल झोंकी। भारत पड़ोसी धर्म का निर्वहन कर रहा था। हमने सदैव ही अपनी सीमाओं और मर्यादा को समझा है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अतीत को देखते हुए समझा है कि पड़ोसी कैसे हैं और उनसे किस तरह व्यवहार करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की पराजय हुई। आज भारत शत्रु के दुस्साहस का उत्तर उसके घर में घुसकर दे सकता है। भारतीय सेना दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक है, जो दुश्मन से निपटना जानती है। कारिगल शहीद सैनिकों को राष्ट्र कभी नहीं भुलाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को कारगिल विजय दिवस की बधाई देते हुए युद्ध के शहीदों को नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में राष्ट्रभक्ति गीत प्रस्तुत करने वाले एनसीसी कैडेट्स (जिनमें छात्र और छात्राएं दोनों शामिल थे) को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने शौर्य स्मारक परिसर में भारतीय थल सेना के सौजन्य से वॉर ट्रॉफी के रूप में प्राप्त टी-55 टैंक को स्थापित करने को महत्वपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शौर्य स्मारक की स्थायी चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी सहित अनेक सैन्य और वरिष्ठ एनसीसी अधिकारी भी उपस्थित थे। प्रारंभ में जनरल ऑफिसर कमांडिंग सुदर्शन चक्र कोर श्री प्रीतपाल सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया। मेजर जनरल श्री अजय कुमार महाजन ने एनसीसी कैडेट्स को हमेशा अनुशासन और राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित होने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया गया।

CG News:किरंदुल में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों सर्वे कर दिया जाएगा मुआवजा

किंरदुल में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों का जल्द मुआवजा दिया जाएगा। राजस्व अमले द्वारा क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे किया जा रहा है। कलेक्टर दंतेवाड़ा ने राजस्व अमले को मकानों, पालतु पशुओं आदि के नुकसान के संबंध में जल्द सर्वे कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए है। जिला प्रशासन दंतेवाड़ा द्वारा किरंदुल में जगह-जगह बारिश से हुए जल जमाव कोे कोपर टेªक्टर मशीन के द्वारा रोड की साफ सफाई की जा रही है। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को स्थानीय मंगल भवन में रुकने तथा भोजन आदि की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन की टीम द्वारा क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। जिसके आधार पर नुकसान का आकलन कर उन्हें क्षतिपूर्ति दी जाएगी। मौसम सामान्य होने पर बाढ़ प्रभावितों की अन्य समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से दंतेवाड़ा जिले के किंरदुल में लगातार बारिश होने के कारण नदियां उफान पर थी जिसके कारण किंरदुल पहाड़ी पर एनएमडीसी द्वारा निर्मित डेम क्षतिग्रस्त हो गया था। क्षतिग्रस्त डेम से मलबा ओर बोल्डर युक्त पानी के सैलाब से डेम के आसपास के इलाके के लगभग 150 मकान क्षतिग्रस्त हो गए इसके अलावा पालतु पशुओं के बहने और वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।

CG News:मुख्यमंत्री विष्णु देव की संवेदनशील पहल

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वर्षों से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने की बाट जोह रही छत्तीसगढ़ की पबिया, पविया, पवीया जाति को अनुसूचित जनजातियों की सूची में पाव जाति के साथ शामिल करने के लिए संवेदनशील पहल की है। मुख्यमंत्री ने इन जातियों का नृजातीय अध्ययन प्रतिवेदन अनुशंसा सहित भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय को आगे की कार्यवाही के लिए भेजा है। प्रदेश भर से आए पाव, पबिया, पविया, पवीया जाति के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक श्री रामकुमार यादव के नेतृत्व में आज विधानसभा के समिति कक्ष में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर उनकी इस संवेदनशील पहल के लिए आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों की लंबे समय से अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होने की मांग थी। राज्य शासन द्वारा अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भारत सरकार को भेजा गया है। उम्मीद है इसका सकारात्मक परिणाम आएगा। उन्होंने बारिश के मौसम में प्रदेश भर से रायपुर आने के लिए प्रतिनिधि मंडल को धन्यवाद दिया। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि मध्यप्रदेश के समय उन लोगों के अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बन रहे थे, लेकिन मात्रात्मक त्रुटि के कारण पिछले 22 वर्षों से प्रमाण पत्र बनना बंद हो गया है, इसकी वजह से हमारे बच्चों को अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलने वाले लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। हमारे बच्चे पढ़ाई-लिखाई में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय को अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भेजने के लिए धन्यवाद दिया। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि पूरे प्रदेश में इन जातियों की जनसंख्या लगभग 22 हजार है। यूं तो ये लोग पूरे प्रदेश में पाए जाते हैं लेकिन प्रमुख रूप से चंद्रपुर, रायगढ़, लैलूंगा, खरसिया, पेंड्रा, मरवाही और जशपुर में रहते हैं। छत्तीसगढ़ के आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पाव, पबिया, पविया, पवीया जाति का नृजातीय अध्ययन करने के बाद प्रतिवेदन तैयार किया है, जिसमें इन जातियों को लक्षणों के आधार पर अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा की गई है। विधायक श्री रामकुमार यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। आज उपस्थित जाति के लोग वास्तव में आदिवासी हैं, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है। इनके हित में मुख्यमंत्री जी ने अच्छी पहल की है। उन्होंने समाज के सामाजिक भवन के लिए रायपुर में जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने नजदीक से महसूस किया है जनजातियों का दर्द गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय स्वयं भी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। उन्होंने बिरहोर, पहाड़ी कोरवा सहित अनुसूचित जनजातियों के लिए अपने सार्वजनिक जीवन के प्रारंभ से काम किया है, इसलिए वे जनजातियों का दर्द अच्छे से जानते हैं।