लखनऊ, 25 मार्च। देश जब आजादी का अमृत काल मना रहा है, तब उत्तर प्रदेश भी अपने इतिहास में अमृत पृष्ठ जोड़ रहा है। शनिवार को योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन सभागार में छह साल की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक ‘छह साल-यूपी खुशहाल’ का विमोचन किया। साथ ही पोस्टर का अनावरण भी किया। सीएम ने कहा कि छह वर्ष में यूपी अब माफिया नहीं, महोत्सव का प्रदेश बन चुका है।
प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया। बोले कि उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन में यूपी ने देश और दुनिया में अलग पहचान बनाई है। सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों, केंद्रीय व प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों के प्रति भी आभार जताया। बोले कि सरकार और संगठन के परस्पर समन्वय ही नहीं, अपितु डबल इंजन के कार्यों को जन जन तक पहुंचाने में भी अपना योगदान दिया। सम विषम परिस्थितियों में तत्परता के साथ कार्य किया है।
पूर्ण बहुमत की सरकार और स्थिरता के मतलब को बताया
सीएम ने कहा कि 6 वर्ष पहले यूपी कहां था, इन 6 साल में जो परिवर्तन हुआ है। वो इस गाथा को सबके सामने रखता है। ये 6 साल यूपी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। पूर्ण बहुमत की सरकार और इसकी स्थिरता का मतलब क्या होता है, यह बीजेपी सरकार ने यूपी के अंदर परस्पर समन्वय संवाद के माध्यम से प्राप्त किया। 6 साल में हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री के प्रेरणा से यूपी के समग्र विकास की जो कार्ययोजना बनाई थी, पूरी ईमानदारी से उसे लागू करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया। परिणाम सबके सामने है। पहले यूपी के अंदर परंपरागत जाति, मत-मजहब, भ्रष्टाचार, परिवारवाद के नाम पर जो राजनीति होती थी, उससे अलग हटकर हमने यहां की पहचान यूपी के अनुरूप असीम संभावनाओं वाले प्रदेश के रूप में बढ़ाने के लिए 10 सेक्टर चिह्नित किए, जिस पर पूरी टीम ने काम किया।
छह में से 3 साल कोरोना से लड़ते हुए काम किया
सीएम ने कहा कि 6 में से 3 साल कोरोना से लड़ते-जूझ़ते हुए काम हुए। यूपी ने इस दौरान अनेक उपलब्धियां हासिल कीं। जिस यूपी के बारे मे कहा जाता था कि वह विकास नहीं कर सकता, पीएम की सभी फ्लैगशिप योजनाओं में आज वह नंबर एक की दौड़ में है। यूपी के इन्फ्रास्ट्रक्चर की चर्चा पूरे देश में हो रही है। युवाओं की नौकरी में परदर्शिता बरती है। निजी क्षेत्र में भी नौकरी और रोजगार के ढेर सारे अवसरों को सृजित करने के प्रयास सामने हैं। आज एक करोड़ से अधिक निराश्रित महिला, वृद्धावस्था पेंशन पाने वाली महिलाओं, दिव्यांगजनों को 12 हजार रुपये मासिक पेंशन यूपी प्रदान कर रहा है। ये वही यूपी है, जहां तमाम अभिभावक इस बात के लिए चिंतित होते थे कि बिटिया का विवाह कैसे करेंगे, उसे कैसे पढ़ाएंगे। आज 14 लाख बेटियां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित हुईं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत सवा दो लाख बेटियों का विवाह संपन्न हुआ। अब भी निरंतर कार्य चल रहे हैं। महिला स्वयंसेवी समूह नये मॉडल के रूप में कार्य कर रही हैं। महिला बाल विकास विभाग के पोषाहार योजना से हर कुपोषित परिवार को जोड़ा गया। उनके प्लांट हर ब्लॉक स्तर पर लगाए जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण, स्वालंबन और सम्मान के आदर्श के रूप में यूपी आगे बढ़ा है।
युवाओं को नौकरी व रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने में मिली सफलता
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि युवा आसानी से नौकरी, आर्थिक स्वावलंबन में आगे बढ़ सकें। स्वत: रोजगार के लिए एमएसएमई में हुए कार्य दिखाई दे रहे हैं। विश्वकर्मा श्रम सम्मान हस्तशिल्पियों को नई पहचान दिला रहा है। हम दो करोड़ युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बना सके। यूपी देश का पहला राज्य है, जहां 20 लाख युवाओं को हमने इससे लाभान्वित किया है। आज यूपी का कोई जनपद नहीं, जहां के युवाओं को सरकारी नौकरी न मिली हो। बिना भेदभाव के सम्मानजनक ढंग से हर तबके का युवा नौकरी प्राप्त कर रहा है। करोड़ों युवाओं को नौकरी और रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में हमें सफलता मिली है। ओडीओपी ने हर श्रमिक को रोजगार प्रदान किया है। विपत्ति के समय में चुनौती के साथ कैसे काम होता है, यूपी ने इसका मानक प्रस्तुत किया है।
डीबीटी के माध्यम से साढ़े 3 लाख करोड़ रुपये खाते में गए
अन्नदाताओं के जीवन में खुशहाली लाने के लिए डीबीटी के माध्यम से साढ़े 3 लाख करेाड़ की राशि उनके खाते में गई है। कर्जमाफी की बात को इसके साथ जोड़ दिया जाए तो ये संख्या 4 लाख करोड़ से ऊपर पहुंचती है। ये सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है, जहां जाति मत मजहब नहीं बल्कि गांव गरीब युवा किसान व महिलाएं हैं।
अपना कार्यकाल पूरा कर रहे अफसर
सीएम ने कहा कि यूपी के बारे में धारणा थी कि यहां परिवारवाद है। दंगे होते हैं पर 6 साल में एक भी दंगा नहीं हुआ। कानून व्यवस्था को लेकर लोग क्या-क्या कहते थे, जिसे असंभव कहा जाता था, यूपी ने उसे संभव बना दिया है। 1.64 लाख पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से पूरा किया गया। यूपी का हर युवा हमारे परिवार का हिस्सा है। पुलिस रिफॉर्म के लिए प्रयास किये गये। यूपी में सात पुलिस कमिश्नरेट बने हैं। यूपी में हर तहसील स्तर पर फायर टेंडर की स्थापना की गयी। पुलिस की अवस्थापना सुविधा को आगे बढ़ा सकें। हर थाने और पुलिस लाइन में अच्छे बैरक बनते दिन चुके हैं या बनते दिखेंगे। साइबर थाना हर रेंज और जिला स्तर पर बनाने के लिए कार्य हो रहा है। हर रेंज स्तर पर फारेंसिक लैब की स्थापना का कार्य हो रहा है। पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता को तीन गुना बढ़ाया गया। लखनऊ में साइबर और फॉरेंसिक लैब की स्थापना की जा रही है। एसडीआरएफ की स्थापना के लिए तीन बटालियन का गठन हुआ। मृतप्राय पीएसी की 54 बटालियन का पुनर्गठन हुआ। महिला कार्मिक की संख्या 10 हजार से 40 हजार तक बढ़ाया गया। यह अपने आपमें महिला सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। यहां सिर्फ सरकार में ही नहीं, प्रशासन में भी स्थायीत्व है। पहली बार आपने देखा होगा कि कोई डीएम-पुलिस कप्तान अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। पहले ताश के पत्तों की तरफ अफसर फेंटे जाते थे। शासन में स्थायित्व है तो प्रशासन में भी स्थायित्व है। इसका लाभ 25 करोड़ जनता को मिल रहा है।