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योगी सरकार ने की 90 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में किसानों को राहत देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गेहूं खरीद की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में खाद्य एवं रसद विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक में गेहूं की खरीद को लेकर समीक्षा बैठक की और इसकी समुचित व्यवस्था करते हुए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में सीएम ने कहा कि प्रदेश में 2 हजार 978 गेहूं क्रय केंद्रों के माध्यम से 19 हजार 209 किसानों से अब तक 89972.77 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई इस खरीद के माध्यम से लगभग 129.04 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। पिछले साल प्रदेश में 2890 क्रय केंद्रों पर 19694 किसानों से 83485.47 मीट्रिक टन की खरीद हुई थी।

गेहूं खरीद के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश
उन्होंने गेहूं खरीद की व्यवस्था पर कहा कि जनपदों में संचालित समस्त क्रय केन्द्रों पर किसानों से गेहूं खरीद सुनिश्चित करायी जाये। किसानों के पंजीकरण एवं सत्यापन में प्रगति लाई जाये। पंचायती राज्य विभाग के जिला पंचायत राज्य अधिकारी को निर्देशित कर ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधानों का सहयोग प्राप्त कर गेहूं खरीद करायी जाये। जिलाधिकारी अपने स्तर से संचालित क्रय केन्द्रों की समीक्षा कर, जहां गेहूं की आवक नहीं हो रही है, उन क्रय केन्द्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ गेहूं की अच्छी आवक है, वहां संचालित कराया जाये। मोबाइल क्रय केन्द्रों के माध्यम से भी गेहूं की खरीद में प्रगति लायी जाये तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये।

केंद्र सरकार भी जारी कर चुकी है आदेश
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद पर प्रदेश सरकार का ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार का भी विशेष ध्यान है। गेहूं खरीद में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने बीते 24 अप्रैल को आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि प्रदेश में पंचायतों और आढ़तियों के माध्यम से भी गेहूं खरीदा जाए। आरएमएस के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों और आढ़तियों के माध्यम से एफ.ए.क्यू. गेहूं खरीद पर अन्य समितियों की भांति उन्हें नियमानुसार 27 रुपये प्रति कुंतल कमीशन देय होगा।

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा कल सुबह 9:30 बजे कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होगी

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा शनिवार, 30 दिसंबर को सुबह 9:30 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के मुख्यालय से शुरू होगी, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की।   उनके पार्थिव शरीर को आज उनके आवास 3, मोतीलाल नेहरू रोड पर रखा जाएगा ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता को अपने नेता को अंतिम सम्मान देने का अवसर मिले।   वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, “कल, 28 दिसंबर को सुबह 8 बजे उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी मुख्यालय ले जाया जाएगा, जहां जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच उन्हें श्रद्धांजलि देने का अवसर मिलेगा।” इसके बाद सुबह 9:30 बजे डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर एआईसीसी मुख्यालय से श्मशान घाट तक अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगा। मनमोहन सिंह के सम्मान में आज CWC की बैठक मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए आज नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक होगी।   कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बैठक आज शाम 5.30 बजे एआईसीसी मुख्यालय में बुलाई जाएगी। केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आज शाम 5.30 बजे एआईसीसी मुख्यालय में सीडब्ल्यूसी सदस्यों, स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्यों वाली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाई जा रही है।”   भारत के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार और प्रमुख सर्वसम्मति निर्माता के रूप में पहचाने जाने वाले मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और रात करीब 8:30 बजे उनका निधन हो गया।

मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 लागू किये जाने की स्वीकृति

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक गुरूवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 लागू किये जाने की स्वीकृति दी है। महा-रजिस्ट्रार कार्यालय, भारत सरकार से प्राप्त प्रारूप नियम के अनुरूप मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 1999 की विभिन्न धाराओं में संशोधन किया गया है। मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 के मुख्य बिंदुओं में जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र के डिजिटल रजिस्ट्रीकरण और इलेक्ट्रॉनिक परिदान का उपबंध, रजिस्ट्रीकृत जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डाटाबेस तैयार करना, दत्तक ग्रहण किये गये, अनाथ, परित्यक्त, सरोगेट बच्चे और एकल माता-पिता या अविवाहित माता से बच्चे के रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाया जाना आदि शामिल है। जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रारंभ की तारीख को या उसके पश्चात् जन्म लेने वाले किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख और स्थान को प्रमाणित करने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र उपयोगी है। किसी आपदा या महामारी में मृत्यु के त्वरित रजिस्ट्रीकरण और प्रमाण पत्र जारी करने के लिये विशेष “उप-रजिस्ट्रार” की नियुक्ति का उपबंध किया गया है। किसी जन्म या मृत्यु के 30 दिन के पश्चात् किंतु एक वर्ष के भीतर विलंबित सूचना की दशा में नोटरी या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी के समक्ष किसी शपथ-पत्र के स्थान पर स्व-अनुप्रमाणित दस्तावेज को प्रस्तुत करने का उपबंध किया गया है। किसी जन्म या मृत्यु के एक वर्ष के पश्चात् रजिस्ट्रार को विलंबित सूचना की दशा में आदेश करने वाले प्राधिकारी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के स्थान पर जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्राधिकृत कार्यपालक मजिस्ट्रेट का उपबंध किया गया है। लोकहित में जन शिकायत निवारण के लिए रजिस्ट्रार/जिला रजिस्ट्रार द्वारा की गई कार्यवाही से व्यथित होने पर अपील का प्रावधान है और उपबंधित शास्तियों में वृद्धि की गई हैं। प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किये जाने की स्वीकृति  मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराईजेशन) किये जाने की स्वीकृति दी गई। इसके क्रियान्वयन से किसान को सिंचाई के लिये दिन में बिजली उपलब्ध होगी, जिससे उनकी जीवन शैली व्यवस्थित हो सकेगी। सौर संयंत्र से 33/11 किलोवॉट विद्युत वितरण उप केन्द्रों पर स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर पर ओवर-लोडिंग और परिणामतः लो-वोल्टेज एवं पावर कट की समस्या कम होगी। साथ ही विद्युत उप केन्द्रों के उन्नयन पर आने वाले वित्तीय भार को बचाया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि कृषकों की सिंचाई आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति, उनके करीब सौर ऊर्जा का उत्पादन एवं आय के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए केन्द्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, (MNRE) द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम- कुसुम) योजना लागू की गयी है। योजना के अंतर्गत सोलर संयंत्र स्थापना के लिए 1.05 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट केन्द्रीय सहायता राशि दी जानी प्रावधानित है। प्रदेश में कुसुम-सी के अंतर्गत पृथक कृषि फीडर्स पर स्थापित कृषि पंप को विद्युत प्रदाय करने के लिए सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराईजेशन) किया जायेगा। मंत्रि-परिषद द्वारा आगामी सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्षिप्रा नदी के तट पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक 29.215 कि.मी. लंबाई के घाट-निर्माण कार्य के लिये 778 करोड़ 91 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रि-परिषद द्वारा संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल नदी लिंक परियोजना के अंतर्गत परियोजना समूह की लागत 28,798 करोड़ 02 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 4 लाख 72 हजार 970 हेक्टेयर का प्रशासकीय अनुमोदन प्रदान किया गया। स्वीकृति परियोजनाओं से मध्यप्रदेश में मालवा एवं चम्बल क्षेत्र के 10 जिले गुना, शिवपुरी, मुरैना, उज्जैन, सीहोर, इन्दौर, देवास, आगर-मालवा, शाजापुर एवं राजगढ़ में कुल 4.73 लाख हेक्टेयर नवीन सिंचित क्षेत्र और चम्बल की दाईं मुख्य नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण से भिण्ड, मुरैना एवं श्योपुर के 1205 ग्रामों में 3.62 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। जनजातीय क्षेत्रों में धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ करने की सैधान्तिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, आयुष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास, पशु पालन एवं डेयरी, पर्यटन एवं जनजातीय कार्य विभाग की चिन्हित योजना अंर्तगत शत-प्रतिशत सेचुरेशन के लिए नवीन योजना धरती आबा- जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) प्रारंभ करने की सैधान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

UP-सीएम योगी के क्रियाकलापों में दिखती है प्रदेश को उन्नति के पथ पर ले जाने की प्रतिबद्धताः स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती

महाकुम्भ 2025 के आयोजन और इसके लिए योगी सरकार द्वारा की जा रही अभूतपूर्व व्यवस्था पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ के लिए प्रयागराज में जो विकास कार्य किए जा रहे हैं उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने पूर्ण लगन से इस कुम्भ पर्व की व्यवस्था की है। सिर्फ कुम्भ ही नहीं, प्रदेश को उन्नति के पथ पर अग्रसर करने की प्रतिबद्धता उनके क्रियाकलापों में दिखती है। सभी संत और प्रदेशवासी उन्हें धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने प्रदेश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। यही नहीं, उन्होंने प्रदेश और देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण और सनातन धर्म के प्रति लोगों को एकजुट करने के लिए भी पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रयासों की प्रशंसा की। कुम्भ के लिए की जा रही अभूतपूर्व व्यवस्था उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रयागराज में जनवरी 2025 से शुरू हो रहे सनातन संस्कृति के सबसे बड़े समागम को भव्य और दिव्य बनाने के लिए वृहद स्तर पर प्रयास कर रही है। इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि खर्च की गई है। संगम जाने वाले रास्तों का चौड़ीकरण हो या सौंदर्यीकरण विकास परियोजनाओं से प्रयागराज का कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है। इनका संज्ञान लेते हुए स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि प्रयागराज में भव्य और दिव्य कुम्भ पर्व होने जा रहा है। जो विकास के कार्य प्रदेश सरकार और सीएम योगी के मार्गदर्शन में किए जा रहे हैं, वह अभूतपूर्व हैं। बहुत अच्छी व्यवस्था की जा रही है। क्षेत्र का विस्तार भी खूब हो रहा है। सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं। इसके लिए सीएम योगी का साधुवाद है। हम उनके प्रति भी मंगलकामना करते हैं। सांस्कृतिक पुनर्जागरण का श्रेय पीएम और सीएम को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, काशी में विश्वनाथ कॉरिडोर, विंध्य कॉरिडोर समेत उत्तर प्रदेश और देश में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पीएम और सीएम के नेतृत्व में देश सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर बढ़ रहा है। मोदी और योगी हिंदू संस्कृति और संस्कार के प्रति निष्ठावान हैं। उनका प्रयास है कि हिंदु संस्कृति की जागृति हो, सभी लोग वैदिक सनातन धर्म के अंतर्गत अपने समाज, अपने राष्ट्र, अपने धर्म, अपने धर्म क्षेत्र की उन्नति में प्रयत्नशील हों। इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। आज सनातन धर्मावलंबी जाग्रत हुए हैं और अपनी संस्कृति को लेकर उनमें जागरूकता आई है। इसके लिए पीएम और सीएम को श्रेय दिया जाना चाहिए। समाज को बांटने वालों से अलग रहना चाहिए संभल के विषय पर उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि सभी दबे, छिपे मंदिरों का पुनरोद्धार हो और सभी चीजें समाज के सामने आएं और उसका लाभ समाज को मिले। सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय होगा, सभी को मानना चाहिए। सीएम योगी और पीएम मोदी के एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे नारे पर उन्होंने कहा कि सबको एकजुट होना चाहिए। सभी भारतीय हैं, भारतीय संस्कृति से संबद्ध हैं। सबको मिलकर एक साथ रहना चाहिए। समाज को बांटने वाले लोगों से हमें अलग रहना चाहिए। महाकुम्भ पर उन्होंने कहा कि पूरे देश और दुनिया के लोग यहां पर आएंगे। सभी को संगम स्नान का पुण्य मिलेगा और उनकी मनोकामना पूर्ण होगी।

UP-सनातन धर्म सुरक्षित है तो दुनिया में सब कोई सुरक्षित है: सीएम योगी

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अयोध्या धाम के अशर्फी भवन आश्रम में आयोजित भव्य अष्टोत्तरशत 108 श्रीमद्भागवत पाठ और पंच नारायण महायज्ञ में भाग लिया। सीएम योगी ने महायज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए आहुतियां अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है और इसे सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि धर्म और संस्कृति के माध्यम से समाज में सकारात्मकता और शांति का प्रसार होता है। ऐतिहासिक मंदिरों पर आक्रमण की घटनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग इन पवित्र स्थलों को नष्ट करने का काम करते थे, उनका कुल और वंश नष्ट हो गया। सीएम योगी ने कहा कि औरंगजेब के परिवार के लोग आज रिक्शा चला रहे हैं। यह उनकी दुर्गति है। अगर उन्होंने पुण्य किए होते और मंदिरों को न तोड़ा होता, तो क्या उनकी ऐसी स्थिति होती? उन्होंने कहा कि विश्व शांति की स्थापना केवल सनातन धर्म के माध्यम से हो सकती है। यह शाश्वत धर्म है, जो सृष्टि के आरंभ से ही चला आ रहा है। विरासत और विकास का समन्वय के साथ काम कर रही डबल इंजन की सरकार- सीएम योगी मुख्यमंत्री ने कहा कि विरासत और विकास के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। उन्होंने अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार ने संतों के मार्गदर्शन में अयोध्या के वैभव को पुनः स्थापित करने का कार्य किया है। रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण और अयोध्या धाम का विकास इसका जीवंत उदाहरण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह यज्ञ न केवल आत्मशुद्धि और पर्यावरण शुद्धि का माध्यम है, बल्कि यह सनातन धर्म की रक्षा और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार भी करता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन मां सरयू के पवित्र अंचल और भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर हो रहा है, जो इस यज्ञ को और भी विशेष बनाता है। सभी को ऐतिहासिक गलतियों से सबक लेने की आवश्यकता है – सीएम योगी सीएम योगी ने कहा कि जिन गलतियों की वजह से भारत को गुलामी की बेड़ियां झेलनी पड़ीं और हमारे धर्म स्थलों का अपमान हुआ, उन्हें दोबारा नहीं दोहराया जाना चाहिए। उन्होंने भारतवासियों से सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। सीएम योगी ने कहा कि अगर विश्व मानवता को बचाना है तो सनातन धर्म का सम्मान करना होगा। यह धर्म सभी के कल्याण की बात करता है। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम् का संदर्भ देते हुए कहा कि यह केवल सनातन धर्म है, जिसने हर जाति और मजहब के लोगों को विपत्ति के समय शरण दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत तब तक भारत है जब तक यहां सनातन धर्म सुरक्षित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस धर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि युगों-युगों से सनातन धर्म ने सृष्टि के साथ तालमेल बनाकर खुद को जीवंत बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इसे किसी भी प्रकार की विकृतियों या विसंगतियों से बचाने के लिए हमें सतर्क रहना होगा। भारत तब तक भारत है जब तक भारत के अंदर सनातन धर्म सुरक्षित है। इसकी रक्षा के लिए इसके संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर के कार्य करना होगा। यह एक शाश्वत धर्म है, सृष्टि के साथ चला हुआ धर्म है हो सकता है कि किसी कालखंड में कुछ विसंगतिया आई हो लेकिन, विसंगती का परिमार्जन भी हमारे ऋषि मुनि संतो के माध्यम से समय-समय परमहापुरुषों के द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए हम करेंगे। कहीं भी हम आपसी उन फूट का, आपसी बंटवारे का, आपसी विभाजन की गलतियों को पूरे देश और पूरे धर्म को नहीं भुगतने देंगे, इस संकल्प के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। धार्मिक स्थलों को को अपवित्र करने वालों का आज अस्तित्व नहीं है- योगी सीएम योगी ने कहा कि आज बांग्लादेश में क्या हो रहा है, पाकिस्तान में क्या हुआ था, इससे पहले अफगानिस्तान में क्या हुआ ? मैं पूछना चाहता हूं उन लोगों से वह कौन लोग थे जिन्होंने देश के अंदर सनातन धर्म से जुड़े हुए उन मान बिंदुओं को नष्ट करने का काम किया था, और क्यों किया था, उसके पीछे की नियत क्या थी। उसके पीछे की नियति थी अपने कुकृत्यों को अंजाम दे करके पूरी धरती को नर्क बनाने की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, संभल में कल्की अवतार की हरिहर भूमि, भोज में ज्ञान के अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के पावन मंदिर जैसे पवित्र स्थलों को अपवित्र करने वालों का आज कोई अस्तित्व नहीं है। यह उनके पापों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई भी ऐसी स्थितियां उत्पन्न न हो, जिनसे हमारे धर्म स्थलों को अपमानित होना पड़े।” सीएम योगी ने पंचनारायण महायज्ञ के आयोजकों का किया अभिनंदन मुख्यमंत्री ने पंचनारायण महायज्ञ के आयोजन के लिए जगद्गुरु रामानुजाचार्य पूज्य स्वामी शंकराचार्य महाराज और उनकी टीम का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस यज्ञ का पुण्य पूरे भारतवासियों को प्राप्त होगा। इस महायज्ञ में कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, जेपीएस राठौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, धर्म-अध्यात्म से जुड़े कई प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025: कीट भारत में चौथा सर्वश्रेष्ठ और दुनिया में 92वां स्थान अर्जित किया

भुवनेश्वर। कीट-डीयू ने शुरुआती टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025 में भारत में प्रभावशाली चौथा स्थान हासिल किया है जो इंटरडिसिप्लिनरी वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों को मान्यता देता है। विशेष रूप से, केवल चार भारतीय विश्वविद्यालय – निजी और सार्वजनिक दोनों – विश्व स्तर पर शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हैं, और कीट उनमें से एक है, जो दुनिया भर में 92 वें स्थान पर है। हाल ही में जारी रैंकिंग में भारत का मजबूत प्रतिनिधित्व है जिसमें 65 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जिनमें से सात शीर्ष 100 में शामिल हैं। विशेष रूप से, अन्ना विश्वविद्यालय भारतीय संस्थानों में अग्रणी है और विश्व स्तर पर 41 वां स्थान हासिल किया है। यह मान्यता इंटरडिसिप्लिनरी अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। भारतीय संस्थानों में, कीट शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक है जो वैश्विक इंटरडिसिप्लिनरी विज्ञान परिदृश्य में देश की उपस्थिति में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। कीट और कीस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की और कहा, “अंतर्विषयक वैज्ञानिक अनुसंधान विश्वविद्यालयों के बीच कीट की स्थिति दशकों से इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के प्रति इसके सर्वश्रेष्ठ योगदान को दर्शाती है”। कीट के गुणवत्तापूर्ण शोधकर्ताओं और कर्मचारियों ने अपने गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, नवाचार और प्रकाशनों के माध्यम से इसे संभव बनाया है। उन्होंने इस अनूठी उपलब्धि के लिए कीट-डीयू के संकाय समुदाय, स्टाफ सदस्यों और छात्रों को बधाई दी। बुद्धिजीवियों ने कहा कि ओडिशा में स्थापित कीट विश्वविद्यालय ने अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में दुनिया भर में अपना प्रभाव फैलाया है।

CG-बलौदाबाजार में खुलेगा बीएड महाविद्यालय और ट्रांसपोर्ट नगर की होगी स्थापना : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में विभिन्न विकास कार्यों का  भूमि पूजन और लोकार्पण करते हुए बलौदाबाजार में बीएड महाविद्यालय खोलने और ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के लिए 60 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत के अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इन कार्यों में से 32 करोड़ 32 लाख रूपए की लागत के 16 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 27 करोड़ 88 लाख रूपए की लागत के 32 विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े और विधायक गुरू श्री खुशवंत साहेब भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत मकानों में से 2100 हितग्राहियों को आवास के स्वीकृति पत्र एवं 51 हितग्राहियों को घर की चाबी सौंपी। उन्होंने इस जिले में संचालित ’’हम होंगे कामयाब अभियान’’ के अंतर्गत 51 युवाओं को सम्मान पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में किसानों ने 3100 रूपए प्रति क्विंटल तथा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी के लिए मुख्यमंत्री श्री साय को धान से भरे टुकनी एवं पर्रा भेंट कर उनके प्रति आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्रति आवास के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये के साथ ही मननरेगा से 90 दिनो की मजदूरी 21,870 रूपये एवं स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय  हेतु 12 हजार रूपये खर्च किए जा रहे है। इस तरह प्रति आवास 1 लाख 53 ’हजार 870 रूपये दिया जा रहा है। आज इस तरह कुल 2100 आवास के लिए कुल 32 करोड़ 31 लाख रूपये का भूमिपूजन किया गया है।