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जानिए क्या है ‘कवच’, जिसकी हो रही है खूब चर्चा !

ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के बाद भारत की ट्रेनों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।

इन सब के बीच ‘कवच सिस्टम’ (Kavach System) की भी चर्चा हो रही है। जिसे भारत में सुरक्षित ट्रेन संचालन की दिशा में बड़ा कदम बताया जा रहा था। मार्च 2022 में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में इसका ट्रायल हुआ था।

वीडियो में देखिये की कैसे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी Kavach System के बारे में समझा रहे हैं।



आइए जानते हैं कि आखिर ‘कवच’ सिस्टम क्या है?

1. कवच सिस्टम क्या है?
भारतीय रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘कवच’ नामक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम विकसित की है. कवच टेक्नोलॉजी को देश के तीन वेंडर्स के साथ मिलकर RDSO (Research Design and Standards Organisation) ने डेवलप किया है. भारतीय रेल ने यह कवच टेक्नोलॉजी खुद डेवलप किया है और इसे नेशनल ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम के रूप में अपनाया गया है. यह सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल – 4 मानकों की अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है.

23 मार्च 2022 को रेल मंत्रालय ने ‘कवच’ नामक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली के विकास के साथ भारत में ट्रेन संचालन की सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की थी.

2. कवच सिस्टम कैसे काम करता है?
‘कवच’ ट्रेन में लगा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस का एक सेट है, जो सिग्नलिंग सिस्टम के साथ-साथ पटरियों पर ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करने में सक्षम है.

‘कवच’ न केवल लोको पायलट को सिग्नल पासिंग एट डेंजर (SPAD) और ओवर स्पीडिंग से बचने में मदद करता है बल्कि खराब मौसम जैसे घने कोहरे के दौरान ट्रेन चलाने में भी मदद करता है. इस प्रकार, कवच के जरिए ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता को बढ़वा मिलता है.

3. कवच की मुख्य विशेषताएं

* अगर लोको पायलट ब्रेक नहीं लगा पाता है तो कवच स्वचालित/ऑटोमेटिक रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है.
* कवच कैब में लाइन-साइड सिग्नल को दोहराता है जो हाई स्पीड और धुंधले मौसम के लिए बहुत उपयोगी है.
* कवच दो इंजनों के बीच टक्कर को रोकने में भी सक्षम है. मतलब एक ही पटरी पर दो       ट्रेनें आमने सामने आ जाएं तो एक्सीडेंट नहीं होगा.
* आपातकालीन स्थितियों के दौरान एसओएस संदेश भेजता है
* नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेन की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव निगरानी
* लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर कवच की मदद से ऑटोमैटिक हॉर्न बजने लगता है

4. क्या बालासोर लाइन पर कवच सिस्टम लगा था?
नहीं. रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने खुद इस बात की पुष्टि की है. ANI को उन्होंने बताया कि इस रूट पर कवच सिस्टम नहीं लगा था.

5. किन रेलवे लाइनों पर लगा है कवच सिस्टम?
4 मार्च 2022 को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में कवच सिस्टम का परीक्षण किया गया था. दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद डिवीजन में लिंगमपल्ली-विकाराबाद खंड पर गुल्लागुडा-चिटगिड्डा रेलवे स्टेशनों के बीच कवच प्रणाली का परीक्षण हुआ था. परीक्षण के दौरान दो ट्रेनें एक-दूसरे की ओर बढ़ रही थीं, जिससे आमने-सामने की टक्कर की स्थिति पैदा हो गई. ‘कवच’ प्रणाली ने स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम की शुरुआत की और ट्रेन को 380 मीटर की दूरी पर रोक दिया.


23 मार्च 2022 के रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारतीय रेलवे ने दक्षिण मध्य रेलवे के लिंगमपल्ली – विकाराबाद – वाडी, विकाराबाद – बीदर (250 KM) खंड के पूर्ण ब्लॉक खंड पर ‘कवच’ का परीक्षण किया था. सफल परीक्षण के बाद दक्षिण मध्य रेलवे के मनमाड-मुदखेड़-धोन-गुंतकल और बीदर-परभणी सेक्शन में 1199 आरकेएम पर कवच का कार्य प्रगति पर था. तब तक दक्षिण मध्य रेलवे में लगभग 1098 आरकेएम नेटवर्क रूट को कवच के दायरे में लाया गया था.

नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई सेक्शन पर कवच लगाने का काम मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

 

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CG News:मुख्यमंत्री विष्णु देव की संवेदनशील पहल

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CG News:मुख्यमंत्री को पोला महोत्सव में शामिल होने का आमंत्रण

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज यहां विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में दुर्ग विधायक श्री ललित चन्द्राकर के नेतृत्व में आये शास्त्री नवयुवक मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को पारम्परिक खुमरी पहना कर उनका अभिवादन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को दुर्ग जिले के मड़ियापार में आगामी 2 सितम्बर को आयोजित होने वाले पोला महोत्सव के 65वें आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने शास्त्री नवयुवक मंडल को आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया और महोत्सव के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विधायक श्री गजेन्द्र यादव, शास्त्री नवयुवक मंडल से श्री सुनील साहू, श्री मनीष साहू, श्री सुदामा निषाद और श्री हेमलाल साहू सहित मंडल के सदस्य उपस्थित थे।

MP News:राज्य सरकार गौ-पालन को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केरवा डेम बुल मदर फार्म का निरीक्षण किया। उन्होंने गायों को हरी घास खिलाई और दुलार भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार गौ-वंश को गौ-शालाओं में रखने का पूरा प्रयास कर रही है। वर्षा काल में कोई भी गौ-वंश सड़कों पर न रहे इसके लिए उन्हें गौ-शालाओं में रखा जा रहा है। गौ-शालाओं की क्षमता भी बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों और गौ-पालकों की आय बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। गौ-पालन को लाभ का धंधा बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। देशी नस्ल को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौ-वंश को प्रोत्साहन देने के लिए योजना बनाई जाए। उन्होंने दूध पर सब्सिडी देने एवं केंद्र और राज्य शासन की विभिन्न स्कीमों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गौ-पालकों को लाभान्वित करने के सभी आवश्यक प्रयास किये जाये।

MP News:नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये प्रतिबद्ध है सरकार – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार विकास के साथ नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये प्रतिबद्ध है। इसलिए समय-समय पर चिकित्सालयों का निरीक्षण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि का समुचित उपयोग हो। सभी अधिकारी गुणवत्ता और दक्षता के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार शाम को हमीदिया अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद जानकारी दे रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हमीदिया अस्पताल में शिशु वार्ड तथा अन्य कक्षों का निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों और मरीजों के परिजन से बातचीत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा अस्पताल में किये जा रहे विस्तार कार्यों और नए प्रस्तावों की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्षाकाल चल रहा है, इसलिए अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ना संभव है। मरीजों को कोई कठिनाई नहीं हो इसको ध्यान से रखते हुए यहां विस्तार के कार्य चल रहे हैं। हमीदिया अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। इस अस्पताल की क्षमता 2250 बेड की है। अभी 1850 बेड की सुविधाा उपलब्ध कराई जा रही है। आशा है कि नए निर्माण कार्यों के पूरा होने से मरीजों की कठिनाईयां दूर हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगभग 199 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव आए हैं। उनमें 35 करोड़ रुपए के रीजनल इन्स्टिट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी, 42 करोड़ रुपए के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक्स, 30 करोड़ रुपए का कैंसर उपचार के लिए नई मशीनें खरीदने के प्रस्ताव शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अस्पताल में बोन मैरो सेंटर जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 20 करोड़ रुपए का पीजी छात्रों के लिए नया छात्रावास ब्लॉक बनाया जाएगा। अस्पताल को 20 करोड़ रुपए की एमआरआई/सीटी मशीन जल्द ही दी जाएगी। 35 करोड़ रुपए का नया एकीकृत ओपीडी ब्लाक और 17 करोड़ रुपए का नया यूजी छात्रावास बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जनता को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के समुचित प्रयास एवं प्रबंध किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि मैं सभी विभागों विशेषकर अस्पतालों में जहां जनता बड़ी संख्या में आती है वहां निरीक्षण अधिक करता हूँ, जिससे मरीजों को कोई कठिनाई न हो।

MP News:मुख्यमंत्री डॉ. यादव से मिले कॉग्निजेंट और हेक्सावेयर आईटी संस्थानों के पदाधिकारी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन्स कार्पोरेशन और वैश्विक स्तर पर आईटी कंसल्टिंग और डिजिटल समाधान प्रदाता हेक्सावेयर के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री निवास में भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को उपाध्यक्ष श्री गौरव हजारा ने कार्पोरेशन की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्पोरेशन द्वारा इंदौर में कॉग्निजेंट डेवलपमेंट सेंटर तैयार किया गया है। इसी तरह हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी द्वारा भी भोपाल में केन्द्र तैयार किया गया है। हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी के पदाधिकारी श्री डेनी दिवाकरन द्वारा संस्थान के कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. यादव को दी गई। दोनों संस्थानों ने एक-एक हजार कर्मचारियों को रोजगार देने की पहल की है।