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संजीव जीवा : वेस्ट यूपी का एक कुख्यात अपराधी जो कभी हुआ करता था कंपाउंडर, अपने ही मालिक का कर लिया था किडनैप

उत्तर प्रदेश | आज बात पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की इसलिए क्योंकि बीते दिनों शामली पुलिस ने उसी के गैंग के एक शख्स को एके-47,करीब 1300 कारतूस व तीन मैगजीन के साथ पकड़ा है। शामली पुलिस ने रास्ते में चेकिंग के दौरान अनिल नाम के शख्स को धर दबोचा था। दरअसल, जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर के नौकरी करता था।

7 जून 2023… शाम के करीब 4 बजे थे। कैसरबाग कोर्ट रूम के अंदर कुछ पुलिसवाले मुख्तार अंसारी से खास शूटर संजीव जीवा को लेकर पहुंचे। हत्या के मामले में उसकी कोर्ट में सुनवाई होनी थी। संजीव एक कुर्सी पर बैठा था। आस पास कई पुलिसवाले और वकील घूम रहे थे। तभी वकीलों की तरह काला कोट पहने एक शख्स आता है और धड़ाधड़ गोलियां चलाना शुरू कर देता है। संजीव को 4 गोलियां लगीं, जिससे उसकी मौत हो गई।

संजीव पहले से उम्रकैद काट रहा था…। वेस्ट यूपी का मोस्ट-वॉन्टेड क्रिमिनल रहा संजीव जीवा कभी घर चलाने के लिए प्राइवेट क्लीनिक में कंपाउंडर का काम करता था। लेकिन पैसों के लालच और अपने ईगो के कारण उसने उसी डॉक्टर को किडनैप कर लिया, जिसने उसे नौकरी पर रखा था।

इस घटना के बाद उसके हौसले बुलंद हो गए। धीरे-धीरे उसके अपराध इतने बढ़े कि वह पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया।

लखनऊ की जेल में बंद था।
उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा जितना खेती-किसानी के लिए प्रख्यात है, उतना ही गैंगस्टर और अपराधियों के लिए कुख्यात रहा है। भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला गैंग और न जाने कितने अपराधियों के बीच संजीव माहेश्वरी का भी नाम जुर्म की दुनिया में पनपा। 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपना खौफ पैदा शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वह पुलिस व आम जनता के लिए सिर दर्द बनता चला गया।

आज बात पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की इसलिए क्योंकि बीते दिनों शामली पुलिस ने उसी के गैंग के एक शख्स को एके-47,करीब 1300 कारतूस व तीन मैगजीन के साथ पकड़ा है। शामली पुलिस ने रास्ते में चेकिंग के दौरान अनिल नाम के शख्स को धर दबोचा था। दरअसल, जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर के नौकरी करता था।

इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती दो करोड़ की मांगी थी। उस वक्त किसी से दो करोड़ की फिरौती की मांग होना भी अपने आप में बहुत बड़ी होती थी। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी।

इसके बाद उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्ह दत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया और इसी क्रम में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने के तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का वरदहस्त भी प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया।

मुजफ्फरनगर…एक ऐसी जगह जो हमेशा से ही असलहों की खेती के लिए मशहूर रहा है। वहां के एक हाई प्रोफाइल अपराधी रवि प्रकाश तक संजीव का किस्सा पहुंचा तो उसने संजीव को अपना शागिर्द बना लिया। यहीं से संजीव का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा।

हालांकि, कुछ सालों बाद मुख्तार और जीवा को साल 2005 में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका है, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं।

मायावती की जान बचाने वाले नेता की हत्या
90 के दशक में पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी यूपी तक मुख्तार अंसारी, ब्रजेश सिंह, मुन्ना बजरंगी, बदन सिंह बद्दो और भोला जाट जैसे माफियाओं का दबदबा था। उस वक्त संजीव जीवा अपने छोटे से गैंग को ऑपरेट कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचना चाह रहा था। इसके लिए उसने ऐसा काम किया, जिसने उत्तर प्रदेश में भूचाल ला दिया। संजीव जीवा ने उस बीजेपी नेता की हत्या कर दी, जिसने कभी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की जान बचाई थी।

तस्वीर गेस्ट हाउस कांड के दिन की है। कहा जाता है कि जब मायावती गेस्ट हाउस में फंस गईं तो उनकी जान ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने ही बचाई थी।
तस्वीर गेस्ट हाउस कांड के दिन की है। कहा जाता है कि जब मायावती गेस्ट हाउस में फंस गईं तो उनकी जान ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने ही बचाई थी।

साल 1997. तारीख 10 फरवरी। बीजेपी के उभरते हुए नेता और विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी फर्रुखाबाद के शहर कोतवाली में अपने घर से कुछ दूर एक तिलक समारोह में शामिल होने गए थे। लौटते वक्त जैसे ही वो अपनी गाड़ी में बैठने लगे, तभी संजीव जीवा ने अपने साथियों रमेश ठाकुर और बलविंदर सिंह के साथ मिलकर उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। इस हमले में ब्रह्मदत्त द्विवेदी के गनर बीके तिवारी की मौत हो गई। जिन ब्रह्मदत्त की हत्या संजीव जीवा ने की थी। उनके सियासी कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी अंतिम यात्रा में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेता शामिल हुए थे।

बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के सीने में दागीं 400 गोलियां

यह बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हैं। जिनकी हत्या में मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी और संजीव जीवा का नाम सामने आया था। हालांकि बाद में कोर्ट से सभी आरोपी बरी हो गए थे।
यह बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हैं। जिनकी हत्या में मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी और संजीव जीवा का नाम सामने आया था। हालांकि बाद में कोर्ट से सभी आरोपी बरी हो गए थे।

उत्तर प्रदेश अब एक ऐसी घटना का गवाह बनने वाला था, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। जिस राज्य में 10 साल पहले एक भाजपा विधायक को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। वहीं एक बार फिर गोलियों की बारिश होने वाले थी। 10 नहीं 100 नहीं, बल्कि 400 राउंड गोलियां चलने वाली थीं और इस वारदात को अंजाम देने वाला था वही लोगों का ‘डॉक्टर’ संजीव जीवा।

हाल ही में प्रशासन ने की उसकी संपत्ति कुर्क
जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद है, लेकिन साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और उन्हें हार मिली थी।

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PB:जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के सेवा नियमों को लेकर कमेटी गठित

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के सेवा नियमों को लेकर 34 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कार्यालय द्वारा जारी बयान में एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि इस समिति में सचखंड श्री हरमंदिर साहिब श्री अमृतसर के एक प्रतिनिधि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल के एक प्रतिनिधि, बाबा हरनाम सिंह खालसा प्रधान दमदमी टकसाल और अध्यक्ष संत समाज, बाबा निहाल सिंह हरियां वेलां प्रधान तरना दल हरियां वेलां, बाबा बलबीर सिंह 96वें करोड़ी प्रधान शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल, बाबा अवतार सिंह सुरसिंह प्रधान दल शामिल हैं। पंथ बाबा बिधि चंद जी, प्रदमश्री बाबा सेवा सिंह कार सेवा खडूर साहिब, बाबा कश्मीर सिंह प्रधान संप्रदा कार सेवा भूरीवाले, बाबा तेजा सिंह खुदा कुराला निर्मले संप्रदा, महंत रमिंदर दास उदासीन संप्रदा, महंत प्रीतपाल सिंह मिठा टिवाणा सेवापंथी, बाबा सेवा सिंह रामपुर खेड़ा, अध्यक्ष मुख्य खालसा दीवान श्री अमृतसर, केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा चंडीगढ़ के सदस्य। प्रतिनिधि, प्रसिद्ध कथावाचक भाई साहिब ज्ञानी पिंदरपाल सिंह, गुरबानी व्याकरण विशेषज्ञ ज्ञानी साहिब सिंह शाहाबाद मारकंडा, भाई महिंदर सिंह गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था यूके, महंत मंजीत सिंह जम्मू-कश्मीर, बीबी इंद्रजीत कौर प्रधान भगत पूरन सिंह पिंगलवाड़ा सोसाइटी, डॉ. करमजीत सिंह उपकुलपति गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर, डॉ. प्रितपाल सिंह उपकुलपति श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व विश्वविद्यालय श्री फतेहगढ़ साहिब, सिख विद्वान डॉ. बलकार सिंह पंजाबी, डॉ. परमवीर सिंह पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, डॉ. अमरजीत सिंह गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर, डॉ. इंद्रजीत सिंह गोगोआनी प्रिंसिपल खालसा कॉलेज सी साई स्कूल अमृतसर, सिख विद्वान डॉ. केहर सिंह, सिख विद्वान डॉ. हरभजन सिंह देहरादून, जी: बलजीत सिंह प्रिंसिपल साहिबजादा जुझार सिंह सिख मिशनरी कॉलेज चौंटा व अन्य शामिल हैं।

PB:शिअद पूरी ताकत से मजीठिया के साथ खड़ा : हरसिमरत कौर

बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने अपने भाई बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का बचाव करते हुए कहा कि शिरोमणि अकाली दल पूरी ताकत से उनके साथ खड़ा है। यह स्पष्ट है कि मजीठिया द्वारा इस सरकार की भ्रष्ट और अनैतिक गतिविधियों को बेबाकी से उजागर करने से मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी सरकार बहुत घबराई हुई है। हम मजीठिया और अन्य अकाली नेताओं द्वारा राज्य एजेंसियों का दुरुपयोग करके लोगों की आवाज दबाने के लिए की जा रही धमकियों से डरते नहीं हैं। अकाली नेतृत्व के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई का यह पहला मामला नहीं है, यह लंबे समय से लगातार हो रहा है और हम इसका डटकर सामना करते आ रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। वहीं, बठिंडा शहरी विधानसभा क्षेत्र के हलका इंचार्ज इकबाल सिंह बबली ढिल्लों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को लोकतंत्र के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि मजीठिया तथा विधायक गुनीत कौर मजीठिया के कई स्थानों पर बिना कोई नोटिस दिए विजिलेंस की छापेमारी तथा बिक्रम मजीठिया को गिरफ्तार करने को लेकर अकाली दल में रोष की लहर है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस बदलाखोरी वाले रवैये को बंद नहीं किया तो सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू किया जाएगा। इस दौरान उनके साथ शहरी अध्यक्ष राजबिंदर सिंह सिद्धू, उपाध्यक्ष विनोद कुमार, हलका अध्यक्ष आरएस चीमा, कुलदीप सिंह नंबरदार, गुरप्रीत सिंह संधू, परमपाल सिंह सिद्धू, जगजीत सिंह भुल्लर, इकबाल सिंह मिठड़ी, अमरिंदर सिंह सिद्धू, मोहनजीत पुरी, हरतार सिंह व अन्य मौजूद रहे।  

PB:पुलिस ने ध्वस्त की तीन नशा तस्करों की संपत्तियां

लुधियाना कमिश्नरेट पुलिस ने नगर निगम लुधियाना के साथ मिलकर बृहस्पतिवार को नशे संबंधी कई मामलों का सामना कर रहे तीन ड्रग तस्करों की अवैध संपत्तियों को संयुक्त रूप से ध्वस्त कर दिया। इस अभियान में न्यू हरिकृष्ण कॉलोनी, इंदिरा मार्केट और ट्रांसपोर्ट नगर में उनके अवैध निर्माण को निशाना बनाया गया। जिला प्रशासन के अनुसार लुधियाना कमिश्नरेट पुलिस और निगम अधिकारियों की देखरेख में कानूनी प्रोटोकॉल का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखते हुए यह अभियान चलाया गया। नगर निगम के स्वामित्व वाली जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई संपत्तियां शेखर, बिमला और उसके बेटे गुरमीत की थी। पुलिस आयुक्त स्वप्न शर्मा ने बताया कि शेखर पर छह आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि बिमला और गुरमीत पर विभिन्न पुलिस थानों में क्रमश: पांच और तीन मामले दर्ज हैं। उन्होंने पंजाब सरकार की नशा तस्करी के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को रेखांकित करते हुए कहा, हम नशे की समस्या को खत्म करने और अपने युवाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। पुलिस आयुक्त ने नशा तस्करों को कड़ी चेतावनी भी दी और उनसे अपने अवैध कारोबार को छोड़ने का आग्रह किया।  

PB:गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां की गोली मारकर हत्या, एक अन्य की भी जान गई

पंजाब के बटाला में कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां हरजीत कौर और उनके साथ मौजूद व्यक्ति करणवीर सिंह की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना वीरवार देर सायं की है। घटना बटाला की सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित कादियां रोड पर उस समय हुई जब हरजीत कौर और करणवीर सिंह एक कार में सवार होकर जा रहे थे। इस दौरान बाइक पर सवार अज्ञात हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। डीएसपी परमवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गोली लगने से करणवीर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल हरजीत कौर को अमृतसर के अस्पताल में रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं और हमलावरों की पहचान तथा गिरफ्तारी के लिए जांच तेज कर दी गई है। गौरतलब है कि जग्गू भगवानपुरिया पंजाब का कुख्यात गैंगस्टर है और इस समय जेल में बंद है। उसकी मां की हत्या के पीछे गैंगवार या पुरानी रंजिश की आशंका जताई जा रही है, हालांकि पुलिस अभी सभी पहलुओं से जांच कर रही है।

PB:तरनतारन के MLA डॉ. कश्मीर सिंह सोहल का निधन, CM भगवंत मान ने जताया शोक

तरनतारन से आम आदमी पार्टी के विधायक डॉ. कश्मीर सिंह सोहल का आकस्मिक निधन हो गया है। डॉ. सोहल पार्टी के मेहनती और संघर्षशील नेता माने जाते थे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी अचानक मृत्यु से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है। उन्होंने दिवंगत नेता के परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति जताई और परमात्मा से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की। भगवंत मान ने लिखा, “इस दुखद घड़ी में हम सभी डॉ. साहब के परिवार के साथ हैं और उन्हें इस कठिन समय में धैर्य और हिम्मत देने की कामना करते हैं।” डॉ. कश्मीर सिंह सोहल ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और पार्टी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके निधन से पार्टी और क्षेत्रवासियों में गहरा शोक है।

HR-प्रदेश सरकार जल्द 7500 पदों पर करेगी भर्ती : नायब सैनी

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि जल्द ही प्रदेश सरकार 7500 पदों पर भर्ती करेगी। इन पदों की परीक्षा व बाकि सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है। अब जल्द परिणाम घोषित किया जाएगा। साथ ही प्रदेश भर के सभी विभागों में खाली पदों का ब्योरा इकट्ठा किया गया है। ग्रुप-सी के पदों के लिए सीईटी के आवेदन लिए जा चुके हैं। जल्द परीक्षा भी आयोजित होगी और विभिन्न विभागों में खाली पदों के विज्ञापन जारी किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने लाडो लक्ष्मी योजना को अमलीजामा पहनाने की पूूरी तैयारी कर ली है। जिसके तहत इसी साल महिलाओं के खातों में 2100-2100 रुपए की राशि जमा करवाई जाएगी। इस योजना के लिए बजट में 5 हजार करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान भी कर लिया है। मुख्यमंत्री सैनी गांव जालखेड़ी में आयोजित जनसभा में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने जालखेड़ी में सरपंच पिंकू द्वारा रखी 8 मांगों को विभागों के माध्यम से पूरा करने के साथ-साथ गांव के विकास कार्यों के लिए 21 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की। सैनी ने कहा कि पिहोवा से यमुनानगर तक फोर लेन की परियोजना को जल्द अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय कांग्रेस के लोगों ने कोर्ट में जाकर 26,000 पदों के परिणाम पर रोक लगवा दी थी। तब हमने संकल्प लिया था कि सरकार बनते ही शपथ लेने से पहले युवाओं को उनके नौकरियों का परिणाम घोषित कर ज्वाॅइन करवाया जाएगा और सरकार ने ऐसा ही किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोगों ने किसानों को एमएसपी के नाम पर भ्रमित करने का प्रयास किया। कांग्रेस ने 55 वर्ष में जितना एमएसपी दिया है। भाजपा सरकार ने 11 साल में उससे कई गुना ज्यादा एमएसपी देने का काम किया है। प्रदेश में सबसे पहले हरियाणा सरकार ने सभी 24 फसलों पर एमएसपी के तहत खरीद शुरू की। मौके पर मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभारी कैलाश सैनी, मीडिया कोऑर्डिनेटर तुषार सैनी, जिलाध्यक्ष तिजेंदर सिंह गोल्डी, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, दीप सैनी, विकास शर्मा, सरपंच सजीव सिंगला गोल्डी, सरपंच सोहन कलालमाजरा, कौशल सैनी, सचिव मेजर विर्क, आनंद शर्मा जालखेड़ी व रिकू कश्यप मौजूद रहे। प्रदेश के 10 जिलों में आईएमटी पर फोकस सैनी ने कहा कि प्रदेश के 10 जिलों में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) बनाने के कार्य को गति से किया जा रहा है। सरकार बनने के बाद प्रदेश के 36 हजार परिवारों को आवास योजना के तहत 151 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में भेजा है। सरकार का लक्ष्य हर सिर पर छत उपलब्ध करवाने का है। इसके लिए वंचित परिवारों के आवेदन करने के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू किया हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन ग्रामीणों ने पंचायत की जमीन पर वर्ष 2004 से पहले कब्जा किया हुआ है, वो सरकार द्वारा बनाए गए एक्ट के तहत वर्ष 2004 के कलेक्टर रेट पर पंचायती जमीन की भूमि को अपने नाम करवा सकते हैं। इससे लोगों के कोर्ट कचहरी में लगने वाले चक्कर खत्म होंगे।