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BSF GUJARAT GEARS UP TO FACE ‘BIPARJOY’ CHALLENGE

Gujarat | In view of advancing severe cyclonic storm ‘Biparjoy’ BSF has readied itself to overcome the challenges posed by the effects of the cyclone. Biparjoy is expected to make a landfall near Jakhau coast on evening of 15th June and will traverse all along the Rann upto Rajasthan thereafter.

Sh Ravi Gandhi, IG BSF Gujarat visited the coastal areas of Bhuj to oversee the measures being adopted to mitigate the devastating effects posed by the cyclone as well as took stock of readiness to deal with any contingency.

The cyclone is predicted to pass through all along the Indo-Pak international border. Besides guarding the international border, BSF have also swiftly mobilised requisite resources for rescue operations.

Coordination with civil authorities has been established and has also ensured provision of all necessary support to Civil administration and local population. About 50 villagers of Gunao village located close to Jakhau coast have been shifted to Gunao outpost of BSF.

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CG-आतंकवादियों की कायराना हरकत से प्रदेश ने अपना बेटा खोया: मुख्यमंत्री साय

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दिवंगत प्रदेश के कारोबारी श्री दिनेश मिरानिया के अंतिम संस्कार में शामिल होकर पार्थिव शरीर को कंधा दिया। उन्होंने स्वर्गीय श्री दिनेश मिरानिया के पार्थिव देह पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और ईश्वर से मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। श्री साय ने शोकाकुल परिवारजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय श्री मिरानिया के पावन स्मृतियों को सहेजने और चिर स्थायी बनाने लिए सरकार किसी सड़क या चौक को उनके नाम पर करने की बात कही। श्री साय ने कहा कि आतंकवादियों की इस कायराना हरकत ने देश की आत्मा पर चोट किया है। पूरे प्रदेश के लिए भी यह दुख और पीड़ा का क्षण है। घिनौनी आतंकवादी घटना में प्रदेश ने अपना एक बेटा खो दिया है। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित हुई, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिला और घाटी के विकास को गति मिली थी। आतंकवादियों ने पर्यटकों के जरिए कश्मीर और देश को अस्थिर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पूरा देश एकजुटता के साथ इस अमानवीय कृत्य का बदला लेगा। श्री साय ने कहा कि पाकिस्तान के शह पर हुई इस हमले का अंजाम उसे भुगताना पड़ेगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी, केंद्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू, विधायक श्री किरण देव, विधायक श्री राजेश मूणत और नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में आम नागरिक मौजूद रहे।

MP-आपातकालीन चिकित्सा उपलब्ध कराने में प्रभावी पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हर जीवन अमूल्य है, आपातकालीन चिकित्सकीय परिस्थितियों में व्यक्ति को उन्नत स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सुविधा प्रदेश में आरंभ की गई है। इस सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार और जिला स्तर पर बेहतर विभागीय समन्वय से क्रियान्वयन आवश्यक है। ऐसे क्षेत्रों में जहां उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां पीपीपी मोड पर चिकित्सालय बनाने के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा योजना की वृहद समीक्षा की। उन्होंने योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग और विमानन विभाग की समन्वय पूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि सेवाओं का बेहतर उपयोग सुनिश्चित कर अमूल्य जीवन का संरक्षण किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों में जैसे सड़क दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा में, ट्रॉमा यूनिट और प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम को घटना स्थल तक एयर एम्बुलेंस द्वारा पहुंचाया जाना चाहिए। इसके साथ ही एयर एम्बुलेंस सेवा के बेहतर उपयोग के लिए सेंसिटिव क्षेत्रों में प्राथमिकता से आवश्यक लैंडिंग अधोसंरचना का विकास करने पर उन्होंने जोर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ऐसे क्षेत्र जहाँ सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं उन्हें चिन्हित करने और इन क्षेत्रों से ट्रॉमा सेंटर तक जल्दी पहुंचाने के लिए सुनियोजित योजना पर कार्य करने के निर्देश दिये, ताकि शीघ्रता से पीड़ित को चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कलेक्टर, और पुलिस प्रशासन को सतत संपर्क में रहने और आवश्यकता पड़ने पर एयर एम्बुलेंस सेवा का उपयोग करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जिला स्तर पर योजना के प्रावधानों और सेवाओं के प्रति विभागीय अधिकारियों को जागरूक करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं और आपदाओं में गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए भारत सरकार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से आवश्यक सेवाओं के प्रावधान किए जा रहे हैं। मंत्रालय से संपर्क कर सेवाओं के बेहतर उपयोग और प्रबंधन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना, अपर मुख्य सचिव गृह श्री जे. एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री संदीप यादव, आयुक्त विमानन श्री चंद्रमौली शुक्ला सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अब तक 61 रोगियों को मिली पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ बैठक में बताया गया कि अब तक 61 मरीजों को पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ प्राप्त हुआ है। इनमें से 52 मामलों में निःशुल्क सेवा प्रदान की गई है, जबकि 9 मामलों में सशुल्क सेवा दी गई। इन 61 मामलों में, रीवा जिले से 19 रोगियों का एयर एम्बुलेंस से परिवहन किया गया, जिनमें से 17 को निःशुल्क सेवा मिली। इसके अलावा जबलपुर से 11, भोपाल से 8, छतरपुर से 6, ग्वालियर और दिल्ली से 3-3 मरीजों को एयर एम्बुलेंस सेवा प्राप्त हुई। बालाघाट, इंदौर, और पन्ना से 2-2 रोगियों को और बैतूल, कटनी, नरसिंहपुर, सतना और उज्जैन से 1-1 मरीजों को यह सेवा प्राप्त हुई। इन 61 मामलों में सबसे अधिक 14 प्रकरण हृदय रोग से संबंधित थे। इसके अतिरिक्त श्वसन रोग के 10, सड़क दुर्घटनाओं के 7, और हेड इंजरी एवं स्पाइनल इंजरी के 6 मामले रहे। इसके अलावा, लिवर रोग और अंग दान से जुड़े 3-3, किडनी रोग और बर्न के 2-2 मरीजों को एयर एम्बुलेंस सेवा से उच्च स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुँचाया गया। अन्य 14 गंभीर प्रकरणों में त्वरित रेफरल की आवश्यकता थी। पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से प्रदेश में कहीं भी चिकित्सा आपात स्थिति उत्पन्न होने पर, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक पहुंचकर, उन्नत आपातकालीन चिकित्सा सेवा द्वारा मरीजों को स्थिर कर उच्च चिकित्सा केंद्रों तक एयर लिफ्ट किया जाता है। सेवा के तहत 1 हेली एम्बुलेंस और 1 फिक्स्ड विंग कन्वर्टेड फ्लाइंग एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है। इसमें उच्च स्तरीय प्रशिक्षित चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टाफ की टीम हमेशा तैनात रहती है। एयर एम्बुलेंस सेवा पात्रता सड़क एवं औद्योगिक दुर्घटना अथवा प्राकृतिक आपदा में पीड़ित व्यक्तियों को राज्य में एवं बाहर शासकीय या निजी चिकित्सालय में निःशुल्क एयर एम्बुलेंस सेवा प्रदाय कर पहुँचाया जाता है। आयुष्मान कार्डधारी को राज्य में और बाहर शासकीय एवं आयुष्मान संबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराई जाती है। अन्य हितग्राही जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, उनके लिए राज्य में शासकीय अस्पताल में निःशुल्क और राज्य के बाहर अनुबंधित दर पर सशुल्क परिवहन की व्यवस्था है। एयर एम्बुलेंस सेवा की स्वीकृति दुर्घटना/आपदा के मामलों में संभाग में निःशुल्क परिवहन के लिए जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अनुशंसा पर स्वीकृति दे सकते हैं, जबकि संभाग के बाहर जाने के लिए स्वास्थ्य आयुक्त स्वीकृति देंगे। गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज से बाहर एयर एम्बुलेंस की स्वीकृति, अधिष्ठाता की अनुशंसा पर संभाग आयुक्त द्वारा और राज्य के बाहर के लिए संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा दी जाती है। अन्य सशुल्क परिवहन मामलों में स्वीकृति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय स्तर पर दी जाती है।

MP- पहलगाम की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, आतंकवादियों को जवाब मिलेगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय सेना को परमात्मा का भी आशीर्वाद प्राप्त है जो हर तरह की अव्यवस्था को सुव्यवस्था में बदल सकती है। हाल ही में पहलगाम में हुई घटना से सभी का मन विचलित और व्यथित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव  आज भोपाल के एयर पोर्ट रोड पर द्रोणांचल परिसर स्थित योद्धा स्थल में लाइट एण्ड साउंड शो के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह शो प्रत्येक शुक्रवार, शनिवार और रविवार की शाम को होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मानवता के दुश्मनों द्वारा पहलगाम में किए गए कायराना हमले में दिवंगत सभी पर्यटकों को श्रद्धांजलि दीं। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर अधर्म करने वालों को निश्चित रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और हमारी सरकार जहां उनका मुकाम है वहां पहुंचाकर छोड़ेगी। इस घटना के बाद पूरा देश एकजुटता के साथ इस नृशंस हत्या कांड के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है। पूरे देश को शुरू से सेना के प्रति आशा और उम्मीद की किरण दिखाई देती है। यह हम सबका सौभाग्य है कि हमारी सेना हमेशा असंभव को संभव करके दिखाती है। हमारे जवान किसी भी स्थिति में स्वर्ग रचने का काम करते हैं, वे दुश्मनों के लिए काल, विकराल और महाकाल बनकर वीरता के झंडे गाड़ते हैं। अद्भुत है लाइट एंड साउंड शो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाइट एंड साउंड शो की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें पाषाण युग से लेकर अब तक के अतीत को और समस्त घटनाओं को श्रेष्ठ ढंग से संयोजित किया गया है। यह स्थान श्रद्धा के भाव से हमें भर देता है। भोपाल का इतिहास भी शो का हिस्सा बना है। यह लाइट एंड साउंड शो सेना के शौर्य से परिचित करवाकर युवाओं को प्रेरित करने का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैसे तो पर्यटन विभाग लाइट एंड साउंड शो करता है लेकिन सेना का यह प्रयास सराहनीय है। यह गौरव का क्षण है। योद्धा स्थल सहित विभिन्न स्मारक राजधानी का गौरव बढ़ा रहे हैं।यह सिलसिला निरंतर चल रहा है। प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में सेना के प्रयास सराहनीय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में सेना के प्रयासों की भी सराहना की। राज्य सरकार सेना के ऐसे प्रयासों में पूर्ण सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वेलनेस सेंटर ” निरामया” में शिरोधारा, पंचक्रम, हाइड्रो थैरेपी और ओजोन थैरेपी उपलब्ध रहेगी। कार्यक्रम में आयुष, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार,संगठन पदाधिकारी श्री महेंद्र सिंह, श्री रविंद्र यति सहित अन्य जनप्रतिनिधि और पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रगति, राष्ट्रीय सुरक्षा और सैनिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं: लेफ्टिनेंट जनरल श्री प्रीतपाल सिंह 21वीं कोर हेड क्वार्टर के लेफ्टिनेंट जनरल श्री प्रीतपाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव अनेक क्षेत्रों में प्रगति के लिए कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता दिखाई देती है। सैनिक कल्याण और पूर्व सैनिकों के हित में प्रदेश में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल में अनेक सड़कों के निर्माण की स्वीकृति भी दी है जिसमें सेना के कार्यालयों और रहवास क्षेत्र को भी लाभ मिल रहा है, जो कार्य अनेक वर्ष से लंबित थे वे पूर्ण हो रहे हैं। लालघाटी क्षेत्र से सड़क द्वारा अन्य इलाके जुड़े हैं। मैराथन हो या लाइट एंड साउंड शो प्रारंभ करने के प्रयास हों, मुख्यमंत्री डॉ. यादव के रूझान से यह गतिविधियां हो रही हैं। श्री प्रीतपाल सिंह ने कहा कि प्रगति से सेना सशक्त होगी। राष्ट्रीय सुरक्षा में सेना, पुलिस और नागरिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

नरवाई जलाई तो नहीं मिलेगा सीएम किसान कल्याण योजना का लाभ, एमएसपी पर फसल उपार्जन भी नहीं करेंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश कृषि आधारित राज्य है। फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने के मामलों में वृद्धि होने से वायु प्रदूषण सहित कई प्रकार से पर्यावरण को बेहद नुकसान हो रहा है। खेत में आग लगाने से जमीन में उपलब्ध पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरक क्षमता में भी गिरावट आती है। इसके निदान के लिये राज्य सरकार पहले ही नरवाई जलाने को प्रतिबंधित कर चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई किसान अपने खेत में नरवाई जलाता है तो उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा नरवाई जलाने पर संबंधित किसान से अगले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल उपार्जन भी नहीं किया जाएगा। वे समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में राजस्व विभाग की समीक्षा में निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, मृदा संरक्षण एवं भूमि की उत्पादकता बनाए रखने के मद्देनजर राज्य सरकार का यह निर्णय एक मई से लागू होगा। शासकीय भूमि, कुएं, बावड़ियों एवं गांवों में सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण हटाने के लिए चलाएं अभियान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासकीय भूमि, कुएं, बावड़ियों, तालाबों एवं गांवों में सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण हटाने के लिए सख्ती से विशेष अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में सभी जल संग्रहण स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राजस्व अधिकारी अपनी महती भूमिका निभाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सभी अमृत सरोवर, तालाब, बांध, नहर एवं अन्य जल संरचनाओं को राजस्व अभिलेखों में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए और अभियान में नहर, कुए और बावड़ियों जैसी जल संरचनाओं को पूर्णत: अतिक्रमण मुक्त किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को नामांतरण और बंटवारा जैसे राजस्व से जुड़े कार्यों का तय समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन के प्रकरण प्राथमिकता के साथ निराकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों का नियमित निरीक्षण करें। नामांतरण, बँटवारा आदि मामलों का निराकरण समय सीमा में निरंतर होता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाए। साइबर तहसील परियोजना से मिल रहा बड़ा लाभ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजस्व सहित सभी विभाग डिजिटाइजेशन की दिशा में अग्रसर है। इसका सीधा लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है, उन्हें अब जरूरी कार्यों के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता है। मध्यप्रदेश की साइबर तहसील परियोजना इसी दिशा में किया गया एक नवाचार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने “प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार” देकर इसकी सराहना की है। उन्होंने बताया कि साइबर तहसील के सकारात्मक परिणाम मिले हैं और किसानों सहित सभी नागरिकों के जीवन में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। साइबर तहसील 1.0 में अब तक 1 लाख 56 हजार 700 से अधिक और साइबर तहसील 2.0 में अब तक 1 लाख 19 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत किए जा चुके हैं। साइबर तहसील 3.0 में भी 26 जनवरी 2025 तक नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा, तरमीम और सीमांकन के 7 लाख प्रकऱण दर्ज हुए हैं। पहले 2 चरणों में 80 लाख से अधिक लंबित प्रकरणों का निपटारा किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा संशोधन जैसे राजस्वगत कार्यों की पेंडेंसी जल्द से जल्द खत्म की जाए। राजस्व महा अभियान को मिला बेहतर रिस्पांस मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में चलाए गए तीन राजस्व महा अभियानों को बेहतर रिस्पांस मिला है। उन्होंने बताया कि गत 15 नवम्बर से 26 जनवरी 25 तक चले राजस्व महाअभियान 3.0 में 29 लाख से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण दर्ज किया गया है। इसके बेहतर परिणामों को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय अधिकारियों को राजस्व महा अभियान वर्ष में दो बार संचालित किए जाने पर विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में राजस्व महाअभियान की सफलता को देखते हुए छत्तीसगढ़ जैसे अन्य राज्यों ने भी इसे लागू किया है। यह हमारे लिये गौरव की बात है। स्वामित्व योजना के अंतर्गत 88 प्रतिशत संपत्तियों का अधिकार अभिलेख वितरण कार्य पूरा बैठक में बताया गया कि राजस्व विभाग के नवाचारी प्रयासों के तहत तैयार की गई स्वामित्व योजना एवं फार्मर रजिस्ट्री के मामले में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। बताया गया कि स्वामित्व योजना में प्रदेश में ग्रामीण आबादी में निजी लक्षित सम्पत्तियों की संख्या लगभग 45.60 लाख है। इनमें से लगभग 39.63 लाख निजी सम्पत्तियों का अधिकार अभिलेख वितरित कर दिया गया है, योजना का 88 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जून 2025 तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। साथ ही फार्मर रजिस्ट्री के लिए विशेष कैंप एवं स्थानीय युवाओं का सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 80 लाख फार्मर आईडी बनाई जा चुकी हैं, यह कार्य भी जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। 85 लाख किसानों को मिल रहा है सम्मान निधि का लाभ राज्य सरकार ने फरवरी 2019 के बाद नए भू-धारकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। इस योजना में केंद्र सरकार हर वर्ष पात्र किसानों को 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करती है। मार्च 2025 तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 28 हजार 800 करोड़ रुपए राशि वितरित की जा चुकी है। साथ ही राज्य सरकार की ओर से भी पात्र मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों को 6 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। वर्ष 2020 से लागू इस योजना में अब तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 17 हजार 500 करोड़ रूपये राशि अंतरित की गई है। वर्ष 2024 से प्रदेशभर में हो रहा फसलों का डिजिटल सर्वे राजस्व विभाग ने गिरदावरी के लिए वर्ष 2024 से फसलों का डिजिटल सर्वे कार्य शुरू किया है। इसमें 60 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं द्वारा खेत और फसलों का सर्वे कार्य पूर्ण किया जा रहा है। प्रदेश में 190 तरह की फसलों की खेती हो रही है। शासकीय भूमि विवाद के न्यायालीन प्रकरणों में मजबूती से

MP- नई सोच के साथ जन सहभागिता के लिए हो प्रयास : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जन सहभागिता के लिए नवाचार और नई सोच के साथ प्रयास किए जाने चाहिए। पर्यावरण संतुलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर पर लम्बे समय से काफी चिंतन हो रहा है। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग अभी भी चुनौती बनी हुई है। आज आवश्यकता है कि हर व्यक्ति को पर्यावरण संतुलन के प्रति उत्तरदायी बनाने के समन्वित प्रयास किये जायें। पर्यावरण संतुलन की चिंता के प्रति समाज संवेदनशील हो। सामाजिक वातावरण हर व्यक्ति, समुदाय को पर्यावरण संतुलन के लिए सजग और सक्रिय बनाने वाला हो। बच्चे, बड़े सभी के दिल और दिमाग में अंकित हो कि पर्यावरण संतुलन और प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या किया जाना चाहिए, क्या नहीं किया जाना है। राज्यपाल श्री पटेल राजभवन के सांदीपनि सभागार में पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन एप्को की 13वीं साधारण सभा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री के. सी. गुप्ता भी मौजूद थे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सरकार के कार्यक्रमों में जन चेतना के जुड़ जाने की सफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण इंदौर शहर है। लगातार 7 बार से देश का सबसे स्वच्छतम नगर की उपलब्धि नगर निगम के एकल प्रयासों का परिणाम नहीं है। यह नगर निगम और इंदौर के नागरिकों के सहभागी प्रयासों का प्रतिफल है। नागरिकों का स्वच्छता आग्रह और स्वच्छता के प्रति जन चेतना की सक्रियता का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने गुजरात के कच्छ इलाके के ग्रामीण विद्यालय के शिक्षक दम्पती की छोटी सी पहल से होने वाले बड़े बदलाव का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि शिक्षक दम्पती ने नई सोच के साथ विद्यालय के वीरान परिसर में पौध-रोपण शुरू किया। विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को पौधे उपलब्ध कराये और परिसर में पौध-रोपण कराया। बच्चों से कहा कि जब वे स्कूल आए तो घर में सब्जियों को धोने वाले पानी को किसी डब्बे अथवा बोतल में लेकर आए। उनके द्वारा लगाए गए पौधे में वही पानी डाल दे। इस नई सोच ने कच्छ जैसे सूखे इलाके के विद्यालय के परिसर को हरा भरा करने का करिश्मा कर दिया है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि समाज में बच्चों की वित्तीय सुरक्षा के लिए बैंकों में धन राशि जमा करते हैं। यह नहीं समझते कि यदि पर्यावरण नहीं रहेगा तो जीवन ही नहीं रहेगा। इस लिए संतान के भावी जीवन की वित्तीय सुरक्षा की चिंता से ज्यादा जरूरी पर्यावरण संतुलन की चिंता है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन की चिंता को समाज की सर्वोच्च चिंता बनाने की दिशा में पहल की जरूरत बताई है। उन्होंने मिशन लाईफ और जलवायु परिवर्तन विषय पर प्रशिक्षित युवाओं से उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी प्राप्त किए जाने के लिए कहा है। उन्होंने नदियों के आस-पास के उद्योगों और बस्तियों के कचरा निष्पादन प्रणालियों की गहन निगरानी की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को बढ़ाने और अनदेखी के मामलो में कड़ी कार्रवाई अत्यधिक गंभीरता के साथ की जाना चाहिए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने बताया कि प्रदेश में जल गंगा अभियान के तहत पौध-रोपण कार्य के लिए वन विभाग को नोडल बनाकर कार्य किए जा रहे है। यह निर्णय किया गया है कि नर्सरी में तीन-चार वर्ष के तैयार पौधों का ही रोपण किया जाए। प्रदेश में आगामी दो-तीन वर्षों में शत प्रतिशत बड़े पौधों का रोपण होने लगेगा। उन्होंने अधिकारियों को एस.एल.सी.टी.सी. के तहत किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग रिपोर्ट राजभवन को नियमित अंतराल पर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। अपर मुख्य सचिव श्री डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा कान्ह नदी के दूषित जल के डायवर्जन हेतु कान्ह क्लोज डक्ट डायवर्जन प्रोजेक्ट के तहत 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। क्षिप्रा नदी को अविरल-निर्मल बनाए जाने का कार्य भी प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि देश की सबसे सुरक्षित चंबल नदी की सुरक्षा के लिए पार्वती कालीसिंध परियोजना में प्रावधान किए गए है। बेतवा नदी के जल प्रवाह को बढ़ाने और सोन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के कार्य भी किए जा रहे है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यावरण डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, सचिव जल संसाधन श्री जॉन किंग्सली, सचिव वित्त श्री लोकेश कुमार जाटव, सचिव वन श्री अतुल मिश्रा, आयुक्त नगर तथा ग्राम निवेश श्री श्रीकांत बनोठ, आयुक्त मनरेगा श्री अविप्रसाद, पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन कार्यपालक निर्देशक श्रीमती उमा माहेश्वरी और साधारण सभा के सदस्यगण, विशेषज्ञ उपस्थित थे।

एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 प्रकाशित: कीट को एशिया में 184वें स्थान पर आंका गया जबकि भारत में 8वें स्थान पर रहा कीट

भुवनेश्वर: हर साल की तरह, टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग की घोषणा की गई है और भुवनेश्वर स्थित कीट डीम्ड विश्वविद्यालय भुवनेश्वर को एक बार फिर उल्लेखनीय स्थान हासिल हुआ है। 2025 के घोषित नतीजे में कीट ने एशिया में 184वीं रैंक हासिल किया है, जो पिछले साल के 196वें स्थान से उल्लेखनीय सुधार है। यह विकास कीट की निरंतर प्रगति और वैश्विक शैक्षणिक उत्कृष्टता के क्षेत्र में इसकी बढ़ती मान्यता की पुष्टि करती है। इस लेटेस्ट रैंकिंग के साथ कीट को भारत में सरकारी और निजी दोनों संस्थानों में 8वां सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता मिली है। इसने कई प्रतिष्ठित भारतीय संस्थानों के बीच यह स्थान हासिल किया है। विश्वविद्यालय ने पूर्वी और उत्तरी भारत में टॉप रैंक वाले डीम्ड विश्वविद्यालय के रूप में अपना गौरव भी बरकरार रखा है। इसके अलावा, खेल विज्ञान विषय में कीट भारत में दूसरे स्थान पर है। इस वर्ष की रैंकिंग में 35 देशों/क्षेत्रों के 853 विश्वविद्यालय शामिल हैं। यह उनके शोध, शिक्षण, ज्ञान आदान – प्रदान और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण का आकलन करता है। 18 प्रदर्शन संकेतकों (मानदंडों) पर आधारित रैंकिंग पर दुनिया भर के छात्र, शिक्षाविद, नीति निर्माता और उद्योग जगत के नेता भरोसा करते हैं। कीट -कीस और कीम्स, के संस्थापक प्रो. अच्युत सामंत ने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले समर्पित फैकल्टीज, कर्मचारियों, छात्रों, पूर्व छात्रों और शुभचिंतकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “यह मान्यता सामूहिक प्रयासों और मिशन-संचालित भावना को दर्शाती है, जो कीट को परिभाषित करती है। हम इस सफलता को हर उस व्यक्ति के साथ साझा करते हैं जो हमारे मूल्यों में विश्वास करता है।” गौरतलब है कि कीट लगातार प्रतिष्ठित वैश्विक रैंकिंग में शामिल रहा है, जिसमें THE World University Rankings और QS Rankings शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने IET, ABET और अन्य जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मान्यताएँ भी अर्जित की हैं, जिससे उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के वैश्विक केंद्र के रूप में इसकी स्थिति और मजबूत हुई है। उल्लेखनीय है कि सिर्फ 27 साल पुराना होने के बावजूद, KIIT ने लिस्ट में मौजूद कई सुप्रतिष्ठित संस्थानों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिनमें से कई 50 साल से ज्यादा समय से मौजूद हैं। इसके अलावा, गौर करें कि KIIT को डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी का दर्जा सिर्फ 21 साल पहले ही मिला था।