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BSF GUJARAT GEARS UP TO FACE ‘BIPARJOY’ CHALLENGE

Gujarat | In view of advancing severe cyclonic storm ‘Biparjoy’ BSF has readied itself to overcome the challenges posed by the effects of the cyclone. Biparjoy is expected to make a landfall near Jakhau coast on evening of 15th June and will traverse all along the Rann upto Rajasthan thereafter.

Sh Ravi Gandhi, IG BSF Gujarat visited the coastal areas of Bhuj to oversee the measures being adopted to mitigate the devastating effects posed by the cyclone as well as took stock of readiness to deal with any contingency.

The cyclone is predicted to pass through all along the Indo-Pak international border. Besides guarding the international border, BSF have also swiftly mobilised requisite resources for rescue operations.

Coordination with civil authorities has been established and has also ensured provision of all necessary support to Civil administration and local population. About 50 villagers of Gunao village located close to Jakhau coast have been shifted to Gunao outpost of BSF.

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BR-चक्रधरपुर रेल मंडल में मरम्मत कार्य : बिहार की 18 ट्रेनें 10 से 28 जून तक रद्द

दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में 10 से 28 जून तक गम्हरिया से सीनी रेलखंड पर ट्रैक रिलेइंग (TRT) मशीनों से मरम्मत और सिग्नलिंग अपग्रेड का कार्य चलेगा. इस कारण 18 प्रमुख एक्सप्रेस और मेमू ट्रेन रद्द रहेंगी. इसके अलावा कई ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट की जाएंगी या परिवर्तित मार्गों से चलाई जाएंगी. इस मेगा ब्लॉक से झारखंड, ओडिशा और बिहार के हजारों यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ सकती है. प्रभावित ट्रेनों में साउथ बिहार एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, इस्पात एक्सप्रेस, टाटा-इतवारी, टाटा-बिलासपुर, संबलेश्वरी एक्सप्रेस और जनशताब्दी जैसी प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं. 10 से 28 जून 2025 तक रद्द होने वाली प्रमुख ट्रेनें   संबलेश्वरी एक्सप्रेस   18005 हावड़ा-जगदलपुर : 10, 17, 24 जून 18006 जगदलपुर-हावड़ा : 12, 19, 26 जून   टाटा-इतवारी एक्सप्रेस (18109/18110)   11, 14, 18, 21, 25, 28 जून   हावड़ा-बड़बील जनशताब्दी (12021/12022)   11, 14, 18, 21, 25, 28 जून   टाटा-बिलासपुर एक्सप्रेस   18113 टाटा-बिलासपुर: 11, 18, 25 जून 18114 बिलासपुर-टाटा: 12, 19, 26 जून   मेमू ट्रेनें   68003/68044 टाटा-गुवा-टाटा: 11, 14, 18, 21, 25, 28 जून 68043/68044 टाटा-राउरकेला-टाटा: 11, 14, 18, 21, 25, 28 जून   शॉर्ट टर्मिनेशन से प्रभावित ट्रेनें   इस्पात एक्सप्रेस   12871 हावड़ा-टिटलागढ़ : केवल टाटानगर तक चलेगी (11, 14, 18, 21, 25, 28 जून) 22862 कांताबांजी-हावड़ा : केवल राउरकेला से चलेगी (उसी तारीखों में)   डायवर्टेड मार्ग से चलने वाली ट्रेनें   उत्कल एक्सप्रेस   18477 पुरी-योगनगरी ऋषिकेश : 10, 17, 24 जून : भद्रक, टाटानगर, चक्रधरपुर, राउरकेला, झारसुगुड़ा स्टेशनों पर सेवा रद्द 18478 योगनगरी ऋषिकेश-पुरी : 15, 22, 29 जून :  झारसुगुड़ा से भद्रक तक सेवा रद्द साउथ बिहार एक्सप्रेस   13288 आरा-दुर्ग: 10, 17, 24 जून :  गम्हरिया से टाटानगर के बीच सेवा नहीं 13287 दुर्ग-आरा: 14, 21, 28 जून : गम्हरिया से टाटानगर के बीच सेवा रद्द   यात्रियों के लिए सुझाव   रेल प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले हेल्पलाइन नंबर 139, NTES ऐप या [enquiry.indianrail.gov.in](https://enquiry.indianrail.gov.in/) पर ट्रेन की स्थिति की जांच कर लें. वैकल्पिक यात्रा के लिए बस सेवाएं या अन्य ट्रेन विकल्पों की योजना भी बनाई जा सकती है   सुरक्षा मानकों को बढ़ाने व ट्रेनों की गति को बेहतर करने के लिए मरम्मत जरूरी    रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, गम्हरिया-सीनी खंड पर यह मेगा ब्लॉक सुरक्षा मानकों को बढ़ाने और ट्रेनों की गति को बेहतर करने के लिए जरूरी है. पुरानी पटरियों को नई तकनीक से बदला जा रहा है, जिससे भविष्य में ट्रेनों का संचालन अधिक तेज़ और सुरक्षित होगा.

UK-चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क, पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं की हुई स्वास्थ्य जांच

चमोली।  चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है। उत्तराखंड सरकार द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए व्यापक स्तर पर चिकित्सा इंतजाम किए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि अब तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग ने ऊंचाई वाले इलाकों में आवश्यक चिकित्सा सहायता को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। हर साल तीर्थ यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिनमें बड़ी संख्या में वृद्धजन और अस्वस्थ लोग भी शामिल होते हैं। ठंड और कम ऑक्सीजन जैसे जोखिमों को देखते हुए इस बार तीन स्तरों पर चिकित्सा ढांचे को मजबूत किया गया है। प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों से लेकर आधुनिक अस्पताल तक इंतजाम इस बार रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में 49 स्थायी चिकित्सा केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट क्रियाशील हैं। साथ ही हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। यात्रा मार्गों की शुरुआत में 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं और कुछ नए केंद्रों को जोड़ा गया है। केदारनाथ में 17 बेड वाला अस्पताल और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती केदारनाथ धाम में एक 17 बिस्तरों वाला अस्थायी अस्पताल चालू किया गया है। स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के लिए कुल 31 विशेषज्ञ डॉक्टर, 200 मेडिकल ऑफिसर और 381 पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों में राज्य, केंद्र सरकार और निजी संस्थानों से आए विशेषज्ञ शामिल हैं। स्वास्थ्य जांच के आधार पर सलाह और रेफरल सेवा अब तक की गई जांचों में कई श्रद्धालु उच्च रक्तचाप या सांस की तकलीफ जैसी समस्याओं से पीड़ित पाए गए, जिन्हें आगे यात्रा न करने की सलाह दी गई। 29 श्रद्धालुओं को सुरक्षा के दृष्टिकोण से वापस भेजा गया, जबकि 369 को एंबुलेंस और 33 को हेली सेवा के ज़रिए उच्च चिकित्सा केंद्रों में रेफर किया गया। डिजिटल मॉनिटरिंग से जुड़ी स्वास्थ्य सेवा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य डाटा की निगरानी ‘ई-स्वास्थ्य धाम’ पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। इसके लिए 50 टैबलेट वितरित किए गए हैं ताकि हर मेडिकल यूनिट का डाटा डिजिटल रूप से रिकॉर्ड हो। पूरे यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस सक्रिय रूप से तैनात की गई हैं।

उत्तराखण्ड के लोक साहित्य को डिजिटल स्वरूप में किया जाएगा संरक्षित– मुख्यमंत्री धामी

देहरादून। उत्तराखण्ड की बोलियों, लोक कथाओं, लोकगीतों एवं साहित्य के डिजलिटीकरण की दिशा में कार्य किये जाएं। इसके लिए ई-लाइब्रेरी बनाई जाए। लोक कथाओं पर आधारित संकलन बढ़ाने के साथ ही इन पर ऑडियो विजुअल भी बनाये जाएं। स्कूलों में सप्ताह में एक बार स्थानीय बोली भाषा पर भाषण, निबंध एवं अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। उत्तराखण्ड भाषा एवं साहित्य का बड़े स्तर पर महोत्सव किया जाए, इसमें देशभर से साहित्यकारों को बुलाया जाए। उत्तराखण्ड की बोलियों का एक भाषाई मानचित्र बनाया जाए। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की साधारण सभा एवं प्रबन्ध कार्यकारिणी समिति बैठक के अध्यक्षता करते हुए कही, मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि भेंट स्वरूप बुके के बदले बुक के प्रचलन को राज्य में बढ़ावा दिया जाए। बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान की राशि 05 लाख से बढ़ाकर 05 लाख 51 हजार की जायेगी। राज्य सरकार द्वारा दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान भी दिया जायेगा, जिसकी सम्मान राशि 05 लाख रूपये होगी। राजभाषा हिन्दी के प्रति युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए युवा कलमकार प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। इसमें दो आयु वर्ग में 18 से 24 और 25 से 35 के युवा रचनाकारों को शामिल किया जायेगा। राज्य के दूरस्थ स्थानों तक सचल पुस्तकालयों की व्यवस्था कराने के साथ ही पाठकों के लिए विभिन्न विषयों से संबंधित पुस्तकें एवं साहित्य उपलब्ध कराने के लिए बड़े प्रकाशकों का सहयोग लेने पर सहमति बनी। भाषा संस्थान लोक भाषाओं के प्रति बच्चों की रूचि बढ़ाने के लिए छोटे-छोटे वीडियो तैयार कर स्थानीय बोलियों का बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि जौनसार बावर क्षेत्र में पौराणिक काल से प्रचलित पंडवाणी गायन ‘बाकणा’ को संरक्षित करने के लिए इसका अभिलेखीकरण किया जायेगा। उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा प्रख्यात नाट्यकार ‘गोविन्द बल्लभ पंत’ का समग्र साहित्य संकलन, उत्तराखण्ड के साहित्यकारों का 50 से 100 वर्ष पूर्व भारत की विभन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित साहित्य का संकलन और उत्तराखण्ड की उच्च हिमालयी एवं जनजातीय भाषाओं के संरक्षण एव अध्ययन के लिए शोध परियोजनों का संचालन किया जायेगा। राज्य में प्रकृति के बीच साहित्य सृजन, साहित्यकारों के मध्य गोष्ठी, चर्चा-परिचर्चा के लिए 02 साहित्य ग्राम बनाये जायेंगे। भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पिछले तीन सालों में उत्तराखण्ड में भाषा संस्थान द्वारा अनेक नई पहल की गई है। भाषाओं के संरक्षण और संवर्द्धन के साथ ही स्थानीय बोलियों को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। भाषा की दिशा में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक पुरस्कार दिये जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव वी.षणमुगम, श्रीधर बाबू अदांकी, निदेशक भाषा श्रीमती स्वाति भदौरिया, अपर सचिव मनुज गोयल, कुलपति दून विश्वविद्यालय डॉ. सुरेखा डंगवाल, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री एवं अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

लैंड फॉर जॉब केस में लालू प्रसाद को बड़ा झटका

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में सीबीआई की तरफ से दायर केस को रद्द कराने के लिए तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट में य़ाचिका दाखिल कर सीबीआई के लैंड फॉर जॉब केस को रद्द करने की मांग की थी लेकिन उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया है।

“ठग्स ऑफ गोवा” से बड़े पर्दे पर धमाल मचाने आ रहे हैं कानपुर के सूर्यांश त्रिपाठी

कानपुर के होनहार युवक सूर्यांश त्रिपाठी अब बड़े पर्दे पर धमाकेदार एंट्री करने जा रहे हैं। फिल्म “ठग्स ऑफ गोवा” में लीड रोल निभा रहे सूर्यांश की यह फिल्म 30 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सूर्यांश ने मुंबई में अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर विज्ञापन फिल्मों, मॉडलिंग और वेब सीरीज में अपनी खास पहचान बनाई है। अब वे एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार एक मुख्य अभिनेता के रूप में। फिल्म “ठग्स ऑफ गोवा” उनके करियर का एक नया और बड़ा मुकाम साबित हो सकती है। दर्शकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सूर्यांश बड़े पर्दे पर क्या जादू बिखेरते हैं। क्राइम थ्रिलर सिनेमा जगत में एक ऐसा जॉनर रहा है जिसे दर्शकों का बहुत बड़ा वर्ग पसन्द करता आया है. इसी शैली का एक सिनेमा “ठग्स ऑफ गोवा” 30 मई 2025 को सिनेमाघरों मे रिलीज के लिए तैयार है. साई पाटिल फिल्म फैक्ट्री के बैनर तले बनी इस पिक्चर के निर्माता साई पाटिल, सह निर्माता योजना पाटिल हैं. फिल्म के निर्देशक साई पाटिल ने इसकी कहानी, पटकथा और संवाद भी लिखे हैँ. गोवा में शूट की गई इस फिल्म का संगीत रवि ने दिया है. इस फिल्म में सूर्यांश त्रिपाठी, गायत्री बंसोडे, रुचिका सिंह, मनवीर सिंह, अंकिता देसाई, विक्की मोटे, गिरिराज कुलकर्णी, सागर पब्बाले, हर्षित उपाध्याय, प्रणय तेली, सुनील कुसेगांवकर, राजदेव जमदादे, योगेश कुमावत, नवनाथ श्रीमंडिलकर जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है. गोवा में सेट यह कहानी अमर अग्निहोत्री के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक कुख्यात ठग है. वह अपने तीन साथियों सलोनी, नेहा और विक्की के साथ मिलकर लोगों को ठगकर मौज करता है। धोखे के खेल में तब एक बुरा मोड़ आता है जब क्राइम ब्रांच ऑफिसर विजय नेहा को धमकाता है और उसे भ्रष्ट मंत्री के बेटे राकेश के करीबी लोगों के बीच घुसकर काले धन से जुड़े दस्तावेज चुराने के लिए मजबूर करता है। जब नेहा अमर को इस खतरनाक काम के बारे में बताती है, तो तनाव बढ़ जाता है। अमर और ऑफिसर विजय के बीच एक भयंकर लड़ाई शुरू हो जाती है. अंत में क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखने का इन्तेज़ार करना पड़ेगा.

कानपुर में एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में आधुनिक तकनीकों से स्किन, हेयर और फैट की उपचार सेवाएं उपलब्ध

कानपुर: शहरवासियों के लिए खुशखबरी है कि अब स्किन और हेयर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इलाज एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में उपलब्ध है। डॉ. गौरी मिश्रा ने बताया कि क्लिनिक में मेड इन कोरिया की न्यू रिच मशीन द्वारा बॉडी लेज़र हेयर रिडक्शन किया जाता है, जिससे अनचाहे बालों के साथ-साथ स्किन पर मौजूद दाग-धब्बों और पिग्मेंटेशन से भी छुटकारा पाया जा सकता है। स्किन टोन को निखारने और फ्लॉलेस लुक पाने के लिए यह मशीन अत्यंत प्रभावी साबित हो रही है। साथ ही, बालों की समस्याओं के समाधान के लिए PRP थैरेपी, GFC थैरेपी और हेयर रीग्रोथ थैरेपी जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे हेयर फॉल, हेयर थिनिंग और गंजेपन जैसी समस्याओं में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। यह क्लिनिक अब हेयर और स्किन हेल्थ के लिए एक भरोसेमंद सेंटर बनकर उभरा है। एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी अब संपूर्ण बॉडी के सौंदर्य और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वन-स्टॉप सेंटर बन गया है। यहां उपलब्ध कायो लेज़र मशीन की मदद से शरीर के किसी भी हिस्से से फैट को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है। यह प्रक्रिया न केवल वजन घटाने में सहायक है, बल्कि बॉडी शेप को भी आकर्षक बनाती है। स्किन, हेयर और बॉडी फैट से जुड़ी सभी आधुनिक थैरेपीज़ अब एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ती। विशेष रूप से शादी या अन्य विशेष अवसरों को ध्यान में रखते हुए, ‘ग्लोइंग स्किन’ के लिए आवश्यक स्किन क्लीनिंग, ब्राइटनिंग और हाइड्रेशन थैरेपीज़ अब स्थानीय स्तर पर सुलभ हैं। डॉ. गौरी मिश्रा के मार्गदर्शन में संचालित यह सेंटर कानपुर में कॉस्मेटोलॉजी और एस्थेटिक उपचार का नया केंद्र बिंदु बनता जा रहा है, जहां हर व्यक्ति को उनकी ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत देखभाल मिल रही है।