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राम मन्दिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा : राज्यपाल

लखनऊ। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधान मंडल के दोनों सदनों को संबोधित किया। राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र आरंभ हो गया। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत में विधानमंडल के सभी सदस्यों और प्रदेश वासियों के लिए सुख, शांति, समृद्धि और सम्पन्नता की कामना की। उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की विशेष तौर पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में वर्ष 2024 अविस्मरणीय स्मृति के रूप में दर्ज हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के रूप में राष्ट्र मन्दिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा है।

1 करोड़ 10 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
राज्यपाल ने प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 से उत्तर प्रदेश दिवस के विशिष्ट आयोजन की परम्परा की भी चर्चा की। उन्होंने किसान हितों के प्रति सरकार की संकल्पबद्धता व्यक्त करते हुए हाल ही में गन्ना मूल्यों में की गई वृद्धि पर भी चर्चा की। राज्यपाल ने फरवरी 2023 में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की चर्चा करते हुए बताया कि अबतक देश-विदेश के निवेशकों द्वारा 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों से लगभग 1 करोड़ 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारकर रोजगार के व्यापक अवसर सृजित किए जाएंगे।

अयोध्या में गतिमान हैं 31,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं
राज्यपाल ने अयोध्या में रामभक्तों की सुविधा और सुगम दर्शन के लिए प्रदेश सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि अयोध्या में अवस्थापना विकास के अनेक उपयोगी कार्य सम्पन्न कराए गये हैं। आज अयोध्या जल-थल-नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी से सम्पन्न हो रही है। लगभग 31,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं यहां गतिमान हैं।

महाकुंभ में सेवा और सुविधा के लिए किये जा रहे उत्तम प्रबन्ध
राज्यपाल ने प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के संबंध में सदन को अवगत कराते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी संतगणों, स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और विश्व भर से आने वाले पर्यटकों, शोधार्थियों, जिज्ञासुओं की सुरक्षा, सेवा और सुविधा के लिए उत्तम प्रबन्ध किए जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 वैश्विक स्तर पर नवीन कीर्तिमान गढ़ने वाला होगा।
राज्यपाल ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र को अपनाते हुए, बिना भेदभाव सभी वर्गों विशेष रूप से गरीबों, किसानों, महिलाओं तथा युवाओं के उन्नयन के लिए सरकार प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य कर रही है। उन्होंने सम्पूर्ण समाधान दिवस, थाना दिवस, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076, आईजीआरएस एवं अन्य प्लेटफॉर्म्स द्वारा जनसमस्याओं एवं शिकायतों का त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण किये जाने की बात कही। साथ ही बताया कि सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के संकल्प को और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री कमाण्ड सेण्टर तथा सीएम डैशबोर्ड की स्थापना की गई है।

राज्यपाल के अभिभाषण के प्रमुख अंश

– सुशासन के संकल्प के साथ उनकी सरकार ने प्रदेश में शांति और प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है।

– एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार महिला सम्बन्धी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश, देश में नम्बर एक राज्य है।

– प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने के लिए प्रदेश सरकार ने वित्तीय अवस्थापना तथा सामाजिक अवस्थापना सहित अर्थव्यवस्था के प्रत्येक पहलू के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

– सुदृढ़ कानून-व्यवस्था, ईज ऑफ डुइंग बिजनेस, निवेश अनुकूल नीतियों तथा सुशासन के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश आज देश में निवेश के ड्रीम डेस्टिनेशन के तौर पर उभरा है। उत्तर प्रदेश बेहतर राजकोषीय प्रबन्धन से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में स्थापित हुआ है।

– विकसित भारत संकल्प यात्रा को हर जरूरतमन्द और वंचित तक शासन की योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त कराने में उपयोगी।

– प्रदेश सरकार की कुशल एवं प्रभावी नीतियों के साथ उत्तर प्रदेश में लगभग 6 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाया गया है।

– सितम्बर, 2023 में उत्तर प्रदेश अन्तरराष्ट्रीय ट्रेड शो के प्रथम संस्करण से प्रदेश के विभिन्न सेक्टरों के उत्कृष्ट उत्पादों तथा इनोवेशनों आदि को विश्व के सामने शो-केस करने में मदद मिली है।

– एमएसएमई सेक्टर, एक जनपद, एक उत्पाद योजना एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना परम्परागत उत्पादों तथा परम्परागत पेशे से जुड़े लोगों को शक्ति प्रदान करने वाला।

– सरकार ने झांसी में एक नई इण्डस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने का निर्णय लिया है।

– अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण से वर्तमान में प्रदेश में 4 अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे क्रियाशील हो गए हैं।

– नोएडा के जेवर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शीघ्र ही प्रारम्भ होने वाला है। इससे उत्तर प्रदेश 5 अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला भारत का एकमात्र राज्य बन जायेगा।

– प्रदेश में 9 किलोमीटर प्रतिदिन मार्गों का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण, 12 किमी प्रतिदिन मार्गों का नवनिर्माण और प्रत्येक 2 दिन में 1 सेतु के निर्माण का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है।

– इलेक्ट्रिक वाहनों के क्रय को बढ़ावा देने के लिए उप्र इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 लागू की गयी है। अब तक 5 हजार से अधिक दो पहिया एवं चार पहिया वाहन क्रेताओं को 16 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी प्रदान की गयी है।

– नई बस सेवा के तहत 97 लखनऊ राजधानी एक्सप्रेस सेवा एवं 91 दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस सेवा प्रारम्भ की गई है।

– उत्तर प्रदेश डाटा सेण्टर नीति-2021 के अन्तर्गत 3 निजी डाटा सेण्टर पार्क्स विकसित करने तथा राज्य में 250 मेगावॉट डाटा सेण्टर उद्योग का विकास किये जाने के निर्धारित लक्ष्य को पहले वर्ष में ही अर्जित कर लिया गया।

– प्रदेश में सौर ऊर्जा आधारित विद्युत परियोजनाओं में पिछले लगभग 7 वर्षों में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में वर्ष 2017 तक कुल स्थापित 288 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी, जो वर्तमान में लगभग 26 सौ मेगावॉट हो गयी हैं।

– सोलर रूफटॉप संयंत्रों की क्षमता में पिछले लगभग 7 वर्षों में साढ़े 4 गुना से अधिक वृद्धि हुई है। प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या एवं वाराणसी को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।

– मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत 241 विस्तारित नगरीय निकायों में मूलभूत आवश्यक सुविधाओं का विकास एवं सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट स्कीम (अर्बन) प्रारम्भ की गई है।

– प्रदेश सरकार द्वारा ‘स्कूल चलो अभियान’ को व्यापक रूप से संचालित किया गया, जिससे 6 वर्षों में बच्चों के नामांकन में लगभग 40 लाख से अधिक की वृद्धि के साथ नामांकन बढ़कर 1 करोड़ 92 लाख हो गया है।

– ऑपरेशन कायाकल्प के तहत प्रदेश के 1 लाख 32 हजार 594 परिषदीय विद्यालयों में से 93 प्रतिशत से अधिक विद्यालयों को 19 मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा चुका है।

– नवस्थापित राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़, माँ शाकुम्भरी देवी विश्वविद्यालय सहारनपुर एवं महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ में शिक्षण कार्य प्रारम्भ हो गया है।

– देवीपाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 16 करोड़ 50 लाख रुपये से अधिक की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गई है।

– विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय एवं मुरादाबाद मण्डल में 01 राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना प्रस्तावित है।

– उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023 में (जनवरी से अक्टूबर तक) लगभग 37 करोड़ 90 लाख पर्यटक आये। इनमें 37 करोड़ 77 लाख भारतीय तथा 13 लाख 43 हजार विदेशी पर्यटक सम्मिलित हैं।

– अन्तरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के दृष्टिगत मिलेट्स की विभिन्न फसलों के 43 हजार 475 बीज मिनीकिट का वितरण कराया गया है।

– गन्ना क्षेत्रफल में 9 लाख 12 हजार हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 से पूर्व, गन्ना उत्पादन लगभग 72 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर था, वह 11.57 प्रतिशत बढ़कर अब लगभग 84 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गया है।

– मुख्यमंत्री निराश्रित गौवंश सहभागिता योजना के तहत कुपोषित बच्चों के परिवारों को अब तक 2 लाख 1 हजार 823 निराश्रित गौवंश सुपुर्द किये गये हैं। इन गौवंश के भरण-पोषण के लिए 1,500 रुपये प्रतिमाह प्रति गौवंश लाभार्थी को उपलब्ध कराए जाते हैं।

– वर्ष 2023-24 में अनन्तिम रूप से दुग्ध उत्पादन 362 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 391 लाख मीट्रिक टन हो गया है।

– वाराणसी, मुरादाबाद, गोरखपुर, कन्नौज, बरेली, लखनऊ, अयोध्या में नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लाण्ट स्थापित किये जा चुके हैं, जबकि कानपुर तथा मेरठ में निर्माणाधीन हैं। प्रयागराज तथा गौतमबुद्धनगर में डेयरी प्लाण्ट का रिफर्बिशमेण्ट पूर्ण करते हुए संचालन प्रारम्भ हो गया है।

– 3 करोड़ 60 लाख अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रतिमाह निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है।

– एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 45 जनपद 66 मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किये जा चुके हैं। 14 जनपदों में केन्द्र सहायतित मेडिकल कॉलेज एवं असेवित 16 जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना पीपीपी मॉडल पर की जा रही है।

– मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से अब तक 17 लाख 82 हजार बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है।

– अन्तरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में प्रदेश के पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित पदों पर नियुक्ति प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। इसके तहत 10 खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा चुके हैं।

– मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत अब तक 3 लाख 19 हजार 93 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया।

– महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हेतु सेफ सिटी परियोजना में महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना।

– ऑपरेशन त्रिनेत्र के अन्तर्गत 08 लाख 54 हजार 634 सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन किया जा चुका है। यूपी 112 के अन्तर्गत 4,800 पीआरवी वाहन संचालित।

– माघ मेला, प्रयागराज 2024 में विविध भाषाओं में बात करने वाले विभिन्न प्रान्तों के नागरिकों के लिए भाषा अनुवाद की सुविधा भी इण्टीग्रेशन 112 में उपलब्ध करायी जा रही है।

– सार्वजनिक सम्पत्तियों से अवैध कब्जे हटाने के लिए एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन। अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए 66 हजार 872 हेक्टेयर से अधिक भूमि मुक्त करायी गयी है।

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CG News:मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी

बारिश को देखते हुए मलेरिया संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए कलेक्टर श्री राहुल देव ने चिकित्सा अमले को पूरी सतर्कता एवं सक्रियता के साथ मलेरिया के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में कलेक्टर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र पैकरा ने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा मच्छर जनित रक्त रोग है, जो मादा एनोफ़िलेज़ मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया होने पर मरीज में बुखार आना, सर दर्द होना, उल्टी होना, मन का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना, थकान पेट दर्द आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मलेरिया का ईलाज और रोकथाम संभव है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए उचित कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत मैदानी स्तर पर फोकस एरिया का चिन्हांकन, मलेरिया के संदेहास्पद रोगियों की रक्त जांच, आर.डी. टेस्ट, माइक्रोस्कोपिक जांच के माध्यम से मलेरिया पैरासाइट स्टेज एंड डेंसिटी का पता लगाना, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट कर रैपिड फीवर सर्वे, सुदूर वनांचल सहित स्कूल, छात्रावास हाट बाजार आदि स्थलों में कैंप लगाकर मलेरिया प्रकरणों की जांच, लार्वा नियंत्रण कीटनाशक छिड़काव किया जा रहा है तथा मलेरिया की रोकथाम के प्रति आमजनों को जागरुक भी किया जा रहा है। डीपीएम श्री गिरीश कुर्रे ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरों पर नियंत्रण तथा उनके काटने से बचाव जरूरी है, इसलिए हमें घरों और अपने आस-पड़ोस में अच्छी सफाई रखनी चाहिए, लोगों को मलेरिया होने के कारण की जानकारी देनी चाहिए, घरों के आसपास गंदगी एवं पानी एकत्रित नहीं होना देना चाहिए, कूलर की समय-समय पर साफ-सफाई, मच्छरदानी आदि का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पानी इकट्ठा वाले स्थान पर मिट्टी तेल का छिड़काव किया जाना चाहिए, जिससे मच्छरों के लार्वा मर जाएं, तालाब या झीलों में लार्वा खाने वाली मछलियां जैसे गैंबुसिया आदि छोड़ना चाहिए, खिड़की एवं दरवाजा में बारीक जाली लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि बुखार या अन्य लक्षण दिखाई देने पर मरीज को तत्काल अपने रक्त की जांच करानी चाहिए एवं चिकित्सक की सलाह से ही दवाई इत्यादि का सेवन करना चाहिए।

CG News: जशपुर को पर्यटन नक्शे में शामिल करने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की बड़ी पहल

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक व धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है। इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा। साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है। उल्लेखनीय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है। बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है। वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है। इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है। पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं। राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है। इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके। इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है। विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति – स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

CG News: विष्णु के सुशासन में दिव्यांगों को मिल रही सुविधा

छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार प्रदेश में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। राज्य के निःशक्तजनों के लिए सरकार सहारा बन रही है। जिसके समाज कल्याण विभाग के माध्यम से राहत पहुंचाने का कार्य हो रहा है। निराश्रित, बुजुर्ग एवं दिव्यांग हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम हो रहा है। जिला कांकेर, ग्राम गोतपुर आवास पारा निवासी 13 वर्षीय कुमारी वर्षा 80 प्रतिशत दिव्यांग है और चलने-फिरने में अक्षम है। उसे कहीं भी जाने के लिए दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता था। अब उसकी राहे आसान हो गई है और वह अपना सफर पूरा करने के लिए खुद सक्षम है। क्योंकि समाज कल्याण विभाग द्वारा व्हील चेयर प्रदान किया गया। व्हील चेयर मिल जाने से अब उन्हें गांव से बाहर आने-जाने में आसानी होगी। समाज कल्याण विभाग की अधिकारी श्रीमती क्षमा शर्मा ने बताया कि दिव्यांग वर्षा के पिता श्री कमलेश के द्वारा व्हीलचेयर प्रदान करने हेतु आवेदन किया गया था, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए समाज कल्याण कार्यालय परिसर में व्हीलचेयर प्रदान किया गया।

MP News:हर घर, जल ग्राम घोषित करें : सचिव नरहरि

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सचिव श्री पी. नरहरि ने उज्जैन में जल जीवन मिशन के कार्यों की संपूर्ण जानकारी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर साझा करने तथा परियोजना स्थल पर उनका दौरा कराने के भी निर्देश दिए।कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक त्वरित गति से पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर उन्हें “हर घर जल ग्राम “घोषित करने एवं प्रमाणीकरण करने के लिए निर्देशित किया। संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यांत्रियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की। जल निगम के एम डी श्री कोलसानी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

MP News:चार बैगा परिवारों की संवर गई जिन्दगी पीएम जनमन से मिला नया घर, नया जीवन

ये कहानी उन चार बैगा जनजाति परिवारों की है, जिन्होंने कुछ दिन पहले तक सिर्फ अभावों और कठिनाईयों का जीवन जिया था। जीवन की दुश्वारियों से परेशान ये बैगा परिवार अपनी जिन्दगी बदलना तो चाहते थे, पर कोई राह नहीं मिल रही थी। इनकी कई परेशानियों के इन्ही कड़वे दिनों में एक नई मिठास लेकर आई पीएम जनमन योजना। भारत सरकार ने देश की 75 विशेष पिछड़ी जनजातियों (पीवीटीजी) के उत्थान के लिये यह योजना प्रारंभ की है। इसमें (पीवीटीजी) परिवारों को पक्का घर, पोषण आहार, स्वच्छ जल, बिजली, अच्छी शिक्षा, रोग उपचार, गांव तक पक्की सड़क, संचार कनेक्टिविटी जैसी तमाम सुविधाओं एवं इन जनजातियों के रोजगार का प्रबंध भी किया जा रहा है। भारत सरकार के साथ मध्यप्रदेश सरकार भी प्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया एवं सहरिया के समग्र कल्याण के लिये विशेष उपाय कर रही है। इन जनजातियों के सभी परिवारों को पक्का घर एवं इन घरों को बिजली से रौशन करने के लिये सरकार तेजी से प्रयासरत है। इन चार बैगा परिवारों को भी पीएम जनमन की ‘सबको घर’ और ‘हर घर बिजली’ योजना का लाभ मिला है। शहडोल एक जनजातीय विशेषकर बैगा जनजाति बाहुल्य जिला है। जिले के ग्राम टेटका निवासी श्रीमती रामरती बैगा पहले एक कच्चे मकान में अपने परिवार के साथ रहती थीं। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण रामरती बैगा को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मजदूरी तक करना पड़ी। मजदूर परिवार के लिए खुद के घर का सपना देखना मानो बेमानी था। पीएम जनमन योजना ने रामरती और उसके परिवार का यह सपना पूरा कर दिया। रामरती को अब पक्का घर मिल चुका है। पहले रामरती का परिवार ठंड, गर्मी, बरसात में जैसे-तैसे गुजर-बसर करता था, पर आज वे सभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं। उनका जीवन स्तर भी सुधर रहा है। इन्हें अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। कच्चे घर की कठिनाईयाँ भी अब दूर हो गयी हैं। ग्राम पंचायत मसियारी की मुन्नीबाई बैगा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पहले वे कच्चे मकान में गुजर-बसर करती थीं। बरसात में आये दिन ऊपर से पानी ठपकता रहता था। ठंड में तो जीना मुहाल हो जाता था। काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। दूसरों के पक्के घर देखकर वे सोचती थीं कि इस जीवन में क्या वह भी कभी अपने पक्के घर में रह पायेगी। पर पक्के घर के मुन्नीबाई के सपने को जन-मन आवास योजना ने पूरा कर दिया है। योजना से मुन्नीबाई का पक्का घर तैयार हो गया है। अब वे इसी पक्के घर में रहती हैं। कच्चे घर की उन तमाम समस्याओं से भी उन्हें हमेशा के लिये निजात मिल गई है। वर्षा और ठंड की दिक्कतें भी अब नहीं उठानी पड़तीं। बुढ़ार की ग्राम पंचायत भमला निवासी आइतू बैगा भी इस योजना से पक्के घर की सौगात के लाभार्थी हैं। आइतू बैगा बताते हैं पहले उनका परिवार कच्ची झोपडीनुमा घर में रहता था। जिसमें काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। पीएम जनमन से मेरा पक्का मकान तैयार हो गया है और अब मैं इसी मकान में खुशी-खुशी रहने लगा हूं। जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत बनसुकली निवासी श्रीमती सरोजनी बैगा को भी पीएम जन-मन आवास योजना से पक्के घर का लाभ मिला है। कच्चे घर और उसकी परेशानियों को सरोजनी अब एक बुरे सपने की तरह भूल चुकी हैं। क्योंकि इन सबके जीवन में पीएम जन-मन योजना से एक नई डगर, एक नया उजाला जो आ गया है।

MP News:सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है लक्ष्य हमारा – मंत्री

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि आने वाला समय सौर ऊर्जा का है। हमें सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुँचाना है क्योंकि ऊर्जा का सबसे सस्ता और सुलभ स्रोत सौर ऊर्जा बनने जा रहा है। मंत्री श्री शुक्ला ने ऊर्जा विभाग और काउंसिल ऑफ एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के बीच आज मंत्रालय में हुए 3 साल के करारनामे (एमओयू) के बीच चर्चा में ये बातें कही। उन्होंने सीईईडब्ल्यू की टीम को अन्य राज्यों में किये गये कार्यों का अनुभव मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करने को कहा। मंत्री श्री शुक्ला के मौजूदगी में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनु श्रीवास्तव और सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ. अरूणाभ घोष ने तीन साल के एमओयू पर हस्ताक्षर किये। मंत्री श्री शुक्ला ने सबसे पहले काउंसिल का मध्यप्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि निश्चित ही उनके साथ काम करने से मध्यप्रदेश के लोगों को लाभ होगा और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सीईईडब्ल्यू बिहार और आसाम में किये गये कार्यों के अनुभव को मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करे। साथ ही मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के अधिकारी बिहार और आसाम की विजिट करें। इससे प्राप्त अनुभव से मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य योजना बनाई जा सकेगी। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ला के मार्गदर्शन में प्रदेश में काउंसिल के साथ मिलकर कार्य करेंगे। रूफ टॉप एनर्जी, कुसुम-ए एवं कुसुम-सी योजना में अधिकतम लोगों को लाभांवित करने की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी के साथ आज हुए करारनामे में तत्परतापूर्वक कार्य किया जायेगा। आगामी दो माह में टेण्डर इत्यादि प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली के क्षेत्र में प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लोग अटल योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रयास करेंगे कि सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाकर अधिक से अधिक लोगों तक सस्ती बिजली मुहैया कराई जाये। काउंसिल के सीईओ डॉ. घोष ने बताया कि सीईईडब्ल्यू ऊर्जा, पर्यावरण और जल के क्षेत्र में एशिया की अग्रणी गैर लाभकारी नीति अनुसंधान संस्थाओं में से एक है। यह संसाधनों के उपयोग, पुन: उपयोग और दुरूपयोग से बचाने के लिये डाटा, एकीकृत विश्लेषण और रणनीतिक ऑउटरीच का उपयोग करती है। इस अवसर पर ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अमनवीर सिंह बैस और सीईईडब्ल्यू की प्रोग्राम डायरेक्टर सुश्री शालू अग्रवाल मौजूद थीं।