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Uttrakhand News:म्येरू पहाड़ फाउण्डेशन ने किया मुख्यमंत्री धामी को सम्मानित

नई दिल्ली। देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कराने के लिए म्येरू पहाड़ फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सम्मानित किया।

बुधवार को डीपीएमआई सभागार न्यू अशोक नगर नई दिल्ली में म्येरू पहाड़ फाउण्डेशन द्वारा उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता विधेयक विधान सभा से पारित होने पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू किये जाने के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सभी ने प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने राज्य विधान सभा में नागरिक संहिता विधेयक पास होने के पीछे उत्तराखण्ड की जनता का आशीर्वाद बताते हुये कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह कानून मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्र सरकार तथा प्रदेश की देवतुल्य जनता का भी आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं पं. दीन दयाल उपाध्याय को नमन करते हुए कहा कि देश में सभी के लिये सभी के लिये समान कानून लागू करने का हमारा संकल्प रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने समान नागरिक संहिता पर देवभूमि की सवा करोड़ जनता से किये गए अपने वादे को निभाया है।

कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की जनता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ’’एक भारत और श्रेष्ठ भारत’’ मंत्र को साकार करने के लिए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना आशीर्वाद देकर पुनः सरकार बनाने का मौका दिया।

सरकार गठन के तुरंत बाद, जनता जर्नादन के आदेश को सिर माथे पर रखते हुए हमने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई जी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिये 43 जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर समिति को विभिन्न माध्यमों से लगभग 2.33 लाख सुझाव प्राप्त हुए। प्राप्त सुझावों का अध्ययन कर समिति ने उनका रिकॉर्ड समय में विश्लेषण कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट 02 फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी तथा सात फरवरी को विधान सभा द्वारा पारित कर ’11 मार्च’ को राष्ट्रपति महोदया द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि इसकी नियमावली बनाने के लिये समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होते ही इस वर्ष अक्टूबर तक इसे प्रदेश में लागू कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से इस देवभूमि से निकलने वाली मां गंगा अपने किनारे बसे सभी प्राणियों को बिना भेदभाव के अभिसिंचित करती है उसी प्रकार राज्य विधान सभा से पारित समान नागरिक संहिता के रूप में निकलने वाली समान अधिकारों की संहिता रूपी ये गंगा हमारे सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात संविधान स्वयं करता है, क्योंकि हमारा संविधान एक पंथनिरपेक्ष संविधान है। यह एक आदर्श धारणा है, जो हमारे समाज की विषमताओं को दूर करके, हमारे सामाजिक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि माँ गंगा-यमुना का यह प्रदेश, भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, आदि कैलाश, ऋषि-मुनियों-तपस्वियों, वीर बलिदानियों की इस पावन धरती ने एक आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लिखित होने के बावजूद अब तक इसे दबाये रखा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों को रोका जाए। हमारी माताओं-बहन-बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त किया जाए। हमारी आधी आबादी को सच्चे अर्थों में बराबरी का दर्जा देकर हमारी मातृशक्ति को संपूर्ण न्याय दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में बीते दश वर्षों में शक्तिशाली समाज एवं देश के विकास में अनेक महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। विकसित भारत का सपना देखने के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर अग्रसर है। उनके नेतृत्व में सैंकड़ों वर्षों के बाद अयोध्या में रामलला अपने जन्मस्थान पर विराजमान हुए हैं, और मातृशक्ति को सशक्त करने के लिए विधायिका में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता में लिव इन संबंधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए कहा कि एक वयस्क पुरुष जो 21 वर्ष या अधिक का हो और वयस्क महिला जो 18 वर्ष या उससे अधिक की हो, वे तभी लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे, जब वो पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में न हों और कानूनन प्रतिबंधित संबंधों की श्रेणी में न आते हों। लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिव-इन में रहने हेतु केवल पंजीकरण कराना होगा जिससे भविष्य में हो सकने वाले किसी भी प्रकार के विवाद या अपराध को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले जम्मू कश्मीर में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है। यहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सेना, अर्द्ध सैन्य आदि बलों से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य देश दुनिया के लोगों को आकर्षित का केंद्र रहा है। देवभूमि उत्तराख्ण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये राज्य में हमने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनाया गया है।

हमारी सरकार लैंड जिहाद को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार कार्यवाही कर रही है। अब तक 5 हजार हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। दंगा करने वाले दंगाइयों से ही सारे नुकसान की भरपाई का नियम लागू किया गया है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, संतुष्टि के साथ-साथ विकल्प रहित संकल्प की मूल भावना को साकार करने की दिशा में अग्रसर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता का अभाव था, परन्तु हमने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने का कार्य किया तथा राज्य में देश के सबसे कठोर “नकल विरोधी कानून बनने के बाद पारदर्शिता के साथ ही अब समयबद्ध तरीके से परीक्षाएं संपन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि यह नकल विरोधी कानून का ही प्रतिफल है कि हम हर रोज अलग अलग विभागों में योग्य युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उन्हें रोजगार देने का कार्य कर रहे हैं। अब तक 15 हजार से अधिक युवाओं को पारदर्शिता के साथ सरकार नौकरी दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर आगे बढ़ कर जनहित के कार्य किए जा रहे हैं। आज उत्तराखंड विकास और विश्वास के अभूतपूर्व माहौल में, जन आकांक्षाओं को पूरा करते हुए आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका सम्मान उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का सम्मान है।

म्येरू पहाड फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो. दयाल सिंह पंवार, एडवोकेट सतीश टम्टा, पूर्व आईएएस कुलानंद जोशी, देवेन्द्र जोशी आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष विनय रोहिला, प्रो ललिता गांधी, डॉ धर्मा रावत आदि उपस्थित थे।

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ओडिशा के राज्यपाल से बीएसपीएस के प्रतिनिधि मंडल ने की मुलाकात

भुनेश्वर: भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ(बीएसपीएस) के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन के नेतृव में पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास से भुनेश्वर स्थित राजभवन में मुलाकत की। इस अवसर पर पत्रकारों के मुद्दों को लेकर लंबी चर्चा हुई। आज राज्यपाल से मिलने वालों में राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन, बीएसपीएस बंगाल राज्य इकाई से राष्ट्रीय संयुक्त सचिव एस एस नसरीन, बी पांडा, नईमुल्ला खान मुख्य रूप से मौजूद थे। ज्ञात हो कि देश भर में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, पत्रकार पेंशन योजना, पत्रकार स्वास्थ बीमा योजना, रेलवे में पत्रकारों को छूट पुनः बहाल करने एवं टोल टैक्स में छूट की मांग को लेकर देश भर की राज्य इकाई द्वारा संघर्ष जारी है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडू, एवं छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा पेंशन एवं स्वास्थ बीमा योजना का लाभ पत्रकारों को मिल रहा है।

MP:वीरांगना रानी दुर्गावती के सम्मान में उनकी प्राचीन राजधानी में होगी मंत्रि-परिषद की बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वीरांगना रानी दुर्गावती का योगदान ऐतिहासिक था। शौर्य की प्रतीक रानी युद्ध संचालन में दक्ष थीं। उन्होंने बाहरी हमलावरों को निरंतर परास्त किया। लगातार 51 युद्ध जीतने के बाद उनका आखिरी युद्ध भी प्रेरणादायी था, जिसमें उन्होंने पराजय की स्थिति देखते हुए शत्रु के हाथ मारे जाने की बजाय कटार भोंककर स्वयं की इहलीला समाप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती की राजधानी में मंत्रि-परिषद की बैठक और रानी दुर्गावती के जीवन से जुड़े अन्य स्थानों पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दमोह जिले में सिंग्रामपुर गांव के निकट सिंगौरगढ़ का किला है। यह क्षेत्र वीरांगना रानी दुर्गावती की राजधानी के रूप में इतिहास में दर्ज है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में निर्देश दिए कि वीरांगना की स्मृति में जबलपुर में 100 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित किए जा रहे रानी दुर्गावती स्मारक स्थल और उद्यान के कार्य शीघ्र करवाने की कार्यवाही की जाए। इन कार्यों की सतत समीक्षा भी की जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस स्मारक स्थल की आधारशिला रख चुके हैं। इस कार्य की एजेंसी मध्यप्रदेश राज्य पर्यटनविकास निगम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीरांगना की जन्मतिथि पर आगामी 05 अक्टूबर को भी विशेष कार्यक्रम के आयोजन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने वीरांगना रानी दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की प्रथम बैठक 3 जनवरी 2024 को जबलपुर में आयोजित की थी। इसके साथ ही वीरांगना के नाम पर रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना भी प्रारंभ की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने पति दलपत शाह की मृत्यु के बाद अपने राज्य की रक्षा के लिए गोंडवाना साम्राज्य की बागडोर संभाली। इनके राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी थी कि करों का भुगतान सोने के सिक्के और हाथी देकर किया जाता है। वीरांगना ने जबलपुर में रानीताल, चेरीताल और आधारताल सहित अनेक सरोवरों का निर्माण करवाया। उन्होंने शिक्षा और पारम्परिक ज्ञान को प्रोत्साहित किया। कई मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण भी करवाया। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने प्रेजेंटेंशन में बताया कि रानी दुर्गावती के प्रसिद्ध 52 गढ़ों पर केन्द्रित एक रेडियो धारावाहिक का प्रसारण निरंतर हो रहा है। वीरांगना और उनके परवर्ती शासकों की कला और स्थापत्य की उपलब्धियों पर शोध ग्रंथ प्रकाशित किया गया है। संस्कृति विभाग वीरांगना के जीवन पर वृत्त चित्र निर्माण, नृत्य नाटिका, गायन कार्यक्रम और वीरांगना की जीवन गाथा को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित करने की गतिविधियां आयोजित कर चुका है। शैक्षणिक संस्थाओं में वीरांगना के जीवन पर केन्द्रित निबंध और आलेख लेखन स्पर्धाएं करवाना प्रस्तावित है। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

UP:चकबंदी कार्यों में योगी सरकार ने स्थापित किया 10 वर्षों का नया कीर्तिमान

लखनऊ: योगी सरकार अन्नदाताओं के हितों के लिए लगातार आवश्यक कदम उठा रही है। इसी के तहत योगी सरकार ने पिछले वर्ष सितंबर माह में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान चकबंदी विभाग को किसानों के खेत की सीमा संबंधी विवादों को सुलझाने, गांवों को विकास से जोड़ने, सरकारी योजनाओं का लाभ देने एवं सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए निर्देश दिये थे। साथ ही, गांवाें में ग्राम अदालत लगाकर वादों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिये थे। सीएम योगी की मॉनीटरिंग का ही नतीजा है कि योगी सरकार ने चकबंदी संबंधी कार्यों में पिछले एक वर्ष में 10 वर्षों का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में आठ माह में प्रदेश के 40 जिलों के 82 ग्रामों में अब तक चकबंदी करायी जा चुकी है। वहीं पिछले वर्ष 2023-24 में प्रदेश के 74 जिलों के 781 गांवों में चकबंदी करायी गयी। इसके अलावा पिछले साल सितंबर से अब तक 705 ग्राम अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें 25,523 वादों का निस्तारण किया जा चुका है। तीन वर्षों में 1475 ग्रामों में पूरी की गयी चकबंदी प्रक्रिया चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्नदाताओं के खेत संबंधी विवादों को पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से निपटाने के लिए चकबंदी कराने के निर्देश दिये थे। उन्होंने इसके निस्तारण के लिए अभियान और ग्राम अदालत लगाने के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में इस वित्तीय वर्ष में आठ माह में 40 जिलों के 82 ग्रामों में चकबंदी करायी जा चुकी है। वहीं 51 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया संभव न होने के कारण अधिनियम की धारा 6 (1) के तहत चकबंदी प्रक्रिया से अलग किया गया। इसी तरह वर्ष 2023-24 में 74 जिलों के 781 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसमें 330 ग्राम 10 वर्षों से अधिक अवधि के थे। वर्ष 2022-23 में 463 ग्रामों एवं 2021-22 में 231 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी, जो पिछले 10 वर्षों की तुलना में एक कीर्तिमान है। कुल मिलाकर वर्ष 2021-2022, 2022-23 तथा 2023-24 में 1475 ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी हुई है। वहीं, 50 वर्ष से अधिक अवधि से लंबित 8 ग्राम, 30 वर्ष से 50 वर्ष तक लंबित 72 ग्राम और 10 वर्ष से 30 वर्ष तक लंबित 296 ग्राम में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसमें आजमगढ़ के ग्राम महुवा और गोमाडीह में क्रमश: 63 वर्ष और 56 वर्ष से लंबित, विचाराधीन चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गयी। इसके अलावा गाजीपुर के ग्राम सवना व बरेजी चकबंदी प्रक्रिया 59 वर्षों एवं ग्राम बेलसड़ी की चकबंदी प्रक्रिया 55 वर्षों से विचाराधीन थी, जिसे पूरी किया गया। कन्नौज के 8 ग्रामों के दोबारा तैयार कराए चकबंदी अभिलेख चकबंदी आयुक्त ने बताया कि लखीमपुर खीरी के ग्राम सुआबोझ, सुल्तानपुर के ग्राम मालापुर जगदीशपुर, जौनपुर के ढेमा गांव में क्रमश: 53, 54 और 52 वर्ष से चकबंदी प्रक्रियाधीन थी, जिसे पूरा किया गया। इसके अलावा सुल्तानपुर के ग्राम अन्दारापुर में 48 वर्षों, बरेली के ग्राम मोहनपुर में 41 वर्ष, बिजनौर के ग्राम छाचरी टीप में 35 वर्षों, बदायूं के ग्राम रहेड़िया में 33 वर्षों, मऊ के ग्राम अल्देमऊ में 31 वर्षों, बुलंदशहर के ग्राम याकूबपुर व मुस्तफाबाद डडुवा में 30 वर्षों से चकबंदी प्रक्रियाधीन थी, जिसे पूरी किया गया। इसके साथ ही कन्नौज में 1990 में अग्निकांड की वजह से 35 ग्रामों के अभिलेख जल गये थे, जिससे 34 वर्षों से चकबंदी प्रक्रिया बाधित हो रही थी। इसमें नये अभिलेखों को तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती थी। ऐसे में चकबंदी आयुक्त ने तत्कालीन अपर निदेशक चकबंदी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। साथ ही समिति की संस्तुति के बाद 35 ग्रामों में से 8 ग्रामों को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में उनके अभिलेख सृजित किये गये। इनमें से दो गांव नन्दलालपुर व करनौली की चकबंदी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इतना ही नहीं पिछले वर्ष चकबंदी प्रक्रिया में शामिल लखीमपुर खीरी के ग्राम रामपुर मकरन्द की चकबंदी प्रक्रिया एक वर्ष और रामपुर के ग्राम चक रफतपुर में मात्र आठ माह में चकबंदी पूरी की गयी। बॉक्स जल्द ही एआई, ब्लॉक चेन, ड्रोन और रोवर से होगी चकबंदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी संबंधी पुराने लंबित वादों को निस्तारित करने के लिए ग्रामों में ग्राम अदालत लगाने के निर्देश दिये थे। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पिछले वर्ष सितंबर से अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 705 ग्राम अदालत का आयोजन किया गया। इसके जरिये 25,523 वादों को निस्तारण किया जा चुका है। इसके अलावा किसानों के हित एवं पारदर्शिता के मद्​देनजर एआई, ब्लॉक चैन, ड्रोन एवं रोवर सर्वेक्षण आधारित चकबंदी संचालित करने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी रूड़की के साथ परीक्षण चल रहा है। इसके साथ ही जीआईएस बेस्ड सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल ऐप विकसित करने की भी कार्रवाई चल रही है। जल्द ही इन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर चकबंदी प्रक्रिया संचालित की जाएगी।

MP News:मंत्री सारंग ने किया शा. नवीन उ. मा. विद्यालय सेमरा का औचक निरीक्षण

सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय के प्रांगण में निर्माण कार्य में अनियमित्ता मिलने पर पीआईयू के कार्यपालन यंत्री से नाराजगी व्यक्त की। मंत्री श्री सारंग भोपाल में भारी वर्षा के कारण सेमरा स्थित शासकीय स्कूल प्रांगण में जलभराव की शिकायत मिलने पर औचक निरीक्षण करने पहुंचे। मंत्री श्री सारंग ने नरेला विधानसभा के सभी शासकीय विद्यालयों के पुराने भवनों के उन्नयन के लिये मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कक्षा में पहुंचकर विद्यार्थियों से संवाद कर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की तथा क्लासरूम में शिक्षकों द्वारा पढ़ाये जा रहे पाठ्यक्रम का भी अवलोकन किया। पीआईयू के निर्माण कार्य में अनियमितता मिलने पर जताई नाराजगी मंत्री श्री सारंग ने सेमरा शासकीय विद्यालय प्रांगण में विगत दिनों अतिवर्षा के कारण जलभराव की स्थिति निर्मित होने पर पूरे भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया कि शाला प्रांगण में पीआईयू डिविजन क्रमांक-1 द्वारा निर्माण कार्य करवाया जा रहा है तथा निर्माण कार्य में अनियमितता के कारण जलभराव की स्थिति निर्मित हो रही है। मंत्री श्री सारंग ने तत्काल कार्यपालन यंत्री को कॉल कर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्माण कार्य को निश्चित समयावधि के भीतर पूरा करने के साथ ही नरेला विधानसभा के सभी शासकीय स्कूलों के पुराने भवनों के उन्नयन के लिये मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिये। नरेला विधानसभा अंतर्गत सभी शासकीय विद्यालयों का होगा उन्नयन  मंत्री श्री सारंग ने बताया कि नरेला विधानसभा अंतर्गत सभी शासकीय विद्यालयों का एक वर्ष के भीतर उन्नयन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग, पीआईयू, नगर निगम द्वारा समन्वय करते हुए मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधोसंरचना का विस्तार करते हुए शासकीय विद्यालयों के भवनों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जायेगी, जिससे शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की सुविधाओं में भी विस्तार होगा। क्लासरूम और लेब का किया अवलोकन, विद्यार्थियों से किया संवाद निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री सारंग ने विद्यालय भवन, क्लासरूम, लेब आदि उपलब्ध सुविधाओं का भी अवलोकन किया। मंत्री श्री सारंग ने विद्यार्थियों से संवाद कर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। इस पर विद्यार्थियों ने मंत्री श्री सारंग के समक्ष संतुष्टि व्यक्त की। मंत्री श्री सारंग क्लासरूम भी पहुंचे। यहां उन्होंने शिक्षकों द्वारा पढ़ाये जा रहे पाठ्यक्रम की जानकारी प्राप्त की।

CG News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भोरमदेव में हजारों कावड़ियों का पुष्प वर्षा कर किया भव्य स्वागत

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रदेश के प्राचीन, पुरातात्विक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर में पवित्र सावन मास के अवसर पर हजारों कावड़ियों का हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस ऐतिहासिक आयोजन में मुख्यमंत्री श्री साय ने हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष के साथ कावड़ियों और श्रद्धालुओं का स्वागत किया और उनका हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने भी कावड़ियों का अभिनंदन किया। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं हेलीकॉप्टर से शिवभक्त कावड़ियों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अद्वितीय मौके पर भोरमदेव बाबा भगवान शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक भी किया, जिसमें उन्होंने प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री साय और उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से मुलाकात की और भंडारा स्थल पर पहुंचकर अपने हाथों से श्रद्धालुओं को खीर, पुड़ी, चावल और प्रसाद वितरित किया। इस दौरान पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुशीला राम कुमार भट्ट, जनपद अध्यक्ष श्री इंद्राणी चंद्रवंशी, पूर्व विधायक श्री अशोक साहू, और नगर पंचायत अध्यक्ष श्री मनहरण कौशिक ने भी बाबा भोरमदेव भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। सावन में शिव भक्तों के लिए ऐतिहासिक आयोजन इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम सभी भक्तजनों को सावन मास की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सावन के तीसरे सोमवार को भगवान भोलेनाथ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है और उन्होंने प्रदेश के सभी लोगों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की है। पवित्र सावन माह में शिव भक्तों के लिए यह ऐतिहासिक आयोजन रहा। कबीरधाम जिले में स्थित बाबा भोरमदेव मंदिर के साथ-साथ, बुढ़ा महादेव और डोंगरिया के जलेश्वर महादेव जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर भी हर साल हजारों कावड़ियों द्वारा जलाभिषेक किया जाता है। इस अवसर पर, अमरकंटक से शिव भक्त पदयात्रा कर छत्तीसगढ़ के विभिन्न शिवालयों में जल चढ़ाते हैं। कावड़ यात्रा की ऐतिहासिक परंपरा बाबा भोरमदेव मंदिर 11वीं शताब्दी का एक प्राचीन, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का स्थल है, जहां हर साल सावन मास में कावड़ियों की पदयात्रा का आयोजन होता है। इस कावड़ यात्रा में मध्यप्रदेश के अमरकंटक से मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर भक्तजन कठिन मार्गों से गुजरते हुए बाबा भोरमदेव, जलेश्वर महादेव और पंचमुखी बूढ़ा महादेव में जलाभिषेक करते हैं। इस दौरान वे “बोल बम” के जयघोष के साथ भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में इस वर्ष की कावड़ यात्रा विशेष रूप से स्मरणीय रही, जिसमें सरकार की ओर से कावड़ियों के स्वागत और सेवा का अभूतपूर्व आयोजन किया गया।

MP News:सावन का महीना भाई-बहनों के प्रेम को प्रगाढ़ करने का पर्व: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ.  मोहन यादव ने कहा है कि भारत त्यौहारों की संस्कृति वाला देश है। यहाँ हर एक त्यौहार मनाने के पीछे कोई न कोई मूल भावना होती है। इन त्यौहारों में परस्पर भाईचारा, प्रेम और रिश्तों को निभाने वाले संस्कार समाहित होते हैं। वर्ष के 12 महीनों में एक मास श्रावण ही ऐसा है जिसका इंतजार सभी को रहता है। इस समय बादलों के घुमड़ने के साथ ही पेड़ों पर झूलों की बहारे नजर आने लगती है। ऐसे में रक्षाबंधन का त्यौहार आता है। आज मैं अपनी लाड़ली बहनों के बीच रक्षाबंधन का उत्सव मनाकर धन्य हो गया हॅू। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रावण के पवित्र सोमवार को बालाघाट के इतवारी गंज जैविक कृषि मंडी में आयोजित लाड़ली बहनों के लिये समर्पित आभार सह उपहार कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि हमारी संस्कृति यह सिखाती है कि जीवन में स्नेह का पहला हक माता-पिता का होता है। इनके बाद यह हक बहनों को मिला है जो अपने भाई से प्रेम करती है। मुझे 1 अगस्त से प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर अपनी बहनों का अपार स्नेह प्राप्त हो रहा है। भारी बारिश के बीच जबलपुर से बालाघाट मार्ग में आते समय जिस उत्सुकता से बहनों ने मेरा इंतजार किया है। वह इसी स्नेह का प्रतीक है। मेरी बहनें रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मना सके इसके लिये 10 अगस्त को लाड़ली बहना योजना के तहत 1250 रुपये और रक्षाबंधन के शगुन/उपहार रूप में पर 250 रुपये की राशि सिंगल क्लिक से बहनों के खाते में अंतरित की जायेगी। रक्षाबंधन पर जब बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर राखी बांधेगी तो उनका यह आशीर्वाद मुझे अपने आप ही मिल जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि हमारी बहनें मिलने वाली राशि का सदुपयोग और प्रबंधन करना बखूबी जानती है। बालाघाट जिले की बहनों को 10 अगस्त को 08 करोड़ 92 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। हमारी सरकार द्वारा जून 2023 से अगस्त 2024 तक हर माह 3 लाख 56 हजार बहनों को 500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना में अब गैस सिलेण्डर 450 रुपये में देने का कार्य भी सरकार कर रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में स्व सहायता समूहों, एमएसएमई के माध्यम से उद्योगो से जोड़ने की दिशा में सरकार ने पहल की है। गेहूं की तरह धान के लिए भी मिलेगी बोनस की राशि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बालाघाट जिले के चिन्नौर चावल को जीआई टैगिंग का दर्जा प्राप्त हुआ है। अब किसानों को गेहूं की तरह ही धान के लिए भी बोनस की राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही पशु पालकों की आर्थिक स्थिति एवं उनकी आमदनी को बेहतर बनाने के लिए बोनस दिया जाएगा। तेंदुपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन देने के लिए उन्हें मिलने वाली प्रति बोरा की राशि भी बढ़ाई जायेगी। पीएम जनमन योजना में विशेष पिछड़ी जनजातियों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए लगभग 7 हजार 300 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान बजट में किया गया है। जनजातीय समुदाय की बैगा बसाहटों में 19 सड़को के निर्माण कार्य भी प्रारंभ किये जाएंगे। साथ ही जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजना का भी लाभ दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रदेश के बालाघाट की धरती को प्रकृति का आशीर्वाद मिला है। यह जिला अपनी खनिज संपदा के लिए देश-विदेश में पहचाना जाता है। अपने गर्भ में मैंगनीज एवं तांबा जैसी बहुमूल्य धातु समाई हुई है। जिले में लगभग 80 प्रतिशत मैंगनीज के भंडार मौजूद है। अगली बार मलाजखंड जाकर यहां तांबा खनन के कार्य को देखूंगा। मुख्यमंत्री करेंगे सिवनी में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वे बालाघाट आने पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे है। उन्होंने बताया है कि सिवनी में शीघ्र ही नये मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज पीपीपी मॉडल के अंतर्गत प्रारंभ किये जायेंगे। इसके अलावा सिवनी से बालाघाट सड़क मार्ग को फोर लेन बनाने के लिए सर्वे कार्य भी कराया जाएगा।   मुख्यमंत्री ने बहनों का मुंह मीठा किया, बहनों ने बांधी राखी श्रावण के पवित्र सोमवार को बालाघाट की बहनों ने मुख्यमंत्री भाई डॉ. यादव की कलाई पर राखी बांधी। राखी बंधवाते हुए भाई मुख्यमंत्री डॉ. यादव पूरी तरह भाव विभोर हुए। उन्होंने बहनों के आगे अपने दोनों हाथ बढ़ाकर राखी बंधवाई और अपने हाथों से उपहार भी प्रदान किये। वहीं उन्होंने बहनों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर मुंह मीठा भी कराया। श्रावण का उत्सवी माहौल इतवारीगंज स्थित जैविक मंडी में आयोजित हुआ। लखपति दीदियों ने भी सीएम भैया को बांधी राखी बालाघाट की लखपति दीदियों ने भी बालाघाट में हुए कार्यक्रम में राखी बांधी तो सीएम भैय्या ने अपने हाथों से मुंह मीठा कराया। जन-प्रतिनिधि बहनों, जैन समाज, लखपति दीदियों का समूह, प्रस्फुटन समिति, सखी समूह और रोटरी क्लब की बहनों के साथ ही बैगा जनजाति की बहनों ने भी अपने हाथों से बनाई राखी बांधी।