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UP: पशुपालन से जुड़ी महिलाओं पर बरसेगी ‘बाबा गोरखनाथ’ की ‘कृपा’

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देश पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की एक खास पहल ने गोरखपुर मंडल में नारी स्वावलंबन का नया दौर शुरू किया है। इस पहल का संवाहक बनी है महिलाओं द्वारा और महिलाओं के लिए ही बनी श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी। इस कंपनी का गठन दूध उत्पादन, संकलन के क्षेत्र में नजीर बनी बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की तर्ज पर किया गया है। दो साल पहले गठित और सालभर से क्रियाशील श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी में मंडल के 400 गांवों की 14000 से अधिक पशुपालक महिलाएं सदस्य (शेयरहोल्डर) बन चुकी हैं। इन महिला सदस्यों के जरिये प्रतिदिन 48000 लीटर दूध का संग्रह कर आत्मनिर्भरता की कहानी रची जा रही है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप बन रही कार्ययोजना से अगले दो साल में महिलाओं की यह मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी प्रतिदिन 300000 लीटर दूध का संग्रह करने में सक्षम हो जाएगी।

यूपी में महिलाओं द्वारा संचालित मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का उत्कृष्ट मॉडल बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी है। 2019 में सिर्फ पांच महिलाओं द्वारा शुरू किए गए इस कंपनी में वर्तमान में 71000 महिलाएं शेयरहोल्डर हैं। बलिनी के जरिये प्रतिदिन 250000 लीटर दूध का संग्रहण होता है। इस कंपनी ने 1225 करोड़ रुपये का टर्नओवर करके 24 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। बलिनी में महिलाओं की सफल भागीदारी देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला समर्थ योजना के अंतर्गत प्रदेश में पांच मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी बनाने के निर्देश दिए थे। इनमें से एक कंपनी श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का गठन 2022 में गोरखपुर में किया गया है। इस कंपनी का कार्यक्षेत्र मंडल के चार जिलों गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर है। इस मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने विगत एक साल से कार्य करना शुरू किया है और इस कम अवधि में ही चारों जिलों में 400 गांवों की 14000 से अधिक महिलाएं शेयरहोल्डर बनकर प्रतिदिन 48000 लीटर दूध का संग्रह कर रही हैं। इस कंपनी ने गोरखपुर के कैम्पियरगंज, खजनी, बड़हलगंज, देवरिया के रुद्रपुर, पथरदेवा, भाटपार और कुशीनगर के कसया में दूध अवशीतन केंद्रों (मिल्क चिलिंग सेंटर्स) भी खोल दिया है जहां गांवों में सदस्य महिलाओं द्वारा संग्रहित दूध को प्रोसेस किया जा रहा है। श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी और इसके सात मिल्क चिलिंग सेंटर्स का औपचारिक लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विगत दिनों गोरखपुर में ग्रामीण आजीविका मिशन के एक खास समारोह में किया था।

श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धनराज साहनी बताते हैं कि अभी कंपनी की शेयरहोल्डर महिलाओं द्वारा संग्रहित दूध की आपूर्ति मदर डेयरी की इटावा और मोतिहारी प्लांट को किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर दूध की आपूर्ति के लिए गोरखपुर के गीडा में स्थापित पेप्सिको की फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेजेज और ज्ञान डेयरी से भी बातचीत चल रही है। दूध संग्रह बढ़ने के साथ यह बातचीत भी फलदायी हो जाने की उम्मीद है। सीईओ के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिक से अधिक पशुपालक महिलाओं को शेयरहोल्डर बनाने और दूध संग्रह बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों की मदद ली जा रही है। पूरी उम्मीद है कि मार्च 2025 तक शेयरहोल्डर की संख्या मंडल के पांच सौ गांवों में कम से कम 20000 तथा प्रतिदिन दूध संग्रह 70000 लीटर हो जाएगी। कंपनी ऐसी कार्ययोजना पर काम कर रही है जिससे अगले दो साल में दूध संग्रह प्रतिदिन 300000 लीटर हो जाए। कंपनी को अपना काम आगे बढ़ाने में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का भी सहयोग मिल रहा है।

आत्मनिर्भर हो रहीं महिलाएं, सालभर में 431 बन गईं लखपति दीदी
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की शेयरहोल्डर बनकर पशुपालक ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ चुकी हैं। दूध उत्पादन और संग्रह के कार्य से जुड़कर वे आय अर्जित कर पारिवारिक आमदनी में इजाफा करने में सक्षम हो रही हैं। इस कंपनी के सीईओ धनराज साहनी बताते हैं कि सालभर में ही कंपनी की 431 शेयरहोल्डर महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। इन सभी ने एक लाख से अधिक का आय अर्जित किया है। दो महिलाएं तो ऐसी भी हैं जिन्होंने सालभर में 12 लाख की आय अर्जित की है।

ऐसे सदस्य बन सकती हैं महिलाएं
जिस गांव में श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का दूध संकलन केंद्र हो या शुरू किया जा रहा है वहां की पशुपालक महिलाएं इस कंपनी की सदस्य (शेयरहोल्डर) बन सकती हैं। एक परिवार से एक ही महिला शेयरहोल्डर होगी। महिला को आवेदन के साथ 50 रुपये प्रवेश शुल्क जमा करना होगा और 100 रुपये प्रति शेयर की दर से कम से कम 5 शेयर लेने होंगे। इसमें से एक शेयर की कीमत आवेदन के साथ जमा करना होगा, बाकी के चार शेयर की कीमत का भुगतान उनके द्वारा दिए गए दूध के बिल की अदायगी से किया जाता है। यदि कोई महिला सदस्यता त्यागती है तो उसके द्वारा कंपनी में लगाई गई शेयर पूंजी उसके बैंक खाते में वापस दे दी जाएगी। हर सदस्य को एक वर्ष में कम से कम 200 दिन और कम से कम 500 लीटर दूध की आपूर्ति करनी होगी।

सीधे बैंक खाते में मिलता है भुगतान
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की शेयरहोल्डर महिलाओं को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में मिलता है। मिल्क चिलिंग सेंटर में दूध जमा करने पर उन्हें एक पर्ची मिलती है। हर दस दिन के बाद पर्ची पर दर्ज दूध और कीमत के विवरण के अनुसार भुगतान किया जाता है। दूध की कीमत बाजार में प्रचलित मूल्य के बराबर होता है। भुगतान के लिए हर माह की 3, 13 और 23 तारीख निर्धारित है। सदस्य महिलाओं को कंपनी के लाभ का अंश भी प्राप्त होगा।

शेयरहोल्डर को मिलेंगी ये भी सुविधाएं
मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की महिला शेयरहोल्डर को कंपनी की तरफ से पशु आहार और खनिज मिश्रण, पशुओं के थनैला रोग जांच, पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान पंजीकरण की भी सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा उन्हें पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर करने और अधिक दूध उत्पादन से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

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लैंड फॉर जॉब केस में लालू प्रसाद को बड़ा झटका

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में सीबीआई की तरफ से दायर केस को रद्द कराने के लिए तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट में य़ाचिका दाखिल कर सीबीआई के लैंड फॉर जॉब केस को रद्द करने की मांग की थी लेकिन उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया है।

“ठग्स ऑफ गोवा” से बड़े पर्दे पर धमाल मचाने आ रहे हैं कानपुर के सूर्यांश त्रिपाठी

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कानपुर में एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में आधुनिक तकनीकों से स्किन, हेयर और फैट की उपचार सेवाएं उपलब्ध

कानपुर: शहरवासियों के लिए खुशखबरी है कि अब स्किन और हेयर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इलाज एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी में उपलब्ध है। डॉ. गौरी मिश्रा ने बताया कि क्लिनिक में मेड इन कोरिया की न्यू रिच मशीन द्वारा बॉडी लेज़र हेयर रिडक्शन किया जाता है, जिससे अनचाहे बालों के साथ-साथ स्किन पर मौजूद दाग-धब्बों और पिग्मेंटेशन से भी छुटकारा पाया जा सकता है। स्किन टोन को निखारने और फ्लॉलेस लुक पाने के लिए यह मशीन अत्यंत प्रभावी साबित हो रही है। साथ ही, बालों की समस्याओं के समाधान के लिए PRP थैरेपी, GFC थैरेपी और हेयर रीग्रोथ थैरेपी जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे हेयर फॉल, हेयर थिनिंग और गंजेपन जैसी समस्याओं में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। यह क्लिनिक अब हेयर और स्किन हेल्थ के लिए एक भरोसेमंद सेंटर बनकर उभरा है। एस्थेटिक केयर कॉस्मेटोलॉजी अब संपूर्ण बॉडी के सौंदर्य और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वन-स्टॉप सेंटर बन गया है। यहां उपलब्ध कायो लेज़र मशीन की मदद से शरीर के किसी भी हिस्से से फैट को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है। यह प्रक्रिया न केवल वजन घटाने में सहायक है, बल्कि बॉडी शेप को भी आकर्षक बनाती है। स्किन, हेयर और बॉडी फैट से जुड़ी सभी आधुनिक थैरेपीज़ अब एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ती। विशेष रूप से शादी या अन्य विशेष अवसरों को ध्यान में रखते हुए, ‘ग्लोइंग स्किन’ के लिए आवश्यक स्किन क्लीनिंग, ब्राइटनिंग और हाइड्रेशन थैरेपीज़ अब स्थानीय स्तर पर सुलभ हैं। डॉ. गौरी मिश्रा के मार्गदर्शन में संचालित यह सेंटर कानपुर में कॉस्मेटोलॉजी और एस्थेटिक उपचार का नया केंद्र बिंदु बनता जा रहा है, जहां हर व्यक्ति को उनकी ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत देखभाल मिल रही है।

आई० ए० पी० कानपुर और पारस हेल्थ ने ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी पर विशेष मेडिकल (सी.एम.ई.) का आयोजन किया

पारस हेल्थ, कानपुर एवं इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट (आई० ए० पी०), कानपुर सेंट्रल शाखा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (CME) प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रॉयल क्लिफ होटल में संपन्न हुआ, जिसमें शहर के प्रमुख सर्जन एवं फिजियोथैरेपिस्ट्स ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में आपसी संवाद को बढ़ावा देना, नवीनतम तकनीकों की जानकारी साझा करना तथा समन्वित रूप से मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना था। कार्यक्रम में सहभागियों को ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरोसर्जरी के अद्यतन पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अलीगढ़ से पधारे डॉ. के. के. वर्मा (सेक्रेटरी, आई० ए० पी० उत्तर प्रदेश) एवं वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक न्यूरोसर्जन डॉ. गोपाल शुक्ल उपस्थित रहे। डॉ. शुक्ल ने अपने सत्र में कमर दर्द से जुड़े विभिन्न जटिल मामलों पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि किस प्रकार फिजियोथैरेपी की मदद से मरीजों को शीघ्र राहत मिल सकती है। इस सफल आयोजन ने फिजियोथैरेपिस्ट एवं चिकित्सकों को एक साझा मंच प्रदान किया, जिससे भविष्य में और बेहतर चिकित्सा सेवा की दिशा में प्रयास संभव होंगे।

BR:पीएम मोदी 29 को बिहार दौरे पर, विकास की सौगात संग चुनावी मंथन

Patna : . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को दो दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली बिहार यात्रा है. इस यात्रा के दौरान वे पटना और विक्रमगंज में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. भाजपा प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में जुटी है. पीएम मोदी सबसे पहले पटना एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे, उसके बाद बिहटा एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. 30 मई को वे विक्रमगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे और लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे.   पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री पटना एयरपोर्ट से बीजेपी कार्यालय तक रोड शो करेंगे. जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे. बीजेपी कार्यालय में पीएम मोदी सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जमीनी स्तर पर संगठन की स्थिति की समीक्षा भी करेंगे. यह बैठक आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही

BR:बिहार में दिव्यांग कोटे में डोमिसाइल नीति लागू

बिहार सरकार ने राज्य की सरकारी नौकरियों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांग आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब दिव्यांग कोटे का लाभ केवल बिहार के मूल निवासियों को ही मिलेगा। इसके तहत डोमिसाइल (स्थानीय निवासी) नीति को लागू कर दिया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है। निर्णय के अनुसार, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मिलने वाला आरक्षण अब केवल बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए ही मान्य होगा। जानकारी के मुताबिक, अधिनियम के तहत दिव्यांगजन को सरकारी नौकरियों में 4% क्षैतिज आरक्षण, उच्च शिक्षा संस्थानों में 5% क्षैतिज आरक्षण दिया जाता है। अब तक इस आरक्षण का लाभ दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मिल रहा था, जिससे बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों को उचित अवसर नहीं मिल पा रहा था। राज्य सरकार ने इसको समाप्त करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने का निर्णय लिया। सरकारी नौकरियों के सामान्य कोटे में पूर्ववत व्यवस्था लागू रहेगी, उसमें डोमिसाइल नीति लागू नहीं की गई है। बता दें है कि 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में 23 लाख से अधिक दिव्यांगजन हैं, जिनमें से लगभग 16 लाख को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।