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MP- जेनेटिक काउंसलिंग में समुदाय का सहयोग लिया जाए : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों में जेनेटिक काउंसलिंग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। जेनेटिक काउंसलिंग कार्य में मध्यस्थों की भूमिका की संभावनाओं पर कार्य करते हुए समुदाय का सहयोग प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया आनुवंशिक रोग है। रोग को खत्म करने के लिए वैवाहिक और गर्भधारण संबंधी सावधानियां के बारे में सामुदायिक जन जागृति की दिशा में प्रभावी पहल जरूरी है। जेनेटिक काउंसलिंग कार्य में समुदाय के नेतृत्व और पंचायत पदाधिकारियों का सहयोग भी लिया जाना चाहिए।

राज्यपाल श्री पटेल राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि रोगी को स्वस्थ बनाने के सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रमाणित औषधियों और चिकित्सा पद्धतियों को स्वीकार किया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश के वनों में प्रचुर मात्रा में वन औषधियों की उपलब्धता है। इन औषधियों के सिकल सेल रोगी को स्वस्थ बनाने के अनुभवों और उपयोग के परीक्षणों के प्रमाणीकरण का कार्य व्यापक स्तर पर तेज गति से किया जाए। लक्ष्य समस्त रोगी और वाहकों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिकल सेल एक जटिल रोग है, जो लगभग 21 प्रकार के रोगों का कारण बन सकता है। जरूरी है कि रोग प्रबंधन के कार्य बहुआयामी और एकीकृत स्वरूप में किए जाएं। समस्त रोगियों की उपचार व्यवस्थाओं के साथ ही वाहकों को भी आवश्यक स्वास्थ्य संबंधी सहयोग प्रदान किया जाए। स्वस्थ जीवन शैली के लिए मार्गदर्शन दिया जाए। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि रोग नियंत्रण प्रयासों को व्यक्ति केंद्रित किया जाए। हर स्तर पर औषधियों की पर्याप्त उपलब्धता हो। समस्त रोगियों और वाहकों को उपचार,औषधि और जेनेटिक काउंसलिंग की सेवाएं उपलब्ध हो। उन्होंने छात्रावासों के भोजन में लौह तत्व की उपलब्धता वाले खाद्य पदार्थों को जोड़ने की जरूरत बताई है। गर्भवती महिलाओं की सिकल सेल जांच, जेनेटिक परामर्श और नवजात शिशुओं के वैक्सीनेशन के प्लेटफार्म के रूप में आंगनवाड़ियों को शामिल करने के लिए कहा है।

बैठक में जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री के.सी. गुप्ता, प्रमुख सचिव आयुष श्री डी.पी. आहूजा, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री संदीप यादव एवं अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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BR:नीतीश कैबिनेट की अहम बैठक खत्म, कुल 69 एजेंडों पर लगी सरकार की मुहर

मुख्यमंत्री सचिवालय के कैबिनेट हॉल में चल रही नीतीश कैबिनेट की अहम बैठक संपन्न हो गई है। कैबिनेट की बैठक में तमाम विभागों के मंत्री मौजूद रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 69 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है। दरअसल, नीतीश कैबिनेट ने विभिन्न विभागों से जुड़े 69 प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है। सरकार ने गया जिला का नाम बदल दिया है। गया अब गया जी के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही बिहार सरकार ऑपरेशन सिंदूर में हुए शहीद के आश्रितों को 50 लाख रुपए सम्मान राशि के तौर पर देगी। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छपरा जाकर शहीद मो. इम्तियाज के परिजनों को 50 लाख रुपए की राशि सौंपी थी। नीतीश सरकार ने जीविका बैंक के गठन को मंजूरी दे दी है, जो कॉपरेटिव बैंक होगा। इसके जरिए सरकार जीविका दीदी को लोन उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही सरकार ने सरकार ने 45 नए आँगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया है। बिहार सरकार बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम स्व. सुशील कुमार मोदी के जन्म दिवस 5 जनवरी को अब राजकीय समारोह के तौर पर मनाएगी।                                                        

BR:बिहार कैबिनेट ने बड़े पैमाने पर नई नौकरी की दी स्वीकृति, पांच डॉक्टर हुए बर्खास्त, कई अन्य फैसले लिए गए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. आज की बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी है. सहकारिता विभाग में 498 पदों के अतिरिक्त विभिन्न कोटि के 333 (तीन सौ तैतीस) पदों का सृजन किया गया है. इसके फलस्वरुप नवसृजित कार्यालयों सहित सभी विभागीय कार्यालयों में लिपिकीय पदों की आवश्यकता अनुरुप उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी. 48 नवसृजित कार्यालयों का संचालन प्रारम्भ कराया जा सकेगा। नवसृजित मुख्य जाँच आयुक्त निदेशालय के सुदृढीकरण एवं पुनर्गठन के लिए कुल 125 नये पदों का सृजन किया जायेगा। कैंसर चिन्हित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि के बाद मरीजों को समयबद्ध चिकित्सा एवं समुचित प्रबंधन उपलब्ध कराने के लिए एक पृथक एवं समर्पित शीर्ष संस्था बिहार कैंसर केयर एण्ड रिसर्च सोसाईटी के गठन का निर्णय लिया गया है। डा० रविश कुमार सिंह, चिकित्सा पदाधिकारी, कुष्ठ रोग निवारण कार्यालय, मुंगेर को लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया है।  डा0 जीतेन्द्र कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, (शिशु रोग) सदर अस्पताल, लखीसराय को लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया है। डा० अनुप जॉन सोरेन, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, अलौली, खगड़िया को लगातार निर्णय अनधिकृत लिया रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में बर्खास्त किया गया है. डा० सोनी कुमारी गुप्ता, विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी (स्त्री रोग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, चानन, लखीसराय को लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया है। डा० विमलेश कुमार, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, कपसी, चेवाड़ा, शेखपुरा को लगातार करने अनधिकृत का रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया है। नगर परिषद, गोपालगंज में जल निकासी के लिए कुल ₹6170.77499 लाख (एकसठ करोड़ सत्तर लाख सतहत्तर हजार चार सौ निन्यानवे रू0) की लागत पर गोपालगंज स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है. कार्यकारी एजेंसी के रूप में बुडको को नामित किया गया है.

UK:कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक

देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बुधवार को देहरादून स्थित अपने कार्यालय में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने मसूरी विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली। बैठक में मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्र में चल रहे सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से उन कार्यों को प्राथमिकता देने को कहा जो अभी लंबित हैं। कैबिनेट मंत्री ने गढ़ी डाकरा, सेरकी, सहस्त्रधारा और शेरागांव जैसे क्षेत्रों में जल निकासी, सुरक्षा दीवारों और आरसीसी पाइप सहित बाढ़ सुरक्षा से संबंधित निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। मंत्री ने यह भी कहा कि जो प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं, उनकी शीघ्र स्वीकृति के लिए लगातार फालोअप किया जाए ताकि निर्माण कार्य बिना किसी बाधा के समयबद्ध रूप से संपन्न हो सके।

UK:आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान

देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान सचिव आईटीडीए ने प्रदेशभर में संचालित प्रोजेक्ट्स एवं कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। मुख्य सचिव ने आईटीडीए को मजबूत किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, सिस्टम अपग्रेड करते समय अगले 5-7 सालों की आवश्यकता के अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि आईटीडीए द्वारा हाईब्रिड मॉडल (एसडीसी और क्लाउड) अपनाने के साथ ही लगातार अपनी क्षमता को बढ़ाया जाए। आईटीडीए को मजबूत करने के साथ ही विभागों द्वारा अपनी वेबसाईट्स एवं ऐप्लीकेशंस को विकसित करने का कार्य आईटीडीए के माध्यम से कराए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विभागों को क्लाउड सेवा भी आईटीडीए के माध्यम से उपलब्ध करायी जाए। मुख्य सचिव ने ऐसे विभागों, जिन्हें अपने दैनिक कार्यों के लिए अत्यधिक डाटा संग्रहण करना होता है, द्वारा अपनी अपेक्षित स्टोरेज की आवश्यकता के संबंध में आईटीडीए को अवगत कराया जाए। ताकि आईटीडीए अपेक्षित स्टोरेज क्षमता को परिकलित कर सके। उन्होंने आईटीडीए को अपनी इंस्टीट्यूशनल मैमोरी भी बढ़ाए जाने की बात कही। कहा कि इंस्टीट्यूशनल मैमोरी के होने से किसी विशेषज्ञ के जाने के बाद सिस्टम बंद नहीं होगा। निदेशक नितिका खण्डेलवाल ने बताया कि आईटीडीए द्वारा एसडीसी को वर्ष 2018 में स्थापित किया गया है। एसडीसी 2.0 शीघ्र ही तैयार हो जाएगा जिससे आईटीडीए की डाटा संग्रहण क्षमता बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपद और ब्लॉक मुख्यालय स्वान नेटवर्क से 100 प्रतिशत परिपूर्ण हैं। साथ ही, 2036 ऑफिस स्वान नेटवर्क से जुडे़ हैं। साईबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में सिस्टम को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। आईटीडीए द्वारा इन-हाउस सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट का कार्य भी बेहतर तरीके से चल रहा है। आईटीडीए द्वारा यूसीसी, पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड, चारधाम डैशबोर्ड, सीएम हेल्पलाईन, ई-ऑफिस एवं अपुणी सरकार पोर्टल को तैयार एवं संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, बृजेश कुमार संत एवं अपर सचिव श्रीमती रीना जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

UK:एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार

देहरादून।  उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चलाए जा रहे सख्त अभियान के अंतर्गत एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने देहरादून स्थित पटेलनगर थाना क्षेत्र के आईएसबीटी चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक देवेन्द्र खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि एक भूमि विवाद की जांच चौकी प्रभारी के पास लंबित है, जिसमें उन्होंने गैंगस्टर एक्ट लगाने की धमकी देकर पाँच लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। सतर्कता अधिष्ठान ने गुप्त जांच के बाद तत्परता से जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार किया। पिछले तीन सालों में अब तक 150 से ज्यादा आरोपियों को धामी सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में जेल भेज चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के संकल्प पर दृढ़ है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी जनता का शोषण करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जनता को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है।

UK:चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई

देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से इस बार चुनावी खर्च पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और जिलावार पर्यवेक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं ताकि प्रत्येक प्रत्याशी के खर्च का सटीक हिसाब रखा जा सके। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खर्च की सख्त निगरानी का निर्णय लिया है। आयोग के अनुसार, इस बार जिलावार पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे जो प्रत्येक प्रत्याशी के व्यय का मिलान करेंगे और उसका विस्तृत ब्योरा एकत्र करेंगे। निकाय चुनाव की तर्ज पर जिन प्रत्याशियों ने खर्च का विवरण नहीं दिया, उनके खिलाफ पहले से कार्रवाई जारी है। अब पंचायत चुनाव में भी उसी तरह की सख्ती बरती जाएगी। आयोग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस बार केवल पर्यवेक्षक ही नहीं, बल्कि जिलास्तर पर भी व्यय की रिपोर्टिंग पर नजर रखी जाएगी। सभी प्रत्याशियों से अपेक्षा की गई है कि वे तय सीमा के भीतर ही खर्च करें। खास बात यह है कि इस बार विभिन्न पदों के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा में वृद्धि की गई है। इस बार चुनाव खर्च सीमा में ये हुए हैं बदलाव पद पहले की सीमा संशोधित सीमा सदस्य, ग्राम पंचायत ₹10,000 ₹10,000 उप प्रधान ₹15,000 ₹15,000 प्रधान ₹50,000 ₹75,000 सदस्य, क्षेत्र पंचायत ₹50,000 ₹75,000 सदस्य, जिला पंचायत ₹1,40,000 ₹2,00,000 कनिष्ठ उप प्रमुख ₹50,000 ₹75,000 ज्येष्ठ उप प्रमुख ₹60,000 ₹1,00,000 प्रमुख, क्षेत्र पंचायत ₹1,40,000 ₹2,00,000 उपाध्यक्ष, जिला पंचायत ₹2,50,000 ₹3,00,000 अध्यक्ष, जिला पंचायत ₹3,50,000 ₹4,00,000